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1 AIPTS 2019 (GS - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869 ALL INDIA PRELIMS TEST SERIES – 2019 GS-7 GS-7 उतर:1)(d) उतर:2)(d) याया: खुले म शौच, वछता और हाइजीन की कमी से वभिन बीमाररयाि होती ह , वशेष ऱप से दत और आित म सिमण और टाइफाइड, हैजा, हेपेटाइटस, पोभलयो, ेकोमा और अय बीमाररया । इससे बच म कु पोषण और व वि का रकना िी शाभमल है। कु छ रोग पानी के वारा मल मागग से फैलता है और जलजननत सिमण के भलए जाना जाता है। कु एि और हड पिप के सिभमत िौम जल गिीर वाय खतर का कारण बन सकते ह। खुले म शौच डायररया से होने वाली मौत का बडा कारण है। WHO ने 2014 म एक शोध म पाया था क डायररया से नतटद5 साल तक के बच की म यु लगिग 2,000 तक की सिया म है , जो धीमी मौत का मुख कारण है। उतर:3)(c) याया: उतर:4)(b) याया: सिी कार से सिसाधन का उपयोग पयागवरणीय रण का कारण नहीि हो सकता है। जब क नत की उपयोग को पुनःपूनतग दर से ऊपर ककया जाता है तब तक यह पयागवरण को िावत नहीि करेगा । उतर:5)(d) याया: जनसिया म व वि के कारक कई कारक ने मानव आबादी म िारी व वि म योगदान टदया है। ये नीचे सूचीबि ह: 1. बेहतर क वष पिनतय ने खाय उपादन बढाने म मदद की है , इसभलए िोजन उपलध हो गया। 2. चककसा म गनत दुगटना, बीमारी और महामारी के कारण होने वाली मौत को रोकती है। 3. मनुय की जीवन याशा, दय, फे फडे और गुदे की बीमाररय के साथ-साथ अय बीमारय का ननदान ककया जा सकता है और अब आधुननक चचककसा ौयोचगकी के मायम से इसका इलाज कया जा सकता है। वासन एक े म जनसिया पररवतगन के भलए जजमेदार एक अय कारक है। उतर:6)(d) याया: भसिथेटटक उवगरक के बढते उपयोग के कारण गिीर पयागवरणीय समयाएि उनन होती ह। उदाहरण के भलए, वष े से युत उवगरक, पानी के मायम से झील और नटदय म दूषण फै लाती है। ये एोके भमकस भमी और दूवषत िजल के मायम से िी ररस सकते ह। जल ननकाय के अयचधक पोषक तव के सिवधगन से यूोकफके शन होता है (अथागत पोषक तव के साथ जल का सिवधगन वशेष ऱप से नाइेस और फॉफे ट हरे शैवाल की वफोटक व वि को टगर करता है) जलीय जीवन को मार सकता है। कीटनाशक का उपयोग न के वल फसल को नट करने वाले कीट को मारता है , बजक कई गैर कीट जीव को िी मार सकता है , जसम पौध की बीज के फै लाव के भलए परागणक, पय और सहायक जैसे कीट की उपयोगजानतयाि िी शाभमल हो सकती ह। कीटनाशक जमा होते जाते ह और उनका ििडार खाय िखला के मायम से बढती है और अिडे , दूध और अय खाय पदाथ म ववषात तर तक पह ि च जाती है। (जैव आविगन)। गहन क वष म , वभिन क वष आदान ने खाय उपादन की लागत म व वि की है। उतर:7)(b) याया: अमूर फाकन: द अमूर फाकन (फाको अमुरभसस) फाकन पररवार का एक छोटा भशकारी पी है। यह दण- पूवी साइबेररया और उतरी चीन म जनन करता है अरब सागर से सटदगय म दणी अीका म वेश करने से पहले िरत म बडे झुिड म वास करते ह। नर गहरे िूरे र िग की जाि और िूरे र िग के आवरण के साथ गहरे िूरे र िग के होते ; लाल नारिगी आिख की अिगूठ, सेरे और पैर। मादाएि ऊपर से नीरस होती ह , सफे द अिडरपस, एक नारिगी आिख की अिगूठ, सेरे और पैर पर काले रिग की पपडीदार चचन के साथ। उनके आहार म मुय ऱप से कीडे होते ह , जैसे कक दीमक;

GS-7...3 AIPTS 2019 (GS - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869 (iv) जब क र स फटटगल इज शन क * रक ज त ह क य कक ककस प

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  • 1 AIPTS 2019 (GS - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869

    ALL INDIA PRELIMS TEST SERIES – 2019

    GS-7

    GS-7

    उत्तर:1)(d)

    उत्तर:2)(d) व्याख्या: खुले में शौच, स्वच्छता और हाइजीन की कमी स ेववभिन्न बीमाररयाां होती हैं, ववशेष रूप स ेदस्त और आांतों में सांक्रमण और टाइफाइड, हैजा, हेपेटाइटटस, पोभलयो, टे्रकोमा और अन्य बीमाररया । इससे बच्चों में कुपोषण और ववृि का रुकना िी शाभमल है। कुछ रोगों पानी के द्वारा मल मागग स ेफैलता है और जलजननत सांक्रमण के भलए जाना जाता है। कुएां और हैंड पांप के सांक्रभमत िौम जल गांिीर स्वास््य खतरों का कारण बन सकते हैं। खुले में शौच डायररया स ेहोन ेवाली मौतों का बडा कारण है। WHO ने 2014 में एक शोध में पाया था कक डायररया स ेप्रनतटदन 5 साल तक के बच्चों की मतृ्यु लगिग 2,000 तक की सांख्या में है, जो धीमी मौत का प्रमुख कारण है।

    उत्तर:3)(c) व्याख्या:

    उत्तर:4)(b) व्याख्या: सिी प्रकार स े सांसाधनों का उपयोग पयागवरणीय क्षरण का कारण नहीां हो सकता है। जब प्रकृनत की उपयोग को पुनःपूनत ग दर स े ऊपर ककया जाता है तब तक यह पयागवरण को प्रिाववत नहीां करेगा ।

    उत्तर:5)(d) व्याख्या: जनसांख्या में ववृि के कारक कई कारकों न ेमानव आबादी में िारी ववृि में योगदान टदया है। ये नीचे सूचीबि हैं:

    1. बेहतर कृवष पिनतयों न ेखाद्य उत्पादन बढान ेमें मदद की है, इसभलए िोजन उपलब्ध हो गया।

    2. चचककत्सा में प्रगनत दरु्गटना, बीमारी और महामारी के कारण होने वाली मौतों को रोकती है।

    3. मनुष्यों की जीवन प्रत्याशा, हृदय, फेफड े और गुदे की बीमाररयों के साथ-साथ अन्य बीमाररयों का ननदान ककया जा सकता है और अब आधुननक चचककत्सा प्रौद्योचगकी के माध्यम से इसका इलाज ककया जा सकता है। प्रवासन एक के्षत्र में जनसांख्या पररवतगन के भलए जजम्मेदार एक अन्य कारक है।

    उत्तर:6)(d) व्याख्या: भसांथेटटक उवगरकों के बढते उपयोग के कारण गांिीर पयागवरणीय समस्याएां उत्नन्न होती हैं। उदाहरण के भलए, कृवष के्षत्रों से प्रयुक्त उवगरकों, पानी के माध्यम से झीलों और नटदयों में प्रदषूण फैलाती है। ये एग्रोकेभमकल्स भमट्टी और प्रदवूषत िूजल के माध्यम से िी ररस सकते हैं। जल ननकायों के अत्यचधक पोषक तत्वों के सांवधगन से यूट्रोकफकेशन होता है (अथागत ् पोषक तत्वों के साथ जल का सांवधगन ववशेष रूप स ेनाइटे्रट्स और फॉस्फेट हरे शैवाल की ववस्फोटक ववृि को टट्रगर करता है) जलीय जीवन को मार सकता है। कीटनाशकों का उपयोग न केवल फसल को नष्ट करने वाले कीटों को मारता है, बजल्क कई गैर कीट जीवों को िी मार सकता है, जजसमें पौधों की बीजों के फैलाव के भलए परागणकों, पक्षक्षयों और सहायकों जसैे कीटों की उपयोगी प्रजानतयाां िी शाभमल हो सकती हैं। कीटनाशक जमा होते जात ेहैं और उनका िांडार खाद्य श्ृांखला के माध्यम से बढती है और अांड,े दधू और अन्य खाद्य पदाथों में ववषाक्त स्तर तक पहुांच जाती है। (जैव आविगन)। गहन कृवष में, ववभिन्न कृवष आदानों ने खाद्य उत्पादन की लागत में ववृि की है।

    उत्तर:7)(b) व्याख्या: अमूर फाल्कन: द अमूर फाल्कन (फाल्को अमुरेंभसस) फाल्कन पररवार का एक छोटा भशकारी पक्षी है। यह दक्षक्षण-पूवी साइबेररया और उत्तरी चीन में प्रजनन करता है अरब सागर से सटदगयों में दक्षक्षणी अफ्रीका में प्रवेश करने स ेपहले िारत में बड ेझुांडों में प्रवास करते हैं। नर गहरे िूरे रांग की जाांर्ों और िूरे रांग के आवरण के साथ गहरे िूरे रांग के होत ेहैं; लाल नारांगी आांख की अांगूठी, सेरे और पैर। मादाएां ऊपर स ेनीरस होती हैं, सफेद अांडरपैंट्स, एक नारांगी आांख की अांगूठी, सेरे और पैरों पर काले रांग की पपडीदार चचह्नों के साथ। उनके आहार में मुख्य रूप से कीड े होत े हैं, जैसे कक दीमक;

  • 2 AIPTS 2019 (GS - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869

    समुद्र के ऊपर प्रवास के दौरान, उन्हें ड्रगैनफ़लीज़ पर प्रवास करने के बारे में सोचा जाता है। गे्रट बबल्ड हेरॉन प्रवास का प्रकार: स्थानीय ननवासी और सटदगयों के आगांतुक। िारतीय उप-महाद्वीप में ववतरण: ननकोबार, दक्षक्षण पूवग एभशया स ेऑस्टे्रभलया तट तक एशियाई कोएल: बहुत स ेलोग नहीां जानत ेहैं कक कोयल, एक मधुर आवाज वाले पक्षी हैं, एक प्रवासी पक्षी है जो भसांगापुर स ेिारत की यात्रा करता है। भसांगापुर की जलवायु जब अचधक गमग हो जाती है तो यह िारत मखु्य रूप से पाांडडचेरी की यात्रा करते हैं, जजससे उन्हें शाांत वातावरण और िोजन प्रानत हो सके।

    उत्तर:8)(b) व्याख्या: कैबुलमजाओ नेशनल पाकग मणणपुर राज्य के बबष्णुपुर जजले में एक राष्ट्रीय उद्यान है। यहााँ पर सांरक्षक्षत जन्तु ब्र ूएांडीलडग टहरण हैं। राष्ट्रीय उद्यान को स्थानीय रूप से फुां मडीस कहे जाने वाले कई अस्थायी ववर्टटत पादप-पौध सामचग्रयों की ववशेषता है।

    उत्तर:9)(a) व्याख्या: पाररजस्थनतकी को एक दसूरे के साथ और उनके पयागवरण के साथ रहने वाले जीवों के सांबांधों के वैज्ञाननक अध्ययन के रूप में पररिावषत ककया जा सकता है। पाररजस्थनतकी शब्द पहली बार 1869 में जमगन जीवववज्ञानी अनगस्ट हेकेल द्वारा गढा गया था। इस े दो ग्रीक शब्दों स ेभलया गया है, ओइकोस, जजसका अथग र्र या सांपजत्त और लोगोस का अथग अध्ययन हैं।

    उत्तर:10)(c) व्याख्या: प्रकृनत में, कई प्रजानतयाां एक ही ननवास स्थान पर रहती हैं, लेककन वे अलग-अलग कायग करती हैं। इसके ननवास स्थान में ककसी प्रजानत की कायागत्मक ववशेषताओां को उस सामान्य ननवास स्थान में "ननकेत" कहा जाता है। ककसी प्रजानत का ननवास स्थान उसके पते ’(यानी जहाां वह रहता है) की तरह होता है जबकक ननकेत को उसके “पेशे” (यानी गनतववचधयों और प्रजानतयों के भलए ववभशष्ट प्रनतकक्रया) के रूप में समझा जा सकता है। ननकेत शब्द का अथग है ककसी प्रजानत की सिी गनतववचधयों और सांबांधों का योग जजसके द्वारा वह अपने ननवास स्थान में अपन े अजस्तत्व और प्रजनन के भलए सांसाधनों का उपयोग करता है। एक ननकेत प्रजानत के भलए अद्ववतीय होत े है जबकक कई प्रजानतयाां ननवास स्थान साझा करती हैं। एक ननवास स्थान में कोई िी दो प्रजानतयाां समान नहीां हो सकती हैं। ऐसा इसभलए है क्योंकक यटद दो प्रजानतयाां एक ही स्थान पर कब्जा करती हैं, तो वे एक दसूरे के साथ प्रनतस्पधाग करेंगे जब तक कक एक ववस्थावपत न हो जाए। उदाहरण के भलए, कीटों की ववभिन्न

    प्रजानतयों की एक बडी सांख्या एक ही पौधे पर हो सकते हैं, लेककन वे एक ही पौधे के ववभिन्न िागों को खाने में उपयोग कर सकत ेहैं।

    उत्तर:11)(d) व्याख्या: प्रत्येक जीव अपन े ववशेष ननवास में रहन े के भलए अनुकूल है। एक रेचगस्तान में नाररयल उग नहीां सकता, जबकक एक ऊां ट समुद्र में नहीां बच सकता। प्रत्येक जीव अपने ववशेष वातावरण के अनकूुल होता है। अनुकूलन का अथग ककसी जीव की बाहरी बनावट, व्यवहार, सांरचना और जीवन पिनत जजसस ेवह ककसी ववभशष्ट वातावरण में रहता है, से लगाया जा सकता है। गलफडों और पांखों की उपजस्थनत मछभलयों में जलीय ननवास स्थान में अनुकूलन के उदाहरण हैं। जलीय फूलों के पौधों में लकडी के गठन की अनपुजस्थनत और अत्यचधक कम जड प्रणाली जलीय पयागवरण के भलए अनकूुलन हैं।

    उत्तर:12)(d) व्याख्या: "जीवों की समान आबादी का एक समूह जजसका सदस्य इांटरबब्रडड ांग में सक्षम हैं, सांतान (बच्च)े पैदा करने के भलए" एक प्रजानत के रूप में पररिावषत ककया गया है। बार् एक शेर, एक कमल और एक गुलाब ववभिन्न प्रजानतयों के उदाहरण हैं। हर प्रजानत का वजै्ञाननक नाम होता है, जजसे दनुनया िर के लोग समझत े हैं। मनुष्य होमो सेवपयन्स की प्रजानत स े सांबांचधत है। केवल एक ही प्रजानत के सदस्य जननक्षय सांतान पैदा करन ेके भलए परस्पर कक्रया कर सकत ेहैं। हर प्रजानत में आनुवाांभशक ववशेषताओां का अपना सेट होता है जो इस प्रजानत को ववभशष्ट और अन्य प्रजानतयों से अलग बनाता है। ववववधता (वैररयेशन) हालाांकक, प्रजानतयाां आमतौर पर कई अलग-अलग आबादी स ेबनी होती हैं, जो टदखने में अलग-अलग होने के बावजूद स्वतांत्र रूप स ेपरस्पर जुडी होती हैं। त्वचा के रांग में अांतर, बालों का प्रकार र्ुांर्राले या सीध,े आांखों का रांग, ववभिन्न जातीय समूहों के बीच रक्त का प्रकार मानव प्रजानतयों के िीतर भिन्नता का प्रनतननचधत्व करता है।

    उत्तर:13)(c) व्याख्या: प्रजनन अलगाव के कारण (i) जब दो अलग-अलग आबादी वषग के अलग-अलग समय में यौन ग्रहणशील हो जाती है, उदाहरण के भलए, मेढको की एक आबादी जो मई में प्रजनन करती है, जुलाई में प्रिावी रूप स ेएक कक नस्लों स ेअलग हो जाती है, हालाांकक दोनों आबादी एक ही के्षत्र में हो सकती है। (ii) ववभिन्न आबादी के सदस्य एक दसूरे के प्रनत प्रेमालाप व्यवहार से आकवषगत नहीां होते हैं। (iii) दो आबादी के फूलों के बीच जब परागण तांत्र ववफल हो जाता है ।

  • 3 AIPTS 2019 (GS - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869

    (iv) जब क्रॉस फटटगलाइजेशन को रोका जाता है क्योंकक ककसी प्रजानत की ववभिन्न आबादी के यौन अांग मेल नहीां खाते हैं।

    उत्तर:14)(d) व्याख्या: जब से पृ् वी पर जीवन ववकभसत हुआ है, नई प्रजानतयाां पयागवरण के भलए बेहतर अनुकूल टदखाई दी हैं और पुराने, कम सफल रूप मतृ हो गए हैं या ववलुनत हो गए हैं। ववलुनतता आमतौर पर एक प्राकृनतक र्टना है। इसका अथग है ववभिन्न प्रकार के प्रजानतयों मतृ होकर समानत हो जाना। इस ववलुजनत का प्राथभमक कारण पयागवरण पररवतगन या जैववक प्रनतस्पधाग है। ववलुजनत तब होती है जब प्रजानतयाां अपन ेपयागवरण में हो रहे पररवतगनों का सामना करन ेके भलए तेजी से ववकभसत नहीां हो सकती हैं। पृ् वी के िूवैज्ञाननक इनतहास के दौरान कई प्रजानतयाां ववलुनत हो गई हैं। जानवरों, पौधों और अन्य जीवों के सांरक्षक्षत अवशेष जो िूवैज्ञाननक अतीत में रहते थ,े जीवाश्म कहलाते हैं।

    उत्तर:15)(d) व्याख्या: ’जनसांख्या’ को एक ननजश्चत समय में एक ववभशष्ट के्षत्र में मौजूद एक ही प्रजानत के स्वतांत्र रूप से परस्पर सांबांचधत व्यजक्तयों के समूह के रूप में पररिावषत ककया गया है। उदाहरण के भलए, जब हम कहते हैं कक ककसी शहर की जनसांख्या 50,000 है, तो हमारा अथग है कक उस शहर में 50,000 लोग हैं। हालाांकक, दनुनया के ककसी िी टहस्से में रहन ेवाले मनुष्य की सिी आबादी होमो सेवपयन्स प्रजानत का ननमागण करती है। एक जनसांख्या के अपने लक्षण होते हैं जो जनसांख्या बनान ेवाले व्यजक्तयों स े भिन्न होते हैं। एक व्यजक्त जन्म लेता है और मर जाता है लेककन एक आबादी जारी है। जनसांख्या का जन्म और मतृ्य ुदर के आधार पर आकार बदल सकता है।

    उत्तर:16)(d) व्याख्या: र्नत्व स्वतांत्र जनसांख्या ववृि या ‘J’ आकार की जनसांख्या ववृि वक्र: जांगल की आग एक र्नी या बबखरी (कम) आबादी को काफी कम कर सकती है। चरम मौसम की जस्थनत जैस े सखूा, बाररश, बाढ, तूफान और तापमान में अचानक ववृि या चगरावट सिी र्नत्व स्वतांत्र कारकों के रूप में कायग करत ेहैं क्योंकक व ेजनसांख्या सांख्या में अचानक कमी का कारण बनत े हैं। जनसांख्या ववृि को एक ‘J’ आकार के ववकास वक्र द्वारा दशागया गया है जजस ेर्नत्व स्वतांत्र ववकास कहा जाता है। आम तौर पर ‘J’ आकार की ववृि वक्र उन प्रजानतयों की ववभशष्ट होती है जो तेजी से प्रजनन करती हैं और जो मौसम के उतार-चढाव वाले पयागवरणीय कारकों जसैे कक प्रकाश, तापमान और वषाग से बहुत प्रिाववत होती हैं।

    उत्तर:17)(c) व्याख्या: एक समुदाय में मौजूद ववभिन्न प्रकार के जीव इसकी प्रजानतयों की ववववधता का प्रनतननचधत्व करते हैं। प्रजानतयों

    की सांरचना या ववववधता एक समुदाय से दसूरे समुदाय में भिन्न होती है। यहाां तक कक एक ही समुदाय में, प्रजानतयों की सांरचना में मौसमी बदलाव हो सकता है। प्रजानत ववववधता िी समुदाय की जस्थरता को प्रिाववत करती है। जस्थर समुदाय वह है जो ककसी तरह से ववघ्न आन े के बाद अपनी मूल जस्थनत में लौटने में सक्षम है। उच्च प्रजानत ववववधता वाले समुदाय तुलनात्मक रूप से अचधक जस्थर पाए गए हैं।

    उत्तर:18)(c) व्याख्या: प्राथभमक अनुक्रमण एक ननजगन अथवा अचधवाभसत के्षत्र जैसे चट्टानों के बटहवागह, नवगटठत डले्टा और रेत के टीलों, उिरते ज्वालामखुी द्वीपों और लावा के प्रवाह के साथ-साथ ग्लेभशयल मोरेंस (एक पीछे हटने वाले ग्लेभशयर द्वारा अवगत कराया गया दलदली के्षत्र) पर होता है, जहाां पहले कोई समुदाय मौजूद नहीां था। पौध े जो पहले नग्न िूभम पर आक्रमण करत े हैं, जहाां मदृा प्रारांि में अनुपजस्थत होती है, अग्रणी प्रजानतयाां कहलाती हैं। अग्रणी पौधों के सांयोजन को सामूटहक रूप से अग्रणी समुदाय कहा जाता है।

    उत्तर:19)(c) व्याख्या: ककसी के्षत्र या पाररजस्थनतकी तांत्र का जैववक समुदाय परस्पर कक्रयाओां का एक जटटल नेटवकग है। एक ही प्रजानत के अलग-अलग जीव/जन्त ु के बीच होने वाले सम्पकग को पारस्पररक सम्पकग कहा जाता है, जबकक एक समुदाय में ववभिन्न प्रजानतयों के व्यजक्तयों के बीच की सम्पकग को अन्तववगभशष्ट सम्पकग कहा जाता है। एक ही ट्रॉकफक स्तर से सांबांचधत जीवों के बीच सम्पकग में अक्सर प्रनतस्पधी होती है जैसे जनसांख्या िोजन, स्थान और साथी के प्राजनत के भलए प्रनतस्पधाग कर सकत ेहैं।

    उत्तर:20)(c) व्याख्या:

    उत्तर:21)(c) व्याख्या: एक पाररजस्थनतकी तांत्र में ट्रॉकफक स्तर रैणखक नहीां हैं, बजल्क व ेपरस्पर जुड े हुए हैं और एक खाद्य जाल बनात ेहैं। इस प्रकार फूड जाल एक पाररजस्थनतकी तांत्र में मौजूद एक नेटवकग इांटरकनेक्टेड खाद्य श्ृांखला है। एक जानवर कई अलग-अलग खाद्य श्ृांखलाओां का सदस्य हो सकता है, फूड

  • 4 AIPTS 2019 (GS - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869

    जाल पाररजस्थनतकी तांत्र के माध्यम स ेऊजाग प्रवाह के अचधक यथाथगवादी मॉडल हैं। पाररजस्थनतकी तांत्र में ऊजाग का प्रवाह हमेशा रैणखक या एकतरफा होता है। क्रभमक ट्राकफक स्तरों के माध्यम स ेप्रवाटहत वाली ऊजाग की मात्रा कम हो जाती है। खाद्य श्ृांखला या जाल में प्रत्येक चरण में जीव को प्रानत ऊजाग का उपयोग स्वयां को बनाए रखन े के भलए ककया जाता है और अगले ओवर को ट्राकफक स्तर पर छोड टदया जाता है।

    उत्तर:22)(a) व्याख्या: बायोमास का वपराभमड: यह प्रत्येक ट्राकफक स्तर पर कुल स्टैडड ांग क्रॉप बायोमास का प्रनतननचधत्व करता है। स्टैडड ांग क्रॉप बायोमास ककसी िी समय जीववत पदाथग की मात्रा है। इसे ग्राम / इकाई के्षत्र या ककलो कैलोरी / यूननट के्षत्र के रूप में व्यक्त ककया जाता है। अचधकाांश स्थलीय पाररजस्थनतक तांत्रों में बायोमास का वपराभमड सीधा होता है। हालाांकक, जलीय पाररजस्थनतक तांत्र के मामले में बायोमास का वपराभमड उलटा हो सकता है। उदाहरण : एक तालाब में फाइटोनलाांकटन मुख्य उत्पादक होत ेहैं, उनका जीवन चक्र बहुत छोटा होता है, उनका बदलाव दर तीव्र होता है। (अथागत ् वे तेजी से नए पौधों द्वारा प्रनतस्थावपत हो जाते हैं)। इसभलए, ककसी िी समय उनका कुल बायोमास उनके द्वारा समचथगत शाकाहारी जीवों के बायोमास से कम है।

    उत्तर:23)(c)

    उत्तर:24)(a) व्याख्या: नाइटट्रकफकेशन: यह एक प्रकक्रया है जजसके द्वारा अमोननया क्रमशः नाइट्रोसोमोनस और नाइट्रोकोकस बैक्टीररया द्वारा नाइटे्रट्स या नाइट्राइट में पररवनतगत हो जाता है। एक अन्य भमट्टी के जीवाणु नाइट्रोबैक्टर नाइटे्रट को नाइट्राइट में पररवनतगत कर सकत ेहैं। डीनाइटट्रकफकेशन: गैसीय नाइट्रोजन में नाइटे्रट्स के रूपाांतरण को डीनाइटट्रकफकेशन कहा जाता है। ऑक्सीजन मुक्त माध्यम में रहना पसांद करने वाले बैक्टीररया जल स्तर के पास भमट्टी की गहराई में रहते हैं। डीनाइटट्रकफकेशन नाइट्रोजन जस्थरीकरण के ववपरीत है।

    उत्तर:25)(c) व्याख्या: इसे होमोस्टैटटस के रूप में िी जाना जाता है।

    उत्तर:26)(c) व्याख्या: ऑस्टे्रभलया में डाउांस पाए जात ेहैं दक्षक्षण अमेररकी ग्रासलैंड को पम्पास के नाम स ेजाना जाता है।

    उत्तर:27)(c)

    उत्तर:28)(d) व्याख्या: थार मरुस्थल िारत में प्राकृनतक वनस्पनत की एक अद्भतु तस्वीर प्रस्ततु करता है। इस रेचगस्तान में पेड छोटे और कठोर होते हैं, और चचलचचलाती धूप में पाये जात े हैं। कैजक्ट, रुनझा (एकैभशया ल्यकूोफ्लोया), खेजरी (प्रोसोवपस स्पाइसीगेरा), कां जू (होलोपेभलया इांटीचगफोभलया), ओक (कैलोट्रोवपस चगगेंटटया) आटद इस के्षत्र में आम पौध े हैं। उपयुगक्त सिी प्रकार के वन और के्षत्र िारत में प्राकृनतक वनस्पनतयों के भलए महत्वपूणग योगदान देते हैं। इस के्षत्र में गे्रट इांडडयन बस्टडग िी देखा जाता है।

    उत्तर:29)(b) व्याख्या: एश्चुएरीज एक स्थान है जहााँ एक नदी या एक धारा समुद्र में खुलती है। यह नदी के मुहान े पर आांभशक रूप स ेसांलग्न तटीय के्षत्र है जहााँ इसका ताजा जल उपजाऊ गाद और िूभम के अपवाह को समुद्र के नमकीन पानी के साथ भमलाता है। यह ताज ेपानी और समुद्री पाररजस्थनतकी तांत्र के बीच एक इकोटोन का प्रनतननचधत्व करता है और ताजे पानी के साथ समुद्री पानी के भमश्ण के कारण लवणता की भिन्नता को दशागता है। चूाँकक नदी अपवाह, ज्वारीय के्षत्र और तलछटों के ववतरण पररवनत गत होते रहते हैं अत: ये एश्चुएरी को अचधक गनतशील और उत्पादक बनाते हैं। एश्चएुरी के उदाहरण नदी का मुहाना, तटीय खाडडयााँ, ज्वारीय दलदल, लैगून और डले्टा है।

    उत्तर:30)(d) व्याख्या: इकोटोन दो या अचधक ववववध पाररजस्थनतक तांत्रों के बीच भमलन का एक के्षत्र है, उदाहरण - मैंग्रोव वन जो समुद्री और स्थलीय पाररजस्थनतकी तांत्र के बीच एक इकोटोन का प्रनतननचधत्व करते हैं, इकोटोन के कुछ और उदाहरण हैं - चरागाह, एश्चुएरी और नदी तट।

    उत्तर:31)(b) व्याख्या: सौर ऊजाग की लागत में िारी कमी आई है। कें द्र सरकार न ेिारत में 2022 तक 100 GW सौर ऊजाग स्थावपत करने के महत्वाकाांक्षी भमशन को शुरू ककया है। राज्य सरकारों ने अपन-ेअपने राज्यों में सौर ऊजाग प्रौद्योचगककयों को बढावा देने के भलए सौर नीनतयों की र्ोषणा की है। हालाांकक व ेआकषगक और आचथगक रूप से व्यवहायग लग सकते हैं, इस के्षत्र में ववभिन्न कत्तागओां के सामन ेसमस्या है। िारत में कुछ सौर सेल ननमागता हैं उनकी सांयकु्त ववननमागण क्षमता लगिग 1212 मेगावाट है। लेककन केवल 250 मेगावाट क्षमता ही चाल ू है। यह इस कारण है कक अमेररका, चीन, ताइवान, मलेभशया और यूरोपीय सांर् में सेल ननमागण कां पननयाां कम लागत पर िारतीय बाजारों में अपन ेसेल डांप कर रही हैं।

    उत्तर:32)(b) व्याख्या: सल्फर के ऑक्साइड प्राथभमक प्रदषूकों का उदाहरण हैं।

  • 5 AIPTS 2019 (GS - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869

    उत्तर:33)(d)

    उत्तर:34)(b)

    उत्तर:35)(d) व्याख्या: ववककरण प्रदषूण के कई स्रोत हैं जैसे परमाणु ऊजाग सांयांत्रों स े परमाणु अपभशष्ट, परमाणु सामग्री का खनन और प्रसांस्करण आटद।

    उत्तर:36)(b) व्याख्या: बााँस एक देशी पौधा है।

    उत्तर:37)(d) व्याख्या: अांगे्रजों द्वारा पहली बार वन सांरक्षण का दृजष्टकोण वषग 1894 में शुरू ककया गया था। पयागवरण, वन और जलवाय ुपररवतगन मांत्रालय ने राष्ट्रीय वन नीनत 2018 का मसौदा टदया है। इसे अिी अांनतम रूप नहीां टदया गया है।

    उत्तर:38)(c) व्याख्या: ववश्व जल टदवस (22 माचग) स े पहले सांयकु्त राष्ट्र ववश्व जल ववकास ररपोटग (डब्ल्यूडब्ल्यूडीआर) जारी की गई थी।

    उत्तर:39)(d) व्याख्या: टहमालय स्तनधाररयों की 300 से अचधक प्रजानतयों का र्र है, जजनमें स ेएक दजगन स्थाननक हैं। गोल्डन लांगूर, द टहमालयन तहर, वपग्मी हॉग, लैंगुर, एभशयाई जांगली कुत्त,े स्लोथ िाल,ू गौर, मुांतजजर, साांिर, टहम तेंदआु, काला िाल,ू नीली िेड, टैककन, गांगा डॉजल्फन, जांगली जल िैंस, दलदल में रहन ेवाले टहरण आटद के भलए टहमालय र्र है।

    उत्तर:40)(d) व्याख्या: एभशया-प्रशाांत हॉटस्पॉट्स

    पूवग मेलनेभशयन द्वीप समूह टहमालय िारत-बमाग जापान दक्षक्षण-पजश्चम चीन के पवगत न्यू कैलेडोननया न्यूजीलैंड कफलीपीांस पोभलनेभशया-माइक्रोनेभशया दक्षक्षण-पजश्चम ऑस्टे्रभलया पूवी ऑस्टे्रभलया के जांगल (नए) सुण्डालैण्ड वैलेभसया पजश्चमी र्ाट और श्ीलांका।

    उत्तर:41)(b) व्याख्या: नांदा देवी उत्तराखांड में मौजूद हैं।

    उत्तर:42)(c) व्याख्या:

    आईयूसीएन एक अांतरराष्ट्रीय सांगठन है जो प्रकृनत सांरक्षण और प्राकृनतक सांसाधनों के स्थायी उपयोग के के्षत्र में काम कर रहा है।

    IUCN की स्थापना 1948 में हुई थी। इसका मुख्यालय ग्लाण्ड, जस्वट्जरलैंड में है। यह आांकडा एकत्र करने और ववश्लेषण, अनुसांधान, के्षत्र

    पररयोजनाओां, वकालत और भशक्षा में शाभमल है। IUCN के पास सांयुक्त राष्ट्र में पयगवेक्षक और परामशी जस्थनत

    है, और प्रकृनत सांरक्षण और जैव ववववधता पर कई अांतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के कायागन्वयन में एक िूभमका ननिाता है।

    IUCN पयागवरण स े सांबांचधत मदु्दों में ववशेषज्ञता के साथ सांयुक्त राष्ट्र महासिा में एकमात्र अांतरराष्ट्रीय पयगवेक्षक सांगठन है।

    उत्तर:43)(c) व्याख्या: ववलुनत (EX): एक वगगक (Taxon) ववलुनत कहलाता है जब इसमें कोई सांदेह नहीां होता है कक अांनतम बचे हुए की मतृ्यु हो गई है। ववलुनत, जांगल में (EW): एक वगगक जांगल में ववलुनत कहलात ेहैं जब इसे केवल खेती में, कैद में या पाये जाते हों और प्राकृनतक स्थानों पर नहीां हों। गांिीर रूप से लुनतप्राय (CR): एक वगगक गांिीर रूप स ेलुनतप्राय कहलाता है जब सबस ेअच्छा उपलब्ध साक्ष्य इांचगत करता है कक यह गांिीर रूप स ेलुनतप्राय के भलए A से E के ककसी िी मापदांड को पूरा करता है और इसभलए इसे जांगल में ववलुनत होने का एक बहुत ही उच्च जोणखम का सामना करना पडता है।

    उत्तर:44)(d) व्याख्या: गांिीर रूप स ेलुनतप्राय स्तनधारी

    टहमालयन ब्राउन / लाल िाल ू पैगी हॉग अांडमान व्हाइट- दाांतवाले स्क्रय ू कोंडाना चूहा बडा रॉक चूहा या एलवीरा चूहा नमदाफा फ्लाइांग चगलहरी मालाबार भसवेट सुमात्रा गैंडा कश्मीर स्टैग/ हांगुल

    उत्तर:45)(d) व्याख्या: सिी कथन सत्य है।

    लायन टेल्ड मैकाक : यह पजश्चमी र्ाटों के भलए स्थाननक है।

  • 6 AIPTS 2019 (GS - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869

    मानव उपजस्थनत स ेबचत े हैं और वहाां नहीां रहत े हैं और व ेवकृ्षारोपण वाले के्षत्रों में चलत ेहैं और वहीां खाते हैं।

    ननवास स्थान: पजश्चमी र्ाट के सदाबहार वन में। खतरे: कृवष, चाय, कॉफी, सगौन और भसनकोना की बगानी

    कृवष के्षत्र के ववखण्डन आटद।

    उत्तर:46)(c) व्याख्या: गांगा नदी डॉजल्फन:

    ननवास स्थान: बाांग्लादेश, िारत और नेपाल में गांगा और ब्रह्मपुत्र नटदयााँ और उनकी सहायक नटदयााँ।

    गांगा नदी की डॉजल्फन को िारत सरकार न े अपन े राष्ट्रीय जलीय पशु के रूप में मान्यता दी है।

    उत्तर:47)(d) व्याख्या: आद्रगिूभम ऐस े के्षत्र हैं जहाां पानी पयागवरण और सांबांचधत पौध े और पश ु जीवन को ननयांबत्रत करने वाला प्राथभमक कारक है। िौम जलस्तर िूभम के सतह पर या उसके पास होती है या वहााँ िूभम जलआच्छाटदत होती है।

    उत्तर:48)(c) व्याख्या: दीपोर बील असम में है। िोज वेटलैंड मध्य प्रदेश में है। अष्टमुडी वेटलैंड केरल में है।

    उत्तर:49)(d) व्याख्या:

    साांिर साल्ट लेक, िारत की सबसे बडी अांतदेशीय खाने पानी की झील है।

    साांिर को रामसर साइट के रूप में नाभमत ककया गया है (अांतरागष्ट्रीय महत्व का आद्रगिूभम) क्योंकक आद्रगिूभम दभसयों हज़ारों राजहांसों और उत्तरी एभशया से आने वाले अन्य पक्षक्षयों के भलए एक महत्वपूणग शीतकालीन के्षत्र है।

    झील में उगने वाले ववशेष शैवाल और बैक्टीररया आकषगक पानी के रांग प्रदान करत े हैं और झील पाररजस्थनतकी इनके ननवास हेतु सहायक होत ेहैं।

    उत्तर:50)(d) व्याख्या:

    अांटाकग टटका में रॉस सागर को पृ् वी के सबस ेप्राचीन समुद्री पाररजस्थनतकी तांत्र की सुरक्षा के भलए दनुनया का सबस ेबडा समुद्री सांरक्षक्षत के्षत्र (एमपीए) र्ोवषत ककया गया था।

    रॉस सागर दनुनया में अांनतम बरकरार समुद्री पाररजस्थनतकी प्रणाभलयों में स ेएक है।

    रॉस सी को एमपीए का दजाग 35 वषों के भलए अपने के्षत्र के लगिग तीन चौथाई के्षत्रों में वाणणजज्यक मछली पकडन े पर पूणग प्रनतबांध लाएगा।

    रॉस सागर एडले पेंगुइन, अांटाकग टटक पेटे्रल्स और अांटाकग टटक भमांक व्हेल का र्र है।

    यह बडी सांख्या में कक्रल का र्र िी है जो व्हेल और सील सटहत प्रजानतयों के भलए एक मुख्य िोजन है।

    उत्तर:51)(d) व्याख्या: सीएमएस सांयुक्त राष्ट्र पयागवरण कायगक्रम (यूएनईपी) के अधीन सांपन्न एक अांतरराष्ट्रीय सांचध है, जजसका सांबांध वैजश्वक स्तर पर वन्यजीवों और आवासों के सांरक्षण स ेहै। इसे आमतौर पर प्रवासी प्रजानत पर अभिसमय (CMS) अथवा बॉन अभिसमय के रूप में जाना जाता है। सीएमएस का लक्ष्य है कक उसके अन्तगगत समस्त के्षत्र में स्थलीय, समुद्री और एववयन प्रवासी प्रजानतयों का सांरक्षण ककया जाए। िारत, वषग 2020 में 13 पाटटगयों के सम्मेलन (सीएमएस सीओपी 13) एवां प्रवासी जांगली जानवरों की प्रवासी प्रजानतयों के सांरक्षण (सीएमएस) पर अगले सम्मेलन की मेजबानी करेगा।

    उत्तर:52)(b) व्याख्या: व्हेल शाकग सांरक्षण पररयोजना प्रजानतयों को IUCN द्वारा लुनतप्राय माना जाता है। िारत में, यह गुजरात और लक्षद्वीप के तटों पर पाई जाती है। इसे मई 2001, में िारत के वन्य जीव (सांरक्षण) अचधननयम 1972 की अनुसूची I में जोडा गया था । व्हेल शाकग को अांतरागष्ट्रीय व्यापार में वनस्पनत एवां जीव लुनतप्राय प्रजानतयों के अभिसमय (CITES) के पररभशष्ट II में शाभमल होने के कारण अांतरागष्ट्रीय सांरक्षण िी प्रानत है।

    उत्तर:53)(a) व्याख्या:

    चचपको अथागत 'गले लगाओ ', गढवाल टहमालय पर जांगल के आवरण को बचान े के भलए उत्तराखांड के चमोली जजले में सैकडों ग्रामीणों-मटहलाओां की रणनीनत थी।

    मूल चचपको औरांदोलन 18 वीां शताब्दी में हुए थ े जजस ेराजस्थान के बबश्नोई समुदाय द्वारा शुरू ककए गए थे।

    इस र्टना को इनतहास में ग्रामीणों के एक समूह के बभलदान को याद रखने के भलए शाभमल ककया गया है ,जजन्होंने अमतृा देवी नाम की एक मटहला के नेततृ्व में -जोधपुर के तत्कालीन राजा के आदेश पर पेडों को काटने स ेबचाते हुए अपनी जान दे दी थी।

    इस र्टना के बाद, राजा न ेएक शाही फरमान के द्वारा सिी बबश्नोई गाांवों में पेडों के काटने पर प्रनतबांध लगा टदया था ।

    उत्तराखांड में चचपको आांदोलन से प्रेररत, सुांदरलाल बहुगुणा और पाांडुरांगा हेगड ेजैस ेनेताओां ने बाद में यूपी और कनागटक में इसी तरह के आांदोलनों का नतेतृ्व ककया।

    उत्तर:54)(c) व्याख्या: प्रनतपूरक वनीकरण कोष अचधननयम 2016

  • 7 AIPTS 2019 (GS - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869

    इसने िारत के सावगजननक खात े के अधीन राष्ट्रीय प्रनतपूरक वनीकरण ननचध(NCAF) की स्थापना की और राज्यों के सावगजननक खातों के अधीन राज्य प्रनतपूरक वनीकरण कोष की स्थापना की है ।

    इन ननचधयों के भलए िुगतान प्रानत होगा- क्षनतपूरक वनीकरण हेत ु वन का शुि वतगमान मूल्य (एनपीवी) हेत ु अन्य पररयोजना ववभशष्ट िुगतान हेत ु राष्ट्रीय कोष को इन ननचधयों में से 10% प्रानत होगा, और शेष

    90%, राज्य ननचध प्रानत करेंगे। अचधननयम दो तदथग सांस्थान के भलए वैधाननक जस्थनत प्रदान

    करता है जजसका नाम- 1. एनसीएएफ के प्रबांधन और उपयोग के भलए राष्ट्रीय प्रनतपूरक

    वनीकरण कोष प्रबांधन और योजना प्राचधकरण (CAMPA) । 2. राज्य प्रनतपूरक वनीकरण कोष के उपयोग के भलए राज्य

    प्रनतपूरक वनीकरण कोष प्रबांधन और योजना प्राचधकरण (राज्य CAMPA) ।

    अचधननयम में ननयांत्रक और महालेखा परीक्षक द्वारा खातों की वावषगक ऑडडट का िी प्रावधान है।

    उत्तर:55)(c)

    उत्तर:56)(c)

    उत्तर:57)(b)

    उत्तर:58)(b) व्याख्या: -नननत आयोग द्वारा गटठत ववशेषज्ञों के समूह न े"जल सुरक्षा के भलए टहमालय में झरनों को सूचीबि एवां पुनरुिार करन"े शीषगक से ररपोटग प्रस्तुत की है। -इसने उल्लेख ककया है कक लोगों की जल सुरक्षा के भलए महत्वपूणग झरने लगिग 30% सूख रहे हैं और 50% कम ननवगहन होने की सूचना दी है।

    उत्तर:59)(a) व्याख्या: -लुनतप्राय प्रजानतयों के सांरक्षण के भलए प्रयोगशाला (LaCONES) लुनतप्राय प्रजानतयों के सांरक्षण के भलए िारत की एकमात्र सुववधा है।

    यह हैदराबाद में सीएसआईआर के कोभशकीय एवां आणववक जीवववज्ञान केन्द्र (सीसीएमबी) की एक समवपगत सुववधा है।

    इसकी स्थापना 2007 में जैव प्रौद्योचगकी वविाग, कें द्रीय चचडडयार्र प्राचधकरण, वैज्ञाननक और औद्योचगक अनुसांधान पररषद (सीएसआईआर) और आांध्र प्रदेश सरकार के सहयोग स ेकी गई थी।

    यह लुनतप्राय वन्यजीवों के सांरक्षण के भलए आधुननक जैव प्रौद्योचगकी का उपयोग करती है।

    यह मूल जांगली आबादी को ननयांबत्रत करने के भलए वातावरण में बांदी प्रजनन के माध्यम से इन-सीटू ननवास स्थान सांरक्षण और एक्स-सीटू सांरक्षण दोनों का समथगन करता है।

    उत्तर:60)(b) व्याख्या : चगि सांरक्षण प्रजनन कें द्र (VCBC):

    VCBC एक एक्स -सीटू सांरक्षण की पहल है। इन कें द्रों की स्थापना बॉम्ब े नेचुरल टहस्ट्री सोसाइटी

    (बीएनएचएस) द्वारा की गई थी। ऐसे चार कें द्र अब हररयाणा, असम, पजश्चम बांगाल और मध्य

    प्रदेश में जस्थत हैं। इन कें द्रों को छोडकर, कें द्रीय चचडडयार्र प्राचधकरण (सीजेडए)

    पाांच प्रजनन कें द्रों का प्रबांधन करता है। एक ववभशष्ट वीसीबीसी में प्रजनन के भलए ववभिन्न प्रकार के

    एववएरी ,नभसिंग , बीमार और र्ायल चगिों की देखिाल और चगिों के रहन ेके भलए कॉलोननयाां होती हैं ।

    एक्स-सीटू सांरक्षण के समान ही, बीएनएचएस चगि सुरक्षक्षत के्षत्रों (वीएसजेड) के नाम पर इन-सीटू सांरक्षण िी प्रदान करता है।

    उत्तर:61)(d) व्याख्या : जैववक ववववधता पर कन्वेंशन एक अांतरागष्ट्रीय सांचध है, जजसे 1992 में पृ् वी भशखर सम्मेलन में अपनाया गया था। कन्वेंशन के तीन मखु्य लक्ष्य हैं:

    1. जैव ववववधता का सांरक्षण। 2. इसके र्टकों का स्थायी उपयोग। 3. आनुवाांभशक सांसाधनों से होन े वाले लािों का उचचत और

    न्यायसांगत बाँटवारा। दसूरे शब्दों में, इसका उद्देश्य जैववक ववववधता के सांरक्षण और

    स्थायी उपयोग के भलए राष्ट्रीय रणनीनत ववकभसत करना है। सम्मेलन न ेपहली बार अांतरागष्ट्रीय काननू में मान्यता दी, कक

    जैववक ववववधता का सांरक्षण "मानव जानत की एक सामान्य चचांता" है और यह ववकास प्रकक्रया का एक अभिन्न अांग है।

    समझौते में सिी पाररजस्थनतक तांत्र, प्रजानतयाां और आनुवांभशक सांसाधन शाभमल हैं।

    यह जैववक सांसाधनों के ननरांतर उपयोग के आचथगक लक्ष्य के भलए पारांपररक सांरक्षण प्रयासों को जोडता है।

    यह लािों के उचचत और न्यायसांगत बांटवारे के भलए भसिाांत ननधागररत करता है।

    यह जैव प्रौद्योचगकी पर काटागजनेा प्रोटोकॉल के माध्यम स ेजैव प्रौद्योचगकी के तेजी स े ववस्तार के के्षत्र को िी शाभमल करता है, प्रौद्योचगकी ववकास और हस्ताांतरण, लाि-साझाकरण और जैव सुरक्षा मुद्दों को समाटहत करता है।

    यह कन्वेंशन काननूी रूप स ेबाध्यकारी है; इसमें शाभमल होन ेवाले देश इसके प्रावधानों को लागू करने के भलए बाध्य हैं।

    उत्तर:62)(c) व्याख्या : वेटलैंड्स पर कन्वेंशन, 1971 में ईरान के रामसर में हस्ताक्षररत एक अांतर-सरकारी सांचध है, जो वेटलैंड्स और उनके सांसाधनों के सांरक्षण और तकग पणूग उपयोग के भलए राष्ट्रीय कारगवाई और अांतरागष्ट्रीय सहयोग के भलए रूपरेखा प्रदान करता है। वतगमान में कन्वेंशन के भलए 158 कॉन्टै्रजक्टांग पक्ष हैं,

  • 8 AIPTS 2019 (GS - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869

    जजनमें 1758 वेटलैंड साइट हैं, कुल 161 भमभलयन हेक्टेयर के्षत्र है, जो अांतरागष्ट्रीय महत्व के वटेलैंड्स की रामसर सूची में शाभमल करन ेके भलए नाभमत हैं। रामसर कन्वेंशन एक ववशेष पाररजस्थनतकी तांत्र से ननपटन ेवाली एकमात्र वैजश्वक पयागवरण सांचध है।

    उत्तर:63)(b) व्याख्या : यह एक अांतरागष्ट्रीय समझौता है, जजसका उद्देश्य आनुवाांभशक सांसाधनों के उचचत और न्यायसांगत तरीके स ेउपयोग से उत्पन्न होन ेवाले लािों को साझा करना है, जजसमें आनुवांभशक सांसाधनों तक उचचत पहुांच और सांबांचधत प्रौद्योचगककयों के उचचत हस्ताांतरण द्वारा उन सांसाधनों पर सिी अचधकारों को ध्यान में रखना शाभमल है और उपयुक्त ननचध द्वारा जजससे जैववक ववववधता के सांरक्षण और इसके र्टकों के स्थायी उपयोग में योगदान ककया जा सके। -इसे 29 अक्टूबर 2010 को जापान के नागोया में अपनी दसवीां बैठक में जैव ववववधता पर सम्मेलन के भलए पाटटगयों के सम्मेलन द्वारा अपनाया गया था। -आनुवांभशक सांसाधनों के उपयोग स ेउत्पन्न होन ेवाले लािों का उचचत और न्यायसांगत सहिाग, इन तीन उद्देश्यों में स ेएक है। रणनीनतक योजना में 2020 के भलए 20 नए जैव ववववधता लक्ष्य शाभमल हैं, जजन्हें 'आइची जैव ववववधता लक्ष्य' कहा जाता है। जीववत जीवधारी जीवों के सुरक्षक्षत सांचालन, पररवहन और उपयोग को सुननजश्चत करना, जैव सुरक्षा पर काटागजेना प्रोटोकॉल का उद्देश्य है।

    उत्तर:64)(c) व्याख्या : TRAFFIC की हाभलया ररपोटग के अनुसार, दक्षक्षण एभशया के सात देशों स ेजब्त ककए गए ब्लैक स्पॉटेड कछुओां में िारत का 29% टहस्सा है। काला धब्बेदार कछुआ

    काले धब्बेदार कछुआ या धब्बेदार तालाब कछुआ मीठे पानी में रहने वाला एक मध्यम आकार का कछुआ है और दक्षक्षण एभशया का मलू ननवासी है।

    इस जीव की किी इसके माांस के भलए तस्करी की जाती थी और अब एक ववदेशी पालतू जानवर के रूप में माांग की जाती है।

    इसे IUCN (इांटरनेशनल युननयन फॉर कन्जवेशन ऑफ नचेर) की खतरनाक प्रजानतयों की लाल सूची में सुिेद्य शे्णी के रूप में वगीकृत ककया गया है।

    िारत में, यह प्रजानत उत्तर, उत्तर-पूवग और मध्य िारत के कुछ टहस्सों में ववतररत की जाती है।

    इन राज्यों में पजश्चम बांगाल, असम, बबहार, हररयाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखांड और मध्य प्रदेश, पांजाब, राजस्थान और मेर्ालय के कुछ टहस्से हैं।

    TRAFFIC के अनुसार, कछुए की जब्ती दर में, िारत के बाद थाईलैंड (19%) और हाांगकाांग (17%), बाांग्लादेश (12%) का स्थान है।

    उत्तर:65)(c) व्याख्या:

    TRAFFIC, वन्यजीव व्यापार ननगरानी नेटवकग ,एक प्रमुख गैर-सरकारी सांगठन है, जो जांगली जानवरों और पौधों के व्यापार पर ववश्व स्तर पर काम कर रहा है।

    यह IUCN और वल्डग वाइड फां ड फॉर नेचर (WWF) का रणनीनतक गठबांधन है।

    इसका उदे्दश्य यह सुननजश्चत करना है कक जांगली पौधों और जानवरों में व्यापार प्रकृनत के सांरक्षण के भलए खतरा तो नहीां है।

    यह अनुसांधान और ववश्लेषण और जागरूकता कायों के सांचालन के माध्यम स े अवैध वन्यजीव व्यापार के णखलाफ सुधारात्मक कारगवाई का -समथगन करके, अवैध वन्यजीव व्यापार स ेननपटने में एक महत्वपूणग िूभमका ननिाता है।

    यह वतगमान में ननम्नभलणखत पररयोजनाओां में काम कर रहा है,

    1. ReTTA: अफ्रीका और उससे आगे के के्षत्र में ज्ञान में ववृि और कारगवाई के माध्यम से जांगली प्रजानतयों और पाररजस्थनतकी तांत्र के भलए व्यापार के खतरों को कम करना।

    2. वाइल्डलाइफ-टै्रनस: वाइल्ड लाइफ टै्रकफककां ग ररस्पाांस, एसेसमेंट एांड प्रायोररटी सेटटांग। ग्लोबल शाकग और रे इननभशएटटव: यह शाकग और रे सांरक्षण के माध्यम स ेहमारे महासागरों के िववष्य को सुरक्षक्षत करन ेके भलए काम करता है।

    उत्तर:66)(d) व्याख्या: एभशयाई शेर

    जांगली शे्णी में केवल 700 एभशयाई शेर हैं, और व े केवल िारत के चगर वन के्षत्र में रहत ेहैं।

    वतगमान में गुजरात में चगर राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अियारण्य एभशयाई शेर का एकमात्र ननवास स्थान है।

    यह सीआईटीईएस के पररभशष्ट I और IUCN रेड भलस्ट में लुनतप्राय के रूप में वन्यजीव (सांरक्षण) अचधननयम 1972 की अनुसूची-I में सूचीबि है।

    चगर अियारण्य में एभशयाई शेर, हाल ही में कैनाइन डडस्टेंपर वायरस (सीडीवी) और टटक-जननत बेबेओभसस के र्ातक सांक्रमण का भशकार हुए हैं।

    उत्तर:67)(d) व्याख्या: भलववांग नलेनेट ररपोटग, 2018

    वल्डग वाइल्डलाइफ फां ड फॉर नचेर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) द्वारा भलववांग नलैनेट ररपोटग, 2018 दनुनया के वन्यजीवों, जांगलों, महासागरों, नटदयों और जलवाय ुपर मानव गनतववचध के प्रिाव की एक गांिीर तस्वीर प्रस्तुत करती है।

  • 9 AIPTS 2019 (GS - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869

    यह महसूस ककया गया है कक, दनुनया में "छठा सामूटहक ववलोपन" शुरू हो गया है, लेककन यह एक मनुष्यों प्रजानत के कारण पहली बार हुआ है ।

    उत्तर:68)(d) व्याख्या : वन्यजीव सांरक्षण अचधननयम, 1972

    यह पौधों और जानवरों की प्रजानतयों के सांरक्षण के भलए लागू, िारत की सांसद का एक अचधननयम है।

    यह जम्म ूऔर कश्मीर को छोडकर पूरे िारत में लागू हुआ है।

    इसमें 6 अनुसूचचयााँ हैं जो अलग-अलग प्रकार की सुरक्षा प्रदान करती हैं।

    िारत में वाय ु अचधननयम (1981), पयागवरण सांरक्षण अचधननयम (1986), जैववक ववववधता अचधननयम (2002), राष्ट्रीय हररत अचधकरण अचधननयम (2010), आटद जैसे कई अन्य अचधननयम बाद के वषों में अचधननयभमत ककए गए हैं, जजनका उद्देश्य समग्र पयागवरण की रक्षा करना है।

    उत्तर:69)(a) व्याख्या: स्वच्छ िारत हररत िारत: प्रकृनत, पयागवरण और हम - ग्रीन माचग नामक अभियान में स्वच्छ िारत हररत िारत की पहल को आगे बढाने का ननणगय भलया गया है। नागररकों, छात्रों, बच्चों, युवाओां आटद को शाभमल करके एक जन आन्दोलन बनान े की अपेक्षा की जाती है, ताकक वे 'अच्छे कामों' को कर सकें । 'अच्छे काम' वे कायग हो सकत े हैं, जो व्यजक्तगत नागररक पयागवरण बचान े / सांरक्षण / ववकास में उनके योगदान के टहस्से के रूप में दैननक आधार पर कर सकते हैं। स्वच्छ िारत हररत िारत पर साांकेनतक 'अच्छे कमों' की एक ववस्ततृ सचूी दी गई है।

    उत्तर:70)(a) व्याख्या : भारत की वकृ्ष कीट ऐप : वन वकृ्ष प्रजानतयों में कीटों की िूभमका को यह अच्छी तरह स ेपहचाना जा सकता है। यटद सांक्रमण को अननयांबत्रत छोड टदया जाता है, तो इसस ेबड ेकीट प्रकोप हो सकते हैं और अांत में प्राकृनतक और / या लगाए गए जांगलों के बड ेके्षत्रों का ववनाश हो सकता है। इस ेदेखते हुए, वतगमान मोबाइल एजनलकेशन अपने ननयांत्रण उपायों के साथ दक्षक्षण िारत के प्रमखु पेडों के कीटों के बारे में जानकारी प्रदान करती है। यह एजनलकेशन ननजश्चत रूप से प्रारांभिक कीटों के हमलों की पहचान करन ेऔर आवश्यक ननयांत्रण उपायों को अपनान ेमें ववभिन्न टहतधारकों के भलए एक उपयोगी उपकरण के रूप में काम करेगी , जजससे सांसाधनों के साथ-साथ के्षत्र के खचों की िी बचत होगी। िारत का यह ऐप ENVIS-IFGTB, कोयांबटूर द्वारा ववकभसत ककया गया है।

    उत्तर:71)(a) व्याख्या : कन्वेंशन के तहत मॉन्टे्रक्स ररकॉडग, वेटलैंड्स ऑफ़ इांटरनेशनल इांपोटेंस की वेटलैंड साइटों का एक रजजस्टर है ,जहाां पाररजस्थनतक स्वरूप में तकनीकी ववकास, प्रदषूण या मानव हस्तके्षप के कारण पररवतगन हुए हैं या हो रहे हैं, या पररणामस्वरूप होन ेकी सांिावना है। इसे रामसर सूची के िाग के रूप में बनाए रखा गया है। मोंटे्रक्स ररकॉडग को कॉन्टै्रजक्टांग पाटीज़ (1990) के सम्मेलन की भसफाररश-4.8 द्वारा स्थावपत ककया गया था। सम्मेलन (1993) के सांकल्प-5.4 में यह ननधागररत ककया कक सकारात्मक राष्ट्रीय और अांतरागष्ट्रीय सांरक्षण के भलए प्राथभमकता स्थलों की पहचान करन ेके भलए मॉन्ट्रो ररकॉडग को ध्यान से ननयोजजत ककया जाना चाटहए। साइट को केवल अनुबांध वाले दलों की मांजूरी के साथ ररकॉडग में जोडा और हटाया जा सकता है, जजसमें व े जस्थत हैं। वतगमान में 48 रामसर साइटें मॉन्टे्रक्स ररकॉडग में मौजूद हैं और 32 साइटों जजन्हें मॉन्टे्रक्स ररकॉडग में सूचीबि ककया गया था परन्तु उन्हें इससे हटा टदया गया था।मॉन्टे्रक्स ररकॉडग के तहत िारत में केवल दो साइटें हैं- मणणपुर में लोकतक झील, राजस्थान में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान।

    उत्तर:72)(b) व्याख्या : "ग्रीन नलानर" वायु प्रदषूण को कम करन े के भलए ववभिन्न पौधों के बारे में जानकारी प्रदान करने के भलए एक डटेाबेस है। इन पौधों को सडक के ककनारे, रोड-डडवाइडर, ग्रीनबेल्ट और इनडोर पररसर में लगाया जा सकता है। इस तरह के स्थानीय रूप स ेउपयुक्त और प्रदषूक माइटटगेंट पौधों के रोपण स ेऔद्योचगक उत्सजगन, वाहन ननकास और इनडोर पररसर में ववभिन्न वाय ु प्रदषूकों के हाननकारक प्रिावों को कम करन ेमें मदद भमलेगी। ग्रीन नलानर प्रदषूण सटहष्णु और माइटटगेंट पौधों के वनस्पनत और सामान्य नाम, िारत में उनके ववतरण और आचथगक और पाररजस्थनतक लाि और अन्य उपयुक्त रोपण साइटों की प्रासांचगक जानकारी को प्रदान करता है। इस ऐप को िारत में ENVIS-NBRI द्वारा CSIR-NBRI, लखनऊ में ववकभसत ककया गया है।

    उत्तर:73)(c) व्याख्या : पयागवरण के भलए लािदायक बैक्टीररया: प्राकृनतक-िक्षी : बैक्टीररया पृ् वी पर प्राकृनतक-िक्षी हैं। वे पृ् वी की सतह और भमट्टी में ककसी िी मतृ और अपभशष्ट पदाथग को क्षय करत ेहैं। इसभलए पृ् वी पर जीवन के उद्भव के इतने वषों में जानवरों के शवों का कोई सांचय नहीां है। ये ननम् नीकृत और ववर्टटत पदाथग पौधों की उवगरता में जुड जाते हैं या बायोगैस में पररवनतगत हो जाते हैं। इसके अलावा, ये भमट्टी पर चगरे ककसी िी रसायन या जैव रासायननक को नष्ट कर देत े हैं और इस तरह मूल्यवान भमट्टी को डडटॉजक्सफाई कर देते हैं। इस प्रकार ये पौधों और जानवरों को

  • 10 AIPTS 2019 (GS - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869

    पृ् वी परजीववत रहन ेके के भलए सुरक्षक्षत वातावरण बनात ेहैं। यहाां तक कक रासायननक और अन्य अपभशष्टों की ववशाल मात्रा पानी में हफ्तों तक खत्म हो जाती है, अन्यथा भमट्टी और पानी आगे के उपयोग के भलए ववषाक्त होगा जाएांगे । पोषण: ये समुद्री वातावरण में वनस्पनत पोषण का एक महत्वपूणग स्रोत हैं। ये समुद्री जानवरों के ननवागह के भलए आवश्यक प्रमुख और सूक्ष्म पोषक तत्व प्रदान करत ेहैं। यानी ये समुद्री खाद्य श्ृांखला का प्रारांभिक बबांद ुबनाते हैं। पौधों के भलए लािदायक बैक्टीररया: खाद के स्रोत के रूप में (उवगरक क्षमता बढाने वाले)। -बैक्टीररया पौधों के भलए सहायक होत ेहैं। वे पौधों की ववृि के भलए उपयुक्त भमट्टी को प्रस्ततु करते हैं। वे ककसी िी मतृ और काबगननक पदाथग को ह्यमूस में तोड देत े हैं ताकक पौधों को ववकास के भलए आवश्यक खननज तत्व प्रानत हों सके । -अमोनाइजजांग बैक्टीररया जो प्रोटीन, अमीनो एभसड और शवों के न्यूजक्लक एभसड को अमोननया में पररवनत गत करता है जसै े: बेभसलस।

    उत्तर:74)(a) व्याख्या: चैजम्पयनशीप ऑफ द अथग अवाडग य.ूएन.ई.पी. द्वारा प्रदान ककया जाता है। यह पुरस्कार नरेन्द्र मोदी को वषग 2018 में नीनत ननमागण के के्षत्र में नेततृ्व के भलए प्रद�