Updated:March 16,2015 य ज़ राय क ट मनोर जन योग बनाए फफड़ को मजब त Publish Date:Tue, 01 Apr 2014 05:58 PM ﴾IST﴿ | Updated Date:Tue, 01 Apr 2014 05:58 PM ﴾IST﴿ ाणायाम वसन त का एक खास यायाम ह , जो फफड को मजब त बनान और रतस चार बढान म मदद करता ह । फिजयोलॉजी क अन सार जो वाय हम वसन या क दौरान भीतर खी चत ह वो हमार फफड म जाती ह और फर प र शरर म फ ल जाती ह । इस तरह शरर को जर ऑसीजन मलती ह । अगर वसन काय नयमत और स चा प स चलता रह तो फफड वथ रहत ह । ल कन अम मन लोग गहर सा स नह ल त िजसक चलत फफड का एक चौथाई हसा ह काम करता ह और बाक का तीन चौथाई हसा िथर रहता ह । मध मखी क छत क समान फफड तकरबन 75 मलयन कोशकाओ स बन होत ह । इनक स रचना प ज क समान होती ह । सामाय वा स जो हम सभी आमतौर पर ल त ह उसस फफड क मा 20 मलयन छ तक ह ऑसीजन पह चती ह , जब क 55 मलयन छ इसक लाभ स व चत रह जात ह । इस वजह स फफड स स ब धत कई बीमारया मसलन य बरय लोसस, र िपर टर डजीज ﴾वसन स ब धी रोग﴿, खा सी और ॉकाइटस आद प दा हो जाती ह । फफड क सह तरक स काम न करन स रत श ीकरण क या भावत होती ह । इस कारण दय भी कमजोर हो जाता ह और असमय म य क आश का बढ जाती ह । इसलए ल ब एव वथ जीवन क लए ाणायाम बह त जर ह । नयमत ाणायाम स तमाम बीमारय स छ टकारा मल सकता ह । आइए जानत ह क ाणायाम कस तरह स हमार शरर क लए फायद म द ह ‐ शरर पर द षण का भाव फफड छोट गोलाकार प जी थ लय स बन होत ह । इन थ लय को एिवयो लाइ स स कहत ह । य सा स ल न क दौरान फ ल जाती ह और ऑसीजन को रत म समाहत करन म मदद करती ह । ल कन द षण एिवयोलाइ स स क लचील पन को नट कर द ता ह और कई बार यह क सर का भी कारण बन जाता ह । ऑसीजन क कमी स शरर क सभी काय णालय पर ब रा असर पडता ह । लण ‐ऑसीजन क कमी ‐थकान ‐सरदद ‐अथमा और वा स क समयाए ‐खा सी और जकडन ‐साइनस ाणायाम क लाभ फफड क सफाई क लए ाणायाम एक ब हतरन तकनीक ह । जब आप सा स सह तरक स ल ना सीख जाए ग तो ल बा और वथ जीवन बतान स आपको कोई रोक नह पाएगा। सह तरक और गहर वा स ल न स फफड को पया त ऑसीजन मलती ह , जो फफड को साफ करन म मदद करती ह । हम म स तमाम लोग इस बात स अनभ ह क सा स छोडन क बाद भी वाय कछ माा म फफड म श ष रह जाती ह । इस वाय क अवश ष माा कहत ह । यह जहरल वाय होती ह , िजसम काब न मोनोऑसाइड, काब न डाइऑसाइड, नाइस ऑसाइड और नल बत कण होत ह । इन जहरल वाय को शरर स हटान क लए ाणायाम बह त भावकार होता ह । ाणायाम अयास करन क लए य तीन कदम बह त जर ह ‐ प रक या अ त: वसन यादातर लोग यह नह जानत क वा स क स ल जाए। अ त: वसन म लगभग 10 स क ड लगत ह । इसलए गहर सा स ल और अपन सीन को फ लाए । क भक या वा स रोकना : वा स ल और िजतनी द र स भव हो, उस रोक । सामायतया जब आप सा स ल त ह तो उसम सा स रोकन क या नह होती। ल कन जब आप सा स साधना या रोकना सीख जाए ग तो रत म ऑसीजन समाहत करन क मता भी बढ जाएगी। र चक या सा स छोडन क या प ह स क ड तक सा स धीर ‐धीर छोडन स आखर वाय भी फफड स नकल जाएगी, जो िथर होन पर जहरल हो जाती ह । य क तकनीक 5 बार जर कर । भिका ाणायाम आराम क म ा म ब ठ जाए ‐ मसलन स खासन, वासन या पासन। पीठ और गद न सीध रख । नाक स छोड और खी च । आ ख ब द रख । ‐गहर सा स ल त समय हाथ को ऊपर उठाए । ‐हाथ को क ध क समाना तर नीच लात ह ए जोर स सा स छोड । म य PREVIOUS NEXT