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योजना वेिबनार है आउट

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  • योजना

    वेिबनार है�आउट

  • योजना (�दसंबर 2019 )

    Table of Contents

    1. अमतृ (AMRUT) के मा�यम से शहर� ब�ुनयाद� ढांचे का �नमा�ण 2. �मशन इ��धनशु 2.0: साव�भौ�मक ट�काकरण के ��त भारत क� ��तब�धताउपभो�ता संर�ण

    अ�ध�नयम, 2019: उपभो�ताओ ंको सश�त बनाने हेत ुएक मह�वपणू� उपलि�ध 3. ग�तशीलता- उ�रदायी शहर� योजना 4. सहकार� मॉडल से पराल� जलाने क� सम�या का समाधान 5. �या�या�मक ��न

    Webinar Link: https://attendee.gotowebinar.com/register/7262530892706461955 * कृपया इस �लकं को गूगल �ोम का उपयोग करके खोले

    https://attendee.gotowebinar.com/register/7262530892706461955

  • योजना (�दसंबर 2019 ) का सार

    अमतृ (AMRUT) के मा�यम से शहर� ब�ुनयाद� ढांचे का �नमा�ण शहर� भारत: आकंड़ा

    ● संय�ुत रा�� �व�व शहर�करण �रपोट�-2018 के अनसुार, भारत क� लगभग 34% आबाद� शहर� म� रहती है।शहर� आबाद� का यह आकंड़ा 2011 के आकंड़ ेसे लगभग तीन ��तशत अ�धक है।

    ● 2031 तक इसम� 6% और व�ृ�ध होने क� सभंावना है तथा 2051 तक देश क� आधी से अ�धक आबाद� शहर� म� रह रह� होगी,िजसे जल आप�ूत�, �व�छता, अप�श�ट जल �बंधन और ठोस अप�श�ट �बधंन जसैी ब�ुनयाद� ढांचागत सेवाओ ंक� मांग� के संदभ� म� मह�वपणू� चनुौ�तय� का सामना करना पड़गेा।

    ● वत�मान म�, शहर� का देश के सकल घरेल ूउ�पाद म� लगभग 65% का योगदान है िजसके 2030 तक 70% तक हो जाने क� सभंावना है (म�ैक�से �लोबल इं�ट��यटू, 2010)।

    शहर� भारत: �मखु चनुौ�तयां और अवसर

    ● 2011 क� जनगणना के अनसुार, हालाँ�क 70% शहर� प�रवार� क� पानी आप�ूत� तक पहँुच थी, परंत ुकेवल 49% प�रवार� तक ह� उनके घर� तक पानी क� आप�ूत� थी।

    ● इसके अलावा, पया��त जल शोधन �मता का अभाव और आ�ंशक सीवरेज कनेि�ट�वट� के कारण, 65% से अ�धक अप�श�ट जल को खलेु ना�लय� म� �बना शोधन के बहाया जा रहा था, िजसके प�रणाम�व�प पया�वरणीय ��त और जल �नकाय का �द�ूषत हो रहे थे (CPCB, 2015)।

    ● �व�व ब�क (2011) के जल और �व�छता काय��म (ड��यएूसपी) के अनसुार भारत म� अपया��त �व�छता के कारण आ�थ�क �ि�ट से 2006 म� कुल 2.4 ���लयन �पये का वा�ष�क का नकुसान हुआ, जो भारत के GDP के लगभग 6.4% के बराबर था।

    ● सतत �वकास ल�य 6 (�वशषे �प से SDG 6.1 और 6.3) को हा�सल करने के �लए सरु��त पेयजल और अप�श�ट जल के व�ैा�नक शोधन तक पहँुच आव�यक है।

  • अटल नवीकरण और शहर� प�रवत�न �मशन (अमतृ ) आवास और शहर� मामल� के म�ंालय (MoHUA) के �मखु �मशन� म� से एक अटल नवीकरण और शहर� प�रवत�न �मशन (अमतृ ) को देश के 500 शहर� म� श�ु �कया गया था।इसका उ�दे�य देश भर के शहर� म� जल आप�ूत� और सीवरेज / अप�श�ट जल �बधंन क� चनुौ�तय� का समाधान करना था। उ�दे�य:

    ● गैर-मोटर चा�लत प�रवहन और साव�ज�नक स�ुवधाएं �दान करना, ● 54 माइल�टोन के मा�यम से सधुार लाना; ● आ�थ�क �वकास के जड़ु ेअवसर� का उपयोग करने के �लए।

    ��या�वयन :

    ● अमतृ ब�च� क� ज�रत� को परूा करने के �लए �वशषे �ावधान के साथ पानी क� आप�ूत�, सीवरेज, ना�लय�, प�रवहन और ह�रत �थान� और पाक� के �वकास से संबं�धत ब�ुनयाद� स�ुवधाओ ंको स�ुनि�चत करने के �लए एक प�रयोजना के �ि�टकोण को अपनाता है।

    ● इस �मशन के तहत, बजट आवटंन का 10% रा�य� और क� �शा�सत �देश� को �पछले वष� के दौरान सधुार� क� उपलि�ध के आधार पर �ो�साहन के �प म� �दया जाएगा।

    ● रा�य �यापक सहम�त के �लए क� � को वा�ष�क आवटंन योजना ��ततु कर�गे िजसके आधार पर धनरा�श जार� क� जाएगी।

    ● 10 लाख तक क� आबाद� वाले शहर� और क�ब� के �लए प�रयोजना लागत क� 50% क� ��य सहायता होगी और 10 लाख से ऊपर क� आबाद� वाले लोग� के �लए यह सहायता प�रयोजना लागत का एक �तहाई होगी।

    ● �मशन के तहत, रा�य� को क� � सरकार �वारा ह�तांतरण के सात �दन� के भीतर शहर� �थानीय �नकाय� को धनरा�श ह�तांत�रत क� जाएगी और क� � �वारा अ�य ��तकूल कार�वाई करने के अलावा उन पर कोई जमुा�ना नह�ं लगाया जाएगा।

    AMRUT योजना के �लए कौन आवेदन कर सकता है?

  • AMRUT योजना के तहत चनेु जाने के �लए, शहर� / नगर� को �न�न�ल�खत �े�णय� म� रखा जाता है:

    ● अ�धस�ूचत नगरपा�लकाओ ंवाले शहर और क़�बा िजनक� आबाद� 2011 क� जनगणना के अनसुार एक लाख या उससे अ�धक है।

    ● रा�य� / क� � शा�सत �देश� के सभी राजधानी या शहर जो उपरो�त मानदंड� के तहत नह�ं आ रहे ह�।

    ● HRIDAY योजना के तहत आवास या शहर� मामल� के म�ंालय �वारा हे�रटेज �सट� के �प म� वग�कृत �कए गए शहर या क�बे।

    ● तरेह शहर और क�बे जो म�ुय न�दय� के �कनारे बसे ह� और िजनक� आबाद� 75,000 से अ�धक है ले�कन 1 लाख से कम है।

    ● पहाड़ी रा�य�, �वीप� और पय�टन �थल� से सबंं�धत दस शहर। इनम� से ��येक रा�य के केवल एक शहर को AMRUT योजना के तहत चनुा जा सकता है।

    AMRUT: शहर� भारत क� ज�रत� से �े�रत

    ● सहकार� सघंवाद- रा�य सरकार� को उनके अमतृ शहर� के �लए प�रयोजनाओ ंके आकलन, अनमुोदन और मंजरू� देने का अ�धकार �दया गया है।यह इस मायने म� पवू�वत� योजना जवाहरलाल नेह� रा���य शहर� नवीकरण �मशन (जेएनएनयआूरएम) से �भ�न है िजसम� त�काल�न शहर� �वकास म�ंालय �वारा �यि�तगत प�रयोजनाओ ंको मजंरू� द� जाती थी।

    ● सं�थागत सधुार� के �लए �परेखा- AMRUT सं�थागत सधुार� पर �मखु जोर देता है, िजसका उ�दे�य ULBs को �शास�नक और सं�थागत द�ता �दान करना है।

    ● 'व�ृ�धशीलता' और �ाथ�मकता का �स�धांत- ULBs �वारा सेवा-�तर के ब�चमा�क� ग के ��त एक कदम-वार �ि�टकोण, �मशन के तहत 'व�ृ�धशीलता' का एक �स�धांत पेश �कया गया है, जो �क ब�चमाक� �ा�त करने क� ��मक ���या है। त�काल पानी और �व�छता क� ज�रत� को �वीकार करत ेहुए, रा�य� को जल आप�ूत� और सीवरेज प�रयोजनाओ ंको �ाथ�मकता देना था- जल आप�ूत� पहल� �ाथ�मकता है।

    ● दंड देने के बजाय �ो�साहन का �स�धांत- रा�य� को �ो�सा�हत करने और अपनी पहल को रचना�मक �प से परु�कृत करने के �लए, सधुार काया��वयन को AMRUT के तहत �ो�सा�हत �कया जाता है- सधुार �ो�साहन के �लए बजट�य आवटंन का 10% अलग से �नि�चत �कया जाता है।इस रा�श उपयोग रा�य / ULB

  • शयेर के साथ या इसके �बना AMRUT के �लए �चि�हंत �कसी भी मद पर �कया जा सकता है।

    शहर� सधुार : कुछ मह�वपणू� सधुार �न�नानसुार ह�:

    ● ऑनलाइन �बि�डगं पर�मशन �स�टम (OBPS)- �नमा�ण पर�मट म� ईज ऑफ डूइंग �बजनेस क� स�ुवधा के �लए, ओबीपीएस �णाल� अ�लै 2016 से �द�ल� और मुबंई म� ��याशील है। 31 माच� 2020 तक देशभर के सभी शहर� / क�ब� म� OBPS लाग ूकरने का ल�य रखा गया है।

    ● ���ट लाइ�स क� जगह एलईडी लाइ�स- इससे ऊजा� क� बचत और CO2 उ�सज�न म� कमी आई है।

    ● �े�डट रे�टगं- कुल 485 शहर� म� से 469 AMRUT शहर� को �े�डट रे�टगं द� गई है जहां �े�डट रे�टगं का काम �ारंभ हो गया है।कम रे�टगं वाले शहर अपने �दश�न को बेहतर बनाने के उपाय� का पालन कर रहे ह� ता�क वे �े�डट यो�य बन� और अपनी प�रयोजनाओ ंके �लए धन जटुाएं।

    ● �य�ुन�सपल बॉ��स- 8 �मशन शहर� (अहमदाबाद, अमरावती, भोपाल, हैदराबाद, इंदौर, पणेु, सरूत और �वशाखाप�नम) �वारा शहर� ब�ुनयाद� ढांचे के उ�नयन के �लए 2017-19 के दौरान �य�ुन�सपल बॉ��स के ज�रये 3,390 करोड़ �पये जटुाए गए ह�।

    ● यएूलबी म� बॉ�ड बढ़ाने से शासन, लेखा �णाल�, �व�, पारद�श�ता, जवाबदेह� और सेवाओ ंक� �डल�वर� म� सधुार होता है। यह नाग�रक� क� सेवा के �लए उनक� आ�म-�नभ�रता और आ�म�व�वास को भी बढ़ाएगा।

    भावी कदम :

    ● AMRUT ने शहर� �े�� म� पानी और �व�छता कवरेज को बेहतर बनाने म� उ�लेखनीय �ग�त क� है, यह 500 शहर� म� रहने वाल� 60% शहर� आबाद� को पानी क� आप�ूत� के साव�भौ�मक कवरेज और सीवरेज और अप�श�ट जल �बधंन सेवाओ ंके 60% से अ�धक कवरेज क� प�रक�पना करता है।

    ● हालां�क, वत�मान म� 4,378 शहर� म� से 3,500 से अ�धक छोटे शहर / क�बे पानी क� आप�ूत� और मल-म�ू क�चड़ और अप�श�ट जल �बधंन के �लए �कसी भी क� ��य योजना के तहत शा�मल नह�ं ह�।

  • �मशन इ��धनशु 2.0: साव�भौ�मक ट�काकरण के ��त भारत क� ��तब�धता प�ृठभ�ूम:

    ● भारत म� ट�काकरण काय��म 1978 म� भारत सरकार के �वा��य और प�रवार क�याण मं�ालय �वारा ट�काकरण के �व�ता�रत काय��म (EPI) के �प म� पेश �कया गया था।

    ● 1985 म�, काय��म को 'य�ूनवस�ल इ�यनूाइजेशन �ो�ाम' (UIP) के �प म� सशंो�धत �कया गया था, िजसे चरणब�ध तर�के से देश के सभी िजल� म� 1989-90 तक द�ुनया के सबसे बड़ े�वा��य काय��म� म� से एक के �प म� लाग ू�कया गया था।

    ● कई वष� से ट�काकरण काय��म चलाये जाने के बावजदू, यआूईपी केवल 65% ब�च� को इनके जीवन के पहले वष� म� परू� तरह से ��तर��त करने म� स�म रहा है।

    ● भारत का ट�काकरण काय��म द�ुनया म� सबसे बड़ा है, जो लगभग 26.5 �म�लयन �शशओु ंऔर 29 �म�लयन गभ�वती म�हलाओ ंको समा�हत करता है।

    ● लगातार �ग�त के बावजदू, �नय�मत ट�काकरण कवरेज म� व�ृ�ध धीमी रह� है। रा���य प�रवार �वा��य सव��ण -4 (2015-16) के अनसुार, पणू� ट�काकरण कवरेज लगभग 62% है।

    सरकार �वारा उठाए गए कदम: �मशन इ��धनषु (IMI) 2.0

    ● देश म� �नय�मत ट�काकरण कवरेज को बढ़ावा देने के �लए,भारत सरकार ने ती� �मशन इ��धनषु 2.0 श�ु �कया है ता�क ट�काकरण से छूट गए लोग� को यह स�ुवधा �दान �कया जा सके और �दसबंर 2019-माच� 2020 तक �चि�नत िजल� और �लॉक� म� ब�च� और गभ�वती म�हलाओ ंके कवरेज म� तजेी लाया जा सके सके।

    ● IMI 2.0 का ल�य 27 रा�य� के 272 िजल� और उ�र �देश तथा �बहार म� �लॉक �तर जहाँ पहंुचना थोड़ा क�ठन है(652 �लॉक) और आ�दवासी आबाद� को पणू� ��तर�ण कवरेज के ल�य को �ा�त करना है।

    ● ती� �मशन इ��धनषु 2.0 के शभुारंभ के साथ ह� भारत के पास पाँच वष� से कम उ� के ब�च� म� होने वाल� मौत� म� और कमी लाने और 2030 तक रोके जाने यो�य बाल म�ृय ुको समा�त करने का सतत �वकास ल�य �ा�त करने का अवसर है।

  • IMI 2.0 क� म�ुय �वशषेताएं:

    ● आरआई �दन, र�ववार और छु��टय� को छोड़कर 7 काय� �दवस� म� ट�काकरण काय��म के चार दौर का आयोजन।

    ● स�ुवधाजनक समय, मोबाइल स� और अ�य �वभाग� के सम�वयन �वारा ती� ट�काकरण स� का आयोजन।

    ● ट�काकरण से वं�चत, काय��म के बीच म� छूटे लोग�,ट�काकरण का �वरोध करने वाले प�रवार� और दगु�म �े�� तक पहँुच हेत ुअ�धक �यान क� ��त �कया जाना।

    ● योजना के लाभ से व�ंचत शहर� आबाद� और जनजातीय �े�� पर जोर। ● अतंर-म�ंालयीय और अतंर-�वभागीय सम�वय। ● राजनी�तक, �शास�नक और �व�ीय ��तब�धता को बढ़ाना। ● काय��म के बेहतर सम�वय और काया��वयन के �लए, ज़मीनी �तर के काय�कता�ओ ं

    जसेै �वय ंसहायता समहू�, रा���य शहर� आजी�वका �मशन (एनयएूलएम) के अतंग�त िजला �ेरक�, आशा, आगंनवाड़ी काय�कता� आ�द के सयंोजन से काय��म के संचालन के �लए एक त�ं तयैार �कया गया है।

    काय��म के ��या�वयन क� क� ��य, रा�य और िजला �तर पर �नय�मत �प से �नगरानी क� जाएगी।इसक� �नगरानी �ोएि�टव गवन�स एंड टाइमल� इ��ल�म�टेशन (PRAGATI) के तहत उ�च �तर पर क� जाएगी। �न�कष�: ती� �मशन इ��धनषु 2.0 के शभुारंभ के साथ ह� भारत के पास पाँच वष� से कम उ� के ब�च� म� होने वाल� मौत� म� और कमी लाने और 2030 तक रोके जाने यो�य बाल म�ृय ुको समा�त करने का सतत �वकास ल�य �ा�त करने का अवसर है।इस या�ा म� ट�का वा�तव म� मह�वपणू� ह�त�ेप ह�, और हमार� वत�मान क� पीढ़� क� सरु�ा के �लए मह�वपणू� ह� तथा हमार� आने वाल� पी�ढ़य� के �लए एक �व�थ कल का �नमा�ण करती है।

  • उपभो�ता सरं�ण अ�ध�नयम, 2019: उपभो�ताओ ंको सश�त बनाने हेत ुएक मह�वपणू� उपलि�ध प�रचय:

    ● उपभो�ता सरं�ण अ�ध�नयम (CPA), 1986 उपभो�ताओ ंके अ�धकार� क� र�ा के �लए अब परुातन हो गया है।

    ● इसके अलावा, यह उपभो�ता बाजार� म� तजेी से बदलाव को कवर नह�ं करता है, �वशषे �प से ऑनलाइन शॉ�पगं, टे�लशॉ�पगं, उ�पाद वापसी, असरु��त अनबुधं और �ामक �व�ापन� से संब�ंधत मामल� को।

    ● अतः इसे उपभो�ता संर�ण अ�ध�नयम, 2019 के �वारा ��त�था�पत करने क� आव�यकता महससू क� गयी।

    नए उपभो�ता सरं�ण अ�ध�नयम (CPA) क� आव�यकता �य�?

    ● उपभो�ता �यायालय� म� लं�बत मामल� क� बढ़ती सं�या और उपभो�ताओ ंको �व�रत �याय �दान करने म� �वलबं को देखत ेहुए उपभो�ताओ ंको सश�त बनाने के �लए एक नया काननू समय क� आव�यकता मांग थी।

    ● उपभो�ता सरं�ण अ�ध�नयम, 2019 उपभो�ताओ ंक� सरु�ा और फा�ट-�ैक �वक�प� का �ावधान करता है ता�क �याय तरंुत पी�ड़त उपभो�ताओ ंतक पहंुचे।

    ● नया अ�ध�नयम परुाने सीपीए, 1986 का �थान लेता है और उपभो�ता �शकायत �णाल� को और अ�धक मजबतू बनाने के �लए एक तं� का �ावधान करता है।

    ● यह उपभो�ताओ ं�वारा सामना क� जाने वाल� �वसगं�तय� और सम�याओ ंको दरू करने क� प�रक�पना करता है। म�य�थता, क� ��य उपभो�ता संर�ण �ा�धकरण क� �थापना, �लास ए�शन सटू आ�द जसेै नवीन तर�के उपभो�ता सरं�ण अ�ध�नयम, 2019 का �ह�सा ह�गे।

  • सीपीए, 1986 म� क�मयां:

    ● सीपीए, 1986 परुाना हो गया है और उपभो�ता बाजार म� तजेी से बदलाव पर �वचार नह�ं करता है। ल�ंबत मामल� क� भार� स�ंया और लगातार �थगन के कारण �याय �मलने म� देर� होती है।

    ● लं�बत मामल� के कारण उपभो�ता आयोग� पर अ�य�धक दबाव बढ़ा है और �ेता-�व�ेता अनबुधं का झकुाव �व�ेता के प� म� हुआ है।

    ● �व�भ�न उपभो�ता मंच� म� अ�य� और सद�य� के 400 से अ�धक पद ह� जो खाल� पड़ ेह�।रा�य सरकार� खाल� पद� को तरंुत भरने म� कम �दलच�पी �दखाती ह� और उपभो�ता सरं�ण का म�ुदा �कसी भी राजनी�तक दल के एज�ड ेम� सबसे ऊपर नह�ं होता है।

    ● उपभो�ता आयोग अ�य �वभाग� से ��त�नय�ुत कम�चा�रय� के साथ काम कर रहे ह�, िज�ह� �या�यक ���याओ ंका कोई अनभुव नह�ं है।

    ● यह देखा जाता है �क उपभो�ता आयोग� �वारा �दया जाने वाला �नण�य अपे�ाकृत कम �भावकार� होता है और आदेश� को लागू करवाने के �लए उपभो�ता को ऊपर से नीचे तक काफ� भागदौड़ करनी पड़ती है।

    ● मामल� के समय पर �नण�यन के �लए उपभो�ता आयोग� के अ�य� और सद�य� के बीच उ�चत सम�वय क� कमी रह� है और अ�सर दस या प�ंह �थगन क� अनमु�त द� जाती है।

  • ● रा���य आयोग / रा�य आयोग� के अ�य� को �ामक �व�ापन� से �भा�वत होकर होने वाले नकुसान के संबधं म� �वतः स�ंान लेत ेहुए कार�वाई करने का अ�धकार नह�ं है।

    उपभो�ता सरं�ण अ�ध�नयम, 2019 उपभो�ता सरं�ण अ�ध�नयम, 2019 का अथ� �या है? उपभो�ता सरं�ण अ�ध�नयम, 2019 उपभो�ताओ ंके �हत� क� र�ा के �लए एक काननू है। देश भर क� उपभो�ता अदालत� म� बड़ी स�ंया म� ल�ंबत उपभो�ता �शकायत� को हल करने के �लए यह अ�ध�नयम अप�रहाय� था। इसके पास उपभो�ता �शकायत� को तजेी से हल करने के तर�के और साधन ह�। नए अ�ध�नयम के तहत उपभो�ता क� प�रभाषा �या है? अ�ध�नयम के अनसुार, एक �यि�त को एक उपभो�ता कहा जाता है जो सेवाओ ंका लाभ उठाता है और �व-उपयोग के �लए �कसी भी व�त ुको खर�दता है। य�द कोई �यि�त �कसी व�त ुको खर�दता है और पनु�व��य या वा�णि�यक उ�दे�य के �लए �कसी भी सेवा का लाभ उठाता है, तो उसे उपभो�ता नह�ं माना जाता है। यह प�रभाषा सभी �कार के लेन-देन को कवर करती है यानी ऑनलाइन और ऑफलाइन। उपभो�ता सरं�ण अ�ध�नयम, 2019 क� म�ुय �वशषेताएं:

    ● अ�ध�नयम का उ�दे�य उपभो�ताओ ंके �हत� क� सरु�ा �दान करना और उपभो�ताओ ंके �ववाद� का समय पर और �भावी �नपटान के �लए �ा�धकरण �था�पत करना है।

    ● संशो�धत काननू का उ�दे�य उपभो�ता �ववाद� को �नपटाने के �लए अध�-�या�यक �नकाय� के �प म� उपभो�ता �ववाद �नवारण आयोग� का गठन करना है।

    ● �वधेयक उपभो�ता अ�धकार� को एक वग� के �प म� बढ़ावा देने, उनक� र�ा करने और उ�ह� लाग ूकरने के �लए एक क� ��य उपभो�ता सरं�ण �ा�धकरण �था�पत करेगा।

  • ● यह व�त ुऔर सेवाओ ंके �लए सरु�ा नो�टस जार� कर सकता है, धनवापसी का आदेश दे सकता है, व�त ुको वापस लेने के �लए कह सकता है और �ामक �व�ापन� के �खलाफ �नण�य दे सकता है।

    ● �वधेयक क� � सरकार को िजला, रा�य और रा���य उपभो�ता �ववाद �नवारण आयोग� के सद�य� को �नय�ुत करने, हटाने और सेवा क� शत� �नधा��रत करने का अ�धकार देता है।

    ● एक उपभो�ता िजसे �कसी व�त ु या सेवा म� कमी या उसके ��त��त होने से नकुसान हुआ है,उसके पास �नमा�ता, �व�ेता या सेवा �दाता के �खलाफ उ�पाद के देनदार� का दावा दायर करने क� शि�त होगी।

    ● उपभो�ता सरं�ण प�रषद� िजला, रा�य और रा���य �तर पर सलाहकार �नकाय� के �प म� �था�पत क� जाएंगी।

    ● य�द वे उपभो�ताओ ंके अ�धकार� को मह�वपणू� �प से �भा�वत करत ेह� तो यह �वधेयक अनबुधं� को 'अन�ुचत' के �प म� प�रभा�षत करता है। यह अन�ुचत और ��तबधंा�मक �यापार �यवहार� को भी प�रभा�षत करता है।

    ● िजला आयोग� के �नण�य के �व��ध अपील� रा�य आयोग �वारा सनुी जाएंगी और रा���य आयोग रा�य आयोग के �नण�य के �व��ध अपील क� सनुवाई करेगा। रा���य आयोग के �नण�य के �व��ध सव��च �यायालय �वारा सनुवाई क� जाएगी।

    ● य�द आयोग को व�तओु ंके �व�लेषण या पर��ण क� आव�यकता नह�ं है तो आयोग तीन मह�ने के भीतर �शकायत के �नपटान का �यास करेगा।

    ● इस �बल म� िजला, रा�य और रा���य आयोग� से जड़ुी म�य�थता सेल भी शा�मल ह�। य�द प� इस तरह से अपना �ववाद �नपटाने के �लए सहम�त देत ेह� तो आयोग म�य�थता के �लए मामले को सदं�भ�त कर सकता है।

    भावी कदम:

    ● 1986 के अ�ध�नयम क� तलुना म� उपभो�ता सरं�ण अ�ध�नयम, 2019 से पता चलता है �क यह �डिजटल�करण क� वत�मान यगु को �यान म� रखत ेहुए उपभो�ता �हत� के अ�धक सरं�ण के �लए �ावधान करता है।

    ● 2019 का अ�ध�नयम उ�योग म� तकनीक� �ग�त से भी संबं�धत है, �शकायत� को आसानी से दज� करने के �लए �ावधान करता है और उपभो�ताओ ंके �हत� का उ�लघंन करने के �लए �व�ेता स�हत �यवसाय� पर स�त देनदार� का भी �ावधान करता है।

  • ● 2019 अ�ध�नयम के अ�ध�नयम क� साथ�कता समय के साथ सा�बत होगी। �थम ��टया नया अ�ध�नयम 1986 के अ�ध�नयम क� तलुना म� अ�धक उपभो�ता-अनकूुल �तीत होता है और इसम� वत�मान ई-कॉमस� के उ�योग के �झान भी शा�मल ह� ।

    ग�तशीलता- उ�रदायी शहर� योजना ग�तशीलता �कस �कार �थान� के �व�प को बदल देती है?

    ● �थान� के �लए बड़ ेपमैाने पर �वासन के मह�वपणू� �न�हताथ� ह�।अ�धक �थायी आवागमन को मापने वाले पारंप�रक आकंड़� ब�ुनयाद� ढांचे और आवास पर दबाव के संदभ� म� इस तरह के �न�हताथ� का अनमुान लगात ेह�।हालां�क, एक और पहल ूहै जो परू� तरह से �वास के अ�थायी �प के साथ जड़ुा हुआ है।

    ● �वा�सय� के अ�थायी �प वे लोग ह� जो शहर क� अथ��यव�था म� योगदान करत ेह� जबतक वे वहां रहत ेह�, ले�कन उनके �यास उन �थान� से �नद��शत होत ेह� जहाँ से वे आत ेह� अथा�त ्�ोत �े�� से।यह वह जगह है जहाँ वे �ेषण, �नवेश, संप�� �नमा�ण और रा�य के राज�व के संदभ� म� योगदान करत ेह�।

    ● दसूर� ओर, वे आ�थ�क �वाह और उ�पादन म� मह�वपणू� योगदान देत ेह�, शहर से कम ससंाधन� को बाहर ले जात ेह�, और नए �वचार� तथा चीज� को करने के तर�के लात ेह�।

    ● काम और आ�थ�क कारण इस तरह के �वास के �लए सबसे बड़ ेवाहक हो सकत ेह�, �श�ा और �वा��य ससंाधन भी उसी के परूक कारण हो सकत ेह�। ये शहर क� ब�ुनयाद� स�ुवधाओ ंऔर सेवाओ ंपर �व�श�ट मांग पदैा करत ेह�।

    ● इन ज�रत� क� उपे�ा लोग� को �वय ंके समाधान खोजने के �लए �े�रत करती है। इसके बाद सड़क ज�ंशन चाय-ना�त ेके �टाल�, आराम करने के जगह�, फुटपाथ� आ�द के �प म� एक 'अडा' म� बदल जाता है और सड़क� लोग� के एक��त होने के �थान� के �प म� बदल जाता है।

    ● दसूर� ओर, �वास के �लए स��य �ि�टकोण से शहर क� अथ��यव�था और शहर क� जीवंतता के �लए मह�वपणू� लाभ हो सकत ेह�।

    भावी कदम:

  • ● व�तिु�थ�त से प�र�चत �थानीय सरकार� ह� ऊपर चचा� क� गई चनुौ�तय� से �नपटने म� स�म ह�गी।

    ● इस�लए वत�मान क� रा�य सरकार वाल� नी�तगत नी�त से हटकर और �थानीय सरकार� को ऐसे म�ुद� को पहचानने, डटेा एक� करने और �वास जसेै ग�तशील म�ुद� से �नपटने के �लए शि�तय� और ससंाधन� से ससुि�जत करने क� आव�यकता है।

    सहकार� मॉडल से पराल� जलाने क� सम�या का समाधान संदभ� :

    ● स�द�य� के आगमन के साथ ह� उ�र भारत म� हवा क� गणुव�ा �बगड़ने लगती है। �मॉग (धएंु और कोहरे का �म�ण) का एक मोटा परत रा���य राजधानी �े� के वातावरण म� �बछ जाता है जो ��यता को कम करता है और या��य� के �लए यह क�ठन समय होता है।

    ● पराल� जलाने के कारण वाय ु�दषूण के �लए पंजाब और ह�रयाणा दोन� िज�मेदार ह�। पराल� जलाने के कारण परेू भारत म� इन दोन� रा�य� का कुल उ�सज�न म� 48 ��तशत का योगदान है।

    ● फसल अवशषे� को जलाने से काब�न डाइऑ�साइड, मीथेन, काब�न मोनोऑ�साइड, नाइ�स ऑ�साइड, स�फर डाइऑ�साइड और पा�ट�कुलेट कण �नकलत ेह� जो मानव �वा��य को �भा�वत करत ेह�।

    ● यह अनमुान है �क ��तवष� खलेु म� पराल� जलाने से भारत कुल पा�ट�कुलेट कण के 1,44,719 �मल��ाम का उ�सज�न करता है।

    ● खराब हवा क� गणुव�ा �वशषे �प से बजुगु�, ब�च� और �वसन सबंधंी �बमा�रय� वाले लोग� के �लए हा�नकारक है।

    ● धान के डठंल जलाये जाने के प�रणाम�व�प �दषूण �वसन �णाल� को �भा�वत कर सकता है और अ�थमा क� सम�या को और �बगाड़ सकता है।

    खेत� को जलाना सामा�य बात है:

    ● भारत म� दो फसल मौसम ह�- रबी और खर�फ। पहला आम तौर पर अ�लै से श�ु होता है और अ�टूबर तक चलता है। रबी सीजन नवंबर से अ�लै तक रहता है।गेहंू

  • और अ�य रबी फसल� क� बवुाई के �लए अपने खेत� को ज�द� से तयैार करने के �लए, धान क� कटाई ख�म होने के बाद अ�धकांश �कसान फसल अवशषे� को जला देत ेह�।

    ● पंजाब म� हर साल अ�टूबर से नवबंर के बीच लगभग 7 से 8 �म�लयन मी��क टन धान अवशषे खलेु म� जलाया जाता है। हालां�क �कसान� को रा�य के अ�धका�रय� �वारा चेतावनी द� गई है, तथा�प वे इस ��या म� संल�न ह� �य��क इसम� कोई लागत नह�ं आती है।

    �य� पराल� जलाना �कसान� के �लए एकमा� समाधान है?

    ● �कसान पराल� जलाये जाने को ��तबं�धत �कये जाने के बाद भी ��तबधं के आदेश� का उ�लघंन कर रहे ह� इस त�य को जानत ेहुए �क पराल� जलाने से �थानीय �दषूण बढ़ता है और �म�ट� के मह�वपणू� पोषक त�व जसेै �क नाइ�ोजन, पोटे�शयम और फॉ�फोरस क� हा�न होती है।

    ● पराल� का �बधंन �कसान� �वारा अपनाये जाने वाले फसल के पटैन� के कारण एक बाधा बन जाता है।

    ● इस सपं�� को जलाने का एकमा� कारण धान क� कटाई और गेहंू क� बवुाई के बीच काफ� कम समय होता है।

    ● इसके अलावा, �कसान� के पास पआुल के �नपटान, भ�ूम को साफ करने और गेहंू के बीज को समय पर तयैार करने के �लए सी�मत ससंाधन होत ेह�।

    ● हालां�क पराल� के �नपटान के �लए कई �वक�प� क� पेशकश क� गई है, ले�कन �कसी म� भी उपय�ुत �व�ीय या सं�थागत त�ं शा�मल नह�ं है।

    ● सबसे �मखु समाधान इन-सीटू �बधंन है िजसम� जमीन म� पराल� को वापस जोतना शा�मल है, जो �क ��मक और मशीनी दोन� �ि�ट से उ�च लागत के कारण �कसान� के �लए आ�थ�क �प से अ�म है।

    ● �कसान संगठन या तो खर�द म�ूय म� 100-200 �पये ��त ि�वटंल तक ऐड-ऑन के �प म� �व�ीय सहायता क� मांग कर रहे ह� या पया�वरण के अनकूुल तर�के के �प म� पराल� के �नपटान म� खच� को कम करने म� मदद करने के �लए लगभग 4,000-5,000 �पये क� नकद सि�सडी क� मांग कर रहे ह�।

    पंजाब म� धान क� खेती म� व�ृ�ध:

  • ● चावल पजंाब क� पारंप�रक फसल नह�ं थी; ले�कन �बजल� क� उपल�धता म� व�ृ�ध के साथ, नलकूप� क� स�ंया म� व�ृ�ध हुई, िजसके प�रणाम�व�प दाल और अ�य �यावसा�यक फसल� के अतंग�त आने वाले भ�ूम पर धान क� खेती म� व�ृ�ध हुई।

    ● केवल 1.5 ��तशत �े� के साथ धान के खा�य शयेर� म� पंजाब का योगदान लगभग 60 ��तशत था।

    ● धान के पआुल को जलाने के अलावा, रा�य म� रसायन� के अ�त �योग, जल �तर म� कमी आ�द जसैी अ�य सम�याएं ह�।

    ● �यनूतम समथ�न म�ूय (MSP) रा�य खर�द �वारा �वपणन आ�वासन के साथ धान को �दान �कया जाता था।केवल दो फसल�, गेहंू और धान ह�, िजसका रा�य क� खर�द के मा�यम से �वपणन स�ुनि�चत �कया जाता है।

    सहकार� मॉडल �वारा पराल� का समाधान: सहकार� मॉडल:

    ● पया��त खा�य �टॉक स�ुनि�चत करने के �लए धान के अतंग�त आने वाले बड़ े�े� को कम करना सभंव नह�ं होगा।इस�लए पराल� जलाने के म�ुदे को कागज और काड�बोड� के �नमा�ण, मश�म के उ�पादन जहां धान के पआुल को क�चे माल के �प म� इ�तमेाल �कया जा सकता है, जसेै अ�य उपाय� के मा�यम से �नपटाना आव�यक है।

    ● ले�कन इसम� सदेंह नह�ं है �क �यि�तगत �प से एक �कसान इस तरह क� इकाई �था�पत कर सकता है, चाहे उसके पास �कतनी ह� भ�ूम हो।

    ● इसके अलावा बड़ ेआकार क� एक इकाई �कफायती नह�ं हो सकती �य��क पराल� परेू �े� म� फैला हुआ होता है और इसे एक जगह पर लाना प�रवहन के �लए एक बाधा होगा।

    ● इस�लए, सहकार� मॉडल, जो पहले से ह� डयेर� म� अनभुवी है, इस सम�या को संबो�धत करने म� सबसे �यवहाय� और �ववेकपणू� �वक�प है।

    ● हर �लॉक म� कम से कम दो काड�बोड� और पेपर �नमा�ण इकाइय� क� ज�रत है। �े� म� �थानीय �कसान� और खेत मजदरू� क� सद�यता वाले एक सहकार� स�म�त का गठन �कया जा सकता है और ऐसी इकाइय� को धान के पराल� के �बंधन के �लए रा�य के सहकार� संघ के शीष� �नकाय से सबं�ध होना चा�हए।

    ● इस तरह के सरं�ण से न केवल इस सम�या से �नपटने के �लए, बि�क रा�य म� आय और रोजगार उ�प�न करने के �लए सबसे वांछनीय प�रणाम �मल सकत ेह�।

  • अ�य फसल� का स�ुनि�चत �वपणन

    ● पंजाब म� 89% �कसान� क� 10 एकड़ से कम भ�ूम है। इस�लए ये �कसान अि�थर म�ूय या �वपणन के �कसी भी जो�खम को लेने म� असमथ� ह�। चावल के मामले म�, म�ूय और �वपणन स�ुनि�चत है।

    ● वकैि�पक फसल� के �लए खेती के �े� को बढ़ाने के �लए भी इसी �कार का आ�वासन �दया जाना चा�हए।

    बायोगैस का उ�पादन:

    ● बायोगसै के उ�पादन म� तकनीक� मदद और �व�तार सेवाओ ंक� ज�रत होती है। सहकार� योजना परेू रा�य म� �कसान� और खेत मजदरू� को इस उप�म म� मदद कर सकती है।

    �न�कष�: हालां�क ह�रत �ां�त के कारण देश खा�य उ�पादन के �े� म� आ�म�नभ�र हो गया,पर�त ुइसने पजंाब म� पा�रि�थ�तक असंतलुन और �वा��य सबंंधी खतर� के बीज बो �दए। पा�रि�थ�तक आपदा को दरू करने के �लए कोई भी समाधान रा�य के कृ�ष भ�ूम-उपयोग और फसल के पटैन� के �व�वधीकरण म� �न�हत होगा। सरकार �वारा एचवाईवी संकर फसल� क� श�ुआत करने और एमएसपी दर� का आ�वासन देने के बाद, ह�रत �ां�त के दौर म� पजंाब के �कसान सम�ृध हुए। समकाल�न समय म�, जब �कसान पहले से ह� भार� उ�पादन लागत, कम �रटन� और जलवाय ुप�रवत�न के कारण कृ�ष संकट से जझू रहे ह�, तो उनसे �व�वधता क� उ�मीद करना अन�ुचत है। इसके अलावा, हालां�क ��येक रा�य क� अपनी कृ�ष नी�त है, परंत ु म�ुय �प से क� � सरकार धन और कृ�ष लागत से संब�ंधत �व� �दान करता है।

  • नी�तगत ह�त�ेप जो अ�छ� पा�र��मक क�मत और स�ुनि�चत बाजार खर�द पर क� ��त हो �कसान� को उनके फसल पटैन� म� �व�वधता लाने के �लए �ो�सा�हत कर सकता है।साथ ह�, यह ज�र� है �क सरकार भजूल के उपयोग को �व�नय�मत करे। जब तक ऐसे उपाय नह�ं अपनाये जात,े तब तक पा�रि�थ�तक का संतलुन अधर लटका रहेगा।

    �या�या�मक ��न

    1. उपभो�ता सरं�ण �वधेयक, 2019 क� म�ुय �वशषेताओ ंक� चचा� कर�?

    आलोचना�मक �प से �व�लेषण कर� �क यह अन�ुचत �यापार �यवहार� को कहाँ तक �नय�ं�त कर पायेगा?

    2. सघन �मशन इ��धनषु (IMI) 2.0 �या है? पर��ण कर� �क सघन �मशन इ��धनषु (IMI) 2.0 भारत को पाँच वष� से कम उ� के ब�च� म� होने वाल� मौत� क� स�ंया म� कमी लाने और 2030 तक रोक� जा सकने वाल� बाल मौत� को समा�त करने से संबं�धत सबंं�धत सतत �वकास ल�य (SDG) को �ा�त करने म� �कस �कार सहायक होगा?

    3. पराल� जलाने से जड़ु ेम�ुदे �या ह�? कैसे �भावी नी�त �नयोजन, पराल� जलाने क� सम�या को सकंट से अवसर म� बदल सकता है?

    4. भारतीय शहर� प�र��य के �लए अपनाये जा रहे एक�कृत शहर� ब�ुनयाद� ढांचे क� अवधारणा का पर��ण कर�?

    5. �सधं ुघाट� स�यता के शहर� �नयोजन और सं�कृ�त ने �कस हद तक वत�मान शहर�करण को इनपटु �दान �कया है? चचा� कर�।