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रवोयशन 2020
चतन भगत न पाच बटस लग नॉवल लख ह -फाइव पॉइट समवन (2004) वन नाइट द कॉल सटर (2005) द ी मटस ऑफ माय लाइफ (2008) 2 टट स द टोरी ऑफमाय म रज (2009) और रवॉयशन 2020 (2011 )
चतन क कताब अपनी रलीज़ क बाद स ही बटसलस क सची म बनी ई ह उनपर फम भी बनाई गई ह द ययॉक टाइस न उह lsquoभारत क इ तहास म सबस यादाबकन वाला अज़ी नॉव लटrsquo बताया ह टाइम प का न उह lsquo नया क सौ सवा धकभावशाली लोगrsquo क फह रत म शा मल कया ह और अम रका क फाट कपनी न उहlsquo नया क शीष सौ रचनामक लोगrsquo म स एक माना ह
चतन भारत क शीष अज़ी और हद अखबार म लखत ह और उनका फोकसयवा और दश क वकास सबधी समया पर रहता ह व मो टवशनल ीकर भी ह
चतन न वष 2009 म अपन इटरनशनल इवटमट ब कग क रयर को अल वदा कहदया ता क अपना परा समय लखन और दश म बदलाव लान क को शश क लए दसक व मबई म अपनी पनी अनषा जो उनक आईआईएम-ए क एस-लासमट हऔर दो जड़वा बट याम और ईशान क साथ रहत ह
चतन क बार म और जानन क लए wwwchetanbhagatcomदख या उहinfochetanbhagatcomपर ईमल कर
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Text copyright copy 2016 by Chetan Bhagat
All rights reserved No part of this book may be reproduced or stored in aretrieval system or transmitted in any form or by any means electronicmechanical photocopying recording or otherwise without expresswritten permission of the publisher
Published by Amazon Publishing Seattle
wwwapubcom
Amazon the Amazon logo and Amazon Publishing are trademarks ofAmazoncom Inc or its affiliates
eISBN 9781503945982
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मा क लए
वाराणसी क लए
प व गगा क लए
मर दश क टडटस क लए
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इनका श या
मर पाठक का उनक यार और सहयोग क लए
भगवान का जो हमशा मर साथ ह
शाइनी एटनी का जो मरी कताब क पहली पाठक और सपादक ह
अनभा बग का इस कताब क लखन म हर कदम पर उनक सझाव क लए नतनब नहा रका ख ा मशल पररा तीक धवन ज तन धवन और अनराग आनद कापाड ल प पर बहतरीन टप णय क लए
सौरभ गटा और कशोर शमा का रसच म मदद क लए
वाराणसी क अद भत अद भत लोग का
याा और बातचीत क दौरान मझ मल उन सभी लोग का जहन अपन दश कोअ धक बहतर ढग स समझन म मरी मदद क
मा रखा पनी अनषा भाई कतन का मरी जदगी का हसा बनन क लए मर बटइशान और याम का जो मायसी क लह म मझस कहत ह lsquoइट स ओक डडीrsquo
ट वटर और फसबक पर मरी एसटडड फ मली का
पा एड कपनी का मरी कताब छापन क लए
उन फमकार का जहन मरी कहा नय को फम बनान क लए चना
और एक बार फर आपका मर य पाठक का एक रवोयशन क जरत महससकरन क लए
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तावना
lsquoऔर म उमीद करता क न कवल आप ब क हमारा परा दश उस चनगारी को जलाएरखगा यह कहना सचमच बड़ा कल लगता ह क म उस दश म रहता जहा एक अरबचनगा रया सलगती ह श याrsquo मन वाराणसी क तलक हॉल म अपनी मो टवशनल
ीच खम करत ए कहा
ता लया और सी टया इस बात का इशारा कर रह थ क अब मझ यहा स चल जानाचा हए सयो रट वाल टयस न एक ह यमन ब रकड बनाया और म जद ही बड़ीआसानी क साथ हॉल स बाहर नकल आया
lsquoथक य सो मच सरrsquo मर ठ क पीछ कसी क आवाज सनाई द
मन पलटकर दखा पीछ मर मजबान खड़ थrsquo मटर माrsquo मन कहाrsquo म आप हीको खोज रहा थाrsquo
lsquoलीज मझ गोपाल कहकर बलाइएrsquo उहन कहाrsquo कार उस तरफ हrsquoम गगाटक कॉलज क नौजवान डायरटर गोपाल मा क साथ बाहर चला आया
उनक लक मसडीज हम भीड़ भर व ापथ रोड स फौरन र ल गई
lsquoतो आपन म दर और घाट दखrsquo गोपाल न पछाrsquo वस भी वाराणसी म म दर औरघाट क सवा और या हrsquo
lsquoहा म सबह पाच बज व नाथ म दर और दशा मध घाट गया था मझ इस शहर सयार हrsquo मन कहा
lsquoओह बत अ ा आपको वाराणसी क कौन-सी बात सबस अ लगीrsquolsquoआरतीrsquo मन कहा
lsquoयाrsquo गोपाल हरान लग रहा था
lsquoघाट पर होन वाली सबह क आरती मन यह नजारा पहली बार दखा सबह-सबहइतन सार द य नद म तरत चल जा रह थ कमाल का दय थाrsquo
गोपाल न नाक-भ सकोड़ी
lsquoया आrsquo मन कहाrsquo या तह वाराणसी क आरती सदर नह लगतीrsquolsquoहा हा ह तो ऐसी बात नह हrsquo उसन कहा ल कन उसन अपनी बात को आग नह
बढ़ाया
lsquoतम मझ रमाडा होटल छोड़ दोगrsquo मन कहा
lsquoकल सबह आपक लाइट हrsquo गोपाल न कहा rsquoअगर आप आज हमार यहा डनरपर आए तो कसा रहrsquo
lsquoऔपचा रकताए मत क जएrsquo मन अपनी बात श क
lsquoआपको घर आना ही होगा हम साथ म क करग मर पास नया क सबसबहतरीन हक हrsquo उसन कहा
मन अपना सर हलाया और मकरा दया rsquoथस गोपाल ल कन म यादा नहपीताrsquo
lsquoचतन सर एक क म भी लोग को कह सकगा क मनrsquo दrsquo चतन भगत क साथक क हrsquo
म हस पड़ाrsquo इसम डग हाकन जसा कछ नह ह फर भी य द तम ऐसा कहनाचाहो तो कह सकत हो इसक लए वातव म मर साथ क करन क जरत नह हrsquo
lsquoऐस नह सर म सचमच म आपक साथ क करना चाहता rsquo मन उसक बसआख को दखा पछल छह महीन म वह मझ बीस बार आम त कर चका था औरआ खरकार मझ आन क लए सहम त दनी ही पड़ी थी मझ पता था क वह जद पकड़सकता था
lsquoओक एक कrsquo मन यह उमीद करत ए कहा क शायद बाद म मझ इसक लएपछतावा न करना पड़
lsquoएसीलटrsquo गोपाल न कहा
गगाटक पचन क लए हम शहर स बाहर दस कलोमीटर र लखनऊ हाईव पराइव करक पच क स क गट स खलत ही गाडस न सयट ठका कार रग क एकबगल क पास जाकर ठहर गई बगल क एसट रयर पर टोन वक कया गया था जसककारण वह कॉलज और होटल क ब स जसा ही दख रहा था
हम ाउड लोर पर ल वग म म बठ गए ल वग म का दरवाजा बड मटन कोटक आकार क एक लॉन क ओर खलता थाrsquo
नाइस हाउसrsquo मन भर रग क एक मखमली सोफ पर बठत ए कहा मन गौर कयाक ल वग म क छत क ऊचाई कछ यादा ही थी
lsquoथस मन घर को खद ही डजाइन कया ह घर तो काटरटर न बनाया ल कन मनहर चीज को सपरवाइज कया हrsquo गोपाल न कहा वह कमर क सर कोन पर बन बार
काउटर क ओर बढ़ चलाrsquo यह एक इजी नय रग कॉलज डायरटर का बगला ह आपऔर आपक दोत न ऐस ही एक बगल पर धावा बोल दया था नाrsquo
lsquoतह कस पताrsquo मन कहा
lsquoसभी जानत ह हमन कताब पड़ी ह फम दखी हrsquoहम हस पड़ उसन मझ अ -खासी माा म हक स भरा एक टल लास
थमा दया
lsquoथक यrsquolsquo सगल माट बारह साल परानीrsquo उसन कहा
lsquoडायरटर का बगला तो ह ल कन तहारी कोई बट नह हrsquo मन कहा rsquoतहारी तोअभी शाद भी नह ई ह मन इतना नौजवान डायरटर इसस पहल क भी नह दखाrsquo
वह मकरा दया
lsquoतहारी उ या हrsquo म उसक था
lsquoछबीसlsquo गोपाल न कहा उसक आवाज म गव क हक -सी झलक थी rsquoल कनआपन न कवल इसस आइ धक नौजवान डायरटर ब क इसस अ धक अनएजकटडडायरटर भी नह दखा होगाrsquo
lsquoअनएजकटडrsquoम कभी कॉलज नह गयाrsquolsquoया rsquo मन अपन लास म मौजद आइस कसर क साथ खलत ए कहा म सोच रहा
था क कह मझ पर शराब का असर तो नह हो रहा ह
lsquoवल मन पाचार डी नामक मजाक जर कया हrsquolsquoवॉवrsquo मन कहाrsquo ल कन इतना बड़ा कॉलज खोलना कोई मजाक नह हrsquolsquoआज इस कॉलज क सभी बचस म सोलह सौ टडट स ह चतन-जी सभी एक
लाख पया सालाना फ स पर रह ह हमारा टनओवर ऑलरडी सोलह करोड़ का हो गयाह और आज आपन एमबीए को चग का शभारभ कया ह वह एक और नया बजनसहrsquo
मन एक घट भरा मद हक न मर गल म मानो आग लगा द rsquoआपक पास बयरह या वाइनrsquo मन खासत ए कहा
गोपाल का चहरा उतर गया मन न कवल उसक बजनस क असरदार आकड़ कोनजरअदाज कर दया था ब क उसक हक को भी नकार दया था
lsquoअ नह लगीrsquo गोपाल न पछा rsquoयह लन फ डच ह चार हजार क एक बॉटलल लबल खोल वह दस हजार क एक बॉटल हrsquo
lsquoसवाल क मत का नह हlsquo म उस कहना चाहता था ल कन कहा नहrsquo म हकनह पीता यह मर लए कछ यादा ही ाग हrsquo मन उसक बजाय यह कह दया
गोपाल हस पड़ाrsquo जदगी का मजा ली जए फाइन हक लना श कर द जएआपका टट डवलप होगाrsquo
मन एक और घट भरन क को शश क और मह बना दया वह मकराया और मरीक को हका करन क लए उसम और पानी उड़ल दया इसस कॉच तो बरबाद हो गईल कन मर होशोहवास कायम रह
lsquo जदगी मजा लन क लए ह मरी तरफ द खए म इस साल चार करोड़ पएकमाऊगा य द म जदगी का मजा न ल तो फर कोई तक ही या होगीrsquo
नया क अनक हस म अपनी आमदनी का बखान करना अ ा नह माना जाताल कन भारत म हम अपनी आमदनी क आकड़ इस तरह सभी स शयर करत ह मानो वहहमारी रा श हो खासतौर पर तब जब हमारी आमदनी अ -खासी हो
ऐसा लग रहा था मानो उसन वह सवाल मझस यादा अपन आपस पछा था उसकगहरी आख मझ बधती रह व मझस यह माग कर रही थ क म उसक बात को तव ो ल कन उसक शरीर क बाक चीज -गआ रग पाच फ ट सात इच का दर मयानी कदएक तरफ काढ़ गए बाल -सामाय ही थ
lsquoहा यक नन हम जदगी का मजा लना चा हएrsquo मन कहा ल कन उसन मरी बातकाट द
lsquoअगल साल म पाच करोड़ कमाऊगाrsquoम समझ गया क अगर मन इस आकड़ पर भी हरत नह जताई तो वह इसी तरह
अपनी आमदनी म बढ़ोतरी का पवानमान लगाता चला जाएगा
lsquoपाच करोड़rsquo मन झठमठ म ही तज आवाज म कहा
गोपाल न खीस नपोर द शायद वह अपन लए ऐसी कोई ट -शट चनता rsquo बबी ईटदस य क मन इस बनाया हrsquo
lsquoयह तो कमाल क बातrsquo ह म धीम-स फसफसाया म सोच रहा था क आ खर इसवज़य को कस बदला जाए मरा यान ऊपर जाती सी ढ़य पर गयाrsquo ऊपर या हrsquo मनपछा
lsquoबडम और एक टरस आइए म दखाता rsquo
हम ऊपर चढ़ और एक कमर स होकर गजर जसम एक आलीशान कग साइज बडथा
मन टरस स सामन का शानदार नजारा दखा
lsquoयहा बजर जमीन आ करती थी यह मर दादाजी क खती-बाड़ी क परानी जमीनहrsquo गोपाल न कहा
lsquoदस एकड़rsquo मन अनमान लगात ए कहा
lsquoपह हमार पास पह एकड़ जमीन और थीrsquo गोपाल न कहाrsquo ल कन हमनकयान क लए उस बच दयाrsquo
उसन रोशनी म नहाए क स क पव द वार क ओर रोशनी क एक छोट -सी कतारक ओर इशारा कयाrsquo वहा द खए वहा एक मॉल बन रहा हrsquo
lsquoआजकल तो भारत क हर शहर म मॉल बनाए जा रह हrsquo मन कहाrsquoइ डया शाइ नग चतन-जीrsquo उसन कहा और मर गलास स अपना अपना गलास
टकरा दया
गोपाल मझस चौगनी अ धक ग त स पी रहा था मन अपना पहला गलास भी खमनह कया था जब क वह अपन लए पाचवा जाम बना रहा थाrsquo य बग- सट टाइसपीत भी कवल टाइल क लए हrsquo जब मन अपना गलास फर स भरन स इनकार करदया तो उसन मझ छड़त ए कहा
lsquoम वातव म यादा नह पीताrsquo मन कहा मन घड़ी दखी रात क दस बज चक थ
lsquoआप डनर कब लत हrsquo उसन पछा
lsquo फलहाल तो यह आप पर नभर करता हrsquo मन कहा हाला क म मन ही मन चाह रहाथा क वह फौरन खान क लए तयार हो जाएrsquo
आ खर खान क जद भी या ह दो आदमी एक एजकटड सरा अनएजकटडएक-सर क साथ अ ा व बता रह हrsquo गोपाल न कहा और हवा म अपना जामलहराया
मन सौजयवश सर हला दया भख क मार मर पट म मरोड़ उठ रही थ हम फरस ल वग म म बठन क लए नीच चल आए
lsquoया आप वाकई ोफसर क बट क घर गए थrsquo गोपाल न पछा
म मकरा दयाrsquo यार म हम बवकफ भरी हरकत कर बठत हrsquo
गोपाल जोर स हसा उसन अपनी परी क गटक ली और फर अपना छठा पगबनान क लए आधी खाली हो चक बॉटल उठाईrsquo
यार बवकफ भरी हरकत को तो खर रहन ही द ल कन यार हमारी ऐसी-तसी करदता हrsquo गोपाल न कहा
lsquoयह तो परी तरह सही नह हrsquo मन कहाrsquo या यही कारण ह क अभी तक कोईमसज डायरटर नह हrsquo
गोपाल का हाथ कापा ल कन उसन क बनाना जारी रखा मन सोचा क या मझउस यादा पीन स रोकना चा हए
lsquo मसज डायरटर rsquo गोपाल बनावट हसी हस दया उसन हक क बोतल कोकसकर पकड़ लया
lsquoईजी गोपाल तम बत तजी स पी रह हो यह खतरनाक हrsquoगोपाल न बोतल कॉफ टबल पर पटक द rsquo खतरनाक कस ह भला मर पीछ मर लए
रोन वाला कौन ह य द म जी रहा तो म मौज-मती करना चाहता ल कन य द म मरगया तो कस परवाह हrsquorsquo
तहार परट सrsquoगोपाल न सर हलाया
lsquoदोतrsquolsquoकामयाब लोग क कोई दोत नह होतrsquo गोपाल न दाव क साथ कहाrsquo सच ह नाrsquoउसका आलीशान घर सद और तहा लगन लगा मन हक क बोतल उठाई और
उस फर बार म रख दया
lsquo नराशावाद होrsquo मन कहाrsquo मझ हरानी हो रही ह य क तहारा क रयर इतनीअ त म हrsquo
lsquoया अ त म ह चतन-जीrsquo गोपाल न कहा वह अब तक परी तरह नश मचर हो चका था और ऐसा माना जाए क अब वह परी तरह स ईमानदार था
उसन एक क बाद एक तजी स अपनी वशालकाय ट वी ट रयो सटम और हमारपर क नीच बछ सक कापट क ओर इशारा कयाrsquo
इस सबका भला या मतलब ह मरी जदगी म इन सबक लए कोई जगह नहhelliprsquoहमारी बातचीत अब गभीर हो गई थी मन उसका उसाह बढ़ान क लए उसक पीठ
थपथपाईrsquo तो तमन कताब म मरी गल ड क बार म पड़ा ह हाऊ अबाउट य तहारी
कभी कोई गल ड थीrsquoगोपाल न कोई जवाब नह दया ल कन वह बत हताश नजर आ रहा था उसन
कॉफ टबल पर अपना गलास रख दया
यह एक नाजक मसला था ल कन यह तो मझ बत दरी स समझ आया
उस उबकाई आन लगी
lsquoआर य ओकrsquo मन कहा
वह भागकर रटम म पचा मन सना क उस उ टया हो रही ह समय काटन कलए म ड ल क आलमा रया दखन लगा वहा गगाटक क बार म छपी खबर म क ईथ ॉ फया थ कॉलज म व जट करन वाल महमान क साथ गोपाल क तवीर थ मनसोचा क या जद ही वहा मरी तवीर भी होगी
जब वह बीस मनट बाद भी नह लौटा तो मन मड को बलाया वह मझ बाथम तकल गई मन दरवाज पर दतक द कोई जवाब नह आया म दरवाज को जोर सखटखटान लगा ल कन इसका भी कोई फायदा नह आ
lsquoलगता ह हम दरवाजा तोड़ना पड़गाrsquo मड न कहा
म सोचन लगा क म जो एक कॉलज क ओ रएटशन ोाम म चीफ गट बनकरआया था आ खर कस वाराणसी म टॉयलट स क दरवाज तोड़कर उनम घसन क लान मइनवाच होन वाला
अ ताल क बतर पर चादर क सरसराहट स मरी झपक टट बतर क सरहान रखीघड़ी रात तीन बज का व बता रही थी म वाराणसी क लका ए रया म ह रटज हॉ टलम गोपाल को ल आया था
अब गोपाल जाग गया था और अपनी कनप टया सहला रहा था
उसक हगओवर न मझ अपन कॉलज क दन क याद दला द बहरहाल यहाडायरटर न कवल अकोहल क साथ ही मौज-मती क थी कसी टडट क साथ नह
lsquoआप परी रात यहा थrsquo वह हरान नजर आ रहा था
lsquoऐसा कस हो सकता था क म अपन मजबान को मरन दता मन कहा
lsquoआई एम सॉरी कछ यादा ही हो गई थीrsquo गोपाल न खीस नपोरत ए कहा
lsquoआर य ऑलराइटrsquo
lsquoहा म ठ क rsquolsquoनह म कवल अभी क बात नह कर रहा या तम परी तरह स ठ क होrsquoउसन अपना सर घमा लया और सरी तरफ दखन लगा
lsquoहाऊ इज लाइफ गोपालrsquo मन आ हत -स पछा
उसन कोई जवाब नह दया
म एक मनट बाद उठ खड़ा आrsquo अब म चलता लाइट स पहल मझ कछ दर सोलना चा हएrsquo म दरवाज क ओर बढ़ा
lsquoया आपको लगता ह क म एक अ ा इसान चतन-जी उसन कहा
म पीछ मड़ा
lsquoया म एक अ ा इसान rsquo उसन फर पछा
मन कध उचका दएrsquo म तह अभी नह जानता गोपाल तमन टॉक अ -सऑगनाइज कराई मझ अ -स ट कया तम ठ क ही जान पड़त होrsquo मन कहा
lsquoया वाकई आपको ऐसा लगता हrsquolsquoतमन बत कछ हा सल कया ह टक इट ईजी महगी हक भी नकसानदह
सा बत हो सकती हrsquoवह मकरा दया और आ हत-स सर हलायाrsquo अब म कम पीऊगाrsquo उसन कहाrsquo
और कछrsquolsquoतम नौजवान हो यार पर अभी स भरोसा करना मत छोड़ोrsquo मन अपनी घड़ी दखत
ए कहा rsquoअब मझ चलना चा हए लगभग सबह क आरती का समय हो गया हrsquolsquoयह उसका नाम हrsquo उसन कहा
lsquoम यादा समय तक नह कना चाहता था ल कन यह सनकर मर पर थम गएrsquoकौन-सा नाम कसका नामrsquo मन पछा जब क म अ तरह जानता था क इसस मराकोई सरोकार नह ह और मझ जद ही यहा स चल जाना ह
lsquoआरतीrsquo उसन कहा
lsquoआरती कौन कोई लड़क जस तम पसद करत थrsquo मन अनमान लगात ए कहा
lsquoपसद करना सही शद नह ह चतन-जीrsquolsquoतम उसस यार करत थrsquo म मकरा दया
lsquoवाराणसी क सभी साध और पजा रय क कपना क जए और उनक तमामपजा-भ को एक साथ रख द जए म उसस इतना ही यार करता थाrsquo
म इस तलना को समझ गया जासा न मरी नद उड़ा द थी मन उसस एक और पछ लया rsquo या वह भी तमस यार करती थीrsquo
वह कछ दर तक सोचता रहाrsquo वह न कवल मझ यार करती थी ब क मझ परउसका परा अ धकार भी थाrsquo
मन एक पर स सर पर अपना वजन शट कया मर सामन एक लबा दन था औररात को न सोना बत अ ा वचार नह कहा जा सकता था ल कन मन उसस पछ हीलयाrsquo फर तहार और आरती क बीच या आrsquo
गोपाल मकरा दयाrsquo यह कोई इटर नह ह चतन-जी या तो आप बठकर इसट पड आदमी क परी कहानी स नए या चल जाइए अब यह आप पर हrsquo उसक कालीआख मरी आख स मल इस यवा डायरटर म कछ ऐसा था जसम मरी दलच ीजाग रही थी उसक हरान कर दन वाली उपल या उसका अ त आम वशवास उसकखभरी आवाज या शायद ऐसा इस व च प व शहर क कारण आ था क म उसकबार म और जानना चाहता था
मन गहरी आह भरी उसन अपन पास रखी एक कस क ओर इशारा कया
lsquoओक मझ अपनी कहानी सनाओrsquo मन कहा और बठ गया
lsquoआपको एक और क चा हएrsquo गोपाल न कहा
मन उस आख तररकर दखा वह हस पड़ाrsquo मरा मतलब चाय स थाrsquo उसन कहा
हमन एक पॉट एा हॉट मसाला ट और लकोज ब कट ऑडर कया कसी भीबातचीत क लए इसस बहतर और कछ नह हो सकता
lsquoम कहा स शआत कrsquo गोपाल न कहा
lsquoआरती स शआत करो वह लड़क जसक वजह स आज तम इस हाल म होrsquolsquoआरती जस दन म पहली बार उसस मला था उसी दन उसन मझ म कल म
डाल दया थाrsquo गोपाल न कहा
मन अपनी चाय म एक ब कट डबोया और सनन लगा
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वषय-सची
1
2
सात साल बाद
3
4
5
कोटा
6
7
8
9
10
11
वाराणसी
12
13
14
15
16
17
वाराणसी तीन और साल बाद
18
19
20
21
22
23
24
25
26
27
28
29
30
31
32
33
34
35
36
37
38
39
40
41
42
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1
lsquoलजी परट स आज फर ड एड बटरrsquo म सरी कतार म एक नील ला टक ट फन कोबद करत ए बड़बड़ाया राघव और म सरी डक पर चल आए
lsquoछोड़ो भी गोपाल लास कसी भी समय फर स लग सकती हrsquo राघव न कहा
lsquoशrsquolsquoम परी-आल लाया हम उस बाटकर खा सकत ह सर का खाना चराना अ
बात नह हrsquoम एक छोट-स गोल ट ल ट फन बॉस स जझन लगा lsquoइस कस खोलत हrsquoबॉस क पतल ल कन जद द ढकन को खोलन क लए नक ल नाखन क जरत
होती ह ल कन व हम दोन क पास नह थ हमन वीकली ट फन चोरी क लए अपनीसबह क असबली छोड़ द थी हमार पास दस मनट का और समय था जसक बादबाहर रा ीय गीत श हो जाता उसक बाद लास 5 सी लग सकती थी हम इसी दौरानट फन को खोजना उस चट कर जाना और वापस रखना था
lsquoअचार और पराठ हrsquo राघव न ढकन खोलन क बाद कहा lsquoतह चा हएrsquolsquoरहन दोrsquo मन टडट क बग म ट ल का डबा फर स रखत ए कहा मरी आख
एक बग स सर बग तक दौड़ रही थ lsquoयह वालाrsquo मन पहली कतार म एक गलाबीइपोटड झोल क ओर इशारा करत ए कहा lsquoयह बग दखन म महगा लगता ह इसमजर अ ा खाना होगा आओrsquo
हम दौड़कर उस बग क सीट तक पच मन बाब बग उठा लया सामन स उसकचन खोली तो मझ एक लाल चमकदार आयताकार ट फन मला कवर पर चमच कलए भी एक कपाटमट था lsquoफ सी बॉसrsquo मन उसका ढकन खोलत ए कहा
इड लया चटनी का एक छोटा-सा बॉस और चॉकलट कक का एक बड़ा-सा टकड़ाहमार हाथ जकपॉट लग गया था
lsquoमझ तो कवल कक ही चा हएrsquo मन कक का बड़ा-सा टकड़ा उठात ए कहा
lsquoपरा मत लो इट स नॉट फयरrsquo राघव न कहा
lsquoय द म कवल थोड़ा-सा ही खाऊगा तो भी उस पता चल जाएगाrsquo मन यौ रया चढ़ातए कहा
lsquoतो इस दो भाग म काट दो एक तम ल लो और सरा छोड़ दोrsquo राघव न कहा
lsquoल कन काट कससrsquolsquo कसी लर का इतमाल करोrsquo उसन सझाया
म दौड़कर अपनी डक पर गया एक लर लाया और उसक मदद स कक को बड़ीसफाई स काट दया lsquoफाइनrsquo मन कहा lsquoअब तो खश हो नाrsquo
lsquoयह उसका कक हrsquo राघव न कध उचकात ए कहा
lsquoल कन तम मर दोत होrsquo मन कहा
मन उस एक बाइट ऑफर क उसन मना कर दया मन घर पर नाता नह कया थाम कक पर टट पड़ा मरी अग लया आइ सग म लथपथ हो गई
lsquoतम अपना खद का ट फन य नह लातrsquo राघव न पछा
मर मह म कक भरा था इसक बावजद मन जवाब दया lsquoय क इसका मतलब होगाबाबा क लए एा वक उह पहल ही लच और डनर तयार करन पड़त हrsquo
lsquoतोrsquolsquoम उनस कह दता क मझ भख नह लगतीrsquo मर पता एक सरकारी कल म पढ़ात
थ व सबह छह बज घर स नकल जात थ यानी मझस भी पहल मन अपनी अग लयपर लगी चॉकलट म को चाटकर साफ कया हम रा गान सन सकत थ
lsquoम तहार लए ट फन ला सकता rsquo राघव न कहा वह रा गान क लए उठ खड़ाआ और अपन साथ मझ भी खड़ा कर दया
lsquoरहन दो तहारी मॉम बो रग खाना बनाती ह रोज-रोज प रयाrsquo मन कहा
हमन सना क टडट स आपस म ब तयात ए लास क ओर चल आ रह थ मनबचा-खचा कक अपन मह म ठस लया
lsquoजद करो जद करोrsquo राघव न कहा
मन लाल ट फन बॉस बद कया और फर स बाब बग म रख दया
lsquoवस यहा बठता कौन हrsquo राघव न पछा
म गलाबी झोल क खोजबीन करन लगा और उसम मझ एक नोटबक मली जस परभर रग का कवर चढ़ा था मन कवर पर लख लबल को पड़ा -lsquoआरती ताप धान वषय-ग णत लास 5 स न सी उ 10 रोल नबर 1 सनबीम कलrsquo
lsquoहाटवर अब हम चलrsquo राघव न कहा
मन बग को फर स आरती क कस पर टाग दया जहा वह पहल भी टगा आ था
lsquoचलोrsquo मन कहा हम दौड़कर अपनी पीछ वाली सीट तक पच वहा बठ और अपनासर डक क ऊपर झका लया हमन अपनी आख मद ल और ऐसा दखावा करन लगमानो हमारी तबीयत खराब हो यह सबह क असबली म शा मल न होन का बहाना था
लास 5 स न सी क सभी ब भीतर आए और परा लास म दस साल क चारदजन ब क शोरगल स भर उठा
हमारी लास ट चर समरन गल मडम एक मनट बाद आई और परी लास मखामोशी छा गई lsquoमट लकशनrsquo उहन बोड पर लखा जब क ब अभी अपनी-अपनी जगह पर बठ ही रह थ
म सीधा खड़ा हो गया और गदन उचकाकर आरती ताप धान रोल नबर वन कोदखन क को शश करन लगा उसन सफद कट लाल का डगन पहन रखा था और उसकचो टय म रबन बधा था वह अपनी जगह पर बठ गई ट चर उसक ठ क सामन थ
lsquoऐrsquo आरती जोर स चीखी उसन अपनी सीट पर चॉकलट म लथपथ एक लरउठाया उसक कट पर चॉकलट क दाग लग चक थ lsquoओह माय गॉडrsquo आरती क तीखीआवाज न परी लास का यान खचा
lsquoआरती बठ जाओrsquo गल मडम न चलात ए कहा उनक आवाज इतनी तज थीक वह पीछ क प म बठ ब को भी कपा दन क लए काफ थी गल मडम कोशोरगल पसद नह था चाह शोर करन वाली लड़क न यट चो टया बना रखी ह
राघव और मन एक-सर को सहमी ई नजर स दखा हम वारदात करन क बादअपन पीछ सबत छोड़ गए थ
lsquoमडम कसी न मरी सीट पर एक गदा लर रख दया ह मरी नई कल स खराब होगई हrsquo आरती न सबकत ए कहा
परी लास हस पड़ी और आरती क आख स आस बहन लग
lsquoयाrsquo ट चर न कहा उहन-चक नीच रखा अपन हाथ झाड़ और आरती स लरल लया
आरती सबकती रही ट चर लास म घमन लग व जहा-जहा स गजरत टडट सअपनी सीट म धसत चल जात lsquoआज चॉकलट कक कौन लाया थाrsquo उहन अपनीतहक कात श कर द थी
lsquoम लाई थीrsquo आरती न कहा उसन अपना ट फन खोला और वह समझ गई क उसीक कक का इतमाल उसी क स को बरबाद करन म कया गया ह अब तो उसका रोना-
धोना और बढ़ गया lsquoकोई मरा कक खा गया हrsquo वह इतनी जोर स रोन लगी क समीप हीलगन वाली लास 5 बी भी उसक आवाज सन सकती थी
lsquoपरा नह आधा ककrsquo म उसस कहना चाहता था
राघव न मरी ओर दखा lsquoअपनी गलती कबल कर लrsquo उसन फसफसात ए कहा
lsquoपागल हो गए हो याrsquo मन उसी तरह फसफसात ए जवाब दया
जब गल मडम मर पास स होकर गजर तो मन फश पर नजर गड़ा द उहन गो नलपस पहन रखी थ जसक प पर नकली टल लग थ मन मट ठया भच लमरी अग लया चप चपी हो रही थ
ट चर फर स लास क आग वाल भाग म चली गई उहन अपन पस स एक टशनकाला और लर को पछकर साफ कर दया lsquo जसन गलती क ह वह चपचाप कबलकर ल वरना उस बत सत सजा मलगी उहन चतावनी दत ए कहा
मन ऐसा दखावा कया मानो कछ सना ही न हो और अपनी ग णत क नोटबक खोलली
lsquoजी एम कौन हrsquo ट चर न पछा उहन मर नाम क इ न शयस पढ़ लए थ मनउह एक कपास क मदद स अपन लर पर उकरा था ध र क
लास म दो जी एम थ उनम स एक गरीश माथर पहली प म बठता था वहफौरन उठ खड़ा आ
lsquoमन नह कया ह ममrsquo उसन कहा और अपनी गदन झका ली lsquoभगवान कसमममrsquo
ट चर न उस तरछ नजर स दखा उनक मन म अब भी शक था
lsquoम गगा क सौगध खाकर कहता ममrsquo गरीश न कहा और फफककर रोन लगा
गगा वाली बात काम कर गई सभी को उसक बात पर भरोसा हो गया
lsquoसरा जी एम कौन ह गोपाल माrsquo ट चर न मरा नाम पकारत ए कहा
सभी क आख मरी तरफ घम गई ट चर चलकर मरी डक तक आई म उठ खड़ाआ
मन एक शद भी नह कहा न ही ट चर न कछ कहा तड़ा तड़ाक मर दोन गालझनझना उठ थ
lsquoखान क चोरी तम चोर हो याrsquo ट चर न कहा उहन मरी तरफ कछ इस तरहदखा मानो मन टश वीन क य जयम स को हनर हीरा चरा लया हो
मरा सर झका रहा अब उहन मरी गदन पर एक धौल जमाई lsquoमरी लास स दफाहो जाओrsquo
म अपन पर घसीटता आ लास स बाहर चला आया यहा तक क परी लास 5स न सी तक क नजर भी मझ पर ही जमी थ
lsquoआरती जाओ और बाथम म अपना कट साफ कर आओrsquo गल मडम न कहा
म लास क बाहर द वार स टककर खड़ा था आरती अपनी आख पछत ए मर करीब सगजरी
lsquoामा वीन वह चॉकलट कक क कवल आधी लाइस ही तो थीrsquo मन सोचा
खर तो इसी तरह मरी गोपाल मा क ट आरती ताप धान स पहली मलाकातई हा यहा म यह जर कहना चाहता क भल ही यह कहानी मरी ह ल कन आप मझयादा पसद नह करग आ खर दस साल का चोर कोई बत पसद करन लायक इसानहोता भी तो नह ह
म वाराणसी का मरी समाज वान क ट चर कहती ह क यह नया क सबसपरान शहर म स एक ह यह शहर 1200 ईसा पव स ही आबाद ह वाराणसी का यह नामदो न दय वणा और अ स क नाम पर पड़ा जो इस शहर स होकर बहती ह और आगजाकर गगा म मल जाती ह अलग-अलग जगह क लोग मर शहर को अलग-अलग नामस बलात ह जस काशी बनारस या बनारस कछ लोग वाराणसी को म दर का शहर भीकहत ह य क यहा हजार क तादाद म म दर ह कछ लोग इस ान का शहर कहत हय क वाराणसी म पड़ाई- लखाई क कछ बहतरीन सटर ह ल कन म वाराणसी कोकवल अपना घर कहता म गढौ लया क करीब रहता जहा इतना शोरगल होता ह कय द आप चन स सोना चाहत ह तो इसक लए आपको अपन कान म ई खसना पड़सकती ह गढौ लया गगा नद क घाट क करीब ह इस लए य द गढौ लया क घनी आबादक कारण आपका जीना महाल हो जाए तो आप घाट पर जाकर बठ सकत ह और गगाऔर म दर क शखर को नहार सकत ह कछ लोग मर शहर को प व खबसरत औरआया मक भी कहत ह खासतौर पर तब जब वदशी पयटक क सामन इसक ख बयागनानी ह कछ लोग इस गदगी स भरपर भी बतात ह ल कन मझ नह लगता क मराशहर गदा ह वातव म लोग उस गदा बना दत ह
खर कहत ह क जीवन म एक न एक बार वाराणसी क सर जर करनी चा हएजब क हमम स कइय न तो अपना परा जीवन ही इस शहर म बता दया ह
मरी जब म एक प सल थी म उसस द वार पर 5 सी लखता रहा इसस मझ वकाटन म भी मदद मल रही थी और 5 सी लखन क बाद म अपनी लास को अ धकआसानी स खोज भी सकता था
वह टॉयलट स बाहर आई -उसका चहरा भीगा आ था ामा-वीन जस एसशसअपनी जगह बरकरार थ और उसक नजर मझ पर जमी ई थ वह लास क ओर चलीजा रही थी
जस-जस वह मर करीब आती गई उसक नजर लगातार मझ घरती रह lsquoतम द वारचतर रह होrsquo उसन कहा
lsquoजाओ इसक भी शकायत कर दो मन कहा lsquoजाओrsquolsquoतमन मरा ट फन चरान क हमत कस क rsquo उसन कहा
lsquoमन तहारा ट फन नह चराया मन कहाrsquo मन कवल तहार चॉकलट कक क तीनबाइट खाई तह तो पता भी नह चलताrsquo
lsquoतम वाकई बड बॉय हो आरती न कहा
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हमार वक ल ब अकल न चार लड ड का एक छोटा-सा बॉस हमारी ओर बढ़ाया
lsquo मठाइया कस खशी मrsquo पापा न पछा
ब अकल हमार घर आए थ उनस हमारी भट बाबा आदम क जमान क हमारीडाइ नग टबल पर ई
lsquoतहारी सनवाई क तारीख नकली ह ब अकल न कहाrsquo इसम बत व लग गयामन सोचा इसका ज मनाया जाएrsquo
मन सोचा क कक क मआवज क तौर पर य द ामा वीन आरती को कछ लड ड ददए जाए तो कसा रह वस तो म एक चॉकलट कक खरीदकर उसक डक पर पटक दनाचाहता था ल कन मर पास ऐसा करन क लए पस नह थ मर पता मझ यादा पॉकटमनी नह दत थ और खद उनक पॉकट म यादा मनी नह थी
मा क बीमारी न उनक परी बचत का सफाया कर दया था मरी चौथी साल गरह कदो सताह बाद ही व गजर गई मझ उनक या उनक मौत क बार म यादा कछ याद नहह बाबा कहत ह क उनक मौत क बाद उह एक महीन तक उनका पट टा पहनकर मरपास सोना पड़ता था उनक मौत क बाद जमीन का ववाद भी श हो गया इसी कारणब अकल का हमार घर म आना-जाना बढ़ गया था
lsquoआप कवल इसी लए मठाई ल आए क मरी सनवाई क तारीख नकली हrsquo बाबा नखासत ए पछा मकदम क वजह स उनक जमीन तो उह वापस नह मल सक ल कनउसस उनक दम क बीमारी जर और बदतर हो गई थी
lsquoघनयाम मामल को अदालत क बाहर ही नपटा दना चाहता ह ब अकल न कहा
मर पता क बड़ भाई घनयाम ताया-जी न भी हमारा बड़ा गक कर रखा था मरदादाजी अपन दो बट क लए लखनऊ हाईव पर तीस एकड़ खती क जमीन छोड़ गए थजसका बटवारा दो बराबर क हस म कया जाना था दादाजी क मौत क कछ समयबाद घनयाम न बक स लोन लया और बाबा क आधी सप पर कजा जमा लयाउहन बक अफसर को पस दत ए गलत लॉट नबर क साथ जाली कागजात बना लए
घनयाम ताया-जी न बजनस म कछ गलत फसल लए और अपना पसा गवा दयाबक न हम एक फोरलोजर नो टस भजा बाबा न इसका वरोध कया तो बक न मर पताऔर अकल दोन पर मकदम ठक दए दोन भाइय न भी एक-सर पर मकदमा करदया य सभी मकदम बलगाड़ी स भी धीमी चाल स चलत रह
lsquoसटलrsquo मर पता न आग झकत ए पछा
मन एक लड ड उठाया और अपनी जब म रख लया
lsquoघनयाम तह कछ नगद पसा द दगा वह जमीन का तहारा हसा ल लगा और बकऔर काननी मकदम को तहार हवाल कर दगा ब अकल न कहा
lsquo कतना पसाrsquo बाबा न पछा
lsquoदस लाख ब अकल न जवाब दया
मर पता चप हो गए मन मौका ताड़कर एक और लड ड चरा लया मन सोचा आरतीदो लड ड पाकर खश हो जाएगी
lsquoम यह बात तो मानता क 15 एकड़ जमीन क लए यह पशकश बत ही कम ह बअकल न अपनी बात जारी रखीrsquo ल कन तहारी सप पर एक करोड़ का लोन हrsquo
lsquoयह मरा लोन नह हrsquo बाबा न ऊची आवाज म कहा जो उनक आम मजाज स मलनह खाती थी
उसन तहार दतावज बक म जमा कर दए ह तमन उस अपन ॉपट पपस य ददएrsquo
lsquoवह मरा बड़ा भाई ह बाबा न अपन आस को थामत ए कहा उह जमीन कनकसान स यादा यह ख सता रहा था क उहन अपना भाई खो दया था
lsquoय द तह और पसा चा हए तो म उसस बात कर सकता इस मामल को लब समयतक य घसीटrsquo ब अकल न कहा
lsquoम कसान का बटा अपनी जमीन नह छोड़ सकता बाबा न कहा उनक आखलाल थrsquo जब तक जान म जान ह तब तक जमीन मरी ह उस कह दो क य द उसजमीन चा हए तो पहल मझ जान स मारना होगाrsquo
उसक बाद बाबा न मझ घरकर दखा मरा हाथ तीसरा लड ड चरान क लए आग बढ़रहा था
lsquoठ क ह ठ क ह सभी लड ड ल लो ब अकल न कहा
मन उन दोन को दखा मठाई का डबा उठाया और कमर स बाहर भाग गया
मन मठाई क डब को उसक डक पर जाकर रख दया
lsquoयह या हrsquo उसन तकलफ क साथ मरी ओर दखा
lsquoमन तहारा कक खा लया था ना आई एम सॉरीrsquo मन कहा मर अ तम शद बतम म थ
lsquoमझ लड ड पसद नह lsquoउसन घोषणा क
lsquoय तम या अजन हो lsquoमन कहा
lsquoनह य क लड ड खान स हम मोट हो जात ह और म मोट नह होना चाहतीrsquoउसन कहा
lsquoतो या चॉकलट कक खान स हम मोट नह होतrsquolsquoमझ नह चा हए य लड डrsquo उसन कहा और लड ड क डब को मरी ओर धकल दया
lsquoठ क हrsquo मन कहा और डबा अपन पास रख लया
lsquoतमन सॉरी बोला था नाrsquo आरती न पछा
lsquoहा बोला तो थाrsquo मन रबन स गथी उसक चोट को गौर स दखा वह कसी कॉटनकरटर जसी लग रही थी
lsquoअपॉलॉजी एसटडrsquo उसन कहा
lsquoथक यrsquo मन कहाrsquo या वाकई तह लड ड नह चा हएrsquolsquoनह मोट लड कया एयर होटस नह बन सकतrsquo उसन कहा
lsquoतम एयर होटस बनना चाहती होrsquo मन कहा
lsquoहाrsquolsquoयrsquolsquoय क व परी नया क सर करती ह म तरह -तरह क जगह दखना चाहती rsquolsquoठ क हrsquolsquoऔर तम या बनना चाहत होrsquo आरती न पछा
मन कध उचका दएrsquo एक अमीर आदमीrsquo मन कहा
उसन सर हला दया मानो उस मरी चॉइस ठ क -ठाकrsquo अभी तम गरीब हो याrsquolsquoहाrsquolsquoम तो अमीर हमार पास एक कार हrsquolsquoहमार पास कार नह ह ओक बाय म जान क लए पीछ मड़ा क आरती न कछ
कहा
lsquoतहारी मा तह ट फन बनाकर य नह दतrsquolsquoमरी कोई मा नह ह मन कहा
lsquoतहारी मा अब इस नया म नह हrsquo उसन पछाrsquolsquoहाrsquo मन कहा
lsquoओक बायrsquoम अपनी सीट पर लौट आया लड का डबा खोला और एक लड ड बाहर नकाल
लया
आरती मर पास आई
lsquoया हrsquo मन पछा
lsquoतम चाहो तो कभी-कभी मरा ट फन खा सकत हो हाला क यादा मत खाना औरकक या उस जसी अ टस मत लनाrsquo
lsquoथसrsquo मन कहा
lsquoऔर इस तरह बखड़ा खड़ा मत कया करो य द तहारी इ ा हो तो हम लच-क कदौरान साथ-साथ खा सकत हrsquo
lsquoल कन तब तो तम भखी रह जाओगीrsquo मन कहा
lsquoइट स ओक म डाइ टग कर रही म मोट नह होना चाहतीrsquo आरती न कहा
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सात साल बाद
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lsquoपहल घर तक मर साथ चलो उसक बाद कट ाउड चल जानाrsquo आरती न कहा
हम गगा पर बो टग करन क बाद शाम को घर लौट रह थ आरती और म पछल पाचसाल स हर सताह इसी तरह बो टग करन जात थ असी घाट क ना वक फलचद भाईमझ अपनी नाव द दत थ हम एक गली स होकर गजर रह थ जो इतनी सकरी थी क एकमोट गाय आसानी स उसम फस सकती थी हम घाट स सट एक मय माग पर नकल
lsquoमझ पहल ही दरी हो गई ह आरती राघव मझ पर बत चलाएगाrsquolsquoतो मझ भी अपन साथ आन दो म घर जाकर बोर नह होना चाहती उसन कहा
lsquoनहrsquolsquoयrsquo उसन आख झपकात ए कहा
lsquoवहा बत लड़क ह याद ह पछली बार कतनी सी टया बजी थrsquolsquoम हडल कर लगी आरती न अपन माथ स बाल क लट हटात ए कहा
मन उसक खबसरत चहर को दखाrsquo तह पता नह तह दखकर उह या हो जाता हमन कहा वातव म म उसस कहना चाहता था क तह पता नह तह दखकर मझ याहो जाता ह
आरती को उसक लस क कारण हमशा कल ट चस क सराहना मलती थी ल कनदो साल पहल जब वह पह क हो गई तो परा कल उसक बार म बात करन लगा इसतरह क बात आम हो गई क वह सनबीम कल क सबस खबसरत लड़क ह उस तोफम एटरस बनना चा हए या वह चाह तो मस इ डया क लए अलाई कर सकती हइनम स कछ बात व लोग करत थ जो उस लभाना चाहत थ आ खर एक सी नयरआईएएस ऑ फसर क बट और एक त त पव राजनता क पोती क गड बस म कौनशा मल नह होना चाहगा
ल कन हा आरती क कारण वाराणसी क दल क धड़कन जर तज हो गई थ
य द वह सगरा ट डयम कट ाउड म चली जाती तो न त ही खल म खलबलीमच जाती बलबाज गद खलना भल जात फ स कच टपका दत और बरोजगार बौड़मलड़क उस दखकर सी टया बजान लगत जनक कारण यपी बदनाम हो चका ह
lsquoम काफ समय स राघव स नह मली आरती न कहाrsquo चलो चलत ह म तह खलतए दखगीrsquo
lsquoकल ट यशस पर उसस तहारी मलाकात हो जाएगीrsquo मन खपन स कहाrsquo अब घरजाओrsquo
lsquoतम चाहत हो क म अकल घर जाऊrsquolsquoएक र ा कर लो मन कहा
उसन मरी कलाई थाम लीrsquo तम अभी मर साथ चल रह होrsquo उसन मरा हाथ पकड़ाऔर जब तक म उसक साथ उसक घर नह पच गया तब तक वह मर हाथ को आग-पीछझलाती रही
म उसस कहना चाहता था क वह अब इस तरह मरा हाथ न पकड़ा कर बारह क उतक यह ठ क ह ल कन सह क उ म नह य अलग बात ह क सह क उ म उसकामरा हाथ पकड़ना बारह क तलना म मझ यादा अ ा लगता था
lsquoया आrsquo उसन कहाrsquo तम घर य रह हो मन तहारा हाथ कवल इसी लएपकड़ा ह क कह तम भाग न जाओrsquo
म मकरा दया हम शोरगल भरी सड़क स होकर शात क टोनमट इलाक तक चलआए फर हम जला जज ताप बज धान क बगल पर पच व आरती क पता थ
साझ का आकाश गहर नारगी रग का हो गया था यह तय था क राघव मझ पर बतबगड़गा य क खलन क लए बत समय जाया हो चका था ल कन म आरती क बातनह टाल सका
lsquoथक यrsquo आरती न ब सरीखी आवाज म कहाrsquo भीतर आआगrsquolsquoनह मझ पहल ही बत दरी हो चक ह मन कहा
हमारी आख मल ल कन जद ही मन अपनी आख हटा ल बट ड स बस हमयही थ मन खद स कहा
हवा म उसक बाल लहराए और काली लट उसक चहर को हौल-स सहलान लग
lsquoमझ अपन बाल कटवा लन चा हए इह मटन करना बत म कल ह आरती न कहा
lsquoनह ऐसा मत करना मन ढ़ता स कहा
lsquoमन कवल तहार लए ही अपन बाल इतन लब रख ह बायrsquo उसन कहा म सोचनलगा क या वह भी मर बार म अलग तरह स सोचन लगी ह ल कन मझ नह पता था कयह बात उसस कस पछ जाए
lsquoट यशस पर मलत ह मन चलत-चलत कहा
lsquoराघव कयपrsquo ट चर न नाम पकारा और एक आसर-शीट ऊपर उठा द राघव आरतीऔर मन गाकड म जएसआर को चग लासस जॉइन क थ ता क हम इजी नय रगवश परीा क तयारी कर सक जएसआर का नामकरण उसक तीन स ापकमटर झा मटर सह और मटर राय क नाम पर कया गया था और वह एआईईईई (ऑल इ डया इजी नय रग एटरस एजाम) और आईआईट जईई (इ डयन इ टट यट ऑफटकनालजी जॉइट स एजाम) क लए लगातार मॉक टट आयो जत करता थाएआईईईई म हर साल दशभर क दस लाख टडट स परीा दत ह जो नशनल इ टट यट सऑफ टमालॉजी (एनआईट ) क तीस हजार पद क लए त धा करत ह इजी नयरबनन क चाहत रखन वाला हर छा यह परीा दता ह म इजी नयर तो नह बनना चाहताथा ल कन बाबा मझ इजी नयर बनत दखना चाहत थ और इसी लए मन जएसआर जॉइनकया था
राघव चालीस टडट स स खचाखच भर लासम स होकर अपनी आसर शीट लनआग बढ़ा
lsquoअसी म स छयासठ वल डन राघव ट चर न कहा
lsquoआईआईट मट रयल एक लड़क न फसफसात ए कहाrsquo वह सनबीम का टॉपर हrsquoम साफ तौर पर दख सकता था क राघव अपन आईआईट यन पता क कदम पर चल
रहा ह जो भल म इजी नयर ह मझ असी म स पचास नबर मल यह एक ठ क-ठाकदशन था यह कसी कट ट म म बारहवा खलाड़ी बनन क लए तो काफ था ल कनखलाड़ी बनन क लए नह
lsquoफोकस गोपालrsquo ट चर न कहाrsquo तह अपनी जगह सर त करन क लए साठ सयादा नबर लान हगrsquo
मन सर हला दया म एक अ इजी नय रग कॉलज म पढ़ना चाहता था मर पतान कई साल स कोई अ खबर नह सनी थी
lsquoआरती धानrsquo ट चर न पकारा परी लास क नगाह सफद सलवार कमीज पहनउस लड़क क ओर घम गई जसक कारण उबाऊ को चग लासस भी अखरती नह थ
आरती न अपनी आसर शीट ली और खल खला द
lsquoअसी म स बीस नबर लाना तह फनी लगता हrsquo ट चर न यौ रया चढ़ात ए कहा
आरती न हथ लय स अपना चहरा छपा लया और अपनी सीट पर लौट आई उसकइजी नयर बनन क कोई इ ा नह थी उसन तीन कारण स जएसआर जॉइन कया थापहला यह क को चग लासस अटड करन स उस अपनी बारहव सीबीएसई क पढ़ाई म
मदद मल सकती थी सरा यह क मन भी जएसआर जॉइन कया था और उस कपनीमल गई थी और तीसरा यह क ट यशन सटर उसस फ स नह लता था य क उसकपता शहर क डीएम या ड ट म जटरट बनन वाल थ वस आरती क पता ईमानदारछ व वाल थ ल कन ट यशन लना बईमानी क दायर म नह आता था
lsquoमन तो एआईईईई का फॉम तक नह भरा ह आरती न मर कान म फसफसात एकहा
lsquoमरी एआईईईई रक क बरी गत होन वाली हrsquo मन अपना लमनड हलात ए राघव सकहा
हम नारद घाट क करीब जमन बकरी म आए थ यह फरगी ट रट का य जॉइटथा जहा गोर लोग वाराणसी क क टाण और दलाल दोन स सर त महसस करत थव सड वच और पनकस जसा फरगी फड खान क लए लकड़ी क खप य वालबतर पर बठा करत थ वाराणसी इफट दन क लए दो कपो षत बढ़ एक कोन म बठकरसतार बजाया करत थ य क गोर को सतार सनत ए सड वच खाना एक साक तकअनभव लगता था
मन कभी इस जगह क बार म यादा नह सोचा ल कन आरती इस पसद करती थी
lsquoउसन अपन बाल बाधन क लए जस तरह स काफ का इतमाल कया ह वह मझअ ा लगा आरती न एक म हला ट रट क ओर इशारा करत ए कहा जा हर ह उसमरी एआईईईई स जड़ी चता म कोई दलच ी न थी
lsquoदस और अक और उसक बाद य वल बी फाइन रलस राघव न कहा
lsquoमर और उन दस अक क बीच एक लाख टडट स खड़ ह मन कहा
lsquoसर क बार म मत सोचो अपनी पढ़ाई पर यान दो उसन कहा
मन धीम स अपना सर हला दया जब आप टॉपर होत ह तो सलाह दना आसानहोता ह मन कपना क क म एक लाख अय लो-रकस क साथ एक सम म औरसास लन क लए तड़प रहा हम डब रह थ और भारत क एजकशन सटम क लएबकार होत जा रह थ तीन सताह का समय और था और उसक बाद एआईईईई नाम कसनामी आन वाली थी
आरती न मर चहर क सामन अपनी अग लया लहराईrsquo नद स जागो ड़ीमर सब ठ कहो जाएगा उसन कहा
lsquoतम एजाम नह दोगी राघव न आरती स पछा
lsquoहा वह खल खला द rsquo इसी सताहrsquo म नाrsquo रलीज हो रही ह आ खर म शाहखखान क फम कस मस कर सकती उह एआईईईई पोटपोन कर दना चा हएrsquo
lsquoवरी फनीrsquo मन मह बना दया
lsquoअगर तम इजी नयर नह बनना चाहती तो फर तम आ खर करना या चाहती होrsquoराघव न आरती स पछा
lsquoया कछ करना जरी ह म भारतीय नारी शाद कगी घर बसाऊगी और खानापकाऊगी या फर नौकर को खाना पकान का म गीrsquo
यह कहकर वह हस पड़ी और राघव भी उसक हसी म शा मल हो गया
ल कन मझ इसम कछ भी हसन जसा नह लगा म उन लाख टडट स स अपनायान नह हटा पा रहा था जो इजी नयर बनना चाहत थ और जनस मझ कछ ही दनबाद भड़ना था
lsquoइतन सी रयस य हो रह हो गोपाल-जी म मजाक कर रही तम तो जानत ही होक म घर पर नह बठ सकतीrsquo आरती न मरा क धा थपथपात ए कहा
lsquoचप करो आरतीrsquo मन कहाrsquo मझ पता ह क तम एयर होटस बनना चाहती होrsquolsquoएयर होटस वॉव rsquo राघव न कहा
lsquoदटस नॉट फयर गोपालrsquo आरती न चलात ए कहाrsquo तम नया क सामन मरसीट स उजागर कर रह होrsquo
lsquo नया नह वह कवल मझ ही बता रहा ह राघव न कहा
आरती न मझ एक डट लक द
lsquoसॉरीrsquo मन कहा
आरती स मरा रता यादा गहरा था हम राघव को अपना दोत मानत थ ल कनगहरा दोत नह
lsquoतम वाकई बत अ एयर होटस बनोगीrsquo राघव न कहा उसक लहज म शरारतथी
lsquoखर जो भी होrsquo आरती न कहाrsquo जस क डड मझ वाराणसी स कह जान दग यहाकोई एयरलाइस नह ह यहा कवल म दर ह शायद म एक ट ल होटस बन जाऊसर लीज फश पर अपना ान हण क जए ा थना शी ही ारभ होन वाली हसाद आपक सीट तक पचा दया जाएगाrsquo
राघव अपना पट पकड़कर फर हस पड़ा उसका पट बत गठ ला था मझ ऐस लोगस घणा होती ह जह ाक तक प स सपाट पट मला होता ह भगवान सभी पष कलए सस पक को एक डफॉट टडड य नह बना दत या फट जमा करन क पटक सवा कोई और जगह नह हो सकती
राघव न आरती क हाथ पर ताली द मर कान क लव सख हो गई सतार वादक नएक त धन बजानी श कर द
lsquoआरती तम भी या नॉनसस बात कर रही होrsquo मन कहा मरी आवाज तज थी मरइद- गद मौजद फरगी जो यहा व क शा त क तलाश म आए थ चौक हो गए
मझ यह अ ा नह लग रहा था क राघव और आरती एक-सर क फसड डी जोसका भी मजा ल रह थ
राघव न अपन लमनड म ॉ को इतनी जोर स चसा क क उसक नाक स बहनलगी
lsquoॉसrsquo आरती न कहा और दोन फर स ठहाका लगाकर हसन लग म उठ खड़ाआ
lsquoया आrsquo राघव न कहा
lsquoमझ जाना ह बाबा मरा इतजार कर रह हrsquo मन कहा
बाबा क खासन क आवाज म दरवाज क घट क आवाज डब गई थी
lsquoसॉरी म सन नह पाया था आ खरकार उहन दरवाजा खोलत ए कहा
lsquoआप ठ क तो ह नाrsquo मन पछा
lsquoहा कछ खास नह मन दाल-रोट बनाई हrsquolsquoयह भी तो कछ खास नह हrsquoमर पता पछल साल ही साठ साल क ए थ ल कन नॉनटॉप खासी क कारण व
असी क लगन लग थ डॉटर न हाथ खड़ कर दए थ हमार पास सजरी क भी पसनह थ उनक कल न उह एक अरसा पहल ही नकाल बाहर कर दया था आप दसबार क लकर पचास मनट क लास नह पड़ा सकत उह पशन जर मलती थीजसक सहार हमार महीन क तीन हत कट जात थ
म हमारी डावाडोल डाइ नग टबल पर बठकर चपचाप खान लगा
lsquoएस एजामrsquo मर पता न कहना श कया ल कन खासी आ जान क कारण वक गए म समझ गया व या कहना चाहत ह
lsquoमन एआईईईई क तया रया परी कर ली हrsquo मन कहा
lsquoऔर जईईrsquo बाबा न कहा एजाम क तयारी करन स भी म कल ह प रवार कउमीद पर खरा उतरना
lsquoमर लए आईआईट क उमीद मत पा लए बाबाrsquo मन कहा मर पता का चहराउतर गयाrsquo म जईई भी कर लगा ल कन जरा सो चए चार लाख म स कवल तीन हजारका सल नrsquo
lsquoतम कर सकत हो तम ाइट होrsquo बाबा न कहा बाप का यार न त ही अपन बटक का ब लयत का आकलन बढ़ा-चढ़ाकर कर रहा था
मन सर हला दया मझ एआईईईई स फर भी उमीद थ ल कन जईई स नह मसोचन लगा क या बाबा इस बात को समझ पा रह ह क य द मरी रक लग गई तो मझघर छोड़ना पड़गा अगर मझ एनआईट अगरतला जाना पड़ा तो या होगा या कह सरद ण म
lsquoइजी नय रग ही सब कछ नह ह बाबाrsquo मन कहा
lsquoइसस तहारा जीवन सर त हो जाता ह अब एजाम स ठ क पहल मझस झगड़ामत करोrsquo
lsquoम झगड़ नह रहा rsquoडनर क बाद बाबा अपन बतर पर लट गए म उनक करीब बठ गया और उनका सर
दबान लगा उह खासी का एक दौरा पड़ा और व उठ बठ
lsquoहम सजरी क बार म सोचना चा हएrsquo मन कहा
lsquoयानी दो लाख पए खच करन क बार मrsquo बाबा न लट-लट कहा उनक आख मदई थ म समझ गया क इस बार म बात करना बकार ह
म चप रहा म इस वषय को छड़ना नह चाहता था हम जमीन ववाद को एक अरसापहल ही सलझा सकत थ ल कन अदालती सनवाइय न हमारा जीना महाल कर रखा थाजमीन पड़ी-पड़ी बजर हो रही थी और हमार पास पस नह थ
lsquoतम ही बताओ हम पसा कहा स लाएगrsquo मर पता न कहाrsquo तम पहल इजी नयरबन जाओ अ ा जॉब हा सल करो फर म सजरी करवा -लगाrsquo
अब म चप नह रह सकाrsquo ताया-जी न दस लाख पए ऑफर कए थ अभी तक तोबक म रख-रख ही वह रकम दोगनी हो गई होती
lsquoबाबा न आख खोलrsquo और हमारी जमीन का या होताrsquo उहन कहा
lsquoवह ट पड जमीन वस भी हमार कस काम क हrsquolsquoइस तरह मत बोलोrsquo उहन मरा हाथ धकलत ए कहाrsquo कसान न कभी अपनी
जमीन का अपमान करता ह और न ही उस कभी बचता हrsquoमन अपना हाथ फर उनक सर पर रख दयाrsquo अब हम कसान नह ह बाबा हम
उस जमीन का कोई उपयोग नह कर सकत य क आपका अपना भाईrsquolsquoजाओ और पढ़ाई करो तहार इ तहानआन वाल हrsquo बाबा न मर कमर क ओर
इशारा करत ए कहा
आधी रात को लडलाइन फोन क घट घनघनाई मन फोन उठाया
lsquoमझ नद आ रही ह आरतीrsquo मन कहा
lsquoझठ मत बोलो तम रात एक बज तक नह सोत होrsquolsquoबात या हrsquolsquoकछ नह बस तमस बात करन को जी कया तो फोन लगा लयाrsquolsquo कसी और स ब तयाओ मन कहा
lsquoआहाrsquo उसन कहाrsquo मझ पता ह तह कौन-सी चता खाए जा रही हrsquolsquoबाय आरतीrsquo मन कहा
lsquoअर को तो मझ राघव क कछ जोस फनी लग बस इतनी-सी बात ह तम अबभी मर बट ड होrsquo
lsquoनह उसक जोस फनी नह थ और यह बट ड स तहारा या मतलब हrsquo मनकहा
lsquoहम आठ साल स बट ड ह हाला क तमन अभी तक मझ एक भी चॉकलट ककनह दया हrsquo
lsquoऔर राघवrsquolsquoराघव कवल दोत ह म उसस कवल इस लए बात करती य क तम उसक
करीबी दोत होrsquo आरती न कहा
म चप रहा
lsquoअब तो गसा थक दो गोपाल घर पर या हाल हrsquo उसन कहा
lsquoहमशा क तरह हाल बहाल ह और तम कसी होrsquolsquoम ठ क डड चाहत ह क म एयर होटस बनन क कोई को शश करन स पहल
अपनी कॉलज क पढ़ाई परी कर ल ल कन बारहव पास करन क बाद भी तो एयरहोटस तो बना जा सकता हrsquo
lsquoकॉलज जाओ तहार डड सही कह रह हrsquo मन कहा
lsquoऐस मास क साथ म कौन-सा कॉलज जॉइन कर सकती म राघव और तहारीतरह माट नह rsquo
lsquoराघव माट ह म नहrsquo मन उसक बात स धारत ए कहा
lsquoय मॉक टट क वजह स य आर सो ट पडrsquo आरती न कहा
lsquoय आर ट पडrsquolsquoहम दोन ही ट पड ह फाइन तमन डनर कर लयाrsquoपछल पाच साल म उसन हर रात मझस यह सवाल पछा था म उस पर नाराज ही
रहना चाहता था ल कन ऐसा कर न पायाrsquo हा मन डनर कर लया थसrsquolsquoहाट थस ट पड चलो अब सो जाओ और -हस एजास क बार म मत सोचनाrsquolsquoआरतीrsquo मन कहा और क गया
याlsquoय आर वरी नाइसrsquo मन कहा म इसस बहतर कोई सरी प नह सोच पाया
lsquoनाइस या ट पड या नाइसली ट पड rsquo आरती हस पड़ी
lsquoम तहार बना या कर पाऊगाrsquolsquoशट अप म यह तो rsquo उसन कहा
lsquoअब हम छोट ब नह रह आरतीrsquo मन कहा
lsquoओक ओक अब फर स वह सब मत श कर दना अब सो जाओ मर ोन-अपमनrsquo
lsquoआरती कम ऑन तम हमशा इस बात को टाल जाती होrsquolsquoहम बात करग ल कन अभी नह तहार एटरस एजास क बादrsquoम चप रहा
lsquo जदगी को उलझाओ मत गोपाल या तम हमारी दोती स ही खश नह होrsquo
lsquoहा खश तो ल कनrsquolsquoल कन-व कन या गड नाइट वीट ीस लीप टाइटrsquolsquoगड नाइटrsquo
lsquoअब इसका कोई फायदा नह हrsquo मन म स क नोटबक बद करत ए कहा
एजाम क एक दन पहल राघव मर घर आया था उसन कहा क हम ायगोनोम कालाट- मनट रवीजन कर म इस वषय म कमजोर था राघव न टसबक उठा ली
lsquoतम सो जाओ ओक एजाम स पहल आराम करना बत जरी ह और खब सारीधारदार प सल साथ रखना मत भलनाrsquo उसन कहा
राघव को जाता दख बाबा कचन स बाहर आएrsquo डनर क लए को बाबा न कहा
lsquoनह आज नह बाबाrsquo राघव न कहाrsquo गोपाल को रक मलन क बाद म एक अ -सी दावत लगाrsquo
4
मझ रक मली रक मतलब एक पट ई रक
lsquo52043rsquo मन न पर दखा म शवपर म राघव क घर आया था हमन एआईईईईवबसाइट पर लॉग ऑन कया था
न त ही मन बत बरा कोर नह कया था टट दन वाल दस लाख टडट स म समन साढ़ नौ लाख को हरा दया था बहरहाल एनआईट म कवल तीन हजार सीट सउपल थ कभी-क भी जदगी आपक साथ र मजाक करती ह म उन बदनसीब म सएक था जहन अ ा दशन तो कया था ल कन पयात अ ा दशन नह कया था
lsquo5820rsquo राघव न क यटर मॉ नटर पड़त ए कहा
राघव क पता भी कमर म चल आए थ और व हमार पीछ खड़ थ
lsquoयह या हrsquo मन पछा
lsquoमरी रकrsquo राघव न कहा
lsquoएसीलटrsquo राघव क पता न खशी स चहकत ए कहा
राघव मकरा दया वह इसस यादा रएट नह कर सकता था
lsquoइसस तह बत सारी चॉइसस मल जानी चा हएrsquo राघव क पता न फ स कहाrsquoतम दली म इलॉ नस कर सकत होrsquo
lsquoएनआईट लखनऊ भी तो ह ह नाrsquo राघव न कहाrsquo घर क और करीबrsquolsquoएआईईईई को छोड़ो हम जईई का इतजार करगrsquo राघव क पता न कहा उनक
आवाज म उलास था
दोन बाप-बट को यह रयलाइज करन म थोड़ा समय लगा क कमर म म भी मौजद उहन मरा लटका ए चहरा दखा तो चप हो गएrsquo अब मझ घर जाना चा हएrsquo मनफसफसात ए कहा
lsquoपचास हजार क रक स तह भी कछ न कछ मलना ही चा हए ह नाrsquo राघव कपता न कहा जब क व अ तरह जानत थ क ऐसा नह होगा व मझ ठस नहपचाना चाहत थ ल कन मझ बत बरा लगा मन अपनी जदगी म कभी खद को इतनाछोटा महसस नह कया था मझ लगा क म एक भखारी जो राजा क दरबार मखड़ा ह
lsquoराघव म तमस बाद म बात करता rsquo मन कहा और उनक घर स बाहर नकल आयाम नह चाहता था क कोई भी मर आस को दख
घर क बाहर गली म राघव दौड़त ए आयाrsquo तम ठ क तो हो नाrsquo उसन पछा
म अपन आस पी गया और उसक तरफ मड़न स पहल अपना चहरा अ -स पछलयाrsquo म ठ क बडीrsquo म झठ बोल गयाrsquo और बाइया एक ट तो बनती ह ल कनतहार डड सही ह असली पाट तो जईई क बाद ही होगीrsquo
म कहता चला जा रहा था क राघव न मझ टोक दयाrsquo बाबा ठ क हrsquo उसन पछा
मन कध उचका दए मरा गला ध गया ल कन मन उस जा हर नह होन दया
lsquoम तहार साथ चल उसन कहा
lsquoहा ठ क ही तो ह जब इ तहान म पट जाओ तो एक टॉप रकर को अपन परट स समलवान ल जाओ lsquo मन मन ही मन सोचा
lsquoडट वरी उहन जदगी म इसस भी बदतर चीज का सामना कया हrsquo मन कहा
lsquoआज एआईईईई क रजट आन वाल थ ना पपर म तो नह हrsquo मर घर म घसत ही बाबान कहा फश पर चार अलग-अलग अखबार फल थ
lsquoनह अब अखबार म रजट नह छपत बाबा अखबार इस तरह य फला रखहrsquo मन कहा
म अखबार समटन क लए झका मन यह नह बताया क नतीज ऑनलाइन उपलथ
lsquoतो हम रजट कस पता चलग तारीख तो आज क ही थी नाrsquo उहन कहा
म चपचाप अखबार बटोरता रहा म उह कह दना चाहता था क रजट आन म अभीकछ व ह कछ दन क शा त मर लए अ होती फर चाह वह अ ायी ही य नहो मन उनका बढ़ा चहरा दखा उनक आख क आसपास झ रया थ ल कन उन आखम आज एक खास चमक थी
lsquoएनआईट लखनऊ चलकर पता लगाएrsquo बाबा न कहा व यह पता लगान क लएपाच घट का सफर करन को खशी-खशी तयार थ क उनका बटा लजर ह
lsquoबाबाrsquo मन झलात ए कहा
lsquoयाrsquo
lsquoच लए लच तयार करत हrsquo म कचन म चला गया बाबा आदम क जमान का हमाराटोव छह बार को शश करन क बाद चाल आ मन दाल उबालन क लए बनर पर एककटोरी पानी चढ़ा दया
बाबा मर पीछ खड़ थrsquo हम रजट जानना ही होगा चलो चलत हrsquo उहन कहाजब बजग लोग कसी बात क जद पकड़ लत ह तो व आसानी स नह मानत
lsquoपहल खाना पका लत हrsquo मन कहाrsquo जब खाना बन जाएगा तो म आपको बला-लगाrsquo
अपन परट स को अपनी नाकामी क बार म बताना क भी-कभी नाकाम होन स भीयादा तकलीफदह होता ह म अगल एक घट तक खाना पकाता रहा म सोचन लगा कया जदगी फर कभी पटरी पर लौट पाएगी एक ट पड एजाम और मट पल चॉइसॉलस म आ धा दजन गल तय न मरी जदगी को हमशा क लए बदल दया था
मर पता और म चपचाप खात रह उनक उमीद स भरी आख मझ पर जमी थ अबउनस खबर छपाना मम कन नह रह गया था
खान क बाद म उनक पास गयाrsquo बाबा मझ रजट पता हrsquo मन धीम -स कहा
lsquoऔरrsquo उहन पछा उनक आख फल गई थ
lsquoमरी रक 52043 हrsquolsquoयह अ रक हrsquoमन सर हला दया
lsquoतह अ ाच नह मलगीrsquolsquoम एनआईट म नह जा पाऊगाrsquo मन कहा
बाबा क चहर क भाव फौरन बदल गए उनक चहर पर अब व भाव थ जनस हर बटाडरता ह व नजर जो कहती हrsquo मन तह या यही दन दखन क लए पाल-पोसकर बड़ाकया थाrsquo
ऐसी नजर को झलन स तो कनपट म गोली दाग लना बहतर ह
बाबा बचनी क साथ उठ और डाइ नग टबल क इद - गद चकर हाटन लगrsquo ऐसाकस आ क तह अ रक नह मल पाईrsquo
lsquoवल हर कसी को अ रक नह मलती बाबा म अकला नह साढ़ नौ लाख औरटडट स को अ रक नह मली हrsquo मन मन ही मन सोचा ल कन कहा नह
lsquoअब याrsquo उहन पछा
मन सोचा क या मझ कछ करन क लए कछ वकप सझान चा हए जस क ndashआमहया हमालय पर जाकर कठोर तप या फर महनत -मजरी क खी-सखीजदगी
lsquoआई एम सॉरी बाबाrsquo मन कहा
lsquoमन तह और पढ़ाई करन को कहा थाrsquo उहन कहा
आ खर कौन बाप ऐसा नह कहता होगाव अपन कमर म चल गए आ ध घट बाद म हमत जटाकर उनक कमर म गया
उहन अपन सर पर गम पानी क बोतल रखी थी
lsquoम बीएससी कर सकता बाबाrsquo मन कहा
lsquoभला उसस या फायदा होगाrsquo उहन कहा उनक आवाज इतनी तज थी कलगता नह था क व बीमार ह
lsquoम अपना जएशन परा कगा और फर नौकरी क तलाश कगा मझ अनक मौकमल सकत हrsquo मन कहा म बना सोच-समझ बोल चला जा रहा था
lsquoएक मामली-स जएट को भला कौन अ नौकरी दता हrsquo बाबा न कहा
करट एक मामली-सा जएट जसक कोई औकात नह होती
lsquoहमार पास कसी डोनशन कॉलज क लए पस नह ह बाबाrsquo मन उह याद दलाया
उहन सर हला दया कछ समय बाद व फर बोलrsquo फर स को शश करोगrsquoबाबा न कोई बतका सझाव नह दया था ल कन उसक टाइ मग बत गलत थी
एटरस एजाम ही मझ खासी मसीबत द चका था एक बार फर को शश करन कवचार स ही मझ तकलीफ होन लगीrsquo बस करो बाबाrsquo मन चीखत ए कहाrsquo य दआपन जमीन का सटलमट कर लया होता तो आज हमार पास एक ाइवट कॉलज कलायक पसा होता ल कन आपन ऐसा नह कया इस लए मझ तो मसीबत उठानी हीपड़गीrsquo
बाबा न अपन माथ पर गम पानी क बोतल घमाई व सरदद क साथ ही मर कारण भीतकलीफ म लग रह थrsquo मर कमर स चल जाओ उहन कहा
lsquoआई एम सॉरीrsquo मन यवत कह दया
lsquoएजाम म फल होना अपन पता पर चलाना तम एकदम सही दशा म जा रह होबटाrsquo उहन कहा उनक आख मद ई थ
lsquoम कछ न कछ जर कगा म आपको नराश नह कगा म एक दन जरअमीर बनगाrsquo मन कहा
lsquoअमीर बनना आसान नह ह उसक लए बत महनत करनी पड़ती ह ल कन तम तोमहनत स जी चरात होrsquo उहन कहा
म उह बताना चाहता था क मन अपनी ओर स खासी महनत क थी आप बनामहनत क पचास हजारव रक हा सल नह कर सकत फर चाह उसका कोई भी यमतलब न हो म कहना चाहता था क म भीतर स टटा आ महसस कर रहा म चाहताथा क व इस बात को समझ पाए क म फट-फटकर रोना चाहता था और य द व मझअपन सीन स लगा लत ह तो इसस मझ बत अ ा लगगा
lsquoचल जाओ जदगी क य बच-खच दन मझ चन स बता लन दोrsquo उहन कहा
म अपन कमर म गया और चपचाप बठ गया इतन साल म मन कभी अपनी मा कोमस नह कया था ल कन एआईईईई रजट क इस दन म चाहता था क काश व मरसाथ होत मन व छह एका ॉलस ठ क न कर पान क लए खद को बत कोसा म मनही मन एजाम क दन को बार-बार दोहराता रहा जस क मरा दमाग समय म पीछ कओर याा कर सकता ह उसी दन को फर स दोहरा सकता ह और म वहा जाकर अपनीगलती सधार सकता पछतावा ndash शायद पछताव क भावना इसान क सबस बड़मयफच रग डफटस म स एक होगी हम पछतावा करत रहत ह चाह उसक कोईतक न हो म अपन बतर म लटा सोचता रहा
आधी रात को म ल वग म म आया और आरती को कॉल कया
lsquoअर तम ठ क तो हो नाrsquo उसक आवाज शात थी
उस मर रजट क बार म पता था फर भी उसन कॉल नह कया था उस पता थाक जब म उसस बात करन को तयार होऊगा तभी उस कॉल कगा आरती मझ बतअ तरह स समझती थी
lsquoहम बोट पर बात करगrsquo मन कहा
lsquoकल सबह साढ़ चार बज असी घाट परrsquo उसन कहा
फोन क बाद म सोन चला गया म लटा रहा ल कन नद न आई म बत दर तककरवट बदलता रहा जब तक म बाबा क साथ अ -स बात नह कर लता मझ चन नहआन वाला था
म उनक कमर म गया व सो रह थ गम पानी क बोतल अब भी उनक सर पर थी
मन बोतल उठाकर एक तरफ कर द व जाग गए
lsquoआई एम सॉरी बाबाrsquo मन कहा
उहन कछ नह कहा
lsquoआप जो कहग म वो ही कगा य द आप चाहत ह तो म एक बार फर को शशकगा म इजी नयर बनकर दखाऊगा बाबाrsquo मन कहा
उहन मर सर पर एक हाथ धर दया मानो मझ आशीवाद द रह ह अब मर लएअपनी भावना को थामकर रखना मम कन नह था म फट-फटकर रो पड़ा
lsquoम बत महनत कगाrsquo मन कहा आस मर गाल स होकर ढलक रह थ
lsquoगॉड लस य चलो अब सो जाओrsquo उहन कहा
म सबह साढ़ चार बज असी घाट जा पचा मरा ना वक दोत फलचद मझ चप थमातए मकरा दया इतन साल म उसन मझस कभी एक पसा नह लया था म उसकबोट एकाध घट क लए ल जाता था और बदल म उस चाय और ब कट खरीदकर द दयाकरता था जब क इतनी दर नाव चलान क लए फरगी पाच सौ पए द सकत थ
कभी-कभी म फर गय स अजी म ब तयान म उसक मदद कर दया करता था औरवह मझ दस फ सद कमीशन द दता था हा म इस तरह भी पसा कमा सकता थाशायद बत यादा नह ल कन म इतना तो कमा ही सकता था क अपनी रोजी-रोटकमा सक काश बाबा यह सब समझ पात
lsquoसाढ़ पाच तक लौट आना फलचद न कहाrsquo मरी एक ब कग ह जापानी ट रटसrsquolsquoमझ आध घट स यादा समय नह लगगाrsquo मन वादा कया
उसन खीस नपोर द rsquo तम लड़क क साथ जा रह हो शायद तह व का पता ही नचलrsquo
lsquoनह ऐसा नह होगाrsquolsquoतहारी उसक साथ स टग हrsquo फलचद न बोट क रसी खोलत ए कहा छोट शहर
म लड़का और लड़क क आपसी रत म सभी क दलच ी होती ह
lsquoफलचद भाई म आध घट म लौट आऊगाrsquo मन कहा और बोट पर सवार हो गया
मर ख जवाब पर फलचद न यौ रया चढ़ा ल
lsquoवह कल क दन स मरी लासमट ह म उस आठ साल स जानता rsquo मन कहा
वह मकरा दया सबह क नीमउजाल म उसक पान क दाग लग दात चमक रह थ
lsquoम जापानी ट रट स बातचीत करान म तहारी मदद कगा हम दोन मलकर उनसनपट लगrsquo मन पतवार थामत ए कहा
आरती घाट स बीस मनट आग ना वक और सा ध क नजर स र मरा इतजार कररही थी वह धीम -स नाव पर चढ़ म नाव को खत ए तट स र ल गया
lsquoचलो उस तरफ चलत हrsquo उसन प म दशा क ओर इशारा करत ए कहा जधरअ धक शा त थी पव दशा म भीड़ भर दशा म ध घाट पर सबह क आरती श हो चकथी माना जाता ह क दशा म ध घाट वह जगह ह जहा ह मा न दस अ म ध य कएथ और वह वाराणसी म गगा तट पर होन वाली स भी धा मक ग त वाइ धय का क ह
म जस-जस नाव खता चला गया घ टय और मो ार क व नया पीछ छटती चलीगई जद ही हम कवल पानी म चल रह चम क ही आवाज सन पा रह थ
lsquoलाइफ म ऐसा हो जाता हrsquo आरती न कहा
भोर क करण क कारण उसक चहर पर पीली-सी रगत थी वह उसक लाल-कश रया पट ट स मच कर रही थी
मरी बाह थकन लग मन नाव खना बद कर दया और पतवार एक तरफ रख द हमारी नाव गगा नद क बीच म कह खड़ी थी आरती उठ और मर पास आकर बठ गईउसक चलन क कारण नाव जरा डगमगाई हमशा क तरह उसन मरी थक ई हथ लयको अपन हाथ म लया और उह सहलान लगी फर उसन मरी ठोढ़ पकड़कर मरा चहराअपनी तरफ कर लया
lsquoमझ डर लग रहा ह आरती lsquoमन धीम-स कहा
lsquoयrsquolsquoम जदगी म कभी कछ हा सल नह कर पाऊगाrsquo मन कहा
lsquoबकवास मत करो उसन कहाrsquo जो लोग एआईईईई म टॉप रक हा सल नह करतया व जदगी म कछ भी नह कर पातrsquo
lsquoपता नह मझ लगता ह जस जस म हार गया मन बाबा को नराश कया हrsquolsquoव ठ क ह नाrsquolsquoव चाहत ह क म एक बार फर को शश क व मझ कसी भी क मत पर इजी नयर
बनाना चाहत हrsquolsquoया तम भी इजी नयर बनना चाहत होrsquo आरती न पछा
lsquoमर पता आईएएस म नह ह मर दादा मी नह थ म एक मामली-स प रवार स हम खद स इस तरह क सवाल नह पछत क हम जीवन म या बनना चाहत ह हमअपनी रोजी-रोट अ -स कमाना चाहत ह इजी नय रग स ऐसा हो सकता ह मन जवाबदया
lsquo कतनी द कयानसी बात हrsquolsquoअपना पट भरना कभी आउट ऑफ फशन नह हो सकता आरती मन कहा
वह मकराई और मरी बाह पर अपना हाथ रख दया मन उस बाह म भर लया मराचहरा उसक चहर क करीब था
lsquoया कर रह होrsquo आरती न मझ धकलत ए कहा
lsquoम म कवलrsquolsquoऐसा मत करो आरती न कठोरता स कहा lsquoतम हमारी दोती को बबाद कर दोगrsquolsquoम तह बत पसद करता lsquoमन कहा म कहना चाहता था क म तह बत यार
करता ल कन मझम ऐसा कहन क हमत नह थी
lsquoम भी तह पसद करती lsquoउसन कहा
lsquoतो तम मझ चम य नह लत मन कहा
lsquoय क म ऐसा नह करना चाहती lsquoउसन मरी ओर दखत ए कहा lsquoमझ गलत मतसमझो तम कई साल स मर बट ड हो ल कन म तह पहल भी कह चक rsquoवहचप हो गई
याlsquoम तह उस तरह स नह दखती उसन अपनी बात परी क
म उसस र हट गया
lsquoगोपाल लीज मझ समझन क को शश करो तम पहल ही डटब हो इस लए मतहrsquo
lsquoइस लए या आरती तम मरी फ लस को हट नह करना चाहतवल तम ऐसा कर चक होrsquoमन घड़ी दखी 450 हो चक थ मझ नाव लौटानी थी मन फर स पतवार उठा ल
lsquoचलो तहार घर चलत ह मन कहा उसन हामी भर द घाट पचन तक हम खामोश रहफलचद हम दखकर मकरा दया ल कन जब मन नजर तररकर दखा तो उसक मकराहटगायब हो गई
हम नाव स नीच उतर
lsquoतम आज कछ समय बाद घर आना चाहोगrsquo आरती न कहा lsquoमझस बात मत करोमन कहा
lsquoतम इ डयट क तरह बहव कर रह होrsquolsquoम इ डयट ही और तम यह जानती हो इसी लए तो म एआईईईई लीयर नह कर
पाया मन कहा और उसक तरफ दख बना वहा स चला आया
5
एआईईईई क ही तरह म जईई भी लीयर नह कर पाया राघव न जर जईई लीयरक और दश भर म 1123व रक बनाई इसस वह वाराणसी म एक मनी सल ट बनगया अगल दन ानीय अखबार म उसक बार म छपा था वाराणसी क चार टडट स नजईई क क थी जनम स कवल राघव ही ऐसा था जो वाराणसी म रहता भी था बाकक तीन कोटा म रहत थ
lsquoव तीन कोटा य चल गएrsquo बाबा न अखबार पड़त ए कहा बाबा को अब मरलजर होन स कोई फक नह पड़ता था मर ारा जईई रक नह हा सल करन पर उहन नक बराबर त या क
lsquoकोटा आईआईट को चग लासस क राजधानी ह हजार टडट स वहा जात हlsquoमन कहा
हर साल एक हजार या सर शद म कह तो कल आईआईट सल स म स एकतहाई छा क लए पइ मी भारत का यह छोटा-सा शहर ही जमदार होता ह
lsquoया lsquoबाबा न कहा lsquoऐसा कस सभव ह rsquoमन कध उचका दए म अब एटरस एजास क बार म बात नह करना चाहता था
मझ बारहव म 79 फ सद मास मल थ म इलाहाबाद य नव सट स बीएससी करसकता था पढ़ाई क लए इलाहाबाद स वाराणसी तक नय मत प स 120 कलोमीटरसफर करना क ठन जर था ल कन म इलाहाबाद जाकर भी रह सकता था और सताहातम बाबा स मलन आ सकता था
lsquoराघव कौन-सी आईआईट जॉइन कर रहा हrsquolsquoपता नह मन कहा lsquoबाबा या आप मझ दो सौ पए द सकत ह मझ कॉलज
एड मशन फॉम खरीदना हrsquoबाबा न मरी तरफ इस तरह दखा जस मन उनक कलज म खजर घप दया हो lsquoतम
एआईईईई क लए एक बार फर को शश नह करोगrsquo उहन कहा
lsquoम इलाहाबाद य नव सट जॉइन कगा और वहा स एक बार फर को शश कगामन कहा
lsquoतम सरा कोस करत समय तयारी कस कर पाओगrsquolsquoम अपना एक साल बबाद नह कर सकता मन कहा और घर स बाहर चला गया
मझ राघव स मलना था मन उस बधाई तक नह द थी यह सच ह क जईई म उसकसलयान पर मझ बत खशी नह ई थी मझ खश होना चा हए था ल कन म आनह ल कन आ खर हम दस साल स दोत थ हम अपन दोत क ख शय म शरीकहोना चा हए बहरहाल अब वह एक आईआईट यन होन जा रहा था जब क म कछ भीनह था जान य मझ यह अ ा नह लग रहा था मन उसक दरवाज क घट बजातसमय नकली मकराहट का अयास कया राघव न दरवाजा खोला और सीध मझ गल सलगा लया
lsquoह नाइस ट सी य lsquoउसन कहा
lsquoकॉसट स बॉस मन कहा मर हठ फल गए और मर दात को दखा जा सकता था
lsquoअब म कह सकता क म एक सल ट को जानता rsquoम उसक घर म चला आया भल ारा दया गया एक सादा-सा तीन बडम का
अपाटमट डाइ नग टबल पर अखबार फल थ जनम उसक सलयान क खबर थराघव क पता सोफ पर बठ थ और उनक साथ उनक कछ रतदार थ जो उनस मलनआए थ व उह मबारकबाद दन आए थ आ खर आईआईट रक बत बड़ी उपलहोती ह माउट एवरट पर चढ़न या स मशन म शा मल होन क बराबर मटर कयपमझ दखकर र स मकराए शायद यह मरी कपना ही रही होगी ल कन उनकमकराहट दखकर मझ लगा क ऐसी मकान अपन स नीच कद वाल लोग को द जातीह मझ कोई शक नह था क अगर मझ भी रक मली होती तो व खड़ हो जात और मझसहाथ मलात बहरहाल फक तो उसस भी कछ नह पड़ता राघव और म उसक कमर मचल गए म एक कस पर बठ गया और वह बतर पर
lsquoतो कसा लग रहा ह तहrsquo मन कहा म जानना चाहता था क उन ट पड रस म सएक हा सल करन पर कसा लगता ह जो आपको रातरात कोयल स हीरा बना दती ह
lsquoअन बलीवबल राघव न कहा lsquoमन सोचा था क म शायद एआईईईई लीयर करपाऊगा ल कन जईई वॉव
lsquoकौन-सी आईआईट म जा रह होrsquo मन कहा
lsquoम आईट -बीएचय जॉइन कगा मझ अ ाच मल जाएगी और वह भीवाराणसी म राघव न कहा
आईट -बीएचय यानी बनारस ह य नव सट का इ टट यट ऑफ टनोलॉजीवाराणसी का सबस त त कॉलज था वह अपनी भत या जईई क माफ त
सचा लत करता था ल कन उसक ाड ह सयत आईआईट क बराबर नह थी
lsquoबीएचय यrsquo मन कहा
lsquoम पाट टाइम जन लम भी करना चाहता यहा क अखबार म मर कॉटटस हराघव न कहा
जब लोग को कोई चीज ततरी म सजाकर पश क जाती ह तो व उसक क नहकरत न त ही राघव क मन म लखक बनन क इ ा थी कछ अखबार म उसक कछसपादक क नाम प और लख भी छप थ बहरहाल मझ उसक बात बतक लगी
lsquoतम एक हॉबी क लए आईआईट छोड़ दना चाहत होrsquo मन कहा
lsquoजन लम मरी हॉबी नह पशन हrsquolsquo फर तम इजी नय रग य कर रह होrsquolsquoडड क लए और य मन उह कहा ह क म बीएचय इस लए जॉइन कर रहा
य क मझ कयटर साइस जसी एक बहतर ाच मल जाएगी तम उह कछ मतबतानाrsquo
lsquoराघव तम अब भीlsquoराघवrsquoबाहर स मटर कयप क चलान क आवाज आई
lsquoसॉरी मझ जाना होगा राघव न कहा lsquoबाद म मलत ह आरती को भी बलानातहारी मझ पर एक पाट बकाया हrsquo
वह जान क लए उठ खड़ा आ
जब लोग कछ हा सल कर लत ह तो व सफ ऑस हो जात ह lsquoजानना चाहत होअब म या करन वाला rsquo मन बपरवाही क साथ कहा
राघव क गया lsquoओह सॉरी हा हा बताओ ना उसन कहा पता नह उस मरी बातसनन म दलच ी थी या वह इस एक बोझ समझ रहा था
lsquoइलाहाबाद य नव सट म वहा स एक बार फर को शश कगा मन कहा
lsquoअ ा याल ह राघव न कहा lsquoमझ परा यक न ह क तम कछ न कछ क करोगकम स कम एआईईईई तो जर हीrsquo
जब लोग जईई लीयर कर लत ह तो व lsquoकम स कम एआईईईई तो जर ही lsquoजसजमल का इतमाल करन लगत ह
म मकरा दया lsquoबाबा चाहत ह क म फर स को शश करन क लए पढ़ाई का एकसाल भी ड़ाप कर rsquo
lsquoहा तम ऐसा भी कर सकत हो राघव न कहा उसक पता एक बार फर चलाए
lsquoठ क ह अब जाओ lsquoमन कहा lsquoअब म भी चलता rsquolsquoसी य बडी lsquoराघव न मरा क धा थपथपात ए कहा
lsquoनह बाबा मन कहा lsquoम कोटा नह जाऊगाrsquoबाबा न मरी जानकारी क बना परा एक हता कोटा पर रसच करत ए बताया था
lsquoबसल एड रजोनस आर बट उहन कहा lsquoआपको कस पताrsquolsquoम रटायड ट चर म पता लगा सकता rsquolsquoट मन कहा
lsquoम तह कोटा भजन को तयार ट यशन क लए सालाना तीस हजार पए लगगल वग एसस म महीन क तकरीबन तीन हजार खच हग तो बारह महीन का कतनाआ तीस हजार लस छ ीस हजारrsquoबाबा न फसफसात ए कहा
lsquo छयासठ हजारrsquoमन कहा lsquoऔर एक साल का नकसान भी बाबा आपको यालगता ह हम कह क राजा-रजवाड़ हrsquo
lsquoमर पास चालीस हजार का एक फस डपॉ जट ह जसक बार म मन तह नहबताया ह बाबा न कहाrsquo पछल तीन साल म म जतनी बचत कर सकता था उतनी क हइतना पसा शआत क लए काफ ह बाक क लए हम कछ बदोबत करगrsquo
lsquoतो हमार पास जो थोड़ा-बत पसा ह उस हम ट यशस पर उड़ा द कसी रदराज कइलाक म वस कोटा ह कहाrsquo
lsquoराज ान म र ह ल कन यहा स कोटा क लए सी ध टरन ह बाइस घट का सफरहrsquo
lsquoबाबा ल कन म कॉलज जॉइन य नह कर सकता पसा दना ह तो उसक लएद जए कम स कम मर पास डी तो होगीrsquo
lsquoएक बकार-सी डी हा सल करन म भला या तक ह और बहतर को चग क बनातम फर स को शश कस कर पाओग तम कछ ही मास स एक अ रक हा सल करनस चक गए हो शायद कोटा तह व एका मास हा सल करन म मदद करrsquo
म कय था मन कभी नह सोचा था क म सरी बार भी को शश कगा एकसाल क लए अपन शहर स इतनी र जाना तो र क बात ह
lsquoतह अपनी ओर स परी को शश करनी ही होगी राघव को दखो उसक परी जदगीअब सट हो गई ह बाबा न कहा
lsquoराघव को दखो lsquoहा यह नई दवाई अब वाराणसी क हर ब क गल क नीच उतारी जारही थी lsquoहम यह अफोड नह कर सकत मन अपन वचार को एकजट करत ए कहाlsquo फर यहा आपका याल कौन रखगा इलाहाबाद यहा स पास ह म हर हत यहा आसकता आप भी वहा आ सकत ह
lsquoम मनज कर लगा वस भी घर का यादा काम तो म ही करता नाrsquo बाबा न कहा
मन आरती क बार म सोचा न त ही बोट पर उसन मझ ना कह दया था ल कन मजानता था क वह मरी कतनी फ करती ह ऐसा एक भी दन नह जाता था जब हमआपस म बात न कर उसी न मझ सझाया था क म यहा क कसी कॉलज म जाऊ औरमझ अपन मास क हसाब स एक अ ा कोस भी मल गया था अब म उस कसबताऊगा क म कोटा जा रहा
न त ही म बाबा को वाराणसी म कन का यह कारण नह बता सकता था lsquoम वादाकरता क म अगली बार और यादा महनत कगा मन कहा
lsquoतम यहा घरल कामकाज ही करत रह जाआग बाबा न अचानक चलात ए कहाlsquoतम कोटा जा रह होrsquo
lsquoआपक पास चालीस हजार ह बाक क पस का बदोबत कस होगा और हम सफरकताब एटरस एजाम फ स जस खचा का भी बदोबत कस करगrsquo मन कहा
बाबा न मझ अपनी झ रयदार तजनी दखाई उस पर सोन क एक मोट अगठ थीlsquoमझ अब इस बकार अगठ क कोई जरत नह ह उहन कहा lsquoहमार पास तहारी माक भी कछ वलरी हrsquo
lsquoआप को चग लासस क लए मा क वलरी बच दना चाहत हrsquolsquoमन यह सब तहारी पनी क लए बचा रखा था ल कन अगर तम इजी नयर बन गए
तो तम उसक लए खद ही यह सब खरीद सकत होrsquolsquoऔर अगर आपक तबीयत खराब हो गई तो या होगा बाबा हम यह सब म डकल
इमजसी क लए बचाकर रखना चा हएrsquolsquoतम इजी नय रग कॉलज जॉइन करोग तो मरी उ दस साल घट जाएगी बाबा न हसत
ए कहा व माहौल को थोड़ा हका बनान क को शश कर रह थ मन उनक चहर कोदखा उनका आग का एक दात गायब था ल कन उनक हसी ही मर लए सब कछ थीमन कोटा क बार म सोचा लगता तो यही था क कोटा क को चग लासस वाकई स
एजाम लीयर करन म टडट स क बत मदद करती ह फर मन सरी बात क बार मसोचा ndash कोटा म रहन क लए जरी पसा अ न तता और जा हर ह आरती स रीlsquoअपन बाप क लए तम इतना नह कर सकत lsquoउहन कहा lsquoसभव होता तो म भीतहार साथ कोटा चला जाता ल कन मर लए इतना लबा सफर तय करना क ठन ह फरहम अपन इस छोट-स घर का रखरखाव भी करना होगाrsquo
lsquoठ क ह बाबा य द म कोटा जाऊगा तो अकल ही जाऊगा lsquoमन कहा
lsquoतहारी मा भी यही चाहती थ क तम इजी नयर बनोrsquoमन द वार पर मा क तवीर क ओर दखा व खश सदर और यवा नजर आ रही थ
lsquoअपन पता का यान रखना lsquoमानो व मझस कह रही ह
lsquoतम कोटा जाओग ना lsquoबाबा न कहा
lsquoय द इसस आपको खशी मलती ह तो हाrsquolsquoमरा बटा lsquoबाबा न मझ गल लगाया ndash एआईईईई क नतीज आन क बाद पहली बार
lsquoकाल वाल दखाना lsquoआरती न कानदार को बारह लॉथ हगस का एक सट दखात एकहा
हम नादशर रोड पर घरल सामान क एक कान म आए थ ता क उन चीज कखरीदारी क जा सक जनक मझ कोटा म जरत पड़न वाली थी
lsquoम खरीदारी म तहारी मदद कर रही इसका यह मतलब नह क तह वाराणसी सजाता दखकर मझ खशी हो रही ह आरती न कहा
lsquoअगर तम कह दो तो म अपना टकट रद द करवा गाrsquoउसन मर गाल पर अपनी हथली रख द lsquoमझ बत बरा लग रहा ह क मरा सबस
अ ा दोत जा रहा ह ल कन तहार लए यही सही होगाrsquoउसन हगस ल लए उनक क मत पचास पया त सट थी lsquoअकल म टॉवस
सोप डशस और ढर सरी चीज ल रही आपको अ ा डकाउट दना चा हएrsquoकानदार न मह बनाया ल कन उसन इस अनदखा कर दया
lsquoथक य फॉर क मग मझ तो समझ ही नह आता क या लना चा हए और या नहमन उसस कहा
lsquoतमन खाना पकान क बतन लए भल गए नाrsquo
lsquoम वहा खाना नह पकाऊगा ट फन बलवा लगाrsquoआरती न मरी बात अनसनी कर द वह बतन वाल स न क ओर गई और ट ल
का एक बड़ा-सा बडल उठा लया
lsquoइमजसी क लए आरती न कहा lsquoय द म तहार साथ कोटा जाती तो तह रोज अपनहाथ स खाना पकाकर खलातीrsquo
उसन अपन गोर हाथ म चमकदार बतन थाम रखा था मर जहन म यह तवीर क धगई क वह मर कचन म ह और खाना पका रही ह आ खर आरती इस तरह क बात यकरती ह अब म उसस या क lsquoम अ -स मनज कर -लगा मन कहा
कानदार न बल बनाया आरती न मरी ओर दखा वह जब भी मझ दखती थी ममफ ध रह जाता था वह दन-ब- दन और खबसरत होती जा रही थी
एक छोट -सी लड़क जो अपनी मा क साथ शॉप पर आई थी आरती क पास आईlsquoया आप ट वी पर आती हrsquo
आरती न अपना सर हलाया और मकरा द फर वह कानदार क ओर मड़ीlsquoअकल ट वट परसट डकाउट lsquoआरती अपन लस को लकर बत सचत नह थी वहबार-बार आईन म अपनी शल नह दखा करती थी न कभी मकअप करती थी और यहातक क उसक बाल भी उसक चहर पर बखर रहत थ ल कन इसस वह और आकषकलगती थी
lsquoअब चलrsquo उसन कहा
lsquoहाटवरrsquolsquoया आrsquolsquoतम जात-जात ऐसी बात कह जाती हो क अगर म भी तहार साथ कोटा चलतीrsquolsquoम आ सकती म डड को कह गी क म भी एक साल रपीट करना चाहती य
नवर नो lsquoउसन अ ख मारत ए कहा
मन उसक ओर दखा म उसक इस बात म गभीरता क एक झलक तलाश रहा थाया ऐसा मम कन होगा
lsquo रयलीrsquo मन उसक बात पर लगभग भरोसा करत ए कहा
lsquoम मजाक कर रही ट पड मन तह बताया था ना मन असन कॉलज मसाइकोलॉजी ऑनस क लए एनरोल कया हrsquo
lsquoमन सोचा कrsquo
lsquoतम इतन ब य होrsquo वह यकायक ठहाका लगाकर हस पड़ी lsquoया कहाrsquo मनकहा उसन मर गाल खच lsquoओह मन कहा और खद को सभाला
जा हर ह वह कसी सरत म कोटा नह आ सकती थी म कोई ब इसान नह मचीज को समझता ल कन आरती मर सोचन-समझन क ताकत को कमजोर बना दतीथी जब म उसक साथ होता था तो कछ सोच नह पाता था
मन सामान उठाया मन दखा क वह कानदार को पस द रही ह lsquoको मन कहाlsquoपस म गाrsquo
lsquoरहन दो चलो चलत ह उसन कहा उसन मरी कोहनी थामी और मझ कान स बाहरल आई
lsquo कतना आrsquo मन अपना वॉलट सभालत ए कहा
उसन मरा वॉलट लया और मर शट क पॉकट म खस दया फर उसन मर हठ परएक अगली रख द
आ खर लड कया ऐस कयज करन वाल सनस य दती ह उस दन बोट परउसन मझ दोटक जवाब द दया था इसक बावजद वह य बो रग लॉ थ हगस खरीदन कलए मर साथ कान तक आई और मझ प भी नह करन दया वह दन म तीन बार मझफोन कर पछती ह क मन खाना खा लया ह या नह या वह वाकई मरी फ करती ह
lsquoतम सगरा पर नए डो मनो ाय करना चाहोग lsquoउसन कहा
lsquoघाट पर चल lsquoमन कहा
lsquoघाट पर lsquoउसन कहा वह चक ई थी
lsquoवाराणसी स जान स पहल म उसक मौजदगी क अहसास को परी तरह जी लनाचाहता rsquo
हम ल लता घाट क सी ढ़य क ओर बढ़ चल दाई ओर भीड़ भर दशा म ध कतलना म यह घाट यादा शात रहता ह हम एक -सर क आमन-सामन बठ गए औरसाझ क सरज क साथ गगा को रग बदलत दखत रह हमार बाई ओर म णक णका घाट परकभी न बझन वाली चता क लपट नजर आ रही थ इस घाट का नाम शव क कण-कडल क नाम पर रखा गया ह कहत ह एक बार नय क दौरान शव क कण-कडल यहागर गए थ इस ान को शवदाह क लए सबस प व माना जाता ह
उसन मरी कोहनी को धीम-स थामा मन आज -बाज दखा कछ ट रट और सा धक अलावा वहा कछ ानीय लोग भी थ मन अपनी कोहनी छड़ा ली
lsquoया आrsquo उसन कहा
lsquoऐसा मत करो यह ठ क नह ह खासतौर पर तहार लएrsquolsquoयrsquolsquoय क तम लड़क होrsquoउसन मरी कोहनी पर चपत लगात ए कहा lsquoतो या आrsquolsquoलोग बात करत ह व उन लड़ कय क बार म अ बात नह करत जो घाट पर
लडक क कोह नया थामकर बठ रहती हrsquolsquoहम कवल बत अ दोत ह उसन कहा
मझ इस वाय स नफरत थी म उस बताना चाहता था क उसक जदगी म मरी याजगह ह हाला क म हमार रत म कडवाहट भी नह घोलना चाहता था lsquoल कन अब मजा रहा lsquoमन कहा
lsquoतो हम टच म रहग एक-सर स बात करग हम नट पर चट भी कर सकत हकोटा म सायबर कफ ह ह नाrsquo
मन सर हला दया
lsquoऐस उखड़-उखड़ मत नजर आओ उसन कहा हमन र म दर क घ टया बजतसन शाम क आरती श होन वाली थी
lsquoतहारी ॉलम या हrsquo मन कहा
lsquoकौन-सी ॉलमrsquolsquoहमार बार म दोती स आग हमार रत क बार मrsquolsquoलीज गोपाल फर नहrsquoम चप हो गया हम र स शाम क आरती दखत रह दजनभर पजारी बड़ी-बड़ी
द पब या लए एक सर म इस तरह गा रह थ जस गायक प भ म म गनगनात हपजा रय क आसपास सकड़ ट रट थ वाराणसी क घाट क आरती को आप चाहजतनी बार दख ल व हमशा आपको समो हत कर लती ह मर पास बठ आरती क तरहउसन मोरप खया सलवार-कमीज और मछली क आकार क चाद क ईयर रस पहनीथ
lsquoम उस तरह स महसस नह करती गोपाल उसन कहा
lsquoमर बार मrsquolsquo कसी क भी बार म और मझ हम दोन क बीच का यह रता अ ा लगता ह या
तह नह अ ा लगताrsquolsquoमझ भी अ ा लगता ह ल कन अब म जा रहा अगर हम कोई क मटमट करत तो
या यह अ ा नह होताrsquolsquoक मटमट गोपाल अभी हमारी उ ही या हrsquoवह हस पड़ी फर वह उठ खड़ी ई
lsquoचलो तहारी याा शभ रह इसक लए नद म द य बहात हrsquoबात बदलन म लड़ कय का कोई सानी नह ह
हम नद क ओर चल गए उसन पाच पए म छह चलत ए द य का एक सटखरीदा उसन एक द या मरी ओर बढ़ाया फर उसन एक द या नद म बहा दया मराहाथ थाम ए उसन कहा lsquoचलो तहारी कामयाबी क लए साथ-साथ ाथना करत हrsquo
lsquoजो तम चाहत हो कोटा म वह तह मल उसन आख बद करत ए कहा
मन उसक ओर दखा जो म वातव म चाहता था वह कोटा म नह था उस तो म यहावाराणसी म अपन पीछ छोड जा रहा था
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कोटा
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कोटा पचन क लए मझ खचाखच भरी ारका एसस म 23 घट सफर करना पड़ा
मन वनीत को ईमल कया था वनीत वाराणसी का लड़का था जसन पछला सालकोटा म बताया था मन को चग लासस क बार म जानकारी हा सल क बसल एडरजोनस सबस जानी-मानी को चग लास थी बहरहाल व टडट स क क नग खद अपनटट स करत थ य द म बसल एड रजोनस म दा खल होन म कामयाब नह हो पाता तोकोटा म उसस कमतर और अनक को चग लासस थ जनम मर जस लजस पढ़ाई करसकत थ
बहरहाल को चग लास खोजन स पहल मझ रहन क जगह का बदोबत करना थावनीत न मझ पइग गट स वधा वाल कछ घर क बार म बताया था मन रलव टशन सएक ऑटो पकड़ा और कहा lsquoबसल लासस क पास महावीर नगर म गायी सोसायटब ग चलोrsquo
ऑटो कोटा क धलभरी सड़क पर दौड़ता रहा वह भारत क कसी भी अय छोटशहर जसा लग रहा था जहा बत फक और षण होता ह और टलीकॉम अडर वयरऔर को चग लासस क जरत स यादा हो डस होत ह म सोचन लगा क आ खर इसजगह म ऐसा या खास था आ खर यह शहर नया क सबस त धामक परीापास करन म हजार व ा थय क कस मदद कर पाता ह
lsquoआईआईट या म डकलrsquo ऑटो ड़ाइवर न पछा उसक बाल सफद थ और उसकदात क रग स मल खात थ
म समझ गया क कोटा म या खास था यहा क सभी लोग को -ऐस एजास क बारम जानकारी होती ह
lsquoआईआईट lsquoमन कहा
lsquoबसल बट ह ल कन उनक एस एजाम अगल हत शड य हrsquolsquoतह यह सब पता हrsquo म ड़ाइवर क नॉलज स हरान था
वह हस पड़ा उसन पीछ मड़त ए कहा lsquoमरी परी फ मली एजकशन बजनस म हमरी वाइफ ट फन बजनस चलाती ह तह ट फन क जरत हrsquo
मन सर हला दया
lsquoमरा नाम शकर ह म अलवर स lsquoउसन कहा उसन ीज म सना अपना हाथ आगबढ़ाया
मन उसस जरा-सा हाथ मलाया lsquoम गोपाल वाराणसी सrsquoउसन मझ ट फन स वस क लए एक बजनस काड दया दन म दो बार क खान क
लए पह सौ पया तमाह
lsquoआपक खान-पान क चता हम करन द जए आप कवल पढ़ाई क जए एजामबत क ठन हrsquo
lsquoकौन-सा एजामrsquo मन कहा
lsquoआईआईट क लए जईई या गोपाल भाई हम इतन अनएजकटड भी नह हrsquo
हम गायी सोसायट कपाउड पच एक जग लगा लोह का दरवाजा अपाटमट स क जजरलॉक क पहरदारी कर रहा था सफाई करन क मकसद स एक वीपर अपनीवशालकाय झाड क मदद स हवा म धल का गबार उड़ा रहा था म ब ग क -हस परबनी छोट -सी गाड पोट पर गया भीतर एक वॉचमन बठा था
lsquo कसस मलना हrsquo वॉचमन न कहा
lsquoमझ एक कमरा कराय स चा हए lsquoमन कहा
वॉचमन न मझ ऊपर स नीच तक दखा फर उसन मर खचाखच भर फट-परान दोसटकस दख एक म कपड़ भर थ और सर म व कताब जो मझ जदगी म कोई भीमकाम दला पान म नाकाम रही थ मर कध पर लटक झोल म वह सामान था जो आरतीन मझ खरीदकर दया था म उस मस कर रहा था म सोच रहा था क या मझ यहाकोई एसट डी बथ मलगा जहा जाकर म उस फोन लगा सक
lsquoआईआईट या म डकल lsquoवॉचमन न सनी रगड़त ए कहा कोटा क लोग तब तकबाहरी लोग को अपन यहा नह रखत जब तक व यह नह जान लत क व यहा या करनआए ह
lsquoआईआईट मन कहा म चाह रहा था क वह अपन लए नको टन का बदोबत करनक बजाय मझ थोड़ी और तव ो दगा
lsquoफट टाइम ह या रपीट कर रह होrsquo वॉचमन न अगला सवाल दागा वह अब भी मरीओर नह दख रहा था
lsquoया इसस कोई फक पड़ता हrsquo मन कहा अब म खीझ रहा था
lsquoहा फक पड़ता ह उसन कहा और अपन मह म सनी उड़ल द lsquoय द तहारा फटटाइम ह तो तम एक कल भी जॉइन करोग और अ धकतर समय घर स बाहर रहोगल कन रपीटस कवल को चग लासस क लए बाहर जात ह उनम स कई तो दनभरसोत रहत ह कछ मकान मा लक को यह पसद नह ह इस लए मझ सही-सही बताओगतो म तह सही जगह दखा सकता rsquo
lsquo रपीटर मन कहा पता नह य यह कहत ए मरी नजर झक गई मरा याल ह कजब आप कसी एटरस एजाम म फल हो जात ह तो सनी चबान वाल वॉचमन क सामनभी खद को छोटा महसस करन लगत ह
lsquoह भगवान एक और रपीटर वॉचमन न कहा lsquoकोई बात नह म को शश कगापहल मरी फ स तय कर लत हrsquo
lsquoयाrsquo मन कहा
lsquoम महीन भर क कराय का आधा लता तहारा बजट या हrsquolsquoदो हजार पया महीनाrsquolsquoबस इतना हीrsquo वॉचमन न कहा lsquoचार हजार तक का बजट बनाओ म तह एक
ब ढ़या शयड एयर कडीशड म दला गाrsquolsquoम इतना खच अफोड नह कर सकता मन कहा
वॉचमन उपहासपण तरीक स मकराया जस क कसी न कसी पाच सतारा बार मदशी ठरा माग लया हो
lsquoयाrsquo मन कहा म सोच रहा था क या मझ कोटा म अपनी पहली रात सड़क परबतानी होगी
lsquoआ जाओ उसन कहा उसन दरवाजा खोला और मर सटकस अपन क बन म रखवालए वह पहल अपाटमट लॉक क सी ढ़या चढकर ऊपर चला गया
lsquoसर लडक क साथ शयर करोग एक म ह वॉचमन न कहा lsquoकर सकता lsquoमनकहा lsquoल कन म पढ़ाई कस कगा मझ ाइवट कमरा चा हए चाह छोटा ही सहीrsquo
सवाल पढ़ाई का नह था म अकला रहना चाहता था
lsquoओक फय लोर पर चलो वॉचमन न कहा
हम तीन म जल और चढ़ थकान क कारण म हाफन लगा बहद गम क वजह स भीदकत हो रही थी lsquoकोटा बत गम शहर ह जद स जद इस मौसम क आद हो जाओवॉचमन न कहाrsquoबाहर तो गम क मार जान ही नकल जाती ह इसी लए यह घर मघसकर रहन और पढ़ाई करन क लए एक अ जगह हrsquo
हम चौथी म जल पर पच म अब भी हाफ रहा था ल कन वॉचमन लगातार बोलचला जा रहा था lsquoतो तम वाकई पढ़ाई करना चाहत हो या बस य हीrsquoवह कहत-कहतक गया
lsquoबस य ही याrsquo मन कहा
lsquoटाइमपास कई टडट स यहा इस लए आत ह य क उनक परट स उह यहा भजदत ह व जानत ह क व पास नह हो पाएग ल कन यहा आन क कारण व कम स कमएक साल तक अपन परट स क झड़ कय स तो म पा जात ह उसन कहा
lsquoम पास होना चाहता और म पास होकर ही रगा मन कहा उसस यादा अपन आपस
lsquoगड ल कन य द तह बीयर या सगरट जसी चीज क जरत हो तो मझ बतानाइस हाउ सग सोसायट म इस सब क इजाजत नह हrsquo
lsquoतोrsquolsquoजब तक बरज तहारा दोत ह तह फ करन क कोई जरत नह ह lsquoउसन मझ
अ ख मारत ए कहा
हमन पाचव म जल पर मौजद लट क घट बजाई एक बजग म हला न दरवाजाखोला
lsquoटडट lsquoवॉचमन न कहा
म हला न हम भीतर आन दया कमरा दवाइय और नमी क गध स भरा था वॉचमनन मझ वह कमरा दखाया जो कराय पर दना था म हला न एक टोरम को टडी औरबडम म कनवट कर दया था कमरा इतना छोटा था क उसम हम तीन लोग म कल सही खड़ हो पा रह थ
lsquoपढ़ाई क लए यह परफट हrsquo वॉचमन न कहा जसन शायद अपन जीवन म एकदन भी पढ़ाई नह क होगी lsquoयह कमरा ल लो यह तहार बजट म भी हrsquo
मन सर हला दया कमर म खड़ कया नह थ बजग म हला या तो बहरी थी याबद मजाज या शायद दोन ही पर समय उसका मह बना रहा म यहा नह रहना चाहताथा आ खर म वाराणसी म य नह पढ़ाई कर सकता था आ खर इस जगह म ऐसा याखास था म जद स जद कोटा स चल जाना चाहता था
म लट स बाहर चला आया वॉचमन दौड़ाndashदौड़ा मर पीछ आया
lsquoय द तम ऐस ही नखर दखात रहोग तो तह कछ नह मलगाrsquolsquoतो म वाराणसी लौट जाऊगाrsquo मन कहा
मन सोचा क य द मन छह और मट पलndash चॉइस व स क जवाब द दए होत तोमरी जदगी कतनी अलग होती मन राघव क बार म सोचा जो शायद इस व बीएचयक स म अपना ओ रएटशन अटड कर रहा होगा मन आरती और हमारी दली बातचीतक बार म सोचा मन बाबा क खराब सहत और इस कड़ागाह म मझ झक दन क उनकढ़ इ ा क बार म सोचा मरा गला ध गया म सी ढ़या उतरन लगा
lsquoया अपना बजट बढ़ाओrsquo वॉचमन न मर पीछ आत ए कहा
lsquoम ऐसा नह कर सकता मझ खान और को चग लासस क लए भी पसा बचानाहrsquo मन कहा
अब हम ाउड लोर पर आन पच थ lsquoपहली बार घर स बाहर नकल होrsquo वॉचमनन कहा lsquoअपनी मा को याद कर रह होrsquo
lsquoव अब इस नया म नह हrsquo मन कहा
lsquoउनक मौत हाल ही म ई हrsquo वॉचमन न पछा कछ लोग को अजन बय स नयाभर क सवाल पछना बकल सामाय लगता ह
lsquoउनक मौत चौदह साल पहल हो गई थीrsquo मन कहा
म गाड क पोट पर आया और अपन बस उठा लए lsquoथक य बरजrsquo मन कहा
lsquoअब तम कहा जाओग कोई शयड म ल लोrsquo उसन अनरोध करत ए कहा
lsquoअभी तो म कसी सतीndashसी होटल म बसरा बनाऊगा मझ अकल रहन क आदत हम जद ही कोई न कोई राता नकाल लगाrsquo
बरज न मझस सटकस लए और उह नीच रख दया lsquoमर पास एक अ ा कमराहrsquo उसन कहा lsquoतमन जसा कमरा दखा ह उसस दोगना बड़ा उसम खड़ कया भी हऔर एक बड़ा पखा ह एक रटायड दपती वहा रहत ह वह तहार बजट म होगाrsquo
lsquo फर तमन वह मझ पहल य नह दखायाrsquolsquoउसक साथ एक ॉलम हrsquolsquoयाrsquolsquoउस घर म कसी क मौत ई थीrsquolsquoकौनrsquo मन कहा मर लए यह कोई बड़ी बात नह थी म वाराणसी स था जहा परी
नया अपन आ खरी दन बतान क लए आती ह
lsquoवहा कराय स रहन वाला एक टडट वह पास नह हो सका तो उसन आमहयाकर ली यह दो साल परानी घटना ह ल कन वह कमरा तभी स खाली पड़ा हrsquo
मन कछ नह कहा
lsquoअब समझ मन तह पहल उसक बार म य नह बताया थाrsquo बरज न कहा
lsquoम वह कमरा लगाrsquo मन कहा
lsquoवाकईrsquolsquoमन ताउ लाश को जलत और नद म तरत दखा ह य द कसी लजर न फासी लगा
ली तो इसस मझ कोई फक नह पड़ताrsquoवॉचमन न मर सटकस उठा लए वह तीसर लोर पर अगल लट म चला गया वहा
एक दपती रहत थ जनक उ साठ पार कर चक थी उनका घर चकाचक साफ रहताथा टndashलट म म एक बड टबल कबड और पखा था
lsquoपह सौrsquo मन कहा वॉचमन न मझ डट लक द
बजग दपती न एकndashसर क ओर दखा
lsquoमझ पता ह यहा या आ था और मझ उसस कोई फक नह पड़ताrsquo मन कहा
बजग न सर हलाया lsquoम आरएल सोनी म पीडयडी म काम करता थाrsquoउहन अपना हाथ आग बढ़ाया
मन सती क साथ उनस हाथ मलाया lsquoम गोपाल आईआईट रपीटर और इसबार मरा पास होन का इरादा हrsquo मन कहा
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मन ोशर को बतर पर फ का और अपन जत और जराब नकाल लए मन परा दनअलगndash अलग को चग कस क चकर काटत ए बताया था दोपहर क तीन बज थऔर ऐसा लग रहा था जस मर कमर म बस आग ही लगन वाली हो
मटर सोनी न धीमndashस मर कमर क दरवाज पर दतक द lsquoतहारा लचrsquo उहनकहा और मरी टडी टबल पर ट फन रख दया
मन कतता म सर हलाया गम इतनी थी क खशीndashखशी अ भवादन करन का जीन आ मन अपन रहन और खान का बदोबत कर लया था बहरहाल कोटा म मरीसबस बड़ी चनौती आरती क याल स जझन क अलावा यह थी क म कसी अ टडी ोाम म एनरोल क मर पछल तीन दन हर को चग कल क चकर काटत एही बीत थ मन उन को चग कस क इन बलद दाव को बदात कया क व कसी भीउल क पट ठ को आईआईट यन बना सकत ह मन उनक बहद लचील (और न त हीबहद महग) फ स चर पर नजर दौड़ाई बसल रजोनस और क रयर पाथ हर कसी कटॉप चॉइस लगत थ इन सभी क अपन खद क क ठन ndashऐस एजास थ वातव म अबकोटा म ऐसी छोट को चग कान भी थ जो इन टॉप को चग लासस म दा खल होन मआपक मदद कर सकती थ और व टॉप को चग लासस कसी इजी रय रग कॉलज मदा खल होन म आपक मदद करती थ एक बार वहा पच जान क बाद आप इजी नयरबनन क लए जी तोड़ पढ़ाई करत ह न त ही बतर इजी नयर एमबीए भी करना चाहतह लहाजा को चग लास का यही दौर एक बार फर श हो सकता ह मर जस हरमामली भारतीय छा को एक अ ा जीवन बतान क लए टटस लासस चयन औरतयारी क इस पचीद भवर स होकर गजरना ही पड़ता ह नह तो मझ वॉचमन बरज जसाकोई जॉब करन या इसस भी सरल शद म क तो मझस पहल मर कमर म रहन वालमनोज द क तरह खद को फासी क फद पर लटका दन क लए तयार रहना होगा
मन पखा चलाया यह वही पखा था जस पर लटककर मनोज जीवन क एसएजाम स बाहर हो गया था पखा गम हवा को ही फर स कमर म फ क रहा था
lsquoघर पर फोन लगाया थाrsquo मटर सोनी न पछा
lsquoहाrsquo मन कहा मटर सोनी मझस दन म कम स कम दो बार यह सवाल पछत थमझ लगता ह मनोज द अपन घर असर फोन नह लगाता होगा और शायद यही उसकअकलपन और अवसाद का कारण रहा होगा
lsquoउह अपन बार म बतात रहना ठ क ह तह अपन परट स स यादा कोई यार नहकर सकताrsquo मटर सोनी न कमर स बाहर नकलत ए कहा
मन दरवाजा बद कर दया और अपनी कमीज नकाल ली मझ नाव चलाए दस दनहो गए थ मझ लग रहा था जस मरी बाह ढ ली पड़ गई ह म कसरत करना चाहता थाल कन पहल मझ ढर ोशस पड़ डालन थ
मन वातव म दन म दो बार बाबा को फोन लगाया था व ठ क ही लग रह थ मनउह बताया था क मन अगल साल क लए तयारी श कर द ह जब क मन अभी तककताब भी खोलकर नह दखी थी मझ इसक फ भी नह थी म जस भी को चगलास को जॉइन करता वह मझस जद ही कड़ी महनत करवान वाली थी
म पहल आरती स बात करना चाहता था मन उस चार बार फोन लगाया था ल कनएक बार भी उसस बात न हो सक पहली दो बार उसक मा न फोन उठाया था उहनमझ बताया था क एक बार तो आरती अपन दोत क साथ बाहर गई थी और सरी बारअपन कॉलज का एड मशन फॉम जमा करन क लए मन अगल दन भी उस दो बार फोनलगाया और इस बार भी दोन ही बार उसक मा न फोन उठाया मन बना कछ कह फोनरख दया म नह चाहता था क आरती क मा उसस कह क आ खर यह लड़का तहइतनी र होन क बावजद बारndash बार फोन य लगाता ह इसस अ ा असर नह पडताह आरती न कहा था क वह जद ही एक सलफोन ल लगी म भी यही चाहता था ऐसालगता था क आजकल हर क पास सलफोन ह अमीर क पास तो न त ही
आरती क पास मझ फोन लगान क लए कोई नबर नह था मझ ही कल फर को शशकरनी थी
मन हर रग का ोशर उठाया कवर पर नया क कछ सबस बदसरत लोग क फोटोथ य उस इ टट यट क आईआईट टॉपस थ उहन टथपट का वापन करन वालमॉडस स भी यादा खीस नपोर रखी थ अलब ा उनक दात इतन अ नह थ
च क व जाया करना मरा सबस पसद दा शौक था इस लए म शाम को ोशस कआपस म तलना करना रहता था नह म कोस मट रयल ससस रट स या फ स चसक तलना नह करता था य क सभी तो अपन आपको इन म सव बतात थ मउनक सबस सफल टडट स क तवीर क तलना कया करता था कसक यहा सबसबदसरत लड़का ह कसक यहा सबस वरट लड़क ह वगरहndashवगरह इस सबका कोईमतलब नह था ल कन मर कोटा म होन का भी तो कोई मतलब नह था
मन बसल का ोशर दखा जो क कोटा क इस लोक का अमत पा था बसलाइट सकोटा क कल टडट स आ करत थ मझ बसल का ही इ तहान पास करना था ल कन
तीन दन बाद होन वाल टट क लए मरी न क बराबर तयारी थी वातव म अनक को चगलासस क एजास एक हत क भीतर ही होन वाल थ अगल एजास एक महीन बादथ अब मझ कसी न कसी को जॉइन करना ही था य द म अब भी कछ नह करता तो ममनोज द स भी अ धक तजी स पागल हो सकता था
हर इ टट यट ए लकशन फॉम क लए हजार पए माग रहा था चाह व आपकोसलट कर या न कर चाह आप जॉइन कर या न कर फ स चकानी ही थी मर पासपचास हजार पए थ और बाबा न मझस वादा कया था क छह महीन बाद व मझ औरपसा दग मर पास सी मत सया म पसा था इस लए मझ उस बत च नदा तरीक स हीखच करना था
मन पाच को चग इ टट यट स को शॉट लट कया ndash बसल क रयर पाथ रजोनसऔर दो नए व इन तीन क तलना म अ धक सत ndash एम ndash आईआईट औरक रयरइनाइट
एम ndash आईआईट क ोशर पर लखा था ndash हम हर टडट क इस लोकता कअ धकार म व ास करत ह क उस को चग मल इस लए हम एस एजास नह लतयानी इसका मतलब यह था क एम ndash आईआईट को चग लासस क णी मशा मल नह था अगर व अपन ोशर पर यह लखत तो भी चलता ndash lsquoय द आपक पासनगद पया ह तो आपका वागत हrsquo
मन अपनी बाक क शाम उबाऊ और दोहराव स भर फॉस भरत ए बताई म खदको यह कहत ए रत करता रहा क म डनर स पहल एक बार फर आरती स बात करनक को शश कगा
शाम सात बज म ईव नग वॉक क लए बाहर नकल आया सड़क उन पढ़ाक टडट स सभरी पड़ी थ जो ताजा हवा क अपनी रोजमरा क खराक लन बाहर नकल आए थ
मझ एक एसट डी बथ नजर आया
lsquoहलोrsquo मटर धान क रौबदार आवाज सनाई द मन फौरन फोन काट दया
एसट डी बथ का मीटर जराndash सा घराया
lsquoतह प करना पड़गाrsquo कानदार न उखड़ ए ढग स कहा मन सर हला दया
मझ कसी स बात करन क जरत महसस हो रही थी म बाबा को सबह फोन लगाचका था मन राघव को कॉल कया
lsquoराघव म बोल रहा गोपाल कोटा सrsquo मन कहा मन अ तम शद को कोमलता सकहा था
lsquoगोपाल ओह वॉव हम तहार बार म ही बात कर रह थrsquo राघव न कहा
lsquoमर बार म रयली कसक साथrsquo मन कहा
lsquoआरती यहा ह तम कस हो मन कोटा म कसा लग रहा ह वी मस यrsquolsquoआरती तहार यहा हrsquo मन उलझन भर मन स पछा
lsquoहा वह चाहती थी क म कोस चनन म उसक मदद क वह साइकोलॉजी कोलकर मन नह बना पा रही हrsquo
आरती न बीच म राघव स फोन झपट लया
lsquoगोपाल कहा हो तमrsquolsquoकोटा म और कहा मन तह फोन लगाया थाrsquo मन कहा म उसस पछना चाहता था
क वह राघव क यहा य आई ह बहरहाल यह मझ बातचीत श करन का सबसअ ा तरीका नह लगा
lsquo फर तमन बाद म फोन य नह लगाया मर पास तह कॉल करन क लए कोई नबरतक नह हrsquo उसन कहा
lsquoम अपन लडलॉड स पछगा क या म उनक फोन पर अपन कॉस रसीव कर सकता घर कब जाओगी मझ तमस बात करना हrsquo
lsquoअभी बोलो ना या बात हrsquolsquoअभी म कस बात कर सकता rsquolsquoयrsquolsquoतम राघव क साथ हो मन कहा
lsquoतोrsquolsquoतम राघव क यहा या कर रही होrsquolsquoकछ नह बस य हीrsquoजब लड़ कया lsquoबस य हीrsquo जस गोलndashमोल शद का इतमाल करती ह तो उसक
कारण हम सीधndashसीध कछ चताए होन लगती ह या शायद ऐस न हो मरा दमाग ही कछयादा सोच रहा हो
lsquoमझ अपन लए एक कोस चनना ह साइकोलॉजी क या बीएससी होम साइसrsquoउसन कहा
lsquoतम या करना चाहती होrsquo मन कहा
lsquoम एयर होटस बनन स पहल अपना जएशन परा कर लना चाहती म कवलइसी लए यह कर रही मझ एक सीधाndashसरल कोस चा हएrsquo
lsquoओह तो एयर होटस बनन क तहार इराद अभी भी बरकरार हrsquo मन कहा
lsquoवल राघव कहता ह क हम इतनी जद सपन दखना नह छोड़ दना चा हए शायदबीएससी होम साइस यादा बहतर होगा ह ना यह कछndashकछ हॉ ट लट इड समलताndashजलता ह या मझ असन छोड़कर होटल मनजमट जॉइन कर लना चा हएrsquo
म चप रहा राघव उस सलाहndashमश वरा द रहा ह आ खर वह ह कौन क रयरकाउसलर या एक स ड़यल जईई रक हा सल कर लन भर स उस वचन दन कालाइसस मल गया ह
lsquoबोलो ना गोपीrsquo आरती न कहा lsquoआई एम सो कय rsquo फर मन उसक दबी ईखल खलाहट सनी
lsquoया बात हrsquo मन कहा
lsquoराघव एक एयर होटस क नकल कर रहा ह उसक पास भी हrsquo उसन मज लतए कहा
lsquoम तह बाद म फोन लगाता rsquo मन कहा
lsquoओक ल कन बताना जर क मझ कौनndashसा कोस लना चा हएrsquo उसन कहा अबउसक आवाज जर कछ गभीर लग रही थी
lsquoराघव स पछो वह बहतर टडट हrsquo मन कहा
lsquoकम ऑन गोपी तम नॉनसस बात कर रह होrsquolsquoहम तब बात करग जब तम अकली होओगीrsquo मन कहा
lsquoकल इसी समय मझ फोन लगानाrsquolsquoओक बायrsquolsquoबायrsquo आरती न कहा
lsquoआई मस यrsquo मन कहा शायद मझ यह कहन म एक पल क दरी हो गई थी मझजवाब म कवल एक लक क आवाज सनाई द
म अपन कमर पर लौट आया जहा मरा डनर ट फन और ोशस मरी राह दख रह थम सोचन लगा क आरती राघव क यहा ह और हसीndashठ ा कर रही ह मर भीतर कछसलगन लगा
मन उखड़ मन स एक ोशर उठाया श वग कट स एक लड नकाली आईआईट ndashसलटड टडट स क कवर च काट और उह पजाndashपजा कर दया
बसल लासस वाराणसी क छोटndashस अपाटमट म लगन वाल मामली ट यशन सटस जसीकतई नह लगती थी वह कसी इ टट यट या बड़ कॉपरट ऑ फस जसी लगती थ मउसक वशालकाय लॉबी म खड़ा रहा और सोचता रहा क अब मझ आग या करनाचा हए मर इदndash गद टडट स और ट चस क गहमागहमी थी और व सभी बत तनजर आ रह थ मानो व स म सटलाइट स लॉच करन जा रह ह कोटा क अनक अयको चग लासस क ही तरह यहा क टडट स क भी खास य नफॉस थ यहा दली कव अमीर ब थ जनक परट स उह इतनी पॉकट मनी दत थ जतना पसा मर पतासालभर म कमा पात हग सरी तरफ मर जस वाराणसी स आए लजस थ जनक पासन तो यहा होन क लए पयात पसा था न पयात अल
ल कन कपड़ क समानता का यह मतलब नह था क बसल म सभी टडट स कोसमान माना जाता था यहा भी एक कम क वग णाली थी जसका आ धार यह था कndashएस एजाम क करन क आपक अवसर कतन उजल ह
एड मशन ऑ फस म बठ एक न मझस फॉम लया lsquoहाई परफॉमरrsquo उसनपछा
म सोचन लगा क आ खर कोई इस तरह क सवाल का या जवाब द सकता हlsquoएसयज मीrsquo
lsquoय द आपक बारहव म 85 तशत स अ धक अक ह या य द आपक एआईईईई म40 हजार तक क रक ह तो आपको 30 तशत का डकाउट मलता हrsquo उसन मझसमझाया
lsquoमझ 79 तशत अक मल थ और मरी एआईईईई रक थी 52043rsquo मन कहा
lsquoओह तब तो आपको फल ndashरट ोाम क लए अलाई करना होगाrsquo एड मशनऑ फसर न कहा मन कभी नह सोचा था क एआईईईई रक इस तरह सीधndash सीधडकाउट क पस म भी बदल सकती ह
lsquoमझ डकाउट नह मल सकताrsquo मन कहा म सोच रहा था क या यहा मोल ndashभाव करन स बात बन सकती ह
lsquoयह इस पर डपड करता ह क एस एजाम म आपका दशन कसा हrsquo ऑ फसर नकहा और मर फॉम पर ठपा लगा दया उसन मझ एस एजाम क लए एक रसीटndashकम ndash एड मट काड दया
lsquoया मझ आपक ndash एस एजाम क लए पढ़ाई करन क जरत होगीrsquo मन कहा
lsquoअब दो दन म तम भला या पढ़ लोग खर तहार मास दखकर लगता नह कतम बत ाइट टडट हो म तो यही सझाव गा क तम कसी सर इ टट यट म अलाईकरोrsquo उसन जवाब दया
lsquoथस म ऐसा ही कगाrsquo मन कहा
ऑ फसर न आसपास दखा क कह कोई उनक बात तो नह सन रहा फर उसनफसफसात ए कहा lsquoमर क जन न हाल ही म एक इ टट यट खोला ह म तह वहाफट परसट डकाउट दला सकता rsquo
म चप रहा उसन मझ एक व ज टग काड थमा दया ndash lsquoड़ीम आईआईट rsquolsquoपसा य बबाद करना कोस मट रयल तो वही ह मरा क जन एसndashबसल फकट
हrsquoमन काड का मआयना कया
lsquoल कन इस बार म कसी को मत बताना ओकrsquo उसन कहा
सर इ टट यट स म भी मझ ऐसी ही घटना का सामना करना पड़ा सफल जईईक डडट स जो वाटड आतकवा दय जस लग रह थ क टा ndashसाइ तवीर स लद ndashफद द वार मझ हर जगह नजर आई मन यह भी पाया क त त इ टट यट सlsquo रपीटसrsquo क बार म कछ यादा ही होndashहला करत थ आ खर रपीटस एक बार नाकामहो चक थ और इ टट यट स अपन आकड़ पर पलीता नह लगाना चाहत थ टॉपइ टट यट स दावा करत थ क व एक साल म पाच सौ तक टडट स को आईआईटभजवात ह न त ही य इ टट यट स यह कभी नह बतात ह क व दस हजार टडट सको एनरोल करत ह जनम स कवल पाच सौ ही कामयाब हो पात ह इसका मतलब यहथा क सल न का अनपात महज पाच फ सद ही था बहरहाल जईई का ओवरऑलसल न र शयो दो फ सद स भी कम का था और कोटा इ टट यट स उसस बहतरदशन करन का दावा करत थ क डडट स क ीndash नग औसत स अ धक सल नका एकमा कारण हो सकती थी खर दशभर स आए मर जस टडट स तो य भी उनकइदndash गद मडरात रहत थ और अपन एड मशन फॉस सब मट करन क लए कतार लगाकरखड़ रहत थ
एमndash आईआईट और क रयरइनाइट क यहा कम टडट स थ वातव म उहन तोमझ ॉट पर ही ऑफर द डाल और क रयरइनाइट न तो बीस फ सद डकाउट का भीताव रखा
lsquo डकाउट कवल तभी ए लकबल होगा जब आप तकाल साइन अप कर अगलीबार आन पर नहrsquo आामक ससमनndashकमndashएड मशनndashइनndashचाज न मझस कहा
lsquoल कन मन अभी तक अपना मन नह बनाया हrsquo मन कहा
lsquoतम बसल जान क को शश कर रह हो ह नाrsquo उसन कहा और मझ इस तरह दखामानो उस सब कछ पता हो
म चप रहा
lsquoम एसndashबसलाइट rsquo उसन कहा
lsquoया कोटा म कोई ऐसा ह जो एसndashबसलाइट न होrsquo मन कहा और वहा सबाहर चला गया
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lsquoगोपाल तहारी आवाज सनकर बत अ ा लगाrsquo आरती न कहा वह मझ एक सकडम ही पहचान गई थी इसस मझ अ ा लगा
lsquoगो ट हल तह मरी कोई परवाह नहrsquo ह मन कहा
lsquoहाऊ ट पड मझ तहारी परवाह ह ल कन पहली बात तो यही क या तहार पासकोई ऐसा नबर ह जस पर तह फोन लगाया जा सकrsquo
lsquoहा हrsquo मन कहा और उस मर मकान मा लक का नबर द दया
lsquoल कन इस पर यादा कॉल मत करना हत म दो बार स यादा नहrsquolsquoतो या आ वस भी तहार कॉल करन वाली अकली म ही तो होऊगी ह नाrsquo
आरती न कहा
lsquoहा खर या चल रहा ह मझ तो यहा बकल अ ा नह लग रहाrsquolsquoया वाकई वहा इतना बरा लग रहा ह तमन पढ़ाई श क rsquo उसन पछा
lsquoनह अभी म नह कर सकता उह कताब को फर स श करना क ठन ह शायदको चग लास जॉइन करन क बाद मझ मो टवशन मलrsquo
lsquoमझ वहा होना चा हए था म तह मो टवट करतीrsquo वह हस पड़ी
lsquoऐस मजाक मत करोrsquolsquoसब ठ क हो जाएगा गोपी बस एक और को शश य द तम इस बार कामयाब ए
तो तहारा क रयर बन जाएगाrsquolsquoआई मस यrsquo मन कहा मरी क रयर जसी बकार क चीज म कम दलच ी थी
lsquoओहrsquo उसन कहा मर इस तरह एकदम स यह कह दन स वह कछndashकछ च कत थीlsquoम भी तह मस करती rsquo
lsquoमरा कोई नह ह आरतीrsquo मन कहा
lsquoऐसा मत कहो बाबा ह राघव म हम तहार बार म बत बात करत हrsquo उसकआवाज म म पड़ती गई
lsquoहम कपल य नह बन सकतrsquolsquoलीज वह सब फर स मत श करो हम पहल ही उस बार म काफ बात कर चक ह
उसन कहा
lsquoय नह तम कहती हो क तम मझ मस करती हो मरी परवाह करती हो फरrsquolsquoम तहारी बत परवाह करती ल कन उस तरह स नह एनीव हम अपनndashअपन
क रयर पर फोकस करना ह तम वहा हो म यहा rsquolsquoय द मरी कोई गल ड होती तो कम स कम म उसस बात तो कर पाता म बत
अकलापन महसस करता आरती मन कहा
lsquoगोपाल तम होम सकनस महसस कर रह हो तम मझस जस बार म चाह बात करसकत हो या हम चट कर सकत हrsquo
lsquoइटरनट परrsquo मन दखा था क मर घर क आसपास कछ सायबर कफ ह
lsquoहा अपना जीमल आईडी बनाओ मरा आईडी ह ndash लाइगआरती जीमल कॉममझ इनवाइट करोrsquo
lsquoलाइग आरतीrsquo म हस पड़ा
lsquoशट अपrsquoम और जोर स हस पड़ा
lsquoकम स कम इसस तहारा मड तो अ ा आrsquo उसन कहा
lsquoमर पोजल क बार म सोचनाrsquo मन कहा
lsquoकोई पोजल नह ह और अब कॉस पर अपना पसा मत बबाद करो हम शाम कोचट कर सकत ह म तह अपनी लाइफ क बार म बताऊगी और तम अपन बार म बतानाओकrsquo
lsquoओक ह लसन मझ कोई जानाndashमाना ल कन महगा इ टट यट जॉइन करनाचा हए या कोई नया ल कन सताrsquo
lsquoजो तह सबस अ ा लगrsquo आरती न जवाब दया lsquoएड नाऊ बाय डनर टाइम
मझ कोटा आए एक हता हो चका था और म अपन लए कछ फसल ल चका था पहलीबात तो यह क म बसल एजाम लीयर नह कर सका म उनक अलग पाचारपाठ यम जॉइन कर सकता था ल कन उसस मर कोटा आन का मकसद ही बकार होजाता रजोनस न ऐन व पर अपनी फ स बढ़ा द वह मर लए अफोडबल नह रह गयाथा इस लए मन उनक एस एजाम म शा मल होन क को शश भी नह क मन क रयरपाथ ोाम क वट लट क लए ाय कया
lsquoतहार पास अ ा मौका ह अनक टडट स तो कसी भी हालत म बसल औररजोनस ही जॉइन करगrsquo क रयर पाथ क एक न मझस कहा
ल कन क रयर पाथ क वट लट क भी अपनी एक क मत थी एमndash आईआईट औरक रयरइनाइट न मर सामन 30 फ सद डकाउट का ताव रखा था
lsquoतमम का ब लयत हrsquo एमndashआईआईट क न मझस कहा lsquoतमन क रयर पा थलीयर कर दया जसका मतलब ह क तमम सभावनाए ह अब हमार यहा कह सतीदर पर पढ़ाई करो और एजाम म पास हो जाओrsquo
lsquoक रयर पाथ पर हजार क भीड़ म तम कह खो जाओग ल कन इनाइट म तमशल होओगrsquo एक और एसndashबसलाइट का इ टट यट चला रह एक एसndashबसलाइट न
मझस कहा
बहरहाल पाच दन बाद क रयर पाथ न मझ बताया क म पास हो गया मन कापतहाथ क साथ क रयर पा थ क अकाउटट को बीस हजार पय का ाट थमाया
lsquoयह तहारी जदगी का सबस बहतरीन इवटमट सा बत होगाrsquo अकाउटट न कहा
मन फट टम क लए जरी आइटस चनndashकोस मट रयल आईडी काड टाइमटबलसक लस और अनक वक शीट स जनक मझ अगल तीन महीन म जरत पड़न वालीथी मन तीन जोड़ी क रयर पाथ य नफॉस भी ल उस पहनकर मझ लगा क म कसीबजट होटल का रसश ट
म य नफॉस हाथ म लए इ टट यट स बाहर चला आया
lsquoकायलशसrsquo काला कोट पहन एक न मझ रोकत ए कहा
lsquoहलोrsquo मन कहा मझ समझ नह आ रहा था क म और या क
lsquoम सजीव सर व मझ यहा मटर पली कहकर पकारत ह म फ जस पढ़ाताrsquo
मन उसस हाथ मलाया ऐसा लग रहा था क कोटा म पली ॉलस सॉव करन मसजीव सर का कोई तोड़ नह था मझ जद ही समझ आ गया क कोटा क तमामइ टट यट स म ऐस ही सजट एसपटस थ क रयर पाथ क पास अपन सरमा थग णत पढ़ान वाल मटर वमा को ायनोम ndashवामी क नाम स पकारा जाता था मटरजडजा क म पढ़ात थ टडट स यार स उह बलसndashजी कहत थ क मकल इवशसको बलस करन क लए उनक पास बजोड़ तरक ब आ करती थी अफवाह तो यह भी थक उहन उह पटट करान क भी को शश क थी
lsquoम गोपाल वाराणसी सrsquo
lsquoएआईईईई ोामrsquo मटर पली न कहा
lsquoजईई भीrsquo सरrsquolsquoगड हाई पोट शयलrsquo उहन क रयर पाथ क टडट स क अदनी वगकरण क बार
म पछा
lsquoनह सरrsquo मन कहा और नजर झका ल एक बार कम मास पान क बाद आपकोबत जद नजर झकान क आदत पड़ जाती ह
lsquoइट स ओक कई नॉनndashहाई पोट शयल टडट स यहा तक पच जात ह यह सब कड़ीमहनत पर डपड करता हrsquo
lsquoम अपनी ओर स परी को शश कगाrsquo सर मन कहा
lsquoगडrsquo मटर पली न कहा और मरी पीठ थपथपाई
कोटा आन क एक महीन बाद म खद को एक स ा कोटाndashवासी कह सकता था हजारअय टडट स क ही तरह मरी नई जदगी क भी एक लय बन गई थी क रयर पाथ कसीकल क तरह था बस उसम मौजndashमती क लए कोई जगह न थी लास म कोई शोरनह करता था न कोई एकndashसर स मजाक करता था और लासस बक करन क बार मतो कोई सोचता तक नह था आ खरकार सभी यहा अपनी मज स आए थ और यहाहोन क लए उहन काफ क मत चकाई थी
हमारी एक दन म तीन स चार लासस लगती थ जो दोपहर को श होती थकहन को तो ऐसा इस लए कया गया था ता क अभी बारहव क पढ़ाई कर रह टडट ससबह का कल अटड कर सक ल कन हक कत म बारहव क टडट स कभी कल नहजात थ क रयर पाथ का एक कोndashऑपर टव सीबीएसई कल स एीमट था जसक एकलचीली अटडस पॉ लसी थी अफवाह थ क इसक लए सीबीएसई कल को क रयरपाथ ारा अ ndashखासी रकम द जाती थी
पहलndashपहल तो मझ क रयर पाथ का र शड यल बकल पसद न आया लचसदोपहर दो बज श होत थ और रात नौ बज तक चलत थ इसक बाद टडट स डनर कलए घर जात थ और lsquoडली टस शीट सrsquo तयार करत थ जो क पढ़ाए जा रह लसन कआधार पर दस ॉलस क एक सची आ करती थी आमतौर पर मरा काम आधी राततक खम हो पाता था कछ घट सोन क बाद म उठ जाता था और अगल दन क लाससक तयारी करता था इस बीच म अपन घरल काम भी करता था जस कपड़ धोना और
जरी चीज क खरीदारी करना म पागल क तरह यह सब करता रहता था इस लएनह क म बत अ तयारी करना चाहता था ब क इस लए क म अपन आपको तरखना चाहता था म नह चाहता था क कोटा का अकलापन मरी जान ल ल
एक बार हमारी लासस दर स खम ई साढ़ नौ बज म सायबर कफ पचा जो कआरती स चट करन क मर आम व स दरी स था मझ यह दखकर हरानी ई क वह अबभी ऑनलाइन थी
मन एक मसज टाइप कया
गोपालकोटाफटरी हाय लाइगआरती ह गस वॉट
य द लड़ कय को ामर क स नए सर स लखन को कहा जाए तो उसम कवलएसलमशन मास ही हग
गोपालकोटाफटरी या आ लाइगआरती म बीएचय क स म उनक कयटर सटर पर गोपालकोटाफटरी कस लाइगआरती राघव न कॉलज जॉइन कर लया ह वही मझ यहा लाया हउसन कहा ह क म यहा कभी भी आ सकती और कयटर यज कर सकती गोपालकोटाफटरी या बत दर नह हो गई ह तम वापस कस जाओगी लाइगआरती मर पास डड क लाल बती वाली कार ह कसम हमत होगीजो मझस पगा ल गोपालकोटाफटरी तम राघव स कतनी बार मलती हो
मझ उसक जवाब क लए कछ दर इतज़ार करना पड़ा
लाइगआरती यह भला कस कम का सवाल आ या दोत स मलन काकोई टाइमटबल होता ह गोपालकोटाफटरी वो तहारा बस ड ही ह ना लाइगआरती यस डयर तह इजी नयर क बजाय जासस बन जाना चा हए गोपालकोटाफटरी हमम लाइगआरती म कवल उसका क स दखन आई थी और तहार वहा याचल रहा ह
गोपालकोटाफटरी मझ कोटा म एक महीना परा हो गया ह लाइगआरती कम स कम अब तम उस उजड़ा चमन तो नह कहतगोपालकोटाफटरी हा ल कन म बत बजी म गग अव हमार लास टटभी ए ह लाइगआरती तमन अ ndashस कया ना गोपालकोटाफटरी टॉप फट परसट म इतनी कापी ट टव लास क लए बराकोर नह ह लाइगआरती मझ परा यक न ह क तम इस बार जईई क करोगगोपालकोटाफटरी नोज य द मन ऐसा कया तो या तम मर साथ घमनचलोगी लाइगआरती हयर वी गो अगन गोपालकोटाफटरी लाइगआरती हम जस ह मझ वस ही अ ा लगता ह और भला इसका जईईस या तालक आ तम मर फवरट हो गोपालकोटाफटरी इतन सार एसोमशन मास का इतमाल मत करो लाइगआरती ह गोपालकोटाफटरी कछ नह एनीव अब मझ चलना चा हए मझ अपनी डलीवक शीट करनी ह लाइगआरती ओक
मझ उमीद थी क वह मझस कछ दर और चट करन को कहगी कवल एक खाndashसखाओक भर नह कह दगी ल कन उसन तो मझस यह भी नह पछा क मन डनर कया यानह
लाइगआरती तमन डनर कर लया गोपालकोटाफटरी अभी नह घर जाकर कर लगा लाइगआरती कल
जब लड़ कया कछ छपान क को शश करती ह तो व लडक क तरह बात करन लगती हऔर lsquoकलrsquo जस एसशस का उपयोग करन लगती ह
गोपालकोटाफटरी हाऊ अबाउट य लाइगआरती राघव मझ ट द रहा ह ल कन कवल अपन ही क ट न
पर चीपो गोपालकोटाफटरी तम अब तक एसाइटड लग रही हो
उसन कोई जवाब नह दया जब कोई चट पर आपको जवाब नह दता तो हर मनट एकघट क बराबर लगन लगता ह पाच लब मनट बाद उसन आ खरकार कछ लखा
लाइगआरती हाट
मन सोचा कछ दर उस भी इतजार कराया जाए ल कन म दस सकड स यादा दर तकखद को रोक नह सका
गोपालकोटाफटरी कछ नह लाइगआरती ओक एनीव राघव भी यहा ह वह हाय कह रहा ह मझ जदस खाकर घर पचना होगा बाद म चट करत ह XOXO
मझ पता नह था क XOXO का या मतलब होता ह X का मतलब माना जाता ह हासऔर O का मतलब माना जाता ह कसस मझ नह लगता आरती का यही मतलब रहाहोगा
उसन लॉग आउट कर दया मर पास बीस मनट का इटरनट टाइम बाक था मन इनबीस मनट का इतमाल वही करन क लए कया जो सायबर कफ आन वाल अ धकतरलड़क करत ह ndash या तो ऑ फ शयल आईआईट वबसाइट पर सफ करना या पोन दखनामर याल स लड़क कोटा म य दो चीज ही सबस यादा चाहत थ को चग सटस कम सकम इनम स एक को पान म आपक मदद कर सकत थ
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आरती का जम दन आन तक म कोटा म तीन महीन बता चका था पहली बार म एकलास टट म टॉप 25 परसटाइल तक पचन म कामयाब रहा था बलसndashजी न मझबधाई द मर क म कोर म बीस अक क बढ़ोतरी हो चक थी अलब ा मटर पलीको फ जस म मरा औसत दशन नह भाया श शर सर जह परयटशन ग क नामस भी जाना जाता था मरी सीट क पास आकर कछ सकड क लए क वजह ndash मर मसक मास म भी दस फ सद अक क बढ़ो री ई थी
फ जस लास म बठत ही मन आसरndashशीट अपन बग म रख ली मन तीन सौ सीटवाल इस लचर म म चार तरफ दखा मटर पली हाथ म माइक थाम बोल रह थजब भी उह लगता क लास का यान उनक ओर नह ह व माइक थपथपा दत
मझ अब भी एक लबा सफर तय करना था आईआईट सीट क लए का फडटमहसस करन क लए क रयर पाथ म कम स कम टॉपndashफाइव परसटाइल तक पचनाजरी था
lsquoआईआईट सीट हा सल करना कोई मजाक नह हrsquo मटर पली न कहा अलब ाऐसा कसी न भी नह कहा था क वह मजाक ह
एक हायपरndashका ी ट टव लास म अपना परसटाइल बढ़ाना आसान नह ह आपकोआईआईट को परी तरह स जीना पड़ता ह
हर लास टट क टॉप बीस टडट स को रॉयल टमट दया जाता था उह जसकहा जाता था और यह टाइ टल अब भी मझस र था जस का मतलब होता था lsquoपऑफ एका म रटो रयस टडट सrsquo जस व अाndashगीस होत थ जो सस करन कबजाय फ जस क ॉलस सलझान को ाथ मकता दत थ और जनक लए मौजndashमती का मतलब था पी रयॉ डक टबल को रट लना क रयर पाथ अपन इन जस का बतयान रखता था य क उनम जईई क टॉप सौ रस क करन क मता होती थी औरइस कारण व क रयर पाथ क लए वापन क तरह थ जस को बत अह मयत दजाती थी ठ क वस ही जस हम कपना कर सकत ह लस साबन क अ धका रय ाराअपनी ाड एबसडर कटरीना कफ को द जाती होगी
म अभी जस बनन क करीब नह पचा था बहरहाल टॉपndash25 परसटाइल भी अत थी म आरती स यह शयर करना चाहता था साथ ही मन उस कहा था क उस
जम दन वश करन वाल म सबस पहला नाम मरा ही होगा
आधी रात क करीब म एसट डी बथ पर गया 1158 पर मन फोन उठाया और उसकानबर घमाया मझ बजी सगनल मला मन फर को शश क ल कन घट नह बजी मनपाच बार को शश क ल कन लाइन लगातार इगज थी
lsquoसर कटमस को भी कॉल करन द जएrsquo शॉपक पर न कहा
गनीमत थी क लाइन म कवल एक ही खड़ा था वह एक टडट था औरगवाहाट म अपनी ममी को हपी बथड वश करन का इतजार कर रहा था उसका कॉल1205 बज खम आ म इमीनान स इतजार करता रहा
उसक बाहर नकलत ही म फौरन भीतर घसा और आरती को फर कॉल कया लाइनअब भी बजी थी अनक बार को शश करन क बाद शॉपक पर न मझ सहानभ त क साथदखा उसन मझ कहा क 1230 पर उस अपनी कान बद करना होगी म दोndashदो मनट कअतराल स बारndashबार को शश करता रहा ल कन कामयाब नह आ
पता नह य मन राघव क घर पर फोन लगान का सोचा च क शवार क शाम थीइस लए मझ पता था क राघव वीक ड क लए घर पर ही होगा म नबर डायल करन सपहल पलभर को झझका जा हर ह य द इतनी रात को फोन क घट घनघनाती ह तोइसस परा घर डटब हो जाएगा बहरहाल मन नबर लगाया और मरा शक सही नकलालाइन बजी थी
मन बारndashबार राघव और आरती क नबर लगान क को शश क ल कन म कामयाबनह हो पाया
आरती क लए मरी गड वशस खम हो गई और रोमाच गस म बदल गया
आ खर राघव को उस आधी रात को वश करन क या जरत आन पड़ी और याबथड वशस म इतना समय लगता ह
शॉपक पर न मरी बथ वडो थपथपाई lsquoय द मन कान और दर तक खली रखी तोप लस मझ परशान करन लगगीrsquo
lsquoया आप मझ बता सकत ह क इस व एसट डी बथ कहा खल हगrsquo मन कहा
lsquoरलव टशनrsquo शॉपक पर न कहा और ब ी बझा द
उस समय कोई भी ऑटोndash र ा वाला कम दाम पर रलव टशन जान को तयार नहथा ल कन य द म दौड़ लगाता तो आध घट म पाच कलोमीटर क री तय कर सकताथा
रात एक बज म कोटा टशन क लटफॉम नबर एक पर पचा पाच कलोमीटरजॉ गग करन क कारण म हाफ रहा था इस समय भी टशन पर चहलndashपहल थी एक
टरन आई और जनरलndashकोटा पसजस सीट पान क लए दौड़ पड़
मझ एक एसट डी बथ मला और मन आरती को कॉल लगाया इस बार फोन क घटबजी मन गहरी सास ली उस समय मरा मजाज बत अ ा नह था बथड गल कफोन उठान पर म अपन आपको नय त रखना चाहता था
lsquoहलोrsquo डीएम धान क आवाज आई
lsquoहलो अकल अकल गोपालrsquo म बना जान-बझ कहन लगा हाला क मझ फोन रखदना था ल कन इतनी को शश करन क बाद मर लए आरती स बात करना बत जरी होगया था
lsquoओह यस हो ऑनrsquo उहन कहा और आरती को पकारा
आरती फोन क पास आई म उसक पता क साथ उसक बातचीत सन सकता था
lsquoफोन पर कतना बात करोगी तहार दोत क फोन तो कन का नाम नहrsquo लतउसक पता न बड़बड़ात ए कहा
lsquoय मरा बथड ह डडrsquo आरती न कहा और फोन उठा लया
lsquoहपी बथड आरतीrsquo मन कहा म को शश कर रहा था क मरी आवाज स रोमाचझलक
lsquoह गोपाल थस दट स सो वीट ऑफ य तम मझ वश करन क लए इतनी राततक जागत रहrsquo उसन कहा
lsquoम इतनी रात तक जागन क अलावा पाच कलोमीटर दौड़ा भी और अब मझ फरलौटकर जाना हrsquo म उस कहना चाहता था ल कन कहा नह lsquoम एक घट स तह कॉलकरन क को शश कर रहा थाrsquo
lsquo रयलीrsquo आरती न कहा
lsquoहा लाइन बजी थी तम कसस बात कर रही थ म तह सबस पहल वश करनाचाहता थाrsquo मन कहा
lsquoओह मर क जस वही जो अम रका म ह वहा मरी औट रहती ह नाrsquoउसक आवाज जरत स यादा ही बपरवाह लग रही थी आरती भल गई क म उस
आठ साल स जानता था म बड़ी आसानी स समझ सकता था क वह कब झठ बोल रहीह और कब सच
lsquoव इतनी र स एक घट तक बात करत रहrsquo
lsquoएक घटा या मन उनस कवल दो मनट बात क शायद मन फोन ठ क स नह रखाहोगा लीव इट तम कस हो काश तम भी यहा होतrsquo
lsquoवाकईrsquolsquoहा ऑफ कोस म तह मस करती rsquo आरती न कहा उसक आवाज इतनी
ईमानदार थी क यह व ास करना क ठन लग रहा था क दस सकड पहल उसन मझसझठ बोला था
lsquoय द तमन फोन गलत रख दया था तो फर उस अब कसन ठ क कर दयाrsquolsquoगोपाल मझस इस तरह पछताछ मत करो आई हट दस आज मरा बथड हrsquolsquoऔर तमन अपन बथड क दन झठ बोलाrsquolsquoयाrsquolsquoहमारी दोती क कसम खाकर कहो क राघव न कॉल नह कया थाrsquo मन कहा
lsquoयाrsquo आरती न कहा उसक आवाज तज थी lsquoकसम खाऊ हमारी उ या हदस सालrsquo
lsquoउसन फोन लगाया था ना तम उसी स बात कर रही थ तम दोन क बीच आ खरचल या रहा हrsquo
lsquoइट स माय बथड या तम इस इतना टरसफल बनाना चाहत होrsquolsquoतमन मर सवाल का जवाब नह दयाrsquolsquoबत दर हो चक ह डड आसपास मडरा रह ह कल नट पर चट कर मर कॉलज क
बादrsquolsquoमरी लासस हrsquo मन कहा
lsquoसड सड को चट करत ह दोपहर म ओकrsquolsquoआरती मर साथ ईमानदारी स पश आन क को शश करो म ईमानदारी को बत
अह मयत दता rsquo मन कहा
lsquoऑफ कोस ओक बाय नाऊ डड मझ डट लस द रह ह ईमानदारी सrsquolsquoबायrsquo मन कहा
म लौटकर वापस चला आया अपनी लाई रोकता आ
lsquoसड तक इतजार करोrsquo मन खद को दलासा दत ए कहा
वह सड को ऑनलाइन नह आई मन सायबर कफ म दो घट गजार बारह क एक औरएक क दो बज गए आप इसस यादा समय तक पोन नह दख सकत मन इतनी एस-रटड लस डाउनलोड कर ली थ क म अब उनस एक वी डयो लायरी खोल सकताथा अब म उस और बदात नह कर सकता था
एक छोटा-सा वादा नभाना भी कतना म कल सा बत हो रहा था मन उसस बातकरन क लए सड तक का बसी स इतजार कया था समय भी उसी न तय कया थामन नह म अपन गस का इजहार करना चाहता था ल कन मझ कोई राता नजर नहआ रहा था
मन झलाहट म कयटर क सीपीय को ठोकर मारी उसक बजली गल हो गई
lsquoतम या कर रह होrsquo सायबर कफ का मा लक दौड़ता आ मर पास आया
lsquoसॉरी मर साथ ट र ॉलम ह म इस ॉलम को त करन क को शश कर रहाrsquo मन कहा और बाहर चला गया
म एसट डी बथ पर गया और उसक घर फोन लगाया इस बार उसक मा न फोनउठाया
lsquoगड आटरनन औट गोपाल हयरrsquolsquoहलो गोपालrsquo आरती क मा न खपन स कहा उनक प तदव भल ही डीएम ह
ल कन उनम अपन प त स भी यादा ए टट यड था
lsquoआट आरती घर पर हrsquolsquoवह तो सबह ही राघव क साथ कानपर चली गईrsquolsquoकानपरrsquo म हरान रह गया वह वाराणसी स तीन सौ कलोमीटर र राघव क साथ
गई थी
lsquoहा आई आईट कानपर म कोई फ टवल ह राघव डब टग ट म म ह वह भीपा ट सपट कर रही ह स गग शायदrsquo
lsquoओकrsquo मन कहा मझ समझ नह आ रहा था क अब इसस यादा और या पछ
lsquoकोई खास बात थीrsquo आरती क मा न पछा
हल बत खास बात थी आट म जानना चाहता था क आपक बट का या सीनचल रहा ह
lsquoकोई खास बात नह व आज रात तक लौट आएग ना राता सफ नह हrsquo मनकहा
lsquoऑफ कोस वह सरकारी गाडी म गई ह उसक साथ सयो रट गाड भी हrsquoम आरती क इद- गद अपन खद क सयो रट गाडस तनात कर दना चाहता था
lsquoथस आट rsquo मन कहा
lsquoओक खब पढ़ाई करो तब तम भी एक ॉपर कॉलज म होओग और राघव क तरहमज कर सकोगrsquo
lsquoयस आट rsquo मन कहा और फोन रखन स पहल एक ॉपर कॉलज जॉइन करन कलए अपनी न ा एक बार फर जा हर क
मन अपना बटआ टटोला मर महीनभर क एक हजार पय क बजट म स अब महजसौ पए बच थ नवबर का महीना परा होन म अब भी दस दन बाक थ मन कॉस परइतना पसा खच करन क लए खद को बत कोसा
मन खद स कहा क अब म उसक परवाह नह कगा अब वही मझ कॉल या मलकरगी ल कन अगल ही पल म फर उसक बार म सोचन लगा मरी अपन आप स पागलजसी बातचीत होन लगी
lsquoवह उसक साथ ड टग नह कर रही होगी उसन मझ कहा था क वह कसीरलशन शप क लए तयार नह ह और य द ह तो वह मझ ही चनगीrsquo मटर आशावादगोपाल न कहा
बहरहाल मटर नराशावाद गोपाल यह बात मानन को तयार नह थ
lsquoतो या आ य द राघव दखन म मझस बहतर ह ल कन आरती इतनी सतही लड़कनह ह म उस कतन साल स जानता rsquo मटर आशावाद न फर अपनी बात रखी
lsquoल कन राघव का भ वय कतना उजला हrsquo मटर नराशावाद न कहा
lsquoल कन या वह कसी लड़क को कवल जईई रक क आधार पर चनगी वह लड़कह कोई वा हयात इ टट यट नहrsquo मटर आशावाद न फर कहा
lsquoउसको वह एक मजदार इसान लगता हrsquo मटर नराशावाद न कहा
lsquoल कन उसको तो सक स क जोकस भी मजदार लगत हrsquo मटर आशावाद न कहा
मर भीतर मौजद य दोन कन का नाम नह ल रह थ और उनक कारण मरा सर खनलगा लड़ कय को कभी इस बात का अदाजा नह हो सकता क उनक वहार कालड़क पर या असर पड़ता ह मझ आरती स बात करनी ही थी
मरा गसा फर उफनन लगा म दौड़कर कोटा टशन पच जाना चाहता था और बनारजवशन वाराणसी पच जाना चाहता था म बलस-जी या मर परसटाइल या ट पड
क रयर पाथ क बार म कछ नह सोच रहा था
य द राघव न आरती क साथ कछ कया तो म उस जदा नह छोडगा
घर पचन पर मन छह बार डोरबल बजाई
lsquoसब ठ क तो ह नाrsquo अकल न कहा
lsquoजो भी हो म फासी क फद पर नह लटकन वाला ओकrsquo चलान स तनाव कमकरन म मदद मलती ह
lsquoयाrsquo उहन कहा व मरी बात स शॉ थ
lsquoसॉरीrsquo मन कहा आप अपन मकान मा लक क साथ इस तरह बात नह कर सकत
म परी रात नह सो सका म उसक बार म इतना सोचन क लए अपन आपको कोसरहा था
वह झठ ह डचर ह और प र दल लड़क ह मन अपन आपस पचास बार कहा
ल कन म उस अपन याल स र नह कर पा रहा था यार यक नन एक वा हयातचीज ह
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अगल दन लास म एक सराइज टट था जसम मन बत बरा दशन कया जब मक म क एक आसान सवाल का भी जवाब नह द पाया तो बलस-जी न मझ झड़कदया ल कन मझ इसक परवाह नह थी म उस लड़क स सीधी बात करना चाहता था
लास खम होत ही म साइबर कफ पच गया वह ऑनलाइन नह थी मझ समझनह आया क या क उस एक बार फर कॉल लगाना तो अपन उतावलपन को जा हरकरना होगा
क रयर पाथ म मरा यह हता बत खराब गजरा था मर रजटस असीवपरसटाइल पर जा पच थ जसका मतलब था क सौ म स असी टडट स न मझसबहतर दशन कया था क रयर पाथ क पास एक ऐसा सॉटवयर था जो कसी टडटक दशन म अ धकतम स धार या अ धकतम गरावट को दज कर लता था मर दशन मअ धकतम गरावट पाई गई
lsquoयह एसटबल नह हrsquo श शर सर जो पयटशन ग और क रयर पाथ क पाटनरथ न कहा
lsquoआई एम सॉरी सरrsquo मन कहा
lsquoआई होप तम बरी सोहबत म नह पड़ गए होrsquolsquoमरा कोई दोत ही नह ह तो बरी सोहबत का सवाल ही नह उठताrsquo मन सच ही
कहा
lsquoय द दोत नह ह तो जद स कछ दोत बना लोrsquo श शर सर न कहा lsquoकोटा मअपना जीवन अ -स बतान क लए तह कछ दोत क जरत होगीrsquo
मन श शर सर क ओर दखा व यवा थ और उनक बात म स ाई लग रही थी lsquoमजानता यह कतना क ठन ह आ खर म भी तो कोटा का ही ोडट rsquo
सड को म फर सायबर कफ गया हमशा क तरह कोई ईमल नह था बहरहालपाच मनट बाद ही वह ऑनलाइन नजर आई
मर भीतर क एक हस न मझ उसस बात करन स मना कया था ल कन इसकबावजद बातचीत क शआत मन ही क
गोपालकोटाफटरी हाय
उसन दो मनट तक कोई जवाब नह दया मन एक और हाय भजा
लाइगआरती हाय गोपाल
उसन मझ गोपी कहकर नह पकारा था मझ यह नॉमल नह लगा
गोपालकोटाफटरी तम अपसट हो लाइगआरती आई एम फाइन
जब कोई लड़क आई एम फाइन कहती ह खासतौर पर क पटल एफ क साथ तो इसकामतलब कसी जहाज क लए lsquoआग आइसबग हrsquo क नशान जसा होता ह
गोपालकोटाफटरी या हम चट कर सकत ह लाइगआरती य द तम मझ पर चीखो- चलाओ नह तो गोपालकोटाफटरी य द मन उस दन ऐसा कया था तो आई एम सॉरी
म इसक साथ ही यह भी जोड़ दना चाहता था क पछल सड उसन चट पर मझ डच करदया था म यह भी पछना चाहता था क वह राघव क साथ आईआईट कानपर य गईथी ल कन य द म उसस य बात पछता तो वह मरी बात का कोई जवाब नह दती औरयह सबस बरा होता मर लए सबस जरी यह पता करना था क उसक भीतर या चलरहा ह
गोपालकोटाफटरी तह मरी ट र ॉलम क बार म पता ह ना हाला क मअपन आपम सधार लान क को शश कर रहा लाइगआरती इट स फाइन अपॉलॉजी एसटड
मझ यह बात अजीब लगी क उस मन सॉरी कहा जब क वातव म उस मझस सॉरीकहना चा हए था या कभी कोई लड़क भी कोई गलती करती ह खर इटरनट परच टग क साथ सबस अ बात यह ह क हम अपन को काब म रखकर बात कर सकतह मन गहरी सास ली और एक सामाय-सा सवाल टाइप कर दया
गोपालकोटाफटरी और या चल रहा ह
जब हम सदह स घर ह तो हम ऐस ही सवाल पछन चा हए जनका कवल एक मतलबन हो
लाइगआरती कछ खास नह कॉलज म समय का पता ही नह चलता मन कछ नए दोत भी बनाए ह ल कन यादा नह गोपालकोटाफटरी कोई खास दोत-)
मन अत म सोच-समझकर माइली लगाई थी इसस मर सवाल क पीछ छपी जासाऔर गसा दोन छप गए
लाइगआरती कम ऑन गोपी
तो अब वह मझ मर नकनम स पकारन लगी थी उसका मड अ ा हो रहा था
गोपालकोटाफटरी इट स ओक बताओ ना नह बताओगी तहार बट ड कानाम लाइगआरती पता नह तम बत अपसट हो जात हो
मरा दल तजी स धड़कन लगा म एक बार म एक अर ही टाइप कर पा रहा था
गोपालकोटाफटरी बताओ ना म सनना चाहता -)-)-)
मन इतनी सारी माइली इस लए लगा द ता क वह बात करन म कफटबल महसस कर
लाइगआरती वल कोई खास ह
मझ लगा जस जग लग लोह का एक खजर मर सीन म घप दया गया हो ल कन मनअपन दद को छपाया और टाइप कया
गोपालकोटाफटरी-) लाइगआरती तम उस जानत हो गोपालकोटाफटरी-) लाइगआरती वातव म तम उस बत अ तरह जानत हो गोपालकोटाफटरी कहो ना कौन ह-) लाइगआरती मटर बीएचय और कौन
खजर अब मर दल क टकड़-टकड़ कर द रहा था मन अपन दात को कसकर भचलया
गोपालकोटाफटरी रयली-)
म खद स कह रहा था गहरी सास लत रहो माइली लगात रहो
लाइगआरती हा वह पागल ह यमला पगला राघव उसन मझ फसा हीलया गोपालकोटाफटरी तो तम दोन एक-सर क करीब हो लाइगआरती कछ-कछ
अब म माइली नह लगा पा रहा था
गोपालकोटाफटरी कछ-कछ का मतलब लाइगआरती अर ऐस सवाल मत पछो गोपालकोटाफटरी तमन वह सब कर लया ह लाइगआरती हाऊ चीप गोपी नह अभी नह गोपालकोटाफटरी मतलब लाइगआरती मतलब आलमोट ओह मझ एबरस मत करो गोपालकोटाफटरी हाट द फक लाइगआरती एसयज मी गोपालकोटाफटरी म तो समझता था तहारी इन सब बात म दलच ी नह हलाइगआरती कन बात म गोपालकोटाफटरी तम कहती थ क तम कवल ड शप ही चाहती हो मरसाथ कसी क भी साथ लाइगआरती मन ऐसा कहा था या पता नह बस सब कछ होता चलागया गोपालकोटाफटरी सब कछ बस य ही कस होता चला गया या तमन बस यही अपन कपड़ उतार दए थ
मरा ट र लौट आया था और अब मरा रमोट कोल उसी क हाथ म था
लाइगआरती वॉच योर लवज गोपालकोटाफटरी य तम या कोई सती सा वी हो य आर बह वग लाइकअ लट
उसन कोई जवाब नह दया मन अपनी बात जारी रखी
गोपालकोटाफटरी या तम मझ बता सकती हो य या इसी लए य कउसक पास जईई रक ह लाइगआरती शट अप गोपाल मरा और उसका रता बत खास हगोपालकोटाफटरी रयली ऐसा कौन-सा खास रता ह या तमन उस लोजॉब दया कहा पर उसक होटल म या कानपर म
उसन कोई जवाब नह दया म समझ गया क म कछ यादा ही कह गया था खर आपचट पर भजी कसी लाइन को अन-ड नह कर सकत और म उसस फर माफ नहमागना चाहता था
म उसक जवाब का इतजार करता रहा
तीन मनट बाद मरी न पर एक मसज लश आ -लाइगआरती इज ऑफलाइन
मन अपनी न रश क मझ एक और नो ट फकशन मला ndash लाइगआरती इजनो लॉगर अ कॉटट
उसन मझ अपनी ड लट स नकाल दया था
lsquoतह और व चा हएrsquo कफ ऑनर न मझस पछा
lsquoनह अब इसक कोई जरत नह होगीrsquo मन कहा
जस दन आरती न मझस कॉटट खम कर दया उसी दन स मन अपनी रोज क टस शीट स पर काम करना बद कर दया अब म साइबर कफ भी नह जाता था अबम हर रात को अपन घर क बाहर सड़क पर चमन चाय वाल क यहा बठा रहता था एकहाथ म चाय क याल और सर म वक शीट स थाम टडट स लकड़ी क मज पर बठ रहतथ ल कन म अपन साथ कोई री डग मट रयल लकर नह आता था म बस वहा बठा-बठाव काटता रहता चाय पीता रहता और आन-जान वाल लोग को ताकता रहता था
और एक दन मर पास इतन पस भी नह बच क म उस कान पर कछ ऑडर करसक
lsquoआई एम सॉरीrsquo मन कान मा लक चमन स कहा lsquoम कल तक पस का बदोबतकर -लगाrsquo
तभी एक अजनबी आग बढ़ा और उसन कानदार को दस पए थमा दएlsquo चलrsquo उसन मझस कहा
lsquoओह थसrsquo मन कहा
lsquoबसलrsquo उसन चज लत ए पछाlsquoक रयर पाथrsquo मन कहा lsquoम तह कल प कर गा म अपना वॉलट घर भल आया
थाrsquolsquo रलसrsquo उसन कहा और अपना हाथ आग बढ़ा दया lsquoमरा नाम तीक ह म रायपर
स rsquoअपन खरर चहर क कारण वह आईआईट ए रट स यादा आ टट लग रहा था
lsquo रपीटर तीक न पछा
मन सर हलाकर हामी भरी
lsquo वटरrsquo उसन कहा
lsquoमतलबrsquolsquoकोटा को आजमाकर दख लया बात नह बनी ल कन अब भी दमागी सकन क
लए यह भटक रहा rsquoम हस पड़ा lsquoमरी एआईईईई म 50 हजारव रक थी मन सोचा य द म एक बार फर
को शश क तो शायद बात बन जाएrsquolsquoया वाकई तम ऐसा करना चाहत होrsquo तीक न कहा
म चप रहा हम कान क बाहर लकड़ी क कल पर बठ गए
lsquoतह दखकर लगता ह क तम भी जद ही एक वटर बनन वाल होrsquo उसन कहा
lsquoम ठ क बस जरा मायसी ह क रयर पाथ का अगला इटॉलमट ड य ह ल कनअब मर पापा क पास यादा पसा नह हrsquo
lsquoतो वापस लौट जाओrsquo तीक न कहा उसन सगरट जलाई और मझ ऑफर क मन मना कर दया
lsquoम ऐसा नह कर सकता पापा क सारी उमीद मझ पर टक ह व कह स पसाउधार लकर मझ भजवाएगrsquo
तीक न अपना सर झका लया और सगरट का धआ उगलन लगा
lsquoम टॉप-25 परसटाइल तक पच गया थाrsquo मन कहा म अपन कोटा म होन कोज टफाई करना चाह रहा था
lsquoपच गए थ यानी तम तो अब भी कोस कर रह हो नाrsquo
lsquo पछल कछ हत म मर दशन म गरावट आई हrsquolsquoयrsquolsquoकछ खास नहrsquo मन चाय क चक ली
तीक न अपनी चाय खम क और एक और याल का ऑडर दया lsquoलड़क काचकर हrsquo उसन पछा
lsquoम तह अभी जानता भी नह म तहार दस पए चका गा ल कन अब मरी जाच-पड़ताल मत करोrsquo मन कहा
lsquo चल मन म कवल बात कर रहा rsquo वह हस पड़ा और मरा कधा थपथपाया
म चप रहा मर जहन म बोट पर बताए उन लह क तवीर तरन लग जब आरतीमर साथ आ करती थी म कस तरह पतवार खया करता था वह कस तरह उसक बादमरी हथ लय को सहलाया करती थी यह याद करक म अपन हाथ मलन लगा
आई हट हर बट आई मस हर
तीक न एक भी शद कह बना दो सगरट फक द
lsquoहा लड़क का ही मामला हrsquo मन अनमन ढग स कहा
lsquoउसन तह छोड़ दयाrsquo उसन खीस नपोरत ए कहा
lsquoनह वह कभी मरी नह थीrsquolsquoऐसा हो जाता ह हम लजस ह हम चीज आसानी स नह मलत मास रस
गस -हमार लए कछ भी पाना आसान नह हrsquolsquoहा हर कोई हम गया-गजरा समझता ह फर चाह कोटा क को चग लासस ह या
हमार शहर क कोई बदमाश लड़क rsquo मन कहा
lsquoबदमाश लड़क ऐह तम तो मजदार इसान जान पड़त होrsquo तीक न हाई -फाइवकरत ए कहा
lsquoअब मझ घर चल जाना चा हएrsquolsquoहमारा कोई घर नह होता हम हवा म लटक ए ह कोई घर नह कल नह
कॉलज नह जॉब नह बस कोटाrsquo उसन आख मारत ए कहा
तीक रजोनस म पड़ता था और वह सकड-टाइम रपीटर था वह पहली बार भीवटर बन चका था और इस बार भी वह कोटा स जान का परा मन बना चका था हमदोत बन गए हर रात चमन चाय वाल क यहा हमारी मलाकात होती
ल कन एक दन ऐसा लगा क शायद चाय का सहारा काफ नह था मटर पली नमझ अपनी लास स नकाल बाहर कर दया था
lsquoअगर उहन तह बाहर जान को कह दया तो या आ यह कोई रयल कॉलज तोह नहrsquo तीक न कहा
lsquoमझ झपक लग गई थी लचर बड़ा बो रग थाrsquo मन कहा
वह हस पड़ा
lsquoमन आज उह उनका सरा इटॉलमट भी द दया इसक बावजद व मर साथ ऐसासलक कर रह हrsquo मन कहा
lsquo चल आज हमारा काम कवल चाय स नह चलगाrsquo तीक उठ खड़ा आ हम चायक कान स बाहर चल आए
lsquoहम कहा जा रह हrsquolsquoमर घरrsquo उसन कहा
तीक का म दखकर लगता नह था क वह कोटा क कसी हाडव कग रपीटर का मह कताब स यादा तादाद बीयर क बोतल क थी पन स यादा सगरट क बट स थद वार पर रजोनस क सक लस क बजाय अधनगी लड़ कय क पोटस थ
lsquoतम तो यहा वाकई सटल डाउन हो गए होrsquo मन कहा
lsquoनह अगर म वाकई यहा सटल हो सकता तो हो ही जाता ल कन इस साल क बादमर परट स मझ पस नह दन वालrsquo उसन कहा उसन अपन कबड स ओ मक क एकबोतल नकाली उसन मर लए नीट रम क एक क बनाई उसका वाद बत खराबथा
lsquoइस साल क बाद या करोगrsquo मन पछा
lsquoकछ नह बस मर परट स अस लयत स वा कफ हो जाएग दोन ट चस ह म उमीदकरता पछल दो साल म अपनी जदगी क आधी स वस मझ पर खच कर दन क बादव यह समझ ही जाएग क उनका बटा कसी भी एस एजाम को क नह कर सकताrsquo
lsquoय द तम महनत करो तो तम कर सकत होrsquo मन कहा और अपनी क को अपन सर ही रखा
lsquoनह म ऐसा नह कर सकताrsquo तीक न ठोस तरीक स कहा
lsquo सल ान रट तीन तशत स भी कम ह हमम स अ धकाश टडट स इन टटस कोभी क नह कर सकत ल कन आ खर यह बात हमार परट स को कौन समझाए एनीवअपनी क एक ही शॉट म खम कर दोrsquo
रम का वाद कसी गम और कड़वी दवाई क तरह था मन जस-तस उस अपन गलक नीच उतारा म आरती को भला दना चाहता था कभी-कभी कसी बर अहसास कोएक और बर अहसास स ही रलस कया जा सकता ह
मन एक और क मागी और उसक बाद एक और जद ही आरती का याल मझइतना परशान नह कर पा रहा था
lsquoतम उस यार करत थrsquo तीक न कहा
lsquoयार या होता हrsquolsquoयार वह होता ह जो आईआईट एजाम लीयर करन पर आपक परट स आपक
लए महसस करत हrsquo उसन कहा
हमन हाई-फाइव कया lsquoमर याल स म उस यार ही करता थाrsquo मन थोड़ी दर सकहा
lsquo कतन समय तकrsquo उसन एक सगरट सलगा ली
lsquoआठ सालrsquolsquoहोली शट या तम दोन क मलाकात अ ताल म पदा होन क बाद ही हो गई थीrsquo
तीक न कहा
मन सर हला दया अगल तीन घट तक म उस अपनी एकतरफा मकहानी क बार मबताता रहा उस दन स जब मन उसका ट फन चरा लया था उस दन तक जब उसनआ खरी बार मर हाथ को सहलाया था और फर हाल ही म जब उसन मझ अपनीकॉटट लट स नकाल बाहर कर दया था
तीक चपचाप सनता रहा
lsquoतो तह या लगता ह कछ कहोrsquo मन कहा मझ यह दखकर हरानी ई क वहअभी तक जाग रहा था
lsquoतम जब तक चाह बात कर सकत हो मनrsquo उसन बची-खची रम भी मरी क मउड़ल द
lsquoसॉरीrsquo मन सकचात ए कहा lsquoया म तह बोर कर रहा थाrsquo
lsquoइट स ओक उस भलन क को शश करो उस वश करो क वह उस जईई वाललड़क क साथ खश रहrsquo
lsquoम उस नह भल सकता जस दन स उसन मझस बात करना बद कर दया तबसमन एक दन भी पढ़ाई नह क हrsquo
lsquoडट वरी तह और कोई लड़क मल जाएगी हर लड़क को कोई न कोई लड़कमल ही जाती ह लाट रकस को भी तह या लगता ह इ डया क इतनी बड़ी आबादबस ऐस ही हrsquo
lsquoम कभी शाद नह कगाrsquo मन कहा
lsquo फर या करोग अपन हाथ स ही शाद कर लोगrsquo तीक ठहाका लगाकर हसदया
लड़क कसी काम क नह होत व रलशन शस क बार म बात करन क अपनीनाका ब लयत को ऊटपटाग जोस क पीछ छपान क को शश करत ह
lsquoअब मझ चलना चा हएrsquo मन कहा
उसन मझ रोका नह वह फश पर पड़ा था और इतना थक चका था क उसम अपनबतर तक जान क भी हमत नह रह गई थी म बाहर नकलन को आ क वह पीछ सचलाया lsquo जदगी पर अपनी पकड़ ढ ली मत करो मनrsquo
पकड़ हा यह सही शद ह इन एस एजाम को क करन क क यही ह क हमउन पर अपनी पकड़ बना ल इसक लए एक गमलान जरी ह हम कन वषय ममजबत ह कनम कमजोर ह या हम ट चस क साथ मलकर उन कमजो रय को तकर रह ह या हम मॉक -टटस म अपनी तरक का आकलन कर रह ह या हमदनभर एजाम क सवाय और कछ नह सोचत ह या हम जद -जद नहात औरखाना खात ह ता क हमार पास पढ़ाई करन का और समय हो य द इन सभी सवाल काजवाब हा ह तभी हम कह सकत ह क हमारी पकड़ मजबत बनी ह कामयाब होन काबस यही एक तरीका ह न त ही हम उन कछ टलटड टडट स म स भी एक हो सकतह जह कामयाब होन क लए यादा पड़न क जरत नह होती ल कन हमार परट सक मी डयोकर जीस क कारण हमम स अ धकतर इस तरह क टलटड टडट स नह होतकतनी अजीब बात ह क ऐस सड़ ए जीस डोनट करन वाल हमार परट स को ही यहसमझन म सबस यादा व लगता ह क उनका बटा आइटाईन का लोन नह ह
मरी पकड़ ढ ली पड़ चक थी आरती ारा मझस री बना लन क कम स कम तीनमहीन तक ऐसा ही रहा तीक मरा नया और इकलौता दोत बन गया था म लाससअटड करता था ल कन हगओवर क कारण मर लए बजीन चस या र डयोए टव
आइसोटोस को समझना क ठन हो गया था म टस शीट स पर काम करन क को शशकरता था ल कन फोकस नह कर पाता था ट चस अब मझ वटर मानन लग थ औरउहन मझ पर यान दना बद कर दया था म एक सकर-टडट बन गया था उन नाउमीदटडट स म स एक जह कवल इसी लए आन क इजाजत द जाती थी य क उहनको चग सटर को इसक पस चकाए थ
एक और मसीबत थी मरा खचा बढ़ गया था य क अब मझ रम क लए भी पसचकान पड़त थ तीक न मझ कछ समय तक ट द ल कन उसक बाद उसन मझसकहा क म अपन हस क लए प क म जानता था क आ खरी इटॉलमट क पसचकान क लए बाबा न उधार लया था और अब उनक पास बकल पसा नह थाबहरहाल मर पास और कोई वकप नह रह गया था
एक रात मन एसट डी बथ स अपन घर फोन लगाया
lsquoसॉरी बाबा म पछल हत फोन नह लगा पायाrsquo मन कहा
lsquoठ क ह तम मन लगाकर पढ़ाई कर रह हो नाrsquo बाबा न कहा उनक आवाज बतकमजोर लग रही थी
lsquoबाबा एक छोट -सी ॉलम हrsquo मन कहा
lsquoयाrsquolsquoमझ कछ नई कताब चा हए मस क लए उनस अ कोई कताब नह हrsquolsquoतम उह कसी स ल नह सकत याrsquolsquoम कल हrsquo मन कहा lsquoसभी अपनी कताब अपन पास ही रखना चाहत हrsquoबाबा चप हो गए म भी चप रहा और एक साथ इतन सार झठ बोल दन क बाद दम
लन क को शश करता रहा
lsquo कतन पस चा हएrsquolsquoदो हजार इपोटड कताब हrsquolsquoओकrsquolsquoआपक पास पसा ह बाबाrsquolsquoएक हत म भज rsquolsquoआपन कतना लोन लया ह बाबाrsquo मन कहा
lsquoपचास हजारrsquo उहन कहा मन तह तीस हजार भज दए थ ल कन क छत तकरान क लए मझ भी कछ पस क जरत थी
lsquoऔर आपक म डकल बलrsquolsquoअ ताल का मझ पर बीस हजार पए का कज चढ़ चका हrsquolsquoयानी आपको वस भी कछ और पसा उ धार लना ही थाrsquolsquoशायदrsquolsquoजो चाह भज द जए अब म चलता यह महगा कॉल हrsquoमन कहा मन इस म कल इ तहान को जद खम कर दना चाहता था
lsquoतम सलट तो हो जाओग ना गोपीrsquolsquoहा हा म हो जाऊगाrsquoमन रसीवर नीच रख दया मझ बत बरा लग रहा था मन तय कया क और महनत
स पढ़ाई कगा म फर स 25 परसटाइल म जगह बनाऊगा और फर टॉप 5 तक भीजाऊगा मन तय कया क म परी रात पगा ल कन मझ रम क तलब भी लग रही थीजद ही मरा न य कमजोर सा बत आ म तीक क घर गया और रात का आइ धकतरव वहा गजार दया मझ कोई भी चीज पढ़ाई करन क लए तयार नह कर पा रही थीफर मरा जम दन आया
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मरा जम दन मर कोटा आन क पाच महीन बाद आया था मन इस कोई शल ड नहमाना था और मन सोचा था क म रोज क तरह लासस अटड कगा ल कन मरी बथडवाली रात मटर सोनी न मर दरवाज पर दतक द
lsquoकोई फोन पर ह और तहार बार म पछ रहा हrsquo उनक नद म डबी ई आवाजसनाई द
lsquoइस व कौन होगाrsquo मन कहा म हरान था lsquoबाबाrsquolsquoकोई लड़क हrsquo मटर सोनी न कहा lsquoऔर हपी बथड बाय द वrsquolsquoथसrsquo मन कहा और फोन उठा लया आ खर कौन हो सकता था मन सोचा
क रयर पाथ क कोई ट चर या मन कछ गलत कर दया थाlsquoहपी बथड गोपालrsquo आरती क अद भत शद मर कान म इस तरह पड़ जस कोटा
क गम दोपहर म बा रश हो जाए मर भीतर भावनाए उफन रही थ मरी खशी का कोईपारावार न था
lsquoआरतीrsquo म अपन आस को नह रोक सका और व मर गाल पर ढलक पड़
lsquoतो तम अब भी मरी आवाज पहचानत हो मन तो सोचा था क म कछ दर ग सग गमखलगी हम बात कर सकत ह म तह डटब तो नह कर रहीrsquo
म आरती स बातचीत करन क इस य क हजार बार कपना कर चका था मनसोचा था क य द उसन मझ क भी फोन लगाया तो म उसक साथ खा वहार कगाजस क मझ कोई परवाह न हो क वह कौन ह और या ह या म ऐसा दखावा कगाक म बत त न त ही वह तमाम स रहसल एक झटक म हवा हो गई lsquoनहनह आरतीrsquo मन कहा lsquoतम मझ बकल डटब नह कर रही होrsquo
मन कई महीन स इसस बहतर महसस नह कया था आ खर बथड साल म एक बारही य आता ह
lsquoतो बथड पर कछ खास करन का इरादा हrsquo आरती न कहा
lsquoनॉट रयली शायद कसी दोत क साथ डनर पर जाऊrsquolsquoदोत डट यrsquo उसन अपनी चर-प र चत शरारती आवाज म कहा
lsquoतीक वह लड़का हrsquo मन कहा
lsquoओह ओकrsquo आरती न कहा lsquoदट स नाइसrsquolsquoमझ पछली बार क चट क लए खद हrsquoवह चप रही
lsquoमझ व सारी बात नह कहनी थ ल कन तमन कॉटट ही बद कर दयाrsquolsquoआज तक मझस कसी न इस तरह बात नह क rsquolsquoआई एम सॉरीrsquolsquoइट स ओक एनीव आज तहारा बथड ह म नह चाहती क तम खराब महसस
करोrsquolsquoराघव कसा हrsquo मन कहा म अपन आपको रोक नह पा म उनक रलशन शप टटस
क बार म जानन क लए बकरार था
lsquoवह अ ा ह उसन बीएचय म अपना पहला समटर परा लया हrsquolsquoतब तो वह मज कर रहा होगाrsquolsquoनह उतना नह इन फट अब वह क स क मजीन सपादन करता ह वह उसी
क बार म बात करता रहता हrsquolsquoदट स टrsquo मन कहा उसन मझ अभी तक उन दोन क रत क बार म नह बताया
था म भी पछली बार क तरह बत उतावला नजर नह आना चाहता था
lsquoवह बत बहतरीन इसान ह गोपाल तह दखना चा हए क वह नया क लएकतना कछ कर गजरना चाहता हrsquo
मझ इस बात स कोई सरोकार नह था क राघव नया क लए कतना कछ करगजरना चाहता था म बस यही चाहता था क वह नया क एक इसान को मर लए छोड़द lsquoमन तो कभी नह कहा क वह बरा हrsquo मन कहा
lsquoगड और म उसक साथ खश य द तम एक दोत क प म मरी फ करत हो तोतह इस वीकार करना चा हएrsquo
lsquoया हम दोत हrsquo मन पछा
lsquoय द हम दोत नह होत तो या म तमस अभी बात कर रही होतीrsquo उसन कहा
म उस बताना चाहता था क उसन मझस पछल तीन महीन स बात नह क थी खरय द लड़ कय क सामन उनक ारा कही गई बात स उलट सबत पश कए जाए तो व बतअपसट हो जाती ह
lsquoयस आई गसrsquo मन कहा और चप हो गया फर मन कहा lsquoतो हम बात कर सकतहrsquo
lsquoहा बशत तम मझ अनकफटबल महसस न कराओ औरrsquolsquoऔर याrsquolsquoराघव और मर रत को एसट कर लोrsquolsquoया मर पास कोई और चॉइस ह भीrsquo मन कहा
lsquoदटस द पॉइट म चाहती क तम खशी-खशी इस एसट कर लो य द तह अपनसपन क लड़क मल जाए तो मझ भी बत खशी होगीrsquo
त य ही बात थी राघव उसक सपन का लड़का था
जग लगा चाक मर भीतर और गहर धसन लगा मझ समझ नह आया क या कlsquoम एसट करता rsquo मन थोड़ी दर बाद कहा म एक बार फर उसस र नह होना चाहताथा उसस बातचीत बद होन क बाद कोटा म मरी जदगी नक जसी हो गई थी
lsquoकल य क म तह मस करती rsquo उसन कहा lsquoएक दोत क तरहrsquo उसन इसआ खरी वाय को जोर दकर कहा
लड़ कया हमशा इस तरह क बात करती ह व यह यान रखती ह क उनक ारा कहीगई बात क आ धार पर बाद म उह म कल म न डाला जा सक जस क य द म उसकहता lsquoतह न तो कहा था क तम मझ मस करती हो तो वह तपाक स कहती lsquoल कनमन यह भी कहा था क एक दोत क तरह मस करती rsquo जस क हम कसी अदालत मह लड़ कय को समझ पाना म कल ह म शत लगाकर कह सकता क क रयर पाथक जस भी लड़ कय को समझन म नाकाम सा बत होत
lsquoय दयरrsquo उसन पछा और मर वचार का सल सला टट गया
lsquoहाrsquo मन कहा
lsquoओक अब मझ जाना ह हपी बथड अगनrsquolsquoथक य बाय म तमस बात कगा या चट कगाrsquo मन कहा और क गया
lsquoम तह बाद म चट म एड कर लगीrsquo वह हस पड़ी
lsquoसॉरी अगनrsquo मन कहा
lsquoडट बी ट पड बथड बॉय य द तम यहा होत तो म तहार गाल खचrsquo लती उसनकहा
तो उसन एक बार फर वही हरकत कर डाली ndash इस तरह क यारभरी बात स मझकयज करना वह मझ पसद करती थी या नह अर हा उसका यार तो राघव ह मनखद को याद दलाया
lsquoचट सनrsquo उसन कहा और फोन रख दया
म इतना अ ा महसस कर रहा था क मरी डक पर रखी फ जस सॉयशस गाइडभी चमन लायक लग रही थी म पढ़ाई करना चाहता था म जीना चाहता था
क रयर पाथ इस बात को कभी नह समझ पाएगा क म एक बार फर उसक मोटndashइ ड लट तक कस पचा आरती न फर स मन लगाकर पढ़ाई करन म मरी बतमदद क थी शायद चट म उसका यह पछ लना ही काफ होता था क lsquoआज तहारा दनकसा गयाrsquo मझ भी यह अ ा लगता था क म उसक लए जवाबदह और म उसबताता था क मरा दन कतना अ ा बीता म उस लास म पढ़ाए जान वाल इवशसट चस ारा मझ दए जान वाल फ डबक (खास तौर पर पॉ ज टव फ डबक) और मर ारादर रात तक पढ़ाई करन क बार म बताता था
कह न कह म अब भी उस इस करना चाहता था मन याल कभी नह छोड़ा कवह अपना मन बदल सकती ह मर भीतर क मटर आशावाद न हार नह मानी थी
शायद वह चट पर कभी मझ बताए क राघव क साथ उसक बन नह रही ह याशायद वह कस तरह मझस अपन बॉय ड स भी यादा लगाव महसस करती ह
बहरहाल उसन ऐसी कोई बात नह क हाला क कभीndashकभी ऐसा जर लगता कवह ऐसा कछ कहन ही वाली ह एक बार उसन मझ बताया क राघव बत अ ड़यल हराघव न अपन कॉलज क मजीन क प लकशन डडलाइन क कारण उस दो बार मवी डटक लए डच कर दया था म तो कपना भी नह कर सकता था क कोई लड़का आरतीक साथ होन का मौका कस गवा सकता ह कसी ट पड मजीन क डडलाइन तो छोड़ोम आरती क लए क रयर पाथ का मॉकndash टट भी छोड़ सकता था ल कन मन उस यहनह कहा मझ अपनी जगह पता थी म जो कभी राघव स अपनी तलना नह सकता था
एक शाम मन चट पर उस अपनी लास परफॉमस क बार म बताया
गोपालकोटाफटरी तो म 20व नबर तक पच गया लाइगआरती 20वा या गोपालकोटाफटरी लास म मरा परसटाइल इसका मतलब ह क 80 फ सद
लास न मझस खराब दशन कया यह मरा अब तक का सव दशन ह लाइगआरती वॉव कल गोपालकोटाफटरी हाला क मझ अब भी एक लबा सफर तय करना हलाइगआरती तम अपनी म जल जर हा सल कर लोग तहार पास समय हगोपालकोटाफटरी समय तो खर यादा नह ह जईई और एआईईईई दो महीनस भी कम समय बाद ह लाइगआरती य वल बी फाइन गोपालकोटाफटरी आई होप सो कोस क बीच म म थोड़ा पछड़ गया थालाइगआरती कस गोपालकोटाफटरी बस य ही लक ऑफ फोकस एनीव म अब जद स जदकोटा स चल जाना चाहता लाइगआरती म जानती मझ भी तह दख लबा समय हो गया ह मस य गोपालकोटाफटरी या वाकई लाइगआरती ऑफ कोस दखो राघव न मझ lsquoचक द इ डयाrsquo दखान का वादाकया ल कन नह दखाई य द तम यहा होत तो म तहार सा थ फम दखसकती थी गोपालकोटाफटरी तम मर साथ फम दखन चलोगी
उसन कोई जवाब नह दया मन पाच मनट वट कया
गोपालकोटाफटरी गोपालकोटाफटरी य दअर
उसन कोई जवाब नह दया म सोचन लगा क मन कह कोई गलत बात तो नह कह द मरा दल तजी स धड़कन लगा पाच मनट मन फर लखा
गोपालकोटाफटरी ह य अपसट य द मन कछ गलत कह दया तो उसक लएसॉरी तह लाइगआरती ह सॉरी लाइगआरती बॉय ड का फोन आया था माफ माग रहा था उसका काम पराहो गया ह हम मवी दखन जा रह ह गोपालकोटाफटरी ओह दटस ट लाइगआरती तम या कह रह थ वट ऑफ कोस जब तम लौट आओग तोहम साथ ndashसाथ फम दख सकत ह और तम सॉरी य बोल रह हो
गोपालकोटाफटरी कछ नह बस मझ लगा क लाइगआरती रलस ओक अब मझ तयार होना ह गोपालकोटाफटरी फाइन लाइगआरती म इतना खबसरत दखना चाहती क वह मर चहर स नजर नहटा पाए नह तो वह हमारी डट पर भी अपन आ टकस क फ री डग करतारहगा गोपालकोटाफटरी ओक अब मझ भी पढ़ाई करनी चा हए लाइगआरती दो महीन और फर हम सब मलकर खब मौज ndash मती करग गोपालकोटाफटरी यस थस लाइगआरती बाय XOXOXO
और लाइगआरती न लॉग आउट कर दया
म धीम कदम स चलता आ घर लौट आया आ खर मरी जदगी म कताब कअलावा और कछ नह रह गया था मन को शश क क म थएटर म एकndashसर का हाथथाम राघव और आरती क कपना न क म सोचन लगा क या मझ आरती सबातचीत जारी रखनी चा हए ल कन मझ नराशा क वह गत याद आती थी जसम मउसस पछली बार बातचीत बद होन क बाद पड़ गया था परी तरह नवस कडाउन होन सतो यही बहतर ह क दल पर छोट ndashमोट चोट पड़ती रह
क रयर पाथ क इटस न हम कहा था क हम रात आठ बज ही सो जाए यह जईईएजाम स पहल क शाम थी हमारी आ खरी लास म मो टवशनल ीचस बलसndashजी न महामा गाधी स लकर महमद अली तक क उदाहरण दए य व लोग थ जहनम कल हालात का सामना करन क बावजद कभी हार नह मानी मन हवा म महमदअली क तरह मका लहराया और गाधी क तरह सध ए कदम स इ टट यट स बाहरचला आया मरा मकसद था नया क सबस क ठन ndashऐस एजास म स एक को ककरना घर जात व मन दो लोग को फोन लगाया जो मझ गड लक वश कर सकत थ
lsquoमर गोपी मरी बट वशश हमशा तहार साथ ह कल तहार पास एक मौका ह कतम अपन प रवार क नाम को मशर बना सकत होrsquo बाबा न कहा
lsquoथक य बाबाrsquo मन कॉल क अव ध कम रखत ए कहा
फर मन आरती का नबर घमाया
lsquoहलोrsquo एक पष वर न मझ चका दया वह आवाज उसक पता जसी नह लगरही थी
lsquoया म लीज आरती स बात कर सकता rsquo मन कहा
lsquoयोर आप कौन बोल रह हrsquo उस न पछा
lsquoगोपालrsquolsquoहाय गोपाल इट स राघवrsquo उस न कहा
मर हाथ स फोन लगभग छटकर गर पड़ा lsquoराघवrsquo मन कहा मन लगभग एक सालस उसस बात नह क थी
मझ नह पता था क राघव को आरती और मर बार म कतना पता था खासतौर परउसस ई मरी झड़प और फर उसक बाद हमारी बातचीत फर श होन क बार म मनअपन लहज को यल ही बनाए रखा lsquoबीएचय म कसा लग रहा हrsquo
lsquoअभी तक तो सब ठ क ह बीएचय कसी भी सर कॉलज जसा ही ह बस यहाबहतर स वधाए ह तम कस होrsquo
lsquoकल जईई ह तम अदाजा लगा सकत होrsquolsquoपता ह मरा कॉलज भी एक सटर ह तम तब स यहा एक बार भी नह आएrsquolsquoआ खरी मनट तक मरी लासस चलती रह फर कल स मरा एआईईईई फाइनल
रशर भी श हो रहा हrsquolsquoमझ तो खशी ह क म इस सब स पार पा चकाrsquo राघव न हसत ए कहा वह मझ
चढ़ाना नह चाहता था ल कन मझ बरा लगा जब कोई इनडायरटली भी आपककमजोर हस पर चोट करता ह तो दद होता ह
lsquoउमीद करता क म भी जद ही इसस पार पा जाऊrsquo मन कहा lsquoतम उस क करलोग आरती न मझ बताया था क तहारी पढ़ाई अ चल रही हrsquo
तो व दोन मर बार म बात करत ह मन सोचा
lsquo कस पता पपर पर डपड करता ह फर कमत का भी साथ मलना चा हएrsquolsquoसच बात हrsquo राघव न कहा
एक मनट तक असहजndash सी खामोशी पसरी रही यह उसक गलती थी य क वहयह भल गया था क मन आरती स बात करन क लए फोन लगाया था
lsquoतो आरती हrsquolsquoअर हा एक सकड हो करोrsquo
मझ उसक खल खलाहट सनाई द मन सोचा कह राघव न मर बार म कोई जोक तोनह सनाया
lsquoह बट ऑफ लक जईई बॉयrsquo आरती न कहा
lsquoथक य मझ इसक जरत हrsquolsquoम तहार लए ाथना करन व नाथ म दर गई थीrsquo आरती न कहा
lsquoवाकईrsquolsquoहा और म इस आलसी राघव को भी अपन साथ ल गई थीrsquo उसन कहा और फर
हस पड़ी lsquoहम अभीndashअभी लौट ह ह राघव टॉप टॉप हो ऑन गोपालrsquoजस क मन उनक इस ाइवट हसीndashठ को सनन क लए यह लग डटस कॉल
लगाया हो मन सना क आरती राघव स कह रही थी क वह उसक नकल न कर ल कनशायद राघव क पास करन क लए कोई और बहतर काम न था
lsquoहलोrsquo मन साठ सकड स क बाद कहा
lsquoह सॉरीrsquo आरती न अपन आपको सभालत ए कहा lsquoओक अब म उस अपन सर कर सक गोपी तम एजाम सटर पर सपरndash कॉ फडट होकर जाओग ॉ मसrsquo
lsquoहाrsquo मन कसी आाकारी ब क तरह कहा जब वह मझस इस तरह अ धकार कसाथ बात करती थी तो मझ अ ा लगता था
lsquoम चाहती क तम यह महसस करो क तम जदगी म जो चाह हा सल कर सकतहो य क म जानती तम ऐसा कर सकत होrsquo आरती न कहा
lsquoम तह नह हा सल कर सकताrsquo म उसस कहना चाहता था इसक बावजद मझअ ा लगा क उसन बग टट स पहल मरा हौसला बड़ाया lsquoएआईईईई खम होत ही मसीध वाराणसी क न म सवार हो जाऊगाrsquo
lsquoहा हम भी तहारा इतजार कर रह ह जद आना रजट आन पर हम साथमलकर तहारी जीत का ज मनाएगrsquo
lsquoहा य द म जीत सका तोrsquo मन कहा
lsquoऐस मत सोचो ऐसा सोचो क तम पहल ही जीत चक होrsquo आरती न कहाrsquo मरलए
उसक यह बात मर लए नया क सबस खबसरत बात थी हा म जीतना चाहताथा उसी क लए
शहर बदल गया था ल कन कोटा का जईई एजाम सटर मझ पछल साल जसी हीफ लग द रहा था परट स टसीndashलोड स और ऑटोndashलोड स म आ रह थ कछ अमीरजादएयरकडीशड कार स आए थ माए अपन ब क लए पजाndashपाठ कर रही थ और यहवडबना ही ह क इस पजाndashपाठ क ठ क बाद उनक ब को वान म अपनी महारथदखानी थी मर साथ मर प रवार का कोई न था मझ परवाह भी नह थी माथ परतलक और मह म दही स फक नह पड़ता एक बार भीतर दा खल होन क बाद आपकोदशभर म एजाम द रह पाच लाख टडट स म स नयानव फ सद स कड़ा सघष करनापड़ता ह
मरी शआत अ ई मन कछ शआती ॉलस आसानी स सलझा ल बीचम दकत आन लग इनम स कछ सवाल उन चटस क थ जह तब पढ़ाया गया थाजब म शराब क नश और नराशा क गत म आ करता था कछ ॉलस पर म उलझगया मझ लगता था क म उह सॉव कर लगा और उनस जझत ए मन दस मनट बबादकर दए मर याल स मरी ॉलम यह ह क म कसी भी चीज को आसानी स छोड़ नहसकता जईई म दस मनट बत मायन रखत ह मन अपन आपको दमागी प सलताड़ा और अगली ॉलम को सॉव करन म भड़ गया घट बजन स पहल म हर सभवॉलस सॉव करता चला गया
एजा मनर न मझस मरा पपर छ न लया जब क म उस वनती कर रहा था क वहमझ आ खरी जवाब लख लन द उस एक को छोड़न भर स मझ 500 रक कानकसान हो सकता था बहरहाल जईई खम हो चका था
lsquoएजाम कसा रहाrsquo शाम को बाबा न मझस पछा
मन एक ईमानदार जवाब दन क को शश क lsquo पछली बार स बहतरrsquolsquoगड ल कन अभी रलस मत करो एआईईईई पर परा यान लगाओrsquolsquoजी हाrsquo मन कहा
आरती स मन थोड़ी दर चट क जसा क जा हर था उसन मझ फर स हौसलादलाया कॉलज म उसक पढ़ाई म बाधा आन वाली थी उसक परट स न अम रका मउसक आट स मलन क लए एक फ मली प का लान बनाया था
lsquoय द म कॉल या चट नह कर पाई तो म तह शकागो स ईमल कगीrsquo उसन कहाउसन मझ एआईईईई क लए गड लक वश करत ए कछ मस भी भज
आरती न मझ यह भी बताया क राघव क छट टया चल रही थ और वह कसीलोकल अखबार म इट नग कर रहा था
lsquoराघव क पता इस बात स बत खश नह ह क उनका इजी नयर बनन वाला बटाअखबार म काम कर रहा ह ल कन म कहती भला इसम गलत ही या हrsquo आरती नअपन एक ईमल म लखा
जब मर य दोत इटरनशनल हॉलीड मना रह थ और अपनी पसद का काम कर रह थतब म एआईईईई कर रहा था एजास अ ndashस ए पछली बार स कह बहतरबहरहाल यह एक ीडndashबट टट ह आप कभी नह बता सकत क सर लोग कतलना म आपन वाकई अ ा दशन कया ह या नह स र फ सद सवाल कर दन कामतलब होता ह क आप लक ह मझ ऐसा लग रहा था क मन पछली बार स अ ादशन कया ह खर मन अपनी आसर शीट सब मट क और प कग करन क लएदौड़कर अपन घर पचा मझ एक न पकड़नी थी म कोटा म अपनी सजा परी कर चकाथा
तीक मझ टशन पर ाप करन आया उसन कपाटमट म भारी बस चढ़ान म मरीमदद क
lsquoतम रायपर कब जाओगrsquo मन कहा
lsquoजब व लोग मझ लन आएगrsquo तीक न बपरवाही क साथ कहा और हाथ हलाकरमझ वदा द
वाराणसी
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टशन पर कवल वाराणसी क नजार और गध ही मरा वागत करन पच मन अपन आनक बार म कसी को नह बताया था म नह चाहता था क बाबा टशन तक पचन कलए ऑटो- र ा पर पसा खच कर उहन मझ बताया था क हम पर जो कज औरउसका याज चढ़ा था वह डढ़ लाख क बराबर था लोन दन वाल तीन फ सद तमाह कदर स याज ल रह थ
lsquoतम एक अ ा कॉलज जॉइन करोग तो हम टट बक ऑफ इ डया स सती दर परलोन मल जाएगाrsquo बाबा न मझस कहा था
मझ गढौ लया क गद और भीड़भरी सड़क भी खबसरत लग रही थ अपन शहर कतलना कसी और कोई जगह स नह क जा सकती ल कन म आरती स मलन क लएबचन था वाराणसी का चपा-चपा मझ उसक याद दला रहा था लोग मर शहर म ई रक मौजदगी का अहसास करन आत ह ल कन मझ तो यहा हर जगह वही नजर आतीथी बहरहाल मझ सबस पहल तो बाबा क पास ही जाना था
मन अपन घर क घट बजाई
lsquoगोपालrsquo बाबा मझ दखत ही चीख और अपनी बली-पतली बाह म मझ जकड़लया
lsquoमन वाराणसी और अपन घर को बत मस कया बाबा मन आपको भी बत मसकयाrsquo
घर पहल स भी बतरतीब नजर आ रहा था शायद बाबा उस इसस यादा साफ-सथरानह रख सकत थ मन कमरा बहारन क लए झाड उठा ली
lsquoअर को तम एक साल बाद आए हो यह या कर रह होrsquo बाबा न मर हाथ स झाडछ न ली
हमन लच म पतली पीली दाल और खी-सखी चपा तया खाई ल कन घर का बनाखाना बत अ ा लग रहा था मर पता न पछल काफ समय स कसी स बातचीत नहक थी इस लए व मझस खब दर तक ब तयात रह
lsquoकस क हालत पहल जसी ही ह घनयाम तो सनवाई पर भी नह आता ह मरयाल स उस लगता ह क म जद ही मर जाऊगा उसक बाद चीज उसक लए बतआसान हो जाएगी lsquoउहन कहाrsquo
lsquoआप या बात कर रह ह बाबाrsquolsquoवह सही ह आ खर मर शरीर क गाड़ी और कतन दन चल सकती हrsquo उह यह
कहत-कहत खासी का दौरा पड़ा
lsquoआपको कछ नह होगा म वक ल स बात करता rsquolsquoकोई फायदा नह ह मर पास उस दन क लए पसा नह ह वह भी अब मर फोन नह
उठाता ह यह सब भल जाओ तहार एस रजटस कब आ रह हrsquolsquoएक महीन बादrsquo मन अनमन ढग स कहा म सोच रहा था क मझ पहल आरती को
कॉल करना चा हए या अपन हाथ धो लन चा हए
मन जठ हाथ स ही उसका नबर घमा दया
lsquoहलोrsquo उसन कहा
lsquoआज शाम नाव पर सर करना चाहगी मडमrsquo मन कहा
lsquoगोपाल तम आ गए कब आएrsquolsquoएक घटा पहल हम कब मल सकत हrsquo मन कहाrsquo आज शाम घाट परrsquolsquoयस योर अर को नह यार मझ राघव क कॉलज जाना ह चाहो तो तम भी साथ
चल सकत होrsquolsquoनो थसrsquolsquoय नह वह तहारा भी तो दोत हrsquolsquoम पहल तमस मलना चाहता rsquolsquoहम रात म बात कर लग म डड क गाड़ी भजवा रही ओकrsquoमर पास कोई चारा नह था म उस दखन क लए एक और दन इतजार नह कर
सकता था
lsquoराघव माइड तो नह करगाrsquolsquoउस तो बत खशी होगी आज उसक लए एक खास दन जो हrsquolsquoखास दनrsquolsquo मलन पर तह बताऊगी वॉव तकरीबन एक साल हो गया नाrsquolsquoतीन सौ पाच दनrsquo मन कहा
lsquoकोई बत पढ़ाक बनकर लौटा ह सी यrsquo
जब आप लाल ब ी वाली कसी सरकारी सफद एबसडर गाड़ी म बठत ह तो आपकोपॉवर का अहसास हो जाता ह फक लीयर हो जाता ह प लस वाल न जान यआपको सलाम ठकत ह और आप सोचन लगत ह क या आपको स वल स वसस मनह होना चा हए था
कार मझ डीएम क बगल तक ल गई पॉश क टनमट ए रया म दो एकड़ इलाक म बसीइस ॉपट का ड़ाइव-व स पलाकार था
lsquoआरती मडम स कहना क म कार म ही वट कर रहा rsquo मन ाइवर स कहा
म उसक परट स क साथ कोटा और आन वाल एस एजाम रजटस क बार म बातनह करना चाहता था
उसक गलाबी सलवार-कमीज र स ही दखाई द जब वह करीब आई तो मनउसका चहरा दखा उसन लप लॉस क अलावा और कोई मकअप नह कया था पछलतीन सौ पाच दन म मन इसस खबसरत कोई और चहरा नह दखा था उसन कार कादरवाजा खोला तो म अपनी भावना पर काब पान क को शश करन लगा
lsquoहाय आरतीrsquo मन कहा
lsquoअर इतन फॉमल य हो रह हो यहा आओrsquo आरती न कहा और मझ गल लगालया उसका सतारदार पट टा मर सीन म चभा और उसक खशब मर जहन म बस गईlsquoराघव क कॉलजrsquo उसन ाइवर स कहा और वह समझ गया
lsquoसो हाऊ इज लाइफ तह वापस आकर अ ा नह लग रहाrsquo उसन कहा
lsquoयह मर लए बत खशी का दन ह उमीद करता अब मझ कभी वाराणसी छोड़नको मजबर नह होना पड़गाrsquo मन उसाह स कहा
lsquoबशत तह आईआईट न जाना पड़rsquo उसन आख मारत ए कहा
म कोई जवाब नह द पाया
lsquoया तम आईआईट क लए तो वाराणसी छोड़ दोग नाrsquoमन खद को सभाला lsquoऐसा तो ह नह क सब कछ मर ही हाथ म हो एनीव राघव क
लए आज का दन खास य हrsquolsquoउसन कॉलज क मजीन क शल-सरत ही बदल द ह आज उसका नया इय
लॉय होन वाला हrsquo
lsquoवह बी-टक कर भी रहा ह या नह मझ कवल उसक मजीन क बार म ही सनन कोमलता हrsquo
आरती हस पड़ी गॉड मन उसक इस हसी को कतना मस कया म उसक हसीको रकॉड करक बार-बार बजाना चाहता था
lsquoवह बी-टक कर तो रहा हrsquo उसन मकरात ए कहा lsquoहाला क म उस नकलीइजी नयर कहकर भी बलाती rsquo
lsquoउसक यजपपर इटन शप कसी चल रही हrsquolsquoनॉट बड हाला क व उस यादा लखन का मौका नह दत उह लगता ह क उसक
आ टकसrsquo वह सही शद क तलाश करन लगीlsquoबत र डकल और अलग हrsquoहम लब-चौड़ बीएचय क स म दा खल हो गए म नयोड लॉस और ब ग क
बहतरीन रखरखाव क कारण वह कसी और दश क जगह लग रही थी खासतौर पर अगरवाराणसी क बाक हस स उसक तलना क जाए तो
lsquoजी-14 हॉलrsquo आरती न ड़ाइवर स कहा
हम पाच सौ सीट वाल ऑ डटो रयम म दा खल ए जो क खचाखच भरा था टजपर नई मजीन क कवर का एक बड़ा-सा बनर टगा आ था
राघव न सब कछ बदल दया था ndash लआउट लक कटट और यहा तक क शीषक भीकवर पर लखा था बीएचय-कएएमपी यानी भकप मन दखा य नव सट क नाम का बतमाटनस क साथ उपयोग कया गया था मगजीन क टगलाइन थी - नया हला दो
आरती और म सरी कतार म बठ थ रोशनी म म थी और हॉल म सगीत गज रहाथा दशक उसाह म शोर मचा रह थ
lsquoराघव बकटज म हrsquo आरती न कहा lsquoउस बत सारी चीज त करनी ह वहहमस बाद म मलगाrsquo
दस टडट स क एक समह न मच सभाला व सर स पर तक काल लबाद स ढक थऔर उस पर अ पजर क आक त बनी थी अा-वायलट लाइट स चाल ई औरअ पजर चमकन लग
अब ऑ डटो रयम म माइकल जसन का गाना lsquoमन इन द मररrsquo गजन लगा
आई एम गॉना मक अ चज फॉर वस इन माय लाइफ
अ पजर एोब टक डास करन लग दशक न जोरदार अ भवादन कया गानाचलता रहा
इफ य वाना मक द व अ बटर लस टक अ लक एट योरसफ एड दन मक अ चज
lsquoयह मगजीन क लॉ चग ह या डास शो हrsquo मन मह बचकात ए कहा
lsquoपहल टडट स को एटरटन करो उनका यान खचो और फर हम जो कहना चाहतह व हमारी बात सनगrsquo आरती न कहा
lsquoहrsquo मन कहा उसका चहरा अा वायलट रोशनी म भीगा आ थाrsquolsquoराघव भी यही कहता ह -एटरटन एड चजrsquoमन कध उचका दए फर मन मड़कर टडट स को दखा म सोचन लगा क इनम स
कतन न कोटा म समय बताया होगा य द आकड़ क ही बात कर तो उनम स एकतहाई उसी शहर स होकर आए हग जहा स म आज आया था
म अपन को यह सोचन स रोक नह पाया क या हॉल क इतनी सारी सीट म स मएक भी नह हा सल कर सकता
अ पजर का नाच खम आ ता लय क गड़गड़ाहट सनाई द काला सट पहनएक लबा-सा टज पर आया lsquoगड ईव नग बीएचयrsquo उसक जानी-पहचानीआवाज सनाई द
lsquoयह तो राघव हrsquo मन हरत स कहा वह तो परी तरह बदल चका था मन इसस पहलउस कभी सट म नह दखा था वह कसी रॉकटार जसा लग रहा था उसका सधा आशरीर दखकर लग रहा था क उसन कॉलज क ोटस स वधा का भरपर फायदाउठाया ह उसक तलना म म कोटा म एक साल बतान क बाद थलथल और ढलती उका नजर आ रहा था
राघव न अपनी ीच श क
lsquoयह कोई मामली कॉलज नह ह आप मामली टडट स नह हो इस लए हमारीमगजीन भी मामली नह हो सकती लडीज एड जटलमन आई जट -भकपrsquo
ॉटलाइट मगजीन क कवर पर गरी दशक न जोरदार वागत कया आरती न भीजोर स ताली बजाई वह बना पलक झपकाए टज क ओर नहार रही थी
lsquo नया बदल चक ह हमार कॉलज हमार शहर हमार दश को भी बदलन कजरत हrsquo राघव न अपनी बात जारी रखी lsquoउह कौन बदलगा हम इसक शआत हम
आज यहा स करत ह हम नया को हलाकर रख दगrsquoदशक न फर जोरदार ता लया बजाई व राघव क शद स यादा उसक आवाज स
उसा हत थ
राघव क ए डटो रयल ट म क टडट स न टज पर भकप-भकप कहना श करदया दशक भी उनक सर म सर मलान लग
lsquoहम व बात छापग जह छापन क कसी को हमत नह होती व मसल जो सीध-सीध हम भा वत करत ह कोई बकवास नहrsquo राघव न कहा
ए डटो रयल ट म नीच उतरी और मगजीन क कॉ पया बाटन लगी
राघव न अपनी ीच जारी रखीrsquo हमारी पहली कवर टोरी हमार होटल कचस कहालत क बार म ह हमारी सीट ट म वहा गई और तवीर खचकर लाई जरा द खएआपका खाना कस तयार कया जाता हrsquo
मन भकप क प पलटाए तवीर म दख रहा था क कचन क लोर पर कॉोच हमठाइय पर म खया भन भना रही ह और मस म काम करन वाल अपन पर स आटागध रह ह सभी टडट स म घणा क लहर दौड़ गई
lsquo छ rsquo आरती न तवीर दखत ए कहा lsquoअब म बीएचय म कभी कछ नह खानवालीrsquo
lsquoभकप हमार कॉलज को बदलकर रख दगा य तवीर डायरटर को भज द गई हrsquoराघव न कहा lsquoल कन यह मत सम झएगा क भकप कवल गभीर बात ही करता ह हमनढर सार जोस कहा नया और क वताए भी छापी ह हमन ड टग करन स लकर रयमबनान तक क टस भी द ह हपी री डग लॉग लव बीएचयrsquo
राघव क टज स चल जान क एक मनट बाद तक टडट स ता लया बजात रह
राघव न आरती क ओर टनलस ट ल क एक लट बढ़ाई जसम ड क दो लाइसथ lsquoबटर टोट यह लीन ह म ॉ मस करता rsquo उसन उसस कहा
हम कायम खम होन क बाद बीएचय क ट न म आए थ आरती न सड वच कोडरत-डरत उठाया
lsquoक ट न ठ क ह ॉलस होटल क कचन म हrsquo राघव न कहा lsquoऔर अब वह भीसाफ हो जाएगा गोपाल खाओrsquo
मन एक लन पराठा ऑडर कया था म उस धीर-धीर खाता रहा राघव न आरती कसड वच उठाई और उस एक कौर खलाया वह मकरा द म जल-भन गया
lsquoतह कोटा कसा लगाrsquo राघव न मझस पछा lsquoहमार यहा कोटा स ढर टडट स हrsquolsquoय द म एक अ कॉलज तक पचन म कामयाब होता तो कोटा बत अ ा ह
अगर नह तो वह नया क सबस खराब जगह हrsquolsquoतम कामयाब होओग तम पछल साल भी लगभग कामयाब हो ही गए थrsquo राघव न
दाए हाथ स अपन मसाला डोसा का एक कौर तोड़ा उसक बाए हाथ म भकप क एककॉपी थी
lsquoतम बदल गए हो राघवrsquo मन कहा
lsquoकसrsquo उसन मरी ओर दखा
lsquoयह मगजीन और यह सब कस लएrsquolsquo कस लए मझ ऐसा करना अ ा लगता ह इस लएrsquo उसन कहा
आरती न कछ नह कहा वह बस हम बात करत दखती रही म सोच रहा था कउसक दमाग म अभी या चल रहा ह या वह हम दोन क तलना कर रही थी वल महर लहाज स राघव क मकाबल कछ नह था सवाय एक चीज क उस यादा यारकरन क लहाज स कोई भी उस इतना यार नह कर सकता था जतना म करताथा
lsquoहम कसी ोफशनल इजी नय रग कॉलज म मगजीन ए डट करन नह जात ह लोगजी-तोड़ महनत करक यहा तक पचत ह ता क एक अ ा जॉब पा सक rsquo मन कहा
lsquoयह तो बत सकरी सोच ई जो चीज हमार आसपास ह उनक बार म या खानासफाई स नह पकाया जाता लस म बाबा आदम क जमान क मशीन ह हमार शहर कही हालत दख लो वाराणसी इतनी गद य ह हमारी न दय को कौन साफ करगाrsquoराघव क काली आख आग उगल रही थ
lsquoकम स कम हम तो नह कर सकतrsquo मन उसक बात का वरोध करत ए कहाlsquoहमार लए तो अपनी जदगी क म कल स जझना ही काफ हrsquo
राघव न अपनी चमच उठाई और मरी तरफ इशारा करत ए कहा lsquoम इसी ए टट यडको बदल दना चाहता rsquo
lsquoरहन भी दोrsquo मन कहा lsquoकोई कछ नह बदल सकता होटल वक स तहारी मा कतरह खाना नह पका सकत और वाराणसी हजार साल स नया का सबस बड़ा ड पगाउड बना आ ह हर कोई यहा अपन पाप को डप करन आता ह या कभी कोई
वाराणसी म रहन वाल हम जस लोग क बार म सोचता ह जो उनक ारा छोड़ी गई गदगीक बीच रहत हrsquo
lsquoबॉज या हम थोड़ा कम सी रयस हो सकत ह म बोर हो रही rsquo आरती न कहा
lsquoम तो बसrsquo मन कहा
lsquoवह नह सनगा वह जद द हrsquo आरती न कहा और राघव क नाक पर चकोट काटली मर शरीर म सहरन दौड़ गई
राघव न अपना हाथ आग बढ़ाया और आरती न उस थाम लया फर वह उठ औरउसक गोद म जा बठ
सभी का यान हमारी ओर खच गया तो राघव सफ कॉ यस हो गया इजी नय रगकॉलज म आमतौर पर इस तरह यार का सावज नक दशन दखन को नह मलता जोलोग यार करत ह व कभी-कभी इस बात को समझ नह सकत क व नया क नजर मकतन ट पड दख रह ह
lsquoटॉप इट आरतीrsquo राघव न उस धकलत ए कहा lsquoया कर रही होrsquo वह अपनी सीट पर चली गई lsquo मटर ए डटर मझ अपनी जदगी स ए डट मत
करो ओकrsquo उसन कहा
मझ लगा क म उह यार करत दखन क लए ही यहा आया म आरती स इस तरहनह मलना चाहता था म यहा स कह र भाग जाना चाहता था lsquoचलrsquo मन आरती सकहा
lsquoयोर मझ भी दस स पहल घर पचना हrsquoहमन डनर परा कया और राघव न बल चकाया
lsquoबाबा कस हrsquo राघव न पछा
lsquoबीमार हrsquo मन कहाrsquo अब उनक हालत और खराब हो गई ह मझ लगता ह व मझसकछ छपा रह हrsquo
lsquoयाrsquo आरती न कहा
lsquoउह ऑपरशन क जरत ह ल कन व यह बात मानन को राजी नह हग व खचबचाना चाहत हrsquo
lsquoयह तो बड़ी अजीब बात हrsquo राघव न कहा
lsquoहा दस साल पहल हमार पास उस ववा दत जमीन को बचन का ऑफर था य द हमउस औनndashपौन दाम म बच डालत तब भी अपना खचा नकाल लतrsquo
lsquoवह तहारी जमीन ह उस सत म य बचना चाहत होrsquo राघव न कहा
lsquoतहारी बात सनकर बाबा को खशी होगीrsquo मन कहा
हम आता दखकर इवर न कार टाट कर द उसक हडलाइट क रोशनी म पा कगम खड़ी गा ड़या नहा गई
lsquoकार म बठ जाओ गोपाल म एक सकड म आती rsquo आरती न कहा
म कार म इतजार करता रहा हाला क मन सोचा था क म बाहर झाककर नह दखगाल कन म खद को रोक नह पाया रगीन शीश स मन दखा क व दोन एक पड़ क पीछगए फर उहन एक-सर को बाह म भर लया राघव न अपना चहरा उसक चहर परझकाया मझ लगा जस मझ मतली आ जाएगी
वह पाच मनट बाद आई lsquoयादा दर तो नह ईrsquo उसन लापरवाही स पछा
म चप रहा मन उसस नजर नह मलाई उसन ाइवर स चलन को कहा
lsquoनाइस इव नग ह नाrsquo आरती न पछा
मन सर हला दया
lsquoक स बत खबसरत ह नाrsquo बीएचय गट स स बाहर नकलत ही उसन कहा
हम चपचाप बठ रह कार ट रयो म य जक बज रहा था कलाश खर का गाना थाजसम टट पख वाल एक प रद क बार म बताया जा रहा था जो अब कभी नह उड़सकगा गाना टट सपन क बार म था और इसक बावजद अला क बद स हसन कउमीद कर रहा था
मन एकाध बार नजर बचाकर उसक चहर क ओर दखा उसक हठ पर अब लपलॉस नह था न चाहकर भी म उन दोन क और अतरग ण क कपना करन लगा
lsquoतम ठ क तो होrsquo आरती न कहा
lsquoह हा यrsquo मन कहा
lsquoइतन चप-चप य बठ होrsquolsquoबाबा क बार म सोच रहा rsquoउसन समझदार क तरह सर हला दया ल कन वह यह बात कभी नह समझ
सकती थी क लजस क पास चाह दमाग हो या न हो दल जर होता ह
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हत गजर और रजटस का दन और करीब आ गया बाबा मझस भी यादा बचन नजरआ रह थ एक रात जब म उह उनक दवाइया दन गया तो उहन पछाrsquo रजटस कबआ रह हrsquo
lsquoअगल हतrsquo मन कहा
lsquoआईआईट rsquolsquoउसक एक हत बादrsquoमन कहा
lsquoय द तम आईआईट तक पचन म कामयाब हो जाओ तो बत अ ा हो हनाrsquoबाबा न कहा उनक आख म चमक थी
मन उह एक लकट ओढ़ा द lsquoबाबा डॉटर न कहा था क आपको ऑपरशन कजरत हrsquo
lsquoडॉटस को यादा बजनस चा हए और याrsquo उहन कहा
lsquoया हम घनयाम तायाndashजी स बात कर क व हम जमीन क लए जतना चाह पसाद सकत हrsquo मन कहा
lsquoकोई फायदा नह ह व नह सनग वस भी अब इस उ म ऑपरशन करवाकर मया कगाrsquo
lsquoआप कभी मरी बात नह सनत बाबाrsquo मन सर हलाया और ब ी बझा द
lsquo नया खम नह हो गई ह गोपाल ऐसा नह हrsquo उसन मरा हाथ थामत ए कहा lsquoकछतो कहोrsquo
एआईईईई रजटस क दन आरती न मझ अपन घर बलाया था उसक पास इटरनटकन न था और मर ारा आह करन क बावजद वह मझ अकल रजट नह दखन दरही थी
मझ उस लह स जड़ी एकndashएक चीज अ तरह याद ह कयटर टबल पर लालऔर काला एायडड टबललॉथ शोर करन वाला छत का पखा अनक सरकारी ॉ फयाजो उसक पता क थ काल रग का लपटॉप और वह न जस पर मरी रक दखाई दरही थी
lsquo44342rsquo मर रोल नबर क आग लखा था
एक साल तक उन कोसस स जझन जनस म नफरत करता था एक धलभर शहर मअकल रहन और अपन पता को कज म झक दन क बाद म कवल यही सा बत कर पायाथा क म एक नाकाम आदमी
मन कोई त या नह क म रोया नह न ही मझ गस डर खीझ का अहसासआ मझ कवल इतना ही याद ह क आरती मर पास थी और मझस बात कए जा रहीथी खर म उसक शद को समझ नह पा रहा था
म इस तरह उठ खड़ा आ जस म कोई जी वत नह
lsquoतम ठ क तो हो नाrsquo आरती न मझ झकझोरत ए कहा मझ लग रहा था क वह मकयटर परी नया ही लो मोशन म चल रही ह lsquoजईई क बार म याrsquo उसन पछा
lsquoवह तो और बरा होगा जईई का पपर अ ा नह गया थाrsquoवह चप हो गई आ खर वह कहती भी तो याlsquoम चलता rsquo मन कहा
lsquoकहा जाओगrsquo उसन पछा यह सबस जरी सवाल था हा आ खर म कहा जासकता था घर और घर जाकर या म बाबा को यह बताता क उहन जतना पसा कजलया था वह मझ पर बबाद हो गया ह
lsquoम तहार साथ चलती म बाबा स बात कर सकती rsquoमन सर हलाकर मना कर दया
lsquoआर य योर उसन कहा
मन कोई जवाब नह दया द भी नह सकता था तज कदम स म उसक घर स बाहरचला आया
lsquoकहा गए थrsquo बाबा न दरवाजा खोलत ए कहा
म सीध अपन घर म चला गया बाबा मर पीछndashपीछ चल आए
lsquoतम एआईईईई रजटस नह दखना चाहतrsquo उहन पछा
म चप रहा
lsquoतमन कहा था क आज रजटस आएगrsquo
मन अब भी कोई जवाब नह दया
lsquoतम कछ बोल य नह रह होrsquoमन बाबा क बचन आख म झाककर दखा
lsquoबरी खबर हrsquo मन कहा
बाबा न घबराहट क साथ कहा lsquoयाrsquolsquoजो सबस बरा हो सकता था वह हो गयाrsquolsquoयाrsquoमन कध उचका दए
lsquoएआईईईई क रजटस कब आ रह हrsquolsquo रजटस आ गए हrsquo मन कहा और ल वग म म चला गया
lsquoऔरrsquo बाबा मर पीछndashपीछ चल आए और मर सामन आकर खड़ हो गए
मन नजर झका ल बाबा न कछ पल तक इतजार कया
चटाक मझ लगा मरा दाया गाल झ ा गया ह उनक उ और हालत को दखत एयह बत तगड़ा तमाचा था दस साल म ऐसा पहली बार आ था क उहन मझ पर हाथउठाया हो ल कन म इसी क लायक था
lsquoकसrsquo बाबा न कहा lsquoतमन कोटा म कछ नह कया ह ना कछ भी नहrsquoमरी आख म आस भर आए और मर कान सनसनान लग म उह बताना चाहता था
क मन रातndashरातभर जागकर असाइनमट स कए ह दनभर लासस म बठा रहा अपनापरसटाइल सधारा ह इस बार मर पास एक बहतर मौका था ल कन महज कछ मास ककारण दस हजार रक का अतर आ सकता ह
मन कछ नह कहा म ब क तरह रोया जस क मर इस तरह पछतान स ही बाबाबहतर महसस करग
lsquoअब हम पसा कस चकाएगrsquo बाबा न कहा जतना मन सोचा था व उसस तजी सावहा रक सवाल पर उतर आए
म उह बताना चाहता था क मरी रक सधरी ह क रयर पाथ क ट चस कहत थ कमझम सभावना ह हा यह सच ह क कछ समय क लए मरा यान भटक गया था औरशायद यही कारण रहा क म कामयाब नह हो पाया खर कोटा म इतन टडट स थ वसभी तो कामयाब हो नह पाए ह क रयर पाथ क भी अ धकतर टडट स नाकाम रहवातव म वाराणसी का वनीत मझस पहल कोटा गया था ल कन वह भी कामयाब नह हो
सका ल कन मन बाबा को यह सब नह बताया कवल मह लटकाकर उनक सामन खड़ारहा
lsquoया सोच रह हो शम आती हrsquo उहन कहा और उह खासी का दौरा पड़ गयाउनका शरीर काप रहा था और व बत म कल स अपन को सत लत रख पा रह थ
lsquoबठ जाओ बाबाrsquo म उह थामन क लए आग बढ़ा उनक दह गम हो रही थी
lsquoमर करीब मत आओrsquo उहन मझ र धकल दया
lsquoआपको बखार हrsquo मन कहा
lsquoतो यह कसक वजह स हrsquo उहन कहा
मझ समझ नह आ रहा था क या क या या क म खद को इस का बल भीमहसस नह कर पा रहा था क सर कमर म जाकर उनक दवाइया ल आऊ जब आपकसी इसान क लए तकलीफ का कारण बन जात ह तो आप यादा स यादा इतना हीकर सकत ह क उस अकला छोड़ द
lsquoम इस सबस गजर चका य मट बी सो फ rsquo वनीत न मझस कहा
हम असी घाट पर बठ थ मन वनीत स एक सीट मी टग अरज क थी म उसबत अ ndashस नह जानता था कोटा जानन स पहल मन उस बस कछ मस कए थल कन अभी ऐसा लगता था क मर लए उसस बहतर साथी कोई सरा नह हो सकताहा आरती मर टच म रहती थी मरी ख रयत पछती रहती थी और मर साथ बोट राइड परभी जाती थी ल कन मर पास उस कहन को कछ नह था म सोचता था क गगा मकदकर जान द राघव स तो म अब खद ही र रहन क को शश करता था म नहचाहता था क आईट ndashबीएचय का ऐसा कोई मझ दलासा द जस अपनी डी कक भी नह ह
वनीत मर जसा ही मामली लड़का था और म खद को उसक साथ कफटबल महससकरता था उसन एक ाइवट इजी नय रग कॉलज जॉइन कया था lsquoता क म लोग कोबता सक क म बीndashटक कर रहा rsquo वनीत न कहा और हस पड़ा lsquoबस म कसी कोअपन कॉलज का नाम नह बताता वस भी उसका नाम बत कम लोग न सना ह
lsquoमन घाट क सी ढ़य स कछ प र चन और उह प व नद म उछालन लगा
lsquoय वल बी फाइन ड यडrsquo वनीत न कहा lsquoपरी तरह फाइन तो नह ल कन अभी सबहतर तो हो ही जाओगrsquo
lsquoाइवट कॉलज म स कसी एक को तमन कस चनाrsquo मन पछा इजी नय रगकॉलज दजन क तादाद म थ और लगता था जस हर हत नया कॉलज खल रहा हो
lsquoम क रयर फयर म गया पछताछ क आरएसट सी सर कॉलज स बहतर लगाल कन मझ नह लगता वह सर कॉलज स बत यादा अलग हrsquo
lsquoआरएसट सी याrsquo मन कहा
lsquo र स ट नकल कॉलज कॉलज मा लक का इसी नाम स साड़ी का बजनसभी हrsquo
lsquoओहrsquo मन कहा म साड़ी और एजकशन क बीच कोई कन न बनान क को शशकर रहा था
lsquoबड़ा बकवड नाम ह ना इसी लए हम उस कवल आरएसट सी ही कहत ह यहयादा कल लगता हrsquo वनीत न खीस नपोरत ए कहा
lsquoया इसक बाद जॉब मल जाएगाrsquolsquoय द हम लक ह तो सट परसट लसमट स ई ह नॉट बडrsquolsquoयानी फोट परसट टडट स का लसमट नह होताrsquo मन कहा म शॉड था यह तो
कोटा स भी बदतर हो सकता ह अपनी डी पाओ और उसक बावजद कछ हाथ नहलगा
lsquoआकड़ म हर साल सधार आ रहा ह फर हम कोई जॉब मनज भी कर सकत हकॉल सटस ह डट काड सस ह दमाग खला रखो तो चीज अपन आप सलझ जातीहrsquo
lsquoइजी नय रग क पढ़ाई करक कॉल सटर जॉइन कर लrsquolsquoड यड इतन शॉड मत होओ ट इ डयन एजकशन रस म हम लाख सर टडट स
क तरह लजस ह जो मल उसम खश रहो हा य द तम कोई अमीरजाद हो तो बीndashटकक बाद एमबीए करो एक और को शशrsquo
lsquoऔर य द अमीरजाद न ह तोrsquo मन कहा
वनीत न कछ नह कहा मन थककर सार प र एक साथ गगा म फ क दए लोndashरड टडट स क तरह प र पानी म डब और अपन पीछ कोई नशान नह छोड़ गए
lsquoअर मझ पर नाराज मत होओ य सटम मन नह बनायाrsquo वनीत न मरा कधाथपथपात ए कहा lsquoतम जतन दन तक बकार बठ रहोग उतना ही बरा महसस करोगसपना टट गया कोई भी कॉलज जॉइन कर लो कम स कम तम सर टडट स क साथहोओगrsquo
lsquoसर लजस क साथrsquo मन कहा
lsquoअपन जस ही लोग को इस तरह नीची नजर स मत दखोrsquo वनीत न कहा
उसक बात सच थी lsquoआई एम सॉरीrsquo मन कहा lsquoतहार बीndashटक क लए कतन पसलगत हrsquo
lsquoचार साल क पढ़ाई क लए हर साल क एक लाख पए होटल स हतrsquolsquoफकrsquo मन कहा lsquoय द इसक बाद कोई जॉब मलता भी ह तो इतना पसा कमान म ही
जान कतन साल गजर जाएगrsquolsquoपता ह ल कन फ स परट स चकात ह फर व हर जगह जाकर डग हाकत ह क
उनका बटा इजी नयर बनन वाला ह तम भी चार साल तक क लए झझट स बच जातहो इस बार म सोचना यह बरा तरीका नह हrsquo
lsquoहमार पास पसा नह हrsquo मन सीधndashसपाट ढग स कहा
वनीत उठ खड़ा आ lsquoतब तो मर दोत तहारी बत मसीबत होन वाली हrsquolsquoजा रह होrsquo मन कहा
lsquoहा क स वाराणसी स बीस कलोमीटर र ह चीअर अप तमन जदगी को सबसफडndashअप त म दख लया ह यहा स अब हालात बहतर ही हगrsquo
म भी उठ खड़ा आ और अपन ाउजस स धल झाड़न लगा मझ घर जान म डर लगरहा था बाबा न तीन दन स मझस बात नह क थी
गढौ लया मन रोड पचन क लए हम सकरी व नाथ गली स होकर गजर
lsquoदो हत बाद डॉ सपणानद ोटस ट डयम म क रयर फयर होन वाला हrsquo वनीत नकहा lsquoवहा जाना हो सकता ह तह वहा कछ सत कॉलज मल जाएrsquo
lsquoहमार पास बकल पसा नह ह हम गलndashगल तक कज म डब ह lsquoमन कहा
lsquoवल तब भी एक बार जान म तो कोई बराई नह ह य द तहारी एआईईईई रकअ ह तो तह डकाउट मल सकता ह खासतौर पर नए कॉलज क ओर सrsquo
म घर चला आया ताजी हवा म एक घटा चहलकदमी करन क बाद म बहतर महसस कररहा था मन सोचा क मझ बाबा स महग कॉलज क बार म बात नह करनी चा हएशायद मझ उनस इस बार म बात करनी चा हए क या म अब और पसा खच करन क
बजाय कसी जॉब क ज रय पसा कमाना श कर ल कन पहल मझ उनक नाराजगीतोड़नी होगी
म उनक कमर म गया व बतर पर लट थ
lsquoम जॉब करना चाहता बाबा कॉलज जॉइन करन का फसला करन स पहल म कछपसा कमाना चाहता rsquo
उहन एक शद भी नह कहा मन अपनी बात जारी रखी lsquoम समझता क आपनाराज ह आपक नाराजगी वा जब ह सगरा म कफ कॉफ ड खलन जा रहा ह यहहाईलास कॉफ चन ह उह टाफ क जरत ह बारहव पास अलाई कर सकत हrsquo
मझ जवाब म कवल पख क हक घरघराहट ही सनाई द
lsquoमन अलाई कर दया ह म परी जदगी तो कॉफ शॉप म काम नह कगा ना वमझ पाच हजार पया महीना दग नॉट बड ह ना
बाबा चप रह
lsquoय द आप इसी तरह चपी साध रह तो म मान लगा क आप राजी हrsquoमर यह कहन क बावजद बाबा चपचाप लट रह म चाहता था क व मझ पर चलाए
नाराज ह ल कन कम स कम यह खामोशी तो टट
म उन पर झका lsquoबाबा मझ इस तरह सजा मत दोrsquo मन कहा मन उनक बाहथामकर उह हलाया उनक बाह ठडी और बजान थीlsquoबाबाrsquo मन फर कहा उनक दह अकड़ी ई लग रही थी
lsquoबाबाrsquo और तब जाकर म समझ सका क म अनाथ हो चका था
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वाराणसी म होन का एक फायदा यह ह क यहा दाह सकार क लए यादा झझट नहकरनी पड़ती डथ इड ही इस शहर को चलाती ह ह र घाट क इल क शवदाहगह म और नयाभर म जानndashमान म णक णका घाट पर सालभर म 45 हजार स यादालाश जलाई जाती ह यानी एक दन म सौ स भी यादा कवल छोट ब और नाग ककाटन स मरन वाल लोग का दाह सकार नह कया जाता आमतौर पर उनक लाश कोसीध नद म छोड़ दया जाता ह सकत म कहा गया ह काया ह मरणान म जसकामतलब ह काशी म मरन वाला सीध मो ात करता ह ह मानत ह क य दउहन काशी म ाण याग तो व अपन आप वग पच जाएग फर उहन धरती पर चाहजतन ही पाप य न कए ह बड़ी अजीब बात ह क भगवान वग म इस तरह कवाइ काड ए दत ह ल कन जो भी हो कम स कम इसस मर शहर क रोजीndashरोट तोचलती ह
श लट वनndashटॉप कान म आपको जलान क लक ड़य स लकर परो हत औरमतक क अ या रखन क लए बतन तक मल जात ह ता क मरन वाला परीग रमा क साथ अपनी अ तम याा पर नकल म णक णका घाट पर दलाल वद शय कोलभात ह क व आकर अ तम सकार दख और पसा दकर तवीर खच इसस भी उहअ त र आय होती ह वाराणसी शायद नया का इकलौता ऐसा शहर होगा जहा मौतएक ट रट आकषण ह
ल कन मर शहर का मौत स चाह जो नाता रहा हो इसस पहल मरा कभी मौत सवाता नह पड़ा था मझ अपनी परी जदगी म कभी कसी मत दह का सामना नह करनापड़ा था इस लए मझ समझ नह आया क बाबा क मत दह को दखकर पहलndashपहल या त या क म रोया नह म रो नह सकता था पता नह य शायद य क मझबत गहरा झटका लगा था और म भावनामक प स भीतर स परा सख चका था याशायद उनक अ तम सकार क बाद भी मझ एक और खद घटना क लए तयार रहना थायानी मर सर एस एजाम का नतीजा शायद य क मझ उनक अ तम सकार क लएबत काम करना था या शायद य क मझ लगता था क म उनका हयारा
मझ पहल अ तम सकार और फर दो पजा क लए व ा करनी थी मझ समझनह आ रहा था क कस बलाऊ मर पता क बत कम दोत थ मन उनक कछ परानटडट स को बलाया जो उनस लगातार सपक म बन ए थ मन हमार वक ल ब अकलको खबर क कसी अय कारण क बजाय ावहा रक कारण स अ धक वक ल न
घनयाम तायाndashजी को बताया तायाndash जी न जीवनभर मर पता का खन चसा था ल कनअब उनका प रवार बत सहानभ त जता रहा था उनक पनी नीता ताईndashजी मर घरआई उहन मझ दखा तो अपन हाथ फलाए और फटndashफटकर रो पड़
lsquoइट स ओक ताईndashजीrsquo मन अपन को उनक चगल स छड़ात ए कहा lsquoआपको खदआन क जरत नह थीrsquo
lsquoया कह रह हो प त का छोटा भाई तो बट जसा होता हrsquo उहन कहा
जा हर ह उहन उस जमीन का कोई ज नह कया जो उहन अपन lsquoबटrsquo सहड़प ली थी
lsquoपजा कब हrsquo उहन पछा
lsquoमझ कछ पता नहrsquo मन कहा lsquoपहल मझ अ तम सकार करवाना होगाrsquolsquoवह कौन करगाrsquo उहन पछा
मन कध उचका दए
lsquoम णक णका पर दाह सकार क लए पस हrsquo उहन पछा
मन सर हला दया lsquoह र घाट पर इल क शवदाह गह यादा सता हrsquo मनकहा
lsquoइल कndash वल क या वह शवदाह गह तो वस भी टटाndashफटा रहता ह हम ठ कतरह स अ तम सकार करग आ खर हम यहा कस लए हrsquo
जद ही घनयाम तायाndashजी भी अपन सगndashसब धय क साथ चल आए उनक दो बटऔर दो ब टया थ सभी न महग कपड़ पहन रख थ म कसी तरह स उनका रतदार नहलगता था तायाndashजी न आत ही अ तम सकार क परी जमदारी सभाल ली उहन औरनातndash रतदार को बलाया उहन एक परो हत को बलाया जसन अ तम सकार करवानक लए दस हजार पय क पकज क माग क तायाndashजी न उसस मोलndashभाव कया औरबात सात हजार म तय ई अ तम सकार क लए भी मोलndashभाव करना घनौना लग रहाथा ल कन यह करना जरी ही था तायाndashजी न परो हत को पाचndashपाच सौ क कड़क नोटथमा दए
चौबीस घट बाद मन म णक णका घाट पर अपन पता क चता को अ न द हाला कव अब इस नया म नह थ फर भी मझ लग रहा था क आग स उह तकलीफ होगीमझ याद आया क जब म ब ा था तब व मझ कस कल जान क लए तयार करत थऔर मर बाल म कघी करत थ चता स धआ उठन लगा और आ खरकार मरी आख भर
आई म सबकन लगा आरती और राघव भी अ तम सकार म आए थ व मर पासचपचाप खड़ थ
आधा घट बाद अ धकतर सगndashसबधी जा चक थ आग क लपट धीरndashधीर लक ड़यको नगल गई म उस दखता रहा
मझ लगा कसी न मरा कधा थपथपाया ह मन पीछ मड़कर दखा पान क दाग लगहठ वाल दो मटड मर पीछ खड़ थ उनम स एक क घनी मछ थ और उसन उह ऊपरक ओर ठ रखा था
lsquoक हएrsquo मन कहा
मछ वाल मटड न चता क ओर इशारा करत ए पछा lsquoया तम इनक बट होrsquolsquoहाrsquolsquoइधर आओrsquo उसन कहा
lsquoयrsquo मन कहा
lsquoइहन मझस दो लाख पए का कज लया थाrsquo
lsquoघनयाम तायाndashजी तीन लाख पए दना चाहत हrsquo मन ब अकल स कहा म शॉडथा
उहन उन दतावज क प पलटाकर दख जह उहन मर लए तयार करवाया थाlsquoअगर तम यहा दतखत कर दो तो तह तीन लाख पए मल जाएग कज दन वाल तहारइदndash गद मडरा रह ह व खतरनाक लोग ह म तहारी मदद करन क ही को शश कर रहाrsquo
मन दतावज को दखा ल कन म उस समझ न पाया lsquoतीन लाख तो बत कम हउहन एक अरसा पहल दस लाख का ऑफर दया थाrsquo मन कहा
lsquoहा सही ह यह एक अरसा परानी ही बात ह ल कन तब तहार पता न व पस लएनह अब व जानत ह क तम कछ नह कर सकत और तह पस क सत जरत हrsquo
म चप रहा ब अकल खड़ हो गए म सोचन लगा क हमारा वक ल आ खर कसकप म ह
lsquoम समझ सकता यह तहार लए क ठन समय ह इस बार म सोचनाrsquo उहनकहा
डॉ सपणानद ोटस ट डयम म एक बड़ndashस टट म क रयर फयर लगा था म वहा गया
वनीत न मझ वहा जान को मजबर कर दया था lsquoवहा जाकर मर दोत सनील समलना वह इस आयोजन का ईवट मनजर ह और उस सभी पा ट सपट स क बार म पताहrsquo
म मय टट म घसा हजार टॉस क कारण वह कसी ड एसपो जसा लग रहाथा दशभर क ाइवट कॉलज वाराणसी क टडट स को लभान क को शश कर रह थकॉलज क बधन स ा क सदय चहर पर मकराहट लए खड़ थ टॉस क भीतरलग बनस म क स क तवीर इस तरह दखाई गई थ मानो व रयल एटट ोजटसह जन कॉलज क ब ग अभी बन ही रही थी उहन कलाकार क कपनाशीलताका सहारा लया था
lsquoबनकर परा हो जान क बाद यह उ र दश का सबस बहतरीन क स होगाrsquo मनएक टॉल ऑनर को कछ उसक परट स स कहत ए सना ल कन उसन यह नह बतायाक नमाण क दौरान टडट स को कस तरह का ट मसचस स घरी कामचलाऊका म पढ़ाई करनी होगी
कछ चलाऊ कम क पोटर म कॉलज क नाम क साथ ही उनका चह न भी थाकॉलज क नाम तरहndashतरह क थ ल कन व अममन दवीndashदवता या अमीर मोटर काडपरट स क नाम पर आधा रत थ
हर कॉलज क च नदा फकट और टडट स अपनndash अपन टॉस म अपनी स ाक चमक ल ोशस लए मलत थ सभी न सट पहन रख थ और व इस तरह खीस नपोररह थ जस व लाइट क स श त सदय ह मर जस सकड़ लजर टडट स एकटॉल स सर तक बचनी क साथ आndashजा रह थ स र फ सद टॉस इजी नय रगकॉलज क थ बाक क कॉलज म डकल होटल मनजमट ए वएशन एकडमीज औरबीबीए जस कछ अय कोसस क थ
म ी गणश वनायक कॉलज या एसजीवीसी क टॉल पर दोपहर को पचा सनीलस मलन क लए यही जगह और यही व तय आ था
मन एसजीवीसी का ोशर उठाया कवर पर उसक मकरात ए टडट स क तवीरथी कोटा क ोशस क जईई टॉपस म दखाए जान वाल लडक स भी यादा खश यलड़क और उनक लड़ कय स भी यादा खबसरत य लड़ कया लग रही थ ोशस कबक कवस पर इ टट यट क स वधा और फकट का इतना बखान कया गया था क
कोई आईआईट डायरटर भी शरमा जाए बकलट म मझ ऑफर कए गए ोास कएक फह रत दखाई द एसजीवीसी कयटर साइस स लकर मटालज तक सभीइजी नय रग कोसस पढ़ान का वादा कर रहा था
मन परा ोशर पढ़ डाला मन स ापक का वजन और मशन बतान वाल दाव पढ़मन शा पर कॉलज का नज रया भी पढ़ डाला और यह भी व कस सर स lsquoहटकrsquo थमर पास स होकर गजरन वाल क रयर फयर क सर अनभवी सदय मझ दखकर मकरादत शायद म इकलौता ऐसा था जो वातव म इन दतावज को पढ़ रहा था
सनील न मझ एसजीवीसी क टाल पर इन दतावज क पढ़ाई म तलीन पाया
lsquoगोपालrsquo उसन अनमान लगात ए कहा
lsquoहrsquoमन पीछ मड़कर दखाrsquoसनीलrsquoसनील न मजबती स मझस हाथ मलाया चगी दाढ़ और धप का चमा उसक चहर
का एक बड़ा हसा घर ए थ उसन पपल शट और टाइट लक जीस पहनी थी जसपर एक बड़ाndashसा सवर बकल था lsquoकाट द हल आर य डइगrsquo उसन छटत ही पछा
lsquoोशर पढ़ रहा rsquo मन कहा
lsquoआर य ट पड फ स और लसमट स पज पर जाओ एवरज सलरी दखो फ स चककरो य द दो साल क इकम म लागत नकल आती ह तो उस शॉट लट करो वरना आगबढ़ोrsquo
lsquoल कन ट चग मथड स क बार म या ल नगrsquolsquoफक ल नगrsquo सनील न कहा और मर हाथ स ोशर छ न लया मझ लगा क उसक
हावभाव और बोलचाल टफ ह उसन टॉल पर बठ एक टडट स कलकलटर लयाlsquoदखो ट यशन क पचास हजार होटल क तीस हजार और व तह जो बकार क चीजखरीदन को कहग उनक लए मान लो बीस हजार तो तह चार साल तक हर साल एकलाख पए चकान ह एवरज लसमट डढ़ लाख ह फक इट लट स गोrsquo
lsquoल कनrsquo म अभी कलकलशन ही कर रहा था
lsquoमव ऑन यहा सकड़ टॉस हrsquoहम अगल टॉल पर गए लालndashसफद बनर पर लखा था lsquoी चटमल प ऑफ
इ टट यट स एनएच2 इलाहाबादrsquo एक छोटndashस नयो क ज रय कॉलज क लोकशनदखाई गई थी कॉलज इलाहाबाद शहर स तीस कलोमीटर र था
lsquoम चटमल नाम वाल कसी कॉलज म पढ़न नह जा सकताrsquo मन कहा
शट अप तह अपन कॉलज का नाम लन क कोई जरत ह भी नहrsquo सनील न एकोशर उठाया चद सकड म ही उसन वह पज खोज नकाला जो हमार काम का थाlsquoओक यहा एक साल म स र हजार का खच ह फाइनल लसमट एक लाख चालीसहजार दखो यह ई न कछ समझदारी वाली बातrsquo
कोई चालीसक साल का एक थलथलndashसा हमार पास आया
lsquoहमारा लसमट इस साल और बहतर होगाrsquo उसन कहा मरा नाम यो त वमा ह औरम टडट स का डीन
मन कभी उमीद नह क थी क कोई डीन अपन कॉलज का वापन इस तरह करगाउसन अपना हाथ आग बढ़ाया सनील न तपाक स उसस हाथ मलाया
lsquoहा आपक फ स भी उन लोग स कम हrsquo मन कहा और ी गणश टाल क ओरइशारा कया
lsquoउनक लसमट नबस भी फज ह हमार असली ह हमार कसी भी टडट स स पछली जएrsquo यो त न कहा
उसन अपन टडट स क ओर इशारा कया तीन लड़क और दो लड़ कया जहनअपन जीवन म पहली बार सट पहन थ व सहम ndashसहम ndashस मकरात रह मन चटमलटाल म क स क तवीर पर नजर घमाई
ी गणश टॉल स एक मर पास आया उसन मरा कधा थपथपाया
lsquoजीrsquo मन कहा
lsquoी गणश स महश वमा या चटमल न हमार बार म कछ नग टव कहाrsquoमन उसक ओर दखा महश भी चालीसक साल का और थलथल था वह बत कछ
यो त वमा जसा ही दखता था
lsquoउहन कछ नग टव कहाrsquo महश न फर पछा
मन सर हला दया
lsquoतम चटमल को क सडर कर रह हो lsquoउसन कहा
मन हामी भरी
lsquoी गणश य नहrsquolsquoमहगा हrsquo मन कहा
lsquoतहारा बजट या ह शायद हम तहारी कछ मदद कर सक rsquo उसन कहा
lsquoयाrsquo मन कहा मन सोचा भी नह था क कॉलज फ स क भी बाग नग हो सकतीह
lsquoमझ अपना बजट बताओ य द तम अभी साइन अप करत हो तो म तह टन परसटडकाउट गाrsquo
मन सनील क ओर दखा मझ समझ नह आ रहा था क अब या क या या कसनील न मोचा सभाल लया
lsquoहम थट परसट ऑफ चा हए चटमल हमस इतनी ही फ स ल रहा हrsquo सनील नकहा
lsquoउनक पास तो एक ब ग भी नह हrsquo महश न कहा
lsquoतह कस पताrsquo मन कहा
lsquoवह मरा भाई ह उसन मझस नाता तोड़ लया और अपना खद का कॉलज खोललया ल कन उसक कॉलज क रपोटस अ नह हrsquo महश न कहा
यो त र स हम पर नजर बनाए ए था तो व दोन भाई थ इसी लए एक जस लगरह थ
lsquoहम उसस कोई मतलब नह तम तो हम अपना म जमम डकाउट बताओrsquo सनीलन कहा
lsquoमर टाल पर चलोrsquo महश न हम अपन पीछ चलन को कहा
lsquoकोrsquo यो त न हमारा राता रोक लया
lsquoया हrsquo मन कहा
lsquoतम ी गणश म य जा रह होrsquolsquoवह मझ डकाउट द रहा हrsquo मन कहा
lsquoया तमन मझस डकाउट क बात क या मन मना कयाrsquo यो त न कहाउसक चहर पर बड़ गभीर भाव थ मन इसस पहल कभी कसी बजनसमनndash कमndashडीनको नह दखा था lsquoमहश भाई लीज मर ट ल स चल जाइयrsquo यो त न धस दत एकहा
lsquoयह मरा टडट ह हमारी पहल बात हो गई थीrsquo महश भाई न कहा और मरी कलाईथाम ली lsquoआओ बटा तहारा नाम या हrsquo
lsquoगोपालrsquo मन कहा इतन म यो त न मरी सरी कलाई थाम ली lsquoल कन लीज मझलकर यह खचतान बद क जएrsquo
दोन भाइय न मरी इस गजा रश को नजरअदाज कर दया
lsquoम तह बट डकाउट गा ी गणश म जाकर अपनी जदगी मत बरबाद करनाउनक पास लस तक नह ह ोशर म दखाई गई तवीर कसी सर कॉलज क हrsquoयो त न कहा
lsquoसर म तो यह भी नह जानताrsquo मन कहा और सनील क ओर दखा वह भी मरी हीतरह भचक नजर आ रहा था
lsquoशट अप यो तrsquo अभी तक नम स पश आ रह महश एकदम स गम हो गए
lsquoमर टाल म मझी पर मत चलाओ चल जाओ यहा सrsquo यो त न कहा
महश न हम सभी को एक डट लक द और फर दखत ही दखत उसन चटमल काबनर फाड़ दया
यो त का चहरा उसक कॉलज क चह न जतना ही लालndashसख हो गया वह ी गणशक टॉल पर गया और ोशस क बॉस को नीच फ क दया
मन टॉल स बच भागन क को शश क ल कन यो त न मरी कॉलर पकड़ ली
lsquoको म तह पचास हजार सालाना क रट पर एक सीट गाrsquolsquoमझ जान दोrsquo मन छटपटात ए कहा
महश तीन लोग क साथ लौटा जो दखन म बॉलीवड क फम क गड जस लग रहथ ल कन व फकट थ उहन चटमल टाल क सभी बनर फाड़न श कर दएयो त न भी अपन सयो रट मन को म दया क व जाकर उनस भड़ जाए
म एक बार फर बच नकलन क को शश कर रहा था क ी गणश क एक भाड़ कटट ट न मझ पीछ धकल दया म मह क बल सफद शीट स ढक लकड़ी क एक टबल परजा गरा उसम एक क ल बाहर नकली ई थी जसस मरा गाल कट गया मर चहर कएक हस पर खन क लक र बहन लगी मर माथ पर पसीन क भी बद थ आ खर मनपढ़ाई क लए अपना खनndashपसीना एक कर ही दया था
सनील न उठन म मरी मदद क मन सफद शीट पर खन दखा तो मझ उबकाई आनलगी हमार आसपास भीड़ जमा हो गई थी मन कछ नह कहा और वहा स नकलभागा म ट डयम स नकला और मय सड़क पर दो सौ मीटर तक दौड़ता रहा
फर म सास लन क लए का मझ अपन पीछ सनील क कदम क आवाज सनाईद
हम दोन एकndashसर क सामन खड़ हाफ रह थ
lsquoफकrsquo सनील न कहा lsquoबालndashबाल बचrsquoफर हम क मट क यहा गए जहा मन अपन गाल पर कछ सग करवाई
lsquoचलो म तह सीसीडी पर ल चलता वह पछल हत ही खला हrsquo सनील न कहा
हम सगरा क आईपी मॉल म कफ कॉफ ड पर पच सनील न सौ का एक कड़क नोटदकर दो को कॉफ ल ल म इतन पस म परा हता गजार सकता था
lsquoयह सब या था य लोग कॉलज चलात हrsquo मन कहा
lsquoवह इलाहाबाद क वमा फ मली थी व दशी शराब का धधा करत ह अब उहनकॉलज भी खोल लया हrsquo
lsquoयाrsquo मन कहा
lsquoपसा ाइवट कॉलज म खब पसा ह फर इसस सोसायट म उनका नाम भी ऊचाहोता ह अब व एजकशन सटर क ऊच लोग ह शराब का धधा करन वाल नहrsquo
lsquoल कन उनका बताव तो गड जसा ही थाrsquolsquoगड ही तो ह भाइय म फसाद आ दोन न अपनndash अपन कॉलज खोल लए अब व
दोन एकndashसर क टाग खचत रहत हrsquolsquoम तो ऐस कॉलज म नह जा सकताrsquo मन कहा
lsquoडट वरी हम तहार लए एक और कॉलज ढढ लग हम जमकर बागन करगआ खर उह भी तो अपनी सीट भरनी हrsquo
lsquoमझ तो ऐसी जगह पर पढ़ाई करन क बार म सोचकर भी डर लगता ह शराबमा फया कॉलज चला रह हrsquo
lsquoहा नता ब स बीड़ी बनान वाल जस भी काल धध का तजबा हो वह एजकशनसटर म अ ा पसा कमाता हrsquo सनील न कहा उसन अपनी ॉ नकाली और उसक म चाट गया
lsquo रयलीrsquo मन कहा lsquoया एकड म शयस को कॉलज नह खोलन चा हए जस कएसndash ोफससrsquo
lsquoपागल हो गए हो या एजकशन सटर हर कसी क बस क बात नह ह हर कदमपर खान वाल बठ हrsquo सनील न कहा मझस बात करतndash करत वह अपना एक पर हलान
लगा फर उसन अपना मोबाइल फोन नकाला अब सलफोस आम हो चल थ ल कनउह अब भी टटस सबल माना जाता था
सनील न कसी को फोन लगाया ऐसा लग रहा था जस जस को कॉल कयागया ह वह मसीबत म हो lsquoशात हो जाइए चौबजी फयर पर एमएलए शलाndashजी काहाथ ह हा अब तो लो जग टाइम ह मझ दो घट का और समय द जए हो ऑनrsquoसनील मरी ओर मड़ा lsquoईवट स बजनस य हमशा मरी जान क पीछ पड़ रहत हrsquo उसनदबी आवाज म मझस कहा lsquoय द म कछ दर क लए जाऊ तो बरा तो न मानोग म लौटआऊगाrsquo
lsquoयोरrsquo मन कहा
अब म अपनी क क साथ अकला बठा था मन लोग को एक नजर दखाअमीरजाद न जरत स यादा महग डॉनट स और कक ज खरीद थ जनका मजा वअपनी हडndash म कॉफ क साथ ल रह थ
लदर जकट पहन दो सीसीडी म आए मन उह पहचान लया व मर पता कअ तम सकार म शरीक ए थ और उहन मझस कज का पसा मागा था उनस बचन कलए म अपनी सीट पर एक तरफ घम गया ल कन व मझ तब तक दख चक थ व मरपास चल आए
lsquoअपन बाप क मौत का ज मना रह होrsquo एक न कहा उसन अपनी ब ल भजा सटबल पर चाय का एक कप रखा
lsquoअभी मर पास पसा नह हrsquo मन धीमी आवाज म कहा
lsquoनह होगा तो हम तहार हलक म हाथ डालकर नकाल लगrsquoमछ वाल न कहा उसक दाए हाथ म कोक क एक कन थी
lsquoबशत जो हम नकाल उसक क मत दो लाख क बराबर होrsquo चाय वाल गड न कहाव हस पड़
सनील अपनी बात परी करक भीतर आया मर नए महमान को दखकर वह चका
lsquoय तहार दोत हrsquo उसन पछा
मन सर हला दया
lsquoहम इसक बाप क दोत हrsquo चाय वाल न कहा
lsquoमन तह पहल कह दखा हrsquo सनील न कहा
lsquoयह हमारा शहर ह हम यहा हर जगह हrsquo कोक वाल न कहा
lsquoतम तो एमएलए श हndashजी क लए काम करत हो नाrsquo सनील न कहा
lsquoइसस तह या मतलबrsquo चाय वाल न कहा अब उसक आवाज जरा नवस थी
lsquoमन तह उनक घर पर दखा था हाय आई एम सनील म सनशाइन ईवट स कामनजर हम एमएलए श हndashजी क लए बत काम करत हrsquo सनील न अपना हाथआग बढ़ाया
कछ पल क झझक क बाद उहन सनील स हाथ मला लया
lsquoतहारा दोत हमारा कजदार ह उसक लए यही बहतर होगा क वह जद स जदहमारा कज चका द वरनाrsquo चाय वाला बस वरना कहकर क गया कछ तो बात कोअसरदार बनान क लए ल कन अहम वजह यह थी क उस पता नह था क इसक बादया कहना चा हए
सनील और म चप रह मछ वाल गड न अपनी बाइक क चाबी स तीन बार टबलबजाई फर हम एकाध बार घरकर दखन क बाद व चल गए
मन राहत क गहरी सास ली डर क कारण मरा चहरा लाल हो गया था lsquoमझ कॉलजक कोई जरत नह म वस भी जद ही इस नया को अल वदा कहन वाला rsquo मनकहा
lsquoतम ठ क तो होrsquo सनील न कहा lsquoम कछ और कॉफ मगवाता rsquoम तो चाहता था क वह और कॉफ क बजाय मझ कछ एा पसा दता ल कन म
चप रहा कॉफ का सरा कप पीत ए मन सनील को सप म अपनी कहानी सनाई ndashमरा बचपन कोटा मरी नाकामी और बाबा क मौत
सनील न टबल पर अपना खाली कप रख दया lsquoतो अब तहार सर पर भारी कजचढ़ा आ ह और उस चकान क लए तहार पास कोई ज रया नह हrsquo उसन दोटक कहा
lsquoशायद मरा घर ल कन उसक क मत यादा नह ह और फर घर बचन क बाद मरपास सर छपान को भी कोई जगह नह रह जाएगीrsquo
lsquoऔर ॉपट ववादrsquoमन सनील को बत सप म ही ॉपट ववाद क बार म बताया था lsquoवह एक पराना
ववाद हrsquo मन कहा म इस बात पर हरान था क सप म बतान क बावजद सनील कायान उस तरफ चला गया था
lsquoया ॉपट हrsquolsquoएीकचरल लडrsquo मन अनमन ढग स कहा
lsquoकहा उसन कहा
lsquoशहर स दस कलोमीटर रrsquoसनील क आख फल गई lsquoयह तो काफ पास ह जमीन कतनी बड़ी हrsquolsquoतीस एकड़ उसम हमारा हसा पह एकड़ का हrsquolsquoऔर तहार अकल या कह रह हrsquolsquoकछ नह उह परी जमीन चा हए उस मामल म परा गड़बड़झाला हो चका ह कई
दतावज फज बनाए गए ह मकदमा बारह साल स चल रहा हrsquo मन अपनी कॉफ खमक lsquoतो बात य ह क मरी ऐसीndashतसी हो चक ह शायद व लोग अपना पसा वापस लन कलए मरा घर बकवा द कॉफ क लए श याrsquo
म जान क लए उठ खड़ा आ
lsquoअब तम या करोगrsquo सनील न पछा वह अब भी बठा आ था और सोच म डबाथा
lsquoम एक स ड़यलndashसा कॉलज जॉइन कगा और जो जॉब मल वह कर ndashलगाrsquolsquoको बठ जाओrsquo सनील न कहा
lsquoया बात हrsquo मन बठत ए कहा
lsquoम तह कछ सजट कगा और उसम तहारी मदद भी कगा ल कन मझ अपनाहसा चा हए बड़ा हसाrsquo
lsquo हसाrsquo मन कहा कस बात का हसा मरी इस पट ई जदगी काlsquoतो टन परसट डनrsquo सनील न कहा
lsquoटन परसट कस बात कrsquolsquoजो भी तम कमाओग तहारी कमाई म टन परसट इ वट rsquolsquoकसी कमाईrsquo मन कहा मझ समझ नह आ रहा था
lsquoतम एक कॉलज खोलोगrsquolsquoयाrsquolsquo रलसrsquo सनील न कहा
lsquoया तम घाट क साध क तरह भाग का नशा करत होrsquo मन कहा आ खर मउसक इन बहक ndashबहक बात पर कस भरोसा सकता था
lsquoदखो तहार पास जमीन ह सबस जरी चीज तो वही ह वह भी शहर पासrsquo उसनकहा
lsquoवह अभी मर पास नह ह अदालत म मकदमा साल स चल रहा ह और कोई नतीजानजर नह आ रहाrsquo
lsquoहम उस नपटा सकत हrsquolsquoहम हम कौन और वह एीकचरल लड ह उस पर कवल फसल उगाई जा
सकती ह यही कानन हrsquo मन कहा
lsquoहमार दश म ऐस भी लोग ह जो कानन स ऊपर हrsquo सनील न कहा
lsquoकौनrsquo मन कहा
lsquoएमएलए शलाndashजीrsquo उसन कहा
lsquoशला कौनrsquolsquoहमार वधायक रमन लाल शला तमन कभी उनका नाम नह सना याrsquo सनील न
कहा
lsquoतमन फोन पर उनका ज कया थाrsquo मन कहा
lsquoहा म उनक आशीवाद स बीस ईवट स कर चका नह तो मझ अ धका रय कअनम त कस मलती म खद उनका हसा उन तक पचाता म तह भी उनक पास लजाऊगा अपन हस क लएrsquo उसन कहा और आख मारी
lsquo हसाrsquolsquoहा हसा टन परसट अभी स भल गएrsquolsquoतम य सब या बात कर रह होrsquolsquoशलाndashजी स मलत ह तहार पास ॉपट क जतन भी पपस ह ल आनाrsquolsquoतम मजाक तो नह कर रह हो नाrsquolsquoया मझ दखकर ऐसा लगता ह क म मजाक कर रहा rsquo सनील न कहा
मन उसक जल कए गए बाल और उनम वरा जत रगीन सनलासस को दखा मनअपनी धारणा बदल ली
lsquoतम चाहत हो क म कॉलज खोल म तो खद कॉलज नह गया rsquo मन कहा
lsquoभारत म जतन लोग कॉलज क मा लक ह उनम स अ धकतर खद क भी कॉलजनह गए ह ट पड लोग कॉलज जात ह माट लोग कॉलज खरीद लत हrsquo सनील न
कहा lsquoअगल हत क मलाकात तय करत ह और याद रखनाrsquolsquoयाrsquoउसन अपनी अग लया चटकाई lsquoमरा टन परसटrsquo
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आरती और म एक लबी बोट राइड पर गए अलसबह क बयार म उसका हरा पट टा पीछक ओर उड़ रहा था lsquoतमन कछ तय कया क अब आग या करोगrsquo उसन पछा
lsquoम ाइवट इजी नय रग कॉलज दख रहा rsquolsquoऔरrsquolsquoव सभी बत महग और बत बर हrsquo मन कहा
म कछ दर क लए का नाव नद क बीच म ठहरी ई थी म सोचन लगा क याआरती मर पास आएगी और मरी हथ लया सहलाएगी उसन ऐसा नह कया
lsquoतो अब याrsquo आरती न पछा
lsquoकोई पाचार डी और जॉबrsquolsquoऔर लोन क बार म याrsquolsquoउस मनज कया जा सकता ह बाबा उसम स बत कछ सटल कर चक थrsquo म झठ
बोल गया म नह चाहता था क म उस पर अपनी मसीबत का बोझ डाल और उसक साथ मझ जतना व बतान का मौका मला ह उस गवा
lsquoगड चता मत करो सब ठ क हो जाएगाrsquo वह उठ और मर पास बठ गई फरउसन मरा हाथ अपन हाथ म लया और जस कछ सोचत ए मरी अग लया चटखानलगी
lsquoतम राघव क साथ खश हो नाrsquo मन पछा
म उमीद कर रहा था क काश वह कहती नह ल कन म ऐसा दखावा कर रहा थामानो म इसस उलटा चाहता
lsquoओह यसrsquo उसन मरी ओर दखा उसक आख चमक रही थ lsquoराघव बत अ ाहrsquo
मन अपना हाथ खच लया वह मरी नराशा को समझ गई
lsquoमन तो कभी नह कहा क वह अ ा नह हrsquo मन सरी तरफ दखत ए कहा
lsquoतम ठ क तो होrsquolsquoहाrsquo म एक नकली मकराहट मकरा दया lsquoऔर वह कसा हrsquo
lsquoउसन अपन परट स को कह दया ह क वह इजी नयर नह बनना चाहता व इस बातस खश नह हrsquo
lsquoवह इ डयट ह अब भला वह या करगाrsquolsquoजन लमrsquo उसन कहा lsquoउस जन लम स यार ह वह यही करना चाहता ह वह
कछ बदलाव लाना चाहता ह उसन य नव सट क पॉ ल टस भी जॉइन कर ली हrsquolsquoटोटली ट पडrsquo मन कहा मन फर पतवार उठा ली आरती अपनी जगह पर जाकर
बठ गई
वापसी क दौरान हम चपी सा ध रह नद म पतवार क छपाक क आवाज हीखामोशी को तोड़ रही थी आरती क बाल और बड़ हो गए थ और अब व उसक कमर तकआन लग थ म उसक पलक का झपकना दखता रहा लगता था जस सबह का सयउसक भीतर ह और उसक वचा स उसक रोशनी फट रही ह मन उसक होठो कोनजरअदाज कर दया य द म उह दखता तो मर मन म उह चम लन क इ ा जागजाती
lsquoअब वह कसी और क ह तहार जस कमअल को भी यह बात अब तक समझ मआ जानी चा हएrsquo हा मरा दमाग इस बात को जानता था ल कन दल इस मानन कोराजी न था
lsquoआ खर हम बड़ ही य ए गोपालrsquo आरती न कहा lsquoपहल चीज कतनी सीधीndashसरल आ करती थrsquo
म इसस पहल कभी कसी वधायक क घर नह गया था दोपहर तीन बज हम कचहरी म शलाndashजी क लबndashचौड़ बगल पर पच बाहर प लस क जीप खड़ी थ औरसयो रट गाडस हर जगह तनात थ सनील न गट पर अपना प रचय दया तो हम भीतरजान दया गया
ट लॉन म अनक ामीण बठ थ और वधायक स मलन क अपनी बारी आन काइतजार कर रह थ सनील न बताया था क वधायक शला अकल ही रहत थ उनकप रवार क सदय अ धकतर समय वदश म बतात थ उनक दोन बट भी वदश म हीपढ़ाई कर रह थ वधायक क घर म पाट क इतन कायकता मौजद थ क वह घर सयादा पाट का ऑ फस लग रहा था
सनील अपन साथ गरीश बद को लाया था जो क एक lsquoअनभवी एजकशनकसटटrsquo था मर पास अटची भरक ॉपट क दतावज और अदालती कागजात थवधायक क ऑ फस पचन स पहल गाडस न तीन बार हमारा बग जाचा
एक खबसरत पॉ लड लकड़ी क मज पर अधड़ उ का एक कड़क कलफदारकताndashपायजामा पहन बठा था अपनी छोट ndashसी तद क बावजद शलाndash जी को हडसमकहा जा सकता था खास तौर पर इस बात क मद दनजर क व वधायक थ उहन हमबठन का इशारा कया और सलफोन पर ब तयात रह
lsquoसाइ टट स कहो शला पहल रपोट को दखना चाहता ह हा मर लए उस दखनाबत जरी ह गगा मरी भी ह यस ओक अभी मरी एक मी टग ह बायrsquo
वधायक न हमस बातचीत श करन स पहल अपनी मज पर रखी फाइल का ढरएक तरफ खसकाया
lsquoसनील सर सनशाइन इवट स हम हम क रयर फयर करत हrsquo सनील न कहा वहहकला रहा था जब क वह आमतौर पर बत का फडट रहता था
lsquoकाम क बात बताओrsquo शलाndashजी न कहा
lsquoजमीन का मामला ह सरrsquo सनील न कहा
lsquoकहा ह कतनी हrsquo शलाndashजी न कहा उनक आख फाइल पर जमी रह ल कनउनक कान हमारी बात पर लग थ राजनता कसी भी अय क तलना म कहअ स मट टा कग कर सकत ह
lsquoतीस एकड़ शहर स दस कलोमीटर बाहर लखनऊ हाईव परrsquo सनील न कहा
वधायक लखतndash लखत क गए उहन नजर उठाई
lsquo कसक जमीन हrsquo उहन कहा उहन अब अपनी फाइल बद कर द थी ता कहमारी बात पर यान क त कर सक
lsquoमरी ह सरrsquo मन कहा मझ नह पता मन वधायक को सर य बोला lsquoमरा नामगोपाल मा हrsquo मन अटची खोली और मज पर ॉपट क दतावज रख दए
lsquoऔर तमrsquo शलाndashजी न बद स पछा
lsquoएजकशन कसटट ह नए कॉलज क डजाइन बनान और उह तयार करन म मददकरता ह अपना आदमी हrsquo सनील न कहा
lsquoनया कॉलजrsquo शलाndashजी न कहा
lsquoवह एीकचरल जमीन ह सरrsquo सनील न कहा
lsquoआप एीकचरल जमीन को एजकशनल यज क लए पर मशन दला सकत हrsquoबद न पहली बार अपना मह खोला
lsquoतम कमउ दखत होrsquo शलाndashजी न मझस कहा lsquoतहार परट स कौन हrsquolsquoउनक मौत हो चक ह सरrsquo मन कहा
lsquoमम तो ॉलम या हrsquo शलाndashजी न कहा उनक अग लया जमीन कलोकशन शहर क बीच म कह खोज रही थ
lsquoमर अकलrsquo मन कहा
lsquoयह नए बन रह एयरपोट क बत करीब हrsquo शलाndashजी न न ा समझत ए कहा
lsquoजी हाrsquo मन कहा
शलाndashजी न अपना इटरकॉम उठाया उहन अपन टाफ को बोला क मी टग परीहोन तक उह डटब न कया जाए
lsquoगोपाल इस जमीन ववाद क बार म मझ वतार स बताओrsquo शलाndashजी न कहा
अगल एक घट तक म उह परी कहानी सनाता रहा lsquoऔर हक कत यह ह क मझ परआपक आद मय का भी दो लाख पए कज हrsquo मन अपनी बात खम करत ए कहा
lsquoचाय पओग सॉट कrsquo शलाndashजी न कहा
मन सर हला दया
lsquoमर आद मय का तम पर कजा हrsquo शलाndashजी न पछा
lsquoनह सर व आपक आदमी नह हrsquo सनील न कहा और मर पर पर धीमndashस एकठोकर मारी lsquoबद सर इह बताइए क आप या सोचत होrsquo
मझ नह पता था क कज उगाहन वाल वधायक क आशीवाद स ही काम करत थल कन उनस कसी तरह क तालकात स इनकार भी करत थ
lsquoइजी नय रग कॉलज क लए इसस बहतर कोई जमीन नह हो सकती सरrsquo बद नकहा lsquoइसका जो पह एकड़ का हसा ह वह काफ हrsquo
lsquoपह ही य जब परी तीस एकड़ जमीन हो तो हम कवल पह य लrsquo शलाndashजी न कहा
म बहद भावक हो गया जीवन म पहली बार ऐसा आ था क कसी पॉवरफलआदमी न मरा सपोट कया हो ल कन म यह भल गया क व धायक न lsquoहमrsquo शद काइतमाल कया था
सनील मझ दखकर शा तर ढग स मकरा दया आ खर वह मझ बकल ठ क जगहजो लाया था
lsquoपह भी काफ ह सरrsquo मन कहा म तो यह भी नह समझ पा रहा था क इतनीजमीन भी कस हा सल क जाएगी
lsquoतीस बाक क बार म बाद म सोचग जमीन शहर क पास ह एक बार कॉलज खलजाए और एयरपोट बनकर तयार हो जाए तो हम वहा र सड शयल या कम शयल जोन भीबना सकत हrsquo शलाndashजी न कहा
म समझ नह पा रहा था क व या कह रह ह ल कन म इतना जर समझ गया थाक उह मझस यादा पता ह फर व आ खर मर फायद क ही तो बात कर रह थ
lsquoल कन हम उतनी जमीन भी कस पाएगrsquo मन कहा मर अकल पछल अनक सालस उस जमीन पर कडली मारकर बठ थ
lsquoय तम हम पर छोड़ दोrsquo शलाndashजी न कहा lsquoतम तो मझ बस इतना ही बताओ कया तम एक कॉलज चला सकत होrsquo
lsquoमrsquolsquoहा य क कॉलज का चहरा और नाम तह होओग म तो पीछ स चपचाप अपना
काम करता रगाrsquo उहन कहा
lsquoल कन कसrsquo मन कहा lsquoमर पास अनभव नह ह पसा नह हrsquolsquoअनभव तह मटर बद द दग और पसा म द गा तम उसस क न और बाक
क काम कर सकत होrsquoशायद मझस कोई गलती हो रही ह आ खर नया अचानक मरी मदद करन को
आमादा य हो गई ह माजरा या हसनील मरी वधा समझ गया
lsquoशलाndashजी सर य द आप इस अपनी टस बता दत तो अ ा होता और हा आपमर लए भी जो ठ क समझrsquo सनील न कहा और मरी तरफ दखकर चापलस क तरहखीस नपोरन लगा
lsquoमझ कछ नह चा हए बस कॉलज खोलो मर शहर का भला इसी म हrsquo शलाndashजीन कहा
कसी न भी उनक बात पर भरोसा नह कया फर भी हम उनका मन रखना ही थाlsquoसर लीजrsquo सनील न कहा lsquoयह तो वा जब नह होगाrsquo
lsquoअपन टस क बार म म खद सोच लगा ल कन तम लोग तहार बार म बताओ तमयह कर लोग नाrsquo शलाndashजी न मरी ओर दखा मझ लगा क उनक इस तरह दखन भरस ही मरी उ दस साल बढ़ गई हो
मन जतना सभव हो सकता था अपनी झझक छपान क को शश क lsquoकसा होअगर हम जमीन हा सल कर ल और बस उस बच दrsquo मन कहा
lsquo जस जमीन पर इतन सार कस चल रह ह उस बचना म कल हrsquo शलाndashजी नकहा lsquoजमीन का कजा तह दना एक बात ह और उसक लए नया ाहक ढढना सरीबातrsquo
lsquoवही तो हम उन सार कसस को कस नपटाएगrsquo मन कहा
शलाndashजी हस पड़ lsquoहम कस नह नपटात हम उन लोग को नपटा दत ह जो कसम शा मल हrsquo
वधायक भल ही हस रह ह ल कन उनक आख स लग रहा था क उहन मन बनालया ह उह दखकर वाकई लगता था क व लोग को नपटा सकत ह वस भी म जमीनहा सल करन स भी यादा अपन रतदार को सबक सखाना चाहता था
lsquoय द आप ऐसा कर पाए तो आप जतना चाह उतना शयर ल सकत हrsquo मन कहा
lsquoम पह एकड़ndashलगाrsquo शलाndashजी न कहा lsquoम वह जमीन तब तक अपन पास रखगाजब तक क वह ए रया कम शयल या र सड शयल यज क लए रीndashजो नह हो जाताबाक क पह एकड़ जमीन म हम कॉलज बनाएगrsquo
lsquoकॉलज म आपको कतनी ऑनर शप चा हएrsquo मन कहा
lsquo जतनी तम दना चाहो कॉलज ट ह उसम कोई ॉ फट नह हrsquo शलाndashजी नकहा उनक चहर पर कोई भाव नह थ
lsquoवाकईrsquo मन हरानी स कहा
lsquoहा सच हrsquo बद न लब समय बाद मह खोला lsquoहर कॉलज नॉनndashॉ फट ट कतरह होता ह उसम कोई शयर हो स नह होत कवल ट होत हrsquo
lsquo फर कोई ाइवट लयर एक नॉनndashॉ फट कॉलज य खोलना चाहगाrsquo मन कहा
बद न पहल तो गहरी सास भरी और फर मझ समझान लगा lsquoवल ॉ फट होता हट ट स कश नकाल सकत ह और उस खच बता सकत ह या व कश म कोई फ सल सकत ह और उस खात म दज नह कर सकत ह या व कसी कॉटर स कह सकतह क य द हम तह कॉट दग तो बदल म तम हम या दोग और भी कई तरीक हrsquo
बद बोलता रहा मन उस रोका lsquoएक मनट या य सब गरकाननी तरीक नह हrsquo
सभी चप हो गए
थोड़ी दर बाद शलाndashजी बोल lsquoमझ नह लगता क यह लड़का हमार कसी काम कासा बत हो सकता ह तमन मरा व बरबाद कयाrsquo
बद और सनील न शम स अपना सर झका लया ईमानदारी क बार म मरी जासाक कारण उह श मदगी झलनी पड़ी थी
lsquoआई एम सॉरी म तो बस समझन क को शश कर रहा rsquo मन कहा
lsquoयाrsquo बद न कहा उसक आवाज स झलाहट झलक रही थी
lsquoया तम मझ यह बताना चाह रह हो क कसी कॉलज स पसा कमान का एकमातरीका यही ह क गरकाननी हथकड का इतमाल कया जाए सॉरी म न तकता काउपदश नह द रहा कवल एक सवाल पछ रहा rsquo
lsquoवलrsquo बद न कहा lsquoवातव म कॉलज पसा कमान क लए नह होतrsquolsquoतो फर कोई कॉलज खोलना ही य चाहगाrsquo मन कहा
lsquoसमाज क भल क लए जसा क हम राजनता चाहत हrsquo शलाndashजी न कहा
मर सवा सभी हस पड़ शायद व मरी बवकफ पर ही हस रह थ
lsquoसनो गोपालrsquo सनील न कहा lsquo नयमndashकायद ऐस ही ट पड होत ह अब यह हमपर ह क या तो उनस बचन का कोई राता नकाल या बवकफ क तरह चपचाप खड़रह कॉलज ह तो ट भी होगा तम और शलाndashजी ट बन जाएग बद तह सबसमझा दगाrsquo
बद न मरी ओर दखकर इशारा कया क चता मत करो सब समझा गा हा उसआदमी को सटम क बार म अ तरह पता था और वह यह भी जानता था क सटमको कस झकाया जाए
lsquoबद बाब इस लड़क को यह भी सखा दो क यादा काननndashकायद क बात न करनह तो वह एजकशन का बजनस नह कर पाएगाrsquo शलाndashजी न कहा
lsquoऑफ कोसrsquo बद मकरा दया lsquoशला सर ट स पसा नकालना बाए हाथ काखल ह आप तो यह बताइए क तमाम पर मशन और अवल कस मलग हर कदम पर
शल मनजमट क जरत हrsquolsquoयही तो इस लड़क को करना ह म तो कसी पचर म नह म कवल ट
समाज क भल क लएrsquo शला ndashजी न कहा
lsquoमझ या करना होगाrsquo मन कहा
lsquoडट वरी म समझा गाrsquo बद न कहा lsquoतह ब ग लास क लए वाराणसी नगरनगम का अवल लना होगा कॉलज क लए एआईसीट ई का अवल लना होगाइ न होगा हर चीज का यान रखना होगा टडड हrsquo
lsquo र त दनी होगीrsquo मन कहा
lsquoशrsquo श हndashजी न घड़क दत ए कहा lsquoय बात यहा मत करो जो भी बात करनीहो बाहर जाकर करो जाओrsquo
हम जान क लए उठ खड़ ए
lsquoएक मनट को गोपालrsquo वधायक न कहा
lsquoजीrsquo मन सनील और बद क बाहर चल जान क बाद कहा
lsquoया तम यह सब कर पाओगrsquo शलाndashजी न कहा lsquoम अपना व बरबाद नहकरना चाहता य द तम यह सब नह कर सकत तो अभी बता दोrsquo
म कछ दर सोचता रहा lsquoयह आसान तो नह हrsquo मन वीकारा
lsquo जदगी म बड़ा आदमी बनना कभी आसान नह होताrsquo शलाndashजी न कहा म चपरहा
lsquoतम बड़ा आदमी बनना चाहत हो या नह गोपालrsquoम नीच दखता रहा मन गौर कया क वधायक क घर का फश इट लयन माबल स
बना था
lsquoया तम कवल एक मामली आदमी बन रहना चाहत हो जसक दोत उसस बत आगनकल गए हrsquo
मरा गला ध गया ल कन मन उस जा हर नह होन दया मन नजर उठाई
lsquoतहारी कोई गल ड हrsquoमन सर हलाकर मना कर दया
lsquoपता ह य य क तहारी कोई औकात नह हrsquoमन हामी पर द मझ याद आया क बीएचय कार पा कग म आरती और राघव न कस
तरह एकndashसर को शद दत स चमा था य द म बीएचय गया होता और राघव कोटा गयाहोता तब भी या आरती राघव को ही चनती मन शलाndashजी को दखा यह आदमी सरस पर तक गलत था ल कन उसन मझ एक मौका दया था आ खर जदगी म हम इसीबात क तो जरत होती ह ndash एक जॉब एक एड मशन एक मौका
lsquoम कगा ऐसा तो ह नह क पर दश म कवल म ही इकलौता ऐसा इसान जोर त दगाrsquo मन कहा lsquoल कन म बत बड़ा आदमी बनना चाहता rsquo
शलाndashजी खड़ ए व अपनी मज क करीब स बाहर नकल और मरी पीठ थपथपाईlsquoतम तो पहल ही बड़ आदमी बन चक होrsquo उहन कहा lsquoय क तहार सर पर अब मराहाथ ह अब जाओ और अपन हरामी अकल क डटस बाहर मर सटरी क पास छोड़जाओrsquo
lsquoऔर मझ पर जो आपक लोग का कजा ह उस बार म याrsquo मन कहा
lsquoदो लाख पए इतन पस मर लए कोई मायन नह रखत उस भल जाओrsquo शलाndashजी न कहा व अपनी मज पर गए और दराज खोली उसम स दस हजार पय क दोबडल नकाल और मरी ओर उछाल दए lsquoएक सनील क लए और एक तहार लएrsquoउहन कहा
lsquoमर लए यrsquo मन पछा
lsquoमरा कॉलज चलान क लए डायरटर सरrsquo उहन खीस नपोरत ए कहा
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मन शलाndashजी क दस हजार पए रख लए कम स कम उसस म अपन जरी खच तोचला ही सकता था बस मन उसस एक बड़ा खच कया ndash म ताज गगा म आरती को डनरकरान ल गया यह वाराणसी का सबस महगा रटोरट था
lsquoआर य योरrsquo जस ही हम ताज क कॉफ शॉप म घस आरती न एक बार फरपछा lsquoहम घाट पर चाट भी खा सकत हrsquo
उसन एक नईndashनवली गहर नील रग क फल लथ स पहनी थी जो उसक सगndashसब धय न अम रका स भजी थी उसन उस पर मच क लए सोन क नकली वलरी पहनरखी थी जस उसन व नाथ घाट स खरीदा था
lsquoमाय टrsquo मन कहा
वटर न आरती क लए कस बाहर खची उसन उस थक कहा हम बठ गए आरतीचॉकलट कक खाना चाहती थी ल कन वह अपन वट को लकर भी चौकस थीआ खरकार हमन सप और सलाद लना तय कया ता क मीठ क लए कलोरीज बचा सक
उसन चमच स गम सप हलाया lsquoसॉरी ल कन तहार पास इसक लए पसा कहा सआया बाबा तहार नाम अ ndashखासी वसीयत लख गए ह याrsquo
म हस पड़ा lsquoनह व मर लए वसीयत म कवल कज लख गए हrsquolsquo फरrsquolsquoम नया बजनस श कर रहा rsquolsquoमग लगrsquo आरती न अपना सर एक तरफ झकात ए पछा
lsquoशट अप म एक कॉलज खोल रहा rsquolsquoयाrsquo आरती न इतनी जोर स कहा क परी कॉफ शॉप न सना
lsquoसॉरीrsquo उसन धीमndashस फसफसात ए कहा lsquoया तमन वही कहा जो मन सना तमएक कॉलज खोलन जा रह होrsquo
lsquoहा हमारी उस जमीन पर जस पर कस चल रहा हrsquolsquoल कन कस उस पर तो तहार काका का कजा ह ना और तम कॉलज कस
बनाओगrsquolsquoमर साथ कछ पाटनस ह बत अ पाटनसrsquo
lsquoकौनrsquo आरती न कहा
lsquoम तह बताऊगा अभी हम अपन लान को अ तम प द रह हrsquo lsquo रयलीrsquo आरतीन कहा lsquoतो तम इसको लकर इतन सी रयस होrsquo
lsquoहा शहर क बाहर हमारी पह एकड़ जमीन ह य द हम मामला सलझा
ल और रीndashजो नग करवा ल तो वह जमीन कॉलज बनान क लए परफट हrsquo मन बदक बात दोहरा द
lsquoवॉवrsquo आरती न कहा और खल खला द lsquoतम तो बड़ आदमी बनन जा रह होगोपालrsquo
उसन यह बात मजाक म कही थी ल कन उसस मझ हक ndashसी ठस पची
lsquoय या तह नह लगता था क म ऐसा कर पाऊगाrsquolsquoनह मरा यह मतलब नह थाrsquo आरती न कहा lsquoम तो बस सराइ rsquolsquoमझ जदगी म कछ न कछ तो करना ही होगा नाrsquolsquoयोर तम कछ स कछ यादा ही करोग ल कन तहार अकल का या होगाrsquolsquoहम उनक साथ हसीndashखशी सटलमट करन क को शश कर रह हrsquo मन कहा
वातव म शला क आदमी जहन मर कजदार का मामला सलझाया था नघनयाम तायाndashजी स सटलमट क को शश श कर द थ ल कन उह हसीndashखशी वालीको शश कतई नह कहा जा सकता था
व लोग तीन बार मर अकल क घर जा चक थ पहली बार उहन उनक ट बॉलकनीम एक बोतल बकरी का खन उड़ल दया था सरी बार उहन चाक स उनक घर कसभी सोफ और बतर को गोद दया था तीसरी बात उहन पहली बार अपना महखोला था और आठ लाख पए म उनक ववा दत जमीन खरीदन क पशकश क थी
ल कन म आरती को य सब डटस नह बताना चाहता था
lsquo कस तरह का कॉलज खोलोगrsquo उसन पछा
lsquoइजी नय रगrsquolsquoकलrsquo आरती न कहा
lsquoबड़ा आदमी बनना ह तो बड़ीndashबड़ी चीज तो करनी ही पड़गीrsquo मन कहा
lsquoतम तो मर लए हमशा स ही बड़ आदमी रह हो गोपाल पता ह यrsquolsquoयrsquo
lsquoय क तहारा दल बत बड़ा हrsquo आरती न धीमndashस टबल पर रखा मरा हाथसहलाया
मरा दल बड़ा था या छोटा य तो पता नह ल कन उसक छअन स वह धकndashधकजर करन लगा मन फौरन बातचीत का ख बदला lsquoतहार या हाल ह कॉलज मया चल रहा हrsquo
lsquoबोndash रndashग ल कन म एक ए वएशन एकडमी जॉइन करन वाली rsquolsquoयाrsquolsquoउसम मझ लाइट अटडट बनन क नग द जाएगी लासम कसी हवाई जहाज
क इट रयर जसा होगाrsquolsquo रयलीrsquo मन दलच ी लत ए कहा lsquoआजकल एजकशन म कतना कछ हो रहा
हrsquolsquoहा ल कन हमम स कई तो बस टडट स बनकर ही रह जात ह हर कोई कॉलज नह
खोल सकताrsquo उसन मझ छड़त ए कहा
म मकरा दया lsquoअभी मझ बत लबा सफर तय करना ह म कल राह हrsquo मनकहा
lsquoतम तो जदगी म इसस भी म कल चनौ तय का सामना कर चक हो तम जरकामयाब होओगrsquo आरती न भरोस क साथ कहा
lsquoतह ऐसा लगता हrsquo मन कहा
उसन सर हलाकर हामी भरी यह मर लए नया क सबस बड़ी चीज थी म उससकहना चाहता था क या वह फर मर साथ डट करगी मझ ऐसा लग रहा था क शायदअब वह हा कह सकती ह ल कन जा हर ह य फमी यो रया कवल मर दमाग म हीपक रह थ
lsquoराघव कसा हrsquo मन अपन आपको वात वकता क धरातल पर लात ए कहा
lsquoउसक हाल अभी कछ ठ क नह हrsquo उसन कहा
मझ हक खशी महसस ई lsquo रयली यrsquo मन झठमठ क चता जतात ए कहा
lsquoउसन य नव सट का जनरल सटरी बनन क लए चनाव लड़ा था ल कन वह चनावहार गयाrsquo
lsquoओहrsquo मन कहा lsquoया इसस कोई फक पड़ता हrsquo
lsquoउस पड़ता ह वह इस लए हार गया य क उसन सर होटल क साथ हॉस डगनह क वह ईमानदारी स जीतना चाहता थाrsquo
lsquoल कन मझ तो उसक हार पर कोई हरानी नह ईrsquo मन एक गाजर को भाल कतरह उठात ए कहा
lsquoउसका मानना ह क हम हर जीत ईमानदारी स हा सल करनी चा हए नह तो जीतनका फायदा ही याrsquo आरती न कहा
lsquoल कन जदगी क नयम तो कछ और ही हrsquo मन धीमndashधीम खात ए कहा
lsquoपता नह ल कन ऐसा होना तो नह चा हएrsquo आरती न कहा lsquoवह अगल साल फरको शश करगाrsquo
lsquoवह कछ यादा ही काम नह कर रहा हrsquo मन कहा
lsquoअर हा बीndashटक कोस मगजीन और इल स क दर मयान वह मर लए म कल सही व नकाल पाता हrsquo
lsquoऔर तह यह अ ा लगता हrsquolsquoलगता तो नह ल कन कोई और चॉइस नह ह य द इसस उस खशी मलती ह तो
यही सहीrsquoहमन अपना डनर परा कया चॉकलट कक आया उसक आख चमक उठ उसन
लट अपनी ओर सरकाई lsquoमरा कक फर मत चरा लनाrsquo उसन कहा और मकरा द
lsquoराघव कतना लक ह क तम उसक साथ हो आरतीrsquo मन कहा
lsquoथसrsquo उसन कहा और जराndashसा शमाकर मकरा द
lsquoआरती या म तमस कछ पछ सकता rsquolsquoहाrsquo उसन मरी ओर दखा उसक चमच कक क ऊपर उठ ई थी
lsquoकछ नह बस मर लए थोड़ाndashसा कक छोड़ दनाrsquo मन कहा और बल क लए इशाराकया
आधी रात को म दरवाज क घट सनकर जागा मन अपनी आख मसल और दरवाज तकपचा म अब भी आधी नद म था बाहर मर अकल औट और उनका बटा 30 साल कामरा क जन अजय खड़ थ
lsquoघनयाम तायाndashजीrsquo मन कहा lsquoया आ लीज अदर आइएrsquo
व बठकखान म एक टटndashफट सोफ पर बठ गए पाच मनट तक उनक मह स एक भीशद नह नकला
lsquoआप लोग इतनी रात गए मझस मलन इस लए तो यक नन नह आए ह क आप मझमस कर रह थ ह नाrsquo मन कहा
lsquoतम हमार साथ ऐसा य कर रह होrsquo अजय फट पड़ा
lsquoम या कर रहा rsquo मन कहा lsquoआपको पानी चा हए या चायrsquolsquoनहrsquo मर अकल न कहा lsquoगोपाल अपन कम पर यान दो भगवान तह दख रह ह
तह एक न एक दन इसक क मत चकानी पड़गी हमार साथ ऐसा मत करोrsquolsquoल कन म कर या रहा rsquo मन कहा आ खर व इतनी रात गए मर घर य आए थlsquo बट ट अभी तक नसरी कल स घर नह लौटा हrsquo आट न कहा और फटndash फटकर
रोन लग अब य लोग परी तरह वात वक लग रह थ बाबा क अ तम सकार म तो वमगरम क तरह लग रह थ
व बट ट क वजह स मर घर आए थ बट ट अजय का चार साल का बटा था जसमन कवल एक बार दखा था ( बाबा क अ तम सकार क दौरान उसक मा क गोद म) औरअब वह लापता था
lsquoअर यह तो वाकई बत बरा आ हrsquo मन कहा lsquoऔर या इसका मर कम स कोईसब ध हrsquo
lsquoय उन लोग क हरकत ह जो जमीन खरीदना चाहत हrsquo मर अकल न कहा lsquoहमजानत ह व तहार साथ हrsquo
lsquoआप लोग या बात कर रह हrsquo मन कहा
अकल न दोन हाथ जोड लए lsquoहमार साथ ऐसा मत करोrsquo उनहन कहा
lsquoम कछ नह कर रहा कछ लोग मर पास भी वह जमीन खरीदन क लए आए थल कन मन उह कह दया क म उस नह बच सकताrsquo मन कहा
lsquoवाकईrsquo अजय न कहा
lsquoआ खर म वह जमीन कस बच सकता वह तो ववा दत जमीन ह नाrsquo मन कहा
lsquoल कन जो लोग हमार पास आए थ व उस जमीन को खरीदना नह चाहत व चाहतह क हम बक क कस सटल कर द ववाद खम कर द और वह परी जमीन तह द दrsquoअकल न कहा
lsquoदटस ज तो अब सवाल यह ह क आपक लए जमीन यादा क मती ह या बट टकरटrsquo
lsquoशट अपrsquo अजय न कहा lsquoहम पता ह क वह जमीन तम खरीदना चाहत होrsquolsquoमर पास खाना खरीदन का पसा नह ह जमीन कहा स खरीगाrsquo मन सर खजात
ए कहा
lsquoव लोग कौन हrsquo अकल न पछा
lsquoपता नह आप चाह तो प लस क मदद ल सकत हrsquo मन कहा lsquoल कन लगता हशायद व गडndashबदमाश हrsquo
lsquoहम प लसndashब लस क पास नह जानाrsquo औट न कहा
lsquoव लोग कछ भी कर सकत ह बट ट छोटा ह उनक लए उसक बॉडी छपाना कोईम कल काम नह होगा वस भी यह वाराणसी ह यहा डड बॉडी को बड़ी आसानी सड ोज कया जा सकता हrsquo मन कहा
अजय सोफ स उठा और मरी कॉलर पकड़ ली lsquoमझ पता ह क तम इसम इनवाहहो तहार पता सीधndashसाद थ ल कन तम टढ़ हो उसन कहा उसक आख स आग बरसरही थी
lsquoमर भाई कॉलर छोड़ दो अभी इसी वrsquo मन शात ल कन ठोस आवाज म कहा
अजय क मा न अपन बट का हाथ थपथपाया उसन मझ छोड़ दया
lsquoव लोग कतन पए द रह हrsquo मन पछा
lsquoआठ लाखrsquo अकल न कहा
lsquoनॉट बडrsquo मन कहा
lsquoयह माक ट ाइज क सामन र ी भर भी नह हrsquolsquoल कन आपन मर सामन जतन पस क पशकश रखी थी उसस तो यह दोगना स भी
अ धक हrsquo मन कहा
lsquoइसका मतलब तम इस मामल म इनवाह होrsquo अजय न मझ घरकर दखा
lsquoघर जाइए तायाndashजी और ठड दमाग स सो चए हम बट ट को जमीन स यादाचाहत हrsquo
lsquoहमार साथ यह सब या हो रहा हrsquo आट न दरवाज पर कहा
lsquoयह सब कम का खल ह तायाndashजी आपको समझा दगrsquo मन मकरात ए दरवाजाबद कर दया
जब बट ट तीन रात तक घर नह आया तब जाकर मर रल टस को आठ लाख क ऑफरक वय समझ आई जस ही मटर घनयाम मा और मटर अजय मा न पपरसाइन कए मझ वधायक क ऑ फस स फोन आया
शमा हयर पीए ट शलाndashजीrsquo कॉलर न कहा lsquoआज रात एमएलए साहब न आपकोडनर पर बलाया हrsquo
lsquoचीयसrsquo शलाndashजी न कहा हमन हक क गलास टकराए
बद सनील और म उनक बड़ndashस बठकखान म बठ थ उसम तीन अलगndash अलगस टग ए रया थ जनम वलवट सोफ कॉफ टबल सजीndashधजी ल और फानस थ तीनवटर नप कनndashलाइ चायना लट स म कबाब नटस और मनीndashसमोस परोस रह थ मनदखा क बठकखान क द वार पर शलाndashजी क प रवार क च टग ह
lsquoय मर बट ह ndash न खल और अ खलrsquo शलाndashजी न कहा lsquoदोन अम रका म पढ़ रहह म उह यहा स अभी कछ समय र रखगाrsquo
कछ लोग का कहना था क शलाndashजी तलाकशदा थ कछ अय का कहना था कलखनऊ म उनका एक और प रवार ह ल कन मझ यह सब जानन म कोई दलच ी नहथी
lsquoजमीन हा सल करना एक बड़ी कामयाबी हrsquo बद न कठोरता स कहा lsquoल कन हमअब भी एक लबा सफर तय करना ह हम अगल हत वीएनएन वाल स मल रह ह तबतक हम ट क औपचा रकताए परी कर लनी चा हएrsquo
बद न समझाया क कस तरह वीएनएन यानी वाराणसी नगर नगम हम हमार लएबहद जरी एीकचरलndashटndashएजकशनल लड रीndashजो नग पर मट दगी ता क हम नमाणश कर सक
lsquoरीndashजो नग जद स जद करा लो मन आठ लाख पए इस बात क लए नह दए हक उस जमीन पर धान क खती होrsquo शलाndashजी न कहा
lsquoहम जद स करवा लगrsquo बद न कहा lsquoउह पता ह क इसक पीछ कौन ह आपकोई छोट ndashमोट श सयत तो ह नह सर जीrsquo
lsquoहा य तो हrsquo शलाndashजी न इस तरह कहा मानो बद कोई बत ही जानीndashमानी बातदोहरा रहा हो lsquoल कन हम वीएनएन का याल रखना होगा ह नाrsquo
lsquoजी हा यक ननrsquo बद न कहा lsquoयह रीndashजो नग ह इसक बाद जमीन क क मत पाचगना बढ़ जाती ह यह कोई सता सौदा नह हrsquo
lsquo कतन लगगrsquo शलाndashजी न पछा
lsquoऑफ कोस आपक लए रट अलग ह मर याल स दस लाख लगगrsquolsquoयाrsquo शलाndashजी न हरत स कहा
बद न जद स एक घट म अपनी क खम क lsquoसर वह तीस एकड़ जमीन हएक नॉमल आदमी को उसक लए चालीस दन पड़गrsquo
lsquoदखो इसी लए मर जस लोग क लए एजकशन सटर म आना जरी ह आ खरइस दश का या होगाrsquo शलाndashजी न कहा
lsquoडीएम को भी इसक लए अनम त दनी होगी ल कन धान ईमानदार ह वस भीय द जमीन पर कॉलज बनाया जा रहा ह और वीएनएन क रकमडशन हो तो वह भी इसअव कर दगाrsquo
lsquoईमानदार कतना हrsquo शलाndashजी न कहा
lsquoइतना ईमानदार तो ह ही क खद पसा न ल ल कन इतना भी नह ह क सर कोलन स रोकrsquo
lsquoतब ठ क ह य द तम ईमानदार हो तो अपनी ईमानदारी अपन पास रखोrsquo सनील नकहा वह उस शाम पहली बार कछ बोला था
lsquoसनीलrsquo शलाndashजी न कहा
lsquoया सरrsquolsquoअब तम जाओ म तहार लए कछ भजवाऊगा ल कन आज स हम इस ोजट
पर यान दना होगाrsquo शलाndashजी न कहा
lsquoसर ल कनrsquo सनील न कहा
lsquoतहारा काम परा हो गयाrsquo शलाndashजी न कहा और उस जॉनी वाकल लक लबल कएक बोतल थमा द
सनील समझ गया उसन बोतल क लए श या अदा कया इतना झका जतनीकसी मनय क रीढ़ इजाजत द सकती थी और वहा स चला गया
lsquoम डीएम धान को जानता उनक बट मरी दोत हrsquo मन शलाndashजी स कहा
lsquoउस मामल म कोई यादा दकत नह ह फर भी डीएम का आशीवाद मल जाएतो बरा या हrsquo शलाndashजी न कहा
lsquoयोरrsquo मन कहा
शलाndashजी अपन बडम म गए और एक भारी ला टक बग लकर लौट उहन वहमझ द दया
lsquoय या हrsquo मन कहा
lsquoदस लाख पएrsquo उहन कहा lsquoवीएनएन क लएrsquolsquoदस लाखrsquo मन कहा उस भारी बग को थामत समय मर हाथ काप रह थ मन
इसस पहल कभी इतना पसा दखा या उठाया नह था
lsquoदस लाख कवल एक आकड़ा हrsquo वधायक न कहा lsquoबद ndashजी इस लड़क क मददकरो और अपन आपक भी मदद करो मझ खाली गलास पसद नह हrsquo
lsquoयोर शलाndashजीrsquo बद न कहा और वटर को पकारा
lsquoएजकशन वाल लोग बस पस स ही खश रहत ह या उह सरी चीज भी चा हएrsquoशलाndashजी न बद स पछा
lsquoजस कrsquo बद न पछा
lsquoलड़ कया मौजndashमती क लए मरा एक आदमी ह वनोद वह उसका भी बदोबतकरवा सकता हrsquo वधायक न कहा
lsquoअ ा जरत ई तो आपको बता दग वस पसा आन स उसका बदोबत अपनआप हो जाता हrsquo बद न कहा
lsquoगडrsquo उहन क बदला lsquoया गोपाल कछ समय क लए तहार ऑ फस स कामकर सकता ह जब तक क उसका अपना ऑ फस नह बन जाताrsquo
lsquoऑफ कोस शलाndashजीrsquoवटर हमार गलास फर स भरन क लए दौड़
lsquoट क कागजात तयार ह हम उह इस हत साइन कर सकत ह ल कन एकसवाल गोपालrsquo बद न कहा
lsquoयाrsquo मन कहा
lsquoकॉलज का नाम या होगाrsquo बद न कहा
मन इस बार म तो सोचा ही नह था
lsquoपता नह शायद कोई ऐसा नाम जसम तकनीक पर जोर दया गया होrsquolsquoऔर हमार शहर पर भीrsquo शलाndashजी न कहा lsquoता क म व आन पर लोग स कह
सक क मन यह उनक लए कया हrsquolsquoगगाटकrsquo मन कहा
शलाndashजी न मरी पीठ थपथपाई lsquoवल डन तम मझ पसद हो गोपाल तम बतआग जाओगrsquo शलाndashजी न खद मरा हक का गलास परा भर दया
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बद न मरी डक पर जो दतावज रख थ म उह पढ़ता रहा म उसक एजकशनकसटसी ऑ फस क एक एा म म बठा था
lsquoट बनान क लए भी पसा दना होगाrsquo मन कहा
lsquoहा कप नय क र जार को हर ट को वहा र जटर करवाना जरी हrsquo बद नकहा
lsquoल कन उसक लए र त दन क या जरत ह हम तो एक नॉनndashॉ फट टखोलन जा रह हrsquo मन कहा
lsquoहम र त इस लए द रह ह य क य द हमन र त नह द तो र जार अहवललटका दगाrsquo वह खीझ रहा था
मन ठडी सास छोड़ी
lsquoखर चालीस हजार स यादा नह लगग अब लीज यहा साइन करोगrsquo बद नकहा
अगल दो घट तक म गगाटक एजकशन ट क 40 पज क इकॉपरशन डॉयमट कसभी छह कॉ पय पर दतखत करता रहा बीच-बीच म म अपनी अग लया चटखाता रहाबद मर सामन एक क बाद एक दतावज रखता गया
lsquoय या हrsquo जब बद न मझ लटस का एक बडल थमा दया तो मन पछा हर लटरक साथ फाइल का एक सट अटच था
lsquoकॉलज खोलन क लए य नव सट ाट कमीशन या यजीसी क नाम तहारीए लकशस इन फाइल म कॉलज क डटस हrsquo
म उन फाइल स भी होकर गजरा उनम कोस ववरण ता वत स वधाए फकटहाय रग लान जस स न थ
lsquoय टडड फाइल ह और इह इसस पहल क ए लकशस क आध पर बनाया गया हrsquoबद न कहा
मन लटस पर साइन कर दएrsquo अवल कस भजा जाता हrsquo मन पछा
lsquoव साइट क इ न क एक तारीख भजग इ न क बाद नमाण श करन कलए एक इन- सपल अवल दगrsquo
lsquoमर याल स हम इ न लीयर करवान क लए भी कसी को पस खलानहगrsquo मन कहा
बद हस पड़ाrsquo तम तो बत जद सीख गए यक नन हम उसक लए भी पसखलान पड़ग हर इ टर को एक मोटा-सा बडल खर सबस पहल तो हम इ ानडट क लए पस दन हग पहला काम पहलrsquo
मरी भह तन गईrsquo तम मजाक तो नह कर रह हो नाrsquo मन कहाrsquoनह हर सरकारी काम क लए पसा लगता ह खासतौर पर अगर वह एजकशन स
जड़ा हो तो तह इसक आदत डाल लनी चा हएrsquo इसक बाद उसन सची बनाई क इसदश म ब को पढ़ान क लए एक कॉलज खोलन क लए कतन लोग क हथली गमकरनी पड़गी यजीसी क अलावा हम एआईसीट ई या ऑल इ डया काउ सल फॉर वकलएजकशन क लए भी अलाई करना था इजी नय रग कॉलज को व ही लीयर करत थइसक अलावा हर ाइवट कॉलज को सरकार क ओर स एक य नव सट ए फ लएशन कभी दरकार होती ह इसक लए हम टट य नव सट क कलप त क अवल चा हए थीशला-जी क कन ान और नोट स भर एक अ -खास लफाफ स काम बन सकताथा
lsquoनह तो कलप त बत म कल पदा कर सकत हrsquo बद न कहा वह अपन पछलअनभव क आ धार पर बोल रहा था
lsquoऔर य यजीसी और एआईसीट ई क इ टर भला कौन हrsquo मन पछा
lsquoसरकारी कॉलज क य नव सट लचरस को इ टर बनाया जाता ह जा हर हच क यह मोट कमाई वाला काम ह इस लए इ टर बनन क लए लचरर भी पस दतहrsquo बद न कहा
lsquo कसrsquolsquoयजीसी क सी नयर मनजमट को या शा मालय म कसी को खर य उनक
ॉलम ह हम अपनी ॉलम पर यान दना ह लीज शला-जी को बता दो क हम इनसब चीज क लए पस क जरत होगीrsquo
मन सर हला दया
lsquoऔर हा वीएनएन मी टग को मत भलना बद न कहाrsquo और बग को तो बकल हीमत भलनाrsquo
lsquoम तो उसस चगल छड़ान क लए बचन rsquo मन कहाrsquo घर म इतना कश रखन परडर लगता हrsquo
lsquoघबराओ मत बद न कहाrsquo वीएनएन क एक व जट क बाद सारा पसा गायब होजाएगाrsquo
हम शाम को छह बज शहीद उ ान क सामन त वाराणसी नगर नगम ऑ फस पचअ धका रय न ही हम कहा था क हम ऑ फस का काम खम होन क बाद आए य दपसा मलन क गजाइश हो तो सरकारी अफसर मट नशनल वाल स भी यादाओवरटाइम करन को तयार रहत ह
lsquoवलकम वलकम आई एम सहाrsquo खाली रसशन ए रया म एक न हमाराअ भवादन कया वह हम ऊपर ल गया हम उस खताहाल इमारत क सरी म जल परपच डट -कॉपरटर सहा शला-जी को दस साल स भी अ धक समय स जानता थाऔर उह अपना बड़ा भाई बता रहा था
lsquoय द बड़ भया ऐसा चाहत ह तो सम झए क हो गयाrsquo सहा न कहा उसन इस बातका कोई ज नह कया क ऐसा करन क लए बड़ भया को छोट भया को घस खलानीपड़गी
मन न ॉपट क दतावज और हमारी फॉमल ए लकशस नकाल ल सहा न गभीरता क साथ उनका मआयना कया और म-म करता रहा
lsquoहम री-जो नग क बाद ही काम श कर पाएगrsquo मन कहा
lsquoरी-जो नग म कल हrsquo सहा न कहाrsquo इसक लए ऊच अफसर क अवलचा हएrsquo
lsquoइसम कतना समय लगगाrsquo मन कहा
lsquoतम कमउ दखत होrsquo सहा न कहा
lsquoएसयज मीrsquo मन कहा
lsquoअधीरता यह नौजवान क पहली कमजोरी होती ह तम कॉलज खोलन जा रह होजद कस बात क हrsquo
lsquoउसम तो वस भी काफ समय लगगा ल कन म चाहता क सभी अवल जद -जद हो जाएrsquo मन कहा
बद न मझ इशारा करक चप रहन को कहा सहा हस पड़ाrsquo तह तो ब ग कलान का भी अवल करवाना पड़गा नाrsquo डट -कॉपरटर न कहा
lsquoहा बद न कहाrsquo या आपक ज नयर अ धकारी उसको हडल कर लगrsquo
lsquoमझ दतावज भजवा दो सब कछ घर पर ही भजवाना सब कछ सहा नआ खरी शद पर जोर दत ए कहा
म उसक बात समझ गया मन ला टक बग थपथपाया जो फश पर रखा था
lsquoम यहा कछ लाया rsquo मन कहा
lsquoऑ फस मrsquo सहा फौरन उठ खड़ा आrsquo तम पागल हो याrsquoम अपन साथ पसा इस लए लाया था ता क उह बता सक क हम काम करवान क
लए कतन गभीर थ मझ पता था क वह यहा पस नह लगा
lsquoबद सर इसको कछ सखाओ य सब कबाड़ा कर दगाrsquo सहा न कहा और हमऑ फस स बाहर ल आया
मन ला टक क उस भारी लाल बग को अपन करीब सटा लया
lsquoबाय द व कतना पसा हrsquo बाहर आन क बाद सहा न पछा
lsquoदस मन कहा
lsquoरी-जो नग और ब ग लान क लए काफ नह हrsquo सहा न कहा
lsquoय कॉलज ह लीज थोड़ा रीजनबल होइएrsquo मन कहा
lsquoम रीजनबल ही ल कन दस तो बत कम ह पह लगग सहा न कहा
lsquoशला-जी क लए भी कोई कसशन नहrsquo मन कहा
lsquoम पहल ही अपन रट स आ धा ल रहा rsquo सहा न कहा
lsquoयारहrsquo मन कहा म उसस इस तरह बाग नग कर रहा था जस म कोई ट -शट लरहा होऊ जा हर ह जतन अमाउट क यहा बात हो रही थी उसन मझ स कर दयाथा
lsquoसाढ़ बारह डन अब मझ अपन बड़ भया क सामन श मदा मत करोrsquo सहा न कहा
मन इसक बाद उसस कोई बहस नह क मझ बाक क पस का बदोबत करना था
lsquoतम अ बागनर होrsquo बद न मझ शला -जी क घर ल जात ए कहा
lsquoतम ही इस फोड़rsquo शला-जी न मझ कॉलज साइट क -हस पर एक ना रयल थमात एकहा उनक आसपास उनक चमच क भीड़ थी
भ मपजन सरमनी क साथ ही नमाण क शआत ई यह दन दखन क लए मझतीन महीन तक यहा-वहा दौड़कर दो दजन अवल लन पड़ थ यजीसी और एआईसीट ई
इन- सपल अवल भी मल गए थ अ तम इ न कॉलज खलन पर होना था अभीतो हमार पास नमाण श करन क अनम त थी
अब बस हम भगवान का आशीवाद चा हए था गनीमत ह क भगवान का आशीवादपान क लए नोट का बडल दन क जरत नह थी
मन हाथ म ना रयल थामा और इधर-उधर दखा आरती अभी तक नह आई थी
lsquoना रयल फोड़ा बटाrsquo शला-जी न कहा
म उसका और दर तक इतजार नह कर सकता था मर याल स इस दन का उससयादा मह व मर लए था
मन यह कपना करत ए ना रयल फोड़ा क वह राघव का सर ह ना रयल फोड़तसमय मरी अगली कट गई लोग न ता लया बजाई मन कट ई अगली मह म रख लीऔर खन चसन लगा
lsquoगगाटक इजी नय रग कॉलजrsquo -दो मजर न क चड़ भरी जमीन पर मटल का एकहो डग लगा दया इस मौक पर मझ यादा भावक होना था आ खर मन इस दन क लएमहीन तक महनत क थी ल कन इसक बावजद मझ कछ महसस नह आ शायदइसक वजह यह थी क मझ पता था यह दन दखन क लए मझ कतनी पस दना पड़ी हमझ बजली कनयान स लकर क न साइट लबर अवल तक क लए कल बह रलाख तईस हजार और चार सौ पए खच करन पड़ थ
शला-जी न सौ स आइ धक महमान को बलाया था जनम स क सदय भीशा मल थ हमन एक कटरर भी रखा था जो छोट सफद बस म महमान को गम समोसऔर जल बया परोस रहा था
शला-जी न सभी को एक कामचलाऊ मच स सबो धत कयाrsquoबस तीन साल और उसक बाद यह सपना हक कत बन जाएगा यह मर शहर को मरी
तरफ स एक तोहफा ह जसक वह का बल भी ह उहन कहा
म आग क कतार म बठा था म बार-बार मड़ मड़कर दखता रहा क आरती आई ह यानह शला-जी क ीच क बाद स न कछ सवाल पछ उनम स आइ धकतर सवालसीध -सरल थ व कॉलज म पढ़ाए जान वाल कोसस और अय स व धा क बार म थबहरहाल कछ सत पकार उह आड़ हाथ लन का मौका नह चक
lsquoशला सर या आप इस कॉलज क मा लक ह तो इसम आपक हसदारी कतनीहrsquo एक पकार न पछा
lsquoम ट मरी कोई हसदारी नह ह यह एक नॉन-ॉ फट स ा हrsquo शला-जी नकहा
lsquoजमीन और क न क लए कौन फ डग कर रहा हrsquolsquo मटर गोपाल म ा यहा मौजद ह और व ही इस जमीन क मा लक ह च क म यग
टलट को इनकरज करना चाहता इस लए मन फड जटान म उनक थोड़ी मदद भर कह शला-जी न कहा और एक माल स अपना माथा पछ लया
lsquoफड कहा स जटाया गयाrsquo पकार न आग पछा
lsquoअगल-अलग हता हय स फ मत क जए कसी न पसा लगाया ही ह लयानह ह आजकल का मी डया कतना शक हो गया हrsquo शला-जी न कहा
lsquoसर गगा एकशान लान घोटाल म या चल रहा ह उसम आपका नाम आया हrsquoपीछ क कतार स एक पकार न पछा
lsquoअब वह परानी कहानी हो गई ह कोई घोटाला नह आ था हमन नद क साफ-सफाई क लए पसा खच कया थाrsquo शला-जी न कहा
इस नए वषय न सभी पकार को उ जत कर दया सभी न सवाल पछन क लएहाथ खड़ कर दए
lsquoनो मोर व स थक य -बरी मचrsquo शला-जी न कहा
व साइट स चल गए पकार उनक पीछ -पीछ हो लए म साइट पर ही रहा और यहस न त करता रहा क सभी महमान को रशमट स सव कया जाए
ईट लोह क स रय और अय नमाण साम य स लदा एक टक आया उसक पीछलाल ब ी वाली एक एबसडर कार थी
आरती कार म स बाहर नकली और मरी तरफ आईrsquo आई एम सो सो सॉरीrsquo उसनकहाrsquo पजा हो गईrsquo
lsquoया आरती क बना कभी कोई पजा हो सकती हrsquo मन जवाब दया
वाराणसी तीन और साल बाद
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तज सगीत और लोग क बातचीत क शोरगल क बीच मर आन पर कसी का यान ही नहगया हाई-लास पा टया मझ नवस कर दती ह और य द मम कन होता तो म उस दनराघव क जएशन क पाट स खशी-खशी चला जाता ल कन म वहा कवल इसी लएगया था ता क यह न समझा जाए क म उसस जल रहा
मझ वाकई उसस कसी तरह क कोई जलन नह थी तीन महीन बाद मरा कॉलजगगाटक खलन वाला था तीन साल तक दन-रात महनत क बाद आ खरकार मरा कॉलजबनकर तयार था मझ जद ही फकट रटमट क इटर लन थ और एआईसीट ई कइ न क डट भी मझ मल चक थी ऐस म बीएचय क कोई ट पड डी मर लएकोई मायन नह रखती थी य क जद ही म खद टडट स को ड या बाटन वाला था
lsquoहrsquo राघव न जोर स कहा lsquoबडी तम थ कहाrsquolsquoकयटर सलायर क साथ बात कर रहा थाrsquo मन कहा
ऐसा लगा जस राघव न मरी बात सनी नह
lsquoमर कॉलज क लए हम वहा एक कयटर सटर चाल कर रह हrsquo मन कहा
राघव न अपना हाथ उठाया lsquoगड शो गव मी हाई फाइवrsquoउसन इतनी जोर स ताली मारी क मरा हाथ झनझना गया
lsquo क चा हएrsquo राघव न कहा lsquoबार वहा हrsquoउसन डाइ नग टबल क ओर इशारा कया जहा बीयर रम और कोक रख थ लोग
ला टक लासस म अपन लए क बना रह थ उस रात राघव क माता- पताजानबझकर कसी रल टव क यहा क गए थ ता क राघव और कॉलज क दोत दलखोलकर मौज-मती कर सक
मन नजर घमाकर राघव क दोत को दखा तीस लड़क जनम स अ धकतर न चमऔर परानी ट -शट पहन रखी थ और जो जॉब ऑफस क बार म बकबक कए जा रह थऔर कवल तीन लड़ कया जनक स सस को दखकर ही लग जाता था क व कसीइजी नय रग कॉलज क ह
मन अपन लए रम और कोक क ड़स तयार क फर म आइस खोजन लगाडाइ नग टबल पर आइस नह थी इस लए म कचन क ओर बढ़ चला लबी चो टयवाली एक लड़क एक बड़-स चॉकलट कक पर मोमब या सजा रही थी उसक पीठ
मरी तरफ थी कक क डजाइन गयर-शड थी और उस पर सफद मा जपन स लखाआ था -हपी जएशन
lsquoगोपालrsquo आरती न मझ दखत ही कहा म ज स जस-तस आइस-टर नकाल रहाथा
उसक आवाज न मझ रोमा चत कर दया
lsquoहम मल शायदrsquo आरती न कहाrsquo एक साल हो गया होगाrsquoम वाकई उसक सपक म नह थाrsquo हायrsquo मन कहा
ऐसा नह ह क म उसस र भागना चाहता था ल कन मझ उसक सपक म बन रहनक कोई तक भी नजर नह आती थी मझ लगता था क मर लए क न साइट परमजर पर चलाना उसक मह स उसक डट स क बार म सनन स यादा फायदमद थामन उसक कॉस को नजरअदाज करना श कर दया था और जद ही वह भी मझस रहो गई
lsquoहा आई एम सॉरी गलती मरी ही हrsquo मन कहाrsquo म साइट पर बत बजी हो गयाथाrsquo
उसन मर हाथ स आइस- ल ली आइस-कसर नकालन क लए उस मरोड़ा और दोयस नकालकर मर लास म डाल दए
lsquoम तमस सफाई नह माग रही म समझ सकती क म अब तहार लए इपोटटनह रहीrsquo
lsquoयह सच नह ह मर पास मरी साइट थी तहार पास राघव थाrsquo मन कहाrsquo हमारसामन अपनी-अपनी जद गया थ औरrsquo
lsquoमरा बॉय ड ह इसका यह मतलब नह क वह मरी परी जदगी बन गया ह ओकrsquoआरती न कहा
lsquoवल वह लगभग तहारी परी जदगी जसा ही ह ह नाrsquo मन कहा
मन उस अपनी क ऑफर क उसन मना कर दया वह फर कक सजान लगी
lsquoऐसा नह ह कोई भी इसान आपक लए इतना इपोटट नह हो सकता क आपकपरी जदगी बन जाएrsquo
lsquoया बात हrsquo मन कहा lsquoकछ आ याrsquolsquoनह नहrsquo उसन कहा मझ लगा उसन नह कहन म कतई दर नह लगाई थी lsquoसब
कछ बत अ ा चल रहा ह राघव जएट हो गया ह उस इफो सस स जॉब का ऑफर
ह मरा ए वएशन कोस भी जद ही खम होन वाला ह सब कछ पहल क तरह मजबतहrsquo
lsquoयाrsquo मन कहा
lsquoहमारा रताrsquolsquoहमाराrsquolsquoमरा और राघव काrsquo उसन कहा
lsquoजा हर हrsquo मन कहा
उसन राघव क पास ल जान क लए कक उठाया
lsquoम अब तहार टच म रगाrsquo मन कहा
lsquoदट वड बी नाइस म पर एक साल स नाव म नह बठ rsquo उसन कहा और मकराद
वही कय जग हड़बड़ाहट भरी आरती फर लौट आई थी आ खर उसक बात काया मतलब था या वह हमारी नाव क सर को मस कर रही थी या वह मर साथ होनको मस कर रही थी या वह मझ उकसान क को शश कर रही थी या वह बस य ही बातबना रही थी म इह वचार म डबा आ कचन स बाहर चला आया
सभी राघव क इद- गद खड़ थ उसक हाथ म चाक था आरती उसक पास खड़ी थीराघव न कक काटा सभी न ता लया बजाई और ट कया मझ लगा क शायद कसीकॉलज स जएट होना वाकई बड़ी बात होती ह राघव न कक का पहला टकड़ा आरतीको खलाया आरती न भी उस एक टकड़ा दया
जस ही राघव न कक खान को अपना मह खोला आरती न उसक चहर पर कक लगादया सभी न ठहाका लगाया और ता लया पीट मझ लगा क म एक ऐसी जगह आ गया जहा मझ नह आना चा हए था आ खर म यहा कर या रहा य लोग मझ बलात हीकस लए ह
lsquo ीच ीचrsquo सभी चाहत थ क राघव कछ कह आरती न एक टश लया औरउसका चहरा पछ दया
lsquoवल ड स आपक जएशन पर आप सभी को कायलशनrsquo राघव न कहाlsquoहमन एक-सर क साथ चार बहतरीन साल बताए अब जब हम जदगी म आग बढ़ रहह तो मझ परा यक न ह क हमार दल म हमार क स क लए हमशा एक खास जगहबनी रहगीrsquo
lsquoहम अब भी साथ ही रहग ड यडrsquo एक चमीश लड़क न उस टोकत ए कहाrsquoइफो सस मrsquo
सात टडट स न अपन गलास हवा म ऊपर उठाए उन सभी को उस सॉटवयरकपनी स ऑफर आए थ
lsquoचीयसrsquo उहन कहा
राघव चप रहाrsquo एचअली म कछ अनाउस करना चाहता rsquo उसन कहाrsquo म जॉबनह कगाrsquo
lsquoयाrsquo सभी क हरतभरी आवाज सनाई द
lsquoहा मन यह रहन का फसला कया हrsquo राघव न कहा और अपना हाथ आरती ककमर पर लपट दया lsquoमर यार क करीबrsquo
lsquoहा ठ क हrsquo आरती न राघव क गाल स आइ सग का एक धबा पछत ए कहाlsquoसभी को सही वजह बताओrsquo
lsquoल कन यही तो सही वजह हrsquo उसन खल खलात ए कहा
lsquoनहrsquo आरती न लोग क ओर मड़त ए कहा lsquo मटर राघव कयप यहा इस लएक रह ह य क व lsquoद नकrsquo म एक रपोटर क तरह जॉइन करना चाहत हrsquo
लोग म हरत भरी खसफसाहट दौड़ गई राघव न कॉलज क प का सपा दत क थीऔर उसन एक अखबार क लए इटन शप भी क थी बहरहाल बत कम लोग को यहअदाजा था क उसम इतना साहस होगा क वह इफो सस का जॉब छोड कर एक अखबारका पकार बनना चाहगा
राघव अपन दोत स ब तयान लगा आरती कक क लाइस काटकर सभी को दनलगी सगीत फर जोर स गजन लगा मन एक और क बनाया म सोचन लगा क याअब मझ यहा स चल दना चा हए
आरती न मझ कागज क एक लट पर कक दया मन मना कर दया
lsquoतो तहारा कॉलज कब खल रहा हrsquo उसन पछा
lsquoतीन महीन बाद गगाटक क एड मशस श हो जाएगrsquo मन कहाrsquo रयली कन आईअलाईrsquo वह हस पड़ी
lsquoय द तम चाहो तो म तह य ही एक डी द गा तह लासस अटड करन क भीजरत नह हrsquo मन कहा
lsquo रयलीrsquo उसन अपनी एक अगली नचात ए कहाrsquo ठ क ह मझ राघव क ही तरहइलॉ नस इजी नय रग क एक डी द दो ल कन मझ उसस बहतर मास चा हएrsquo
lsquoयोरrsquo मन कहा
वह और जोर स हस पड़ी मन पछल चार साल म आरती को भलान क बतको शश क थ ल कन इसक बावजद उसक एक ही हसी मरी साल क महनत कोनाकाम कर सकती थी अचानक मझ ऐसा लगा जस सब कछ पहल जसा ही हो इसदौरान हमार बीच कछ आ ही न हो
ल कन मझ जाना था मन धीम-स फसफसाकर कहाrsquo अब मझ चलना चा हएrsquolsquoयrsquo उसन कहाrsquo तम अभी-अभी तो आए होrsquolsquoम अपन आपको यहा फट नह महसस करताrsquolsquoइट स ओक म भी इन सब लोग को कहा जानती सभी नड इजी नयस ह चलो
बालकनी म चलत हrsquo
हम राघव क बालकनी म बठ गए म अपनी क क छोट च कया भरता रहा हवा ककारण आरती क बाल उड़कर मर चहर पर आ रह थ म उसस थोड़ा र खसक गया
lsquoतमन ए वएशन एकडमी म अपना कोस परा कर लयाrsquo मन कहा
lsquoहा क फन दो माह पहल ही खम हो गया था म सभी एयरलाइस क लए एलाईकर रही दखत ह व लोग मझ इटर क लए बलात ह या नहrsquo उसन कहा
lsquoल कन वाराणसी म तो कोई एयरलाइन नह हrsquolsquoहा मझ दली या मबई जाना पड़गा बगल म भी एक नई लो-कॉट एयरलाइन
ह डपड करता हrsquolsquo कस पर डपड करता हrsquo मन पछा
lsquoइस पर क मझ कहा जॉब मलता ह ऑफ कोस अब च क राघव यहा ह इस लएमामला कॉ लकटड हो गया हrsquo
lsquoवह सर शहर म भी पकार बन सकता ह नाrsquo मन कहा
lsquoशायदrsquo उसन अपन बाल को कान क पीछ करत ए कहा lsquoल कन उस वाराणसीपसद ह उस इस जगह और यहा क समया क बार म पता ह तहारी क कसी हम एक सप ल सकती rsquo
मन उस अपना लास द दयाrsquo उस इसrsquo द नकrsquo क जॉब क लए कतना पसा मलताहrsquo मन कहा म जानना चाहता था क राघव कमा कतना रहा ह
उसन कछ घट पए और लास अपन पास ही रखाrsquo इफो सस उस जतना दताउसका एक तहाईrsquo उसन कहा
lsquoवॉव और उसक परट स को भी इसस कोई ऐतराज नह हrsquolsquoकस नह होगा जब उसन उह बताया तो व तो आगबबला हो गए सवाल पस का
ही नह ह वह अपनी इजी नय रग क डी का कोई इतमाल भी नह कर रहा ह व लोगअब भी अपसट हrsquo
lsquoतोrsquolsquoतो या उस कसी बात क कोई परवाह नह ह उसका मानना ह क हर रवोयशन
क शआत घर स ही होती ह समाज कवल त भी बदलता ह जब घर क नयम -कायदतोड़ जात हrsquo
lsquoरवोयशनrsquo मन कहा
lsquoहा उसका दमाग परी तरह स उसम लगा आ ह द ट इ डयन रवोयशन अर मतो तहारी परी क पी गई आई एम सो सॉरी उसन कहा और माफ मागन क अदाज ममरी बाह छ ली
lsquoइट स फाइन म एक और बना -लगा और तम उसक क रयर क चॉइस को लकरखश होrsquo
lsquoऑफ कोस मरा मानना ह क हम वही काम करना चा हए जो हमारा पशन हो म भीतो ऐसा ही कर रही ना य अलग बात ह क एक एयर होटस होना ा तकारी होनजसा नह ह ल कन फर भी वह मर मन का काम तो ह हीrsquo
lsquoऔर यह रवोयशन एजटली कस तरह क होगीrsquo मन झलाहट म कहा
lsquoवल राघव को लगता ह क भारत क लोग एक न एक दन वात वक ा त करगवह यही सोचता हrsquo
lsquoयrsquolsquoउसी स पछो वह तह बताएगा को म हमार लए और ड़स बना दती rsquoवह फर भीतर चली गई म बालकनी म ही इतजार करता रहा म घर म मौजद
आमत सॉटवयर इजी नयर स र रहना चाहता था म उस दन क कपना करनलगा जब मर कॉलज क टडट स को जॉब मलगा म सोचन लगा क या कभी बड़ी
सॉटवयर कप नया गगाटक म व जट करन आएगी ऑफ कोस पहल तो हम एड मशनश करन हग
वह एक लकर लौट उसम दो ड़स क साथ ही एक लट भी थी जसम सड वचकक और आल चस थ
lsquoमझ लगा तह भख लग आई होगी उसन कहा आरती हमशा इसी तरह दखभालकरन वाली मा क तरह पश आती थी
lsquoथस मन अपना लास लत ए कहा
lsquoअब बताओ तमन मझ य भला दयाrsquo आरती न कहा
lsquo कसन कहा क मन तह भला दया हrsquo मन कहा हमारी आख मल तीन सकडक बाद मझ असहज लगन लगा पहल मरी ही पलक झपक
lsquoअब मर पास मोबाइल फोन ह तह मरा नबर चा हएrsquo उसन कहाrsquoयोर मन कहा शला-जी न मझ सलफोन दया था हमन एक-सर को अपन नबर
दए
lsquoम चलकर तहारा कॉलज दखना चागीrsquo उसन कहा
lsquoउस खल तो जान दो म उसक शभारभ पर कायम करवाऊगा मन कहा
lsquoया यह कॉलज ही तहारा पशन हrsquo उसन पछा
lsquoपता नह ल कन जदगी न मझ इसस बहतर मौका कोई सरा नह दयाrsquolsquoया तहार जीवन म कभी कोई पशन रहा ह गोपाल वह एक अद भत फ लग होती
हrsquo आरती न कहा
म चप रहा और उसक ओर दखता रहा वही तो मरा पशन थी
lsquoकछ भीrsquo उसन पछा
lsquoपसा म खब पसा कमाना चाहता rsquo मन कहा
उसन अपन हाथ को झटक दयाrsquo ओह कम ऑन उसन कहाrsquo यह पशन नह ह यहए बशन हrsquo
lsquoजो भी हो चलो अब अदर चलत हrsquo म खड़ा हो गया म नह चाहता था क राघवहम अकला दख ल
lsquoयह रहो नाrsquo उसन मनहार क अदाज म कहा और मरा हाथ खचकर मझ नीच बठालयाrsquo हम इतन दन स नह मल ह तहार जीवन म या चल रहा ह तहारी कोईगल ड हrsquo
मन सर हलाकर मना कर दया
lsquoतहारी कोई गल ड होनी चा हए यार अद भत होता ह यह फ लग पशन स भीबहतर होती ह उसन कहा
lsquoयार करना कवल तभी अद भत होता ह जब वह शस भी आपको यार कर जसआप यार करत हrsquo मन कहा ल कन यह कहत ही मझ अफसोस आ क मन ऐसा यकहा
lsquoआउच यह तो तमन मझी पर वार कर दयाrsquolsquoआई एम सॉरी मन कहा
lsquoवह बत परानी बात हो गई ह और राघव और म एक-सर क साथ खश ह बतखशrsquo
lsquoअब हम अदर चलrsquo मन कहा
lsquoय द तम चाहो तो अपन लए भी कोई अ -सी लड़क खोज सकत हो गोपालrsquolsquoमझ कसी चीज क जरत नहrsquo मन कहा और सरी तरफ दखन लगा
उसन मरी ठोड़ी पकड़ी और मर चहर को अपनी तरफ घमा लयाrsquo तहार पास अपनाएक कॉलज होगा और य द तकद र न मरा साथ दया तो म यादा स यादा एक घइटअटडट बनकर लोग को चस सव करती रगी तम एक बहतर लड़क खोज सकत होrsquo
lsquoतम स भी बहतर लड़क rsquo मन कहा
lsquo बकलrsquo उसन कहा
lsquoयह मम कन नह ह आरती मन कहा इसस पहल क वह कछ कह पाती म फरउठ खड़ा आ और पाट म चला गया
म राघव क पास गया और उसस कहा क मझ एक काटरटर स मलना ह इस लएमझ जाना होगा ऐसा लगा जस उस इसस कोई फक नह पड़गा म उसक अपाटमट सबाहर आया और नीच चला आया आरती मझ पकारती ई मर पीछ चली आई
मन पीछ मड़कर दखाrsquo या हrsquo मन कहा
lsquoकह ऐसा तो नह क तहार मन म अब भी मर लए कसी तरह क फ लस हrsquoमन कसकर थक नगलाrsquo कतई नह मन कहा और तजी स बाहर चला गया
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lsquoतम लोग कतना लबा क लत होrsquo म चलाया मय क स भवन क समीप मजरका एक समह बरगद क एक पड़ क नीच बठा थाrsquo ढाई बज गए ह खान का समय एकघटा पहल ही खम हो गया हrsquo
एआईसीट ई क फाइनल इ न म अब कवल सात दन बच थ लासम पर एकऔर बार प टग क जरत थी ल कन मजर को फ ही नह थी
lsquoआपका काम हो जाएगा साहबrsquo एक मजर न उस अखबार को समटत ए कहाजस पर वह बठा था उसन फट बडी और गहर रग क गद पतलन पहन रखी थी जसपर सब तरफ पट लगा आ था
lsquoय द इ टर हमस नाराज हो गए तो मरा कॉलज नह खल पाएगाrsquo मन कहा
lsquoआपक कॉलज को भला कौन ना कह सकता हrsquo मजर उठ खड़ा आ
सर मजर न भी अपन साफ बाध लए उहन अपन-अपन श उठाए औरलासस क ओर चल गए म बरगद क पड़ क नीच बठा रहा म हर सर घट ममजर को हाककर उनस काम करान क अपन डली ट न स थक चका था मन मजरक पीछ छट गए अखबार पर नजर डाली एक हडलाइन न मरा यान खचा -rsquo वाराणसीको और कॉलज क जरत हrsquo
मन अखबार उठा लया हडलाइन क नीच लखक का नाम था -राघव कयप
लख म बताया गया था क कस तरह पछल दस साल म वाराणसी म यवा कआबाद बहद बढ़ गई ह ल कन कॉलज क सया म इतनी तजी स बढ़ोतरी नह हो सकह कस तरह सरकार एजकशन को अपनी ाथ मकता बना सकती ह उसन यह भी कहाथा क सरकार को कॉलज को इस बात क अनम त दनी चा हए क व काननी तरीक समनाफा कमा सक ता क कॉपरट स इस म वश कर और शा क गणव ा सधारभल ही यह लख राघव न लखा था ल कन वह मझ अ ा लगा वह लख मर बजनस कभल क लए ही बात कर रहा था
लख म अलग स एक बॉस भी था जसम वाराणसी म खलन वाल कॉलज क सचीथी उसम पाच नाम थ मन दखा उसम गगाटक का नाम भी शा मल था
lsquoवॉवrsquo मन मन ही मन कहा म रोमा चत था मन इसस पहल कभी गगाटक का नामट म नह दखा था मन शला-जी का नबर घमाया
lsquoवल-डनrsquo शला-जी न कहाrsquo अब बस दखत जाओ क कॉलज खलन क बाद हमकतना चार मलता हrsquo
म चाहता था क म राघव को फोन लगाऊ और उसस क क या वह मर कॉलज परअलग स एक लख लख सकता ह य द वाराणसी का कोई त त अखबार गगाटक कबार म अ बात कह रहा हो तो यह हमारी ओप नग क लए बत बड़ी बात होती
ल कन मर पास उसका मोबाइल नबर नह था म बड़ी आसानी स आरती स उसकानबर ल सकता था ल कन म उस कॉल नह करना चाहता था म अखबार को क सब ग म ल गया मर ऑ फस म अभी तक फनचर का बदोबत नह हो पाया था मला टक क एक कस पर बठ गया और खद को याद दलाता रहा क मझ कारपटर कोबलाना ह
मन अपन फोन कॉटटस को दखा आरती का नाम उसम हमशा सबस पहल आताथा य क उसक नाम म दोrsquo एrsquo थ
lsquoम उस कवल इसी लए कॉल कर रहा ता क राघव का नबर हा सल कर सकrsquo मनउस फोन लगान का साहस करन स पहल खद स कई बार यह कहा
चार रग जान क बाद उसन फोन उठायाrsquo ह हाट अ सराइजrsquo उसन कहा
lsquoहाय कसी होrsquo मन कहा हाला क म उसस इस तरह क बात नह करना चाहताथा ल कन एकदम स मतलब क बात कहना भी तो ठ क नह था
lsquoबत अ ा तो नह महसस कर रही बट दट स ओकrsquo उसन कहाrsquo तम कस होपाट म तमस बात करक अ ा लगा थाrsquo
मझ लगा क मझ उसस पछना चा हए था क वह बत अ ा य नह महसस कररही ह ल कन मन ऐसा नह पछाrsquo अ ा सनो तहार पास राघव का नबर होगाrsquo मनकहा
lsquoऑफ कोस ह तह य चा हएrsquolsquoमन आज अखबार म उसका एक लख पढ़ा एजकशन क बार म ह मझ अ ा
लगा इस लए उसस बात करना चाहता थाrsquolsquoओह योरrsquo उसन कहाrsquo वह बत खश होगाrsquo उसन मझ नबर लखा दया
lsquoथस आरतीrsquo मन कहाrsquo तो बाद म बात करrsquolsquoतम यह नह पछोग क मझ अ ा य नह लग रहाrsquo उसन कहा
जब कोई लड़क आपस यह सवाल पछ तो आपको हा ही कहना चा हएrsquo बकलपछना चागा या बात हrsquo मन कहा
lsquoमॉम और डड नह चाहत क म वाराणसी स कह जाऊrsquo उसन कहा
lsquo रयली फर तम एयरलाइन म कस काम करोगीrsquo मन कहा
lsquoवही तो म यहा कगी या बोट होटस बनगीrsquolsquoउह क वस करन क को शश करोrsquo मन कहा मर पास और कोई बहतर समझाइश
नह थी
lsquoव लोग नह सनग शायद मझ घर स भागना पड़rsquolsquoपागल हो गई हो याrsquo मन कहा
lsquoतम उनस बात करोगrsquo उसन कहा
lsquoमrsquolsquoहा य नहrsquolsquoआ खर म कौन राघव बहतर रहगा ह नाrsquo मन कहा
lsquoराघव वह तो खद नह चाहता क म यहा स जाऊ फर वह अपन अखबार म इतनाबजी ह वह तो मझस ही नह मल सकता मर परट स स या मलगाrsquo
lsquoतहारा और कोई अ ा दोत नह ह ए वएशन एकडमी स कोईrsquo मन कहाrsquo याशायद तहारा कोई फकट rsquo
lsquoइसका मतलब तम नह करना चाहत ह नाrsquo उसन कहा
lsquoनह म बस मझ बस लगता नह क म यह काम करन क लए सबस अ ा होऊगाrsquo
lsquoफाइन उसन कहा लड़ कय क भाषा मrsquo फाइनrsquo का मतलबrsquo वॉटवरrsquo औरrsquo गो टहलrsquo क बीच म कछ होता ह
lsquoओक साइट इजी नयर मझ बला रहा ह म झठ बोल गयाrsquo म तमस बाद म बातकगाrsquo
मन फोन रख दया मन अपन फोन का ड यरशन चक कया मन उसस सात मनटबीस सकड बात क थी मझ लगा क मझ उस एक बार फर कॉल करक उस बतानाचा हए क वह कस तरह अपन परट स को समझाए शायद मझ उसक परट स स मल हीलना चा हए आ खर उसन इतन सार लोग म स कवल मझ ही ऐसा करन को कहा ह मरी-डायल का बटन लगभग दबा ही चका था क मन अपन आपको सभाला
उसक करीब जाकर कवल ख ही मलगा वह राघव क ह और उसक जदगी म मरलए कोई जगह नह ह मन खद को झड़का मन राघव को फोन लगाया उसन फौरन
फोन उठा लया
lsquoहाय इट स गोपालrsquo मन कहा
lsquoओह हायrsquo उसन कहाrsquo वॉट स अप बडी उस दन पाट म आन क लए श याrsquolsquoय आर वलकम नया जॉब कसा चल रहा हrsquolsquoव छोट-मोट मसल पर ही सही ल कन मझ लखन का मौका द रह हrsquolsquoमन आज तहारा लख पढ़ा बत अ ा थाrsquolsquoतमन पढ़ा वॉव थसrsquolsquoतमन अपन लख म गगाटक का नाम लया उसक लए थसrsquolsquoओह वह टबल तो हमारी रसच ट म न बनाई थी तहारा कॉलज जद ही खलन
वाला ह नाrsquolsquoहा लगभग बनकर तयार ह तम एक बार आकर दखना चाहोग शायद तम गगाटक
पर ही एक परी टोरी कर सकोrsquolsquoहा कर तो सकता rsquo राघव न कहा उसक आवाज म झझक थीrsquo हाला क शायद
हमारी पॉ लसी कसी एक कॉलज क बार म लखन क न होrsquolsquoओह तब तो रहन दोrsquo मन कहा म वस भी उसका फवर लना नह चाहता था
lsquoल कन म तम पर एक टोरी कर सकता rsquolsquoमझ परrsquolsquoहा वाराणसी का एक नौजवान जो जद ही एक कॉलज खोलन जा रहा ह यह
वाकई दलच होगा और हम उस इटर म गगाटक क बार म भी बात कर सक गrsquolsquoम तो उस कॉलज म ए लाई जसा ही rsquo मन कहा
lsquo वधायक शला कॉलज क वात वक मा लक ह ह नाrsquo राघव न कहा
lsquoहा व ट हrsquolsquoऔर कॉलज बनान क लए उहन ही पसा दया हrsquolsquoवल उहन फड स अरज कए हrsquo मन कहा
lsquoकहा सrsquo राघव न कहा
मझ उसक यह पछताछ अ नह लगीrsquo व बत स च रटबल लोग को जानत हrsquoमन कहाrsquo खर तो तम मरा इटर करना चाहत हो ठ क ह यह भी चलगाrsquo
lsquoऑफ कोस म कगा तम कब इटर दना चाहोगrsquo
lsquoअगल शवार को मर कॉलज म इ न होना ह उसक बाद शायद वीक ड ममन कहा
lsquoयोर मलत ह कहा आओगrsquo द नकrsquo क ऑ फस मrsquolsquoनह तम मर ऑ फस आ जाओ मनrsquo मर ऑ फसrsquo पर जोर दत कहा मर पास अब
एक बत बड़ा ऑ फस ह बडी म उस बताना चाहता था
lsquoओह योर तहारा क स कहा हrsquolsquoशहर स दस कलोमीटर बाहर लखनऊ हाईव पर तह अपन दाई ओर एक बोड दख
जाएगाrsquoम क स ब ग स बाहर चला आया मन अपन कॉलज क तीन म जला इमारत को
गौर स दखा एक हत म हम उस पट कर दना था
मर फोन क घट बजी बद का कॉल था
lsquoयस बद सर मन कहा
lsquoमन कल इटर क लए सात सॉ लड फकट मबस तयार कर रख ह तहार पासटाइम हrsquo
lsquoटाइम तो नकालना ही पड़गा म दनभर साइट पर ही रहता तम उह यहा लासकत होrsquo
lsquo बकल नह हम उनक घर जाना होगा उस ए रया म तीन और कॉलज खल रह हउनक पास ऑफस ह हम उह फसलाना होगा उसन कहा
मन गहरी सास ली हर दन एक नई चनौती सामन आ जाती थी
lsquoठ क ह म शला-जी क ऑ फस स एक कार अरज कर ndashलगा मन कहा
हम ठ क आठ बज अशोक नगर म ोफसर एमसी ीवातवा क घर पच गए एनआईटइलाहाबाद स रटायड इस इल कल इजी नय रग ोफसर न हम सही समय पर पचनक हदायत द थी हम चाहत थ क हमारा डीन य द आईआईट स नह तो एनआईट सतो हो ही भोपाल क रटायड एनआईट ोफसर स हमारी डील तकरीबन फाइनल होचक थी ल कन उस इदौर म घर क पास एक बहतर ऑफर मल गया ोफसरीवातवा एआईसीट ई क गो टडड थ और उह तीस साल का तजबा था सोन कहर चीज क तरह उह भी सत दाम पर नह पाया जा सकता था
lsquoदो लाख पया महीनाrsquo मन कहाrsquo ल कन हमन तो अभी कॉलज श ही कया हrsquoोफसर क पनी मसज ीवातवा न नात क लए हम चाय और पोहा सव कया
नगो शएशस म व भी शा मल हो गईrsquo ी अमा कॉलज स भी ऑफर मला ह डढ़ लाखपए लस ड़ाइवर स हत एक कार उहन कहा
lsquoमडम हम जस य नव सट स जड़ ए ह वह हमारी फ स को कोल करती ह मनकहाrsquo फर हम नए ह मझ यह भी नह पता क एड मशन कस हगrsquo
lsquoयह हमारी ॉलम नह हrsquo मसज ीवातवा न कहा बात तो सही थी
बद बीच म कद पड़ाrsquo आपक जो भी रीजनबल जरत ह हम बताइए हमएकोमोडट करग उसन कहा
lsquoल कन हमार पास ल मटड बजट ह मन कहा
ीवातवा न अपनी चमच नीच रख द rsquo तम कौन होrsquo उहन मझस पछाrsquo मा लकक बटrsquo
lsquoम ही मा लक गोपाल म ा कॉलज मर ही हाथ म ह मन कहा
lsquoऔर शला -जी या सार फसल व ही नह लतrsquolsquoव साइलट ट ह मन कहाrsquo फसल म लता rsquoोफसर न मरी इस गताखी स हरान होकर मरी ओर दखा
lsquo मटर मा डीन बत मह वपण होता ह म एआईसीट ई वाल को जानता य दम कॉलज म तो समझो इ न परा हो गया ीवातवा न कहा
lsquoएआईसीट ई म हमारी भी स टग हrsquo मन कहाrsquo लीज समझन क को शश क जएय द म आपको हाई पकज गा तो फकट क सर मबस भी इतना ही मागगrsquo
lsquoम अपनी सलरी कसी को नह बताऊगाrsquo उहन कहा
lsquoइस बात को भला कस छपाया जा सकता ह सार डटस तो अकाउट स डपाटमटक पास हगrsquo मन कहा
lsquoकश म परी सलरी मत दना lsquoीवातवा न कहा टबल पर खामोशी पसर गई उहनफौरन एक सॉयशन बता दया था इसस टकल डीन खोजना म कल था
lsquo फर कतना दना होगाrsquo मन कहा
lsquo फट परसट शायद इसस यादा उहन कहाrsquo इसस मरा टस भी बचगा औरकसी को मझस जलन भी नह होगी इन फट मरी ऑन पपर सलरी तो ट चस स भीकम होगीrsquo
lsquoहम पता था क हम सही जगह आए हrsquo बद न कहा
lsquoफाइनrsquo मन कहा
हम तमाह एक लाख कश और स र हजार चक स भगतान करन पर राजी ए नएडीन न फौरन काम श कर दया उहन हमार सामन ताव रखा क व अय फकटहायर करन म हमारी मदद कर सकत ह इन फकट क सलरी तीस स असी हजारपया तमाह तक होगी और यह उनक अनभव और उनक डी पर डपड करगा
lsquoम सलरी क अलावा फकट खोजन क फ स भी -लगा हर पर दस हजारपयाrsquo
lsquoदइस फाइन आप कब श कर सकत हrsquo मन कहा
lsquoएनीटाइमrsquo उहन कहाrsquo म हत म तीन दन क स आऊगाrsquolsquoतीन दनrsquo मन कहाrsquo आप कॉलज क डीन ह आपक बना कॉलज कस चलगाrsquolsquoम डीन इसी लए तीन दन नह तो हत म एक दन भी काफ हrsquolsquoयाrsquo मन कहा
lsquoाइवट कॉलज म कौन-सा फकट रोज पड़ान जाता ह डट वरी म एआईसीट ईइ टस को बोल गा क म रोज आता rsquo
lsquoल कन फकट को कौन मनज करगा यह कौन दखगा क लासस समय पर लगरही ह या नह या टडट स को ठ क स पढ़ाया जा रहा ह या नहrsquo मन कहा मरा दलजोर स धड़क रहा था मझ नह पता था क कॉलज का डीन ऐसा होता ह
lsquoयह ाइवट कॉलज ह हम मनज कर लग बद -जी इसको समझाओ काम कसहोता ह ीवातवा न खीस नपोरत ए कहा
बद न अपनी चाय खम क और सर हलाकर हामी भरीrsquo यक नन हम ट चगअरजमट स और बाक चीज बाद म दख लग अभी तो हमारा फोकस इ ान पर हऔर उसक बाद एड मशन पर बाद म सी नयर टडट स फट ईयर क टडट स को पड़ासकत ह ऐसा बत स कॉलज म होता हrsquo
मसज ीवातवा न टबल साफ क हम बठकखान म चल आए
lsquoतहारी एड मशन टरटजी या हrsquo ीवातवा न पछा
lsquoहम सभी अखबार म वापन द रह ह क रयर फयस म पा ट सपट कर रह ह औरहम कल और को चग लासस म भी जा रह ह मन कहा
lsquoकल म कस लए जा रह होrsquo उहन पछा
lsquoहम कल म जाकर अपन कॉलज क बार म जटशस दग मन कहा
lsquoजटशस स या होगा तमन सपस को फस कयाrsquo ीवातवा न पछा
lsquoहम कर लग डट वरीrsquo बद न कहा
lsquoया कर लगrsquo मन कहा जब बद मझ पहल स कोई चीज नह बताता था तो मझबत गसा आता था
lsquoम तह समझा गा अब चलो हमारी सरी मी टस भी हrsquo बद न कहा और उठखड़ा आrsquo थस सर शवार को मलत हrsquo
ीवातवा हम बाहर छोड़न आएrsquo मझ अपनी पहली सलरी कब मलगीrsquo उहनपछा
lsquoम घर पर कश भजवा गाrsquo मन कहा
हम पाच और फकट ॉसपटस स मलना था शला-जी न हम कॉलज क कामक लए खासतौर पर एक इनोवा कार द थी हम एक रटायड क मकल इजी नय रगोफसर स मलन मगलसराय पच
lsquoमझ इस बात स बत राहत मल रही ह क हमन डीन पटा लया कार क हाईव परपचत ही बद न कहा
lsquoमझ तो वह मटर डीन स यादा मटर डील लग रहा था मन कहा
lsquoवह पहल भी ाइवट कॉलज म काम कर चका ह उस पता ह क उसक डमाड हउसक बात को दल पर मत लोrsquo बद न कहा
lsquoऔर कल क सपस कोrsquo फसrsquo करन का या मतलब थाrsquo मन कहा
lsquoब कल क बाद कहा जाएग यह बत कछ कल पर ही नभर करता ह कईब आईआईट और एनआईट क लए को शश करत ह ल कन अ धकतर कामयाब नहहो पात व ब कहा जात हrsquo
lsquoकहाrsquo मन पछा
lsquoबस यह स हमारा काम श होता ह ाइवट कॉलज इजी नयर बनन का आपकासपना परा कर सकत ह भल ही आपन -ऐस एजाम लीयर न कया हो बस ॉलमयही ह क आजकल इतन सार ाइवट कॉलज हो गए ह क टडट स क लए चनना बतम कल सा बत होता हrsquo
मन ड़ाइवर स कहा क वह एसी का तापमान और कम कर द ता क बाहर क चालीसडी तापमान का मकाबला कया जा सकrsquo कसrsquo मन कहा
lsquoतब ब कल ट चस और सपस स राय लत ह आ खर व और कस पर भरोसाकरगrsquo
lsquoठ क हrsquo मन कहाrsquo तो हम सपस स कह दत ह क व हमार कॉलज कसफा रश कर दrsquo
lsquoएजटली तम माट होrsquo बद न कहा शायद य म
lsquoतो या हम उह भी पसा खलाना पड़गा मन कहा
lsquoहा ल कन व कभी इस पस खाना नह कहत इसका एक बड़ा सीधा-सा हसाब हहम उह हर एड मशन का टन परसट हसा कमीशन क प म द दत हrsquo
कमीशन और र त म अतर होता ह
lsquoहम टन परसट तो हर कसी को दत ह ना -को चग लासस क रयर फयरऑगनाइजर या जो भी कॉलज चलान म हमारी मदद करता होrsquo
lsquoटन परसट नाrsquo मन कहा
lsquoतम मी डया लान क बार म सोच रह हो यrsquo उसन कहा
मर वचार मी डया ला नग स राघव और फर आरती तक चल गए कतनी अजीबबात ह क हमारा दमाग एक चीज स सरी चीज इस तरह कनट करता रहता ह औरवह पच जाता ह जहा वह जाना चाहता ह
बद बताता रहा क हम फट बच क दो सौ टडट स का बदोबत कस करग ल कनमरा यान कह और चला गया था म कार स बाहर दख रहा था और याद कर रहा था कराघव क बालकनी म मरी क पीत समय आरती क बाल कस उड़ रह थ जब आपकवल एक ही लडक क बार म सोच पात ह और वह कसी और क हो तो जदगी बतददनाक हो जाती ह
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मन अपन ऑ फस क खड़क स राघव को क स म घसत दखा मन कारपटस परचला- चलाकर सही समय पर मरी ऑ फस डक और क सया फ नश करवाई थय द व जटस सोफ को छोड़ दया जाए तो अब मरा ऑ फस परी तरह स तयार था एयरकडीशनर चाल हो गया था मन उसक क लग को म जमम कर दया ता क राघव कोपता चल जाए क मर ऑ फस म म एसी लगा ह मन अपन आसपास फाइल बछा लवह आया और अधखल दरवाज पर दतक द
lsquoयसrsquo मन कहा और ऊपर दखा
lsquoदो बज मलन का समय तय आ था नाrsquo राघव न कहा उसन एक सफद शट औरनीली जस पहन रखी थी
lsquoहाय राघव सॉरी म इतना बजी रहता क कभी-कभी मझ व का याल ही नहरहता मन कहा
वह मर सामन बठ गया म डायरटर क चयर पर बठा था म सोचन लगा क याउसन इस पर यान दया ह या नह क मरी कस उसक कस स कतनी शानदार औरआरामदह ह
उसन अपना नोटपड पन और कछ टआउट स नकालrsquo मन कछ रसच क ह मकॉलज क बार म जो भी जान सका वहrsquo
lsquoतह यादा नह मलगा हमारा कॉलज नया ह मन कहा
lsquoहा ल कन मझ कॉलज क एक ट क बार म बत जानका रया मल शलाrsquolsquoजा हर ह व लोक य राजनता ह ल कन व वातव म इस कॉलज क फ ा नग म
इनवॉव नह हrsquolsquoहाला क व सरी अनक चीज म इनवॉव हrsquo राघव टआउट स पर सवाल लखन
लगा
lsquoचाय लोगrsquo मन कहा
उसन सर हलाकर हामी भरी मन घट बजाई मन पयन स पहल ही कह दया थाक शल गटस को बोन चाइना कस म चाय द जाए ऐसा नह ह क राघव शल कणी म आता था ल कन म उस जताना चाहता था क हम अपन महमान को फसी कसम चाय पलात ह
उसन मर बीस-बाय-अठारह फ ट क बड़-स ऑ फस को दखा म उसस पछना चाहताथा क या उसक अखबार म कसी का ऑ फस इतना बड़ा ह ल कन मन अपन आपकोकोल कर लया
मर पीछ क स का एक आ कटट मॉडल रखा था जस पर उसक नजर पड़ीrsquo मइस दख सकता rsquo उसन पछा
lsquoयोरrsquo मन कहा और उछलकर खड़ा हो गया चलो म तह सारी स व धाए दखाता
मन उस क स का लआउट समझायाrsquo यहा होटस ह हम बचस बढ़न क साथ हीस बढ़ात जाएग लासस और फकट ऑ फसस यहा ह मन ब ग म जहा हमअभी ह लस एक सरी ब ग म ह लब क सभी उपकरण इपोटड हrsquo
lsquoफकट का र शयो या होगाrsquo राघव न जद -जद नोट स लत ए पछा
lsquoहम को शश कर रह ह क पह टडट स पर एक स आइ धक ट चर न हो मन कहाrsquoजो क एआईसीट ई क नमस स बहतर ह हम बीएचय स भी बहतर कॉलज बनाना चाहतहrsquo
उसन मरी ओर दखा
lsquoहमारा लय ह कवल आ खर कोई और कॉलज ऐसा ह नह जसस होड़ क जासकrsquo मन कहा
उसन मरी बात क सम थन म कध उचका दए
चाय आई मन पयन को कहा था क वह कम स कम पाच नस सव कर वह चायक साथ नटस ब कट स समोस आल क चस और कट ए फल भी लाया था
lsquoयह तो चाय नह परा खाना ह राघव न कहा
lsquoलीज नाता कर लो हम इटर बाद म जारी रखगrsquo मन कहा
हम चपचाप खात रह म उसस कॉलज क अलावा कसी और वषय म बात नहकरना चाहता था उसन खात -खात अपनी नोटपड उठाई
lsquoइस कॉलज म कतना इवटमट आ हrsquo उसन पछा
lsquoबत सारा इजी नय रग कॉलज बनाना सता सौदा नह ह मन कहा और हस पड़ामन उस कोई भी वात वक कड़ नह बताए
lsquo फर भी एजटली कतनाrsquo उसन कहा
lsquoकहना म कल ह मरी जमीन थी ल कन य द इसको खरीदना पड़ता तो तम अदाजाही लगा सकत हो क इसक लए कतनी क मत चकानी पड़तीrsquo
lsquoयह तो एीकचरल लड ह नाrsquo उसन कहा
lsquoहा यह तो तम जानत ही हो राघव बाबा का कोट कस याद ह नाrsquolsquoऔर तमन यह जमीन अपन रल टस स हा सल कर लीrsquo उसन कहा
lsquoहा ल कन यह इटर का हसा नह ह ठ कrsquo मन कहा
lsquoनह ह ल कन बताओ ना यह एीकचरल लड री-जो कस हो गयाrsquolsquoहमन अलाई कया था वीएनएन न अहव कर दयाrsquo मन कहा
उसन नोट स लना जारी रखा
lsquoहमार यहा हर चीज अड ह lsquoमन शायद बत रामक होत ए कहा
lsquoशला क वजह सrsquo उसन पछा
lsquoनहrsquo मन कछ-कछ खीझत ए कहाrsquo य क हमन ो सजस को फॉलो कया थाइस लएrsquo
lsquoफाइन जमीन क अलावा कॉलज बनन म कतनी लागत आई हrsquo उसन पछा
lsquoशायद म अभी इस बार म नह बता सकता आ खर यह एक त धामकजानकारी होगी ल कन हमार क स म आन वाला कोई भी आदमी बता सकता ह क यहएक बहतरीन क स हrsquo
lsquoपाच करोड़ स यादाrsquo उसन बात जारी रखी मझ अटकल क इस खल म शा मलनह होना चा हए था
lsquoहा rsquo मन कहा
lsquoदस स भी यादाrsquo उसन कहा
lsquo कतना पसा लगा ह इसस या फक पड़ता हrsquo मन कहा
lsquoपसा कहा स आयाrsquo उसन पछा
lsquo टय और उनक एसो शएट स सrsquolsquo कसक एसो शएट स शला क या तहारrsquo उसन पछा
lsquoमन अपनी जमीन द शला-जी न अपन शहर क भल क लए फड स का बदोबतकराया हम नॉन-ॉ फट ट हrsquo मन कहा
lsquoया तह पता ह क व धायक शला न फड स कहा स अरज करवाएrsquo राघव नअपनी डायरी स नजर उठाए बना पछा
lsquoनह और मझ नह लगता क मझ यह जानना चा हए यह उनक और सा थय कनजी कमाई का पसा हrsquo
lsquoया तह पता ह क शला गगा एयान लान घोटाल म इनवाच रहा हrsquo उसनकहा
lsquoनह राघव म गगाटक क अलावा कसी और चीज पर कमट नह कगा य द तहपहल ही सारी जानकारी ह तो हम इस इटर को यह खम कर सकत हrsquo
राघव न अपना पन रोक दयाrsquo आई एम सॉरी ठ क ह मरा काम हो गया घबराओमत म बल पीस ही लखगाrsquo
lsquoथस चलो तह बाहर तक छोड़ आऊrsquoहम क स क गट तक साथ-साथ चल वह एक परान कटर पर आया था जो उसक
पता का था
lsquoय द तम कहत तो म तह लन अपनी कार भजवा दताrsquo मन कहाrsquo बाहर बत गमहrsquo
lsquoइट स फाइन मझ बत -सी जगह पर जाना ह उसन कहा और हलमट पहन लया
lsquoतम इजी नय रग को मस करत होrsquo मन पछा यह मरा उसस पहला सामाय सवालथा
lsquoनह तो मझ लगता ह म कभी इजी नयर बन ही नह पायाrsquo उसन कहा
मझ लगा फाइनल पच मारन का सही समय आ गया हrsquo तम बीएचय स हो हमारीफकट लट म तहारा नाम होगा तो बत अ ा लगगा जॉइन करोगrsquo मन कहा हा मउस अपन यहा रख सकता था बीएचय न भल ही मझ न लया हो ल कन म उनकजएट स को अपन यहा रख सकता था
lsquoम फकट नो व फर मर पास पहल ही एक जॉब हrsquo उसन कहा और कटर परबठ गया
lsquoतह कॉलज आन क जरत नह होगी इ यास म मरी मदद करो और फर बसहत म एक बार चल आनाrsquo मन कहा
वह अपना कटर चाल करन ही वाला था ल कन बीच म ही क गया वह मर शदको यान स सनन लगा
lsquoहम अ ा प करत ह शायद तहार अखबार स यादाrsquo मन जोड़ दया
वह मकराया और सर हलाकर मना कर दया
lsquoय नहrsquo मझ उसका इतनी आसानी स मना कर दना बरा लगा था
lsquoम कसी करट एटराइज का हसा नह बन सकताrsquolsquoयाlsquoयह शला का कॉलज हrsquolsquoयह मरा कॉलज हrsquo मन उसका वरो ध करत ए कहा
lsquoम जानता क तम यह कॉलज चलाओग ल कन इसक पीछ वही ह ह नाrsquolsquoतो तम हम करट कस बोल सकत हो हमारा कॉलज तो अभी खला भी नह हrsquolsquoयह कॉलज ाचार स कमाए गए पस स बना हrsquolsquoमन तीन साल तक जी-तोड़ महनत करक यह कॉलज बनवाया ह राघव तीन साल
जनम र ववार क दन भी शा मल ह तम इस तरह क बात कस कह सकत होrsquolsquoशला पर आरोप ह क उसन गगा एयान लान म बीस करोड़ पय का घोटाला
कया यह सरकार का पसा था जो हमारी नद क सफाई क लए दया गया थाrsquolsquoवह कवल एक आरोप था जो कभी सा बत नह हो सका मन कहा
lsquoउसक बाद उसन कई ॉपट इनवटमट कए जनम यह कॉलज भी शा मल ह मझतो भरोसा नह होता क तम य सारी बात नह दख-समझ पाए आ खर एक राजनता कपास इतना पसा कस हो सकता ह वह तो बत ही मामली घर स आया इसान हrsquo
lsquoया तम ाचार को सा बत कर सकत होrsquo मन कहा
lsquoअभी तो नह ल कन या तम योर हो क उसन कभी कछ नह कयाrsquo उसनपछा
अब म खद को कोल नह कर सकाrsquo तम जल रह हो मन कहा
lsquoयाrsquolsquoतम इस लए जल रह हो य क म अ ा काम कर रहा ऐसा होना नह चा हए
था य आ खर मरी एआईईईई रक तमस कम थी सही ह ना मटर जईईrsquolsquoईजी बडी यह पसनल मटर नह हrsquo उसन कहा और अपना कटर चाल कर लया
lsquoपसनल नह तो या ह मटर रपोटरrsquolsquoयह मरा काम ह क म स ाई का पता लगाऊ बस इतनी-सी बात हrsquo
इसस पहल क म कोई जवाब द पाता वह वहा स चला गया वह अपन पीछ धल कागबार छोड़ गया जो क मर आख म चप रहा था पछल एक साल म कोई और चीज मझइसस यादा नह चभी थी
एआईसीट ई इ न का दन इ तहानक दन क तरह आया हमार बीस फकटसबह आठ बज क स पच गए थ वीपस आ खरी पल तक फश बहारत-साफ करतरह आईट श लटस यह स न त करत रह क कयटर म म डकटॉस ठ क-ठाककाम करत ह हमन इ न कमट क लए ताज गगा म डनर रखवाया था शला-जीन मझस वादा कया था क व आएग ल कन एक अजट रल व जट क कारण उहनआ खरी समय म अपना कायम बदल लया मर माथ पर पसीन क बद छलक आई मपाच बार क स क गट पर जाकर दख आया था क इ टस अभी तक आए या नह
lsquoसीध खड़ रहोrsquo मन सयो रट गाड़स पर बरसत ए कहाrsquo और सभी महमान कोसयट करनाrsquo
lsquo रलस डायरटर गोपालrsquo डीन ीवातवा न कहाrsquo म उह हडल कर लगाrsquoव लोग यारह बज आए अशोक शमा हमार सबस ज नयर फकट मन ब ग
एटरस पर बक लए इतजार कर रह थ
इ न कमट क हड न मझस हाथ मलायाrsquo आई एम झल यादव एस ोफसरम एनआईट दलीrsquo
lsquoआई एम गोपाल मा मोटर एड डायरटर ऑफ द कॉलज हमार डीन ीवातवास म लए एस डायरटर ऑफ एनआईट इलाहाबादrsquo मन कहा
यादव और ीवातवा न एक-सर को इस तरह दखा जस कसी मकाबल स पहलरग म बॉसस एक-सर का आकलन करत ह हम चलकर मर ऑ फस पच और नएसोफ पर बठ गए जनस वा नश क गध आ रही थी
lsquoएनआईट इलाहाबादrsquo यादव न कहाrsquo आपक यहा इल कल म कोई बआआ करता था वह बाद म टनफड चला गया थाrsquo
lsquoहाrsquo ीवातवा न कहाrsquo उस मन ही हायर कया थाrsquolsquoबआ मरा टडट थाrsquo यादव न कहा और अपनी जाघ पर हाथ मारा
तभी बजली गल हो गई हम अ धर म घर गए आसपास क गाव म बजली सलाईक दकत थी हर दोपहर छह घट क लए बजली गल रहती थी
lsquoहमार पास जनरटर हrsquo मन कहा और पयन उस चाल करन का कहन क लए बाहरचला गया
ऑ फस म बठ महमान का जी घटन लगा था
lsquoहम बाहर चलना चा हएrsquo इ न ट म क एक अ धड सदय न कहा
lsquoलाइट बस चाल होन ही वाली ह सर मन कहा मर ऑ फस क ट यब-लाइटझपझपाई और बजली आ गई
lsquoआपक मशी नग लब म कतनी ल थ मशीन हrsquo एक इ टर न पछा
lsquoआठrsquo ीवातवा न कहाrsquo हम वहा भी राउड लगाएगrsquolsquoीवातवा सर गम म काह चहलकदमी करrsquo यादव न कहा
lsquoआपक ही ट म क एक सदय न पछा था सर ीवातवा न कहा सभी का यानउस इ टर क ओर चला गया जसन लथ मशीन वाला सवाल पछा थाrsquo आपकतारीफrsquo ीवातवा न पछा
lsquoभसालीrsquo इ टर न कहा
lsquo मटर भसाली य न हम मर ऑ फस चल और कोस सब धी बात कर बशतआपको मोटर स कोई काम न होrsquo
lsquoतम नौजवान दखत होrsquo भसाली न मझस कहा
lsquoम नौजवान ही rsquo मन कहा
lsquoतहारी वा ल फकशस या हrsquo उसन पछा
lsquoमन यह कॉलज बनवाया हrsquo मन कहाrsquo और मन अ स अ फकट को यहारखा हrsquo
lsquoल कनrsquo भसाली न कहा ल कन ीवातवा न उसक बात को बीच म ही हाटदया
lsquoजान भी द जए सर म हर सवाल का जवाब गाrsquo ीवातवा न कहा और उहबाहर ल गए
जब सभी लोग बाहर चल गए तो ीवातवा मर ऑ फस म आए lsquoभसाली नया हल कन बाक छह लोग कछ नह बोलग लच आ रहा ह नाrsquo
lsquoहा कटरर यहा पहल ही पच चका हrsquo मन कहा
lsquoगड और पकट सrsquo
lsquoपकट सrsquolsquoगोपाल या मझ यह भी समझाना पड़गा यह एआईसीट ई हrsquolsquoओहrsquo मन कहाrsquo आपका मतलब ह लफाफ ऑफ कोस व तयार हrsquolsquoगड मीठ क बाद उह दना कतन हrsquolsquoयादव क लए दो लफाफ और सब क लए प ीसrsquo मन कहा
lsquoभसाली को पचास दोrsquo ीवातवा न कहाrsquo और मीठ म या हrsquolsquoमग क दाल का हलवाrsquo मन कहा
lsquoमाय फव रटrsquo ोफसर ीवातवा न कहा और वहा स चल गए
हमन एआईसीट ई इ न डनर क लए ताज गगा म एक ाइवट म बक कराया थाहमन वहा अपन सभी फकट और हमारी मदद करन वाल सी नयर सरकारी अ धका रयको भी बलाया था व लोग अपन प रवार क साथ आए करीब सौ लोग क यह पाटगगाटक क जब पर पड़न वाला एक और डाका था
हमन अभी तक कॉलज स एक पया भी नह कमाया था कटान इ वपमटफकट और ऑफ कोस सरकारी अ धका रय को र त दन म अभी तक छह करोड़ पएखच हो चक थ
बहरहाल ऐसा लगता नह था क शघ-जी को इसस कोई फक पड़ा हो
lsquo चता मत करो हम पसा रकवर कर लगrsquo शला-जी न कहा उहन मझ सोड कसाथ हक द
मन कमर को एक नजर दखाrsquo हमन इस कमर म कम स कम तीस लोग को र त दहrsquo मन कहा
शला-जी हस पड़
lsquoतो हमन गलत या कया हम तो बस कॉलज ही खोलना चाहत हrsquo मन कहा
lsquoइट स ओकrsquo शला-जी न कहाrsquo य द हमारा सटम ही सीधा और साफ होता तो योफसस ही अपन कॉलज खोल लत ल चप कप नया और सॉटवयर फस कॉलजखोल लत ल कन सटम पचीदा ह व लोग नह चाहत क इस सटर म कोई घस यहस हमारा काम श होता हrsquo
lsquoहम पसा कमाना कब श करग मझ आज इ न क लए पचास लाख पएखच करना पड़rsquo
lsquoउह और पसा दोrsquo शला-जी न कहा
lsquo कसrsquolsquoइ टस कोrsquolsquoयrsquo मन कहाrsquo ीवातवा सर कह रह ह क इतना काफ ह हम एक हत म
अवल मल जाएगाrsquolsquoम चाहता क व न कवल गगाटक को हरी झडी द द ब क उसक बार म अ
बात भी करrsquo शघ-जी न कहा
lsquoइन राइ टगrsquo मन कहा
lsquoहा जसका इतमाल हम माक टग म करग दस-दस हजार और दो मन आदमी कोपचास हजार और दो पस का बदोबत म कर गा
lsquoउहन अपना फोन नकाला और एक कॉल लगाया
शला-जी और म डनर बफ पर गए हमन अपनी लट म खाना रखा और कमर कएक कोन म आएrsquo पसा एक घट म आ जाएगाrsquo उहन मझ कहा
lsquoआप मझ पर इतना भरोसा य करत ह शला-जी म आपका पसा चरा भी तोसकता rsquo
lsquoतहार आग-पीछ कोई नह ह तम काह क लए पसा चराओगrsquo उहन कहा
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एआईसीट ई का अवल बकल सही समय पर आ गया जसा क ोफसर ीवातवा नवादा कया था अब एड मशन ओपन करन स पहल हम एक और आ खरी काम करनाथा हम टट य नव सट का ए फ लएशन चा हए था कलप त मगश तवारी महीन सहमारी ए लकशन पर कडली मारकर बठ ए थ
हम शला-जी क घर पर थrsquo ए फ लएशन यादा म कल काम नह ह हम माक टरट स दोगना ऑफर कर रह ह ल कन मगश मान नह रहा हrsquo बद न कहा
lsquo कतना माग रहा ह वोrsquo शला-जी न पछा
lsquoबात कवल पस क ही नह ह वह हम लोग को पसद नह करता वह हमार फोनतक नह उठा रहा हrsquo बद न कहा
lsquoसॉयशन या हrsquo मन कहा
lsquoकॉटटस का इतमाल करो हो सक तो नॉन-पॉ ल टकल कॉटटस वह हमारडीएम का कॉलज बचमट हrsquo बद न कहा
lsquoम डीएम क बट को जानता मरी परानी दोत हrsquo मन कहा
lsquoवल जो बन वो करो म कसी भी हाल म अगल हत तक एड मशन ओपन चाहता हर अखबार म फल-पज वापन द दोrsquo शला-जी न कहा
lsquoडट वरी अगल र ववार तक वाराणसी कवल गगाटक क बार म ही बात कर रहाहोगाrsquo मन कहा
मन खद स ॉ मस कया था क आरती को कॉल नह कगा ल कन अब मर पास औरकोई चारा नह था
lsquoआज तो हमारी कमत खल गई जो आपन याद कयाrsquo आरती न चहकत ए कहा
lsquoतम खश लग रही होrsquo मन कहा
lsquoअ ा हो सकता ह तहार फोन क कारण मर पास खश होन क और कोई वजहतो ह नहrsquo
lsquoय या आrsquo मन कहा
lsquoकछ नह मझ वाराणसी म ही कोई जॉब ढढना पड़गाrsquolsquoयह इतनी बरी बात तो नह हrsquolsquoया तहार कॉलज का अपना कोई हवाई जहाज हrsquo उसन कहा
lsquoअभी तो नह हrsquo मन कहाrsquo ल कन जस दन हमार पास हवाई जहाज होगा उसीदन तम उसक क बन सपरवाइजर बन जाओगी
lsquoवह हस पड़ीrsquo तम कस हो तहार कॉलज म टडट स कब स आना श होजाएगrsquo
lsquoजब हम इस धरती पर मौजद हर भारतीय सरकारी आइ धकारी को खश कर लगrsquoमन कहाrsquo एचअली मन तह एक काम स फोन लगाया हrsquo
lsquoयाrsquo उसन कहा
lsquoम तहार डड स मलना चाहता थाrsquolsquo रयली यrsquolsquoहम टट य नव सट स लीयरस लन म थोड़ी मदद चा हएrsquolsquoतम उनस अभी बात करोगrsquolsquoनह म उनस फस ट फस मलना चागाrsquo मन कहा
lsquoया तम मझस भी फस ट फस मलना चाहोगrsquo उसन कहा lsquoया म अब भी तहारीलक लट म जस कवल काम पड़न पर ही याद कया जाता हrsquo
lsquoऐसी बात नह ह तहार डड स मलन क बाद म तमस भी मल लगाrsquolsquoऑफ कोस काम पहलrsquo उसन कटा करत ए कहा
lsquoमर एड मशस अटक पड़ ह आरती इट स अजटrsquo मन कहा
lsquoओक ओक फाइन एक सकड को पहल मझ दख लन दो क व घर पर ह यानहrsquo उसन कहा
उसन अपन पता स बात क और फर फोन उठा लयाrsquo कल सबह आठ बजrsquolsquoयोरrsquo मन कहाrsquo सी य दनrsquo
lsquoआजकल तो तम घर आत ही नह आजकल आरती स दोती टट गई ह याrsquo डीएमधान न कहा
हम उनक बठकखान म बठ थ द वार पर टगा आरती क दादाजी पव मयमी जधान का आदमकद पोइट मझ घर रहा था चौड़ चहर चस फ चस वाल चत-तऔर गव स भर डीएम धान मर साथ कॉफ क च कया ल रह थ
lsquoऐसी बात नह ह अकल ल कन कामकाज बत बढ़ गया ह उसी म त रहता rsquoमन कहा
lsquoमन तहार कॉलज क बार म सना ह उसम शला-जी इनवाह ह नाrsquo डीएमधान न कहा
lsquoहा और अब हम एड मशस स कवल एक कदम र हrsquo मन कहा और कलप ततवारी वाली ॉलम बताई
उहन मरी बात सनी और कहाrsquo लट मी सीrsquo फर उहन अपना सलफोन नकालाऔर कलप त को फोन लगाया
lsquo तवारी सर हलो ताप धान हयर यस लगा टाइम कस होrsquoआरती क पता न दोपहर म तवारी क साथ मरी मलाकात तय करवा द
lsquoबत-बत श याrsquo मन उठत ए कहा
lsquoय आर वलकम सनो तमन तवारी को पसा दया हrsquoमझ आरती क पता स इस बार म बात करना थोड़ा अजीब लगा इस लए म चप रहा
lsquoमझ पता ह क एजकशन बजनस कस चलता ह तवारी बात तो बत समझदारीक करता ह ल कन उस भी अपना हसा चा हए ल कन म उमीद करता क तम लोगमझ इसम इनवॉव नह करोगrsquo
lsquoनॉट एट ऑल सर मन कहाrsquo ऐस मामल म तो म भी कछ नह करता म कवलकॉलज का कामकाज दखता rsquo
lsquoतो इस तरह क सार काम शला-जी क लोग करत हrsquo आरती क पता न पछा
lsquoहाrsquo मन नजर झकाए कहा
lsquoगड तब तो तम मर जस होrsquo उहन कहाrsquo टकल सोच वाल आदमी जो सारऊटपटाग काम सर पर छोड़ दता हrsquo
मन सर हलाया और उनक कमर स नकलन स पहल झककर उनका अ भवादनकया
lsquoवन चॉकलट मक शक वद आइक म लीजrsquo आरती न कहा हम सगरा क उसीसीसीडी म आए थ जहा सनील मझ क रयर फयर म ए तमाश क बाद लाया था
lsquoलक ट rsquo मन कहा
उसन एक माव चकन सलवार -कमीज पहन रखा था यह स उसक पता लखनऊस उसक लए लाए थ उसन अपना सफद पट टा उतारा और एक तरफ रख दया
वटर न मक शक टबल पर रख दया वह ओवर घइग गलास को छए बगर ॉ समक शक पीन लगीrsquo म असर मक शक गरा दती इस लए कयरफल रहना हीठ क हrsquo उसन कहा
वह अपनी क सप करती रही उसक बाल टबल को छ रह थ पर कफ क नजरउस पर जम गई
lsquoहम इस तरह क कॉफ मी टग और करनी चा हएrsquo उसन कहाrsquo हाला क अभी हममस कोई भी कॉफ नह पी रहा हrsquo
lsquoमझ ऐसा नह लगताrsquo मन कहा
lsquoय तह मझस मलना पसद नहrsquo उसन कहा lsquoदस साल स यादा समय स मरबट ड रहन क बाद बस इतना हीrsquo
lsquoराघव हमार मलन -जलन को पसद नह करगा मन कहा
lsquoआ खर साथ बठकर कॉफ पीन म या गलत ह इसक अलावा राघव क पास समयनह ह क इन सब बात क परवाह करrsquo
lsquoजा हर ह अब वह बत बड़ा पकार बन गया ह म उसस मला था मन अपना कपउठात ए कहा
lsquoतम उसस मल थrsquo उसन कहा वह अब भी अपना मक शक सप कर रही थील कन ऐसा कहत समय उसक भह उठ गई
lsquoउसन अपन पपर क लए मरा इटर लयाrsquo
lsquo कस लएrsquo उसन पछा
lsquoवाराणसी क एक लोकल बॉय न कॉलज जो खोल लयाrsquolsquoयह तो सच ह तहारी बड़ी अचीवमट हrsquolsquoहा मर जस लजर क लए तो वाकई बड़ी अचीवमट हrsquo
lsquoमन यह तो नह कहा उसन कहाrsquo ह तम कछ खाना चाहोगrsquoइसस पहल क म कछ कहता उसन दो चॉकलट चप म फस ऑडर कर दए य द
आरती का बस चलता तो इस नया म चॉकलट क अलावा और कछ खान को नह होता
lsquoतहारा जॉब-हट कसा चल रहा हrsquo मन पछा
lsquoमझ एक ऑफर ह ल कन पता नह मझ हा कहना चा हए या नहrsquolsquo रयली या ऑफर हrsquolsquoगट रलशस नी रमाडा होटल म व क टोनमट म होटल खोल रह हrsquolsquoफाइव टार ह नाrsquolsquoहा व कसी काम क सल सल म डड स मलन आए थ डड को वक सी क बार म
पता चला मन अलाई कया और अब व चाहत ह क म अगल महीन स काम श करrsquo
lsquoकर दो म तह जानता तम घर पर बठन वाल म नह होrsquo मन कहा
lsquoतम मझ बत-स लोग स बहतर जानत हो गोपालrsquo उसन कहा lsquoल कनrsquolsquoयाrsquo मन कहा
म फस आ गए ल कन उसन उह छआ भी नह मन उसक आख को दखा व नमहो गई थ फर एक आस उसक गाल स होता आ नीच गर पड़ा
lsquoआरती आर य ओकrsquo मन उस एक डश दत ए कहा
उसन अपनी आख पछ और आईलाइनर क धब वाला डश मझ लौटा दयाrsquo एकबार मन जॉइन कर लया तो मर परट स कहग क जॉब अ ा ह घर क पास ह तम यहरहो ल कन य द मन जॉइन नह कया और घर पर ही रही तो शायद व मझ कसीएयरलाइन क लए ाय करन क इजाजत द दrsquo
म हस पड़ाrsquo तो इसम आस बहान क या जरत ह तह अ ा जॉब मला हतमन हॉ ट लट म कोस कया हrsquo
lsquoहॉ ट लट नह ए वएशनrsquolsquoठ क ह ल कन घइट अटडट भी तो होटल टाफ क ही तरह गटस को सव करती
ह और गट रलशस नी क पास आग बढ़न का अ ा कोप होता ह आज नी ह कलऑ फसर शायद कसी दन कसी होटल क जीएम तम माट हो तम आग बढ़ोगीrsquo
उसन खद को कोल करन क लए कछ गहरी सास ल
lsquoतह ऐसा लगता हrsquo उसन पछा उसक आख जब आस स भरी थ तब व चमकरही थ ल कन अभी व और खबसरत लग रही थ
म कोई जवाब नह द सका बस उस नहारता रह गया
lsquoया आ आईलाइनर फल गया याrsquo वह हस पड़ीrsquo म भी कतनी ट पड ब क तरह रोन लगीrsquo
lsquoनह तम ट पड नह हो होत तो तह यह जॉब नह मलताrsquo मन कहा
lsquoहा बोल rsquolsquoय नह य द तह जॉब पसद न आए तो छोड़ दना राघव या कहता हrsquolsquoकछ नहrsquolsquoमतलबrsquolsquoऑफर मलन क बाद स ही म उसस मली नह मन उस कॉल कया था ल कन
उसन कहा मरा जो मन चाह वही क वह एक टोरी क लए इस हत कसी गाव गयाहrsquo
lsquoय द तम यह रहती हो तो यह तम दोन क लए अ ा होगा मन कहा
lsquoवल उसन तो ऐसा कछ कहा ही नहrsquolsquoमझ यक न ह क वह इस बात को समझता होगाrsquolsquoमझ नह लगता क वह मर मामल म यादा दलच ी लगा बशत म कसी करथन
क डल म इनवाच न हो जाऊrsquo उसन कहा म मकरा दया वह भी यही चाहती थीमन बल मगाया
lsquoतो हम कॉफ ड स ह नाrsquolsquoहम ड स हrsquo मन कहा
lsquoकल होटल अभी ऑ फ शयली खला नह ह ल कन म तह कसी दन दखाऊगीबत शानदार हrsquo
lsquoयोर मन कहा
lsquoऔर म गगाटक कब दख सकती rsquo उसन कहा
lsquoदो हत बाद मन कहाrsquo आई ॉ मस कॉलज लगभग परा बन चका हrsquoहम चलकर उसक कार तक आए
lsquoम थोड़ा-सा हसी और मझ थोड़ा-सा रोना भी आ गया तमस मलकर कतना अ ालगता ह आरती न कहा
lsquoसम हयर हाला क मझ रोना नह आयाrsquo मन कहा
वह फर हस पड़ी उसन मझ हग कया और आमतौर स यादा समय तक मझ पकड़रखा
lsquoपरान दोत तो परान दोत ही होत ह बॉय ड स वगरह सब ठ क ह ल कन व कभीआपको उस तरह नह समझ सकत जस तरह आपक परान दोत आपको समझत हrsquo
मझ इसrsquo दोतrsquo शद स नफरत थी ल कन मन कछ नह कहा बस उस गडबाय ववकर दया
मर फोन क घट बजी बद का फोन था
lsquoकलप त न हम मलन बलाया ह डीएम का फोन कॉल काम कर गया व दोन एक-सर को बचपन स जानत हrsquo उसन कहा
lsquoहा परान दोत तो परान दोत ही होत हrsquo मन कहा
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गगाटक क ओप नग क लए मन अपन जीवन म पहली बार सट पहना सजावट काकामकाज मन ही दखा था ओप नग स एक रात पहल हम मर ऑ फस म ही सोए थहमन तीन लासस को एड मशन सटस बना दया था म यह स न त करन क लएका था क हमार पास फॉस पन और इफॉमशन बकलट स ह
शला-जी न भी अपनी तरफ स कोई कसर नह छोड़ी थी उहन ओप नग क लएमयमी को बलाया था उनक साथ दो रायमी आन वाल थ राजनता क सराअ धकारी एक दन पहल ही आकर मौका मआयना कर चक थ च क हमार पास अभीतक कोई ऑ डटो रयम नह था इस लए हमन ीचस क लए एक टट क भीतर एकमक शट पो डयम खड़ा कर दया था
lsquoदो हजार इ वटशस भज गए ह सर वाराणसी क हर त त प रवार म इ वटशनगया ह क मकल इजी नय रग फकट अजय न मझ बताया
हमन लच भी रखा था इस लए हम उमीद कर रह थ क इनवाइट कए गए लोग मस कम स कम आध तो आ ही जाए री को दखत ए हमन आम जनता क लए चारबस का बदोबत कया था मी डया क लए एक दजन कार तनात क गई थ
मन शहर क सभी बड़ अखबार म लगातार तीन दन तक फल पज वापन दन कलए दस लाख पए खच कए आ खर लॉ यग का मौका एक बार ही मलता ह शला-जी चाहत थ क पर शहर को पता चल जाए क उहन एक इ टट यशन बनवाया था
काम सबह साढ़ पाच बज खम आ था म फ ान स पहल एक झपक लन कलए ऑ फस क सोफ पर ही लट गया साढ़ छह बज शला-जी क कॉल स म जाग गयामन अपनी आख मसल मझ कछ समझ नह आ रहा था
lsquoगड मॉ नग शला-जीrsquo मन कहा
lsquoतमन अखबार दखाrsquoमझ लगा उहन फल पज वापन दख हग और उसा हत होकर फोन लगाया होगा
आ खर साल क इतजार क बाद यह दन आया थाrsquo नह म क स म अभी तक यहाअखबार नह आया ह मन कहा
lsquoऐसा कस आrsquo शला-जी न कहा
म सोचन लगा क आ खर व खश य नह लग रह ह शायद सबह क व उनकामड अ ा न रहता होrsquo वापन अ लग रह ह नाrsquo
lsquo वापन नह य इ डयट मrsquo द नकrsquo म छप इस आ टकल क बात कर रहा rsquoशला-जी न इसस पहल कभी मझस इस तरह बात नह क थी न त ही म उनक
लए काम करता था ल कन उहन अभी तक मझ पर आवाज नह उठाई थी
lsquoकौन-सा आ टकलrsquo मन कहा मरा हाथ मर माथ पर चला गया जो ख रहा था
lsquoअखबार पड़ी और मझ फोन लगाओrsquolsquoओक वापन कस लग रह हrsquoमझ जवाब म कवल फोन बद करन क लक सनाई द
मन आवाज दकर पयन को बलाया और उसस कहा क वह सार अखबार ल आएएक घट म सार अखबार मरी डक पर थ
हर अखबार म हमारा फल पज वापन था क स क तवीर बत खबसरत दखरही थ वापन क नीच मझ अपना नाम दखाई दया ल कन शला-जी क कठोर शदमर कान म बज रह थ
म पराrsquo द नकrsquo छान मारा पज छह पर मझ वह आ टकल दखा
हडलाइन थी -शहर म नया इजी नय रग कॉलज - ाचार क पस सlsquoहाट द फकrsquo मन आ टकल पढ़त ए खद स कहा
राघव कयप टाफ रपोटर
म व ास ही नह कर पाया क उसन मर साथ ऐसा कया था श क कछ लाइन तोठ क लग रह थ -
lsquoवाराणसी शहर जस ान क नगरी भी कहा जा सकता ह क पास अब अपनाएक और इजी नय रग कॉलज ह द गगाटक कॉलज ऑफ इजी नय रग जोलखनऊ हाईव पर पह एकड़ क क स म बना ह इसी सताहात म वहएड मशस क लए अपन दरवाज खोलन जा रहा हrsquo
राघव न न त ही हमार कॉलज क तमाम स वधा फकट ोफाइल इजी नय रग कशाखा और चयन या का ज कया था आ ध पज क उस लख पर शला-जी
और मरा फोटो भी था मन इसस पहल क भी अपना फोटो अखबार म नह दखा थाबहरहाल म इस पल का यादा मजा नह ल सकता था य क मझ आग पढ़ना था
lsquoमज क बात यह ह क वधायक रमन लाल शला गगाटक क टय म स एकह उहन कॉलज क लए फड जटान म मदद क ह शला क पास गगाटकक स क इद- गद फली जमीन क भी म कयत ह जसक क मत पाच स दसकरोड़ आक जाती ह आ खर शला न फड कहा स जटाया गौर करन लायकबात यह ह क यह कॉलज तीन साल पहल बनना श आ था और यही वहसमय था जब गगा एयान लान घोटाल म उनका नाम उछला था या यहकॉलज उनक ारा अपनी छ व सधारन क को शश ह लोग अपन पाप स म पान क लए गगा म नहान आत ह तो या शला गगा क साथ कए गए अपनपाप को धोन क को शश कर रह हrsquo
lsquoफक यrsquo आ टकल खम कर मन कहा
मन अखबार फाड़कर फ क दया हमार साथ ऐसा नह हो सकता था एड मशस कदन नह कसी भी दन नह शला-जी न फर फोन लगाया म थोड़ा झझका ल कनफोन उठा लया
lsquoमन दखाrsquo मन कहा
lsquoआ खर य आ कस कौन ह य रपोटर राघव उसन वाकई तहारा इटर लयाथाrsquo
lsquoवह मरा मरा कली दोत ह मन हकलात ए कहाrsquo उसन ॉ मस कया था कवह बल लखगाrsquo
lsquoयह बल ह उसन मरी ऐसी-तसी कर द हrsquolsquoआई एम रयली सॉरी शला-जी चता मत क जए बाक अखबार म यह टोरी
नह हrsquoldquoद नकrsquo सबस बड़ा और सबस भावशाली अखबार ह मयमी न अपनी व जट
क सल कर द हrsquolsquoयाrsquo मन कहा म शॉ रह गयाrsquo फर कॉलज का लोकापण कौन करगा हमन
तो प र पर भी उनका नाम खदवा दया हrsquolsquoमझ नह पता हमारा पयन उसका लोकापण कर दगा मरी बला स शला-जी न
कहा
lsquoलीज शात हो जाइए शला-जी मन कहाrsquo रयली हम अगल तीन घट म कसीको खोजना होगाrsquo
वधायक न गहरी सास लीrsquo शा रायमी आ रह ह व कर दग लोकापणrsquolsquoऔर मयमी क नाम वाला प रrsquolsquoउस पर टकर चपका दो गोपाल या मझ तह हर चीज बतानी पड़गी
lsquoसॉरी शला-जी म सब ठ क कर गाrsquo मन कहा
मन फॉलो -अप श कर दया आइ धकतर इनवाइट ज आए थ मफा लच क सामन ाचार क आरोप क भला या बसात
lsquoम आई कम इन सरrsquo जस ही मन एक कॉल खम कया मझ एक लड़क कआवाज सनाई द
मन सर उठाकर दखाrsquo आरतीrsquolsquoम तह डटब तो नह कर रही rsquo उसन कहाrsquo म जद आ गई rsquoवह शभारभ कायम स एक घटा पहल नौ बज आ गई थी म तनाव म था इसक
बावजद म यह गौर करन स खद को नह रोक पाया क उसन इस मौक क मता बक सपहनी थी उसन पपल और गो बॉडर वाली बॉटल ीन सलवार -कमीज पहनी थी
म उस दखता रह गया मरा मह आ धा खला रह गयाrsquo या म अदर आ सकती डायरटर सरrsquo उसन कहा
lsquoहा ऑफ कोसrsquo मन कहाrsquo वॉव य लकrsquolsquoयाrsquo उसन कहा
lsquoय लक सो फॉमलrsquo मन कहा म कहना चाहता था -ट नग
lsquoओह मन सोचा तम कहन वाल हो क म बत अ लग रही rsquolsquoवह तो ऑब वयस ह आरतीrsquolsquoया ऑब वयस हrsquolsquoतम हमशा अ लगती होrsquo मन कहा
lsquoअ ा मझ तो आजकल ऐसा सनन को यादा नह मलताrsquolsquoय तहारा बॉय ड ऐसा नह कहताrsquo मन यह बात जरा तकलीफ क साथ कही
राघव क आ टकल का वचार मर दमाग स नह जा रहा था
उसन आह भरीrsquo वह तो मझ पर त भी यान दगा जब म कपड़ क बजाय उसकाअखबार पहन लगीrsquo
म मकरा दया और कल सपस क लट चक करन लगा क कह म कसी कोचक तो नह गया
lsquoलगता ह तम बजी होrsquo आरती न कहाrsquo म बाहर वट कrsquoम आरती को बाहर जान नह दना चाहता था ल कन मझ ढर फोन कॉस करन थ
lsquoतह बाहर ठ क लगगाrsquo मन कहा
lsquoहा मॉम आई ह डड नह आ सक व टर पर हrsquolsquoओहrsquo मन कहाrsquo चलो कम स कम म उह वश तो कर rsquo हम बाहर आए आरती
क मा आग क कतार म बठ थ और व टट म मौजद शआती महमान म स एक थ
lsquoहलो औट rsquo मन हाथ जोड़त ए कहा
lsquoकॉयलशस गोपाल हाट अ लवली क स उहन कहा
lsquoल कन अभी यह अडर क न ही हrsquo मन एक वटर को चाय और नस लान काइशारा करत ए कहा
lsquoहमारी फ मत करोrsquo आरती न कहाrsquo तम अपन कायम पर यान दो तह तोबत हाई -ोफाइल महमान को अटड करना होगाrsquo
उसन जान स पहल मझ हग कया मन दखा क उसक मा क आख मझ पर जमीथ
मन एक बार फर हाथ जोड़कर नमकार कया और अपनी तता क लए माफमागी
ओप नग सरमनी आराम स नपट गई हाला क मयमी क नह आन स कायम ककछ चमक जर जाती रही शा रायमी न कॉलज क शलालख का अनावरणकया लक नाइट प र पर खद मयमी क नाम क ऊपर उनका नाम चपका दयागया था मयमी क नह आन क कारण मी डया क लोग म खसफसाहट थी
lsquoएक म कल त न मत होन क कारण मयमी महोदय को अ तम समय मअपनी याा रद द करनी पड़ीrsquo शला-जी न मच पर आत ए कहा उहन अपनी ीचक लए एक मनट स भी कम समय लया स क लोग उनस सवाल पछन क लए
एकजट हो गए व सभीrsquo द नकrsquo म छप लख क बार म बात करना चाह रह थ ल कनवधायक उनको झासा दत ए पो डयम स गट तक चल गए
lsquoमाफ क जए आज कोई सवाल नह मझ गाव क दौर पर जाना ह कसान कोमरी जरत ह यहा स गोपाल मा सारी जमदारी सभालगrsquo
चद मनट क भीतर व अपनी कार म बठकर क स स चल गए हाईव स उहन मझफोन लगाया
lsquoमrsquo द नकrsquo क लडी ए डटर स बात करना चाहता rsquo उहन कहा
lsquoयोर म उसका बदोबत कर गाrsquo मन कहाrsquo बाय द व एड मशन फॉस बतअ तादाद म भर जा रह हrsquo
lsquoया उन हरामजाद को पता नह क हम उनक अखबार को कतन वापन दत हrsquoउहन अपनी बात जारी रखी
lsquoशला-जी एड मशनrsquo मन कहा
ल कन तब तक व फोन काट चक थ
हम उमीद कर रह थ क कसी एड क न क मदद स बाक बची सीट भी भरन मकामयाब हग
lsquoहम साल भर वापन दना चाहत ह मनrsquo वाराणसी टाइसrsquo क माक टग हड सकहाrsquo इस लए हम बहतर डकाउट क उमीद रखत हrsquo
मन परा दन यादा स यादा वापन बक करन क लए अखबार क चकर लगातए बताया था मrsquo वाराणसी टाइसrsquo क माक टग हड अमर वद क ऑ फस म बठाथा
lsquoआप हम अपना मी डया पाटनर य नह बना लतrsquo उसन कहा
lsquoउसस या होगाrsquo मन पछा
lsquoहम थोडी-सी एा फ स लकर आपक कॉलज क बार म पॉ ज टव आ टकसछापग हम खबर मलगी आपक एक इमज बनगी इट इज अ वन- वन पाटनर शपrsquoउसन कहा
lsquoमझ कस पता चलगा क आप पॉ ज टव खबर ही छापगrsquo मन कहा म एक बार जलचका था और अब छाछ भी फक-फककर पीना चाहता था
lsquoआ टकस आप लोग ही बनाकर हम भजवानाrsquo अमर न कहा
मन उसस कहा क वह मझ एक फॉमल पोजल बनाकर भजवाएrsquolsquoवाराणसी टाइसrsquo क बाद म बसफाटक त lsquoद नकrsquo क दतर पचा
lsquoवलकम गोपाल-जीrsquorsquo द नकrsquo क सस मनजर शलष गता न ब ग क एटरस परमरा अ भवादन करत ए कहा
मन उस एक खी मकराहट द हम दोन दतर म चल आए
lsquoआप या लग सरrsquo उसन पछा
मन सर हला दया
lsquoचाय कॉफ rsquolsquoझठ स भरपर आ टकसrsquo मन कहा
lsquoयाrsquo उसन कहा
lsquoशलष हमन आपको सबस यादा वापन दए और आपन हमार साथ या कयाऔर वह भी हमारी ओप नग क दनrsquo
शलष समझ गया क म कस बार म बात कर रहा और उसन नजर फर ल
lsquoमझ अगल महीन वापन पर पाच लाख पए और खच करना ह आप ही मझबताइए क मझ सार वापनrsquo वाराणसी टाइसrsquo को य नह दन चा हएrsquo मन ट कचकबक उसक सामन लहरात ए कहा
lsquoगोपाल भाईrsquo शलष न म म आवाज म कहाrsquo आप या कह रह ह हम नबर वनअखबार हrsquo
lsquoतो इसका मतलब आप हमारी ऐसी-तसी करगrsquolsquoगोपाल भाईrsquo यह मन नह कया थाrsquolsquoहमारा कॉलज ाचार क पस स बना ह ल कन आपन तो हमार कॉलज स भी पस
कमाए हrsquolsquoयह ए डटो रयल वाल का काम ह व बवकफ और नॉन टकल लोग ह शलष न
कहा
मन टबल पर मका मारा
lsquoम आपक ए डटर-इन-चीफ स मलना चाहता य द आप चाहत ह क म आग भीआपको वापन दता र तोrsquo मन कहा
शलष न मरी चकबक को दखा और उठ खड़ा आ
lsquoच लएrsquo उसन कहा म उसक पीछ -पीछ ए डटो रयल लोर पर चला गया
ए डटर -इन-चीफ अशोक कमार अपन काच क क बन म बठ थ और कछ सब-ए डटस क मी टग ल रह थ शलष भीतर गया और सभी सब-ए डटस बाहर आ गएशलष न मझ भीतर आन का इशारा कया
अशोक न मझ सर स पर तक दखाrsquo आप व धायक शला क ऑ फस स आए हrsquoउहन कहा
lsquoम गगाटक कॉलज का डायरटर rsquo मन कहा और अपना हाथ आग बढ़ाया उहनसरसरी तौर पर मझस हाथ मलाया और मझ बठन को कहा
lsquoमन फल -पज वापन दख हrsquo अशोक न अपनी बात श क व मझ अपन क बनम दखकर थोड़ हरान थ
lsquoया आपन अपन अखबार म वह आ टकल दखा जो हमार बार म हrsquo मन कहा
lsquo न त ही मन दखा होगा कसन लखा था वह आ टकलrsquo अशोक न कहा उहनचमा पहना और रपोटर का नाम खोजन क लए कयटर चाल कर दया
lsquoशायद सर को रपोटर का नाम याद न हो शलष न कहाrsquo हम डट स खोजrsquolsquoवह आ टकल राघव कयप न लखा थाrsquo मन कहा
lsquoवह नया लड़का अशोक न कहा व पहली बार कछ उसा हत नजर आ रह थउहन अपन कयटर पर जद स वह आ टकल खोज नकाला फर मरी तरफ मॉ नटरघमात ए पछाrsquo यह वालाrsquo मन सर हला दया
lsquoमझ रपोटर को कायलट करना चा हए वह नया ह इसक बावजद उसक खबरपर लोग का यान जा रहा हrsquo
lsquoहा य द आप बकवास लखग तो लोग का यान आपक ओर जाएगा हीrsquo मन कहा
lsquoया बात ह शलष-जी आपक घइट इतन अपसट य नजर आ रह ह हमन तोउनक कॉलज पर आ ध पज क ोफाइल द हrsquo अशोक न कहा
lsquoआ खरी क दो परााफ और हडलाइन का या मतलब हrsquo मन ऐतराज भर लहज मकहा
lsquoयाrsquo अशोक न कहा और आ टकल पर एक बार फर नजर दौड़ाई lsquoओह करथनवाली बात उसम या बड़ी बात हrsquo
lsquoइसस हमारी इमज को नकसान पचता हrsquo मन टबल पर अपनी हथ लया जोर सपटकत ए कहा
अशोक को मर ारा इस तरह भावना का दशन करना अ ा नह लगा उहनमझ घरकर दखा मन टबल स हाथ उठा लयाrsquo
lsquoय द आपको अपनी इमज क इतनी ही चता थी तो व धायक शला क साथमलकर कॉलज य खोलाrsquo अशोक न कहा
शलष समझ गया क अब बात का बतगड़ बन रहा ह
lsquoसर गगाटक हमारा सबस बड़ा वापनदाता हो सकता हrsquo शलष न कहा
lsquoतो या हम खबर को ठ क तरह स छापना बद कर दrsquo अशोक न कहा
lsquoआरोप सा बत नह कए गए हrsquo मन कहाrsquo तीन साल परान घस- पट मामल कोउठाकर हमारी ओप नग क दन छापा गया ह या यह ठ क हrsquo
lsquoअशोक सर लीज दो मनट क लए मझस ाइवट म बात क जएrsquo शलष न कहा
म बाहर जाकर खड़ा हो गया और व ब तयान लग म इ धर-उ धर दखन लगा मनएक पयन स पछा क राघव कयप कहा बठता ह उसन मझ इशार स बताया मनउसका छोटा -सा य बकल दखा वह मर ऑ फस क सोफ स भी छोट जगह घर ए थाफर मन राघव को दखा वह अपन कयटर पर पागल क तरह कछ टाइप कए जा रहाथा और ऐसा लग रहा था जस उस नया-जहान का कोई होश नह ह
शलष न मझ फर बलायाrsquo डट वरी हमन सब ठ क कर लया ह अशोक सर सीधव धायक-जी स बात करग हम मामला सलझा लग लीज हमार साथ आपका जोएसो सएशन ह उस जारी र खएrsquo शलष न कहा
lsquoओकrsquo मन कहाrsquo ल कन रपोटर क बार म याrsquolsquoउसक बार म याrsquo शलष न कहाrsquo वह तो नी हrsquolsquoम चाहता क वह मझस माफ मागrsquo मन कहाशलष न अशोक क ओर दखा
lsquoयह तो उसी पर नभर करता हrsquo अशोक न कहा उहन फोन उठाया और अपनीसटरी स कहा क राघव को अदर भजवा द
पाच मनट बाद राघव न दरवाज पर दतक द
lsquoसर आपन मझ बलायाrsquo राघव न कहा फर उसन मझ दखाrsquo ह गोपाल तमयहाrsquo
lsquoआप लोग एक-सर को जानत हrsquo अशोक न कहा उनक एक भह तन गई थी
lsquoइसन मरा इटर लया था मन कहा
राघव मर ख-स जवाब स हरान आ वह समझ गया क म यादा याराना नहदखाना चाहता
lsquoया बात हrsquo उसन कमर क गभीर माहौल को भापत ए पछा
शलष न परी कहानी सनाई
lsquoमाफ rsquo राघव न कहाrsquo गोपाल तम चाहत हो क म तमस माफ माग
lsquoआप दोन एक-सर को इसस पहल भी जानत थrsquo अशोक न राघव क बात करन कलहज स अदाज लगात ए कहा
lsquoहम एक ही कल म थrsquo मन कहा
lsquoऔर हमन एक ही डक पर बठकर पढ़ाई क ह हम बत गहर दोत रह हrsquo राघव नकहाrsquo तम इह यह य नह बतातrsquo
lsquoम इह यह य नह बताता क तमन मझस मरी आरती छ न ली य एस-होलrsquo मकहना चाहता था या यह कrsquo तम मरी कामयाबी स इतना जल गए क तमन एकस ड़यल -सा आ टकल लख माराrsquo
ल कन मन कहाrsquo य ाचार क आरोप बब नयाद ह और कसी कॉलज कोफाइल म उनका ज करन क कोई जरत नह थीrsquo
lsquoमझ बल लख लखना था lsquoराघव न कहाrsquo शला जाना-माना गडा हrsquolsquoबकवासrsquo मन जोर स कहा
lsquo मटर गोपाल कपया अपनी आवाज नीच र खए राघव तह अपनी हर खबर मए ट वट बनन क जरत नह ह अशोक न कहा
lsquoसर मन बाम कल ही कछ लखा था मसाल क तौर पर कॉलज क इमारत बनन मजो अ नय मतताए ई उनका तो मन ज तक नह कयाrsquo
lsquoकोई अ नय मतताए नह ई ह हमार सार लास अड हrsquo मन कहा
lsquoऔर शला न य अवल कस लए खर मन इस सबक बार म कछ भी नह लखाहrsquo
lsquoयहा तक क गगा एयान लान भी अब एक परानी खबर ह राघवrsquo अशोक नकहाrsquo जब तक तहार पास नए ठोस सबत न ह उस बार-बार दोहरान का कोई मतलबनह ह हम इस तरह लोग क नाम पर बट टा नह लगात रह सकतrsquo
राघव न अनमन ढग स अपन बाल म अग लया घमाईrsquo फाइन जब तक मझ कोईठोस सबत नह मल जात म कछ नह कगा या म अब जा सकता rsquo
lsquoतमन गोपाल सर स माफ नह मागी शलष न कहाrsquo गगाटक हमारा लाइट हrsquolsquoए डटो रयल कवल गभीर गल तय क लए माफ मागता ह राघव न कहा
lsquoया जब चीफ ए डटर माफ मागन को कह तबrsquo शलष न ठोस आवाज म कहा
राघव न अशोक क ओर दखा व चप रह
lsquoसर आप आ खर कसrsquo राघव न अपनी बात श क
lsquoराघव बात को यह खम करो मझ एक घट म अगला ए डशन छोड़ना हrsquo अशोकन कयटर न क ओर मड़त ए कहा
तकरीबन दस सकड तक खामोशी छाई रही
lsquoआई एम सॉरी राघव न ठडी सास लत ए कहा
lsquoइट स ओकrsquo मन कहा ल कन राघव तब तक कमर स बाहर जा चका था
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lsquoतहारी राघव स बहस ई थीrsquo आरती न कहा उसन मझ हमशा क तरह दर रात फोनलगाया था
lsquoउसन तह बतायाrsquo मन कहा
lsquoमन बस इतना ही कहा था क हम तीन को कह मलना चा हए और उसन तो मरीजान ही ल ली उसन कहा
lsquoअर नह तहारी जान मझ यारी हrsquo मन कहा
lsquoहोटल अगल हत खल रही ह मन सोचा क म पर मशन लकर तम दोन को होटलखलन स पहल ही वहा घमा लाती वह बहद खबसरत हrsquo उसन कहा
lsquoतम उस अलग स भी दखा सकती होrsquo मन कहा
lsquoया बात हrsquo आरती न कहाrsquo तम उसस मल थ ना आ खर मझ कोई कछ बताताय नहrsquo
lsquoवह काम स सब धत बात थी डट वरी अब सब ठ क हो गया हrsquolsquoतम कहत हो तो मान लती कल आ सकत होrsquolsquo बकलrsquolsquoगड नाइट डायरटर साहबrsquo
म रमाडा होटल क -हस पर आरती का इतजार कर रहा था सयो रट न मझ भीतर नहजान दया आरती आई अपना टाफ काड दखाया और म उसक पीछ-पीछ हो लयाउसन मन बनारसी साड़ी पहन रखी थी जो उसक य नफॉम थीrsquo आरती ताप धान-गट रलशस नी उसक बज पर लखा था
lsquoवॉव तम कतनी डफ ट लग रही होrsquo मन कहा
lsquo ड ट फॉमल बस तम इतना ही बोलना जानत होrsquo उसन झठमठ का गसादखात ए कहा
lsquoनह य लक ट ल कन मन उमीद नह क थी क तह साड़ी म दखगाrsquo मन कहा
lsquoउमीद या नह क थी यही क तहारी ट पड कल लासमट को एक जॉब भीमल सकता हrsquo उसन भह उचकात ए कहा उसक हाथ अपनी कमर पर थ
lsquoहा तम ट पड तो होrsquo म भी झठमठ म उसस राजी हो गया उसन मजाक म मरीबाह पर एक धौल जमाया
हम होटल लॉबी म आ गए क न वक स इट लयन माबल पर पॉ ल शग मशीनचला रह थ मशीन बत शोरगल कर रही थ जब क इट लयन माबल पहल ही चमचमारह थ हवा म पट क ग ध फली ई थी वह मझ रटोरट ल गई जहा मखमल कशानदार क सया सजी थ
lsquoयह हमारा बार होगा -टॉ सकrsquoहोटल यह तय कर दना चाहता था क भल ही लोग इस शहर म अपन परान पाप
मटान आए ह ल कन व नए पाप करन म भी कोताही न बरत हम बाक स व धाए दखनक लए होटल म घमत रह
lsquoतो आ खर तम लोग मझ बतात य नहrsquo उसन कहा
lsquoयाrsquo मन कहा
lsquoवही जो राघव और तहार बीच आ थाrsquolsquoहमार कॉलज को उसक अखबार म छपी एक खबर अ नह लगी उसन इसक
लए माफ मागी कहानी खमrsquoफर मन दो मनट म उस परी कहानी स प म सनाई ल कन मन उस कसम खलाई
क वह यह राघव को नह बताएगी उसन मझ बताया क उसन तो राघव को यह भी नहबताया ह क वह मझस मल रही ह इस लए और कछ बतान का तो सवाल ही नहउठता आ खर इसानी रत इसी का तो नाम ह -च नदा लोग स ही अपनी बात शयरकरना और जी कमलन क हद तक हक कत को छपाना फर हम ए थ नक -थीमरटारट म चल आएrsquo आगन भारतीय भोजन क लएrsquo उसन मझ समझाया फर वहमझ जम म ल गई मन टरड मस दख जनक साथ ट वी अटच थ
lsquoइपोटडrsquo मन पछा
उसन सर हलाकर हामी भरीrsquo कभी-क भी मझ बत गट फ ल होती ह उसनकहा लड़ कया एक साथ अलग-अलग वषय क बार म आराम स बात कर सकती ह
lsquoयrsquolsquoमन तहारी और राघव क दोती म दरार डाल द rsquo उसन कहा
lsquoऐसी बात नह हrsquo मन कहा
वह एक बच-स पर बठ गई मन एक बल सग बॉल ली और उस टल बनाकर उसपर बठ गया
lsquoबचपन म हम तीन दोत आ करत थ अब या हो गयाrsquo उसन कहा उसकआख नम होन लगी थ
lsquo जदगी मन कहाrsquo जदगी इसी का नाम हrsquolsquoअगर म नह होती तो तम दोन क रत म आज इतनी कडवाहट न होतीrsquo उसन
कहा
lsquoनह यह गलत ह म ही तहार लायक नह था इसम राघव का कोई दोष नह हमन कहा
lsquoऐसी बात कभी मत कहनाrsquo आरती न कहा खाली जम म उसक आवाज गज रहीथीrsquo ऐसा नह ह क तम मर लायक नह हो तम बत अ लड़क हो गोपाल और हमएक-सर क साथ बत कफटबल रहत हrsquo
lsquoल कन मझ पता ह मझ पता ह क तम मर बार म वसा नह सोचत अब मझ भखलग रही ह लच कहा मलगाrsquo
lsquoऐसी बात नह हrsquo उसन कहा
lsquolsquoयाlsquoलड़ कय क साथ ऐसा नह होता सवाल सही व का ह और इस बात का भी ह
क कौन कतनी को शश करता हrsquolsquoया मन को शश नह क थीrsquo मन कहा
lsquoतमन जरत स यादा को शश क थीrsquo उसन कहा और अपनी आख पछ ल
मझ समझ नह आ रहा था क उसक करीब जाकर उस मनान क को शश क यानह एक कारण तो यह था क वह कसी और क थी और सरा कारण यह था क हमउसक वक लस म बठ थ
मन उस मनान क बजाय 20 पाउड का डबबल उठा लया वह भारी था ल कनआरती क सामन मन ऐसा दखावा कया मानो म उस आसानी स उठा पा रहा राघवशायद इसस दोगना वजन का डबबल उठा सकता ह मन सोचा आ खर मझ हर बात परराघव स तलना करन क या जरत ह
lsquoआई एम सॉरीrsquo मन कहाrsquo आई एम सॉरी य द मन तम पर जरत स यादा दबावबनाया हो तोrsquo
lsquoतम ऐस समय को शश कर रह थ जब म कसी भी बात क लए खद को तयार नहमहसस करती थी तम बत यादा चाहत थ तम मझ पर परी तरह नभर हो जाना चाहतथ ल कन मझ नह लगता था क म एक बत अ मददगार सा बत हो सकती rsquo
lsquoआज या ह मरा परफॉमस इवोयशन डrsquo मन कहा मन डबल को पाच बारउठाया और फर नीच रख दया
lsquoम तो बस इतना ही कह रही क पता नह मझ लगा शायद मझ बात इस बार मकरनी चा हए थीrsquo
lsquoबात करनी थी या अपनी बात सनानी थीrsquo मन कहा
हमन एक -सर को दखा
lsquoहा यही बात ह तम मझ कतनी अ तरह स समझत हो गोपालrsquolsquoजरत स यादा अ तरह स मन कहा और मकरा दया
lsquoलच स पहल तम स दखना चाहोगrsquo उसन कहा
lsquo बकल हम लच कहा लगrsquo मन पछा
lsquoटाफ क ट न मrsquo उसन कहा
हम टनलस-ट ल क एलीवटस क मदद स थड लोर पर पच उसक पास हर मका माटर क काड था
lsquoबाय द व मझस यह उमीद क जाती ह क म होटल म कसी को भी लकर नआऊrsquo उसन कहा
lsquoतोrsquo मन कहा म सोचन लगा क या इसका मतलब यह ह क अब मझ यहा सचल दना चा हए
lsquoम तह यह बतान क को शश कर रही क तम कतन खास हो म तहार लएअपनी नौकरी को खतर म डाल रही rsquo
lsquoय द उहन तह फायर कर दया तो म तह हायर कर लगाrsquoहमारी आख मल हम एक साथ हस पड़ पछल कई साल स हमार बीच ऐसा कोई
पल नह आया था कल क दन म हम इस तरह हसा करत थ -एक साथ और छोट -छोट बात पर हम अपनी लास क शतान ब आ करत थ वह ट चस क म मकरती थी और म ह क पी रयड क दौरान सो जान का नाटक करता था
उसन म नबर 3103 खोला मन अपन जीवन म इसस यादा लज रयस और कछनह दखा था lsquoकलrsquo मन कहा
lsquoह नाrsquo वह बड़ -स बड पर बठ गई जस पर चमक ल लाल रशम क छह त कय रखथrsquo और यह बड तो कमाल ही ह आओ बठकर दखोrsquo
lsquoआर य योरrsquo मन कहा
lsquoआओ नाrsquo उसन कहा
हम एक-सर क करीब बठ गए म बड क कोन पर था
lsquoइट स नाइसrsquo मन कहा जस क म कोई ोफशनल मटरस इ टर होऊ
lsquoइस पर लटना तो और कफटबल लगगाrsquo उसन कहा
मन हका-बका होकर उसक तरफ दखा उसन मरा एसशन दखा तो पटपकड़कर हस पड़ी
lsquoमन यह नह कहा क साथ-साथ लट जात ह उसन कहाrsquo तम इतन सी रयस यहो गएrsquo
हमन अगल बीस मनट बजली क वच और बाथम क नल क साथ खलत एबताए म इसस पहल कभी उसक साथ इतन अकल ान पर नह रहा था मझ हवा मएक खास कम का तनाव महसस हो रहा था ल कन शायद वह तनाव कवल मर दमागम ही था
lsquoचलो अब चलत हrsquo मन घड़ी दखत ए कहा मझ जद स जद क स पचनाथा
lsquoओकrsquo उसन कहा और वॉशब सन का नल बद कर दया
हम म स बाहर चल आए नया-चक सट पहन एक आदमी न हम बाहर नकलत एदखा
lsquoआरतीrsquo उसन हरानी स कहा
आरती क चहर का रग उड़ गया
lsquoसरrsquo उसन कहा मन उसक सट पर लगा टग पड़ा बनायक शाी बा मनजर
lsquoतम यहा या कर रही होrsquo उहन कहा
lsquoसरrsquo उसन कहाrsquo य मटर गोपाल मा ह हमार घइटrsquolsquoल कन अभी तो हमारा होटल खला भी नह उहन कहा व अब भी सदह स भर ए
लग रह थ
lsquoहायrsquo मन अपना हाथ बढ़ात ए कहाrsquo म गगाटक मप ऑफ कॉलजस काडायरटर rsquo
उहन मझस हाथ मलाया
lsquoहम यहा एक कॉलज ईवट करन क बार म सोच रह थrsquo मन कहा
हम एलीवटर तक चल आए म उमीद कर रहा था क व इसस आग कछ नह पछ गतभी उहन पछ लयाrsquo कस तरह का ोामrsquo
lsquoहम लसमट क लए जन टॉप कप नय को बलाएग उनक लए डनरrsquo मन कहा
आरती हम दोन स नजर बचाती रही
lsquoयोर हम आपको अ सट करक अ ा लगगाrsquo बनायक न मझ अपना काड थमातए कहा
मन सोचा क शायद अब हम टाफ क ट न म लच क अपन ोाम को तलाज ल दनीहोगी
lsquoमझ दर हो रही ह ल कन मरी ट म जद ही आपस कॉटट करगीrsquo लॉबी म आत हीमन कहा
आरती न मझ एक ोफशनल माइल द और रसशन डक क पीछ चली गईबनायक मरी कार आन तक मर साथ क रह
lsquoआप स य दखना चाहत थrsquo बनायक न पछा
lsquoहमार कछ गट फकट आएग शायद वदश सrsquo मन कहा और श ह क ठ क तभी पोच म मरा ड़ाइवर आ गया
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अगल दो महीन म हम अपनी फट बच क दो सौ म स एक सौ असी सीट भरन मकामयाब रह मन पहली बार शला-जी क अकाउटट क पास पसा जमा कराया अनकटडट स न कश म फ स भरी थी खासतौर पर कसान क लड़क बोर म भरकर पसा लाएथ जस साल तक धीर-धीर जमा कया गया था
lsquoमर बट को इजी नयर बना दनाrsquo एक कसान न हाथ जोड़त ए वनती क थी
हा इजी नयर बनना फायदमद होता ह य क बी-टक डी क कारण जॉब भीआसानी स मल जाता ह और दहज भी बत मलता ह डीन ीवातवा और उनक बीसफकट क गग लासस सभालती थी म सर ोजटस म त रहता था जस होटलक मस का बदोबत नया टाफ रखना और यह स न त करना क क न का बाकबचा काम शड यल पर परा हो जाए मरी सोशल लाइफ बत सी मत रह गई थी म हतम एक बार फकट मबस क साथ डनर करता था जसक दौरान आमतौर पर हमकामकाज क ही बात करत थ कभी-कभी म शला-जी क घर भी चला जाता था
lsquoतम इ टट यट क डायरटर हो तम अपन परान घर म कस रह सकत होrsquo एक दनउहन बत सारी हक पी लन क बाद कहा
lsquoफकट बगला बत जद बनकर तयार हो जाएगा वस भी म यादातर समयऑ फस म ही सोता rsquo मन कहा
हा ल कन आरती जर मरी जदगी म फर स लौट आई थी वह इकलौती ऐसीशस थी जसक साथ म समय बताता था और म उसस कामकाज क बार म बात नहकरता था रमाडा होटल खल गई थी आरती न काम श कर दया था और वह लॉबी मगट रलशस डक पर बठती थी उसक पहल व कग ड पर मन उस चॉकलट का एकबॉस और फल भजवाए शायद मझ ऐसा नह करना चा हए था ल कन मझ लगा कयह दन उसक लए बत मायन रखता ह हाला क मन इस बात का जर यान रखा कबक म कवल सफद गलाब ह लाल गलाब नह
lsquoह थस रयली वीटट ऑफ य )rsquo उसका एसएमएस आया मन उस मसज कोपचास बार पड़ा आ खरकार मन एक जवाब लखा -rsquo य आर वलकम फॉर अ ट यचरक रयर वमनrsquo
दस मनट बाद उसका जवाब आया -lsquoतम मझ पर इतन महरबान य होrsquo
मर पास इस बात का कोई जवाब नह था मन लड़ कय क ट क का इतमाल कयाजब डाउट म ह तो माइली भज दो
मन तीन माइली भज द lsquo) ) )rsquoउसन मसज कया -lsquoकाम क बाद मलोग 7 बज सीसीडी मrsquolsquoयोरrsquo मन फौरन जवाब दया
म उसस मलन क लए क स स सगरा तक गाड़ी चलाकर गया उसन मझ उस दनक अपन काम क बार म बताया उसन होटल का चयन करन म पाच जमन क मदद कथी एक दस सदयीय जापानी ड लगशन क लए कार का बदोबत कया था और एकअम रकन को उसक म म सराइज बथड कक भजवाया था वह खश नजर आ रहीथी मझ नह लगता था क वह एयर होटस न बन पान को मस कर रही थी
lsquoतो आज हम मलन का मौका मला वस तम शाम को करत या होrsquo उसन पछा
lsquoकछ खास नह क स म रहता काम करता rsquo मन कहा
lsquoदट स हॉ रबल तहार कोई दोत नह हrsquo आरती न कहा
मन कध उचका दएrsquo कॉलज म मर कलीस ह उनका साथ ही बत हrsquoउसन मर हाथ पर चपत लगाईrsquo तहार कछ दोत होन चा हए मझ दखो तम मर
दोत होrsquolsquoऔर राघवrsquolsquoवह तो दर रात तक अखबार म काम करता ह उसक पास समय ही नह हrsquo उसन
अपना हाथ हटात ए कहा उसन मझ यह नह बताया क हमार इस तरह मलन क बारम राघव या सोचगा वातव म मन उसस यह पछा भी था जस पर उसन जवाब दयाथा क राघव को पता ही नह चलगा
lsquoतह काम क बाद दोत स मलना-जलना चा हएrsquo ऐसा लगा जस वह खद कोक वस करन क को शश कर रही हो
lsquoशायद म तह अपन होटल क कहा नया सना-सनाकर बोर कर गी ल कनrsquolsquoतम मझ कभी बोर नह करत चाह तम एक भी शद न कहोrsquo मन कहा
और इसी क साथ काम क बाद मरा आरती स मलना-जलना श हो गया हम हतम दो बार मलत थ कभी-कभी तीन बार हम नए-नए रटोरट स म खाना खात थ कफ मजात थ र वदास पाक म घमत थ और कभी-कभी फम भी दखत थ
ल कन हमन अपन लए कछ अनकह नयम भी तय कर रख थ हम फोन पर लबीबात नह करत थ और आमतौर पर एक-सर को टल मसज करत थ हम कभी अपनपाट क बात नह करत थ या टची वषय को नह छत थ म उस कभी नह छता थाल कन वह जर कभी-कभी बातचीत क दौरान मरी बाह थाम लती थी मवी थएटस महम अलग-अलग जात और अलग-अलग बाहर नकलत थ वाराणसी म लड़क औरलड़ कया वस भी ऐसा ही करत थ जब राघव का फोन आता था तो म चपचाप उसस रहो जाता था ता क म उनक बात न सन सक जब राघव का काम खम हो जाता था तोवह भी चली जाती थी
म समझ नह पाया क मन उसक साथ व बताना य श कया म उसक लएएक बफर बन गया था जो उसक बॉय ड क काम स होन तक उसक काम आता थाशायद म अपन काम स भी थोड़ा आराम चाहता था और वस भी जब बात आरती क होतो मर होशोहवास तो गम हो ही जाया करत थ
lsquoतो राघव को पता नह ह क हम मलत हrsquo एक दन मन उसस पछा
उसन सर हला दया और कॉफ क मग स बनी मछ पछ डाल
राघव मझस अपनी पछली मलाकात क बाद स मरी जदगी स र था हाला क वह अपनीहरकत स फर भी बाज नह आया
lsquoवाराणसी नगर नगम पसा खाती ह ब स धोखाधड़ी करत हrsquo राघव कयपटाफ रपोटर
हमारी ओप नग क एक महीन बाद सबह उठत ही अखबार म मन यह हडलाइन दखीवह असर राशन क कान म होन वाली कालाबाजारी एलपीजी सलडस क गरकाननीब आरट ओ अ धका रय ारा र तखोरी आ द ट न क भारतीय चीज क बार मलखता था जनक कोई परवाह नह करता था म उसक इस लख को भी नजरदाज करजाता बशत उसन उसम गगाटक का ज न कया होता
मन कछ प य को सरसरी तौर पर पड़ा
लख म लखा था lsquoबड़ी अजीब बात ह क अनपय अवल और उनक कारणहोन वाल गरकाननी नमाण हमारी आख क ऐन सामन ह ाचार क सरमामल जहा क करतत छपी ई रहती ह (जस गगा एयान लान
घोटाला) स उलट नमाण क इन मामल म खल सबत हमार सामन ह खती कजमीन पर कॉलज बना दए जात ह जो मनचाहा नमाण करन क लए सभीनयम-कायद को ताक पर रख दत ह जद ही कॉलज क पास म मल हगराजनता का काम होता ह हमारी रा करना और इन तमाम हरकत पर रोकलगाना ल कन असर व ही इन तमाम चीज गरकाननी चीज क पीछ होत हइतना ही नह शहर म नई होटल रहवासी टॉवस और दतर क इमारत भी बनगई ह जनक नमाण स वीएनएन न मनाफा खाया ह हमार पास इस बात कसबत ह क वातव म कस नमाण क अनम त द जानी चा हए थी और उसकतलना म वीएनएन न कन नमाण को अनम त द हrsquo
लख क साथ लग बॉस म ववा दत अपवस क सची थी
मन सची पड़ी
1 वी-कॉन अपाटमट ब ग दस म जला लो-लाइग जोन म न मत2 होटल वटो जसका नमाण एक बगीच पर आ ह3 गगाटक कॉलज जसक नमाण क लए रहयमय तरीक स क ष भ म को अवल
द दया गया कॉलज क ब ग लोर- स इडस का उलघन करत ए बनाईगई ह
मन अखबार को र फ क दया मन बत म कल स शला-जी स अपन सबध फरसधार थ मन उह कह दया था क उस रपोटर न मझस माफ माग ली ह और आग सऐसा फर नह होगा मझ पता था क राघव उस दन मझस बोल गएrsquo सॉरीrsquo का बदला लरहा ह उसन अपन वीएनएन क स स गगाटक का ब ग लान हा सल कर लयाहोगा
मन फोन नकाला ल कन इसस पहल क म उस कॉल करता शला-जी का फोनआ गया
lsquoपता नह यह कस आrsquo मन कहा
lsquoयrsquo द नकrsquo वाल भनचोद हrsquo शला-जी न कहा
lsquoइस रपोटर को रोकना अब जरी हrsquo मन कहा
lsquoयह उस रपोटर का काम नह ह वप वाल इसक पीछ हगrsquolsquoपता नह सरrsquo
lsquoया शायद मरी ही पाट म स कोई ह साल मझस चलन वाल हरामजाद मरा खलबगाड़ना चाहत हrsquo
lsquoमझ ऐसा नह लगता सरrsquolsquoयाrsquolsquoयह उस रपोटर का ही कया-धरा ह म उस पहल स जानता वह समाजसवी
कम का आदमी ह फर च क उस मझस माफ मागन को मजबर होना पड़ा था इस लएशायद वह बदला ल रहा हrsquo
lsquoकौन ह वहrsquolsquoराघव कयप लख म नाम लखा हrsquolsquoम उसक ऐसी-तसी कर गाrsquo शला -जी न कहा
lsquoम उसको फोन लगाऊrsquolsquoनह रहन दो म उसक सी नयस स खद बात कगाrsquoमन कहाrsquo और इस लख क बार म या इसस हम कोई नकसान होगाrsquolsquoय द वीएनएन वाल का फोन आए तो मझस बात करा दना शला-जी न कहा
वीएनएन वाल का फोन तो नह आया व खद मर ऑ फस चल आए व अकल नह आएथ उनक साथ दो बलडोजस भी थ
बलडोजस का शोर सनकर टडट स लासम क खड़ कय स बाहर झाककर दखनलग म दौड़ता आ गट पर आया
lsquoगट स खोलो हम नमाण तोड़न आए हrsquo सत सनलासस और पीला हलमट पहनएक आदमी न कहा
lsquoयाrsquo मन कहा
lsquoहमार पास ऑडस हrsquo वीएनएन आइ धकारी न कहा उसन अपनी जब स कागज काएक मड़ा-तड़ा टकड़ा नकाला
मरा दल जोर-स धड़कन लगाrsquo आप कौन-सा नमाण तोड़गrsquolsquoमन ब ग यहा अव ध नमाण आ हrsquo उसन कहा उसक लहज स दलरी झलक
रही थी
सबह क तज धप हमार चहर को झलसा रही थीrsquo हम बात कर सकत हrsquo मनकहा
उसन सर हला दया
मन फोन नकाला शला-जी को फोन लगाया उहन कोई जवाब नह दया
lsquoयह वधायक शला का कॉलज ह आपका नाम या ह सरrsquo मन कहा
lsquoराव अमत राव नाम ह मरा तम चाह व धायक का नाम लो चाह धानमी कामझ कोई परवाह नहrsquo
म दस मनट तक उस यह कहकर मनाता रहा क वह धय रख मन पयन स कहा कसभी क लए आइस डालकर सॉट क लाए इस दौरान म लगातार शला-जी को फोनलगाता रहा उहन आठव बार म फोन उठाया
lsquoया बात ह गोपाल मझ सीएम को फोन लगाना था य बवकफ भर लख भी एकनबर का सरदद हrsquo
lsquoसर यहा बलडोजस आ गए हrsquolsquoयाrsquo शला-जी न कहा
मन राव को फोन थमा दया जसन व धायक को भी अपन मशन क बार म बतायाहाला क सर छोर पर व धायक क बात सनकर वह चप हो गया फर वह बाहर गयाऔर दस मनट तक शला-जी स जोर-जोर स बात करता रहा
फर राव न मझ फोन थमा दया lsquoलो शला-जी तमस बात करना चाहत हrsquolsquoसरrsquo मन कहा म अब भी भचक था
lsquoऑ फस म कतना कश हrsquo शला-जी न पछा
lsquoनॉट योर सर सफ म दो लाख क करीब हगrsquolsquoवह पसा इह द दो ल कन नोट सीमट क खाली बोर म रखना और ऊपर स रत भर
दनाrsquolsquoजी सरrsquo मन कहा
lsquoउसक सा थय क नजर नह पड़नी चा हए उस बत ईमानदार माना जाता हrsquolsquoओक सरrsquolsquoऔर उस कछ न कछ तोड़ना पड़गा वह बना कछ तोड़ वापस नह जा सकताrsquolsquoयाrsquo
lsquoकोई ऐसी जगह ह जसका नमाण अभी चल रहा हो और जसक तह तकाल मजरत न होrsquo
lsquoसर य लोग कछ भी तोड़ग तो टडट स दख लगrsquo मन कहा
lsquoकछ नह कया जा सकता तहार इस रपोटर दोत न हमारीrsquolsquoवह अब मरा दोत नह ह सरrsquo मन कहा
lsquoवह तो गया काम स खर अभी तो मझ इतना बताओ क कौन-सा नमाण आसानीस तोड़ा जा सकता ह जसक बाद म मरमत करान म यादा खच न आएrsquo
lsquoमशी नग लब हम मशीन को कह और रख सकत हrsquo मन कहा
lsquoठ क ह लब क बाहर चॉक स ॉस का एक नशान बना दो बाक काम व खद करलग और हा सीमट क बोरी वाली बात याद रखनाrsquo शला-जी न फोन रख दया
मन सयो रट गाड को गट खोलन को कहा राव चप चपी माइल द
25
lsquoआज म कोई फम नह दख सकती मझ दस मनट म नकलना हrsquo आरती नाक-भसकोड़त ए मरी इनोवा म आ बठ
म उस लन उसक होटल आया था मर पास lsquoरॉक ऑनrsquo क साढ़ सात बज क शो कटकट थ
lsquoतह इन टकट क पस वापस मल जाएगrsquoमन टकट फाड़ दए
lsquoगोपालrsquo उसन कहा या कर मझस पछ बना टकट नह लना चा हए थrsquolsquoतम इतनी परशान य लग रही होrsquolsquoराघव क कारण मझ अभी उसक पास जाना पड़गाrsquolsquoयाrsquolsquoम राघव क बार म बात नह क यह नयम कसन बनाया ह मटर माrsquolsquoमन ल कन अभी म कवल इतना ही जानना चाहता क तम हमारा लान य
क सल कर रही होrsquolsquoम तह बता गी अभी तम मझ घर पर छोड़ सकत होrsquolsquoडीएम क बगल पर मन ड़ाइवर स कहा
lsquoअपन तक ही रखना ओक आरती न कहाrsquo उसन मझ कहा ह क म कसी को नहबताऊ ल कन म तम पर भरोसा कर सकती ह नाrsquo
lsquoया मझ इस सवाल का भी जवाब दना पड़गा क तम मझ पर भरोसा कर सकती होया नहrsquo मन कहा
lsquoठ क ह तो बात यह ह क राघव क नौकरी चली गई ह उसन कहा
lsquoयाrsquo मन कहा मर मन म खशी क एक गम गदगदाहट दौड़ गई
lsquoआई एम शॉ rsquo द नकrsquo वाल तो उस अपना टार रपोटर मानत थ आरती न कहा
lsquoया उहन कोई कारण बताया क व उस य बाहर कर रह हrsquo मन कहा कारणतो उसक पास ही बठा आ था
lsquoपता नह उसन कछ बताया नह उसन बस इतना ही कहा क मनजमट न उससनौकरी छोड़ दन को कहाrsquo
lsquoमद rsquo मन झठमठ क चता जतात ए कहाrsquo मद क दन म खचा कम करन कलए इसी तरह टाफ म कटौती क जाती हrsquo
lsquoल कन एक रपोटर को बाहर करक कतना खचा घटाया जा सकता ह और फरrsquoद नकrsquo तो बत अ ा चल रहा थाrsquo
कार आरती क घर पर पच गई
lsquoया वह तहार घर पर हrsquo मन पछा वह कार स बाहर नकल गई उसन सरहलाकर इनकार कयाrsquo मझ उसस मलन जाना होगा ल कन म पहल घर आकर चजकरना चाहती थीrsquo
lsquoउसक आवाज स या लग रहा था वह अपसट थाrsquo मन पछा
lsquoवह बत-बत गस म थाrsquo आरती न कहा और बाहर चली गई
मझ राघव को फोन नह लगाना चा हए था ल कन म आधी रात को उस फोन लगान सखद को रोक नह पाया म दखना चाहता था क या अब बरोजगार होन क बाद भी वहपहल जसा दलर बना रह सकगा मर दाए हाथ म हक का एक बड़ा-सा गलास थाऔर बाए हाथ म फोन था
मन सोचा था क वह मरा फोन नह उठाएगा ल कन उसन जद ही मरा फोन उठालया
lsquoतम चाहत हो क म एक बार फर माफ माग य उसक पहल शद थ
lsquoहाय राघव मन शात आवाज म कहाrsquo या चल रहा हrsquolsquo बकल ठ क तह इतनी रात गए फोन लगान क जरत य महसस ईrsquolsquoमझस अपसट मत होओrsquo मन कहा
lsquoहम कवल उन लोग क बार म अपसट होत ह जनक हम परवाह करत ह rsquo राघव नकहा
lsquoतम अपन जॉब क तो परवाह करत थ नाrsquolsquoबाय गोपालrsquo उसन कहा
lsquoमन तह पहल ही कह दया था क हमार बार म ऊटपटाग बात मत लखना मनकहा
lsquoमझ तमस पछन क जरत नह ह क म अपना काम कस कrsquo
मन हक का एक बड़ा-सा घट लयाrsquo अर हा तम मझस पछत भी कस एकबीएचय पासआउट मझ जस गवार स राय लगाrsquo
वह चप रहा मन अपना गलास भरा हक क कारण म अपन आपको इतनाका फडट महसस कर रहा था जतना पहल कभी नह कया था
lsquoसवाल एजकशन का नह ह सवाल इस बात का ह क तम कस तरह क आदमी बनगए हो मझ तो भरोसा ही नह होताrsquo
lsquoअमीर कामयाब तह भरोसा नह होता ह ना जब क जस आदमी न जईईलीयर कर लया था वह आज बरोजगार हrsquo
lsquoमझ कोई न कोई नौकरी मल जाएगी और म तहार उस वधायक को बता गा ककसी अखबार क दनी को नौकरी स बाहर करवा दन का यह मतलब नह होता क वहसच पर परदा डालन म कामयाब हो जाएगाrsquo
lsquoम तह नौकरी द सकता राघव मर लए काम करना चाहोगrsquo मन जवाब म कवलफोन रखन क लक सनाई द
lsquoरवोयशन 2020 rsquo आरती न कहा उसन अपना चहरा अपन हाथ म भर रखा था औरउसक कोह नया टबल पर टक थ
हम रमाडा होटल क कॉफ शॉप म आए थ यह उसका ऑफ-ड था ल कन वह रगलरकपड़ म कटमर क तरह रटोरट स म आ सकती थी वटस उस पहचान कर मकरा दतऔर वह भी मकराकर जवाब दती राघव का जॉब छटन क बाद स वह मझस यादा नहमल पा रही थी आ खर उसक वीकली ऑफ क दन मन उस मलन क लए राजी करलया
lsquoमतलबrsquo मन कहा
lsquoयह मत पछोrsquo रवोयशन 2020rsquo -जब म तमस यह क तो सबस पहल तहारदमाग म या आता ह यह या हो सकता हrsquo
वह मर जवाब का इतजार कर रही थी उसक पलक झपक मन दखा क एकसपल-सी ऑरज ट -शट और काली जस म भी वह कतनी आकषक लग रही थी
lsquoएक नया रटोरट रमाडा खोल रहा हrsquoवह हस पड़ी
lsquoइसम हसन वाली या बात हrsquo मन कहाrsquo आ खर यहrsquo रवोयशन 2020rsquo ह याrsquo
lsquoयह एक नया अखबार ह राघव का अखबारrsquolsquoउसका खद का अखबारrsquo मन हरत स कहा
lsquoहा उसन तय कया ह क अब वह और कोई जॉब नह करगाrsquoवस राघव अगर चाहता तो भी उस वाराणसी म कोई मी डया जॉब नह मल सकता
था कम स कम टॉप क अखबार म तो कतई नह शला-जी न सभी बड़ सपादक कोउस नह लन क बार म कह दया था न त ही आरती को यह सब नह पता था उस तोयह भी नह पता था क राघव क नौकरी य गई
lsquoराघव न कहा कrsquo द नकrsquo न उस बना कोई कारण बताए नौकरी
स बाहर कर दया या यह ठ क हrsquo उसन कहा
lsquoहर जगह राजनी त होती ह वह धीर-धीर सीख जाएगा क कस फट आ जाए मनकहा
lsquoल कन वह फट नह होना चाहता वह जन लम को बदलकर रख दना चाहता हवह उसक नाखन पन करना चाहता हrsquo आरती न कहा
हमन कॉफ ऑडर क कॉफ क साथ ही वटस न हम ताजा बक क ई कक ज औरम फस भी दए
lsquoया हमन यह सब ऑडर कया थाrsquolsquoकॉटटसrsquo उसन कहा और मझ दखकर आख मार द
lsquoल कन वह अखबार कस श कर सकता हrsquo मन कहाrsquo उसक लए तो पसाचा हएrsquo
lsquoसवाल पस का नह कटट का हrsquo आरती न कहा और कॉफ क एक चक लीउसक हठ पर झाग क एक हक -सी परत लगी रह गई
lsquoआरती तम वाकई इन बात म यक न करती हो तम तो टकल लड़क होrsquolsquoइट स फाइन गोपाल तमन भी तो कॉलज खोला तो वह अखबार य नह नकाल
सकताrsquolsquoमर पीछ कोई मरी मदद करन वाला था व धायक शला जसक पास पसा और
कनयास थrsquolsquoवह उसस नफरत करता ह राघव कहता ह क शला स यादा राजनता
वाराणसी म कोई सरा नह आrsquo आरती न कहा
lsquoयह तो कवल अटकलबाजी ह मन कहाrsquo या नया म कोई ऐसा कामयाब आदमीआ ह जसक आलोचना नह ई हो शला हाई-ोफाइल ह और लगातार आग बढ़रहा ह इसी लए लोग उस नीच लान क को शश कर रह हrsquo
lsquoओक अब राजनी त पर बात करना बद करत हrsquo आरती न कहाrsquo हमार प रवार ममर दादाजी क साथ ही राजनी त क परपरा खम हो गई हrsquo
lsquoतम चाहो तो राजनी त जॉइन कर सकती होrsquo मन कहाrsquo लोग अब भी तहार दादाजीको याद करत हrsquo
उसन अपना हाथ उठाया और झठमठ म नार लगात ए कहाrsquo मझ वोट द जए मआपको कॉफ क साथ मत कक ज गीrsquo फर वह मकरा द rsquo नो थस म रमाडा मही खश rsquo
म भी मकरा दयाrsquo एनीव तो आ खर वह एजटली कस तरह अपनी रवोयशनश करगा रवोयशन या बताया था तमनrsquo
lsquorsquo रवोयशन 2020rsquo यही उसका मकसद ह उसका मकसद ह क साल 2020 तकभारत म ा त हो नौजवान क हाथ म स ा हो हम सटम को वत कर दग औरएक नया सटम बनाएगrsquo
lsquoऔर वह इस ा त क शआत वाराणसी स करगाrsquo मन यादा स यादा अ व ासकट करत ए कहा
lsquoयस ऑफ कोस बड़ शहर क ब को सटम स कोई दकत नह ह उह अ कॉलज मलत ह अ जॉब मल जात ह ऐस म ा त तो कसी छोट शहर स ही शहोगीrsquo
lsquoउसन कम स कम तमको तो राजी कर ही लया ह मन कहा
lsquoइसस बहतर और या होगा क हम एक ऐस शहर स शआत कर जो लोग कोतन-मन स श करन क लए जानी जाती हrsquo उसन कहा
वह बत जोशोखरोश स बात कर रही थी शायद उस राघव क यही बात अलगती थी उस जदगी क त उसका जवाती रवया अ ा लगता था फर चाह वहकतना ही हवा-हवाई य न हो वस भी लड़ कया वात वकता को इतना पसद नहकरत न ही ावहा रक सवाल म उनक यादा दलच ी होती ह
lsquoल कन यह अखबार चलगा कस ा त होन तक टग कागज और चार का पसाकौन दगाrsquo
वह बत जद गभीर मा म आ गईrsquo शआत म यह एजटली कसी अखबार जसानह होगा यह बत कछ यजलटर क तरह होगा कवल एक बड़ी-सी शीटrsquo
lsquoओकrsquo मन उस अपनी बात जारी रखन को कहा
lsquoपपर क एक तरफ म मो नयस हग वाराणसी क लोग शाद तय करना बत पसदकरत ह तो वह ानीय वर-व ध क लए वहा वापन छापगा श म वापन मतहग बाद म वह उनक लए पस लगा शायद वह नौक रय क कछ वापन भी छापगाrsquo
lsquoलोग कसी ा पत अखबार म वापन दना य नह चाहगrsquolsquorsquo रवोयशन 2020rsquo क वापन क रट स बत कम हग और व परी तरह ानीय
हग लोग अपनी गली म भी वर-व ध क खोज कर पाएगrsquoमन सर हला दया
lsquoअखबार क सरी तरफ राघव ानीय खबर छापगा और च क यह कोई ॉपरअखबार नह होगा इस लए राघव ब धड़क होकर और टग ऑपरशस कर सकगाrsquo
lsquoहा उस यह सब करना बत अ ा लगता ह मन सहम त जतात ए कहा
lsquoतो बस इतनी ही बात ह छपाई क लागत बत कम होगी य क शआत म हमकवल एक ही बड़ी शीट छापग वह शआती वापन क लए म दर स सपक करगादखत ह तह नाम पसद आयाrsquo
मन कध उचका दए वह अपना म फन कतरन लगी
lsquoसभी क जदगी का कोई न कोई मकसद होता ह गोपाल आरतीrsquo न कहा उसकमह म म फन भरा आ थाrsquo तहार पास अपना कॉलज ह उसक पास अपना यहअखबार होगाrsquo
lsquoल कन यह अखबार कभी पसा नह कमा सकगाrsquo मन कहा
lsquoतो या आrsquo उसन अपना म फन मरी ओर लहरात ए कहाrsquo पसा सब कछ तोनह होताrsquo
lsquoजब हम कसी फाइव टार होटल म कक खा रह ह तब यह कहना आसान होता हमन कहा
वह बनावट हस द और अपना म फन नीच कर लया
lsquoमझ तो पसा पसद ह मन कहा
lsquoइसम कछ गलत भी नह ह मरी तो सी धी सोच ह -चाह पसा हो या रवोयशनसभी को अपन दल क बात सननी चा हएrsquo
lsquoकभी-कभी आपका दल आपको मसीबत म भी डाल सकता ह मन कहा
वह क गई और मरी ओर दखा वह मरी बात को समझन क को शश कर रही थीrsquoआहrsquo उसन च कत होन का दखावा कया lsquo lsquoनाइस तम फर स तीर छोड़ रह हो नाrsquo
lsquo बकल नहrsquo मन कहा मन बल बलवाया बल पर 20 फ सद टाफ डकाउटथा
हम लॉबी म चल आएrsquo या तह जद जाना हrsquo मन कहा
lsquoकोई बत जद तो नह ह य या बात हrsquolsquoमन साल भर स नाव क सवारी नह क हrsquo मन कहा
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असी घाट क मर फवरट बोटमन फलचद न मझ र स ही पहचान लया मझ फॉमल सटम दखकर उस अ ा लगा उसन हमार लए नाव खोल द मन नाव पर चढ़न म आरतीक मदद क और फलचद को एा सौ पय क ट प द उसन मर हाथ म कागज कएक छोट -सी प ड़या थमा द
lsquoय या हrsquolsquoअ चीज ह म इस अघोरी साध स लाया आपक पास मा चस होगीrsquoम समझ गया क उसन मझ या दया ह आरती भी समझ गई और मझ दखकर
अथपण ढग स मकराई मन पान क कान स कछ सगरट और मा चस खरीद
मन पानी म चप चलाना श कर दया और आरती और म धीर-धीर घाट स र जानलग
lsquo कतना समय हो गया म इस बत मस करती थी राघव lsquoउसन कहा
lsquoगोपालrsquo मन बना उसक ओर दख उसक गलती सधारत ए कहा
lsquoया मन राघव कह दया ओह सॉरी आई एम सो सॉरी मरा यह मतलब नहथाrsquo
lsquoइट स ओकrsquo मन कहा
म नाव को नद क सर कनार क ओर खन लगा मझ चप चलान म म कल आरही थी अब मरी बाह उतनी मजबत नह रह गई थ जतनी व पहल आ करती थपहल म असर नाव चलाया करता था वाराणसी क मय घाट एक सर स सर सर तकम दर और परानी इमारत स भर पड़ ह नद क सरी ओर मौजद नम रत क कनारउनक तलना म यादा अकलपन स भर लगत ह उस तरफ चाय क एक छोट -सी कानथी जो कभी-कभार उस तरफ चल आन वाल पयटक को चाय पलाती थी मन एक पड़क तन स नाव बाध द शाम क सरज क कारण वाराणसी का आकाश नारगी हो गया था
lsquoकछ दर चहलकदमी करत ह आरती न बहती हवा को महसस करन क लए अपनाहाथ उठात ए कहा
हमन सरी तरफ मौजद चहल-पहल भर घाट को दखा हम वहा बत कछ होतानजर आ रहा था ल कन हम कछ सन नह पा रह थ हम कछ दर टहलत रह और फरचाय क कान म जाकर टस पर बठ गए
lsquoफलचद न जो दया ह वह पओगrsquolsquoय द तह ऐतराज न हो तो मन कहा
उसन कध उचका दए मन सगरट का पकट खोल लया उनम स एक सगरट कतबाक बाहर नकाल द और उसम सखी चरस डाल द फर मन सगरट सलगाई औरएक कश भरा
lsquoम भी ाय कर सकती rsquo उसन कहा
मन सर हलाकर मना कया
उसक फोन क घट बजी उसन बग स फोन नकाला न पर नजर आ रहा था-राघव कॉ लग
lsquoश चप रहना lsquoउसन मझ इशारा कयाrsquo हायlsquo उसन फोन उठाकर कहा फरवह कछ दर तक राघव क बात सनती रही
lsquoयह तो बत अ ा ह ठ क ह पपर म प डत-जी क तवीर डाल दो व बत खशहो जाएग व तह शाद लायक सभी लड़क-लड़ कय क लट द दग उसन कहा औरखल खला द
lsquoहा उसन अपनी बात जारी रखीrsquo म अब भी होटल म ही यह बत खराब इडह ऑफ-ड पर भी काम करना पड़ता ह हा परी बस भरकर च ट रटस आ धमक हrsquo
उसन बात करत-करत मझ इशारा कया क म धय रख मन सर हला दया मआकाश क ओर दखन लगा जसका रग अब गहरा हो रहा था
lsquoयस बबी आई मस यrsquo आरती न कहा और फोन रख दया फर वह सगरट काटकड़ा ढढन लगी
lsquoयाrsquo मन कहा
lsquoमझ भी एक कश लना हrsquolsquoपागल हो गई हो याrsquolsquoय य क म लड़क तम तो बकल वाराणसी क पष क तरह बताव कर
रह हो lsquoतहार मह स उसक ब आएगीrsquolsquoम सी ध जाकर शॉवर ल लगी और फर आ खर बनारसी पान कस लए बन ह म
घर जान स पहल एक जी धत पान खा लगी उसन कहा
मन उस सगरट का टकड़ा द दया उसन कछ कश लएrsquo ऐसा लगता तो नह कमझ पर इसका कोई असर आ होrsquo उसन भनभनात ए कहा
हमन चाय पी और उठ खड़ ए वह नद क पास चली आई
lsquoआओ पानी म आरती क दय दखत ह उसन कहा
lsquoदर हो गई ह मन कहाrsquo हम अब चलना चा हएrsquolsquoमझ यहा अ ा लग रहा ह आओ ना rsquo उसन कहा और रत पर बठ गई फर वह
धरती को थपथपान लगी
म भी उसक पास बठ गयाrsquo तहारा फोन फर बज उठगा मन कहा
lsquoबजन दो उसन कहाrsquo जब वहrsquo द नकrsquo म काम करता था तब कभी मझ कॉल नहकरता था अब च क वह ह इस लए फोन लगाता रहता ह उसकाrsquo रवोयशन 2020rsquoश होन तक कोrsquo
lsquoया वह वाकई उसक बार म सी रयस हrsquo मन अ व ास जतात ए कहा
lsquoअर हा दो हत बाद उसका पहला अक छपकर आ रहा ह उसन कहा
मन अपनी सगरट खम क और प व गगा को नहारन लगा परी नया इस नद मअपन पाप धोन आती ह या उहन कभी सोचा क व अपन पीछ जो पाप छोड़ जात हउनक सा थ वाराणसी क लोग कस जीत हग चरस न मझ फलासॉ फकल बना दयाथा
मन अपनी अग लया चटकाई और अपन आपको वापसी क लए तयार करन लगाआरती न मरा दाया हाथ उठाकर अपनी गोद म रख लया और उस सहलान लगी
मन उसक ओर हरत स दखा
lsquoअ ा लग रहा ह नाrsquo उसन कहा
मन कछ नह कहा एक शद भी नह ल कन मन अपना हाथ भी नह खचाआकाश म चाद उग आया था
lsquoप णमा क रात हrsquo उसन धीम -स कहा
हमार नीच रत थी उसका चहरा चादनी म चमक रहा था अचानक वह जद -जदआख झपकान लगी
lsquoय ओकrsquo मन कहा
उसन सर हला दया ल कन वह अब भी अपनी आख झपका रही थी रत का एककण उसक आख म चला गया था मन अपना हाथ छड़ाया और उसक चहर को अपन
हाथ म भर लया
lsquoअपनी आख खोलोrsquo मन कहा
उसन फर सर हला दया
lsquoआख खोलो आरतीrsquo मन कहा मन दोन हाथ म उसका सर थाम रखा था
उसन अपनी दाई आख खोली मन उसम फक मार द rsquo तम ठ क होrsquo मन कहा
उसन हामी भरी उसक आख फर मद गई मन उस ससकत ए सना
lsquoतह तकलीफ हो रही ह याrsquo मन कहा
अब वह सबकन लगी और मर कध पर अपना माथा टका दया
lsquoया बात ह आरतीrsquolsquoमझ राघव क बार म डर लग रहा ह कह वह जदगी म नाकाम न हो जाएrsquoमन उसक सर को थाम रखा था उसन अपना चहरा मर सीन म छपा लया उस
उसक बॉय ड क बार म दलासा दना अजीब था ल कन मझ अ ा लग रहा था क वहमर इतन करीब थी
lsquoवह ठ क हो जाएगा म उसस नफरत जर करता ल कन वह का बल लड़का हउस कछ नह होगा वह बस थोड़ा-सा गर ावहा रक ह ल कन दल का बरा नह हrsquo मनकहा
उसन अपना सर उठाया वह मरी ओर भरोस क साथ दख रही थी
म उसक बाल को सहलाता रहा lsquoतम मरी कतनी कयर करत हो म यह मस करतीrsquo उसन कहा
हमार चहर एक-सर क बहद करीब थ म उसक इतन करीब होन क कारण त रहगया था म कछ बोल नह सका
lsquoऐसा कोई नह ह जसस म ऐसी बात कर सक थक यrsquo उसन कहा
गगा क बद हम पर पड़ रही थ म अपन चहर को आग बढ़ान स रोक नह सकाहमार हठ मल उसन मझ नह चमा ल कन वह पीछ भी नह हट ल कन जद हीबत जद उसन मझ पीछ धकल दया
lsquoगोपालrsquo उसन कहा
मन कछ नह कहा कछ हद तक मझ यही उमीद थी वातव म म तो चाहता था कवह मझ पर और नाराज हो
lsquoआई एम सॉरीrsquo मन कहा और सरी तरफ दखन लगा र आरती क दय नद कपानी म डब-उतरा रह थ मानो मझ उलाहना द रह हrsquo
lsquoचलो अब चलत ह मझ दर हो रही ह उसन कहा वह फौरन उठ खड़ी ई और तजकदम स नाव क ओर चल पड़ी मन चायवाल को पस दए और उसक पीछ दौड़ा
lsquoमझ तह सर छोर पर लकर जाना ह तम इस तरह र नह भाग सकतrsquo मनकहा
वह चप रही ल कन उसन मरी ओर दखा तक नह ठ क ह मन गलती क ल कनउस भी मर साथ ऐसा नह करना चा हए था कछ पल पहल तक वह मरा हाथ सहला रहीथी और मर सीन म अपना चहरा छपाकर रो रही थी ल कन अभी वह नाव म मझस बतर बठ थी
म जोर स चप चलाकर नाव खन लगा
lsquoम पहल ही सॉरी बोल चका rsquo मन बीच रात म कहा
lsquoया हम चप नह रह सकत लीजrsquo उसन कहा
नाववाल न हमारा उखड़ा आ मड भाप लया
lsquoमाल अ ा नह लगाrsquo फलचद न पछा मन कोई जवाब नह दया आरती जानलगी
lsquoकहा जा रही हो म तह घर छोड़ आऊगा मन कहा
lsquoम ऑटो ल लगीrsquo उसन कहा और मरी नजर स ओझल हो गई
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बाबा क मौत स भी मरी नद नह उड़ी थी ल कन आरती क असी घाट स चल जान कदो दन बाद म सबह चार बज भी अपन दतर क द वार को ताक रहा था म इतना नवसथा क उस फोन या मसज करन क हमत नह जटा पा रहा था जब क म उसक सवाकसी और क बार म नह सोच रहा था जहन म बार-बार वही सब घम रहा था -उसकाचहरा उसक भीगी आख उसक हठ पर मर हठ म अपन बनन वाल बगल कबाथम क लए कॉटर ारा दए गए लान पर फोकस ही नह कर पा रहा था मफकट मी टस क दौरान चपचाप बठा रहता और लगातार अपन फोन पर नजर जमाएरहता
lsquoआप कोई कॉल एसपट कर रह ह सरrsquo डीन ीवातवा न पछा
मन सर हला दया ल कन एक बार फर अपना फोन चक करक दखा आ खरभगवान लड़ कय को इतनी पॉवर कस द सकता ह आ खर व त और मह वाकाीपष को बकार क चीज कस बना सकती ह
lsquoसर य द हम अगल हत मड-टस कडट कर तो ठ क रहगाrsquo स वलइजी नय रग ोफसर अनमोल न कहा
lsquoहाrsquo मन जस-तस जवाब दया जब क म कवल यही सोच रहा था क य द उसनआज क बाद कभी फोन नह लगाया तो म या कगा
अपनी लगातार तीसरी उनद रात को दो बज मरा फोन बीप आ
उसका मसज आया था -rsquo मझ कॉल या मसज मत करनाrsquoआ खर उसन यह मसज य भजा मन तो उस कॉल नह कया था न ही मसज
भजा था
म अपना फोन थाम बठा क वह एक बार फर बीप आ
lsquoकभी नहrsquo -यह उसका अगला मसज था
वह जाग रही ह और मर बार म सोच रही ह -मरा बतका आशावाद दमाग जाग उठाआ खर उसन य मसज य भज लड़ कय क भाषा म इसका या मतलब होगाय क लड़ कया हमशा जो कहती ह उनका मतलब उसका उटा ही होता ह तो या इनमसज का यह मतलब था क म उस कॉल क
lsquoओकrsquo मन जवाब दया म एक घट तक इतजार करता रहा ल कन कोई जवाब नहमला
जद ही म बोट राइड क सपन म खो गया
सबह क अखबार म स यओरसट पक ए-3 साइज क शीट नीच गरी म समझा क यहकसी डबल एजसी या ट यशस लासस का लायर होगा ल कन उस पर कसी अखबारजसा माटहड था आहा म बनावट ढग स मकरा दया यह तो नया को बदल दन कराघव क को शश ह
lsquoरवोयशन 2020 rsquo उस पर बड़ बो फट म लखा था नीच सपादक का प थाजसका शीषक था -rsquo य क बत हो चकाrsquo म आग पढ़न लगा
lsquoएक ऐस समाज क बार म आपको या कहना ह जसक सबस बड़ नता हीसबस बड़ गड ह आप कसी ऐस सटम म या करग जहा स ा म बठालगभग हर आदमी ह भारत न बत तकलीफ झल ली ह बचपन स ही हमबताया गया ह क भारत एक गरीब दश ह य इस नया म ऐस भी तो दश हजहा एक औसत आदमी एक औसत भारतीय क तलना म पचास गना आइ धककमाई करता ह पचास गना या उन दश क लोग वाकई हमस पचास गनायादा का बल ह या कोई भारतीय कसान कड़ी महनत नह करता या कोईभारतीय छा जमकर पढ़ाई नह करता या हम जदगी म कछ कर गजरना नहचाहत य फर आ खर य हम गरीब बन रहrsquo
मझ राघव क इन बात पर हसी आ गई मन अपनी सबह क चाय च कया ल और आगपढ़न लगा
lsquoयह सब रोका जाना चा हए हम सटम क सफाई करनी होगी महाना तकारी च वरा न एक बार कहा था कrsquo स ा कोई सब नह होता जो सीधआपक गोद म आकर गर स ा को उन लोग स छ नना पड़ता ह जो उस परपहल ही कडली जमाकर बठ हrsquo हम भी एक ा त क शआत करनी होगीएक ऐसी ा त जो हमार सटम को बदल द एक ऐसा सटम बनाए जोलोग क हाथ म ताकत सप द और राजनता को कमचारी मानकर चल राजानह
lsquoजा हर ह यह रातोरात नह होगा यह तब तक भी नह होगा जब तक कवात वक सघष श नह हो जाता जस-जस भारत क यवा आबाद बढ़तीजाएगी हम और अ कॉलज और अ जम क दरकार होगी जद ही वहव आ जाएगा जब हमार पास पयात सया म कॉलज और जॉस नह हगतब लोग समझ जाएग क उह कौन बवकफ बना रहा ह इसम दस साल लगसकत ह म इसrsquo रवोयशन 2020rsquo कहता वह साल जब यह ा त होगी वहण जो आ खरकार हमार दश क गदगी को साफ कर दगा जब इटरनट दश कसभी कॉलज को कनट कर दगा जब हम हड़ताल पर चल जाएग सब कछ ठपहो जाएगा तब तक क लए जब तक क कोई राता नह नकाल लया जाताजब दश क यवा अपनी लासस और अपन दतर छोड कर सड़क पर उतरआएग जब भारतीय को याय मलगा और दो षय को सजाlsquoऔर यह सब वाराणसी स श होगा इसी लए हम आपक लए लाए हrsquoरवोयशन 2020rsquo
lsquoआपका
राघव कयपसपादकrsquo
जब मन लख क नीच कसी नौ स खय ारा बनाया गया भारत का एक नवा दखा तो मझहसी आ गई नयो म वाराणसी पर एक डॉट लगा था और तीर क नशान उस सर शहरस कनट कर रह थ नयो क साथ ही एक छोटा-साrsquo रवोयशन 2020 सभा वतयोजनाrsquo भी अटच थी अलग-अलग शहर म ऐस कॉलज को सचीब कया गया थाजहा स ा त श होनी थी
मरा अकाउटट खात पर मर दतखत लन क लए आया मझ मकराता ए दखकरवह सोच म पड़ गया
lsquoया आ सर जोस पढ़ रह हrsquo उसन कहा
मन सर हलाकर हामी भर द
ट पज पर यह खलासा भी कया गया था क वाराणसी क याकम क सामी ककान म चदन क लकड़ी क नाम पर नकली लक ड़या बची जा रही ह जन पर सथ टकपरयम स कर दया जाता ह
मर अकाउटट न गलाबी रग का वह पपर दखा
lsquoयह कोई वापन ह या पोटरrsquo उसन पछा
lsquoपता नह यह या ह मन कहा
मनrsquo रवोयशन 2020rsquo को पलटा और अपनी हसी नह रोक पाया जहा ट पज परबड़ बड़ धमाक कए गए थ वह बक पज पर ववा हक क वापन थ म एक वापनको जोर स पढ़न लगा
lsquoआवयकता ह -प ीस वषय वर क लए सदर स श त गोरी घरल कआरीलड़क क लड़का काय ाह मण और इजी नयर और एक ायी सरकारी नौकरी कररहा ह लड़क सय प रवार म नभा सकन वाली और पारप रक मय का समान करनवाली होनी चा हएrsquo
मन अपन अकाउटट को राघव का पपर थमा दया
lsquoआप अपन लए कोई लड़क ढढ रह ह सरrsquo उसन कहा
मन उस इस तरह दखा जस मन उसक इस बात स खद को बत अपमा नत महससकया हो
lsquoसॉरी सर उसन कहाrsquo सर हमार पास एड मशन क लए कछ और रवट आईहrsquo उसन वषय बदलन क को शश करत ए कहा
lsquoहमारी सभी सीट भर चक ह मन कहाrsquo तम यह बात जानत हो हम जतन टडट सको एड मशन दन क अनम त मली ह उतन टडट स हमार यहा पहल ही हो चक हrsquo
lsquoसर य द एआईसीट ई एडजट कर सक तोrsquoमन गहरी सास लीrsquo और कतन टडट स हrsquolsquoपाच दसrsquo उसन कहाrsquo यादा स यादा बीसrsquolsquoसभी का एड मशन कर लोrsquo मन कहाrsquo व आन पर म एआईसीट ई स मनज कर
लगाrsquolsquoजी सरrsquo उसन कहा और ऑ फस स चला गया
मन गलाबी रग का वह पपर फर उठा लया उस फाड़ा और गोल-मोल करक डट बनम फ क दया
हर शवार को म लासस क राउड स लता था इसस पहल म तीन दन क दाढ़ बढ़ाकररखता था ता क कम स कम डायरटर क उ का तो दख म एक लासम म घसा
जहा मस क लास चल रही थी
मझ दखत ही ोफसर न लचर दना बद कर दया चालीस टडट स क परी लासउठ खड़ी ई मझ यह अ ा लगता था म आठ लासम म स कह भी जा सकता थाऔर हर जगह ऐसा ही होता पसा टटस और पॉवर लोग इन चीज को भल कतना हीबरा बताए ल कन इन चीज स आपको जदगी म समान मलता ह कछ साल पहल मएड मशन लन क लए क रयर फयस म मारा -मारा फर रहा था और आज मर आत हीसकड़ टडट स अटशन क मा म खड़ हो जात ह
lsquoगड ऑटरनन डायरटर सरrsquo ोफसर न कहा
मन जवाब म सर हला दया ट रो म एक ऊटपटाग-सी ट -शट पहन एक लड़काबठा थाrsquo तहारा नाम या हrsquo मन उसस पछा तो वह तजी स पलक झपकान लगा
lsquoमनोज सरrsquo उसन कहा
lsquoकहा क होrsquo मन कहा
lsquoसारनाथ सरrsquo उसन कहा
lsquoतहार परट स वहा या काम करत हrsquo मन कहा
lsquoहमारी जमीन ह सर मर पता कसान हrsquoम फौरन नम पड़ गयाrsquo तम कसान नह बनना चाहतrsquoउसन जवाब नह दया वह सोच रहा था क पता नह इस सवाल क जवाब स उसका
या आकलन कया जाएगा म समझ गया
lsquoयहा कोई ॉलमrsquo मन पछा
lsquoनो सर उसन नवस होत ए कहा
lsquoशरमाओ नह बताओrsquo मन कहा
lsquoट मच इ लश सरrsquo उसन कहाrsquo म अजी अ -स समझ नह पाताrsquolsquoतो सीख जाओ नह तो य नया तह जीन नह दगी ओक मन कहा
उसन सर हला दया
फर म ोफसर क ओर मड़ाrsquo सॉरी ट डटब यrsquo मन कहा
ोफसर मकरा दया उस दखकर मझ कोटा वाल मटर पली क याद आ गई
जब म लासस का राउड लकर लौटा तो एक दजन दतावज मरा इतजार कर रह थ मरफोन न बीप कया
आरती न मसज भजा था -rsquo आर2020 दखाrsquolsquoहाrsquo मन जवाब दया
lsquoकसा लगाrsquo वह जानना चाहती थी
मन कोई जवाब नह दया म अपन दतावज को दखन लगा फोन फर बीप आ
उसन मसज कया था -lsquorsquolsquoगड लक फॉर द रवोयशनrsquo मन कहा
lsquoथस उसका जवाब आया
म सोचन लगा क या बातचीत यह खम हो गई
lsquoय आर वलकम फर भी मन कह दया
lsquoजानकर अ ा लगा उसन कहा
lsquoयाrsquo मन लखा
lsquoयही क मझ अब भी वलकम कया जा रहा हrsquo उसन कहा
मझ समझ नह आया क इस बात का या जवाब दया जाए लड़ कय क सरल ससरल मसज भी बत ज टल अथ वाल हो सकत ह
मन एक और मसज लखा -rsquo उस शाम क लए आई एम सॉरीrsquo म सोच रहा था कयह मसज भज या नह क फोन फर बीप आ
lsquoउस शाम क लए सॉरीrsquo उसका मसज आया
म इस सयोग स हरान रह गया मन अपना मसज डलीट कया और एक नया मसजलखा -rsquo इट स फाइन मझ लाइन ॉस नह करनी चा हए थीrsquo
मझ चद ही सकड बाद एक जवाब मला -rsquo डट वरी अबाउट इटrsquoम बत पसोपश म पड़ गया था इस लए मन अपना फोन रख दया
आ खर वह चाहती या ह लड़ कया कभी कछ सीध-सीध य नह बोल सकतडट वरी अबाउट इट या वह कवल फॉमल होन क को शश कर रही ह या उसकामतलब यह था क मन उस कस कया तो कोई बात नह और मझ इसक लए चता करनक जरत नह ह सबस जरी सवाल यह था क हमारा चटर लोज हो गया था याएक नया चटर खल गया था
म उसस इन तमाम सवाल क जवाब जानना चाहता था ल कन मझम हमत नहथी
ल कन म यह भी नह चाहता था क चीज इसी तरह बीच म अटक रह जाए एककस और उसक बाद उसक खामोशी न मझ भीतर स तोड़ दया था म उस कवल एकबार कस नह करना चाहता था म उस लाख बार कस करना चाहता था या म उसइतनी बार कस करना चाहता था जतनी बार कोई लड़का कसी लड़क को एक परीजदगी म कस कर सकता ह म नह चाहता था क उसस मसजस म समटकर बातक म चाहता था क वह हमशा मर साथ हो
अब म राघव क जरा भी फ नह करता था वह वस भी अपन उस गलाबी अखबारक साथ एक भली ई कहानी हो चका था आरती एक बहतर लड़क क हकदार थी औरमझस बहतर और कौन हो सकता था हमारा कॉलज इस साल एक करोड़ पए कमानजा रहा था जब क राघव अपनी परी ईमानदारी भरी ा तकारी जदगी म भी अपन खद कएक करोड़ पए नह दख सकता था मर दमाग म य सार वचार उसी तरह उड़न लगजस पजरा खोल दन पर प रद उड़ जात ह
lsquoबत आrsquo मन जोर स कहा और अपना फोन उठा लया
lsquoआई लव यrsquo मन मसज लखा और सड बटन पर अपना अगठा रख दया
ल कन फर मन वह मसज डलीट कर दया और उसक बजाय एक और मसज लखा-rsquo आई मस यrsquo यह पहल वाली क तलना म सॉट मसज था ल कन फर मन उस भीहटा दया
म फर अपनी फाइल क पास चला आया ल कन म एक वाय भी नह पड़ पा रहाथा मन अपनी आख मद ल मझ फौरन उसक बदन क गमाहट याद हो आई जब मनउस बाह म पर रखा था मझ हवा क कारण अपन चहर पर गरत उसक बाल क लटयाद हो आई और फर मन एक बार फर उस पल क कपना क जब मन उस चमा था
मर फोन क घट बजी उसका फोन था मर भीतर का एक हसा फोन नह उठानाचाहता था ल कन मन एक रग म ही फोन उठा लया
lsquoहायrsquo उसन कहा
lsquoआरतीrsquolsquoहाrsquo उसन कहा
lsquoउस दन मन अपनी हद पार कर ली थीrsquo मन कहा
lsquoइस बात को बार-बार मत कहोrsquo
lsquoया सब ठ क ह रयलीrsquo मन कहा
lsquo रयली तह पपर कसा लगा ईमानदारी स जवाब दनाrsquoम हरान था क उसन कतनी आसानी स वषय बदल लया
lsquoएक पज पर काय ाह मण वर सर पज पर मगा-रवोयशन अजीब बात नहहrsquo
lsquoमन तह पहल ही बताया था ना पपर इसी तरह सबक नजर म आएगाrsquo उसनकहा
lsquoपाठक क इस बार म या त या हrsquo मन कहा
lsquo र ॉस तो माइड-जोइग हrsquo द नकrsquo वाल राघव क एस-बॉस न उस ब धाई दन कलए क कॉल कया वह इतनी उसा हत थी क हकलान लगी
lsquoवल मझ अखबार क बार म भला या पता य दrsquo द नकrsquo वाल पसद कर रह ह तोअ ा ही होगाrsquo मन सपाट तरीक स कह दया
lsquoतमन तो अभी कछ नह दखा ह राघव कछ बड़ी टोरीज पर काम कर रहा हrsquolsquoटrsquo मन कहा मरा लहजा अब थोड़ा नम पड़ा था
lsquoसॉरी म कवल उसक बार म बात नह करना चाहती थी ल कन पहला अक दखकरम बत रोमा चत हो गई थी मन होटल लॉबी म भी कछ कॉपी रखी हrsquo उसनखल खलात ए कहा
lsquoआई एम योर ट रट को यह दखकर बत अ ा लगगा क हमार दश क कसीबारह बजी ई हrsquo
lsquoया शायद व ववा हक पसद कर आरती न कहा लगता था जस वह शाम अब एकर क याद बन गई हो लड़ कया कतनी आसानी स ऐसा दखावा कर लती ह मानो कछआ ही न हो या व अपन दमाग स याद को मटा दती ह उह एक तरफ बहार दती हया व कवल बत अ एटस होती ह
lsquoआरती मन कहा
lsquoयाlsquoया हो य द म rsquo मन कहा और क गया
lsquoया हो य द म याrsquo उसन कहा
उसन सवाल पछ लया था अब यह मझ पर था क या तो म बच नकल या कोई ऐसीचलताऊ चीज कह जो म साल स कहता आ रहा था जसrsquo या हो य द म क क तम
अम जग होrsquo या म कसी मन क तरह उस कह सकता था क म वातव म या चाहता फर चाह ऐसा कहन क बाद वह मझस कभी बात न कर मन सरा वकप चना
lsquoया हो य द म तह एक बार फर कस कर लrsquolsquoगोपालrsquo उसन कहा उसक आवाज म हरत भरी थी
lsquoइतनी सराइ मत होओ हमन कस कया था याद हrsquolsquoमझ नह पता या आ थाrsquo उसन कहा आ खर ऐसा कस हो सकता ह क उस
कछ पता ही न हो या आ थाlsquoइस सवाल स बचन क को शश मत करोrsquo मन कहा
lsquoयाrsquo उसक आवाज म एक अजब-सी झझक थी
lsquoया हो य द म तह फर कस कर लrsquo मन अपना सवाल दोहराया
lsquoमझ नह पताrsquo उसन कहा
उसन हा तो नह कहा था ल कन उसन गस म आकर फोन भी नह रखा
lsquoम ऐसा फर कर सकता rsquo मन कहा
lsquoनह ऐसा मत करनाrsquolsquoमन यह नह कहा क म कगा मन इतना ही कहा क कर सकता rsquolsquoया हम कसी और चीज क बार म बात नह कर सकतrsquo उसन कहा
lsquoहम फर मलrsquo मन कहा
lsquoकहाrsquo उसन कहा एक बार फर उसन न ना कहा न हा उसन यह भी नह पछा ककब उसन कवल जगह पछ इसका यह मतलब था क वह मझस मलना चाहती थीजब क मन उस चतावनी द थी क म उस फर कस कर सकता मर दमाग म एकदजन माइलीज तरन लग
lsquoम काम क बाद तह मलगा तहारा काम कब तक परा हो जाता हrsquolsquoछह बज ल कन आज नह राघव क यहा कछ दोत आन वाल ह पहल अक क
खशी मrsquolsquoपाट rsquolsquoहा पाट जसा ही कछ सादा -सा कायम रहगा राघव क पास पाट करन क पस
नह ह सब कछ पपर म लग गयाrsquo
lsquoतम चाहती हो क म उस कछ पस rsquo मन इस वाय क एक-एक शद का मजा लतए कहा
lsquoटॉप इट गोपाल तो कल छह बजrsquolsquoम तह कॉल कर लगा मन कहा
lsquoओक हम कहा जाएगrsquo उसन कहा
lsquo कसी ाइवट जगह पर मन कहा
वह एक पल क लए क
lsquoजहा हम बात कर सक rsquo मन आग जोड़ दया
lsquoअ ा मझ बता दनाrsquo
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lsquoआप 2105 म ह मटर माrsquoमन रमाडा म एक म बक कराया था मन एक रात बतान क पाच हजार पए
चकाए थ
lsquoया हम लगज ल जान म आपक मदद कर सकत ह सरrsquo रसशन पर खड़ी म हलान मझस पछा
lsquoमर पास बस यही ह मन अपन बग क ओर इशारा करत ए कहा
lsquoय आरती ह रसबा नट न कहाrsquo और य आपको अपन म तक ल जाएगीrsquoआरती न अपन कयटर स नजर उठाकर दखा उसका मह खला का खला रह गया
lsquoहलोrsquo मन यथासभव उदासीनता दखात ए कहा
lsquoओह हाय आई मीन गड ईव नगrsquo उसन हड़बड़ात ए कहा
lsquoआरती य मटर गोपाल मा ह गगाटक क डायरटर य 2105 म क ह लीजइह इनक म तक ल जाओrsquo
lsquoयोर योरrsquo आरती न कहा वह अब भी शॉड थी
वह खड़ी हो गई हम ए लवटर क ओर बड़ हाउसक पग टाफ का एक सदयहमार साथ ए लवटर म दा खल आ हम बात नह कर सक सकड लोर कॉ रडोर मजाकर ही वह कछ कह पाई
lsquoगोपाल तम यहा या कर रह होrsquo उसन फसफसात ए कहा ल कन वह मझस दोकदम आग-आग चलती रही
मन एक कहानी गढ़ रखी थी म उस यह नह बता सकता था क मन हम-दोन कलए म बक कराया ह
lsquoहमार एक सी नयर गट फकट लदन स आन वाल थrsquolsquoतोrsquolsquoउहन आ खरी व म अपना ोाम क सल कर दया हम पहल ही इस म क
लए प कर चक थ तो मन सोचा क य न म ही रमाडा क हॉ ट लट क मज लrsquolsquoया तम मझ तो बतात म तह पसा रफड करवा दतीrsquo
lsquoरहन दो म इसस पहल कभी कसी फाइव टार होटल म नह का एक बार इसभी आजमा लत हrsquo
हम 2105 म पच उसन मन टक क काड स म खोला वह अपनी य नफॉम मखबसरत नजर आ रही थी उसन फॉमल साड़ी पहन रखी थी और उसक बाल जड़ मकसकर गथ ए थ
मन बड पर अपना बग रख दया
lsquoतम म क फ चस जानना चाहोगrsquo उसन पछा
lsquoनह मन मकरात ए कहाrsquo कोई मझ पहल ही उनक बार म बता चका हrsquolsquoतम पागल हो गोपालrsquo उसन कहाrsquo एनीव अब मझ चलना चा हए
lsquoम म म एक सगल-सीटर सोफ पर बठ गयाrsquo को नाrsquo मन कहा
lsquoनह म ड यट पर rsquolsquoछह बज क बाद साढ़ पाच पहल ही बज चक ह मन कहा
lsquoम गट म म नह जा सकतीrsquolsquoल कन तम इस गट को जानती हो मन कहाrsquo बस दो मनट क लएrsquoवह दरवाज तक गई और जतना हो सकता था उस बद कर दया ल कन उस लॉक
नह कया वह डक क करीब एक कस पर बठ गई और मझ ताकन लगी
lsquoया आrsquo मन कहा
lsquoतमन यह सब लान तो नह कया था नाrsquo उसन पछा
lsquoहाट लान फकट न ही अपना लान क सल कर दया मन कहा
lsquoफकट का नाम या हrsquo उसन पछा
lsquo मटर एलनrsquo मन कहा
lsquoओह रयली कौन-स कॉलज सrsquolsquoवrsquo मन झझकत ए कहा
lsquoदखा झठ बोलना बद करोrsquo उसन कहा
lsquoभला मझ कॉलज क बार म कस पता चलगा डीन को पता होगा मझ कवल इतनाही पता ह क हमन एक म बक कया था और म यहा चला आयाrsquo
उसन सर हलाया
lsquoतहारा काम खम होन क बाद कछ दर यह समय बतात हrsquo मन कहा
lsquoल कन कसrsquo उसन कहाrsquo यह अलाउड नह हrsquolsquoतम या हमशा व ही काम करती हो जो अलाउड हrsquolsquoनह तो उसन कहाrsquo ल कनrsquolsquoतमम हमत नह ह मन कहा
lsquoऐसी बात नह ह उसन कहा और उठ खड़ी ईrsquo तम जानत होrsquolsquo कसी को पता नह चलगाrsquo मन कहाrsquo काम खम करो और यहा जाओ हम खाना
खाएग एकाध घट म चल जानाrsquolsquoऔर य द म स वस न मझ दख लया तोrsquo उसन कहा
lsquoजब व आए तब टॉयलट म छप जानाrsquo मन कहा
lsquoयह तो बत अजीब होगाrsquo उसन कहा
lsquoओक म तहार आन स पहल ही ऑडर कर गा सड वचस लोगीrsquoउसन अपना नचला हठ चबाया और मर सझाव पर कछ दर सोचती रहीrsquo lsquoफाइनrsquo
उसन सास छोड़त ए कहाrsquo ल कन तह यान रखना होगा क जब म आऊ या यहा सजाऊ तब टाफ का कोई यहा न होrsquo
lsquoयोर म कॉ रडोर म ही खड़ा रगा तह फोन पर ीन सनल द गाrsquoवह मर पास आई और मर सर पर हक -सी चपत लगाईrsquo तम भी न मझस कस
-कस काम करवात होrsquo उसन कहा और कमर स चली गई
मन एक लब सड वच चॉकलट कक और वाइन क एक बॉटल ऑडर क मन एकशॉवर भी लया और इतन श और गम पानी का इतमाल कया जतना म नॉमली परहत म करता
उसन मझ साढ़ छह बज कॉल कयाrsquo कॉ रडोर चक करोrsquoम म स बाहर आयाrsquo सब ठ क हrsquo मन कहा साथ ही म अपना सर दाए और बाए
घमात ए लगातार कॉ रडोर का मआयना कर रहा था
दो मनट बाद हम कमर म थ और दरवाजा अ तरह लॉक था शट खम होन कबाद उसन चज करक एक सफद बटन डाउन शट और जीस पहन ली थी
lsquoतह पता ह तम ट पड होrsquo उसन बतर पर धम स बठत ए कहा उसन अपनाहाथ नाटक य प स अपन सीन पर रख रखा थाrsquo मरा दल कतनी तजी स धड़क रहा
हrsquolsquo रलस मन कहा
वह हस पड़ीrsquo तम लक हो क यहा अभी तक कॉ रडोर सीसीट वी नह लगाए गए हनह तो म यह टट नह कर पातीrsquo
lsquoतो मरी टाइ मग सही थी मन कहाrsquo भख लग रही हrsquoमन सड वच लट का सवर कवर खोला
lsquoभख क मार जान नकली जा रही ह उसन कहा
मन सड वच पर कछ च ाइज और सलाद लगा दयाrsquo आओ चलो खात हrsquolsquoम बत थक गई म आठ घट तक ऐ ड़य क बल खड़ी थी या म बतर पर
बठकर खा सकती rsquolsquoयोर मन कहा मन उसक ओर लट बढ़ा द फर मन अपन याल म रड वाइन
उड़ल द
lsquoतमन वाइन क एक परी बॉटल ऑडर क थीrsquo उसन कहा
मन कध उचका दए
lsquoतमन कग कब स श कर द rsquo उसन कहा
lsquoशला -जी न मझ सब कछ सखा दया ह मन कहा
lsquoतह वाइन अ लगती हrsquolsquoम आमतौर पर हक लता ल कन मन सोचा क तम वाइन पसद करोगीrsquolsquoमझ वाइन पसद ह ल कन मझ अभी नह पीना चा हए यह मरा वक लस हrsquolsquoएक गलासrsquo मन जोर दत ए कहा
उसन धीम -स सर हलाया और गलास ल लया
lsquoराघव यादा नह पीता कभी-क भी तो वह बत बोर लगता ह उसन कहा और सपलयाrsquo नाइस या ह यrsquo
lsquoजकोस क ॉम ऑ लया मन ऑ लया क नाम पर जोर दत ए कहा मझवह बोतल दो हजार पय क पड़ी थी ल कन
मन क मत का ज नह कया
lsquoअ ह यह मझ पर बत जद असर करगीrsquolsquo चता मत करो मरा ड़ाइवर तह घर छोड़ आएगाrsquo मन कहा
उसन दोन हा थ म कसकर अपनी सड वच पकड़ ली और इस तरह खान लगी जसवह कसी सखात स आई हो
lsquoधीर-धीर मन कहा
उसन खात -खात ही जवाब दयाrsquo मन सबह क नात क बाद स ही कछ नह खायाहrsquo
lsquoजब तम कल म थ तब भी इसी तरह अपन चहर पर खाना लगा लती थ मन उसछड़त ए कहा
lsquoबशत तम मर लए कोई खाना छोड़ दतrsquolsquoह मन कवल एक बार तहारा ट फन चराया था और वह भी आ धा म आज तक
उस गनाह क सजा भगत रहा rsquo मन कहा
lsquoओह रयलीrsquo उसन कहाrsquo ट चर न तो तह कवल एक पी रयड क सजा द थीrsquolsquoल कन म अब भी तहार साथ अटका आ rsquo मन उदास सरत बनात ए कहा
उसन अपनी लट स एक च ाय उठाई और मझ पर फ क मारी उसका नशानाचका वह सोफ पर जा गरी
lsquoऊस उस जद स उठाओ लीज म अपन ही होटल को गदा नह कर सकतीउसन कहा