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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना

TI-AIH   School Leadership

नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना

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The Open University,Walton Hall, Milton KeynesMK7 6AA

First published 200X. [Second edition 200Y. Third edition ....] [Reprinted 200Z]

Copyright © 200X, 200Y The Open University

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ISBN XXX X XXXX XXXX X

X.X

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना

Contents यह इकाई विकस बाे में है विवद्यालय नेता इस इकाई में क्या सीखेंगे 1 परिवत�न का सन्दर्भ� 2 परिवत�न , विनयोजन औ विवद्यालय में परिवत�नों को लागू कने के पीछे के कुछ सिसद्धांत

3 एक परिवत�न दल की स्थापना कना 4 परिवत�न की अनुश्रवण 5 परिवत�न वक्र 6 बाधाओं को पा कना 7 साांश संदर्भ� / संदर्भ�गं्रथ सूची References Acknowledgements

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना

यह इकाई विकस बाे में हैयह इकाई ऐसी कुछ विवधिधयों औ सिसद्धांतों की छानबीन कती है जिजनसे आपको अपने विवद्यालय में परिवत�नों को सफलतापूव�क लागू कने में मदद धिमलेगी। परिवत�न के संबंध में बहुत से सिसद्धांत मौजूद हैं औ इस विवषय प काफी शैक्षणिणक शोध विकया गया है। ये सिसद्धांत सहायक हो सकते हैं क्योंविक ये आपको परिवत�न के विनविहताथE के बाे में औ उसे सफल कैसे बनाए ंइस बाे में सोचने का एक तीका प्रदान कते हैं। दुख की बात है विक सिशक्षा के के्षत्र में औ अन्य के्षत्रों में, परिवत�न लाने के अधिधकत प्रयासों को विवोध झेलना पड़ता है औ वे वांसिछत परिणाम लाने में विवफल हो जाते हैं।

कई विवद्यालय नेतृत्व इकाइयां परिवत�न की चुनौवितयों से विनपटती हैं। आपने शायद इकाई नेतृत्व का दृधिMकोण: अपने विवद्यालय में परिवत�न का विनयोजन औ नेतृत्व कना का अध्ययन पहले ही क सिलया होगा, जो परिवत�न के प्रबंधन की महत्ता से परिचय काती है जो विक परिवत�न को प्रर्भावी बनाने के सिलए जरूी है। यह इकाई अगले चण – परिवत�न को लागू कना – प कें द्रिRत है, इससिलए यद्रिद आपने साझी परिकल्पना बनाने, स्व-समीक्षा औ विवकास विनयोजन की इकाइयों का अध्ययन क सिलया है तो यह इकाई उपयोगी होगी। इस इकाई में आपका परिचय परिवत�न के बाे में सोचने के कुछ तीकों से काया जाएगा जो अपने विवद्यालय में सुधा की कोसिशश कते समय आपकी मदद केंगे। वृत्त अध्ययन द्रिदखाते हैं विक अन्य लोग परिवत�न लाने में विकस प्रका सफल हुए। यह काय� उन्होंने अकस चनाशील चिचंतन औ थोड़ी सी चतुाई के बलबूते प विकया है।

मैरिस (1986) के अनुसा, परिवत�न का विवोध सामान्य है औ समझा जा सकने वाला व्यवहा है, क्योंविक र्भले ही हमाी मौजूदा हकीकत विकतनी र्भी असंतोषजनक क्यों न हो, हम उससे जुडे़ होते हैं। इससिलए विवद्यालय नेताओं के सामने मौजूद सबसे बड़ी चुनौवितयों में से एक है अपने विवद्यालय में काय� कने वाले लोगों को उनके काय� कने के तीकों में परिवत�न लाने के सिलए ाज़ी कना। इस इकाई से आपको ऐसे विवोध से पा पाने के कुछ विवचा विवकसिसत कने में मदद धिमलेगी।

सीखने की डायीइस इकाई में काम कते समय आपसे अपनी सीखने की डायी में नोट्स बनाने को कहा जाएगा। यह डायी एक विकताब या फोल्ड है जहाँ आप अपने विवचाों औ योजनाओं को एकत्र कके खते हैं। संर्भवतः आपने अपनी डायी शुरू क र्भी ली है।

इस इकाई में आप अकेले काम क सकते हैं, लेविकन यद्रिद आप अपने सीखने की चचा� विकसी अन्य विवद्यालय नेता के साथ क सकें तो आप औ र्भी अधिधक सीखेंगे। यह कोई सहकम^ हो सकता है जिजसके साथ आप पहले से सहयोग कते आ हे हैं, या कोई व्यसि_ जिजसके साथ आप नए संबध का विनमा�ण कना चाहते हैं। इसे विनयोजवित ढंग से या अधिधक अनौपचारिक आधा प विकया जा सकता है। आपकी सीखने की डायी में बनाए गए आपके नोट्स इस प्रका की बैठकों के सिलए उपयोगी होंगे, औ साथ ही आपकी दीर्घाा�वधिध की सिशक्षण-प्रविक्रया औ विवकास का प्रवितसिचत्रण र्भी केंगे।

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना

विवद्यालय नेता इस इकाई में क्या सीखेंगे परिवत�न प्रविक्रया की प्रकृवित तथा परिवत�न के प्रवित लोग विकस प्रका से प्रवितविक्रया कते हैं।

परिवत�नों तथा विवद्यालयों में उनकी सुसंगतता के कुछ मुख्य सिसद्धांत। परिवत�न का विक्रयान्वयन कने के सिलए अन्य लोगों के साथ व उनके माध्यम से कैसे काय� कें।

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना

1 परिवत�न का सन्दर्भ�आदश� रूप से, आपके पास अपने विवद्यालय के सिलए एक परिकल्पना होगी औ आपने विवद्यालय की समीक्षा संचासिलत क ली होगी जिजसमें आपने नए लक्ष्यों औ कायE की पहचान की होगी। यद्रिद ये लक्ष्य स्वर्भाव औ व्यवहा के बाे में हैं, तो संर्भव है विक आप सिशक्षण औ सीखने में सुधा का नेतृत्व कने की इकाइयों को सहायक पाएं, क्योंविक वे अपने विवद्यालय में अध्यापन एवं काया�भ्यास के परिवत�नों प कें द्रिRत हैं। हो सकता है विक आपने कुछ अन्य परिवत�न र्भी पहचाने हों, जैसे समयबद्धता, उपस्थिस्थवित, समय प अपना गृहकाय� पूा कने वाले विवद्यार्थिथंयों की संख्या, या अणिर्भर्भावक बैठकों में उपस्थिस्थवित को सुधाना। संर्भव है विक आप यह पाएं विक आप ऐसे कई छोटे-छोटे परिवत�न क सकते हैं जो बड़ा अस द्रिदखाए ंया यह विक विकसी एक के्षत्र में विकया गया परिवत�न, विकसी दूसे के्षत्र प लार्भकाी अस खता है।

गवितविवधि& 1: आपके विवद्यालय में एक परिवत�न

सिचत्र 1 आप अपने विवद्यालय में क्या परिवत�न लाएगंे?

एक ऐसे परिवत�न के बाे में सोचें जो आप अपने विवद्यालय में लाना चाहेंगे। हो सकता है विक यह अध्यापन औ सीखने के विकसी पहलू को सुधाने के बाे में हो, या विफ यह विवद्यालय द्रिदवस के संगठन, गृहकाय� नीवित में परिवत�न कने या उपस्थिस्थवित सुधाने के बाे में हो सकता है।

विनम्नांविकत प्रश्नों प विवचा कें औ अपने विवचाों को अपनी सीखने की डायी में सिलखते जाए:ं

अपने विवद्यालय में आप यह परिवत�न क्यों कना चाहते हैं? परिवत�न से विकसे लार्भ होगा? परिवत�न से सबसे अधिधक कौन प्रर्भाविवत होगा? परिवत�न का विवोध कौन क सकता है औ क्यों?

View discussion - गवितविवधिध 1 : आपके विवद्यालय में एक परिवत�न

विवद्यालय दबाव में हैं। सका ने एनसीएफ 2005 तथा ‘सर्भी के सिलए सिशक्षा का अधिधका’ अधिधविनयम 2009 में एक महत्वाकांक्षी परिकल्पना विनद�धिM की है। इस परिकल्पना को साका कने के सिलए विवद्यालयों को बदलना होगा। मैरिस (1986) सुझाते हैं विक सही स्थिस्थवितयों में विकसी व्यसि_ की ‘परिवत�न को हाविन’ मानने की धाणा को ‘परिवत�न को वृजिद्ध’ मानने की धाणा में बदलना संर्भव है। इससिलए जब आप विवद्यालय नेता होने के नाते विवद्यालय की अंतस्थ आदतों औ काया�भ्यासों को चुनौती देने के बाे में सोचें, तो आपको यह पहचानने की ज़रूत पडे़गी विक परिवत�न की प्रविक्रया का नेतृत्व कने में

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना सबसे महत्वपूण� पहलू यह है विक आप परिवत�न को वृजिद्ध के रूप में देखने में दूसों की मदद कैसे केंगे।

अपने विवद्यालय में आपको जो परिवत�न कने होंगे उनमें से कुछ बाह से थोपे गए (विनश्चयात्मक) होंगे; औ कुछ अन्य ऐसे विवचा होंगे जो विवद्यालय समुदाय में से आएगें (स्वैस्थिlकतावादी)। नेता को विवद्यालयों के सिलए जो कुछ आवश्यक विकया गया है उसके कानूनी सन्दर्भ� में काम कना चाविहए औ कानूनों प ध्यान देना चाविहए, प यह कैसे विकया जाता है यह बात अर्भी र्भी व्याख्या के सिलए खुली है। आधुविनक विवद्यालयों के सफल प्रधानाध्यापक विवद्यालयों में सुधा की जिजम्मेदाी लेते हैं। इसका अथ� स्वतः ही यही विनकलता है विक परिवत�न लाने प का�य कना, क्योंविक आप विवद्यार्थिथयंों को लगाता जद्रिटल होती दुविनया में सफल नागरिक बनने के सिलए तैया क हे हैं। स्वर्भाव का अथ� है विक हो सकता है विक पहले स्टाफ़ औ समाज के लोग विवद्यालय नेता की कही बातों को काय� के आधा के तौ प आसानी से स्वीका क लेते हों, औ र्भले ही वे उन कायE को अविनlा से या विबना समझे काया�न्विन्वत क देते हों। प अग अब नेताओं को परिवत�नों को प्रर्भावी रूप से काया�न्विन्वत कना है तो उन्हें दलगत पद्धवितयां विवकसिसत कनी होंगी।

विवद्यालय नेताओं को आवश्यक परिवत�नों को बढ़ावा देना औ विकसी र्भी प्रवितोध का प्रबंधन कना होगा, औ साथ ही अधिधकतम प्रर्भाव वाले परिवत�नों को अधिधक महत्व देना होगा। यह इकाई कुछ ऐसे परिवत�न सिसद्धांतों की संणिक्षप्त जांच-पड़ताल से शुरु होती है जिजनसे आपको सफल परिवत�न के पीछे के मुद्दों औ सिसद्धांतों को समझने में मदद धिमलेगी।

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना

2 परिवत�न, विनयोजन औ विवद्यालय में परिवत�नों को लागू कने के पीछे के कुछ धिसद्धांतपरिवत�न के ऐसे तीन सिसद्धांत हैं जो विवद्यालय नेताओं के काय� के साथ प्रासंविगक हैं। ये सिसद्धांत परिवत�न की विवधिधयां नहीं हैं, बल्किल्क ये परिवत�न के बाे में सोचने का एक तीका प्रदान कते हैं। अतीत में जो कुछ हुआ उसमें नेता परिवत�न नहीं क सकता है, प उसके पास र्भविवष्य में लोगों द्वाा परिवत�नों प प्रवितविक्रया देने के तीके औ परिवत�नों के प्रवित उन लोगों की प्रवितबद्धता को प्रर्भाविवत कने की अlी-खासी गंुजाइश है।

धिसद्धांत 1: परिवत�न, चणों की एक शंृखला के रूप मेंनोस्ट औ अन्य (2000) ने परिवत�न की पाँच विवमाए ंदेखी थीं (सिचत्र 2)।

Figure 2 Knoster et al.’s five dimensions of change.

नोस्ट औ अन्य के काय� ने द्रिदखाया विक अग इनमें से कोई एक विवमा अनुपस्थिस्थत हो तो परिवत�न के सफल होने की संर्भावना कम ही होती है। इन्हें तासिलका 1 में द्रिदया गया है। सही का विनशान (✓) द्रिदखाता है विक विवमा मौजूद है; गलत का विनशान (✓) द्रिदखाता है विक विवमा अनुपस्थिस्थत है। उदाहण के सिलए, जहां कोई परिकल्पना नहीं होती (जैसे पहली पंसि_ में) वहां ग़लतफहमी उत्पन्न होती है क्योंविक परिवत�न का काण तथा अर्भीM परिणाम अस्पM होते हैं।

ताधिलका1 यद्रिद परिवत�न की एक विवमा अनुपस्थिस्थत हो तो परिणाम।

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना परिकल्पना

संसा&न

कौशल

प्रोत्सााहन

काय� विनयोजन

परिणाम

✗ ग़लतफहमीी

✗ विनाशा

✗ बेचैनीी

✗ द्रिढलाई या लापवाही

✗ क्रधिमक परिवत�नप्रर्भावी परिवत�न

सतक� ता का एक शब्द संसाधनों की क्षा कता है। संसाधनों में मानव संसाधन तथा सामग्री संसाधन शाधिमल होते हैं। विवद्यालय में कई परिवत�नों को मौजूदा पदाथ� संसाधनों से या अपेक्षाकृत मामूली वृजिद्धयों से पूा विकया जा सकता है। सबसे अधिधक शैणिक्षक परिवत�न में सबसे महत्वपूण� संसाधन है

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना मानव संसाधन। खाब अध्यापक, अत्याधुविनक कक्षा में र्भी खाब ही हेगा। अlा अध्यापक, कम संसाधनों के साथ र्भी अlा ही हेगा।

वृत्त-अध्ययन 1: श्रीमती गुप्ता अध्यापन में परिवत�न चाहती हैंश्रीमती गुप्ता शही इलाके के एक धिमणिश्रत माध्यधिमक विवद्यालय की नेता हैं जहां बेहद अलग-अलग विकस्म के विवद्याथ^ हैं।

मैं पास के एक विवद्यालय गई जिजसके परिणाम अlे आ हे थ ेऔ देखा विक अध्यापक अध्यापन की ऐसी विवविवध विवधिधयां इस्तेमाल क हे थ ेजिजनमें विवद्यार्थिथयंों को पाठों में सविक्रय रूप से संलग्न विकया जाता था। वहां समूहकाय� औ स्वतंत्र रूप से काय� काया जाता था, औ अध्यापक प्रश्न कने की विवणिर्भन्न तकनीकों का इस्तेमाल कके विवद्यार्थिथयंों से जो वे सीख हे हैं उस बाे में परिकल्पना-विवचा कवाते थे। अधिधक योग्य विवद्याथ^ प्रायः उन विवद्यार्थिथयंों की सहायता कते थ ेजिजन्हें खुद काय� रिकॉड� कने में कद्रिठनाई होती थी, औ अध्यापकों ने अपने पाठों को अधिधक ोचक बनाने के सिलए विवविवध प्रका की सामविग्रयां, जैसे फ्लैशकाड� औ सिचत्र बनए थे। इनमें से काफी कुछ चीजें औ विवद्यार्थिथयंों के कायE को दीवाों प प्रदर्थिशंत विकया गया था।

अपने विवद्यालय लौट क मैंने फैसला विकया विक हमें अपने विवद्यालय के अध्यापन में परिवत�न लाने की जरूत है। मैंने स्टाफ बैठक बुलवाई औ अपने स्टाफ को बताया विक मैंने क्या-क्या देखा औ विवद्यालय विकतना अlा था। मैंने समझाया विक मैं चाहती हूँ विक विवद्याथ^ अपने सीखने में औ अधिधक सविक्रयता से संलग्न हों औ मैं चाहती हूँ विक सर्भी अध्यापक समूहकाय� का उपयोग कते हुए अगले हफ्ते एक पाठ की योजना बनाए।ं वे कैसी प्रगवित क हे हैं यह देखने के सिलए मैं कक्षा में उनसे धिमलंूगी।

गवितविवधि& 2: श्रीमती गुप्ता से क्या चीज छूट गई?

तासिलका 1 देखें औ विफ इन प्रश्नों के उत्त अपनी सीखने की डायी में सिलखें:

श्रीमती गुप्ता से परिवत�न की प्रविक्रया के कौन से र्घाटक छूट गए? परिवत�न लाने का उनका प्रयास विकतना सफल हो पाएगा? उन्हें औ क्या कने की जरूत है?

View discussion - गवितविवधिध 2: श्रीमती गुप्ता से क्या चीज छूट गई ?

वृत्त-अध्ययन 2: श्री चड्ढा ने आकलन की एक नई पद्धवित का विकया नेतृत्वप्राथधिमक प्रधानाध्यापक श्री चड्ढा ने अपने विवद्यालय में सतत व व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) को अंतस्थ बनाने प एक पाठ्यक्रम में र्भाग सिलया था।

पाठ्यक्रम में सीसीई के सर्भी काणों को समझाया गया था औ सीसीई ज्ञानाज�न को कैसे सुधा सकता है इसके कुछ बेहद ठोस उदाहण द्रिदए गए थे। मैं पे्रणाओं से ओत प्रोत होक विवद्यालय लौटा था। अगली स्टाफ बैठक में मैंने मेे स्टाफ को सीसीई के बाे में समझाया (मेे विवद्यालय में छः अध्यापक हैं) औ कहा विक अगले कुछ हफ्तों में उन सर्भी को डायट [जिजला सिशक्षा प्रसिशक्षण संस्थान] में एक पाठ्यक्रम में र्भाग लेने का मौका धिमलेगा। वे देख पा हे थ ेविक मैं विकतना उत्साही था औ उन्होंने अधिधक सीखने के इस अवस का स्वागत विकया। मैंने यह र्भी समझाया विक मैं एसएमसी

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना [विवद्यालय प्रबंधन सधिमवित] से पूछंूगा विक सीसीई में सहयोग के सिलए उनकी कक्षाओं हेतु कुछ संसाधन खीदने के सिलए क्या मैं बजट को पुनग�द्रिठत क सकता हूँ।

वे ढे साे विवचाों औ एक विवस्तृत प्रसिशक्षण विनयमावली के साथ उस पाठ्यक्रम से लौटे। पहले दो हफ्तों तक, काफी कुछ हुआ। जब मैं विवद्यालय का भ्रमण कता था तो मैं अध्यापकों को औ अधिधक प्रश्न पूछते हुए, प्रोत्साविहत कने वाला फीडबैक देते हुए औ समझ की जांच कते हुए सुन पाता था। प उसके

बाद एक हफ्ते की छुद्रि�यां हुईं औ जब हम वापस लौटे तो मानो सब कुछ रु्भला द्रिदया गया था। प्रसिशक्षण विनयमावसिलयां शेल्फ प धूल खाती हीं औ अध्यापक उसी तीके से पढ़ा हे थ ेजैसे वे हमेशा से पढ़ाते आए थे। मुझे पता नहीं था विक मैं क्या करंू।

मैंने तहकीकात कने का फै़सला सिलया। मैंने उन दो अध्यापकों से बात की जो पाठ्यक्रम को लेक सबसे अधिधक उत्साही थे। उन्होंने माना विक सैद्धांवितक तौ प तो सीसीई अlा लगा, प कने में यह कद्रिठन था – पाठों की योजना बनाने में अधिधक समय लग हा था औ वे पाठ्यक्रम पूा काने को लेक चिचंवितत थे। एक को यह इससिलए कद्रिठन लग हा था क्योंविक उसकी कक्षा में 60 विवद्याथ^ थे।

मैंने महसूस विकया विक यह तो बहुत कम समय में बहुत अधिधक परिवत�न था। अध्यापक बहुत जल्द ही पाठ्यक्रम को रू्भल गए थ ेऔ आवश्यक कौशल विवकसिसत कने के सिलए वह एक पाठ्यक्रम उनके सिलए काफी नहीं था। मुझे एक नई योजना चाविहए थी।

मैंने प्रसिशक्षक को आमंवित्रत विकया विक वे स्टाफ बैठक में आक हम सर्भी से बात कें औ सीसीई के कुछ व्यावहारिक उदाहण द्रिदखाए।ं विफ मैंने अध्यापकों के तीन-तीन के समूह बनाए। इसके पीछे विवचा यह था विक वे एक-दूसे को पामश� औ प्रसिशक्षण देंगे। मैंने ह अध्यापक से कहा विक वह एक हफ्ते के सिलए सीसीई प फोकस के औ बाकी दो उसके पामश�दाता का काय� केंगे। तीन हफ्ते खत्म होते-होते, ह विकसी को नई तकनीकें आजमाने का मौका धिमल चुका था। ोज़ाना, तीन अध्यापकों का एक समूह प्राथ�ना सर्भा छोड़ देता औ इस समय का उपयोग सीसीई की योजनाओं प चचा� कने औ फीडबैक पाने में कता। मैंने उन्हें एक-दूसे के पाठों को देखने जाने के सिलए र्भी प्रोत्साविहत विकया औ कहा विक अग वे ऐसा कते हैं तो उनकी कक्षाओं को मैं पढ़ाऊंगा।

इसने काफी बेहत काय� विकया। तीन हफ्ते बाद, ह विकसी को दो सहकर्मिमंयों के सहयोग के साथ सीसीई प फोकस कने का मौका धिमल चुका था। पामश^ प्रविक्रया र्भी सहायक ही। ह विकसी ने औ तीन हफ्तों तक काय� जाी खने का फैसला विकया, जिजसमें ह सिशक्षक को एक हफ्ते तक सीसीई प ध्यान कें द्रिRत कना था औ दो हफ्तों तक बाकी दो की सहायता कनी थी।

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना धिचत्र 3 एक अध्यापक विवद्याथ^ से प्रश्न पूछते हुए।

वृत्त अध्ययन 2 में दशा�या गया है विक यद्रिद परिवत�न के सर्भी र्घाटक (परिकल्पना, संसाधन, कौशल, प्रोत्साहन एवं काय� विनयोजन) मौजूद हों, तो र्भी हो सकता है विक परिवत�न सफल न हो। इस मामले में, आवश्यक कौशलों को विवकसिसत कना श्री चड्ढा की अपेक्षाओं से अधिधक कद्रिठन था – अध्यापकों को एक प्रसिशक्षण पाठ्यक्रम की बजाए सतत सहयोग औ प्रोत्साहन चाविहए था।

धिसद्धांत 2: परिवत�न का सूत्रपरिवत�न का कोई र्भी सिसद्धांत इस बात का आदश� विववण नहीं है विक परिवत�न कैसे होता है, प वह नेता को अपनी परिस्थिस्थवितयों में परिवत�न के बाे में सोचने में मदद तो दे ही सकता है। ग्लाइक का परिवत�न का सूत्र (बेकहाड�, 1975 में उद्धतृ) एक औ ऐसा सिसद्धांत है जो परिवत�न की प्रविक्रया आंर्भ कते समय मददगा हो सकता है। यह सूत्र वे आवश्यक गुण बताता है जो परिवत�न के अंद यद्रिद हुए तो वह आपके विवद्यालय में अंतस्थ हो जाएगा।

सूत्र इस प्रका है :

D × V × F > R

औ इसकी व्याख्या इस प्रका है:

‘D’ का अथ� है परिवत�न की आवश्यकता जो आज की हकीकत से लोगों के असंतोष (dissatisfaction) के रूप में पहले से ही व्य_ हो ही है।

‘V’ परिवत�न की परिकल्पना (vision) है जो पया�प्त रूप से इतनी अकाट्य है विक अधिधकत लोग यह देख पा हे हैं विक क्या कुछ संर्भव है।

‘F’ का अथ� है परिवत�न को लागू कने की द्रिदशा में उठाए जाने वाले आंणिर्भक चण (first steps) जिजन्हें पूा समाज मान देता है।

यद्रिद विपछले तीन र्घाटक अपनी जगह प हों तो इस बात की संर्भावना है विक एक साथ धिमल क उनका प्रर्भाव, परिवत�न को असंर्भव बनाने वाले अपरिहाय� औ समझे जा सकने वाले विवोध (resistance) (‘R’) से अधिधक होगा।

विवद्यालय प्रमुख के सिलए चुनौती यह है विक सिशक्षक/सिशणिक्षकाओं को उस बदलाव के के सिलए ाजी क सकें , जिजससे वे असंतुM हैं। संर्भव है विक आपके अध्यापक कई चीजों से ‘असंतुM’ हों जैसे संसाधनों की कमी, उनकी कक्षा का आका, उनसे जिजस मात्रा में काय� कने की अपेक्षा की जाती है या समय प गृहकाय� पूा कने वाले विवद्यार्थिथंयों की संख्या आद्रिद। प उनके इन चीजों से ‘असंतुM’ होने की संर्भावना कम है – उनकी कक्षा में हो हे र्भागीदाीपूण� ज्ञानाज�न की मात्रा, वे जो सीसीई क हे हैं उसकी मात्रा आद्रिद।

अपने अध्यापकों को पे्ररित कने के सिलए औ आप जो चाह हे हैं उस प्रका के परिवत�न लाने हेतु ाज़ी कने के सिलए आप कई चीजें क सकते हैं। यहां र्भात के कुछ विवद्यालय प्रमुखों के दो उदाहण द्रिदए जा हे हैं:

श्री अपाजिजता के विवद्यालय के अध्यापक हमेशा पाठ्यक्रम पूा काने की हड़बड़ी में हते थे। तथाविप उन्होंने देखा विक पीक्षाओं के परिणाम लगाता खाब बने हुए थे। हालांविक अध्यापक पूा पाठ्यक्रम कव क हे थ,े केवल आधे विवद्याथ^ ही उत्तीण� होने के सिलए आवश्यक 40 प्रवितशत अंक प्राप्त क पा हे थे। श्री

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना अपाजिजता ने फस़ै ला विकया विक पाठ्यपुस्तक की ह बाीकी को कव कने की बजाए, मुख्य अवधाणाओं को उसिचत ढंग से पढ़ाना उनके सिलए बेहत होगा, जिजससे विवद्याथ^ उन्हें सचमुच में समझेंगे। आखिखका, सर्भी विवद्यार्थिथयंों के पास पाठ्य पुस्तक थी औ यद्रिद वे काय� को समझेंगे तो इस बात की संर्भावना र्भी बढे़गी विक वे उन्हें स्वयं पढ़ने के सिलए पे्ररित हो जाए।ं इससिलए उन्होंने अपने अध्यापकों से कहा विक उनके सिलए पाठ्य पुस्तक का सख्त अनुपालन जरूी नहीं है। वे जैसे र्भी चाहें वैसे नए टॉविपक से परिचय का सकते हैं, बस शत� यह है विक उसमें विवद्याथ^ संलग्न हों, औ उन्हें ह गवितविवधिध कने की कोसिशश कने की बजाए उन गवितविवधिधयों को चुनना होगा जो मुख्य अवधाणाओं से संबंधिधत हों। उन्होंने अध्यापकों को मुख्य अवधाणाओं की पहचान कने के सिलए विवर्भागीय समूहों में काय� कने के सिलए प्रोत्साविहत विकया औ पूे सत्र में कोई र्भी स्टाफ बैठक आयोजिजत न कके विवषय समूह बैठकों के सिलए समय विनकाला।

श्रीमती कपू विनाश थीं क्योंविक उनके अध्यापक पीक्षणों औ पीक्षाओं के अंक-पत्र पूे नहीं कते थ,े इससिलए वे इस बात का उसिचत विवशे्लषण नहीं क पा हीं थीं विक प्रत्येक वष� समूह कैसी प्रगवित क हा था। उन्होंने पीक्षणों में अंक द्रिदए औ उन्हें वापस सौंपा, प विफ वे कहने लगे विक उनके पास अणिर्भलेख खने का समय नहीं है। श्रीमती कपू ने कहा विक उन्हें अणिर्भर्भावक बैठकों के सिलए अणिर्भलेख पत्र चाविहए होंगे, प कुछ अध्यापकों ने कहा विक इन बैठकों में तो कोई आता ही नहीं है। श्रीमती कपू स्थानीय गावँ गईं औ कुछ अणिर्भर्भावकों से बात की। अणिर्भर्भावकों ने उन्हें अपने खेत वगैह के बाे में बताया औ बताया विक वे विकतने व्यस्त हैं। उन्हें अणिर्भर्भावक बैठकों में क्यों आना चाविहए यह समझाने के सिलए श्रीमती कपू ने समानता का उदाहण इस्तेमाल विकया। उन्होंने कहा विक जब वे बीज बोते हैं तो वे उन्हें यंू ही खेत में छोड़ नहीं देते हैं। वे उन्हें विनयधिमत रूप से जांच क यह पक्का कते हैं विक उन्हें पानी की कमी न हो, कीट या पीडक न लगें तथा पौधे फलें-फूलें। उन्हें अपने बच्चों के सिलए र्भी यही कना होगा। श्रीमती कपू ने समझाया विक बच्चे बीज की तह होते हैं औ उन्हें अणिर्भर्भावक बैठकों में आक यह जांचना चाविहए विक बच्चे विवद्यालय में सीख हे हैं औ फल-फूल हे हैं। अगली अणिर्भर्भावक बैठक में उपस्थिस्थवित काफी बेहत थी। कुछ अध्यापक शर्मिंमंदा थ ेक्योंविक वे अणिर्भर्भावकों को उनके बच्चे की प्रगवित के विवस्तृत अणिर्भलेख नहीं द्रिदखा पाए थे। विवद्यालय में अणिर्भलेख खने के काय� में सुधा आने लगा औ श्रीमती कपू प्रगवित का अधिधक प्रर्भावी विवशे्लषण कने में समथ� हो गईं।

पहले उदाहण में श्री अपाजिजता एक ऐसे मुदे्द से विनपटे जिजससे उनके अध्यापक पहले से असंतुM थे। दूसे उदाहण में श्रीमती कपू को थोड़ी चतुाई का इस्तेमाल कके ऐसी परिस्थिस्थवितयां बनानी पड़ीं जिजनमें अध्यापकों को खुद यह महसूस हुआ विक उन्हें विवद्यार्थिथयंों की प्रगवित के अणिर्भलेख खने की आवश्यकता है। आप कुछ अन्य णनीवितयों का र्भी इस्तेमाल क सकते हैं, जैसे:

यह स्पM क देना विक परिवत�न सका की ओ से आ हा है औ आप सर्भी धिमल क इसे संर्भव बनाने जा हे हैं।

विवद्यालय समीक्षा प्रविक्रया में अध्यापकों को शाधिमल कना (विवद्यालय स्व-समीक्षा प नेतृत्व इकाई देखें), ताविक विवद्यालय कैसा प्रदश�न क हा है इस बाे में उनके पास प्रत्यक्ष ज्ञान हो।

अध्यापकों को उनकी कक्षाओं के मुद्दों के सिलए जिजम्मेदाी लेने को प्रोत्साविहत कना। ये मुदे्द उपस्थिस्थवित, गृहकाय� पूा कने वाले विवद्यार्थिथंयों का अनुपात, वेष-रू्भषा, समयबद्धता या चतुतम कक्षा हो सकते हैं। आप इसे कने के सिलए उस कक्षा हेतु साप्ताविहक पुस्का र्घाोविषत क सकते हैं जो आपकी चुनी हुई श्रेणी में सव�त्तम प्रदश�न के।

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना

विवचा कें

धिसद्धांत 3: बल के्षत्र विवशे्लषणपरिवत�न का एक अन्य सिसद्धांत है ‘बल के्षत्र विवशे्लषण’। परिवत�न की यह पद्धवित आपको उन स्थिस्थवितयों प फोकस कने के सिलए प्रोत्साविहत कती है जो पहले से मौजूद हैं औ जो पहले तो परिवत�न में सहयोग केंगी औ दूसे, वे विवोध के संर्भाविवत स्रोतों की पहचान केंगी।

धिचत्र 4 बल के्षत्र विवशे्लषण।

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना बल के्षत्र विवशे्लषण कैसे कें:

स्पM तौ प कहें विक परिवत�न वांसिछत है। कागज के एक बडे़ से टुकडे़ प (या विकसी बोड� या कंप्यूट स्क्रीन प) परिवत�न के व_व्य से एक सीधी ेखा नीचे की ओ खींचें।

ेखा के दाईं ओ पे्रक बल तथा बाईं ओ अवोधक बल खींचें। प्रत्येक बल के सिलए ती की लंबाई (0 से 5 तक) काक की सीमा दशा�ती है जहां 5 का अथ� सवा�धिधक शसि_शाली काक से है।

प्रत्येक ती की मोटाई, बल की आपेणिक्षक महत्ता को दशा�ती है।

अगले केस स्टडी में, श्री अग्रवाल ने अपने माध्यधिमक विवद्यालय में गृहकाय� के प्रवित दृधिMकोण में परिवत�न लाने के सिलए बल के्षत्र विवशे्लषण का उपयोग विकया है (हालांविक इसका उपयोग प्राथधिमक विवद्यालय में र्भी विकया जा सकता है)।

केस स्टडी 3: श्री अग्रवाल ने विनपटाया गृहकाय�विपछले सत्र के मेे अधिधगम भ्रमणों औ स्टाफ-कक्ष में अध्यापकों के हुए वाता�लापों के दौान, मैंने पाया विक विवद्यार्थिथंयों द्वाा विकए जा हे गृहकाय� को लेक काफी असंतुधिM थी। वह अकस हड़बड़ी में विकया हुआ, अव्यवस्थिस्थत या अधूा होता था या विफ विकया ही नहीं गया होता था। अध्यापक विनाशा महसूस क हे थ ेक्योंविक विवद्याथ^ काय� को ठोस रूप देने का मौका गवां हे थ ेऔ उन्हें लग हा था विक वे अपने विवद्यार्थिथंयों के साथ सकाात्मक संबंध बनाने की बजाए लगाता उनके पीछे पडे़ हुए थे।

मैंने सत्र के शुरूआत में एक स्टाफ बैठक बुलवाई औ समझाया विक मैं इस मुदे्द से साथ धिमलक विनपटना चाहता हूँ। मैंने ऐसी चीजों को उद्धतृ विकया जो मैंने देखीं थीं औ लोगों ने कही थीं औ जल्द ही गृहकाय� के खाब स्त के बाे में जीवंत चचा� होने लगी थी। मैंने बैठक एक कक्षा में आयोजिजत की थी ताविक हम बल के्षत्र विवशे्लषण कने के सिलए ब्लैकबोड� का इस्तेमाल क सकें ।

हम जो परिवत�न लाना चाहते थ ेवह था विवद्यार्थिथंयों द्वाा विकए जा हे गृहकाय� की गुणवत्ता सुधाना। हमने उन सर्भी चीजों के बाे में सोचने की कोसिशश की जिजनसे हमें इसमें मदद धिमल सकती थी औ जो इसे कद्रिठन बना सकती थीं।

हमने पे्रक बलों के रूप में इनकी पहचान की:

अणिर्भर्भावक अपने बच्चों को गृहकाय� द्रिदए जाने के इlुक हैं। ध्यानपूव�क विनयोजिजत गृहकाय� अभ्यास से सीखने में मदद धिमल सकती है। गृहकाय� तय कने से पाठ्यक्रम पूा कने में हमें मदद धिमलती है। एनसीएफ 2005 में हमसे गृहकाय� तय कने की अपेक्षा की गई है। सर्भी विवद्यालय गृहकाय� तय कते हैं, । इससिलए हम विकसी अन्य विवद्यालय के सहकर्मिमंयों से बात कके यह देख सकते हैं विक वे इस मुदे्द से कैसे विनपटते हैं

एसएमसी अपेक्षा कती है विक विवद्यार्थिथंयों के सिलए विनयधिमत आधा प गृहकाय� तय विकया जाए।

औ हमने अवोधक बलों के रूप में इनकी पहचान की:

कुछ विवद्यार्थिथंयों को शाम में र्घाेलू कायE में हाथ बँटाना पड़ता है औ उनके पास गृहकाय� कने का समय नहीं होता।

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना उपयु_ गृहकाय� अभ्यास के बाे मे सोचना कद्रिठन है, इससिलए हम अकस पाठ्य पुस्तक से नोट्स उताने का सहाा लेते हैं जो विवद्यार्थिथयंों के सिलए अवश्य ही थोड़ा नीस होता होगा।

पाठों के विनयोजन में लंबा समय लगता है – साथ में गृहकाय� की र्भी योजना बनाना तो सच में बहुत कद्रिठन है।

गृहकाय� देने से अंक देने का काय� र्भी बहुत बढ़ जाएगा (‘मेी कक्षा में 60 विवद्याथ^ हैं औ मैं उन सर्भी के गृहकायE प अंक नहीं दे पाता हूँ, इससिलए यह समय की बबा�दी है’)।

विवद्याथ^ बस एक-दूसे के गृहकाय� की नकल कते हैं, जो विक समय की बबा�दी है। ह विकसी का गृहकाय� जांचना संर्भव नहीं है यह पे्रक्षण, कुछ विवद्यार्थिथयंों के सिलए गृहकाय� नहीं कने का एक बहाना है।

गवितविवधि& 3: अपने विवद्यालय में बल क्षेत्र विवश्लेषण का उपयोग कनाकेस स्टडी 3 में श्री अग्रवाल औ उनके अध्यापकों द्वाा सूचीबद्ध पे्रक बलों औ अवोधक बलों प नज डालें। अब इन्हें सिचत्र 4 के समान रूप देने की कोसिशश कें, सबसे शसि_शाली मुद्दों (जैसे एसएमसी द्वाा गृहकाय� की अनुश्रवण) के सिलए सबसे लंबे ती औ सबसे महत्वपूण� मुद्दों (जैसे अध्यापकों द्वाा उपयु_ गृहकाय� तय कना) के सिलए सबसे मोटे ती। सबसे महत्वपूण� काकों को अपने सिचत्र में सबसे ऊप खें। श्री अग्रवाल की सूची का उपयोग कने से आपको इस विवधिध का अभ्यास कने का मौका धिमलेगा।

अपनी सीखने की डायी में सिचत्र बनाते समय, विवचा कें विक क्या कुछ ऐसा है जिजसे आप अपनी खुद की परिस्थिस्थवितयों से उस सूची में जोड़ेंगे औ पे्रक बलों का उपयोग कने तथा विनोधक बलों को र्घाटाने के सिलए आप क्या कुछ क सकते हैं।

View discussion - गवितविवधिध 3: अपने विवद्यालय में बल के्षत्र विवशे्लषण का उपयोग कना

केस स्टडी 4: श्री अग्रवाल ने पहचाने विGयाशील बलअपनी सूसिचयां बनाने के बाद हमने तय विकया विक सबसे बड़ा पे्रक बल यह है विक गृहकाय� से पाठ्यक्रम पूा कने का मौका धिमलता है। हम पाठ्यपुस्तक के कुछ विहस्से को पढ़ने का काय� तय क सकते हैं, प कई अध्यापकों ने यह माना विक उन्होंने यह कर्भी नहीं जांचा विक काय� को समझा गया है या नहीं। सबसे छोटे पे्रक बलों में से एक था अणिर्भर्भावकों से धिमलने वाला सहयोग/समथ�न। ऐसा इससिलए था क्योंविक हम जिजस इलाके में हते हैं वहां बहुत से अणिर्भर्भावक खुद ही सिशणिक्षत नहीं हैं औ इससिलए वे इसकी महत्ता नहीं देख सकते। (मैंने विनजी तौ प र्भी यह पाया विक सबसे बडे़ पे्रक बलों में से एक थीं सुश्री नागाजू, एक सिशणिक्षका जो संपूण� अभ्यास को लेक बहुत उत्साही थीं औ अपनी कक्षा में गृहकाय� को सुधाने को लेक दृढ़विनश्चयी थीं।)

सबसे बड़ा अवोधक बल था विवद्यार्थिथंयों का शाम को र्घाेलू काय� या सवैतविनक काय� कने की अपेक्षा खना। (हालांविक, विनजी तौ प, मैंने पाया विक सीखने में सहयोग कने वाले अlी गुणवत्ता के गृहकाय� अभ्यास तय कने में लगने वाला अवितरि_ विनयोजन स्पM रूप से एक समस्या था, औ 20 वषE के अध्यापन अनुर्भव वाले श्री मेर्घानाथन इस बाे में बहुत नकाात्मक थे।)

परिवत�न धिसद्धांत

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना वर्णिणतं विकए गए परिवत�न सिसद्धांतों में से प्रत्येक एक मामूली णिर्भन्न दृधिMकोण उपलब्ध काता है औ मामूली णिर्भन्न चीजों प जो देता है। तथाविप, वे बहुत सी विवशेषताए ंसाझा कते हैं। परिवत�न इनसे प्रर्भाविवत होता है:

वत�मान स्थिस्थवित को लेक व्यसि_ की प्रवितविक्रयाएं परिवत�न कैसा द्रिदखेगा इसकी समझ (मानसिसक सिचत्रण) परिवत�न कने के सिलए पे्रणा विपछले अनुर्भव परिवत�न कने के सिलए माध्यम – संसाधन औ कौशल विनयोजन।

गवितविवधि& 4: परिवत�न क्यों असफल होते हैं?एक सिशक्षण औ विवद्यालय प्रमुख के तौ प आप अपनी रू्भधिमका में बहुत से परिवत�न अनुर्भव केंगे। एक परिवत�न या पहल के बाे में सोचें जो सफल से कम हा हो। शायद यह लोगों को उत्साविहत कने में असफल हा, या उसका समय खाब था या बहुत अधिधक महत्वाकांक्षी था। यह एक ऐसा परिवत�न हो सकता है जो आपने आयोजिजत विकया था, या शायद विकसी अन्य व्यसि_ द्वाा आयोजिजत विकया गया था। यह क्यों असफल हुआ इसकी पहचान कने के सिलए ऊप वर्णिणतं सिसद्धांतों का उपयोग कें।

अग आप परिवत�न में दोबाा सम्मिम्मसिलत थ,े क्या णिर्भन्न विकया जा सकता था? सिसद्धांतों में से प्रत्येक कुछ ऐसा पहचान कने का प्रयास कें जो एक अंत पैदा के। आप विकसी अन्य विवद्यालय नेता के साथ अपने विवचाों को साझा कने को उपयोगी पा सकते हैं, क्योंविक चचा� से अन्य व्याख्याए ंऔ दृधिMकोण बाह आ सकते हैं।

View discussion - गवितविवधिध 4: परिवत�न क्यों असफल होते हैं ?

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना

3 एक परिवत�न दल की स्थापना कनापरिवत�न का मासिलकाना हक बहुत महत्वपूण� है। प्रमुख स्वयं परिवत�न नहीं क सकते। उन्हें अन्य लोगों के जरिये काय� कना चाविहए औ उन प सहयोग कने के सिलए प्रर्भाव डालना चाविहए। यह तब सव�शे्रष्ठ प्राप्त होता है जब सकाात्मक सामूविहक काय� कने का वातावण औ एक साथ सीखने औ सुधा कने की प्रवितबद्धता होती है।

एक तकनीक जो बहुत उपयोगी प्रमाणिणत हुई है वह एक परिवत�न दल स्थाविपत कने की है। यह महत्वपूण� है विक परिवत�न प्रमुख प पूी तह विनर्भ� न हों औ उन लोगों से विवस्तृत मासिलकाना हक हो जो इसे लागू कने के सिलए जिजम्मेदा होंगे।

धिचत्र 5 आपको एक परिवत�न प्रबंधन दल स्थाविपत कने की आवश्यकता होगी।

परिवत�न दल को बनाना औ इसका काय� तय कना आपके संदर्भ� प विनर्भ� केगा। हालांविक, विवचा कने के सिलए कुछ महत्वपूण� काण है:

चैम्पिKयंस: कुछ कम�चाी औ र्भागीदा अन्य लोगों से अधिधक उत्साविहत होंगे औ/या क्या सम्मिम्मसिलत है इसे समझने के सिलहाज से अधिधक सक्षम होंगे। यह महत्वपूण� है विक उनमें से कुछ को परिवत�न को आगे ले जाने के सिलए सम्मिम्मसिलत विकया जाए। इससे ऐसी आम धाणाओं को चुनौती धिमल सकती है विक शसि_ औ प्रर्भाव वरिष्ठता से विनकलते हैं। युवा कम�चाी परिवत�न के साथ चलने के सिलए अधिधक सक्षम हो सकते हैं।

प्रवितविनधि&त्व: अग परिवत�न महत्वपूण� है तो यह सर्भी विहतधाकों को प्रर्भाविवत केगा, औ आपके परिवत�न दल को विवद्यालय समुदाय के सर्भी पहलुओं का प्रवितविनधिध बनने की आवश्यकता होगी। इसमें जिजम्मेदाी वाले कम�चाी, युवा कम�चाी, विवणिर्भन्न विवषय के्षत्रों के कम�चाी औ एसएमसी सदस्य, औ साथ ही अणिर्भर्भावक, समुदाय के सदस्य औ छात्र सम्मिम्मसिलत हो सकते हैं।

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना चुनौती: इसमें केवल परिवत�न का समथ�न कने वालों को सम्मिम्मसिलत कने प विवचा कने का लोर्भ हो सकता है, कुछ उन लोगों को सम्मिम्मसिलत कना बेहत हो सकता है जो परिवत�न को लेक अविनणिश्चत हों या उसका विवोध कें। इससे योजना बनाने के दौान मुद्दों का हल विनकालने में सुविवधा होती है औ पता चलता है विक सर्भी की ाय प विवचा विकया गया था।

दल का आका: दल को बहुत अधिधक बढ़ा न बनाए ंनहीं तो इसका प्रबंधन कना औ सहमवित लेना मुल्किश्कल हो जाएगा। आका विवद्यालय के आका प विनर्भ� क सकता है, लेविकन छह से आठ संर्भवतः एक अlी संख्या है औ अग आप दस से काफी अधिधक लोगों को खते हैं तो समस्याए ंहोंगी।

दल को संगठिMत कना: आपको यह विनण�य लेना होगा विक क्या दल के सदस्य विवणिर्भन्न समूहों का प्रवितविनधिधत्व क हे हैं औ, अग ऐसा है, वे अपने सहकर्मिमंयों या समकक्षों के साथ कैसे जानकाी साझा कते हैं औ सुविनणिश्चत कें विक वे उन लोगों के विवचाों को प्रदर्थिशंत कें जिजनका वे प्रवितविनधिधत्व कते हैं। ऐसा हो सकता है विक सदस्यों से एक समूह के प्रवितविनधिध होने की आशा न हो, औ बडे़ समूहों को संचा पूण� तौ प दल औ/या आपसे एक प्रमुख के तौ प आए।

दल की र्भूमिमका: आपको दल के काय� की सीमा तय कने की आवश्यकता होगी; उनकी शसि_ की सीमाए ंक्या हैं? क्या वे सलाह दे हे हैं, अनुशंसा क हे हैं या विनण�य ले हे हैं? अग वे विनण�य ले हे हैं, तो विकन सीमाओं के अंद?

आपकी र्भूमिमका: काय� सौंपना एक जद्रिटल कौशल है औ इस बात की स्पM समझ होनी चाविहए विक दल क्या क सकता है औ क्या नहीं। यह आपकी र्भागीदाी प विनर्भ� केगा। एक दल के सिलए क्या होगा इसे तय कने के सिलए अधिधक ऊजा� लगाने के बाद, प्रमुख द्वाा उसके सुझाव पूी तह खारिज कने से अधिधक विनाशा कुछ नहीं हो सकती है। ऐसा हो सकता है विक आप कुछ बैठकों में उपस्थिस्थत हना चाहते हों औ, अधिधक महत्वपूण� बात है विक, प्रगवित के बाे में दल से विनयधिमत फीडबैक लेना चाहेंगे। आपके वहां हने के दौान दल प विनयंत्रण कने की विकसी लोर्भ में न आए!ं

दल की अध्यक्षता: अग एक अध्यक्ष की विनयुसि_ हो जाती है तो परिवत�न समूह के साथ आपकी रू्भधिमका आसान हो जाएगी (औ आप यह विनण�य ले सकते हैं विक क्या आप दल को विनयु_ केंगे या दल को अपना अध्यक्ष चुनने की अनुमवित देंगे) जिजससे आप विनयधिमत तौ प संपक� औ वत�मान में जाी गवितविवधिध को प्रर्भाविवत औ विवस्तृत कम�चाी औ र्भागीदा समूहों के साथ संचा को सुविनणिश्चत क सकें गे।

उपदल: अग परिवत�न जद्रिटल हो, तो आप प्रस्ताविवत परिवत�न के विवशेष पहलुओं के विवस्तृत पीक्षण के सिलए विकसी स्त प अन्य छोटे दल स्थाविपत कना चाह सकते हैं।

घटनाओं से संबंधि&त समय (टाइमस्केल): आपको र्घाटनाओं से संबंधिधत समय के बाे में स्पM होना चाविहए लेविकन इनकी विनयधिमत समीक्षा के सिलए तैया हें। अधिधकांश परिवत�न मूल रूप से सोचे गए से अधिधक समय लेते हैं औ यह बेहत (काण के अंद) होगा विक समझ औ विवस्तृत योजना को सुविनणिश्चत विकया जाए न विक पया�प्त तैयाी के विबना जल्द आंर्भ क द्रिदया जाए।

केस स्टडी 5: श्री अग्रवाल ने एक परिवत�न दल बनायामैंने पांच लोगों का ‘होमवक� दल’ बनाने का विनण�य सिलया। मैंने अपने सहयोगी से दल की अगुवाई कने को कहा औ मैंने सुविनणिश्चत विकया विक इसमें सुश्री नागाजू औ श्री मेगानाथन, एसएमसी से एक अणिर्भर्भावक प्रवितविनधिध, औ श्रीमती चक्राकोडी, एक अन्य सिशक्षक जो लगर्भग सुश्री नागाजू की तह की उत्साही हैं, सम्मिम्मसिलत हों। मैंने अपनी सहयोगी के साथ यह सुविनणिश्चत कने के सिलए बैठक की विक वे

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना समझ गई हैं विक मैं उनसे क्या कवाना चाहता हूं औ हम सहमत हुए विक वे प्रत्येक सप्ताह प्रगवित प रिपोट� देंगी।

उन्होंने छात्रों की होमवक� की आदतों के बाे में अधिधक जानने के सिलए एक सव� विकया औ उन्होंने अणिर्भर्भावकों के सिलए विवद्यालय में एक बैठक आयोजिजत की। वे कुछ परिवाों के र्घाों में र्भी गए। उन्होंने पाठ्यपुस्तक में प्रत्येक अध्याय को र्भी पढ़ा औ सावधानी से एक होमवक� अभ्यास की योजना बनाई जिजसने वास्तव में समझ का पीक्षण विकया औ उससे पढ़ाई मजबूत हुई, जिजससे सिशक्षकों को स्वयं प्रत्येक चीज की योजना न बनानी पडे़। उन्होंने, TESS-India इकाइयों के उपयोग से, हमाी विनयधिमत कम�चाी बैठकों में से एक का उपयोग ‘समकक्ष समीक्षा’ औ ‘आत्म- समीक्षा’ के बाे में बात कने के सिलए र्भी विकया, जिजससे सिशक्षक यह समझ सकें विक छात्रों को एक-दूसे के साथ ही उनसे र्भी फीडबैक धिमल सकता है। छात्र सव�क्षण से पता चला विक अग उनके पास अपने काय� को कैसे प्रस्तुत विकया जाए इसे लेक अधिधक विवकल्प, या स्वतंत्र शोध कने का अवस हो, तो वे अधिधक पे्ररित अनुर्भव केंगे।

गवितविवधि& 5: आपका परिवत�न दलश्री अग्रवाल के दल की संचना के फायदों प विवचा कें औ विफ अपने विवद्यालय के बाे में सोचें। अग आपको श्री अग्रवाल के समान परिवत�न को लागू कना हो, तो अपनी सीखने की डायी में यह विनण�य लें विक आपके दल में कौन होगा औ यह संकेत दें विक प्रत्येक व्यसि_ को क्यों चुना जाएगा (उनकी विवशेषज्ञता, विनाशावाद, शसि_, पख, आद्रिद )। विनण�य कें विक क्या आप परिवत�न दल की अध्यक्षता केंगे या यह जिजम्मेदाी विकसी औ को देंगे। अग आप विकसी औ को जिजम्मेदाी देते हैं, तो आप प्रगवित की विनगानी कैसे केंगे?

View discussion - गवितविवधिध 5: आपका परिवत�न दल

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना

4 परिवत�न की अनुश्रवणयह महत्वपूण� है विक परिवत�नों की विनगानी यह देखने के सिलए की जाए विक वे सफल हो हे हैं। अनुश्रवण का आंर्भ एक शुरुआती चण में होना चाविहए जिजससे अग आवश्यक हो तो योजना को बदला जा सके, औ जिजससे शुरुआती सफलताओं प नज पडे़ औ जश्न मनाया जाए। परिवत�न का प्रबंधन कने वाले दल को संर्भाविवत संकेतकों औ जिजस प्रदश�न स्त की अपेक्षा है उसके बाे में सोचने की आवश्यकता होगी।

‘संकेतकों’ में कोई र्भी ऐसी चीज सम्मिम्मसिलत हो सकती है जो यह प्रमाण उपलब्ध काए विक परिवत�न हो हा है। ये स्पM चीजें हो सकती हैं, जैसे अभ्यास पुल्किस्तकाओं में काय� या अपना होमवक� पूा कने वाले छात्रों की संख्या। वैकस्थिल्पक तौ प, इसमें छात्रों के बीच सुनी गई बातचीत, अणिर्भर्भावकों से फीडबैक या विवशेष छात्रों या सिशक्षकों के वैये में परिवत�न जैसी चीजें हो सकती हैं।

‘प्रदश�न स्त’ कुछ अधिधक मजबूत चीज होगी जैसे:

90 प्रवितशत छात्रों विनयधिमत तौ प अपना होमवक� पूा केंगे। प्रत्येक सिशक्षक प्रवित सप्ताह कम से कम एक होमवक� अभ्यास तय के जिजससे छात्रों को यह विवकल्प धिमलेगा विक वे उसे कैसे कें या वे क्या कें

प्रत्येक सिशक्षक प्रवित सप्ताह एक खुला काय� तय केगा।गवितविवधि& 6: परिवत�न का अनुश्रवण कनाएक ऐसे परिवत�न के बाे में सोचें जो आप अपने विवद्यालय में लाना चाहेंगे। आपको कैसे पता चलेगा विक परिवत�न हो हा है? अपनी सीखने की डायी में तीन संकेतकों को सिलखें जिजनका उपयोग आप परिवत�न की अनुश्रवण के सिलए क सकते हैं।

आप विकस प्रदश�न स्त की तलाश केंगे? ऐसे तीन उपाय बताएं जिजनका उपयोग आप परिवत�न की प्रगवित की अनुश्रवण के सिलए क सकते हैं।

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना

5 परिवत�न वGपरिवत�न एक ेखीय तीके से नहीं होता। जिजन्होंने परिवत�न का अध्ययन विकया है वे द्रिदखाते हैं विक सिचत्र 6 में परिवत�न वक्र हमाी प्रवितविक्रया का एक सूचक है। कद्रिठनाई यह है विक विकसी र्भी विवद्यालय में बहुत से अलग अलग व्यसि_ होते हैं जो विवणिर्भन्न दों प प्रविक्रया से गुज़ेंगे: कुछ प्रविक्रया के अंत में उस समय हो सकते हैं जब अन्य अर्भी आंर्भ में ही हों। प्रमुख के सिलए महत्वपूण� संदेश यह है विक आप इस बात का सावधानी से अवलोकन कें विक व्यसि_ औ समूह परिवत�न को कैसी प्रवितविक्रया दे हे हैं औ उन लोगों की सहायता (या कई बा चुनौती दें) के सिलए उपयु_ का�वाई कें जिजन्हें विवशेष तौ प परिवत�न के साथ समायोजन में कद्रिठनाई हो ही है।

Figure 6 The change curve.

परिवत�न प्रविक्रया के आंर्भ में अक्स उत्साह, रूसिच औ आशावाद होता है, जिजससे बहुत से व्यसि_यों के प्रदश�न में सुधा आता है। परिवत�न को समझने औ प्रदश�न में सर्भी जद्रिटलताओं की पहचान बढ़ने प, विवश्वास विग सकता है औ प्रदश�न स्तों में कमी आती है जिजसे ‘विगावट’ के तौ प जाना जाता है। यह सामान्य है, लेविकन प्रमुख यह सुविनणिश्चत कने के सिलए काफी कुछ क सकता है विक यह विगावट बहुत अधिधक न हो औ न ही बहुत लंबे समय तक हो।

एक प्रमुख द्वाा विगावट को न्यूनतम कने के कुछ उपाय इस प्रका हैं:

अवलोकन कें औ सुनें: एक प्रमुख जो सबसे महत्वपूण� काम क सकता है वह है अवलोकन कना औ सुनना। परिवत�न समूह से आगे देखना औ व्यसि_यों औ समूहों से उनकी चिचंताओं के बाे में बातचीत कना अर्भी र्भी महत्वपूण� है। सुनने से आप स्वयं औ परिवत�न में र्भोसे को प्रोत्साहन देंगे।

आशावाद: प्रमुख को परिकल्पना का संदेश देते हना चाविहए औ परिणाम प्राप्त कने के सिलए आशावान होना चाविहए। कई बा, एक प्रमुख के तौ प आप संदेह

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना का अनुर्भव क सकते हैं – लेविकन इसे साझा नहीं विकया जाना चाविहए, क्योंविक इससे विवश्वास कम होने की संर्भावना है।

समायोजन: परिवत�न के सिलए आपकी परिकल्पना में फेबदल नहीं होना चाविहए, लेविकन आपको ास्ते में अनुकूलनों औ समायोजनों को कने में सक्षम होना चाविहए जो बातचीत औ उर्भते हुए मुद्दों को सम्मिम्मसिलत के।

आंर्भ में बहुत अधि&क विववण के साथ योजना न बनाए:ं फुल्लन (2013), शायद परिवत�न के प्रमुख पणिश्चमी शैणिक्षक शोधकता� हैं, उनका सुझाव है विक योजनाएं ‘दुबली’ होनी चाविहए औ उनमें आंर्भ में बहुत अधिधक विववण सम्मिम्मसिलत नहीं होना चाविहए। कोयन (2014) सिलखते हैं विक ‘लोगों का पूवा�नुमान लगाना मुल्किश्कल होता है। औ इस काण समय से आगे जाक यह देखना खतनाक है विक वे उस परिवत�न को कैसी प्रवितविक्रया दे सकते हैं जिजसे लागू कने की आपने शुरुआत नहीं की है औ, यह सव�शे्रष्ठ तौ प, अटकल होगी।’

त्वरित जीत: सफलता के शुरुआती संकेतों को देखें, औ इनका प्रचा कें औ जश्न मनाए।ं इससे न केवल विवश्वास का प्रसा होगा, बल्किल्क विकसी ऐसी चीज के सिलए प्रवितबद्धता र्भी होगी जिजसे सफल के तौ प देखा जा हा है।

केस स्टडी 6: गवितविवधि&-आ&ारित सीखने का आंर्भवष� 2004 में र्भात सका ने ‘गवितविवधिध-आधारित सीखना’ (एबीएल) प्रस्तुत विकया था। वष� 2004/5 में ाज्यों ने सर्भी अध्यापकों के सिलए प्रसिशक्षण काय�क्रम प्रदान क द्रिदए औ इस पहल को लेक अध्यापकों में उत्साह था। वष� 2007/8 आते-आते लोगों को यह महसूस होने लगा विक एबीएल का विक्रयान्वयन उनकी परिकल्पना से अधिधक कद्रिठन था। वष� 2008 तक, कई के्षत्र के अध्यापकों ने हा मान ली औ अधिधक पांपरिक विवधिधयों की ओ लौट गए। ‘उच्च अपेक्षाएं’ औ उत्साह, ‘विनाशा’ के गत� में जा विगे।

सर्भी विवद्यालयों के सर्भी अध्यापकों को बदलने की आवश्यकता खने वाले काय�क्रम का विक्रयान्वयन अत्यधिधक महत्वाकांक्षी काय� है। द्रिटकाऊ परिवत�न धीे-धीे ही होता है औ उसमें उसके विक्रयान्वयन हेतु जिजम्मेदा लोगों का शाधिमल होना आवश्यक होता है।

TESS-India की सामविग्रयां – जो मु_ रूप से ऑनलाइन उपलब्ध हैं – अध्यापकों को वे छोटे-छोटे परिवत�न कने में मदद केंगी जिजनसे उनकी कक्षाओं में सुधा आएगें। ये वीविडयो र्भात की कक्षाओं में र्भागीदाीपूण� अध्यापन पद्धवितयों को सविक्रय रूप में द्रिदखाते हैं। इन संसाधनों से आपको औ आपके अध्यापकों को अध्यापन एवं ज्ञानाज�न में वास्तविवक सुधा लाने के सिलए ‘डुबकी’ से आगे जाने में मदद धिमलेगी।

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6 बा&ाओं को पा कनाइस इकाई में पीछे द्रिदए गए बल के्षत्र विवशे्लषण प ज़ा विफ से नज़ डालें। आप देखेंगे विक उसमें परिवत�न के बल औ विवोधी बल यानी परिवत�न के ास्ते की बाधाए ंमौजूद हैं। विकसी परिवत�न को सफल रूप से विक्रयान्विन्वत कने के सिलए या तो सकाात्मक परिवत�न के बलों को बढ़ाना या शसि_शाली बनाना होगा, या विफ परिवत�न की बाधाओं को र्घाटाना या समाप्त कना होगा – या विफ दोनों काय� कने होंगे।

गवितविवधि& 7: विवद्यालय प्रमुख के काय�केस स्टडी 5 में श्री अग्रवाल द्वाा अपनाई गई पद्धवित प विफ से नज़ डालें। अपनी सीखने की डायी में सूची बना क सिलखें विक कौन से काय� सकाात्मक बलों को शसि_शाली बनाने के सिलए थ ेऔ कौन से बाधाओं को र्घाटाने के सिलए।

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केस स्टडी 7: श्री थापा विनकले परिवत�न की अगुआई के धिलएश्री थापा एक कत�व्यविनष्ठ अध्यापन विवद्यालय प्रमुख थ ेजिजन्होंने ाज्य के सिशक्षा का अधिधका अधिधविनयम 2009 (RTE) के काया�न्वयन के विववणों की पुधिM कने वाली एक बैठक में र्भाग सिलया था। इस विववण में अगले वष� समूह में प्रोन्नवित को ोकने प लगाया गया प्रवितबंध र्भी शाधिमल था। जब वे विवद्यालय लौटे तो उन्हें पता था विक स्टाफ़ की प्रवितविक्रया क्या होगी, औ वे चाह हे थ ेविक हाथ उठाए ंऔ कहें ‘क्या कें’ – ‘यह मेा दोष नहीं; हमें खाब कायE से र्भी अधिधकतम लार्भ विनकालना ही होता है!’

उनका मानना था विक इस प्रवितबंध को शाधिमल कना सही था, औ उन्होंने सप्ताहांत में इस बाे में काफी परिकल्पना की विक पहली स्टाफ बैठक में क्या कना है। सप्ताहांत के दौान मीविडया को RTE के प्रस्तुत होने की जानकाी हो चुकी थी औ ह कोई इसे लेक बेचैन था विक इसका क्या अथ� होगा। जब सोमवा को उनकी बैठक शुरू हुई तो जबद�स्त शो-शाबे ने उनका अणिर्भवादन विकया। स्टाफ उनके काय� को औ कद्रिठन बना देने वाले के बाे में अपनी र्भड़ास विनकाल देना चाहता था। श्री थापा ने एक बड़ा ही साधाण सा कदम उठाया। उन्होंने स्टाफ को RTE के बाे में बताया, उसके कुछ लार्भ बताए विक इससे विवद्यार्थिथंयों को क्या लार्भ होंगे, आने वाली पीढ़ी की आकांक्षाओं को क्या लार्भ होंगे औ दीर्घा�काल में अध्यापकों को छोटी आका की कक्षाओं के रूप में क्या-क्या लार्भ होंगे। उन्होंने विकसी प र्भी दोषाोपण नहीं विकया। बैठक के अंत में उन्होंने जो कहा उससे स्टाफ रुक क सुनने औ सोचने प मजबू हो गया।

[श्री थापा ने स्टाफ से कहा], मैं जानता हूँ विक मैं आप सब जिजतने पाठ नहीं पढ़ाता, प मैं ोज़ाना पढ़ाता तो हूँ, औ इससिलए मैं समझ सकता हूँ विक आप क्यों खिखन्न हैं। प यद्रिद हम सच्चाई से सोचें, तो हममें से विकतने ऐसे हैं जो विवद्यार्थिथंयों को ोके खने के सिलए द्रिदन के आखिख तक रुकते हैं? औ प्रोन्नत नहीं विकए जाने की धमकी ने कब विकसी विवद्याथ^ को आलसी या शाती होने से ोका है? आपकी बात सुनक, मुझे लगता है विक आपकी चिचंताए ंइसे लेक र्भी हैं विक हम कैसे हमाे विवद्यार्थिथयंों को सफल होने में मदद दे सकते हैं – औ हाँ, विनणिश्चत रूप से, हम यह पक्का कने के सिलए क्या क सकते हैं विक शाती विवद्याथ^ औ ज्यादा कद्रिठन न बन जाए।ं आज जब मैं अपने विनयधिमत दैविनक भ्रमण प गया, तो मैंने देखा विक कुछ ऐसे पाठ हैं जिजनमें विवद्याथ^ हमेशा रुसिच लेते हैं, उनमें व्यवहा शायद ही कर्भी

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना कोई समस्या बनता है औ जिजनमें विवद्याथ^ चीजों को सीख हे हैं। सका जो र्भी कहे प वह जाी हेगा।

आज के द्रिदन ने मुझे याद द्रिदलाया विक मेा मुख्य काय� अपने काया�लय में बैठ क फॉम� र्भना नहीं है। आज मैं चाहता हूँ विक हम सब अपने बीच इस बात प एक चचा� शुरू कें विक कैसे हम अपनी कक्षाओं को अधिधक ोचक बनाएं, विवद्यालय के उन सिशक्षकों से कैसे सीखें जो मुझे औ विवद्यार्थिथंयों, दोनों को पे्ररित कते हैं, र्भले ही उनमें विकतने र्भी विवद्याथ^ हों, औ हम हमाे औ यह पता कें विक उनके गुणों को बाकी सर्भी से कैसे साझा विकया जाए। औ – सबसे महत्वपूण� बात – स्वयं विवद्यार्थिथयंों को यह पता कने में कैसे संलग्न विकया जाए विक ज्ञानाज�न को अधिधक आनंददायक तथा अध्यापन को अधिधक उत्पादक बनाने में उनकी जिजम्मेदारियां क्या-क्या हैं।

गवितविवधि& 8: श्री थापा के नेतृत्व कौशल को पहचाननाअपनी सीखने की डायी में, वे कौशल एवं व्यवहा सूचीबद्ध कें जिजनका उपयोग श्री थापा ने अपने स्टाफ को उनकी मदद के सिलए प्रोत्साविहत कने में विकया। इस बाे में सोचें विक कैसे उन्होंने नेतृत्व प्रदर्थिशंत विकया, प साथ ही यह र्भी सोचें विक दूसों को अपने अनुसण हेतु पे्ररित कने के सिलए उन्होंने विकन कौशलों औ व्यवहाों का उपयोग विकया। इस बाे में सोचें विक आप र्भी विकस हद तक इन कौशलों का उपयोग कते हैं, औ विकन कौशलों को आप औ विवकसिसत कने के बाे में परिकल्पना क सकते हैं।

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7 साांशइस इकाई में आपने परिवत�न के कुछ सिसद्धांतों का औ, परिवत�नों की प्रस्तुवित एवं काया�न्वयन प्रर्भावी रूप से हो यह सुविनणिश्चत कने में आने वाली कुछ प्रमुख चुनौवितयों का परिचय पाया है। कुछ र्भी कने से पहले परिवत�न के बाे में ध्यानपूव�क चिचंतन कना महत्वपूण� है ताविक आप लोगों को अपने साथ ले आए।ं परिवत�न के तीन सिसद्धांत औ ‘परिवत�न वक्र’ परिवत�न के बाे में सोचने का एक ऐसा तीका प्रदान कते हैं जो प्रविक्रया में सहयोगी अंदरूनी जानकारियां लेक आता है।

आपको ऐसी कई तकनीकों से अवगत का द्रिदया गया है जो परिवत�न की प्रविक्रया का नेतृत्व कने में आपकी मदद केंगीं। आपने वृत्त अध्ययनों से उन नेतृत्व कौशलों को देख सिलया है जो परिवत�न का प्रर्भावी नेतृत्व एवं काया�न्वयन कने के सिलए आवश्यक हैं। आप चाहें तो अवितरि_ अध्ययन क सकते हैं औ अपने विवद्यालय में एवं आसपास आपके साथ काय� कने वाले लोगों के साथ परिवत�न के कुछ सिसद्धांतों को साझा क सकते हैं।

यह इकाई उन इकाइयों के समूह/सेट का विहस्सा है जो नेतृत्व प दृश्य के महत्वपूण� के्षत्र से संबंधिधत हैं (नेशनल कॉलेज ऑफ लीडसिशप के साथ संेखिखत)। आप अपने ज्ञान औ कौशलों को विवकसिसत कने के सिलए इस समूह में आगे आने वाली अन्य इकाइयों प नज़ डालक लार्भान्विन्वत हो सकते हैं:

अपने विवद्यालय के सिलए एक साझा स्वप्न का विनमा�ण कना विवद्यालय की आत्म-समीक्षा का नेतृत्व कना विवद्यालय की विवकास योजना का नेतृत्व कना अपने विवद्यालय को सुधाने के सिलए वैविवध्यता प उपलब्ध डेटा का उपयोग कना अपने विवद्यालय में परिवत�न का विनयोजन औ उसका नेतृत्व कना।

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संदर्भ�/संदर्भ�ग्रंथ सूची

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Acknowledgementsअणिर्भस्वीकृवितयाँ

तृतीय पक्षों की सामविग्रयों औ नीचे अन्यथा कसिथत को छोड़क, यह सामग्री विक्रएद्रिटव कॉमन्स एद्रि�ब्यूशन-शेयएलाइक लाइसेंस के अंतग�त उपलब्ध काई गई है: (http://creativecommons.org/licenses/by-sa/3.0/)। नीचे दी गई सामग्री मासिलकाना हक की है तथा इस परियोजना के सिलए लाइसेंस के अंतग�त ही उपयोग की गई है, तथा इसका Creative Commons लाइसेंस से कोई वास्ता नहीं है। इसका अथ� यह है विक इस सामग्री का उपयोग अननुकूसिलत रूप से केवल TESS-India परियोजना के र्भीत विकया जा सकता है औ विकसी र्भी बाद के OER संस्कणों में नहीं। इसमें TESS-India, OU औ UKAID लोगो का उपयोग र्भी शाधिमल है।

इस यूविनट में सामग्री को पुनः प्रस्तुत कने की अनुमवित के सिलए विनम्न स्रोतों का कृतज्ञतापूण� आर्भा:

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सिचत्र 6: डेवीज़ आ. (2012) ‘सीआएम इंप्लीमेंटेशन – द इफेक्ट ऑन यूजस� (पाट� 1)’, http://www.contactedgecrm.com/2012/03/09/crmimplementation-theeffectonusers-pt1/ से अनुकूसिलत। [Figure 6: adapted from Davies, R. (2012) ‘CRM implementation – the effect on users (part 1)’, http://www.contactedgecrm.com/2012/03/09/crmimplementation-theeffectonusers-pt1/

कॉपीाइट के स्वाधिमयों से संपक� कने का ह प्रयास विकया गया है। यद्रिद विकसी को अनजाने में अनदेखा क द्रिदया गया है, तो पहला अवस धिमलते ही प्रकाशकों को आवश्यक व्यवस्थाएं कने में हष� होगा।

वीविडयो (वीविडयो न्विस्टल्स सविहत): र्भात र्भ के उन अध्यापक सिशक्षकों, मुख्याध्यापकों, अध्यापकों औ छात्रों के प्रवित आर्भा प्रकट विकया जाता है जिजन्होंने उत्पादनों में द्रिद ओपन यूविनवर्थिसंटी के साथ काम विकया है।

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गवितविवधि& 1: आपके विवद्यालय में एक परिवत�नDiscussionचचा�

इससे पहले विक आप अपने विवद्यालय में कुछ बदलने की कोसिशश शुरू कें, परिवत�न के विनविहताथE के बाे में सोच लेना महत्वपूण� है। अग आप यह पूवा�नुमान लगा सकते हैं विक कौन विवोध केगा औ क्यों, तो आप उन लोगों को शीघ्रतम संर्भव मौके प संलग्न कने की काय�नीवितयों के बाे में सोचना शुरू क सकते हैं।

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गवितविवधि& 2: श्रीमती गुप्ता से क्या चीज छूट गई?

Discussionचचा�

श्रीमती गुप्ता के पास एक परिकल्पना थी जिजसे उन्होंने अपने विवद्यालय के अध्यापकों को समझाया था। प यह साफ नहीं है विक उन्होंने उनकी परिकल्पना को समझा या नहीं अथवा वे उससे सहमत थ ेया नहीं। उन्होंने एक योजना बनाई औ विफ एक प्रोत्साहन प्रस्तुत विकया – विक वे कक्षा में आएगंी। अध्यापकों के सिलए यह एक धमकी की तह अधिधक था। अध्यापकों को पे्ररित कने की आवश्यकता होती है औ यह नेतृत्व की एक मुख्य जिजम्मेदाी है। (धमविकयों की बजाए) प्रर्भावी प्रोत्साहन सम्मान कने, प्रशंसा पाने औ सफल दल का विहस्सा होने से संबंध खते हैं।

उन्होंने अध्यापकों की मदद के सिलए कोई संसाधन नहीं द्रिदया, औ न ही यह जांचा विक उनके पास आवश्यक कौशल हैं या नहीं। अग उन्होंने दूसे विवद्यालय के नेता से बात क ली होती, तो शायद उन्हें अपनी परिकल्पना को अपने स्टाफ के समक्ष स्पM कने के बाे में सलाह औ प्रमाण धिमल गए होते। साथ ही संर्भव है विक उन्हें विवकसिसत विकए गए संसाधनों औ कौशलों के बाे में कुछ सुझाव धिमले होते।

परियोजना प काय� आंर्भ कने के सिलए संसाधनों की आवश्यकता नहीं थी, हालांविक उनसे कई तह से मदद धिमलती। उदाहण के सिलए, श्रीमती गुप्ता कुछ कक्षाए ंलेने का प्रस्ताव ख सकती थीं, ताविक अध्यापक पास वाले विवद्यालय जाक उन चीजों को खुद देख सकें जो श्रीमती गुप्ता उनसे चाहती थीं।

श्रीमती गुप्ता ने योजना बनाई थी प वह यथाथ�वादी नहीं थी क्योंविक वे विनयोजिजत पद्धवित की बजाए तत्काल परिवत�न की अपेक्षा खती थीं, जबविक स्टाफ विनयोजिजत पद्धवित में विवकासपक ढंग से विवचाों को जांच-पख सकता था।

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गवितविवधि& 3: अपने विवद्यालय में बल के्षत्र विवशे्लषण का उपयोग कनाDiscussionचचा�

सबसे पहले मुद्दों को सूचीबद्ध एवं श्रेणीबद्ध कके तथा उसके बाद उन्हें र्भा (महत्व) देक आप अवोधक बलों से विनपटने औ पे्रक बलों से अधिधकतम लार्भ उठाने के अपने प्रयासों को वीयता के क्रम में व्यवस्थिस्थत क सकते हैं। क्या चीजें महत्वपूण� हैं औ क्या चीजें परिवत�न पे्ररित कती हैं उनका नज़ से बाह हो जाना आसान है। इस प्रका की सिचत्रात्मक प्रस्तुवितयों से आपको अपने विनष्कषE को संगद्रिठत रूप देने तथा अन्य के साथ साझा कने में मदद धिमल सकती है। परिवत�न लाने के सिलए श्री अग्रवाल ने क्या विकया यह जानने के सिलए वृत्त अध्ययन 4 पढ़ें।

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गवितविवधि& 4: परिवत�न क्यों असफल होते हैं?Discussionचचा�

परिवत�न असफल हो सकता है क्योंविक सिसद्धांत 1 में द्रिदए गए कदमों में से एक पूा नहीं विकया गया, या कम अनुमान लगाया गया। ऐसा हो सकता है विक वत�मान (सिसद्धांत 2) के साथ अपया�प्त असंतोष हो, परिकल्पना पया�प्त स्पM न हो या पहले कदम बहुत अधिधक महत्वाकांक्षी हों। यह संर्भव है विक परिवत�न की अगुवाई कने वाले लोगों ने उन काणों प ध्यान न द्रिदया हो जो उनकी सहायता क सकते थ ेया उन्हें ोकते (सिसद्धांत 3)।

वैकस्थिल्पक रूप से, साे सावधानीपूव�क विकए गए विनयोजन के बावजूद, यह संर्भव है विक परिवत�न बहुत अधिधक महत्वाकांक्षी था या केवल एक व्यसि_ काय� क हा था। परिवत�न अक्स उस समय अधिधक प्रर्भावी होता है जब कोई दल इसकी अगुवाई कता है।

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना

गवितविवधि& 5: आपका परिवत�न दलDiscussionचचा�

श्री अग्रवाल ने एक छोटा परिवत�न दल चुना था। उन्होंने अधिधक उत्साही औ कम उत्साही सिशक्षकों को सम्मिम्मसिलत विकया, यह उम्मीद कते हुए विक सुश्री नागाजू औ श्रीमती चक्राकोडी श्री मेगानाथन को इस बात के सिलए आश्वस्त केंगी विक यह एक अlा विवचा है – वैसे यह श्री अग्रवाल की ओ से सिलया गया एक जोखिखम था। यह महत्वपूण� था विक उनका सहयोगी एक साथी था, नहीं तो परिवत�न आसानी से ाह र्भटक सकता था।

अपने परिवत�न दल के साथ, आपको न केवल विवणिर्भन्न योगदानों के बाे में, बल्किल्क विवणिर्भन्न व्यसि_त्वों से सव�शे्रष्ठ कैसे काम कैसे कवाया जाए, इस बाे में सोचने की आवश्यकता होगी। स्पM कें R किबंदु औ परिणाम आवश्यक हैं,इस काण अध्यक्ष को मजबूत होने की आवश्यकता है।

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना

गवितविवधि& 6: परिवत�न का अनुश्रवण कनाDiscussionचचा�

यह महत्वपूण� होगा विक प्रदश�न उपाय वास्तविवक हों। परिवत�न दल को पे्ररित बने हने के सिलए कुछ शुरुआती सफलताओं का अनुर्भव कने की आवश्यकता होगी! काय� के आगे बढ़ने प आप अपेक्षाओं में वृजिद्ध क सकते हैं, लेविकन शुरुआती प्रदश�न उपाय एक वास्तविवक स्त प तय विकए जाने चाविहए, वत�मान स्थिस्थवित से कुछ ऊप।

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना

गवितविवधि& 7: विवद्यालय प्रमुख के काय�Discussionचचा�

पे्रक बलों को शसि_शाली बनाने के सिलए, श्री अग्रवाल के दल ने अणिर्भर्भावकों को संलग्न विकया औ अध्यापकों को उनके विनयोजन काय� में मदद देने के सिलए सहयोगी काय� को बढ़ावा द्रिदया। बाधाए ंर्घाटाने के सिलए श्री अग्रवाल ने परिवत�न दल में एक सवा�धिधक प्रवितोधी अध्यापक को शाधिमल विकया। उन्होंने विवद्यार्थिथंयों के दृधिMकोण के बाे में औ जानकाी जुटाई औ समकक्ष समीक्षा एवं स्व-समीक्षा के विक्रयान्वयन में अध्यापकों की मदद की।

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नेतृत्व के परिपे्रक्ष्य: आपके विवद्यालय में बदलाव का काया�न्वयन कना

गवितविवधि& 8: श्री थापा के नेतृत्व कौशल को पहचाननाDiscussionचचा�

श्री थापा सकाात्मक औ आशावादी थ ेऔ उन्होंने आगे का ास्ता देखने में स्टाफ की मदद की। वे व्यावहारिक मुद्दों प अटकने की बजाए RTE की परिकल्पना को औ उसके अर्भीM परिणामों को देखने में स्टाफ की मदद क सके। उनके विवद्यालय में जो हो हा था उसकी जिजम्मेदाी उन्होंने अपने सिस प ली औ विकसी अन्य प दोषाोपण कने की कोसिशश नहीं की। उन्होंने द्रिदखाया विक वे अध्यापकों के सामने मौजूद व्यावहारिक मुद्दों को समझते हैं, प उन्होंने विवद्यालय के मौजूदा अlे काया�भ्यासों को आगे बढ़ाते हुए अध्यापकों को आगे बढ़ने का ास्ता द्रिदखाया। उन्होंने स्टाफ की चिचंताए ंसमझीं औ मुद्दों को ‘मैं एक स्टाफ विवोधी नेता’ के रूप में व्यसि_गत नहीं बनने द्रिदया। उन्होंने विवशे्लषण औ शोध कने की तथा उनके स्टाफ के सिलए आगे बढ़ने का जो सबसे अlा ास्ता है उस प गंर्भीता से चिचंतन कने की योग्यता द्रिदखाई।

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