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www.sansarlochan.in – Sansar Lochan UPSC GS PAPER 1 Answerkey by SansarLochan.in pg. 1 1 History Answerkey UPSC 2020 Preliminary Examination भारत के सा ि कृ ततक इतहास के स ि दभभ म , 'परातमता' शद का सही तििरण तिितितित म से कौि-सा है ? (a) सू पधति म तिखे गए ाचीनिम धममशा पाठ (b) वेद के ातधकार को अवीकार करने वािे दाशमतनक सदाय (c) पररपूमिाएँ तिनकी ाति से बोतधसव पथ शि हुआ (d) आरतिक मयकािीन दति िारि की शतिशािी यापारी ेतयाँ Explanation: एक िो UPSC से ऐसी ही उमीद रहिी है तक वह तकसी शद को अ ेिी के िाव म तिख दे िे ह िो बहुि ही तन दनीय है. शद “'परातमिा'” गिि है. सही शद “पारतमिा” है. चू तक इ तलिश म “Paramitas” है िो उनको कुछ सूझा नह. “पारतमिा” का अथम है , सबसे ऊँची अवथा. यानी इसको ाि करने पर िोग महाानी हो िािे ह. पारतमिाए िदस होिी ह , यथा-दान, शीि, िति, वीयम , यान, , उपायकौशि, तधान, बि एव ान पारतमिा. बोतधसव येक

History Answerkey UPSC 2020 Preliminary Examination · 2020. 10. 5. · UPSC GS PAPER 1 Answerkey by SansarLochan.in pg. 1 1 History Answerkey UPSC 2020 Preliminary Examination भारत

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    UPSC GS PAPER 1 Answerkey by SansarLochan.in pg. 1

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    History Answerkey UPSC 2020 Preliminary Examination

    भारत के साांस्कृततक इततहास के सांदभभ में, 'परातमता' शब्द का सही तििरण तिम्ितितित में से कौि-सा है?

    (a) सतू्र पद्धति में तिखे गए प्राचीनिम धममशास्त्र पाठ

    (b) वेदों के प्रातधकार को अस्वीकार करने वािे दाशमतनक सम्प्प्रदाय

    (c) पररपरू्मिाएँ तिनकी प्राति से बोतधसत्व पथ प्रशस्ि हुआ

    (d) आरतम्प्िक मध्यकािीन दतिर् िारि की शतिशािी व्यापारी श्रेतर्याँ

    Explanation:

    एक िो UPSC से ऐसी ही उम्प्मीद रहिी ह ैतक वह तकसी शब्द को अंगे्रिी के प्रिाव में तिख दिेे हैं िो बहुि ही तनंदनीय

    ह.ै शब्द “'परातमिा'” गिि ह.ै सही शब्द “पारतमिा” ह.ै चूंतक इंतलिश में “Paramitas” ह ैिो उनको कुछ सूझा नहीं.

    “पारतमिा” का अथम ह,ै सबसे ऊँची अवस्था. यानी इसको प्राि करने पर िोग महाज्ञानी हो िािे हैं. पारतमिाएं िी दस

    होिी हैं, यथा-दान, शीि, िातति, वीयम, ध्यान, प्रज्ञा, उपायकौशि, प्रतर्धान, बि एवं ज्ञान पारतमिा. बोतधसत्त्व प्रत्येक

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    ितूम में सामातयि: इन सिी पारतमिाओ ंका अभ्यास करिा है. हीनयान में अष्ांतगक मागम पर िोर ह,ै िो महायान में

    पारतमिा मागम पर.

    भारतीय इततहास के सांदभभ में, 1884 का रिमाबाई मुक़दमा तकस पर केतरित था?

    1. मतहिाओ ंका तशिा पाने का अतधकार

    2. सहमति की आय ु

    3. दांपत्य अतधकारों का प्रत्यास्थापन

    नीचे तदए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चतुनए :

    (a) केवि 1 और 2

    (b) केवि 2 और 3

    (c) केवि 1 और 3

    (d) 1, 2 और 3

    Explanation:

    रखमाबाई का ितम महाराष्ट्र में 1864 में हुआ था. उनकी तवधवा मां ने उनकी 11 साि की उम्र में ही शादी कर दी थी.

    हािांतक वो किी िी अपने पति के यहां रहने नहीं गई ंऔर अपने मां के पास ही रहीं. उनकी मां ने एक सिमन सखाराम

    अिुमन के साथ शादी कर िी. रखमाबाई पर उनके सौिेिे तपिा का काफी असर था. रखमाबाई ने अपने पति के साथ िाने

    से इनकार कर तदया और उस ज़माने में इस पर काफी हगंामा मचा. वो इस बाि पर अडी रहीं तक उस तववाह बंधन में वो

    नहीं रहेंगी तिसमें उनकी मिी नहीं ह.ै तचतकत्सा के िेत्र में अपना कररयर बनाने के पीछे उनके तपिा की प्रेरर्ा रही. उनके

    तपिा ने ही रखमाबाई का समथमन तकया तक उतहें अपने पति के घर नहीं िाना चातहए क्योंतक वो कम उम्र में गिमविी होने

    के त़ििाफ थे. बाद में रुखमाबाई ने िंदन स्कूि ऑफ मेतितसन से मेतिकि की तिग्री हातसि की. सखाराम अिुमन ने

    मतहिा स्वास््य, साफ सफाई और माितृ्व के समय दखे रेख पर एक तकिाब िी तिखी थी. ऐसा उस समय तकया िब इन

    तवषयों पर बाि करना िी एक टैबू माना िािा था.

    रखमाबाई के पति दादािीिीकािी ने वैवातहक अतधकार के तिए कोटम का दरवािा खटखटाया िेतकन रखमाबाई ने इसके

    त़ििाफ संघषम तकया और यही मकुदमा िारि में शादी की उम्र को िय करने का आधार बना.

    रखमाबाई ने इस बारे में क्वीन तवक्टोररया को ़िि तिखा. आतखरकार फैसिा उनके पि में हुआ. हािांतक समातिक

    सधुारकों ने इसकी िारीफ की िेतकन उस समय के प्रमखु नेिा बाि गंगाधर तििक ने इस फैसिे की काफी आिोचना

    की.

    िारि में 'सहमति की उम्र' को िेकर रखमाबाई का योगदान काफी बडा था. वो मतहिा अतधकारों को िेकर टाइम्प्स ऑफ

    इतंिया में 'द तहदं ूिेिी' के नाम से िेख िी तिखिी थीं.

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    UPSC GS PAPER 1 Answerkey by SansarLochan.in pg. 3

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    तिम्ितितित में से तकस कारण से भारत में बीसिीं शताब्दी के आरम्भ में िीि की िेती का ह्रास हुआ?

    (a) नीि के उत्पादकों के अत्याचारी आचरर् के प्रति काश्िकारों का तवरोध

    (b) नई खोिों के कारर् तवश्व बाज़ार में इसका अिािकर होना

    (c) नीि की खेिी का राष्ट्रीय नेिाओ ंद्वारा तवरोध तकया िाना

    (d) उत्पादकों के ऊपर सरकार का तनयंत्रर्

    Explanation:

    नीि की खेिी 19वीं शिाब्दी के अति और 20वीं शिाब्दी की शुरुआि में अपने चरम पर थी. इसके उत्पादन का

    अतदािा इससे िगाया िा सकिा ह ैतक वषम 1856 में िारि में िगिग 19,000 टन नीि का उत्पादन हुआ था. उन तदनों

    परूा नीि यरूोप िेि तदया िािा था. वहाँ औद्योतगक क्रातति के बाद कपडा उद्योग का िेिी से तवकास हो रहा था. िब

    िममनी की दो कम्प्पतनयाँ बिीश एतनिीन और सोिाफैतिक तसंथेतटक नीि का व्यावसातयक िौर पर उत्पादन करने िगे िो

    प्राकृतिक नीि की माँग घटिी चिी गई.

    िेिेजिी िे किकत्ता में फ़ोर्भ तितियम कॉिेज की स्थापिा तकस तिए की थी?

    (a) उसे िंदन में तस्थि बोिम ऑफ िायरेक्टसम ने ऐसा करने के तिए कहा था

    (b) वह िारि में प्राच्य ज्ञान के प्रति अतिरुतच पनुः िाग्रि करना चाहिा था

    (c) वह तवतियम कैरी िथा उसके सहयोतगयों को रोज़गार प्रदान करना चाहिा था

    (d) वह तितटश नागररकों को िारि में प्रशासन हिेु प्रतशतिि करना चाहिा था

    Explanation:

    1798 ई0 में िािम वेिेििी िारि के गवमनर के रूप में तनयिु हुआ. वह साम्राज्यवादी व महत्वाकांिी था िथा अपनी

    'सहायक संतध' की व्यवस्था अपनाई. उसने 1798 ई0 में तनिाम, 1799 ई0 में मैसरू, िंिौर (1799ई0), अवध (1801

    ई0), पेशवा (1801 ई0), िोंसिा (1803 ई0), तसततधया (1804 ई0) िथा अतय छोटी मोटी ररयासिों के साथ संततध कर

    िी थी. इस सततध को स्वीकार करने वािे शासकों को अपने यहां अंगे्रि रेिीिेतट रखना पडिा था. उनके तवदशेी सम्प्बतधों

    पर िी कम्प्पनी का तनयतत्रर् हो िािा था िथा कम्प्पनी उतहें बाहरी आक्रमर्ों से सरुिा का आश्वासन दिेी थी. इस प्रकार

    सहायक सततध करने वािा राज्य कम्प्पनी पर परू्मिः आतश्रि हो िािा था. िािम वेिेििी ने 1799 ई0 में मैसरू पर

    आक्रमर् कर तदया. टीप ूिडिा हुआ मारा गया िथा मैसरू का एक बडा िाग आलि साम्राज्य में तमिा तिया गया. िािम

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    UPSC GS PAPER 1 Answerkey by SansarLochan.in pg. 4

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    वेिेििी के समय में तद्विीय आंलि मराठा यदु्ध िडा गया था. तिसमें अंगे्रि तवियी रह.े उसने नागररक सेवा में ििी तकए

    िाने वािे कम्प्पनी के यवुकों को प्रतशतिि करने हिेु 'फोटम तवतियम कॉिेि' की स्थापना की. तकतिु मॉतसन की होल्कर

    के हाथों परािय िथा िािम िेक की िरिपरु में तवफििा से रूष् होकर वेिेििी को 1805 ई0 में वापस बुिवा तिया

    गया.

    भारत के इततहास के सांदभभ में, “ऊिगुिाि” अथिा महाि उपिि तिम्ितितित में से तकस घर्िा का तििरण

    था?

    (a) 1857 के तवद्रोह का

    (b) 1921 के मातपिा तवद्रोह का

    (c) 1859 - 60 के नीि तवद्रोह का

    (d) 1899 - 1900 के तबरसा मुंिा तवद्रोह का

    Explanation:

    आतदवातसयों का संघषम अट्ठारहवीं शिाब्दी से चिा आ रहा ह.ै 1766 के पहातडया-तवद्रोह से िेकर 1857 के ग़दर के

    बाद िी आतदवासी संघषमरि रह.े सन 1895 से 1900 िक बीरसा या तबरसा मुंिा का महातवद्रोह ‘ऊिगिुान’ चिा.

    आतदवातसयों को िगािार िि-िंगि-ज़मीन और उनके प्राकृतिक संसाधनों से बेदखि तकया िािा रहा और वे इसके

    तखिाफ आवाि उठािे रह.े 1895 में तबरसा ने अंगे्रिों की िाग ूकी गयी ज़मींदारी प्रथा और रािस्व-व्यवस्था के

    त़ििाफ िडाई के साथ-साथ िंगि-ज़मीन की िडाई छेडी थी. तबरसा ने सदूखोर महािनों के त़ििाफ िी िंग का ऐिान

    तकया. ये महािन, तितहें वे तदकू कहिे थे, क़ज़म के बदिे उनकी ज़मीन पर कब्ज़ा कर िेिे थे. यह मात्र तवद्रोह नहीं था. यह

    आतदवासी अतस्मिा, स्वायित्ता और संस्कृति को बचाने के तिए संग्राम था.

    प्राचीि भारत के तिद्वािों/सातहत्यकारों के सांदभभ में, तिम्ितितित कथिों पर तिचार कीतजए :

    1. पातर्तन पषु्ट्यतमत्र शुंग से संबंतधि ह.ै

    2. अमरतसंह हषमवधमन से संबंतधि ह.ै

    3. कातिदास चतद्रगिु II से संबंतधि ह.ै

    उपयुमि कथनों में से कौन-सा/से सही ह/ैहैं ?

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    UPSC GS PAPER 1 Answerkey by SansarLochan.in pg. 5

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    (a) केवि 1 और 2

    (b) केवि 2 और 3

    (c) केवि 3

    (d) 1, 2 और 3

    Explanation:

    पातर्तन नहीं, अतपिु पिंिति पषु्ट्यतमत्र शुंग से सम्प्बंतधि था. 'महािाष्ट्य' में तिखा ह ैतक 'इह पषु्ट्यतमत्रम ्यजामहे' (यहाँ

    हम पुष्यतमत्र के तिए यज्ञ करिे हैं) और 'महािाष्ट्य' पिंिति के द्वारा रतचि व्याकरर् शास्त्र ह.ै

    पातणति (५०० ई प)ू संस्कृि िाषा के सबसे बडे वैयाकरर् हुए हैं. पिंिति शुंग वंश के शासनकाि में थे. िॉ. िंिारकर

    ने पिंिति का समय 158 ई. प.ू द बोथतिक ने पिंिति का समय 200 ईसा पवूम एवं कीथ ने उनका समय 140 से 150

    ईसा पवूम माना ह.ै

    भारत के इततहास के सांदभभ में, तिम्ितितित युग्मों पर तिचार कीतजए :

    1. औरंग - रािकोष का प्रिारी

    2. बेतनयान - ईस्ट इतंिया कंपनी का िारिीय एिेंट

    3. तमरातसदार – राज्य का नातमि रािस्व दािा

    उपयुमि बुलमों में से कौन-सा/से सही समुेतिि ह/ैहैं ?

    (a) केवि 1 और 2

    (b) केवि 2 और 3

    (c) केवि 3

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    UPSC GS PAPER 1 Answerkey by SansarLochan.in pg. 6

    6

    (d) 1, 2 और 3

    Explanation:

    शब्द “बेतनयान” को ईस्ट इतंिया कंपनी के इतिहास में अक्सर पाया िा सकिा ह ैऔर यह उन व्यापाररयों को इतंगि करिा

    ह ैतितहोंने यरूोपीय व्यापाररयों और उनके िारिीय समकिों के बीच मध्यस्थ के रूप में काम तकया. गिुराि में, श्रॉफ,

    वोहरा और पारेख मखु्य बतनया पररवार थे, िैसे तक बिृ वोहरा और कल्यार्दास पारेख.

    ये दरअसि दिाि थे. उनका कायम अंिदशेीय व्यापाररयों से तनयामि योलय उत्पादन की आपतूिम के तिए अनुबंधों को िाना

    और सतुनतिि करना था. किकत्ता में दिािों को बतनया या बेतनयान कहा िािा था.

    दतिर् िारि के ितमि तििे में, मटु्ठी िर गाँवों के तनवासी तितहें तमरातसदार कहा िािा ह,ै अक्सर िाह्मर् और अतय

    उच्च िातियों से संबंतधि होिे हैं. उतहोंने परेू गाँव की ितूम पर अपने अतधकार का अतधकार ििाया और गाँव के मामिों

    को तनयंतत्रि तकया. उनके अधीन तकसानों का एक समहू था, िो या िो गाँव की िमीन पर खेिी करने के तिए स्थायी

    अतधकार रखिे थे या अतय गाँवों से संबंतधि अस्थायी तकरायेदार थे. रैयिवारी बंदोबस्ि व्यवस्था के िहि, सरकार ने

    तमरातसदारों को िमीन के एकमात्र मातिक के रूप में मातयिा दी.

    भारत के धातमभक इततहास के सांदभभ में, तिम्ितितित कथिों पर तिचार कीतजए :

    1. स्थातवरवादी महायान बौद्ध धमम से संबद्ध हैं.

    2. िोकोत्तरवादी संप्रदाय बौद्ध धमम के महासंतघक संप्रदाय की एक शाखा थी.

    3. महासंतघकों द्वारा बुद्ध के दवेत्वारोपर् ने महायान बौद्ध धमम को प्रोत्सातहि तकया.

    उपयुमि कथनों में से कौन-सा/से सही ह/ैहैं ?

    (a) केवि 1 और 2

    (b) केवि 2 और 3

    (c) केवि 3

    (d) 1, 2 और 3

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    UPSC GS PAPER 1 Answerkey by SansarLochan.in pg. 7

    7

    Explanation:

    UPSC ने एक बार पनुः गििी की. स्थातवरवादी शब्द ह ैही नहीं. स्थतवरवादी ह.ै

    स्थतवरवाद हीनयान बौद्ध धमम से संबद्ध ह.ै “स्थतवरवाद” अथवा 'थेरवाद' शब्द का अथम ह ै'श्रेष्ठ िनों की बाि'. बौद्ध धमम

    की इस शाखा में पािी िाषा में तिखे हुए प्राचीन तत्रतपटक धातममक गं्रथों का पािन करने पर बि तदया िािा ह.ै थेरवाद

    अनुयातययों का कहना ह ैतक इस से वे बौद्ध धमम को उसके मिू रूप में मानिे हैं. इनके तिए िथागि बुद्ध एक महापरुुष

    अवश्य हैं िेतकन कोई दवेिा नहीं. वे उतहें पिूिे नहीं और न ही उनके धातममक समारोहों में बुद्ध-पिूा होिी ह.ै िहाँ

    महायान बौद्ध परम्प्पराओ ंमें दवेी-दवेिाओ ंिैसे बहुि से तदव्य िीवों को माना िािा ह ैवहाँ थेरवाद बौद्ध परम्प्पराओ ंमें

    ऐसी तकसी हस्िी को नहीं पिूा िािा. थेरवातदयों का मानना ह ैतक हर मनुष्ट्य को स्वयं ही तनवामर् का मागम ढंूढना होिा ह.ै

    इन समदुायों में यवुकों के तििकु बनने को बहुि शिु माना िािा ह ैऔर यहाँ यह ररवायि िी ह ैतक यवुक कुछ तदनों के

    तिए तिि ुबनकर तफर गहृस्थ में िौट िािा ह.ै पहिे ज़माने में 'थेरवाद' को 'हीनयान शाखा' कहा िािा था, िेतकन अब

    बहुि तवद्वान कहिे हैं तक यह दोनों अिग हैं. थेरवाद या स्थतवरवाद विममान काि में बौद्ध धमम की दो प्रमखु शाखाओ ंमें

    से एक ह.ै दसूरी शाखा का नाम महायान ह.ै थेरवाद बौद्ध धमम िारि से आरम्प्ि होकर दतिर् और दतिर्-पवूम की ओर

    बहुि से अतय एतशयाई दशेों में फैि गया, िैसे तक श्रीिंका, बमाम, कम्प्बोतिया, तवयिनाम, थाईिैंि और िाओस. यह एक

    रूत़िवादी परम्प्परा ह,ै अथामि् प्राचीन बौद्ध धमम िैसा था, उसी मागम पर चिने पर बि दिेा है.

    िोकोत्तरवादी वैशािी की संगीति में अिग होने वािे महासंतघक सम्प्प्रदाय की एक शाखा ह.ै बौद्ध धमम में िोकोत्तरवाद

    तनकाय अठारह तनकायों में से एक ह:ै- कुछ िोग बुद्ध के काय में सास्त्रव धमों का तबल्कुि अतस्ित्व नहीं मानिे और कुछ

    मानिे हैं. ये िोकोत्तरवादी बुद्ध की सतिति में सास्रव धमों का अतस्ित्व सवमथा नहीं मानिे. इनके मिानुसार सम्प्यक

    सम्प्बोतध की प्राति के अनतिर बदु्ध के सिी आश्रय अथामि तचत्त, चैितसक, रूप आतद परावतृ्त होकर तनरास्रव और

    िोकोत्तर हो िािे हैं. यहाँ 'िोकोत्तर' शब्द अनास्रव के अथम में प्रयिु ह.ै िो इस अनास्रवत्व को स्वीकार करिे हैं, वे

    िोकोत्तरवादी हैं. यहाँ 'िोकोत्तर' शब्द का अथम मानवोत्तर के अथम में नहीं हैं इनकी मातयिा के अनुसार िर्िङ्गवाद की

    दृतष् से पहिे सिी धमम सास्रव होिे हैं. बोतधप्राति के अनतिर सास्रव धमम तवरुद्ध हो िािे हैं और अनास्रव धमम उत्पतन होिे

    हैं. यह ज्ञाि नहीं ह ैतक ये िोग महायातनयों की िाँति बुद्ध का अनास्राव ज्ञानधममकाय मानिे हैं अथवा नहीं.

    बौद्ध धमम िीसरी शिाब्दी ईसा पूवम के मध्य में िारि के सबसे चरम पतिमोत्तर िाग में प्रवेश कर गया था. वहां यह उस

    तदशा में तवकतसि हुआ तिसने बुद्ध के व्यति के तनरूपर् में और तनवामर्-अवधारर्ा के पररविमन में एक तनरंिर अतस्ित्व

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    UPSC GS PAPER 1 Answerkey by SansarLochan.in pg. 8

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    के तवचार में सबसे स्पष् रूप से व्यि तकया; वहाँ िी सबसे आवश्यक तबंद ुउत्पतन हुए िो दतिर्ी बौद्ध धमम को तसद्धांि

    और पिूा के रूपों से अिग करिे हैं. इस तवकास को एक नए तसद्धांि की स्थापना में एक सकारात्मक तनष्ट्कषम तमिा,

    तिसने महायान, "द गे्रट व्हीकि" का नाम तिया, और िो उस िेत्र में आठवीं शिाब्दी िक फिा-फूिा, ई.प.ू- दफनाने के

    बाद उस स्कूि की स्थापना के बाद परुाने बौद्ध धमम की स्थापना हुई. इसके तवपरीि, हीनयान, "द स्मॉि व्हीकि" कहा

    िािा था.

    तिम्ितितित में से कौि-सा कथि औद्य़ोतगक क्रातरत के द्वारा उरिीसिीं शताब्दी के पूिाभधभ में भारत पर पडे

    प्रभाि की सही व्याख्या करता है?

    (a) िारिीय दस्िकारी-उद्योग नष् हो गए थे.

    (b) िारि के वस्त्र-उद्योग में मशीनों का बडी संख्या में प्रवेश हुआ था.

    (c) दशे के अनेक िागों में रेिवे िाइनें तबछाई गई थीं.

    (d) तितटश उत्पादन के आयाि पर िारी शलु्क िगाया गया था.

    Explanation:

    1830 के दशक िक, तिटेन से सस्िे मशीन-तनतममि सामानों ने िारिीय बािारों में बा़ि िा दी. चूंतक ये िारिीय वस्त्रों से

    सस्िे थ,े इसतिए िारिीय कपडा उद्योगों को नुकसान उठाना पडा. इससे िारिीय वस्त्र उद्योग को िति हुई और बंगाि के

    कई बुनकरों को बेरोिगार होना पडा. रेिवे को 1853 में िारि में िाया गया था. आयातिि िारिीय वस्त्रों पर िारी शलु्क

    िगाया गया था, न तक तितटश उत्पादन के आयाि पर िारी शलु्क िगाया गया था.

    भारत के इततहास में तिम्ितितित घर्िाओां पर तिचार कीतजए :

    1. रािा िोि के अधीन प्रतिहारों का उदय

    2. महतेद्रवममन -1 के अधीन पल्िव सत्ता की स्थापना

    3. परातिक -1 द्वारा चोि सत्ता की स्थापना

    4. गोपाि द्वारा पाि रािवंश की संस्थापना

    उपयुमि घटनाओ ंका, प्राचीन काि से आरम्प्ि कर, सही कािानुक्रम क् या ह?ै

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    UPSC GS PAPER 1 Answerkey by SansarLochan.in pg. 9

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    (a) 2-1-4-3

    (b) 3-1-4-2

    (c) 2-4-1-3

    (d) 3-4-1-2

    तिम्ितितित में से कौि-सा उपिाक्य, उत्तर-हर्भ-कािीि स्ऱोतों में प्राय: उतलितित “हुांडी” के स्िरूप की

    पररभार्ा बताता है?

    (a) रािा द्वारा अपने अधीनस्थों को तदया गया परामशम

    (b) प्रतितदन का िेखा-िोखा अंतकि करने वािी बही

    (c) तवतनमय पत्र

    (d) सामंि द्वारा अपने अधीनस्थों को तदया गया आदशे

    Explanation:

    सेठ-साहुकारों के पास प्राचीनकाि में हुिंी पत्र होिा था. हुिंी एक तितखि तवपत्र ह ैतिस पर तिखने वािे के हस्िािर

    होिे हैं और उसमें तकसी व्यति को तबना-शिम आदशे तदया हुआ होिा ह ैतक इस तवपत्र के धारक को या उसमें अंतकि

    व्यति को उसमें अंतकि धनरातश द ेदी िाए. आिकि िो चेक होिा ह.ै हुिंी में केवि दो पिकार होिे थे. चेक में अब

    बैंक िी शातमि हो गया. यह 'हुंिी' शब्द कैसे प्रचिन में आया? धतममक इतिहासकार श्रीबािमकंुुद चिुवेदीिी के अनुसार

    श्रीकृष्ट्र् के काि में उत्तर िारि में एक प्रिावशािी धनेश्वर हुतंिय की बडी प्रतसतद्ध थी. इसी के नाम पर िेन-दने के

    अतििेख का प्रयोग होने िगा तिसे 'हुिंी' कहा िाने िगा. इसका स्वर्म तसक्का हुतन कहिािा था. हूर् इसी हुंतिय शाखा

    के िोग थे, िो चीन के हुतनान में बसे थे. आिकि चीन में इस िाति के िोगों को हयान या हान कहा िािा है.

    स्ितरत्रता सांग्राम के समय तििी गई सिाराम गणेश देउस्कर की पुस्तक “दशेेर कथा” के सांदभभ में,

    तिम्ितितित कथिों पर तिचार कीतजए :

    1. इस पसु्िक ने औपतनवेतशक राज्य द्वारा मतस्िष्ट्क की सम्प्मोहक तविय के तवरोध में चेिावनी दी

    2. इस पसु्िक ने स्वदशेी नुक्कड नाटकों िथा िोक गीिों को पे्रररि तकया

    3. दउेस्कर द्वारा “दशे” शब्द का प्रयोग, बंगाि िेत्र के तवतशष् संदिम में तकया गया था.

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    10

    उपयुमि कथनों में से कौन-से सही हैं?

    (a) केवि 1 और 2

    (b) केवि 2 और 3

    (c) केवि 1 और 3

    (d) 1, 2 और 3

    Explanation:

    सखाराम गरे्श दउेस्कर ने दशे में स्वाधीनिा की चेिना के िागरर् और तवकास के तिए ‘दशेेर कथा’ की रचना की थी.

    दउेस्कर का एिेंिा पूरे देश के तिए स्िराज था ि तक मात्र बांगाि के तिए. यद्यतप उतहोंने कांगे्रस द्वारा संचातिि

    स्वाधीनिा आंदोिन का समथमन तकया, िेतकन उतहोंने उस आंदोिन की रीति-नीति की आिोचना िी की ह.ै उतहोंने

    दशेेर कथा की ितूमका में स्पष् तिखा ह ैतक ‘‘हमारे आंदोिन तििकु के आवेदन मात्र ह.ै हमिोगों को दािा की करुर्ा

    पर एकांि रूप से तनिमर रहना पडिा ह.ै यह बाि सत्य होिे हुए िी रािनीति की किमव्य-बुतद्ध को उद्बोतधि करने के तिए

    पनु: पनु: चीत्कार के अिावा हमारे पास दसूरे उपाय कहां ह.ै’’ वस्िुिः: ‘दशेेर कथा’ गिुामी की िंिीरों में िकडी और

    शोषर् की यािना में िीिी-मरिी िारिीय िनिा के चीत्कार की प्रामातर्क और प्रिावशािी अतिव्यति है.

    गााँधी-इरतिि समझौते में तिम्ितितित में से क् या सतम्मतित था/थे ?

    1. राउंि टेबि कॉतरें स में िाग िेने के तिए कांगे्रस को आमंतत्रि करना

    2. असहयोग आंदोिन के संबंध में िारी तकए गए अध्यादशेों को वापस िेना

    3. पतुिस की ज़्यादतियों की िाँच करने हिेु गाँधीिी के सझुाव की स्वीकृति

    4. केवि उतहीं कैतदयों की ररहाई तिन पर तहसंा का अतियोग नहीं था

    नीचे तदए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चतुनए :

    (a) केवि 1

    (b) केवि 1, 2 और 4

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    11

    (c) केवि 3

    (d) केवि 2, 3 और 4

    Explanation:

    गाँधी-इरतवन समझौिे के अनुसार सरकार ने तनम्प्नतितखि वायद ेतकये –

    1. सरकार सिी रािनीतिक बंतदयों को ररहा कर दगेी. 2. तिन िोगों की संपतत्त आंदोिन के दौरान िब्ि की गई थी, उसे वापस कर तदया िाएगा . 3. सरकार दमन बंद कर आंदोिन के दौरान िारी तकए गए सिी अध्यादशेों और उनसे संबंतधि मकुदमों को वापस िे

    िेगी.

    4. िारिीयों को नमक बनाने की छूट दी िाएगी. 5. तिन िोगों ने आंदोिन के दौरान सरकारी नौकररयों से त्याग-पत्र द ेतदया था, उतहें सरकार पनुः वापस िेने का तवचार

    करेगी.

    अतधक जािकारी के तिए तक्िक करें : गााँधी इरतिि समझौता

    अस्पृश्य समुदाय के ि़ोगों क़ो ितित कर, प्रथम मातसक पतत्रका तिर्ाि-तिध्िांसक तकसके द्वारा प्रकातशत

    की गई थी?

    (a) गोपाि बाबा विंगकर

    (b) ज्वोतिबा फुिे

    (c) मोहनदास करमचतद गाँधी

    (d) िीमराव रामिी अम्प्बेिकर

    Explanation:

    गोपाि बाबा विंगकर (1840-1900 ई) एक समािसधुारक थे तितहोने अछूि िोगों के उद्धार के तिए अनेक कायम तकए.

    उतहोने िोगों को परम्प्परागि सामातिक-आतथमक शोषर् से छुटकारा तदिाया. वे दतिि आतदोिन के अग्रर्ी नेिा माने

    िािे हैं. उनका वास्ितवक नाम गोपाि कृष्ट्र् था.

    1888 में, वािंगकर ने तवटाि-तवद्वांसक (िाह्मतर्कि या सेरेमोतनयि पॉल्यशून का तवनाशक) शीषमक से मातसक पतत्रका

    का प्रकाशन शुरू तकया, िो अछूि िोगों से सम्प्बंतधि मदु्दों को उठािा था. उतहोंने मराठी िाषा के अखबारों िैसे सधुारक

    और दीनबंध ुके तिए िी िेख तिखे, साथ ही मराठी में दोह ेिी रचे िो िोगों को प्रेररि करने के तिए थे.

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    12

    भारत के इततहास के सांदभभ में, “कुलयािाप” तथा “ि़ोणिाप” शब्द क्या तितदभष्ट करते हैं ?

    (a) भू-माप

    (b) तवतितन मौतद्रक मूल्यों के तसक्के

    (c) नगर की ितूम का वगीकरर्

    (d) धातममक अनुष्ठान

    Explanation:

    गिुकाि में ितूम की माप– माप का पैमाना था - 1. तनवमिन, 2. कुल्यावाप, 3. द्रोर्वाप, 4. आ़िवाप.

    तिम्ितितित में से तकस शासक िे अपिी प्रजा क़ो इस अतभिेि के माध्यम से परामशभ तदया?

    “कोई भी व्यक्ति जो अपने संप्रदाय को मक्तिमा-मंक्तित करने की दृक्ति से अपने धाक्तमिक संप्रदाय की प्रशंसा

    करता िै या अपने संप्रदाय के प्रक्तत अत्यक्तधक भक्ति के कारण अन्य संप्रदायों की क्तनन् दा करता िै, वि अक्तपतु

    अपने संप्रदाय को गंभीर रूप से िाक्तन पि ुँचाता िै.”

    (a) अशोक

    (b) समदु्रगुि

    (c) हषमवधमन

    (d) कृष्ट्र्दवे राय

    Explanation:

    यह उद्धरर् अशोक के एक तशिािेख (Major Rock Edict No.12) से तिया गया ह.ै

    भारत के इततहास के सांदभभ में, तिम्ितितित युग्मों पर तिचार कीतजए :

    प्रतसद्ध स्थि --- ितभमाि राज्य

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    UPSC GS PAPER 1 Answerkey by SansarLochan.in pg. 13

    13

    1. िीिसा - मध्य प्रदशे

    2. द्वारसमदु्र - महाराष्ट्र

    3. तगररंगर - गिुराि

    4. स्थानेश्वर - उत्तर प्रदशे

    उपयुमि में से कौन-से यलुम सही समुेतिि हैं?

    (a) केवि 1 और 3

    (b) केवि 1 और 4

    (c) केवि 2 और 3

    (d) केवि 2 और 4

    तवतदशा मध्य प्रदेश राज्य का एक शहर ह.ै तििसा प्राचीन नगर तवतदशा का आधतुनक नाम ह.ै इसके तनकट कुछ प्राचीन

    स्िूपों के अवशेष प्राि हुए हैं. िनश्रतुियों के अनुसार इन स्िूपों को सम्राट अशोक द्वारा स्थातपि बिाया िािा ह.ै

    मसुिमानों के समय में यह फििा-फूििा नगर था. यहाँ पर एक तक़िा िी था, तिससे मािवा प्रदेश में तििसा सामररक

    महत्व का स्थान माना िािा था. तििसा पर सलु्िान इल्िुितमश ने 1234 ई. में अपना अतधकार कर तिया था. इसके

    पिाि् 1292 ई. में इस पर अिाउद्दीन त़िििी का क़ब्ज़ा हो गया. इसके फिस्वरूप अिाउद्दीन के तिए दतिर् िारि पर

    च़िाई करने का मागम प्रशस्ि हो गया.

    द्वारसमदु्र आधतुनक हिैतवि का प्राचीन नाम था. यह होयसि वंश के रािाओ ंकी रािधानी था, िो विममान किाभर्क

    िेत्र पर शासन करिे थे.

    गुजरात के शरुुआिी इतिहास में चंद्रगिु मौयम की शाही िव्यिा को दशामया गया ह,ै तिसने पहिे के कई राज्यों पर तविय

    प्राि की िो अब गिुराि ह.ै पषु्ट्यगिु, एक वैश्य, को मौयम शासन द्वारा सौराष्ट्र का राज्यपाि तनयिु तकया गया था. उतहोंने

    तगररनगर (आधतुनक िनूाग़ि) पर शासन तकया और सदुशमन झीि पर एक बांध बनाया.

    स्थानेश्वर महादवे मततदर हररयाणा के कुरुिेत्र तििे के थानेसर शहर में तस्थि एक प्राचीन तहतद ूमततदर ह.ै यह मंतदर

    िगवान तशव का समतपमि ह ैऔर कुरुिेत्र के प्राचीन मंतदरों मे से एक ह.ै मंतदर के सामने एक छोटा कुण्ि तस्थि ह ैतिसके

    बारे में पौरातर्क सतदिम अनुसार यह माना िािा ह ैतक इसकी कुछ बूँदों से रािा बान का कुष्ठ रोग ठीक हो गया था. कहिे

    हैं तक िगवान तशव की तशवतिंग के रुप में पहिी बार पिूा इसी स्थान पर हुई थी. इसतिए कहा िािा ह ैतक कुरुिेत्र की

    िीथम यात्रा इस मंतदर की यात्रा के तबना परूी नही मानी िािी ह.ै

    प्राचीि भारतीय गुप्त राजिांश के समय के सांदभभ में, िगर घांर्ाशािा, कदूरा तथा चौि तकस तिए तिख्यात थे?

    (a) तवदशेी व्यापार करने वािे बंदरगाह

    (b) शतिशािी राज्यों की रािधातनयाँ

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    14

    (c) उत्कृष् प्रस्िर किा िथा स्थापत्य से संबंतधि स्थान

    (d) बौद्ध धमम के महत्त्वपरू्म िीथमस्थि

    गिुकाि में पवूी िट पर तस्थि बंदरगाह िाम्रतिति, घंटाशािा एवं कदरूा से गिु शासक दतिर्-पवूम एतशया से व्यापार करिे

    थे. पतिमी िट पर तस्थि िडौच (िोच), कैम्प्बे, सोपारा, कल्यार् आतद बतदरगाहों से िमूध्य सागर एवं पतिम एतशया के

    साथ व्यापार सम्प्पतन होिा था. इस समय िारि में चीन से रेशम (चीनांशकु), इथोतपया से हाथी दांि, अरब, ईरान एवं

    बैतक्रया से घोडों आतद का आयाि होिा था. िारिीय िियान तनबामध रूप से अरब सागर, तहतद महासागर उद्योगों में से

    था. रेशमी वस्त्र मिमि, कैतिकों, तिनन, ऊनी एवं सिूी था. गिु काि के अततिम चरर् में पाटतिपतु्र, मथरुा, कुम्रहार,

    सोनपरु, सोहगौरा एवं गंगाघाटी के कुछ नगरों का ह्रास हुआ.

    भारत के साांस्कृततक इततहास के सांदभभ में, तिम्ितितित युग्मों पर तिचार कीतजए :

    1. पररव्रािक - पररत्यागी व भ्रमर्कारी

    2. श्रमर् - उच्च पद प्राि पिुारी

    3. उपासक - बौद्ध धमम का साधारर् अनुगामी

    उपयुमि यलुमों में से कौन-से सही समुेतिि हैं?

    (a) केवि 1 और 2

    (b) केवि 1 और 3

    (c) केवि 2 और 3

    (d) 1, 2 और 3

    श्रमर्, पररव्रािक के तवषय में UPSC 2016 के Prelims परीिा में िी आया था. तिसका वर्मन हमने अपने पोस्ट में

    कर रखा ह ै- Click

    श्रमण: श्रमर् िैन और बौद्ध परम्प्परा के संतयातसयों को श्रमर् कहा िािा था.

    पररव्राजक: पररव्रािक संतयातसयों को कहिे थे.

    अग्रहाररक: ये वे िाह्मर् थे तिनको रािा के द्वारा अग्रहार अथामि् िगान मिु ग्राम दान तकया िािा था.

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    15

    मागध: प्राचीन और मध्यकाि में िारि के रािाओ ंके दरबार में कुछ व्यति होिे थे िो रािा की वीरगाथा का गान तकया

    करिे थे. तितहें मागध कहा िािा था.

    उपासक : उपासक बुद्ध, धमम और संघ की शरर् स्वीकार करिा ह ैिथा पंचशीिों के पररपािन का व्रि िेिा ह.ै बौद्ध

    धमम को मानने वािी गहृस्थ स्त्री उपातसका कहिािी ह.ै यह िी उपासक के समान पंचशीिों के पररपािन का व्रि िेिी ह.ै

    उपासक और उपातसकाओ ंका कत्तमव्य ह ैतक वे तिि ुऔर तिितुर्यों की आवश्यकिाओ ंकी पतूिम करें िथा उनसे धमम

    सनुें.

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