12

किसm भm सहायता िे कियेफेसबnि पर संपिक िरें files/junk pdf/SCIENC… · हाआड्रा में नबना

  • Upload
    others

  • View
    2

  • Download
    0

Embed Size (px)

Citation preview

  • किसी भी सहायता िे किय ेफेसबिु पर संपिक िरें – किकति गपु्ता

    Most Important Question Biology Hindi Notes िगीकरण की सबसे छोटी आकाइ जानत (species) है I किक की कोजिका धभनत काआटीन की बनी होती है I कैरोलस लीननयस को िनगिकी का नपता कहा जाता है I जीिाण ुतथा नीलरहहत िैिाल मोनेरा जगत के संबधंधत है I प्रोटटस्टा जगत के ऄतंगगत एककोिकीय जीि अते है I ऐननमेजलया जगत के ऄंतगगत बरृकोिकीय तथा यूकैटरयोटटक जतं ुअत ेहैं I लीननयस ने जीिों के नामकरण की द्वद्वनाम पद्धनत निकजसत की थी I ऄरस्त ुको जीि निज्ञान का नपता (father of Biology) कहत ेहैं I ब्रायोफाआटा को “पादप िगग का ईभयचर “कहत ेहैं I पौधों में ऄद्धगसूत्री निभाजन के जलय ेपरागकोि सबसे ईपयुक्त भाग होता हैं I जीिाणुभोजी ,जीिाणु को संक्रधमत करने िाला निषाणु हैं I अलू एक कंद है I स्टाचग एक पॉलीसैकेराआड है I हटरत पादप प्रथम पोषक स्तर के ऄंतगगत अत ेहै I ”ऄल्फाल्फा ” एक प्रकार की घास है I एम्बिलका ओद्वफजसनौजलस ,ऄफीम का िास्तनिक नाम है I जजम्नोस्पमग िगग के पौध ेनग्नबीजी होते हैं ,ऄथागत आनके बीज फलों के ऄंदर नइ होत ेI थैलोफाआटा िगग के पौध ेमुख्यतः जलीय पादप होते हैं I टेटरडोफाआटा िगग के पौध ेका िरीर जड़, तना तथा पती में निभाजजत होता हैं I अथोपोडा संघ जंतु जगत का सबस ेबड़ा सघं है I पोरीफेरा संघ के जीिो को सामान्यतः स्पंज के नाम से जाना जाता है I सीलेंटरेटा संघ के जंत ुजलीय होते हैं जजनका िरीर दो कोजिकाओ ंकी दो परतों का बना होता

    है I मोल्लका िगग के जीिधारी द्वीपार्श्गसमधमत होत ेहैं I आकाआनोडमेटा जतंुओ ंमें निजिष्ट जल संिहन नालततं्र पाया जाता है l

    https://nitin-gupta.com/https://www.facebook.com/gupta.nitin64

  • किसी भी सहायता िे किय ेफेसबिु पर संपिक िरें – किकति गपु्ता

    बट्रीब्रेटा (किेरुकी ) सिागधधक निकजसत जंतुओ ंका िगग है l द्वद्वनाम पद्धनत का जन्मदाता कैरोलस लीननयस है l साआनोबैक्टीटरया को प्रथम प्रकाि – संश्लेषी जीि मन जाता है l िाआरस न्यूद्वकलयो प्रोटीन से बने होत ेहैं l डब्ल्य०ू एम्० सै्टनल ेको िाआरस के द्वक्रस्टल के रूप में सबसे पहल ेपृथक करने का शे्रय प्राप्त है

    l जंतु जजनमें परस्पर जनन होता है , जाती स्तर पर सब समान होता हैं l चपटे कृधम , जसलेटे्रटा, पोटरफेरा एिं प्रोटोजोअ िगग के जंतओुं में देहगुहा नहीं पाइ जाती है l िास्तनिक देहगुहा का ननमागण भ्रणूीय पटरिधगन के धमसोडमग ऄिस्था से होता है l काआटटन यकु्त बाह्य कंकाल कीटों में पाया जाता है l “जससे्टमा नेचूरी” नमक पुस्तक के लेखक “कैरोलस लीननयस ” है l हाआड्रा में नबना मस्तस्तष्क का तंद्वत्रका तंत्र होता है lक्षारीय मदृा में हेलोफाआट्स िगग के पौधे

    ऄच्छी िृधद्ध करत ेहै l सिगप्रथम जे० सी० बोस ने बताया की पेड़ पौधों में जीिन है l चमगादड़ ईड़न ेिाला स्तनपायी है l वे्हल सबसे बड़ा स्तनपायी है l दलहन में नाआट्रोजन स्थस्थरीकरण की क्षमता होता है l ईत्सजी ततं्र का गुण पादपों में नहीं पाया जाता है l थैलोफाआटा को ” पादप िगग का ईभयचर ” भी कहा जाता है ल हाआड्रा में रुधधर नहीं होता, द्वफर भी िह र्श्सन करता है l अथोपोडा में काआटटन युक्त ईपचमग का बना बाह्य कंकाल पाया जाता है l झींगा मछली , के्रद्वफि तथा जसल्ऱर द्वफि अथोपोडा संघ के जीि हैं l ऑक्टोपस मोलस्का संघ के जंत ुहैं l मोलस्का संघ के कुछ जतंुओ ंमें नील ेया हरे रंग का रुधधर हहमोसायननन के कारण होता है l ईत्क्रम ऄनलुेखन की द्वक्रया DNA से DNA का ननमागण है l DNA द्वद्वगुणन का सही निधध निधध ऄधधपटरधमत है I प्रोकैटरयोट्स तथा यकैूटरयोट्स का मखु्य ऄंतर कें द्रक कला की ऄनुपस्थस्थनत है I

    https://nitin-gupta.com/https://www.facebook.com/gupta.nitin64

  • किसी भी सहायता िे किय ेफेसबिु पर संपिक िरें – किकति गपु्ता

    िाटसन तथा द्वक्रकन ेB-DNA मोडल हदया है I राआबोसोम्स प्रोटीन तथा टी.अर.एन.ए. के बने होत ेहै I राआबोसोम कलानिहीन कोजिकांग है I प्रोटीन सशं्लेषण में ऄंतः द्रव्यी जाजलका और राआबोसोम कोजिकांगो की भूधमका महत्वपूणग है

    I डी.एन.ए. पॉजलमरेज़ एंजाआम न्यूक्लिओटाआड्स से DNA संश्लेषण में काम अता है I कें द्रक (Nucleus) के ऄनतटरक्त माआटोकाण्ड्रड्रया (Chloroplast) तथा हटरत लिक में

    DNA पाया जाता है I प्रोकैटरयोटटक कोजिकाओ ंमें र्श्सन (Respiration) का कायग मीसोसोम (Mesosome)

    करत ेहै जबद्वक यूकैटरयोटटक कोजिका में र्श्सन का कायग माआटोकाण्ड्रड्रया करत ेहै I कोजिका धभनत (Cell wall) पौधों में ईपस्थस्थत होती है जबद्वक जंतुओ ंमें ऄनुपस्थस्थत होती

    है I कोजिका झझल्री (Cell membrance) एक ऄद्धगपारगंब झझल्री(semi permeable

    membrance) होती है I यह कुछ निजिष्ट ऄणुओ ंको ही ऄपन ेअर -पार जान ेया अने देती है I

    प्रोटीन का ननमागण या प्रोटीन का संश्लेषण (protein synthesis)राआबोसोम की सहायता से होता है I

    माइटोकॉंण्ड्रड्रया को कोजिका का पािर हाईस (powerhouse of the cell) भी कहा जाता है क्योंद्वक आसमें र्श्सन द्वक्रया के दौरान भोजन के निखडंन से उजाग ईत्पन होती है जो ATP( Adoenosine triphospate) के रूप में सँधचत रहती है I

    गॉल्जीकाय (Golgi body) का मखु्य कायग कोजिका (cell) द्वारा सशं्लेनषत प्रोटीन,िसा अहद की पैकेजजिंग करना है I

    गॉल्जीकाय को कोजिका के ऄणुओं के traffic controller भी कहा जाता है I लाआसोसोम (lysosome) को अत्महत्या की थैली कहा जाता है I हटरत लिक (Chloroplast) को कोजिका का रसोइघर(Kitchen of the सेल) भी कहा

    जाता है क्योंद्वक आसमें प्रकाि संश्लेषण की द्वक्रया द्वारा भोजन का ननमागण होता है I

    https://nitin-gupta.com/https://www.facebook.com/gupta.nitin64

  • किसी भी सहायता िे किय ेफेसबिु पर संपिक िरें – किकति गपु्ता

    जीिाण ु(Bacteria) तथा नील हटरत िैिालों (Blue green algae) की कोजिकाएं प्रोकैटरयोटटक कोजिकाए ंहोती है I

    ऄधगसूत्री निभाजन के प्रोफेज 1 की पकैीटीन (pachytene) ऄिस्था में क्रॉजसिंग ओिर (Crossing over) की प्रद्वक्रया होती है I आस प्रद्वक्रया में माता तथा नपता दोनों की ओर से अए समजात गुणसतू्र (Homologous chromosome) के क्रोमैटटड एक -दूसरे को, एक या ज्यादा स्थान पर क्रॉस करत ेहैं आसके दौरान क्रॉस के स्थानों पर एक क्रोमटैटड का टुटा भाग, दूसरे क्रोमैटटड के टूटे स्थान से जुड़ जाता है I यही प्रद्वक्रया क्राजसिंग ओिर (Crossing over) कहलाती है I आसके द्वारा जीनों में पुनरसंयोजन होता है और सतंान में नए गणु ईत्पन्न होते है I

    समसूत्री निभाजन में संतनत कोजिका में गणुसूत्रों की संख्या पैतृक कोजिओका के समान रहती है I

    ऄधगसूत्री निभाजन (Meiosis) में संतनत कोजिकाओं में गणुसूत्रों की सखं्या पैतृक कोजिका से अधी रह जाती है I

    ऄननयंद्वत्रत समसूत्री निभाजन(Uncontrolled mitosis) से कैं सर हो जाता है I समसूत्री निभाजन िृधद्ध,मरम्मत अहद के जलय ेअिश्यक होता है I RNA में थायमीन (T) के स्थान पर यूरेजसल (U) नामक नपटरधमडीन क्षार पाया जाता है I बुढ़ाप ेके जलय ेAgeing gene जजम्मेदार होता है I कुछ जीिाणुओं जैस ेराआजोनबयम के ऄदंर Nif gene होता है जजसकी सहायता से य ेजीिाण ु

    नाआट्रोजन का स्थस्थरीकरण (Nitrogen fixation) करने में सक्षम होत ेहै I लिी हहियों के जसरे पर लचीली संधायी गहिया ंईपास्थस्थ की बनी होती है I रेझखत एि ंऐस्तच्छक पेजिया ँपादों में पाइ जाती है I तंद्वत्रका कोजिकायें एक्टोडमग की भ्रणूीय

    स्तर से बनती है I मास्ट कोजिकायें सीरोटोननन,हहपैटटन तथा हहसे्टमीन का स्त्रािण करती है I तंद्वत्रका उतक, ईतेजनिीलता का कायग करती है I स्तननयों में कुरफर कोजिकायें यकृत में पाइ जाती है I िरीर म ईतको का ननमागण प्रोटीन से होता है I तंद्वत्रका तंत ुसंयोजी उतक के घटक नहीं होत ेहै I

    https://nitin-gupta.com/https://www.facebook.com/gupta.nitin64

  • किसी भी सहायता िे किय ेफेसबिु पर संपिक िरें – किकति गपु्ता

    रेझखत पिेी में मायोजसन एिं ऐस्तक्टन प्रमुख प्रोटीन होत ेहै I माआटोकॉंण्ड्रड्रया की ईपस्थस्थनत में िरीर में कुछ उतक, जैस ेद्वक पजेिया,ँ ऄन्य उतकों से

    ऄधधक सद्वक्रय होते है I रुधधर भी एक प्रकार का उतक है I उतक िब्द का प्रयोग सिगप्रथम नििैट( Bichat) ने द्वकया था I रुधधर एिं कोजिकाओ ंके बीच रासायननक अदान-प्रदान उतक द्रि के माध्यम से होता है I ठोस ऄन्तरांगों जैस-े जजह्वा, द्वकडनी, यकृत, नतल्री अहद पर आपीधथजलयम उतक का

    रक्षात्मक अिरण होता है I त्वचा पर चोट लगने के बाद आसका पुनरुदभिन धनाकार ईपकला के द्वारा होता है I एंडोथीजलयम िल्की कोजिकाओ ंकी बनी होती है I मास्ट कोजिकाए ँसयंोजी उतक में धमलती है I स्नाय ुएिं कंडराए ँसयंोजी उतक है I कंकाल मीसोडमी होता है I त्वचा को ”Jack of All Trades” भी कहत ेहै I काली त्वचा पर सयूग द्वक पराबैँगनी द्वकरणों का कम प्रभाि पड़ता है I मस्तस्तष्क,मेरुरज्जु और तंद्वत्रकाए ँसभी तंद्वत्रका उतकों द्वक बनी होती है I ह्रदय पजेियाँ केिल हृदय धभनत (Heart wall) में पाइ जाती है I ह्रदय पिेी में ऄत्यधधक मात्रा में माइटोकॉंण्ड्रड्रया पाया जाता है I ह्रदय की पजेियों के सकुंचन का ननयंत्रण, तंद्वत्रका का ततं्र के ननयतं्रण में न होकर स्वय ंपजेियों

    के ननयतं्रण में होता है I पेजियों में लैस्तक्टक ऄम्र की ऄधधक मात्रा में जमा होन ेसे थकािट का ऄनुभि होता है I पेजिया ँमानि िरीर का औसतन 40% से 50% भाग बनाती है I पेिी ततंु के अिरण को साकोलेमा एिं आसमें पाए जान ेिाल ेद्रि को साकोप्लाज्मा कहा

    जाता है I कंडरा पिेी को हिी से जोड़ती है I औनतकी(Histology) उतकों के ऄध्यन को कहते है I ऄंतिगतीय ईपकला उतक मूत्रािय तथा मूत्रिाहहननयों के भीतरी दीिार का ननमागण करते है I

    https://nitin-gupta.com/https://www.facebook.com/gupta.nitin64

  • किसी भी सहायता िे किय ेफेसबिु पर संपिक िरें – किकति गपु्ता

    िरीर की निधभन्न द्वक्रयाओ ंका ननयंत्रण तथा ननयमन तदं्वत्रका तंत्र (Nervous system) द्वारा द्रतु गनत से होता है I

    Iमनुष्य की अँख म द्वकसी िस्तु का प्रनतनबि दृधष्टपटल (रेटटना) में बनता है I मनुष्य के अहार नाल में दो ऄििोषी ऄगं सीकम एिं िमीफामग एपेंहडक्स है I काबगन मोनो-ऑक्ससाआड निषाक्तता रक्त की ऑक्सीजन के िहा ंक्षमता को प्रभानित करती है

    I मुखगुहा का एंजाआम टायजलन (एमाआलेज) स्ट्टे्रच को माल्टोज में बदलता है I डायजलजसस, द्वकडनी से संबंधधत है Iऄग्न्यािय ऄंतः तथा बहहःस्रािी ग्रंधथ है I िसा का पाचन अमािय से प्रारंभ होता है I काबोहाआडे्रट्स का पाचन मुखगुहा से प्रारंभ हो जाता है I ऄमािय में काबोहाआडे्रट्स का पाचन नहीं होता है I नेत्रदान म काननिया प्रयुक्त होता है I गृहणी तथा छोटी अँत में क्षारीय माध्यम में काबोहाआडे्रट्स का पाचन होता है l प्रोटीन का पाचन अमािय से होता है l पेप्सिन एक एंजाआम है l हहपेटटन नमक प्रोटीन का ननमागण यकृत में होता है l निटाधमन A तथा D यकृत में संधचत रहता है l रक्त का थक्का जमन ेकल जलय ेअिश्यक निटाधमन नेफ्थोस्थिनोन (निटाधमन K ) है l अमािय में अक्लक्सिं टटक कोजिकाओ ंसे हाइड्रोिोटरक ऄम्र का स्राि होता है l पाचन तंत्र के नपत रस में कोलेस्ट्ट्रॉल पाया जाता है l अमाश्य की दीिारों का पिेीय संकुचन पेटरस्टाल्सल्लस कहलाता है l भूख तथा तृनप्त हाआपोथैल्मस के द्वारा ननयंद्वत्रत होता है l स्वस्थ मनुष्य में लगभग5 से 2.0 लीटर अंतटरक रस का स्राि होता है l ऄग्न्याश्य द्वारा टट्रिनोजन एंज़ाआन का स्रािण होता है l आंसुजलन के ऄधधक स्रािण होन ेसे हाआपोग्लाआजसधमया नमक रोग हो जाता है l जठर रस (अमािय) पाआलोटरक ग्रंधथयों से स्रानित होता है l िसीय ऄम्र तथा प्सग्लसरॉल का ऄििोषण लसीका कोजिका द्वारा होता है l

    https://nitin-gupta.com/https://www.facebook.com/gupta.nitin64

  • किसी भी सहायता िे किय ेफेसबिु पर संपिक िरें – किकति गपु्ता

    एंड्रोगैस्ट्ट्रोन अमाश्यी स्रािण का ऄिरोधन करने िाला पदाथग है l लार का स्राि तंद्वत्रकीय ननयतं्रण में होता है l जठरीय एि ंऄग्न्यािय स्राि रासायननक एिं तंद्वत्रकीय ईददीपन के द्वारा होता है l ह्रदय गनत को ननयंद्वत्रत करने में CO2 रासायननक पदाथग की भूधमका होती है l रुधधर को िाहहननयों में जमन ेसे हहपैटरन रोकता है l मानि िरीर में सबसे मजबूत पजेिया ँजबड़े की होती है l ऄकिेरुकी जंतओुं में खुला पटरसंचरण तंत्र पाया जाता है l ह्रदय की धड़कन (Heart Beat ) संकुचन एिं जिधथलन है l मस्तस्तष्क एक्टोड़मी होता है l R . B . C . की सखं्या हीमोसाआटोमीटर यंत्र से ज्ञात की जाती है l लू्यटटनाआजजिंग हामोन ऄण्डोतसगग के जलय ेईतरदायी है l ह्रदय को रक्त परृंचन ेका कायग कोरोनरी धमनी करती है l ह्रदय धड़कन के ननयतं्रण में थायरॉक्लक्सन एि ंएड्रीनेजलन हामोन की भूधमका होता है l र्श्सन कें द्र मेडुला में स्थस्थत होता है l लजसका घाि भरन ेमें सहायता करती है l ह्रदय के निद्युत रासायननक अिेग को आलके्ट्ट्रो – काहडि योग्राम द्वारा मापा जाता है l रक्त दाब स्तिग्नोमेनोमीटर नामक ईपकरण से मापा जाता है l दाद रोग ट्राआकोफाआटान नामक किक के कारण फैलता है I मायोनपया, नेत्र का दोष है I फीताकृधम का संक्रमण सूऄर का ऄधपका माँस खाने से होता है I गटठया रोग जोड़ों में यटूरक ऄम्र के जमाि से होता है I बी.सी.जी.का ऄनिष्कार यूटरन कालमेंट ने द्वकया था I हाथी पाँि का कारक िउचेटरया बैक्रोफ्टाइ है I डेंग ूज्रर एडीज आजजप्टी नामक मच्छर से फैलता है I पोजलयो का निषाणु मरेुरज्जु के पृष्ठ श्रृंगो के उतक को नष्ट करता है I हेपेटाआटटस के जलय ेगामा ग्लोबलुीन नामक आंजेक्शन लगाया जाता है I डायटरया पाचन ततं्र को प्रभानित करने िाला प्रोटोजोअ जन्य रोग है I

    https://nitin-gupta.com/https://www.facebook.com/gupta.nitin64

  • किसी भी सहायता िे किय ेफेसबिु पर संपिक िरें – किकति गपु्ता

    स्लीनपिंग जसकनेस सी-सी मक्खी द्वारा फैलता है I प्लाज्मोहडयम फाल्लीपेरम मलटेरया परजीिी से होता है l मलेटरया परजीिी को खोज ए० लेबेरॉन ने की थी l फाआलेटरया में मनुष्य की लजसका ग्रंधथ प्रभानित होती है l कुनैन नमक मलेटरया की दिा जसनकोना के पौध ेसे प्राप्त होती है l भारत में हेपेटाआटटस – बी रोनगयों की सखं्या ऄधधकतम है l एस्तस्पटरन तथा पेन्टाजोजसन नमक औषधधयों निलो (Willow ) से प्राप्त की जाती है l कैं सर ईपचार के जलय ेकोबाल्ट 60 रेहडयोधमी तत्व का बरृतायत प्रयोग द्वकया जाता है l कैं सर कोजिकाए ंईत्तपन करने के जलय ेअन्कोजीन्स जजम्मेदार माना जाता है l रक्त कैं सर को ल्यूकीधमया कहा जाता है l आंसुजलन का स्त्रािण ऄग्न्यािय ग्रंधथ से होता है l ऄस्थस्थ तथा त्वचा कैं सर साकोमा समूह के प्रकार का कैं सर है l पेयजल में नाआटे्रट की ऄधधक मात्रा होने से ब्ल ूबेबी जसिं ड्रोम नामक रोग होता है l कुनैन दिा जसनकोना नामक िृक्ष की छाल से प्राप्त की जाती है l रोबटग कोच ने प्रमाझणत द्वकया की पिुओ ंमें होन ेिाला एंथ्रेक्स रोग सक्ष्मजीिी जीिाणओुं द्वारा

    होता है l हहप्पोके्रट्स को औषधध निज्ञान का नपता कहा जाता है l स्वाआन फू्ल नामक रोग फैलाने िाल ेिायरस का नाम आन्फ्फू्लन्फ्जा H1N1 है l लौहतत्व (अयरन) की कमी के कारण रक्ताल्पता (एनीधमया ) होता है l अयोडीन की कमी से गलघोंटू (ग्वायटर) बीमारी होती है l “आम्यूनोलॉजी’ के जनक एडिडग जेनर है l

    सूरजमुखी तेल ह्रदय रोनगयों के जलय ेईपयुक्त होता है l ज्रर में रक्त कझणकाओं में सुजम अ जाती है l जापानी आंसेफेलाआटटस एक निषाणु जननत (Viral ) रोग है l एडिडग जेनर ने चेचक के टीके की खोज की l कैं सर कोजिकाओ ंके ऄननयदं्वत्रत निभाजन के कारण होता है l हेपेटाआटटस , यकृत की बीमारी है , जो निषाणुओं द्वारा होती है l

    https://nitin-gupta.com/https://www.facebook.com/gupta.nitin64

  • किसी भी सहायता िे किय ेफेसबिु पर संपिक िरें – किकति गपु्ता

    मानि िरीर को काबोहाआडे्रट चािल , मक्का , चीनी थता िकरकंद से प्राप्त होता है l भारत में राधिय मलटेरया ननयंत्रण योजना (NMCP ) का अरंभ 1953 में रृअ l आटाइ-आटाइ रोग का कारक कैडधमयम है l MRI तकनीक में िरीर का निस्तृत प्रनतनबिंब पाने के जलय ेचुिकीय के्षत्र एिं रेहडयो तरंगो

    का आस्तेमाल द्वकया जाता है l पोजलयो एक निषाण ुजननत रोग है l टरफैम्पिजसन नामक दिा , टीबी रोग में प्रयुक्त होता है l द्वकसी जीि के द्वकसी लक्षण नििेष के पटरिद्धगन को जीन ननयंद्वत्रत करता है l िंिागनत का भौनतक अधार क्रोमोसोम को खा जाता है l “Orgin of species ” नमक पुस्तक के लेखक चाल्लग डानििन हैं l प्राकृनतक िरण के जसद्धांत के प्रनतपादक चाल्लग डानििन हैं l श्लीडन तथा रे्श्न ने कोजिका जसद्धांत के मत का प्रनतपादन द्वकया था l िंिागनत के क्रोमोसोम जसद्धांत का प्रनतपादन िाल्टर सटन ने द्वकया था l जलिं ग – सहलग्नता की खोज H मागगन ने की थी l संरचनात्मक जीन ऄिधारणा में प्रचालक , िद्धगक एि ंननयामक जीन होता हैं l मेंडल के ननयम का ऄपिाद सहलग्नता है l हीमोफीजलया , जसकल सैल ऄनीधमया तथा थेलजेसधमया एक ईत्पटरिती जीन के कारण

    होन ेिाली बीमाटरया ँहै l क्रोमोसोम की संरचना डी० एन० ए० एि ंप्रोटीन से होती है l “एक जीन एक एंजाआम ” जसद्धांत के प्रनतपादक बीहडल एि ंटैटम थे l NDRI करनाल (हटरयाणा ) के िैज्ञाननकों के भैंस का दूसरा िोन निकजसत द्वकया है l िरीर रचना के क्रसे्टजियन्स िगीकरण में लॉबस्टर सबंद्ध होता है l जैि निकास में ईत्पटरितगनों का महत्व अनिुंजिक निधभन्नताए ँहै l ऄनुिांजिक एिं निकासीय पटरितगनों की सभंािना ईन जीि – जानतयों में ऄधधक होती है ,

    जजनमें द्वद्व – निभाजन द्वारा प्रजनन होता है l जीन िब्द W . L जोहैनसन बने ने हदया था l प्रोटीन ऄणओुं का ऄमीनों ऄम्र कमग जीन द्वारा ननयंद्वत्रत होता है l

    https://nitin-gupta.com/https://www.facebook.com/gupta.nitin64

  • किसी भी सहायता िे किय ेफेसबिु पर संपिक िरें – किकति गपु्ता

    सिगप्रथम कृद्वत्रम जीन का प्रयोगिाला में संश्लेषण डॉ० हरगोनििं द खुराना ने द्वकया था l ग्रेगर मेंडल ने अनिुंजिकता पर ऄध्ययन 19िीं िताब्दी में द्वकया l चाल्लग डानििन की पसु्तक ऑन ओटरजजन ऑफ स्पीसीज 1859 इ० में प्रकाजित रृइ थी l डानििनिाद की सबसे बड़ी निधभन्ताओ ंकी ईत्पनत एि ंकारणों की व्यझखया का अभाि

    सबसे बड़ी कमी थी l जीिन संघषग में योग्यतम की ईतरजीनिता जसद्धांत चाल्लग डानििन एिं अल्फ्रेड रसेल िैलेस

    से संबंधधत है l क्रोमोसोम कम्प्प्लेक्स में पाए जाने िाल ेऄनुिांजिक पदाथग को जीनोम कहत ेहै l ऐननजलडा तथा अथोपोडा संघ का संयोजक जंत ुपटरपेटस है l जैि निकास के कमग में सरीसृप से ईड़न ेिाल ेप्रथम पक्षी अद्वकि योप्टटरक्स का निकास

    जुरैजसक काल में रृअ था l मेंडल ने अनुिंजिकी संबंधी ऄपन ेप्रयोग मटर के पौधे (गाडगन पी) पर द्वकय ेl ग्रेगर जॉन मेंडल को ” ऄनुिांजिकी का जनक ” खा जाता है l पटाउ जसन्फ्ड्रोम क्रोमोसोम सखं्या – 13 की ट्राआसोधम (Trisomy ) के कारण होता है l िणागधता को लाल – हरा ऄंधापन भी खा जाता है l हहमोद्वफलया को रक्त स्रिण रोग भी

    कहा जाता है

    https://nitin-gupta.com/https://www.facebook.com/gupta.nitin64