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विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

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Page 1: विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

सभी विद यावथियो (वभनन रप स सकषम विद यावथियो सवित) को वयवzwjतगत सामविक रप स कायथि करन क अिसर और पोतसािन वदया जाए तावक उनि ndash हिदी भाषा म बातचीत तथा चचाचा करन क

अवसर िो परयोग की जान वाली भाषा की बारीहकयो

पर चचाचा क अवसर िो सहरिय और जागरक बनान वाली

रचनाए समाचार पतर पहतरकाए हिलम और ऑहियो-वीहियो सामगी को दखन सनन पढन हलखन और चचाचा करन क अवसर उपलबध िो

समि म कायचा करन और एक-दसर क काययो पर चचाचा करन राय लन-दन परशन करन की सवततरता िो

हिदी क साथ-साथ अपनी भाषा की सामगी पढन-हलखन की सहवधा (बल साकहतक रप म भी) और उन पर बातचीत की आजादी िो

अपन पररवश समय और समाज स सबहध त रचनाओ को पढन और उन पर चचाचा करन क अवसर िो

हिदी भाषा गढत हए हलखन सबधी गहतहवहधया आयोहजत िो जस ndash शबद खल

हिदी भाषा म सदभचा क अनसार भाषा हवशलषण (वयाकरण वाकय सरचना हवराम हचि न आहद) करन क अवसर िो

कलपनाशीलता और सजनशीलता को हवकहसत करन वाली गहतहवहधयो जस ndash अहभनय (भहमका अहभनय) कहवता पाठ सजनातमक लखन हवहभनन ससथहतयो म सवाद आहद क आयोजन िा और उनकी तयारी स सबहध त हसरिपट लखन और वततात लखन क अवसर िा

साहितय और साहिसतयक तततवो की समझ बढान क अवसर िो

शबदकोश का परयोग करन क हलए परोतसािन एव सलभ पररवश िो

सासककहतक मिततव क अवसरो पर अवसरानकल लोकगीतो का सगि करन उनकी गीतमय परसतहत दन क अवसर िो

विद याथी ndash06LB01 हवहभनन परकार की धवहनयो सामाहजक ससथाओ पररसर एव

सामाहजक घटको क सबध म जानकारी तथा अनभव को परापत करन ित वाचन करत ि तथा साकहतक हचि नो का अपन ढग स परयोग कर उस दहनक जीवन स जोड़कर परसतत करत ि

06LB02 गदय पदय तथा अनय पहठतअपहठत सामगी क आशय का आकलन करत हए तथा गहतहवहधयोघटनाओ पर बहझझक बात करत हए परशन हनहमचाहत कर परशनो क सटीक उततर अपन शबदो म हलखत ि

06LB03 हकसी दखी-सनी रचनाओ घटनाओ परसगो मखय समाचार एव परासहगक कथाओ क परतयक परसग को उहचत रिम दत हए अपन शबदो म परसतत करत ि उनस सबहधत सवादो म रहच लत ि तथा वाचन करत ि

06LB04 सचार माधयमो क कायचारिमो और हवजापनो को रहचपवचाक दखत सनत तथा अपन शबदो म वयकत करत ि

06LB05 परासहगक कथाएहवहभनन अवसरो सदभयो भाषणो बालसभा की चचाचाओ समारोि क वणचानो जानकाररयो आहद को एकागता स समझत हए सनत ि सनात ि तथा अपन ढग स बतात ि

06LB06 हिदीतर हवहवध हवषयो क उपरिमो एव परकलपो पर सिपाहठयो स चचाचा करत हए हवसतत जानकारी दत ि

06LB07 भाषा की बारीहकयोवयवसथाढग पर धयान दत हए साथचाक वाकय बतात ि तथा उहचत लय-ताल आरोि-अवरोि िावभाव क साथ वाचन करत ि

06LB08 अपनी चचाचा म सवर वयजन हवशष वणचा पचमाकषर सयकताकषर स यकत शबदो एव वाकयो का मानक उचारण करत हए तथा गदय एव पदय पररचदो म आए शबदो को उपयकत उतार-चढाव और सिी गहत क साथ पढत हए अपन शबद भिार म वद हध करत ि

06LB09 हिदी भाषा म हवहवध परकार की रचनाओ दशभसकतपरक गीत दोि चटकल आहद रहच लत हए धयानपवचाक सनत ि आनदपवचाक दोिरात तथा पढत ि

06LB10 दहनक लखन भाषण-सभाषण म उपयोग करन ित अब तक पढ हए नए शबदो क परहत हजजासा वयकत करत हए उनक अथचा समझन क हलए शबदकोश का परयोग करत ि तथा नए शबदो का लघशबदकोश हलसखत रप म तयार करत ि

06LB11 सनी पढी सामगी तथा दसरो क दवारा अहभवयकत अनभव स सबहधत उहचत मददो को अधोरखाहकत करत हए उनका सकलन करत हए चचाचा करत ि

06LB12 हवहवध हवषयो की गदय-पदय किानी हनबध घरल पतर स सबहधत सवादो का रहचपवचाक वाचन करत ि तथा उनका आकलन करत हए एकागता स उपयकत हवराम हचि नो का उपयोग करत हए सपाठ य- सिौल अनलखन सलखन शदध लखन करत ि

06LB13 अलग-अलग कलाओ जीवनोपयोगी वसतओ की परदशचानी एव यातरा वणचान समझत हए वाचन करत ि तथा उनको अपन ढग स हलखत ि

अधययन वनषपतततसीखन-वसखान की पवरिया

विदी सगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी ककषा

हिदी

छठी ककषासगमभषारती

मरषा नषाम ह amp

सीकहि करमाक मराशसपरपअहहहशपर २०१5-१६१६७३ हदनाक ६4२०१६

महषारषाषटर रषाजय पषाठ यपसतक नननममिती व अभयषासकरम सशोधन मडळ पण

आपक माटफोन म lsquoDIKSHA Apprsquo द वारा पतक क थम पठ पर QRCode क मायम स िडिजटल पाठ यपतक एव यक पाठ म अतिनिहत QRCode म अययन अयापन क िलए पाठ स सबिधत उपयत क-ाय सामी उपलध कराई जाएगी

परथमावतति २०१६चौथा पनममदरण 2020

महाराषटर राजय पाठ यपसतिक नननममतिी व अभयासकरम सशोधन मडळ पण - 4११००4इस पसतक का सरावाधिकार महाराषटर राजय पाठ यपसतक धिधमवाती र अभयासकरम सशोिि मडळ क

अिीि सरधषित ह इस पसतक का कोई भी भाग महाराषटर राजय पाठ यपसतक धिधमवाती र अभयासकरम सशोिि मडळ क सचालक की धलखित अिमधत क धििा परकाधशत िही धकया जा सकता

copy

डॉहमचदर रद य-अधयषि डॉछाया पाटील-सदसय परामिोद दीि मला-सदसयडॉदयािद धतरारी-सदसयशी सतोष िोत-सदसय डॉसधिल कलकरणी-सदसय शीमती सीमा कािळ-सदसय डॉअलका पोतदार-सदसय-सधचर

नहदी भाषा सनमनतिडॉरषावा पिरटकर सौ रदा कलकरणी शीमती मीिा एस अगरराल शी सिाकर गारड शीमती माया कोथळीकर डॉआशा री धमशा शी रामधहत यादर शी परकाश िोकील शी रामदास काट शीमती भारती शीरासतर शीमती पधरवामा पाडयडॉशला चवहारशीमती शारदा धियािीशी एि आर जरशीमती गीता जोशीशीमती अचवािा भसकटशीमती रतिा चौिरी

नहदी भाषा अभयासगट

परकाशक शी नववक उतिम गोसावी

धियतकपाठ यपसतक धिधमवाती मडळ

परभादरी मिई-२५

सयोजन डॉअलका पोतदार धरशषाधिकारी धहदी भाषा पाठ यपसतक मडळ पर सौ सधया धरिय उपासिी धरषय सहायक धहदी भाषा पाठ यपसतक मडळ पर

मखपषठ लीिा मारकीकर नचताकन राजश लरळकर मयरा डफळ महश धकरडरकर

नननममनति शी सखचितािद आफळ मखय धिधमवाधत अधिकारीशी सदीप आजगारकर धिधमवाधत अधिकारी

अकषराकन भाषा धरभागपाठ यपसतक मडळ परकागज ७० जीएसएम करीमरोरमदरणादश NPB2020-21QTY

मदरक Ms

मखय समनवयकशीमती पराची रधरदर साठ

परसतषाविषा

(डॉ सनिल मगर)सिषालक

मिाराषटर राजय पाठ यपसिक हनहमवािी अभयासकरम सशोिन मडळ पर-०4

पण नदिषाक ः- ९ मई २०१६ अकयततीयषा भषारतीय सौर १९ वशषाख १९३8

बचचो कषा lsquo निःशलक एव अनिवषायमि नशकषानधकषार अनधनियम २००९ और रषाषटरीय पषाठ यकरम परषारप-२००5rsquo को दतषगत रखत हए रषाजय की lsquoपरषाथनमक नशकषा पषाठ यियषामि-२०१२rsquo तयषार की गई इस पषाठ यियषामि पर आधषाररत नहदी द नवतीय भषाषषा (सयकत) lsquoसगमभषारतीrsquo की पषाठ यपसतक मडळ परकषानशत कर रहषा ह छठी ककषा की यह पसतक आपक हषाथचो म सौपत हए हम नवशष आिद हो रहषा ह

नहदीतर नवद यषालयचो म छठी ककषा नहदी नशकषा कषा द नवतीय सोपषाि ह छठी ककषा क नवद यषानथमियचो की सीखि की परनकरयषा सहज-सरल बिषाि क नलए इस बषात कषा धयषाि रखषा गयषा ह नक यह पसतक नितषाकषमिक नितमय कनतपरधषाि और बषालसिही हो परषाथनमक नशकषा क नवनभनन िरणचो म नवद यषाथथी नितित रप स नकि कमतषाओ को परषापत कर यह अधययि-अधयषापि करत समय सपष हषािषा िषानहए इसक नलए परसतत पषाठ यपसतक क परषारभ म नहदी भषाषषा नवषय की अपनकत कमतषाओ कषा पषठ नदयषा गयषा ह इि कमतषाओ कषा अिसरण करत हए पषाठ यपसतक म समषानवष पषाठ यषाशचो की िषानवनयपणमि परसतनत की गई ह

नवद यषानथमियचो की अनभरनि को धयषाि म रखकर नहदी भषाषषा नशकषा मिोरजक एव आिददषायी बिषाि क नलए योगय बषालगीत कनवतषा नितकथषा और रगीि नितचो कषा समषावश नकयषा गयषा ह भषाषषाई दतष स पषाठ यपसतक और अनय नवषयचो क बीि सहसबध सथषानपत करि कषा परयि नकयषा गयषा ह इि घटकचो क अधयषापि क समय नवद यषानथमियचो क नलए अधययि-अिभव क नियोजि म शषालषाबषाह य जगत एव दनिक वयवहषार स जड़ी बषातचो को जोड़ि कषा परयषास नकयषा गयषा ह वयषाकरण को भषाषषा अधययि क रप म नदयषा गयषा ह

पषाठ यपसतक को सहजतषा स कनठि की ओर तथषा जषात स अजषात की ओर अयत सरलतषा पवमिक ल जषाि कषा पणमि परयषास नकयषा गयषा ह नशकक एव अनभभषावकचो क मषागमिदशमिि क नलए सििषाए lsquoदो शबदrsquo तथषा परयक पषठ पर lsquoअधयषापि सकतrsquo क अतगमित दी गई ह यह अपकषा की गई ह नक नशकक तथषा अनभभषावक इि सििषाओ क अिरप नवद यषानथमियचो स कनतयॉ करवषाकर उनह योगय शली म अगरसर होि तथषा नशकषा गरहण करि म सहषायक नसद ध हचोग lsquoदो शबदrsquo तथषा lsquoअधयषापि सकतrsquo की य सििषाऍ अधययि-अधयषापि की परनकयषा म नितित उपयोगी हचोगी

नहदी भषाषषा सनमनत भषाषषा अभयषासगट और नितकषारचो क निषठषापणमि पररशम स यह पसतक तयषार की गई ह पसतक को दोषरनहत एव सतरीय बिषाि क नलए रषाजय क नवनवध भषागचो स आमनतत नशककचो नवशषजचो दषारषा पसतक कषा समीकण करषायषा गयषा ह समीककचो की सििषा और अनभपरषायचो को दतष म रखकर नहदी भषाषषा सनमनत ि पसतक को अनतम रप नदयषा ह lsquoमडळrsquo नहदी भषाषषा सनमनत अभयषासगट समीककचो नितकषारचो क परनत हदय स आभषारी ह आशषा ह नक नवद यषाथथी नशकक अनभभषावक सभी इस पसतक कषा सवषागत करग

अनकरमणिका

कर पाठ का नाम पषठ कर कर पाठ का नाम पषठ कर

मला १

१ सर २३

२ बाली यह धान की 4-६

३ अपनी परकणि ७-९

4 (अ) आओ आय बिाना सीखो १०

(ब) महाराषटर की बटी

5 एक चपािी ११

६ सीख १२-१4

७ मनी रानी १5-१७

सवय अधययन -१ १8

पनरावितन -१ १९

पहली इकाई दसरी इकाई

१ उपयोग हमार २०२१

२ एक णकरन २२-२4

३ सवितरिा २5-२७

4 (अ) कया िम जानि हो २8

(ब) पहणलयॉ

5 जोकर २९-३०

६ उतिम णिका ३१-३३

७ करना ह णनमाति ३4-३६

सवय अधययन -२ ३७

पनरावितन - २ ३8

1

q अधयापन सकत ः विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर परशि पछ उिस मल का पिाथििभि कहलिाए ता वदए गए िाकय का समझाए पररवित फरीिाला सबीिाली आवद वयिसावययो क सख-दख को समझकर उिस बातिीत करि क वलए परररत कर

पहचयानो और बतयाओ ः मलया

सहयातया ककष

दमकल

सरकषया - चौकी

बद-बद पयानी

बचयाओ

कड़या दयान

2

दखो समझो और बतयाओ ः

q वितो म कया-कया वदखाई द रहा ह उिपर ििाथि कर विद यावथियो स अपिी याता का कोई परसग सिाि क वलए कह उिस आिागमि क साधिो का ल ल िाय मागथि क अिसार िगगीकरण कराकर वितो सवहत विसततत ािकारी का सगरह कराऍ

१ सर

बदरगयाह

पयानी म कचरया न डयाल

सिचछ भारत

सिस भारत

अयापकी यातया सखद हो बस सयानक

रयाषटी सपतत हमयारी सपतत

फलयाट कर १ फलयाट कर २ फलयाट कर ३ सवचछतयागह

पीन कया पयानी

3

q विद यावथियो स अािागमि क साधिो का महति कहलिाऍ वदए गए िाकयो को समझाकर उिस इसी परकार क अनय िाकयो कासगरह कराऍ सािथिविक सलो की सिचछता पर उिस ििाथि कर याता म मवहलाओ एि ितद धो की सहायता क वलए परररत कर

अपन सयामयान कया धयान रख

टटकट घर अयारकषण

धमरपयान मनया ह

लयावयाररस वसतओ को हया न लगयाऍ

रल सयानक

पहली इकयाई

अतररयाषटी हवयाई अड डया

हवयाई अड डया

4

सनो और गाओ ः

सवय अधययन

q उचित हाव-भाव लय-ताल क साथ कचवता पाठ कर चवद याचथथियो स वयकतिगत तथा गट म ससवर पाठ कराऍ कचवता म धान की बालीका चकसान की बटी क रप म परतीकातमक वरथिन चकया गया ह खती की आवशयकता बतात हए चकसान क कायथि पर ििाथि कर

4

जनम ७ अपरल १९३३ मतय २६ फरवरी १९९8 रचनाऍ जलता हआ सफर मरी गजल मशाल नीला अबर साथी मरा आचद पररचय आप गजलकार क रप म परचसद ध ह

परसतत कचवता म खती का महतव और चकसान क शरम को अनमोल बताया गया ह

(१) नीच दिए गए दचतरो की सहायता स पाकदतक सिरता िराशान वाला एक दचत बनाकर उसम रग भरो (२) अपन दचत क बार म बोलो

खतो म झम रही बाली यह धान की झमक-झमक िलतीजयो बटी चकसान की

२ बाली यह धान की- डॉहनमत नायड

बदो न पयार चदयाबरखा न पाला ह िदा न रप चदया सरज रखवाला ह छाया ह मडप-सी

नील चवतान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

5

जरा सोचो बताओ

यचद परकचत म सदर - सदर रग नही होत तो

q कदतपशन हत अधयापन सकत - परतयक कचतपरशन को शीरथिक क साथ चदया गया ह चदए गए परतयक कचतपरशन क चलएआवशयक सामगी उपलबध कर कषमताओ और कौशलो क आधार पर इनह चवद याचथथियो स हल करवाऍ आवशयकतानसारचवद याचथथियो का मागथिदशथिन करत हए अनय चशकषको की भी सहायता परापत कर lsquoदो शबदrsquo म दी गई सिनाओ का पालन कर

q पराकचतक आपदाओ (भकप बाढ़ अकाल आचद) स बिाव क उपाय बताऍ और चवद याचथथियो स कहलवाऍ अनय कचवता सनाऍदोहरवाऍ इसम सभी को सहभागी कर परकचत क सतलन एव सवधथिन सबधी जानकारी द परतयक क अपन सहयोग पर ििाथि कर

5

मन समझा

रबि वादिका

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

धान

बाली

बरखा

जीतगीत

जग

भाषा की ओर

चदए गए शबदो क लययति शबद चलखो

पड़ो पर पछी हमड़ो पर शोर ह वशी की तान चलएआती हर भोर ह

सकखयो-सी गाती हचकरर चवहान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

शरम का यह मोती हमहनत की जीत ह फसलो क आिल सझरता यह गीत ह

महनत ही पजी हजग म इनसान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

नए रबिचवतान = चवसतार आकाशमड़ = खत क िारो ओर चमट टी का बनाया हआ घरा वशी = बॉसरीतान = सरभोर = परातकाल आिल = साड़ी का पल

6

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

सदव धयान म रखो

टवचयार मन

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

तयोहार सबधी कोई एक गीत सिो और दोहराओ

कवििर सवमतािदि पत की कविता का मखर िािि करो

पाकसटक माथिकोल आवद परदरण बढ़ाि िाल घटको का उपयोग हाविकारक ह

lsquoशालय सिचछता अवभयािrsquo म तमहारा सहयोग बताओ

सपताह म एक वदि वकसी कविता का सलखि करो

अधन कौरल

ररकत सयानरो की पटतशा करो

खोजबीन

अ आ इ ई उ ऊ ॠ ए ऐ ओ औ अ अ अ ऑ

क ख ग घ ङ ि छ झ ञ ट ठ ड ढ ण ड़ ढ़ त द ध ि प फ ब भ म य र ल ि श र स ह ळ कष त जञ शर

दपशाण म दखकर पढ़ो पहचयानो हम

य िाि य वकसाि य विजञाि

१ बदो ि वदया २ पड़ो पर ह ३ िील की 4 झरता यह ह

बोआई स मडी तक की परवरियाओ क बार म बताओ

कवर क आधविक उपकरणो की ािकारी परापत करा और वलखो

7

नाम हमार दचत पहचानकर उनक नाम दलखो

q कहानी म आए सजा शबदो (पवथित सोनपरी सभी खशी पानी) को शयामपट ट पर चलख सजा क भदो को सरल परयोगो द वारासमझाए उपरोति कचत करवान क पशिात चवद याचथथियो स इस परकार क अनय शबद कहलवाऍ उनस दढ़ीकरर भी कराऍ चवद याचथथिया को परी जसी कालपचनक सकलपना स यथाथथि की ओर ल जाना ह उनह परशनोततर क माधयम स कहानी सनाऍ

सनो और िोहराओ ३ अपनी पकदत

इस कहानी म बचो न अपनी चपरय वसतऍ परकचत को दकर उसक परचत कतजता का भाव परकट चकया ह

एक चदन फड ररक चहतदर मखतार पराजतिा चसद चध शचमथिषा कषरा चबट ट तकपत चिनमय सोनपरी क साथ बगीि म खल रह थ कावया पड़ क नीि बठी इन सबका खल दख रही थी चक अिानक एक पतता ऊपर स आ चगरा कावया न ऊपर दखा हरा-भरा पड़ और उसकी घनी छाया फली थी वह सोिन लगी lsquoपरकचत चकतना कछ दती ह हम भी उस कछ दना िाचहए rsquo

उसन सभी को बलाया और अपन चविार बताए सभी सािन लग-lsquoअर हॉ हम भी कछ दना िाचहए rsquo चिनमय बाला lsquolsquoकयो न बाल चदवस पर हम परकचत को कछ दrsquorsquo सभी न सोनपरी का अपना चविार बताया

सोनपरी को बहत हरथि हआ वह सबको अपन साथ लकर आकाश म उड़ िली उसन कहा lsquolsquoनकी और पछ-पछ lsquoदोसतो तम जो कछ परकचत को दना िाहत हो उसकी कलपना करो म तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo फड ररक और चसद चध न अपन कखलौन आकाश को दन का मन बनाए सोित ही कखलौनो न बादलो का रप चलया और पानी बरसन लगा

कावया और चहतदर न पवथित को चमठाई दन की इचछा वयति की यह इचछा शानदार वकषो म बदल गई शचमथिषा एव कषरा पथवी को अपनी गचड़या दना िाहती थी दखत-दखत उनकी िाह नचदयॉ बनकर पथवी पर बहन लगी

8

भाषा की ओरशबद वाटिका

खोजबीन

नए शबदहरष = आनदकषण = पलअद भत = अनोखामहावरनकी और पछ-पछ = अचछ काम क ललए पछन की अावशयकता नहीभावलवभोर होना = आनलदत होना

लनमनललखखत शबदो क समानारथी शबद कहानी स ढढकर बताओ

8

आकाश लमतर

धरा लिरर

सिध

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

तखति और पाजका न अपनी-अपनी चलियॉ दन का मन बनाया कछ ही कषणो म सारी धरती हरी-भरी हो िई मानो धरती न धानी चनर ओढी हो मखतार और लबट ट न अपनी रि पटी दनी चाही और कछ ही कषणो म सारा आसमान लटमलटमात तारो स भर िया सारी पकलत दलहन की तरह सज िई री लजस-लजस न जो चाहा सोनपरी न वह सब लकया

अब पकलत म पछी मधर सवर म िान लि कलकल झरनो न वातावरण म सिीत भर लदया मद

रपयो (नोट) पर ललखी कीमत लकतनी और लकन भाराओ म अलकत ह बताओ

पवन बहन लिा फलो न हवा म मीठी खशब भर दी बच खशी स नाचन लि और परी को धनयवाद दन लि लक परी न सचमच पकलत को अद भत बना लदया तभी पाजका क लसर पर एक पका आम आ टपका

एकाएक पाजका की नीद खल िई उसन खखिकी स बाहर झॉका तो पाया लक पकलत ठीक वसी ही लदख रही ह जसी उसन अभी-अभी सपन म दखी री वह भावलवभोर हो िई

9

साइचकल िलाओ पयाथिवरर बिाओ

दवचार मथन

१ lsquolsquoपरकचत चकतना कछ दती ह rsquorsquo २ lsquolsquoम तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo३ lsquolsquoबाल चदवस पर हम परकचत को कछ द rsquorsquo 4 lsquolsquoनकी और पछ-पछ rsquorsquo

दकसन दकसस कहा ह बताओ

सवय अधययनचदए गए चितो क आधार पर उचित और आकरथिक चवजापन तयार करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

काटथिन कथा सनकर उस हाव-भाव सचहत सनाओ

महादवी वमाथि क रखाचित पढ़कर उसक पातो क नाम चलखो

बड़ होकर कया बनना िाहत हो

इस कहानी क चकसी एक अनचछद का अनलखन करो

सिव धयान म रखोपरकचत स हम दन की सीख चमलती ह

चकसी पररचित अनय कहानी लखन क चलए मद द तयार करो

अधययन कौरल

जरा सोचो बताओयचद तमह परी चमल जाए तो

10

q विदzwnjयावथियोzwnjकीzwnjजोवियॉzwnjबनाकरzwnjआयzwnjबतानzwnjकाzwnjखलzwnjखलिाऍzwnjऔरzwnjउनहzwnjमजदारzwnjपहवलयॉzwnjबझनzwnjकzwnjवलएzwnjदzwnjzwnjउनहzwnjइसीzwnjपरकारzwnjकzwnjअनयzwnjविषयोzwnjकzwnjभीzwnjखलzwnjखलनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjउनसzwnjपहवलयोzwnjऔरzwnjखलोzwnjकाzwnjवितोzwnjसवहतzwnjवलखखतzwnjसगरहzwnjकरिाऍzwnjअौरzwnjखलिाऍzwnj

4(अ) आओ आय बताना सीखो

(१)zwnjअपनzwnjवमतzwnjकोzwnjउसकीzwnjितथिमानzwnjआयzwnjमzwnjअगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआयzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(२)zwnjzwnjउसzwnjइसzwnjयोगफलzwnjकोzwnj5zwnjसzwnjगणाzwnjकरनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(३)zwnjपरापतzwnjगणनफलzwnjमzwnjउसzwnjअपनzwnjजनमिषथिzwnjकाzwnjइकाईzwnjअकzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjकहzwnjzwnj(4)zwnjपरापतzwnjयोगफलzwnjमzwnjसzwnj5zwnjघटाzwnjदzwnjzwnj(5)zwnjघटानzwnjकzwnjबादzwnjजोzwnjसखयाzwnjपरापतzwnjहोगीzwnjउसकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसzwnjसतzwnjकोzwnjउदाहरणzwnjसzwnjसमझतzwnjहzwnj

zwnj मानzwnjलोzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnj१०zwnjिषथिzwnjऔरzwnjजनमzwnjिषथिzwnj२००4zwnjहzwnjतो-(१)zwnj१०zwnj(ितथिमानzwnjआय)zwnj+zwnj११zwnj(अगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआय)zwnj=zwnj२१zwnj (२)zwnj२१Icirczwnj5zwnj=zwnj१०5(३)zwnj१०5zwnj+zwnj4zwnj=zwnj१०९zwnj zwnj zwnj zwnj zwnj (4)zwnj१०९zwnj-zwnj5zwnj=zwnj१०4

१०4zwnjकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjअाथितzwnj१०zwnjिषथिzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसीzwnjआधारzwnjपरzwnjअपनzwnjपररजनोzwnjपररवितोzwnjअनयzwnjवमतोzwnjकोzwnjउनकीzwnjआयzwnjबताकरzwnjआशियथिzwnjिवकतzwnjकरzwnjसकतzwnjहोzwnjzwnjपरतयकषzwnjकरकzwnjदखोzwnj

qविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjदोनोzwnjवितोzwnjकाzwnjदखकरzwnjउनमzwnjअतरzwnjढढ़करzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjभारतzwnjकzwnjविवभननzwnjराजयोzwnjकzwnjखानपानzwnjपहनािाzwnjआभषणzwnjजसzwnjअनयzwnjविषयोzwnjपरzwnjििाथिzwnjकराऍzwnjzwnjउनमzwnjसमानताzwnjऔरzwnjविविधताzwnjबतातzwnjहएzwnjलागोzwnjकzwnjआपसीzwnjसबधोzwnjकोzwnjसपषटzwnjकरzwnj

(ब) महाराषटर की बटी

आकलन

अतर बताओ

11

q चवद याचथथियो स एकल एव सामचहक कचवता पाठ कराऍ परशनोततर क माधयम स चबली और िपाती क बीि हए सवादो को सपषटकर उनह बाल-जगत स सबचधत अनय चकसी कलपना क परचत बाल मनोभाव वयति करक परसतत करन क चलए परोतसाचहत कर

गाओ आर समझो ः

जनम २ जन १९4६ टीकमगढ़(मधयपरदश) रचनाऍ चहदी क नए बालगीत उड़न खटोल एक िपाती और अनय बालकचवताऍ आचद पररचय आप १९६5 स परमख राषटटीय दचनको म लखन कर रह ह

इस कचवता म िपाती और चबली क बीि घटी मजदार घटना को हासय रप म वयति चकया ह

5 एक चपाती

ताती-ताती एक िपातीचदखी तव पर पट फलातीचबली मौसी बोली-lsquolsquoमयॉऊ भख लगी म तझको खाऊ rsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-lsquolsquoमौसी पहल मकखन ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoदख िपाती की ठनगन चबली ल आई मकखन गराथिकर चफर बोली-lsquolsquoमयाऊ अब तो म तझको खा जाऊrsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-

lsquolsquoहॉ हॉ पहल गड़ तो ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoचबली िल दी गड़ लान लगी लौटकर झझलान lsquolsquoमयाऊ मयाऊ मयाऊ अब म खाऊ अब म खाऊrsquorsquoमन ही मन म गढ़ी िपाती सोिा-lsquoअब तो मरी िपाती rsquoचिढ़कर बोली-lsquoखा नकटी rsquoचबली गसस म झपटी कमर म आत ही मॉ क चबली भागी दम दबा क आख खोल िपाती मसकाई मॉ न उसकी जान बिाई

-रमश तलग

12

सनो और समझो ः

नाम तमार

q सवाद म आए सववनाम शबदो (म वह कछ जसा-वसा अपन-अाप) को शामपट ट पर लिख इनक भदो को पराग द वारासमझाऍ और अन शबद कहिाऍ लवद ालवो स कलि करवान क पशाि उनका वाको म परोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ लवद ाल व ो स सवाद पढ़वाऍ और परशन बनाकर एक-दसर स पछन क लिए कह उनस अधलवशवास पर ाव कराऍ

६ सीखइस सवाद म बिाा गा ह लक अधलवशवास स दर रहना ालहए

[मोहन बीमारी क कारण रो रहा ह मॉ उस समझा रही ह ]मॉ रोओ मि बट ठीक हो जाओग िो मतरवािा पानी बाबा जी न लदा ह मोन इसस का होगा मॉ मॉ इसस िमहारी बीमारी छमिर हो जाएगी म वसा ही कर रही ह जसा कहा गा ह

[मोहन क लमतर एव सहलिो का आगमन]सोम मोहन अब कसी ह िबीि मोन अर का बिाऊ िकिीफ िो बढ़ ही रही ह शिला असपिाि नही गए दवाई िो िनी ी मॉ नही उसकी जररि भी नही इस लकसी की नजर िग गई ह बाबा जी न मतरवािा

पानी लदा ह वह दो-एक लदन म अपन-आप ठीक हो जाएगा

----------

-----

-----

--------

-----

--------

शितर दखकर उशित सरवनाम म शिखो (त म र य कया जसा-रसा अन-आ)

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रबि वादिका

जरा सोचो बताओ

नए रबितकलीफ = ददथि पीड़ािौकना = अाशियथििचकत होना उफनना = उबलनामहावरतरस आना = दया आनाआख खलना = सही बात समझ म आना दध का दध और पानी का पानी करना = नयाय करना

यचद रात और चदन न होत तो

सतीदलग पललगएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- चबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- नाग----- मनाऍ ----- -----

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो क चलग और विन बदलकर चलखो

सभी दमत मोहन तबीयत की तरफ धयान दो हम चनकलत ह (बच जस ही बाहर चनकल उसी समय एक चबली न उनका रासता काटा )

सषमा लो अब तो हम लोगो का काम नही होगा महर मझ भी ऐसा ही लगता ह चबली न रासता काटा ह सोहन अर दखो तो सामन स गर जी आ रह ह गर जी भी मोहन क घर जा रह होग सषमा गर जी अभी हम सब आपक घर ही आन वाल थ पर चबली न रासता काट चदया दरलपा गर जी दध का दध और पानी का पानी करग महर हमन दखा मोहन की मॉ बीमार मोहन को कोई मत फका हआ पानी चपला रही थी गर जी कयो भला तम सब दखत रह सोहम हम सब कया करत उनका आदर जो करना था गर जी दखो चबली का रासता काटना दहली पर छीकना आचद सब अधचवशवास ह सषमा पर सभी लाग तो मानत ह गर जी बीमारी होन क अनक कारर होत ह दवा ही उसका एकमात उपाय ह िलो हम चमलकर

मोहन की मॉ को समझात ह चजसस उनकी आख खल जाएगी सभी चमलकर एक साथ बोलत ह lsquolsquoअधचवशवास स दर रहो सतय की पहिान करो rsquorsquo

14

टवचार मथन

सदव धयान म रखोसवय अधययनमहानzwnjविभवतयोzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjवकसीzwnjएकzwnjकzwnjकायथिzwnjपरzwnjपािzwnjिाकयzwnjवलखोzwnjzwnj

१zwnjबाबाzwnjजीzwnjनzwnjमॉzwnjकोzwnjकयाzwnjवदयाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj२zwnjमोहनzwnjकोzwnjदखनzwnjकौन-कौनzwnjआएzwnj३zwnjबचोzwnjकाzwnjरासताzwnjवकसनzwnjकाटाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj4zwnjगरzwnjजीzwnjनzwnjबचोzwnjकोzwnjकयाzwnjसमझायाzwnj

एक वाकय म उततर टलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

िटकलzwnjपहवलयॉzwnjसनोzwnjऔरzwnjवकसीzwnjकायथिकरमzwnjमzwnjzwnjसनाओzwnj

वहतोपदशzwnjकीzwnjकोईzwnjएकzwnjकहानीzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjउससzwnjसबवधतवितzwnjबनाओzwnj

अपनzwnjदzwnjिाराzwnjवकएzwnjगएzwnjवकसीzwnjअचछzwnjकायथिzwnjकाzwnjअनभिzwnjबताओzwnj

वहिकीzwnjआनzwnjजसीzwnjवकरयाओzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjउनकzwnjकारणzwnjवलखोzwnjzwnjzwnj

वबनाzwnjसोिzwnjसमझzwnjवकसीzwnjबातzwnjपरzwnjविशिासzwnjनाzwnjकरzwnj

नएzwnjशबदोzwnjकोzwnjशबदकोशzwnjमzwnjसzwnjढढ़करzwnjिणथिकरमानसारzwnjवलखाzwnjzwnj

अधययन कौशल zwnjविजानzwnjकाzwnjफलाओगzwnjपरकाशzwnjतोzwnjहोगाzwnjअधविशिासzwnjकाzwnjनाशzwnj

अधविशिासzwnjकzwnjकारणzwnjऔरzwnjउसzwnjदरzwnjकरनzwnjकzwnjउपायzwnjढढ़ोzwnjताzwnjवकसीzwnjएकzwnjपरसगzwnjकोzwnjपरसततzwnjकरोzwnjzwnj

खोजबीन

समझो हम

अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद

१ ल कलम ७ -

२ - 8 क

३ सा ९ ला

4 म १० य

5 टी ११ वश

६ क १२ ग

टचत की सहायता स बारहखडी क शबद बनाकर टलखो

१4

15१5

q चवद याचथथियो स लोरी गवाऍ और उसका अथथि तथा सदभथि समझाऍ उसपर ििाथि कर माता-चपता जी का महतव पछ उनह अपनदादी जी नानी जी क गरो को उजागर करन वाली कोई घटना बतान क चलए कह अनय लोरी सनाए और गवाऍ

जनम १७ जन १९६२ रचनाऍ लचतका गजार सवर-वयजन शबदो क पास आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म लोरी क माधयम स मॉ का बच क परचत वातसलय भाव परकट चकया गया ह

सनो पढ़ो और गाओ ः

यदि सच म हमार मामा का घर चॉि पर होता तोजरा सोचो बताओ

7 मनी रानी-अशोक चसह सोलकी

सा जा सो जा मनी रानी बात मान ल मरी दध-मलाई तम को दगीमधर सनाऊगी लोरी

रात सहानी आएगी जबिदा आ मसकाएगा शीतल िमकीली चकररो सतब वह तमह ररझाएगा

16

सव अधनरबद वयाटटकयानए रबदशीतल = ठडा ररझािा = मि मोहिावि = सिय

अपि पररिार क वपरय वयकति क वलए िार कावय पकतिया वलखो

मरयाठी अशा समोचयाररत रबद टहदी अशा

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीनविवभनन कषतो की अवधक-स-अवधक दस lsquoपरम भारतीय मवहलाओrsquo की सवित ािकारी कापी म विपकाओ

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भयाषया की ओरवहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अथि वभननता बताओ और वलखो

ब त मॉगगी उसको हील म उस वदखाऊगी िदा मामा आए मननीकह तमको बहलाऊगी

िदा मामा आकर तमको दग अपिा सारा पयार औ म भी वि परम हदय का दगी विशिय तम पर िार पलक बद कर सो ा लदीपयारी मननी रािी

17

जोडो हम पड क पततो पर टदए गए वरणो स सयकाकषरयक शबद बनाओ (आध हाकर पाई हटाकर हल लगाकर lsquoरrsquo क परकार )(कzwnjफzwnjगzwnjतzwnjzwnjघzwnjषzwnjिzwnjदzwnjमzwnjहzwnjठzwnjडzwnjटzwnjप)

जानवरो की डॉकटर

टगद ध

मगाण

डटरम

लकडबगाटट ट

इदरधनष

कतता

गzwnjत

िद ट

ह ठ

डट

मप

फटमगो

कटवता की पलकयॉ परी करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

नीवतपरकzwnjदोहzwnjसनोzwnjऔरzwnjआनदपिथिकzwnjसनाओzwnjzwnjzwnj

सभदाकमारीzwnjिौहानzwnjकीzwnjकविताzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjसमहzwnjमzwnjगाओzwnj

zwnjzwnjमॉzwnjकोzwnjएकzwnjवदनzwnjकीzwnjछटzwnjटीzwnjदीzwnjजाएzwnjतोzwnjकयाzwnjहोगाzwnj

वनधाथिररतzwnjविषयzwnjपरzwnjभाषणzwnjतयारzwnjकरोzwnjzwnj

सदव धयान म रखोजीिनzwnjमzwnjमाता-वपताzwnjकाzwnjसानzwnjअनमोलzwnjहzwnjzwnj

अपनzwnjपररिारzwnjकाzwnjिशzwnjिकषzwnjतयारzwnjकरोzwnjऔरzwnjररशत-नातोzwnjकzwnjनामzwnjवलखोzwnj

अधययन कौशल

zwnjजननी-जनमभवमशिzwnjसिगाथिदवपzwnjगरीयसीzwnj

टवचार मथन

१zwnjरातzwnjसहानीzwnjzwnjzwnjररझाएगाzwnj

२zwnjिदाzwnjमामाzwnjzwnjzwnjमननीzwnjरानीzwnj

18

सव अधन-१

एक स सौ तक की उलटी वगिती सिो पढ़ो और कापी म वलखो

बीसउनीसअठयारहसतहसोलहपदरहचौदहतरहबयारहगयारह

दसनौआठसयातछहपयाचचयारतीनदोएक

चयालीस

उनतयालीस

अड़तीस

सतीस

छतीस

पतीस

चौतीस

ततीस

बतीस

इकतीस

पचयास

उनचयास

अड़तयालीस

सतयालीस

टछयालीस

पतयालीस

चवयालीस

ततयालीस

बयालीस

इकतयालीस

सयाठउनसठअट ठयावनसतयावनछपपनपचपनचौवनटतरपनबयावनइकयावन

सतरउनहतरअड़सठसड़सठटछयासठपसठचौसठटतरसठबयासठइकसठ

अससीउनयासीअठहतरसतहतरटछहतरपचहतरचौहतरटतहतरबहतरइकहतर

नबबनवयासीअठयासीसतयासीटछयासीपचयासीचौरयासीटतरयासीबयासीइकयासी

सौ

टननयानव

अठयानव

सतयानव

टछयानव

पचयानव

चौरयानव

टतरयानव

बयानव

इकयानव

तीस

उनतीस

अट ठयाईस

सतयाईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

तईसबयाईस

इकीस

१8

19

माता-टपता सअपन बार म

सनो

टपछल वषण टकए अपन टवशष कायण

बताओ

बाल सभा म परटतटदन बोध कथा का वाचन करो

वषण भर क खल- समाचारो का सटचत सकलन परसतत करो

कटतउपकरम

न र स ल ड त विक

१ वरणमाला सनाअो और टवशष वरणो क उचारर पर धयान दो

२ टवद यालय क सनह सममलन का वरणन करो

३ पसदीदा टवषय पर टवजापन बनाकर उसको पढ़ो

4 फल-फलो क दस-दस नाम टलखो

5 अकषर समह म स लखलाटडयो क नाम बताओ और टलखो

धया

ि

री

शा

लखा

ि

का

ना

वस

सा

जा

वम

बा खा

ल िा न

वन वम सा जाथि या

पनरावतणन - १ फलो क नाम फलो क नाम

zwnj१ zwnj१zwnj२ zwnj२zwnj३ zwnj३zwnj4 4zwnj5 5zwnj६ zwnj६zwnj७ zwnj७zwnj8 8zwnj९ zwnj९१० १०

20

दखो समझो आर चचयाशा करो ः

q विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर उिको परशि पछि क वलए कह बड़ो की सहायता स उनह डाकघर म ाकर वटकट खरीदिता बक म बाल-बित खाता खलिाि और पररवित डावकए बक कमथििारी िसथि हिलदार स बातिीत करि की सििा द

१ उपोग हमयार

मनीआडशार

बचत खयातया

रटजसटटीटटकट

हम आपकी आवशकतया समझत ह

डयाकघर

कड़या दयान

बचत आपकी

पगटत दर की

सचनया

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

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22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

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१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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Page 2: विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

हिदी

छठी ककषासगमभषारती

मरषा नषाम ह amp

सीकहि करमाक मराशसपरपअहहहशपर २०१5-१६१६७३ हदनाक ६4२०१६

महषारषाषटर रषाजय पषाठ यपसतक नननममिती व अभयषासकरम सशोधन मडळ पण

आपक माटफोन म lsquoDIKSHA Apprsquo द वारा पतक क थम पठ पर QRCode क मायम स िडिजटल पाठ यपतक एव यक पाठ म अतिनिहत QRCode म अययन अयापन क िलए पाठ स सबिधत उपयत क-ाय सामी उपलध कराई जाएगी

परथमावतति २०१६चौथा पनममदरण 2020

महाराषटर राजय पाठ यपसतिक नननममतिी व अभयासकरम सशोधन मडळ पण - 4११००4इस पसतक का सरावाधिकार महाराषटर राजय पाठ यपसतक धिधमवाती र अभयासकरम सशोिि मडळ क

अिीि सरधषित ह इस पसतक का कोई भी भाग महाराषटर राजय पाठ यपसतक धिधमवाती र अभयासकरम सशोिि मडळ क सचालक की धलखित अिमधत क धििा परकाधशत िही धकया जा सकता

copy

डॉहमचदर रद य-अधयषि डॉछाया पाटील-सदसय परामिोद दीि मला-सदसयडॉदयािद धतरारी-सदसयशी सतोष िोत-सदसय डॉसधिल कलकरणी-सदसय शीमती सीमा कािळ-सदसय डॉअलका पोतदार-सदसय-सधचर

नहदी भाषा सनमनतिडॉरषावा पिरटकर सौ रदा कलकरणी शीमती मीिा एस अगरराल शी सिाकर गारड शीमती माया कोथळीकर डॉआशा री धमशा शी रामधहत यादर शी परकाश िोकील शी रामदास काट शीमती भारती शीरासतर शीमती पधरवामा पाडयडॉशला चवहारशीमती शारदा धियािीशी एि आर जरशीमती गीता जोशीशीमती अचवािा भसकटशीमती रतिा चौिरी

नहदी भाषा अभयासगट

परकाशक शी नववक उतिम गोसावी

धियतकपाठ यपसतक धिधमवाती मडळ

परभादरी मिई-२५

सयोजन डॉअलका पोतदार धरशषाधिकारी धहदी भाषा पाठ यपसतक मडळ पर सौ सधया धरिय उपासिी धरषय सहायक धहदी भाषा पाठ यपसतक मडळ पर

मखपषठ लीिा मारकीकर नचताकन राजश लरळकर मयरा डफळ महश धकरडरकर

नननममनति शी सखचितािद आफळ मखय धिधमवाधत अधिकारीशी सदीप आजगारकर धिधमवाधत अधिकारी

अकषराकन भाषा धरभागपाठ यपसतक मडळ परकागज ७० जीएसएम करीमरोरमदरणादश NPB2020-21QTY

मदरक Ms

मखय समनवयकशीमती पराची रधरदर साठ

परसतषाविषा

(डॉ सनिल मगर)सिषालक

मिाराषटर राजय पाठ यपसिक हनहमवािी अभयासकरम सशोिन मडळ पर-०4

पण नदिषाक ः- ९ मई २०१६ अकयततीयषा भषारतीय सौर १९ वशषाख १९३8

बचचो कषा lsquo निःशलक एव अनिवषायमि नशकषानधकषार अनधनियम २००९ और रषाषटरीय पषाठ यकरम परषारप-२००5rsquo को दतषगत रखत हए रषाजय की lsquoपरषाथनमक नशकषा पषाठ यियषामि-२०१२rsquo तयषार की गई इस पषाठ यियषामि पर आधषाररत नहदी द नवतीय भषाषषा (सयकत) lsquoसगमभषारतीrsquo की पषाठ यपसतक मडळ परकषानशत कर रहषा ह छठी ककषा की यह पसतक आपक हषाथचो म सौपत हए हम नवशष आिद हो रहषा ह

नहदीतर नवद यषालयचो म छठी ककषा नहदी नशकषा कषा द नवतीय सोपषाि ह छठी ककषा क नवद यषानथमियचो की सीखि की परनकरयषा सहज-सरल बिषाि क नलए इस बषात कषा धयषाि रखषा गयषा ह नक यह पसतक नितषाकषमिक नितमय कनतपरधषाि और बषालसिही हो परषाथनमक नशकषा क नवनभनन िरणचो म नवद यषाथथी नितित रप स नकि कमतषाओ को परषापत कर यह अधययि-अधयषापि करत समय सपष हषािषा िषानहए इसक नलए परसतत पषाठ यपसतक क परषारभ म नहदी भषाषषा नवषय की अपनकत कमतषाओ कषा पषठ नदयषा गयषा ह इि कमतषाओ कषा अिसरण करत हए पषाठ यपसतक म समषानवष पषाठ यषाशचो की िषानवनयपणमि परसतनत की गई ह

नवद यषानथमियचो की अनभरनि को धयषाि म रखकर नहदी भषाषषा नशकषा मिोरजक एव आिददषायी बिषाि क नलए योगय बषालगीत कनवतषा नितकथषा और रगीि नितचो कषा समषावश नकयषा गयषा ह भषाषषाई दतष स पषाठ यपसतक और अनय नवषयचो क बीि सहसबध सथषानपत करि कषा परयि नकयषा गयषा ह इि घटकचो क अधयषापि क समय नवद यषानथमियचो क नलए अधययि-अिभव क नियोजि म शषालषाबषाह य जगत एव दनिक वयवहषार स जड़ी बषातचो को जोड़ि कषा परयषास नकयषा गयषा ह वयषाकरण को भषाषषा अधययि क रप म नदयषा गयषा ह

पषाठ यपसतक को सहजतषा स कनठि की ओर तथषा जषात स अजषात की ओर अयत सरलतषा पवमिक ल जषाि कषा पणमि परयषास नकयषा गयषा ह नशकक एव अनभभषावकचो क मषागमिदशमिि क नलए सििषाए lsquoदो शबदrsquo तथषा परयक पषठ पर lsquoअधयषापि सकतrsquo क अतगमित दी गई ह यह अपकषा की गई ह नक नशकक तथषा अनभभषावक इि सििषाओ क अिरप नवद यषानथमियचो स कनतयॉ करवषाकर उनह योगय शली म अगरसर होि तथषा नशकषा गरहण करि म सहषायक नसद ध हचोग lsquoदो शबदrsquo तथषा lsquoअधयषापि सकतrsquo की य सििषाऍ अधययि-अधयषापि की परनकयषा म नितित उपयोगी हचोगी

नहदी भषाषषा सनमनत भषाषषा अभयषासगट और नितकषारचो क निषठषापणमि पररशम स यह पसतक तयषार की गई ह पसतक को दोषरनहत एव सतरीय बिषाि क नलए रषाजय क नवनवध भषागचो स आमनतत नशककचो नवशषजचो दषारषा पसतक कषा समीकण करषायषा गयषा ह समीककचो की सििषा और अनभपरषायचो को दतष म रखकर नहदी भषाषषा सनमनत ि पसतक को अनतम रप नदयषा ह lsquoमडळrsquo नहदी भषाषषा सनमनत अभयषासगट समीककचो नितकषारचो क परनत हदय स आभषारी ह आशषा ह नक नवद यषाथथी नशकक अनभभषावक सभी इस पसतक कषा सवषागत करग

अनकरमणिका

कर पाठ का नाम पषठ कर कर पाठ का नाम पषठ कर

मला १

१ सर २३

२ बाली यह धान की 4-६

३ अपनी परकणि ७-९

4 (अ) आओ आय बिाना सीखो १०

(ब) महाराषटर की बटी

5 एक चपािी ११

६ सीख १२-१4

७ मनी रानी १5-१७

सवय अधययन -१ १8

पनरावितन -१ १९

पहली इकाई दसरी इकाई

१ उपयोग हमार २०२१

२ एक णकरन २२-२4

३ सवितरिा २5-२७

4 (अ) कया िम जानि हो २8

(ब) पहणलयॉ

5 जोकर २९-३०

६ उतिम णिका ३१-३३

७ करना ह णनमाति ३4-३६

सवय अधययन -२ ३७

पनरावितन - २ ३8

1

q अधयापन सकत ः विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर परशि पछ उिस मल का पिाथििभि कहलिाए ता वदए गए िाकय का समझाए पररवित फरीिाला सबीिाली आवद वयिसावययो क सख-दख को समझकर उिस बातिीत करि क वलए परररत कर

पहचयानो और बतयाओ ः मलया

सहयातया ककष

दमकल

सरकषया - चौकी

बद-बद पयानी

बचयाओ

कड़या दयान

2

दखो समझो और बतयाओ ः

q वितो म कया-कया वदखाई द रहा ह उिपर ििाथि कर विद यावथियो स अपिी याता का कोई परसग सिाि क वलए कह उिस आिागमि क साधिो का ल ल िाय मागथि क अिसार िगगीकरण कराकर वितो सवहत विसततत ािकारी का सगरह कराऍ

१ सर

बदरगयाह

पयानी म कचरया न डयाल

सिचछ भारत

सिस भारत

अयापकी यातया सखद हो बस सयानक

रयाषटी सपतत हमयारी सपतत

फलयाट कर १ फलयाट कर २ फलयाट कर ३ सवचछतयागह

पीन कया पयानी

3

q विद यावथियो स अािागमि क साधिो का महति कहलिाऍ वदए गए िाकयो को समझाकर उिस इसी परकार क अनय िाकयो कासगरह कराऍ सािथिविक सलो की सिचछता पर उिस ििाथि कर याता म मवहलाओ एि ितद धो की सहायता क वलए परररत कर

अपन सयामयान कया धयान रख

टटकट घर अयारकषण

धमरपयान मनया ह

लयावयाररस वसतओ को हया न लगयाऍ

रल सयानक

पहली इकयाई

अतररयाषटी हवयाई अड डया

हवयाई अड डया

4

सनो और गाओ ः

सवय अधययन

q उचित हाव-भाव लय-ताल क साथ कचवता पाठ कर चवद याचथथियो स वयकतिगत तथा गट म ससवर पाठ कराऍ कचवता म धान की बालीका चकसान की बटी क रप म परतीकातमक वरथिन चकया गया ह खती की आवशयकता बतात हए चकसान क कायथि पर ििाथि कर

4

जनम ७ अपरल १९३३ मतय २६ फरवरी १९९8 रचनाऍ जलता हआ सफर मरी गजल मशाल नीला अबर साथी मरा आचद पररचय आप गजलकार क रप म परचसद ध ह

परसतत कचवता म खती का महतव और चकसान क शरम को अनमोल बताया गया ह

(१) नीच दिए गए दचतरो की सहायता स पाकदतक सिरता िराशान वाला एक दचत बनाकर उसम रग भरो (२) अपन दचत क बार म बोलो

खतो म झम रही बाली यह धान की झमक-झमक िलतीजयो बटी चकसान की

२ बाली यह धान की- डॉहनमत नायड

बदो न पयार चदयाबरखा न पाला ह िदा न रप चदया सरज रखवाला ह छाया ह मडप-सी

नील चवतान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

5

जरा सोचो बताओ

यचद परकचत म सदर - सदर रग नही होत तो

q कदतपशन हत अधयापन सकत - परतयक कचतपरशन को शीरथिक क साथ चदया गया ह चदए गए परतयक कचतपरशन क चलएआवशयक सामगी उपलबध कर कषमताओ और कौशलो क आधार पर इनह चवद याचथथियो स हल करवाऍ आवशयकतानसारचवद याचथथियो का मागथिदशथिन करत हए अनय चशकषको की भी सहायता परापत कर lsquoदो शबदrsquo म दी गई सिनाओ का पालन कर

q पराकचतक आपदाओ (भकप बाढ़ अकाल आचद) स बिाव क उपाय बताऍ और चवद याचथथियो स कहलवाऍ अनय कचवता सनाऍदोहरवाऍ इसम सभी को सहभागी कर परकचत क सतलन एव सवधथिन सबधी जानकारी द परतयक क अपन सहयोग पर ििाथि कर

5

मन समझा

रबि वादिका

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

धान

बाली

बरखा

जीतगीत

जग

भाषा की ओर

चदए गए शबदो क लययति शबद चलखो

पड़ो पर पछी हमड़ो पर शोर ह वशी की तान चलएआती हर भोर ह

सकखयो-सी गाती हचकरर चवहान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

शरम का यह मोती हमहनत की जीत ह फसलो क आिल सझरता यह गीत ह

महनत ही पजी हजग म इनसान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

नए रबिचवतान = चवसतार आकाशमड़ = खत क िारो ओर चमट टी का बनाया हआ घरा वशी = बॉसरीतान = सरभोर = परातकाल आिल = साड़ी का पल

6

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

सदव धयान म रखो

टवचयार मन

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

तयोहार सबधी कोई एक गीत सिो और दोहराओ

कवििर सवमतािदि पत की कविता का मखर िािि करो

पाकसटक माथिकोल आवद परदरण बढ़ाि िाल घटको का उपयोग हाविकारक ह

lsquoशालय सिचछता अवभयािrsquo म तमहारा सहयोग बताओ

सपताह म एक वदि वकसी कविता का सलखि करो

अधन कौरल

ररकत सयानरो की पटतशा करो

खोजबीन

अ आ इ ई उ ऊ ॠ ए ऐ ओ औ अ अ अ ऑ

क ख ग घ ङ ि छ झ ञ ट ठ ड ढ ण ड़ ढ़ त द ध ि प फ ब भ म य र ल ि श र स ह ळ कष त जञ शर

दपशाण म दखकर पढ़ो पहचयानो हम

य िाि य वकसाि य विजञाि

१ बदो ि वदया २ पड़ो पर ह ३ िील की 4 झरता यह ह

बोआई स मडी तक की परवरियाओ क बार म बताओ

कवर क आधविक उपकरणो की ािकारी परापत करा और वलखो

7

नाम हमार दचत पहचानकर उनक नाम दलखो

q कहानी म आए सजा शबदो (पवथित सोनपरी सभी खशी पानी) को शयामपट ट पर चलख सजा क भदो को सरल परयोगो द वारासमझाए उपरोति कचत करवान क पशिात चवद याचथथियो स इस परकार क अनय शबद कहलवाऍ उनस दढ़ीकरर भी कराऍ चवद याचथथिया को परी जसी कालपचनक सकलपना स यथाथथि की ओर ल जाना ह उनह परशनोततर क माधयम स कहानी सनाऍ

सनो और िोहराओ ३ अपनी पकदत

इस कहानी म बचो न अपनी चपरय वसतऍ परकचत को दकर उसक परचत कतजता का भाव परकट चकया ह

एक चदन फड ररक चहतदर मखतार पराजतिा चसद चध शचमथिषा कषरा चबट ट तकपत चिनमय सोनपरी क साथ बगीि म खल रह थ कावया पड़ क नीि बठी इन सबका खल दख रही थी चक अिानक एक पतता ऊपर स आ चगरा कावया न ऊपर दखा हरा-भरा पड़ और उसकी घनी छाया फली थी वह सोिन लगी lsquoपरकचत चकतना कछ दती ह हम भी उस कछ दना िाचहए rsquo

उसन सभी को बलाया और अपन चविार बताए सभी सािन लग-lsquoअर हॉ हम भी कछ दना िाचहए rsquo चिनमय बाला lsquolsquoकयो न बाल चदवस पर हम परकचत को कछ दrsquorsquo सभी न सोनपरी का अपना चविार बताया

सोनपरी को बहत हरथि हआ वह सबको अपन साथ लकर आकाश म उड़ िली उसन कहा lsquolsquoनकी और पछ-पछ lsquoदोसतो तम जो कछ परकचत को दना िाहत हो उसकी कलपना करो म तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo फड ररक और चसद चध न अपन कखलौन आकाश को दन का मन बनाए सोित ही कखलौनो न बादलो का रप चलया और पानी बरसन लगा

कावया और चहतदर न पवथित को चमठाई दन की इचछा वयति की यह इचछा शानदार वकषो म बदल गई शचमथिषा एव कषरा पथवी को अपनी गचड़या दना िाहती थी दखत-दखत उनकी िाह नचदयॉ बनकर पथवी पर बहन लगी

8

भाषा की ओरशबद वाटिका

खोजबीन

नए शबदहरष = आनदकषण = पलअद भत = अनोखामहावरनकी और पछ-पछ = अचछ काम क ललए पछन की अावशयकता नहीभावलवभोर होना = आनलदत होना

लनमनललखखत शबदो क समानारथी शबद कहानी स ढढकर बताओ

8

आकाश लमतर

धरा लिरर

सिध

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

तखति और पाजका न अपनी-अपनी चलियॉ दन का मन बनाया कछ ही कषणो म सारी धरती हरी-भरी हो िई मानो धरती न धानी चनर ओढी हो मखतार और लबट ट न अपनी रि पटी दनी चाही और कछ ही कषणो म सारा आसमान लटमलटमात तारो स भर िया सारी पकलत दलहन की तरह सज िई री लजस-लजस न जो चाहा सोनपरी न वह सब लकया

अब पकलत म पछी मधर सवर म िान लि कलकल झरनो न वातावरण म सिीत भर लदया मद

रपयो (नोट) पर ललखी कीमत लकतनी और लकन भाराओ म अलकत ह बताओ

पवन बहन लिा फलो न हवा म मीठी खशब भर दी बच खशी स नाचन लि और परी को धनयवाद दन लि लक परी न सचमच पकलत को अद भत बना लदया तभी पाजका क लसर पर एक पका आम आ टपका

एकाएक पाजका की नीद खल िई उसन खखिकी स बाहर झॉका तो पाया लक पकलत ठीक वसी ही लदख रही ह जसी उसन अभी-अभी सपन म दखी री वह भावलवभोर हो िई

9

साइचकल िलाओ पयाथिवरर बिाओ

दवचार मथन

१ lsquolsquoपरकचत चकतना कछ दती ह rsquorsquo २ lsquolsquoम तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo३ lsquolsquoबाल चदवस पर हम परकचत को कछ द rsquorsquo 4 lsquolsquoनकी और पछ-पछ rsquorsquo

दकसन दकसस कहा ह बताओ

सवय अधययनचदए गए चितो क आधार पर उचित और आकरथिक चवजापन तयार करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

काटथिन कथा सनकर उस हाव-भाव सचहत सनाओ

महादवी वमाथि क रखाचित पढ़कर उसक पातो क नाम चलखो

बड़ होकर कया बनना िाहत हो

इस कहानी क चकसी एक अनचछद का अनलखन करो

सिव धयान म रखोपरकचत स हम दन की सीख चमलती ह

चकसी पररचित अनय कहानी लखन क चलए मद द तयार करो

अधययन कौरल

जरा सोचो बताओयचद तमह परी चमल जाए तो

10

q विदzwnjयावथियोzwnjकीzwnjजोवियॉzwnjबनाकरzwnjआयzwnjबतानzwnjकाzwnjखलzwnjखलिाऍzwnjऔरzwnjउनहzwnjमजदारzwnjपहवलयॉzwnjबझनzwnjकzwnjवलएzwnjदzwnjzwnjउनहzwnjइसीzwnjपरकारzwnjकzwnjअनयzwnjविषयोzwnjकzwnjभीzwnjखलzwnjखलनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjउनसzwnjपहवलयोzwnjऔरzwnjखलोzwnjकाzwnjवितोzwnjसवहतzwnjवलखखतzwnjसगरहzwnjकरिाऍzwnjअौरzwnjखलिाऍzwnj

4(अ) आओ आय बताना सीखो

(१)zwnjअपनzwnjवमतzwnjकोzwnjउसकीzwnjितथिमानzwnjआयzwnjमzwnjअगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआयzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(२)zwnjzwnjउसzwnjइसzwnjयोगफलzwnjकोzwnj5zwnjसzwnjगणाzwnjकरनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(३)zwnjपरापतzwnjगणनफलzwnjमzwnjउसzwnjअपनzwnjजनमिषथिzwnjकाzwnjइकाईzwnjअकzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjकहzwnjzwnj(4)zwnjपरापतzwnjयोगफलzwnjमzwnjसzwnj5zwnjघटाzwnjदzwnjzwnj(5)zwnjघटानzwnjकzwnjबादzwnjजोzwnjसखयाzwnjपरापतzwnjहोगीzwnjउसकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसzwnjसतzwnjकोzwnjउदाहरणzwnjसzwnjसमझतzwnjहzwnj

zwnj मानzwnjलोzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnj१०zwnjिषथिzwnjऔरzwnjजनमzwnjिषथिzwnj२००4zwnjहzwnjतो-(१)zwnj१०zwnj(ितथिमानzwnjआय)zwnj+zwnj११zwnj(अगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआय)zwnj=zwnj२१zwnj (२)zwnj२१Icirczwnj5zwnj=zwnj१०5(३)zwnj१०5zwnj+zwnj4zwnj=zwnj१०९zwnj zwnj zwnj zwnj zwnj (4)zwnj१०९zwnj-zwnj5zwnj=zwnj१०4

१०4zwnjकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjअाथितzwnj१०zwnjिषथिzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसीzwnjआधारzwnjपरzwnjअपनzwnjपररजनोzwnjपररवितोzwnjअनयzwnjवमतोzwnjकोzwnjउनकीzwnjआयzwnjबताकरzwnjआशियथिzwnjिवकतzwnjकरzwnjसकतzwnjहोzwnjzwnjपरतयकषzwnjकरकzwnjदखोzwnj

qविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjदोनोzwnjवितोzwnjकाzwnjदखकरzwnjउनमzwnjअतरzwnjढढ़करzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjभारतzwnjकzwnjविवभननzwnjराजयोzwnjकzwnjखानपानzwnjपहनािाzwnjआभषणzwnjजसzwnjअनयzwnjविषयोzwnjपरzwnjििाथिzwnjकराऍzwnjzwnjउनमzwnjसमानताzwnjऔरzwnjविविधताzwnjबतातzwnjहएzwnjलागोzwnjकzwnjआपसीzwnjसबधोzwnjकोzwnjसपषटzwnjकरzwnj

(ब) महाराषटर की बटी

आकलन

अतर बताओ

11

q चवद याचथथियो स एकल एव सामचहक कचवता पाठ कराऍ परशनोततर क माधयम स चबली और िपाती क बीि हए सवादो को सपषटकर उनह बाल-जगत स सबचधत अनय चकसी कलपना क परचत बाल मनोभाव वयति करक परसतत करन क चलए परोतसाचहत कर

गाओ आर समझो ः

जनम २ जन १९4६ टीकमगढ़(मधयपरदश) रचनाऍ चहदी क नए बालगीत उड़न खटोल एक िपाती और अनय बालकचवताऍ आचद पररचय आप १९६5 स परमख राषटटीय दचनको म लखन कर रह ह

इस कचवता म िपाती और चबली क बीि घटी मजदार घटना को हासय रप म वयति चकया ह

5 एक चपाती

ताती-ताती एक िपातीचदखी तव पर पट फलातीचबली मौसी बोली-lsquolsquoमयॉऊ भख लगी म तझको खाऊ rsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-lsquolsquoमौसी पहल मकखन ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoदख िपाती की ठनगन चबली ल आई मकखन गराथिकर चफर बोली-lsquolsquoमयाऊ अब तो म तझको खा जाऊrsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-

lsquolsquoहॉ हॉ पहल गड़ तो ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoचबली िल दी गड़ लान लगी लौटकर झझलान lsquolsquoमयाऊ मयाऊ मयाऊ अब म खाऊ अब म खाऊrsquorsquoमन ही मन म गढ़ी िपाती सोिा-lsquoअब तो मरी िपाती rsquoचिढ़कर बोली-lsquoखा नकटी rsquoचबली गसस म झपटी कमर म आत ही मॉ क चबली भागी दम दबा क आख खोल िपाती मसकाई मॉ न उसकी जान बिाई

-रमश तलग

12

सनो और समझो ः

नाम तमार

q सवाद म आए सववनाम शबदो (म वह कछ जसा-वसा अपन-अाप) को शामपट ट पर लिख इनक भदो को पराग द वारासमझाऍ और अन शबद कहिाऍ लवद ालवो स कलि करवान क पशाि उनका वाको म परोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ लवद ाल व ो स सवाद पढ़वाऍ और परशन बनाकर एक-दसर स पछन क लिए कह उनस अधलवशवास पर ाव कराऍ

६ सीखइस सवाद म बिाा गा ह लक अधलवशवास स दर रहना ालहए

[मोहन बीमारी क कारण रो रहा ह मॉ उस समझा रही ह ]मॉ रोओ मि बट ठीक हो जाओग िो मतरवािा पानी बाबा जी न लदा ह मोन इसस का होगा मॉ मॉ इसस िमहारी बीमारी छमिर हो जाएगी म वसा ही कर रही ह जसा कहा गा ह

[मोहन क लमतर एव सहलिो का आगमन]सोम मोहन अब कसी ह िबीि मोन अर का बिाऊ िकिीफ िो बढ़ ही रही ह शिला असपिाि नही गए दवाई िो िनी ी मॉ नही उसकी जररि भी नही इस लकसी की नजर िग गई ह बाबा जी न मतरवािा

पानी लदा ह वह दो-एक लदन म अपन-आप ठीक हो जाएगा

----------

-----

-----

--------

-----

--------

शितर दखकर उशित सरवनाम म शिखो (त म र य कया जसा-रसा अन-आ)

13

रबि वादिका

जरा सोचो बताओ

नए रबितकलीफ = ददथि पीड़ािौकना = अाशियथििचकत होना उफनना = उबलनामहावरतरस आना = दया आनाआख खलना = सही बात समझ म आना दध का दध और पानी का पानी करना = नयाय करना

यचद रात और चदन न होत तो

सतीदलग पललगएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- चबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- नाग----- मनाऍ ----- -----

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो क चलग और विन बदलकर चलखो

सभी दमत मोहन तबीयत की तरफ धयान दो हम चनकलत ह (बच जस ही बाहर चनकल उसी समय एक चबली न उनका रासता काटा )

सषमा लो अब तो हम लोगो का काम नही होगा महर मझ भी ऐसा ही लगता ह चबली न रासता काटा ह सोहन अर दखो तो सामन स गर जी आ रह ह गर जी भी मोहन क घर जा रह होग सषमा गर जी अभी हम सब आपक घर ही आन वाल थ पर चबली न रासता काट चदया दरलपा गर जी दध का दध और पानी का पानी करग महर हमन दखा मोहन की मॉ बीमार मोहन को कोई मत फका हआ पानी चपला रही थी गर जी कयो भला तम सब दखत रह सोहम हम सब कया करत उनका आदर जो करना था गर जी दखो चबली का रासता काटना दहली पर छीकना आचद सब अधचवशवास ह सषमा पर सभी लाग तो मानत ह गर जी बीमारी होन क अनक कारर होत ह दवा ही उसका एकमात उपाय ह िलो हम चमलकर

मोहन की मॉ को समझात ह चजसस उनकी आख खल जाएगी सभी चमलकर एक साथ बोलत ह lsquolsquoअधचवशवास स दर रहो सतय की पहिान करो rsquorsquo

14

टवचार मथन

सदव धयान म रखोसवय अधययनमहानzwnjविभवतयोzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjवकसीzwnjएकzwnjकzwnjकायथिzwnjपरzwnjपािzwnjिाकयzwnjवलखोzwnjzwnj

१zwnjबाबाzwnjजीzwnjनzwnjमॉzwnjकोzwnjकयाzwnjवदयाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj२zwnjमोहनzwnjकोzwnjदखनzwnjकौन-कौनzwnjआएzwnj३zwnjबचोzwnjकाzwnjरासताzwnjवकसनzwnjकाटाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj4zwnjगरzwnjजीzwnjनzwnjबचोzwnjकोzwnjकयाzwnjसमझायाzwnj

एक वाकय म उततर टलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

िटकलzwnjपहवलयॉzwnjसनोzwnjऔरzwnjवकसीzwnjकायथिकरमzwnjमzwnjzwnjसनाओzwnj

वहतोपदशzwnjकीzwnjकोईzwnjएकzwnjकहानीzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjउससzwnjसबवधतवितzwnjबनाओzwnj

अपनzwnjदzwnjिाराzwnjवकएzwnjगएzwnjवकसीzwnjअचछzwnjकायथिzwnjकाzwnjअनभिzwnjबताओzwnj

वहिकीzwnjआनzwnjजसीzwnjवकरयाओzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjउनकzwnjकारणzwnjवलखोzwnjzwnjzwnj

वबनाzwnjसोिzwnjसमझzwnjवकसीzwnjबातzwnjपरzwnjविशिासzwnjनाzwnjकरzwnj

नएzwnjशबदोzwnjकोzwnjशबदकोशzwnjमzwnjसzwnjढढ़करzwnjिणथिकरमानसारzwnjवलखाzwnjzwnj

अधययन कौशल zwnjविजानzwnjकाzwnjफलाओगzwnjपरकाशzwnjतोzwnjहोगाzwnjअधविशिासzwnjकाzwnjनाशzwnj

अधविशिासzwnjकzwnjकारणzwnjऔरzwnjउसzwnjदरzwnjकरनzwnjकzwnjउपायzwnjढढ़ोzwnjताzwnjवकसीzwnjएकzwnjपरसगzwnjकोzwnjपरसततzwnjकरोzwnjzwnj

खोजबीन

समझो हम

अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद

१ ल कलम ७ -

२ - 8 क

३ सा ९ ला

4 म १० य

5 टी ११ वश

६ क १२ ग

टचत की सहायता स बारहखडी क शबद बनाकर टलखो

१4

15१5

q चवद याचथथियो स लोरी गवाऍ और उसका अथथि तथा सदभथि समझाऍ उसपर ििाथि कर माता-चपता जी का महतव पछ उनह अपनदादी जी नानी जी क गरो को उजागर करन वाली कोई घटना बतान क चलए कह अनय लोरी सनाए और गवाऍ

जनम १७ जन १९६२ रचनाऍ लचतका गजार सवर-वयजन शबदो क पास आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म लोरी क माधयम स मॉ का बच क परचत वातसलय भाव परकट चकया गया ह

सनो पढ़ो और गाओ ः

यदि सच म हमार मामा का घर चॉि पर होता तोजरा सोचो बताओ

7 मनी रानी-अशोक चसह सोलकी

सा जा सो जा मनी रानी बात मान ल मरी दध-मलाई तम को दगीमधर सनाऊगी लोरी

रात सहानी आएगी जबिदा आ मसकाएगा शीतल िमकीली चकररो सतब वह तमह ररझाएगा

16

सव अधनरबद वयाटटकयानए रबदशीतल = ठडा ररझािा = मि मोहिावि = सिय

अपि पररिार क वपरय वयकति क वलए िार कावय पकतिया वलखो

मरयाठी अशा समोचयाररत रबद टहदी अशा

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीनविवभनन कषतो की अवधक-स-अवधक दस lsquoपरम भारतीय मवहलाओrsquo की सवित ािकारी कापी म विपकाओ

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भयाषया की ओरवहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अथि वभननता बताओ और वलखो

ब त मॉगगी उसको हील म उस वदखाऊगी िदा मामा आए मननीकह तमको बहलाऊगी

िदा मामा आकर तमको दग अपिा सारा पयार औ म भी वि परम हदय का दगी विशिय तम पर िार पलक बद कर सो ा लदीपयारी मननी रािी

17

जोडो हम पड क पततो पर टदए गए वरणो स सयकाकषरयक शबद बनाओ (आध हाकर पाई हटाकर हल लगाकर lsquoरrsquo क परकार )(कzwnjफzwnjगzwnjतzwnjzwnjघzwnjषzwnjिzwnjदzwnjमzwnjहzwnjठzwnjडzwnjटzwnjप)

जानवरो की डॉकटर

टगद ध

मगाण

डटरम

लकडबगाटट ट

इदरधनष

कतता

गzwnjत

िद ट

ह ठ

डट

मप

फटमगो

कटवता की पलकयॉ परी करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

नीवतपरकzwnjदोहzwnjसनोzwnjऔरzwnjआनदपिथिकzwnjसनाओzwnjzwnjzwnj

सभदाकमारीzwnjिौहानzwnjकीzwnjकविताzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjसमहzwnjमzwnjगाओzwnj

zwnjzwnjमॉzwnjकोzwnjएकzwnjवदनzwnjकीzwnjछटzwnjटीzwnjदीzwnjजाएzwnjतोzwnjकयाzwnjहोगाzwnj

वनधाथिररतzwnjविषयzwnjपरzwnjभाषणzwnjतयारzwnjकरोzwnjzwnj

सदव धयान म रखोजीिनzwnjमzwnjमाता-वपताzwnjकाzwnjसानzwnjअनमोलzwnjहzwnjzwnj

अपनzwnjपररिारzwnjकाzwnjिशzwnjिकषzwnjतयारzwnjकरोzwnjऔरzwnjररशत-नातोzwnjकzwnjनामzwnjवलखोzwnj

अधययन कौशल

zwnjजननी-जनमभवमशिzwnjसिगाथिदवपzwnjगरीयसीzwnj

टवचार मथन

१zwnjरातzwnjसहानीzwnjzwnjzwnjररझाएगाzwnj

२zwnjिदाzwnjमामाzwnjzwnjzwnjमननीzwnjरानीzwnj

18

सव अधन-१

एक स सौ तक की उलटी वगिती सिो पढ़ो और कापी म वलखो

बीसउनीसअठयारहसतहसोलहपदरहचौदहतरहबयारहगयारह

दसनौआठसयातछहपयाचचयारतीनदोएक

चयालीस

उनतयालीस

अड़तीस

सतीस

छतीस

पतीस

चौतीस

ततीस

बतीस

इकतीस

पचयास

उनचयास

अड़तयालीस

सतयालीस

टछयालीस

पतयालीस

चवयालीस

ततयालीस

बयालीस

इकतयालीस

सयाठउनसठअट ठयावनसतयावनछपपनपचपनचौवनटतरपनबयावनइकयावन

सतरउनहतरअड़सठसड़सठटछयासठपसठचौसठटतरसठबयासठइकसठ

अससीउनयासीअठहतरसतहतरटछहतरपचहतरचौहतरटतहतरबहतरइकहतर

नबबनवयासीअठयासीसतयासीटछयासीपचयासीचौरयासीटतरयासीबयासीइकयासी

सौ

टननयानव

अठयानव

सतयानव

टछयानव

पचयानव

चौरयानव

टतरयानव

बयानव

इकयानव

तीस

उनतीस

अट ठयाईस

सतयाईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

तईसबयाईस

इकीस

१8

19

माता-टपता सअपन बार म

सनो

टपछल वषण टकए अपन टवशष कायण

बताओ

बाल सभा म परटतटदन बोध कथा का वाचन करो

वषण भर क खल- समाचारो का सटचत सकलन परसतत करो

कटतउपकरम

न र स ल ड त विक

१ वरणमाला सनाअो और टवशष वरणो क उचारर पर धयान दो

२ टवद यालय क सनह सममलन का वरणन करो

३ पसदीदा टवषय पर टवजापन बनाकर उसको पढ़ो

4 फल-फलो क दस-दस नाम टलखो

5 अकषर समह म स लखलाटडयो क नाम बताओ और टलखो

धया

ि

री

शा

लखा

ि

का

ना

वस

सा

जा

वम

बा खा

ल िा न

वन वम सा जाथि या

पनरावतणन - १ फलो क नाम फलो क नाम

zwnj१ zwnj१zwnj२ zwnj२zwnj३ zwnj३zwnj4 4zwnj5 5zwnj६ zwnj६zwnj७ zwnj७zwnj8 8zwnj९ zwnj९१० १०

20

दखो समझो आर चचयाशा करो ः

q विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर उिको परशि पछि क वलए कह बड़ो की सहायता स उनह डाकघर म ाकर वटकट खरीदिता बक म बाल-बित खाता खलिाि और पररवित डावकए बक कमथििारी िसथि हिलदार स बातिीत करि की सििा द

१ उपोग हमयार

मनीआडशार

बचत खयातया

रटजसटटीटटकट

हम आपकी आवशकतया समझत ह

डयाकघर

कड़या दयान

बचत आपकी

पगटत दर की

सचनया

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

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22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

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पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

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सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

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१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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Page 3: विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

परथमावतति २०१६चौथा पनममदरण 2020

महाराषटर राजय पाठ यपसतिक नननममतिी व अभयासकरम सशोधन मडळ पण - 4११००4इस पसतक का सरावाधिकार महाराषटर राजय पाठ यपसतक धिधमवाती र अभयासकरम सशोिि मडळ क

अिीि सरधषित ह इस पसतक का कोई भी भाग महाराषटर राजय पाठ यपसतक धिधमवाती र अभयासकरम सशोिि मडळ क सचालक की धलखित अिमधत क धििा परकाधशत िही धकया जा सकता

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डॉहमचदर रद य-अधयषि डॉछाया पाटील-सदसय परामिोद दीि मला-सदसयडॉदयािद धतरारी-सदसयशी सतोष िोत-सदसय डॉसधिल कलकरणी-सदसय शीमती सीमा कािळ-सदसय डॉअलका पोतदार-सदसय-सधचर

नहदी भाषा सनमनतिडॉरषावा पिरटकर सौ रदा कलकरणी शीमती मीिा एस अगरराल शी सिाकर गारड शीमती माया कोथळीकर डॉआशा री धमशा शी रामधहत यादर शी परकाश िोकील शी रामदास काट शीमती भारती शीरासतर शीमती पधरवामा पाडयडॉशला चवहारशीमती शारदा धियािीशी एि आर जरशीमती गीता जोशीशीमती अचवािा भसकटशीमती रतिा चौिरी

नहदी भाषा अभयासगट

परकाशक शी नववक उतिम गोसावी

धियतकपाठ यपसतक धिधमवाती मडळ

परभादरी मिई-२५

सयोजन डॉअलका पोतदार धरशषाधिकारी धहदी भाषा पाठ यपसतक मडळ पर सौ सधया धरिय उपासिी धरषय सहायक धहदी भाषा पाठ यपसतक मडळ पर

मखपषठ लीिा मारकीकर नचताकन राजश लरळकर मयरा डफळ महश धकरडरकर

नननममनति शी सखचितािद आफळ मखय धिधमवाधत अधिकारीशी सदीप आजगारकर धिधमवाधत अधिकारी

अकषराकन भाषा धरभागपाठ यपसतक मडळ परकागज ७० जीएसएम करीमरोरमदरणादश NPB2020-21QTY

मदरक Ms

मखय समनवयकशीमती पराची रधरदर साठ

परसतषाविषा

(डॉ सनिल मगर)सिषालक

मिाराषटर राजय पाठ यपसिक हनहमवािी अभयासकरम सशोिन मडळ पर-०4

पण नदिषाक ः- ९ मई २०१६ अकयततीयषा भषारतीय सौर १९ वशषाख १९३8

बचचो कषा lsquo निःशलक एव अनिवषायमि नशकषानधकषार अनधनियम २००९ और रषाषटरीय पषाठ यकरम परषारप-२००5rsquo को दतषगत रखत हए रषाजय की lsquoपरषाथनमक नशकषा पषाठ यियषामि-२०१२rsquo तयषार की गई इस पषाठ यियषामि पर आधषाररत नहदी द नवतीय भषाषषा (सयकत) lsquoसगमभषारतीrsquo की पषाठ यपसतक मडळ परकषानशत कर रहषा ह छठी ककषा की यह पसतक आपक हषाथचो म सौपत हए हम नवशष आिद हो रहषा ह

नहदीतर नवद यषालयचो म छठी ककषा नहदी नशकषा कषा द नवतीय सोपषाि ह छठी ककषा क नवद यषानथमियचो की सीखि की परनकरयषा सहज-सरल बिषाि क नलए इस बषात कषा धयषाि रखषा गयषा ह नक यह पसतक नितषाकषमिक नितमय कनतपरधषाि और बषालसिही हो परषाथनमक नशकषा क नवनभनन िरणचो म नवद यषाथथी नितित रप स नकि कमतषाओ को परषापत कर यह अधययि-अधयषापि करत समय सपष हषािषा िषानहए इसक नलए परसतत पषाठ यपसतक क परषारभ म नहदी भषाषषा नवषय की अपनकत कमतषाओ कषा पषठ नदयषा गयषा ह इि कमतषाओ कषा अिसरण करत हए पषाठ यपसतक म समषानवष पषाठ यषाशचो की िषानवनयपणमि परसतनत की गई ह

नवद यषानथमियचो की अनभरनि को धयषाि म रखकर नहदी भषाषषा नशकषा मिोरजक एव आिददषायी बिषाि क नलए योगय बषालगीत कनवतषा नितकथषा और रगीि नितचो कषा समषावश नकयषा गयषा ह भषाषषाई दतष स पषाठ यपसतक और अनय नवषयचो क बीि सहसबध सथषानपत करि कषा परयि नकयषा गयषा ह इि घटकचो क अधयषापि क समय नवद यषानथमियचो क नलए अधययि-अिभव क नियोजि म शषालषाबषाह य जगत एव दनिक वयवहषार स जड़ी बषातचो को जोड़ि कषा परयषास नकयषा गयषा ह वयषाकरण को भषाषषा अधययि क रप म नदयषा गयषा ह

पषाठ यपसतक को सहजतषा स कनठि की ओर तथषा जषात स अजषात की ओर अयत सरलतषा पवमिक ल जषाि कषा पणमि परयषास नकयषा गयषा ह नशकक एव अनभभषावकचो क मषागमिदशमिि क नलए सििषाए lsquoदो शबदrsquo तथषा परयक पषठ पर lsquoअधयषापि सकतrsquo क अतगमित दी गई ह यह अपकषा की गई ह नक नशकक तथषा अनभभषावक इि सििषाओ क अिरप नवद यषानथमियचो स कनतयॉ करवषाकर उनह योगय शली म अगरसर होि तथषा नशकषा गरहण करि म सहषायक नसद ध हचोग lsquoदो शबदrsquo तथषा lsquoअधयषापि सकतrsquo की य सििषाऍ अधययि-अधयषापि की परनकयषा म नितित उपयोगी हचोगी

नहदी भषाषषा सनमनत भषाषषा अभयषासगट और नितकषारचो क निषठषापणमि पररशम स यह पसतक तयषार की गई ह पसतक को दोषरनहत एव सतरीय बिषाि क नलए रषाजय क नवनवध भषागचो स आमनतत नशककचो नवशषजचो दषारषा पसतक कषा समीकण करषायषा गयषा ह समीककचो की सििषा और अनभपरषायचो को दतष म रखकर नहदी भषाषषा सनमनत ि पसतक को अनतम रप नदयषा ह lsquoमडळrsquo नहदी भषाषषा सनमनत अभयषासगट समीककचो नितकषारचो क परनत हदय स आभषारी ह आशषा ह नक नवद यषाथथी नशकक अनभभषावक सभी इस पसतक कषा सवषागत करग

अनकरमणिका

कर पाठ का नाम पषठ कर कर पाठ का नाम पषठ कर

मला १

१ सर २३

२ बाली यह धान की 4-६

३ अपनी परकणि ७-९

4 (अ) आओ आय बिाना सीखो १०

(ब) महाराषटर की बटी

5 एक चपािी ११

६ सीख १२-१4

७ मनी रानी १5-१७

सवय अधययन -१ १8

पनरावितन -१ १९

पहली इकाई दसरी इकाई

१ उपयोग हमार २०२१

२ एक णकरन २२-२4

३ सवितरिा २5-२७

4 (अ) कया िम जानि हो २8

(ब) पहणलयॉ

5 जोकर २९-३०

६ उतिम णिका ३१-३३

७ करना ह णनमाति ३4-३६

सवय अधययन -२ ३७

पनरावितन - २ ३8

1

q अधयापन सकत ः विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर परशि पछ उिस मल का पिाथििभि कहलिाए ता वदए गए िाकय का समझाए पररवित फरीिाला सबीिाली आवद वयिसावययो क सख-दख को समझकर उिस बातिीत करि क वलए परररत कर

पहचयानो और बतयाओ ः मलया

सहयातया ककष

दमकल

सरकषया - चौकी

बद-बद पयानी

बचयाओ

कड़या दयान

2

दखो समझो और बतयाओ ः

q वितो म कया-कया वदखाई द रहा ह उिपर ििाथि कर विद यावथियो स अपिी याता का कोई परसग सिाि क वलए कह उिस आिागमि क साधिो का ल ल िाय मागथि क अिसार िगगीकरण कराकर वितो सवहत विसततत ािकारी का सगरह कराऍ

१ सर

बदरगयाह

पयानी म कचरया न डयाल

सिचछ भारत

सिस भारत

अयापकी यातया सखद हो बस सयानक

रयाषटी सपतत हमयारी सपतत

फलयाट कर १ फलयाट कर २ फलयाट कर ३ सवचछतयागह

पीन कया पयानी

3

q विद यावथियो स अािागमि क साधिो का महति कहलिाऍ वदए गए िाकयो को समझाकर उिस इसी परकार क अनय िाकयो कासगरह कराऍ सािथिविक सलो की सिचछता पर उिस ििाथि कर याता म मवहलाओ एि ितद धो की सहायता क वलए परररत कर

अपन सयामयान कया धयान रख

टटकट घर अयारकषण

धमरपयान मनया ह

लयावयाररस वसतओ को हया न लगयाऍ

रल सयानक

पहली इकयाई

अतररयाषटी हवयाई अड डया

हवयाई अड डया

4

सनो और गाओ ः

सवय अधययन

q उचित हाव-भाव लय-ताल क साथ कचवता पाठ कर चवद याचथथियो स वयकतिगत तथा गट म ससवर पाठ कराऍ कचवता म धान की बालीका चकसान की बटी क रप म परतीकातमक वरथिन चकया गया ह खती की आवशयकता बतात हए चकसान क कायथि पर ििाथि कर

4

जनम ७ अपरल १९३३ मतय २६ फरवरी १९९8 रचनाऍ जलता हआ सफर मरी गजल मशाल नीला अबर साथी मरा आचद पररचय आप गजलकार क रप म परचसद ध ह

परसतत कचवता म खती का महतव और चकसान क शरम को अनमोल बताया गया ह

(१) नीच दिए गए दचतरो की सहायता स पाकदतक सिरता िराशान वाला एक दचत बनाकर उसम रग भरो (२) अपन दचत क बार म बोलो

खतो म झम रही बाली यह धान की झमक-झमक िलतीजयो बटी चकसान की

२ बाली यह धान की- डॉहनमत नायड

बदो न पयार चदयाबरखा न पाला ह िदा न रप चदया सरज रखवाला ह छाया ह मडप-सी

नील चवतान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

5

जरा सोचो बताओ

यचद परकचत म सदर - सदर रग नही होत तो

q कदतपशन हत अधयापन सकत - परतयक कचतपरशन को शीरथिक क साथ चदया गया ह चदए गए परतयक कचतपरशन क चलएआवशयक सामगी उपलबध कर कषमताओ और कौशलो क आधार पर इनह चवद याचथथियो स हल करवाऍ आवशयकतानसारचवद याचथथियो का मागथिदशथिन करत हए अनय चशकषको की भी सहायता परापत कर lsquoदो शबदrsquo म दी गई सिनाओ का पालन कर

q पराकचतक आपदाओ (भकप बाढ़ अकाल आचद) स बिाव क उपाय बताऍ और चवद याचथथियो स कहलवाऍ अनय कचवता सनाऍदोहरवाऍ इसम सभी को सहभागी कर परकचत क सतलन एव सवधथिन सबधी जानकारी द परतयक क अपन सहयोग पर ििाथि कर

5

मन समझा

रबि वादिका

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

धान

बाली

बरखा

जीतगीत

जग

भाषा की ओर

चदए गए शबदो क लययति शबद चलखो

पड़ो पर पछी हमड़ो पर शोर ह वशी की तान चलएआती हर भोर ह

सकखयो-सी गाती हचकरर चवहान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

शरम का यह मोती हमहनत की जीत ह फसलो क आिल सझरता यह गीत ह

महनत ही पजी हजग म इनसान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

नए रबिचवतान = चवसतार आकाशमड़ = खत क िारो ओर चमट टी का बनाया हआ घरा वशी = बॉसरीतान = सरभोर = परातकाल आिल = साड़ी का पल

6

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

सदव धयान म रखो

टवचयार मन

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

तयोहार सबधी कोई एक गीत सिो और दोहराओ

कवििर सवमतािदि पत की कविता का मखर िािि करो

पाकसटक माथिकोल आवद परदरण बढ़ाि िाल घटको का उपयोग हाविकारक ह

lsquoशालय सिचछता अवभयािrsquo म तमहारा सहयोग बताओ

सपताह म एक वदि वकसी कविता का सलखि करो

अधन कौरल

ररकत सयानरो की पटतशा करो

खोजबीन

अ आ इ ई उ ऊ ॠ ए ऐ ओ औ अ अ अ ऑ

क ख ग घ ङ ि छ झ ञ ट ठ ड ढ ण ड़ ढ़ त द ध ि प फ ब भ म य र ल ि श र स ह ळ कष त जञ शर

दपशाण म दखकर पढ़ो पहचयानो हम

य िाि य वकसाि य विजञाि

१ बदो ि वदया २ पड़ो पर ह ३ िील की 4 झरता यह ह

बोआई स मडी तक की परवरियाओ क बार म बताओ

कवर क आधविक उपकरणो की ािकारी परापत करा और वलखो

7

नाम हमार दचत पहचानकर उनक नाम दलखो

q कहानी म आए सजा शबदो (पवथित सोनपरी सभी खशी पानी) को शयामपट ट पर चलख सजा क भदो को सरल परयोगो द वारासमझाए उपरोति कचत करवान क पशिात चवद याचथथियो स इस परकार क अनय शबद कहलवाऍ उनस दढ़ीकरर भी कराऍ चवद याचथथिया को परी जसी कालपचनक सकलपना स यथाथथि की ओर ल जाना ह उनह परशनोततर क माधयम स कहानी सनाऍ

सनो और िोहराओ ३ अपनी पकदत

इस कहानी म बचो न अपनी चपरय वसतऍ परकचत को दकर उसक परचत कतजता का भाव परकट चकया ह

एक चदन फड ररक चहतदर मखतार पराजतिा चसद चध शचमथिषा कषरा चबट ट तकपत चिनमय सोनपरी क साथ बगीि म खल रह थ कावया पड़ क नीि बठी इन सबका खल दख रही थी चक अिानक एक पतता ऊपर स आ चगरा कावया न ऊपर दखा हरा-भरा पड़ और उसकी घनी छाया फली थी वह सोिन लगी lsquoपरकचत चकतना कछ दती ह हम भी उस कछ दना िाचहए rsquo

उसन सभी को बलाया और अपन चविार बताए सभी सािन लग-lsquoअर हॉ हम भी कछ दना िाचहए rsquo चिनमय बाला lsquolsquoकयो न बाल चदवस पर हम परकचत को कछ दrsquorsquo सभी न सोनपरी का अपना चविार बताया

सोनपरी को बहत हरथि हआ वह सबको अपन साथ लकर आकाश म उड़ िली उसन कहा lsquolsquoनकी और पछ-पछ lsquoदोसतो तम जो कछ परकचत को दना िाहत हो उसकी कलपना करो म तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo फड ररक और चसद चध न अपन कखलौन आकाश को दन का मन बनाए सोित ही कखलौनो न बादलो का रप चलया और पानी बरसन लगा

कावया और चहतदर न पवथित को चमठाई दन की इचछा वयति की यह इचछा शानदार वकषो म बदल गई शचमथिषा एव कषरा पथवी को अपनी गचड़या दना िाहती थी दखत-दखत उनकी िाह नचदयॉ बनकर पथवी पर बहन लगी

8

भाषा की ओरशबद वाटिका

खोजबीन

नए शबदहरष = आनदकषण = पलअद भत = अनोखामहावरनकी और पछ-पछ = अचछ काम क ललए पछन की अावशयकता नहीभावलवभोर होना = आनलदत होना

लनमनललखखत शबदो क समानारथी शबद कहानी स ढढकर बताओ

8

आकाश लमतर

धरा लिरर

सिध

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

तखति और पाजका न अपनी-अपनी चलियॉ दन का मन बनाया कछ ही कषणो म सारी धरती हरी-भरी हो िई मानो धरती न धानी चनर ओढी हो मखतार और लबट ट न अपनी रि पटी दनी चाही और कछ ही कषणो म सारा आसमान लटमलटमात तारो स भर िया सारी पकलत दलहन की तरह सज िई री लजस-लजस न जो चाहा सोनपरी न वह सब लकया

अब पकलत म पछी मधर सवर म िान लि कलकल झरनो न वातावरण म सिीत भर लदया मद

रपयो (नोट) पर ललखी कीमत लकतनी और लकन भाराओ म अलकत ह बताओ

पवन बहन लिा फलो न हवा म मीठी खशब भर दी बच खशी स नाचन लि और परी को धनयवाद दन लि लक परी न सचमच पकलत को अद भत बना लदया तभी पाजका क लसर पर एक पका आम आ टपका

एकाएक पाजका की नीद खल िई उसन खखिकी स बाहर झॉका तो पाया लक पकलत ठीक वसी ही लदख रही ह जसी उसन अभी-अभी सपन म दखी री वह भावलवभोर हो िई

9

साइचकल िलाओ पयाथिवरर बिाओ

दवचार मथन

१ lsquolsquoपरकचत चकतना कछ दती ह rsquorsquo २ lsquolsquoम तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo३ lsquolsquoबाल चदवस पर हम परकचत को कछ द rsquorsquo 4 lsquolsquoनकी और पछ-पछ rsquorsquo

दकसन दकसस कहा ह बताओ

सवय अधययनचदए गए चितो क आधार पर उचित और आकरथिक चवजापन तयार करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

काटथिन कथा सनकर उस हाव-भाव सचहत सनाओ

महादवी वमाथि क रखाचित पढ़कर उसक पातो क नाम चलखो

बड़ होकर कया बनना िाहत हो

इस कहानी क चकसी एक अनचछद का अनलखन करो

सिव धयान म रखोपरकचत स हम दन की सीख चमलती ह

चकसी पररचित अनय कहानी लखन क चलए मद द तयार करो

अधययन कौरल

जरा सोचो बताओयचद तमह परी चमल जाए तो

10

q विदzwnjयावथियोzwnjकीzwnjजोवियॉzwnjबनाकरzwnjआयzwnjबतानzwnjकाzwnjखलzwnjखलिाऍzwnjऔरzwnjउनहzwnjमजदारzwnjपहवलयॉzwnjबझनzwnjकzwnjवलएzwnjदzwnjzwnjउनहzwnjइसीzwnjपरकारzwnjकzwnjअनयzwnjविषयोzwnjकzwnjभीzwnjखलzwnjखलनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjउनसzwnjपहवलयोzwnjऔरzwnjखलोzwnjकाzwnjवितोzwnjसवहतzwnjवलखखतzwnjसगरहzwnjकरिाऍzwnjअौरzwnjखलिाऍzwnj

4(अ) आओ आय बताना सीखो

(१)zwnjअपनzwnjवमतzwnjकोzwnjउसकीzwnjितथिमानzwnjआयzwnjमzwnjअगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआयzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(२)zwnjzwnjउसzwnjइसzwnjयोगफलzwnjकोzwnj5zwnjसzwnjगणाzwnjकरनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(३)zwnjपरापतzwnjगणनफलzwnjमzwnjउसzwnjअपनzwnjजनमिषथिzwnjकाzwnjइकाईzwnjअकzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjकहzwnjzwnj(4)zwnjपरापतzwnjयोगफलzwnjमzwnjसzwnj5zwnjघटाzwnjदzwnjzwnj(5)zwnjघटानzwnjकzwnjबादzwnjजोzwnjसखयाzwnjपरापतzwnjहोगीzwnjउसकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसzwnjसतzwnjकोzwnjउदाहरणzwnjसzwnjसमझतzwnjहzwnj

zwnj मानzwnjलोzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnj१०zwnjिषथिzwnjऔरzwnjजनमzwnjिषथिzwnj२००4zwnjहzwnjतो-(१)zwnj१०zwnj(ितथिमानzwnjआय)zwnj+zwnj११zwnj(अगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआय)zwnj=zwnj२१zwnj (२)zwnj२१Icirczwnj5zwnj=zwnj१०5(३)zwnj१०5zwnj+zwnj4zwnj=zwnj१०९zwnj zwnj zwnj zwnj zwnj (4)zwnj१०९zwnj-zwnj5zwnj=zwnj१०4

१०4zwnjकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjअाथितzwnj१०zwnjिषथिzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसीzwnjआधारzwnjपरzwnjअपनzwnjपररजनोzwnjपररवितोzwnjअनयzwnjवमतोzwnjकोzwnjउनकीzwnjआयzwnjबताकरzwnjआशियथिzwnjिवकतzwnjकरzwnjसकतzwnjहोzwnjzwnjपरतयकषzwnjकरकzwnjदखोzwnj

qविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjदोनोzwnjवितोzwnjकाzwnjदखकरzwnjउनमzwnjअतरzwnjढढ़करzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjभारतzwnjकzwnjविवभननzwnjराजयोzwnjकzwnjखानपानzwnjपहनािाzwnjआभषणzwnjजसzwnjअनयzwnjविषयोzwnjपरzwnjििाथिzwnjकराऍzwnjzwnjउनमzwnjसमानताzwnjऔरzwnjविविधताzwnjबतातzwnjहएzwnjलागोzwnjकzwnjआपसीzwnjसबधोzwnjकोzwnjसपषटzwnjकरzwnj

(ब) महाराषटर की बटी

आकलन

अतर बताओ

11

q चवद याचथथियो स एकल एव सामचहक कचवता पाठ कराऍ परशनोततर क माधयम स चबली और िपाती क बीि हए सवादो को सपषटकर उनह बाल-जगत स सबचधत अनय चकसी कलपना क परचत बाल मनोभाव वयति करक परसतत करन क चलए परोतसाचहत कर

गाओ आर समझो ः

जनम २ जन १९4६ टीकमगढ़(मधयपरदश) रचनाऍ चहदी क नए बालगीत उड़न खटोल एक िपाती और अनय बालकचवताऍ आचद पररचय आप १९६5 स परमख राषटटीय दचनको म लखन कर रह ह

इस कचवता म िपाती और चबली क बीि घटी मजदार घटना को हासय रप म वयति चकया ह

5 एक चपाती

ताती-ताती एक िपातीचदखी तव पर पट फलातीचबली मौसी बोली-lsquolsquoमयॉऊ भख लगी म तझको खाऊ rsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-lsquolsquoमौसी पहल मकखन ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoदख िपाती की ठनगन चबली ल आई मकखन गराथिकर चफर बोली-lsquolsquoमयाऊ अब तो म तझको खा जाऊrsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-

lsquolsquoहॉ हॉ पहल गड़ तो ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoचबली िल दी गड़ लान लगी लौटकर झझलान lsquolsquoमयाऊ मयाऊ मयाऊ अब म खाऊ अब म खाऊrsquorsquoमन ही मन म गढ़ी िपाती सोिा-lsquoअब तो मरी िपाती rsquoचिढ़कर बोली-lsquoखा नकटी rsquoचबली गसस म झपटी कमर म आत ही मॉ क चबली भागी दम दबा क आख खोल िपाती मसकाई मॉ न उसकी जान बिाई

-रमश तलग

12

सनो और समझो ः

नाम तमार

q सवाद म आए सववनाम शबदो (म वह कछ जसा-वसा अपन-अाप) को शामपट ट पर लिख इनक भदो को पराग द वारासमझाऍ और अन शबद कहिाऍ लवद ालवो स कलि करवान क पशाि उनका वाको म परोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ लवद ाल व ो स सवाद पढ़वाऍ और परशन बनाकर एक-दसर स पछन क लिए कह उनस अधलवशवास पर ाव कराऍ

६ सीखइस सवाद म बिाा गा ह लक अधलवशवास स दर रहना ालहए

[मोहन बीमारी क कारण रो रहा ह मॉ उस समझा रही ह ]मॉ रोओ मि बट ठीक हो जाओग िो मतरवािा पानी बाबा जी न लदा ह मोन इसस का होगा मॉ मॉ इसस िमहारी बीमारी छमिर हो जाएगी म वसा ही कर रही ह जसा कहा गा ह

[मोहन क लमतर एव सहलिो का आगमन]सोम मोहन अब कसी ह िबीि मोन अर का बिाऊ िकिीफ िो बढ़ ही रही ह शिला असपिाि नही गए दवाई िो िनी ी मॉ नही उसकी जररि भी नही इस लकसी की नजर िग गई ह बाबा जी न मतरवािा

पानी लदा ह वह दो-एक लदन म अपन-आप ठीक हो जाएगा

----------

-----

-----

--------

-----

--------

शितर दखकर उशित सरवनाम म शिखो (त म र य कया जसा-रसा अन-आ)

13

रबि वादिका

जरा सोचो बताओ

नए रबितकलीफ = ददथि पीड़ािौकना = अाशियथििचकत होना उफनना = उबलनामहावरतरस आना = दया आनाआख खलना = सही बात समझ म आना दध का दध और पानी का पानी करना = नयाय करना

यचद रात और चदन न होत तो

सतीदलग पललगएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- चबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- नाग----- मनाऍ ----- -----

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो क चलग और विन बदलकर चलखो

सभी दमत मोहन तबीयत की तरफ धयान दो हम चनकलत ह (बच जस ही बाहर चनकल उसी समय एक चबली न उनका रासता काटा )

सषमा लो अब तो हम लोगो का काम नही होगा महर मझ भी ऐसा ही लगता ह चबली न रासता काटा ह सोहन अर दखो तो सामन स गर जी आ रह ह गर जी भी मोहन क घर जा रह होग सषमा गर जी अभी हम सब आपक घर ही आन वाल थ पर चबली न रासता काट चदया दरलपा गर जी दध का दध और पानी का पानी करग महर हमन दखा मोहन की मॉ बीमार मोहन को कोई मत फका हआ पानी चपला रही थी गर जी कयो भला तम सब दखत रह सोहम हम सब कया करत उनका आदर जो करना था गर जी दखो चबली का रासता काटना दहली पर छीकना आचद सब अधचवशवास ह सषमा पर सभी लाग तो मानत ह गर जी बीमारी होन क अनक कारर होत ह दवा ही उसका एकमात उपाय ह िलो हम चमलकर

मोहन की मॉ को समझात ह चजसस उनकी आख खल जाएगी सभी चमलकर एक साथ बोलत ह lsquolsquoअधचवशवास स दर रहो सतय की पहिान करो rsquorsquo

14

टवचार मथन

सदव धयान म रखोसवय अधययनमहानzwnjविभवतयोzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjवकसीzwnjएकzwnjकzwnjकायथिzwnjपरzwnjपािzwnjिाकयzwnjवलखोzwnjzwnj

१zwnjबाबाzwnjजीzwnjनzwnjमॉzwnjकोzwnjकयाzwnjवदयाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj२zwnjमोहनzwnjकोzwnjदखनzwnjकौन-कौनzwnjआएzwnj३zwnjबचोzwnjकाzwnjरासताzwnjवकसनzwnjकाटाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj4zwnjगरzwnjजीzwnjनzwnjबचोzwnjकोzwnjकयाzwnjसमझायाzwnj

एक वाकय म उततर टलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

िटकलzwnjपहवलयॉzwnjसनोzwnjऔरzwnjवकसीzwnjकायथिकरमzwnjमzwnjzwnjसनाओzwnj

वहतोपदशzwnjकीzwnjकोईzwnjएकzwnjकहानीzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjउससzwnjसबवधतवितzwnjबनाओzwnj

अपनzwnjदzwnjिाराzwnjवकएzwnjगएzwnjवकसीzwnjअचछzwnjकायथिzwnjकाzwnjअनभिzwnjबताओzwnj

वहिकीzwnjआनzwnjजसीzwnjवकरयाओzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjउनकzwnjकारणzwnjवलखोzwnjzwnjzwnj

वबनाzwnjसोिzwnjसमझzwnjवकसीzwnjबातzwnjपरzwnjविशिासzwnjनाzwnjकरzwnj

नएzwnjशबदोzwnjकोzwnjशबदकोशzwnjमzwnjसzwnjढढ़करzwnjिणथिकरमानसारzwnjवलखाzwnjzwnj

अधययन कौशल zwnjविजानzwnjकाzwnjफलाओगzwnjपरकाशzwnjतोzwnjहोगाzwnjअधविशिासzwnjकाzwnjनाशzwnj

अधविशिासzwnjकzwnjकारणzwnjऔरzwnjउसzwnjदरzwnjकरनzwnjकzwnjउपायzwnjढढ़ोzwnjताzwnjवकसीzwnjएकzwnjपरसगzwnjकोzwnjपरसततzwnjकरोzwnjzwnj

खोजबीन

समझो हम

अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद

१ ल कलम ७ -

२ - 8 क

३ सा ९ ला

4 म १० य

5 टी ११ वश

६ क १२ ग

टचत की सहायता स बारहखडी क शबद बनाकर टलखो

१4

15१5

q चवद याचथथियो स लोरी गवाऍ और उसका अथथि तथा सदभथि समझाऍ उसपर ििाथि कर माता-चपता जी का महतव पछ उनह अपनदादी जी नानी जी क गरो को उजागर करन वाली कोई घटना बतान क चलए कह अनय लोरी सनाए और गवाऍ

जनम १७ जन १९६२ रचनाऍ लचतका गजार सवर-वयजन शबदो क पास आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म लोरी क माधयम स मॉ का बच क परचत वातसलय भाव परकट चकया गया ह

सनो पढ़ो और गाओ ः

यदि सच म हमार मामा का घर चॉि पर होता तोजरा सोचो बताओ

7 मनी रानी-अशोक चसह सोलकी

सा जा सो जा मनी रानी बात मान ल मरी दध-मलाई तम को दगीमधर सनाऊगी लोरी

रात सहानी आएगी जबिदा आ मसकाएगा शीतल िमकीली चकररो सतब वह तमह ररझाएगा

16

सव अधनरबद वयाटटकयानए रबदशीतल = ठडा ररझािा = मि मोहिावि = सिय

अपि पररिार क वपरय वयकति क वलए िार कावय पकतिया वलखो

मरयाठी अशा समोचयाररत रबद टहदी अशा

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीनविवभनन कषतो की अवधक-स-अवधक दस lsquoपरम भारतीय मवहलाओrsquo की सवित ािकारी कापी म विपकाओ

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भयाषया की ओरवहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अथि वभननता बताओ और वलखो

ब त मॉगगी उसको हील म उस वदखाऊगी िदा मामा आए मननीकह तमको बहलाऊगी

िदा मामा आकर तमको दग अपिा सारा पयार औ म भी वि परम हदय का दगी विशिय तम पर िार पलक बद कर सो ा लदीपयारी मननी रािी

17

जोडो हम पड क पततो पर टदए गए वरणो स सयकाकषरयक शबद बनाओ (आध हाकर पाई हटाकर हल लगाकर lsquoरrsquo क परकार )(कzwnjफzwnjगzwnjतzwnjzwnjघzwnjषzwnjिzwnjदzwnjमzwnjहzwnjठzwnjडzwnjटzwnjप)

जानवरो की डॉकटर

टगद ध

मगाण

डटरम

लकडबगाटट ट

इदरधनष

कतता

गzwnjत

िद ट

ह ठ

डट

मप

फटमगो

कटवता की पलकयॉ परी करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

नीवतपरकzwnjदोहzwnjसनोzwnjऔरzwnjआनदपिथिकzwnjसनाओzwnjzwnjzwnj

सभदाकमारीzwnjिौहानzwnjकीzwnjकविताzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjसमहzwnjमzwnjगाओzwnj

zwnjzwnjमॉzwnjकोzwnjएकzwnjवदनzwnjकीzwnjछटzwnjटीzwnjदीzwnjजाएzwnjतोzwnjकयाzwnjहोगाzwnj

वनधाथिररतzwnjविषयzwnjपरzwnjभाषणzwnjतयारzwnjकरोzwnjzwnj

सदव धयान म रखोजीिनzwnjमzwnjमाता-वपताzwnjकाzwnjसानzwnjअनमोलzwnjहzwnjzwnj

अपनzwnjपररिारzwnjकाzwnjिशzwnjिकषzwnjतयारzwnjकरोzwnjऔरzwnjररशत-नातोzwnjकzwnjनामzwnjवलखोzwnj

अधययन कौशल

zwnjजननी-जनमभवमशिzwnjसिगाथिदवपzwnjगरीयसीzwnj

टवचार मथन

१zwnjरातzwnjसहानीzwnjzwnjzwnjररझाएगाzwnj

२zwnjिदाzwnjमामाzwnjzwnjzwnjमननीzwnjरानीzwnj

18

सव अधन-१

एक स सौ तक की उलटी वगिती सिो पढ़ो और कापी म वलखो

बीसउनीसअठयारहसतहसोलहपदरहचौदहतरहबयारहगयारह

दसनौआठसयातछहपयाचचयारतीनदोएक

चयालीस

उनतयालीस

अड़तीस

सतीस

छतीस

पतीस

चौतीस

ततीस

बतीस

इकतीस

पचयास

उनचयास

अड़तयालीस

सतयालीस

टछयालीस

पतयालीस

चवयालीस

ततयालीस

बयालीस

इकतयालीस

सयाठउनसठअट ठयावनसतयावनछपपनपचपनचौवनटतरपनबयावनइकयावन

सतरउनहतरअड़सठसड़सठटछयासठपसठचौसठटतरसठबयासठइकसठ

अससीउनयासीअठहतरसतहतरटछहतरपचहतरचौहतरटतहतरबहतरइकहतर

नबबनवयासीअठयासीसतयासीटछयासीपचयासीचौरयासीटतरयासीबयासीइकयासी

सौ

टननयानव

अठयानव

सतयानव

टछयानव

पचयानव

चौरयानव

टतरयानव

बयानव

इकयानव

तीस

उनतीस

अट ठयाईस

सतयाईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

तईसबयाईस

इकीस

१8

19

माता-टपता सअपन बार म

सनो

टपछल वषण टकए अपन टवशष कायण

बताओ

बाल सभा म परटतटदन बोध कथा का वाचन करो

वषण भर क खल- समाचारो का सटचत सकलन परसतत करो

कटतउपकरम

न र स ल ड त विक

१ वरणमाला सनाअो और टवशष वरणो क उचारर पर धयान दो

२ टवद यालय क सनह सममलन का वरणन करो

३ पसदीदा टवषय पर टवजापन बनाकर उसको पढ़ो

4 फल-फलो क दस-दस नाम टलखो

5 अकषर समह म स लखलाटडयो क नाम बताओ और टलखो

धया

ि

री

शा

लखा

ि

का

ना

वस

सा

जा

वम

बा खा

ल िा न

वन वम सा जाथि या

पनरावतणन - १ फलो क नाम फलो क नाम

zwnj१ zwnj१zwnj२ zwnj२zwnj३ zwnj३zwnj4 4zwnj5 5zwnj६ zwnj६zwnj७ zwnj७zwnj8 8zwnj९ zwnj९१० १०

20

दखो समझो आर चचयाशा करो ः

q विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर उिको परशि पछि क वलए कह बड़ो की सहायता स उनह डाकघर म ाकर वटकट खरीदिता बक म बाल-बित खाता खलिाि और पररवित डावकए बक कमथििारी िसथि हिलदार स बातिीत करि की सििा द

१ उपोग हमयार

मनीआडशार

बचत खयातया

रटजसटटीटटकट

हम आपकी आवशकतया समझत ह

डयाकघर

कड़या दयान

बचत आपकी

पगटत दर की

सचनया

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

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22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

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पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

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सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

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१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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Page 4: विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

परसतषाविषा

(डॉ सनिल मगर)सिषालक

मिाराषटर राजय पाठ यपसिक हनहमवािी अभयासकरम सशोिन मडळ पर-०4

पण नदिषाक ः- ९ मई २०१६ अकयततीयषा भषारतीय सौर १९ वशषाख १९३8

बचचो कषा lsquo निःशलक एव अनिवषायमि नशकषानधकषार अनधनियम २००९ और रषाषटरीय पषाठ यकरम परषारप-२००5rsquo को दतषगत रखत हए रषाजय की lsquoपरषाथनमक नशकषा पषाठ यियषामि-२०१२rsquo तयषार की गई इस पषाठ यियषामि पर आधषाररत नहदी द नवतीय भषाषषा (सयकत) lsquoसगमभषारतीrsquo की पषाठ यपसतक मडळ परकषानशत कर रहषा ह छठी ककषा की यह पसतक आपक हषाथचो म सौपत हए हम नवशष आिद हो रहषा ह

नहदीतर नवद यषालयचो म छठी ककषा नहदी नशकषा कषा द नवतीय सोपषाि ह छठी ककषा क नवद यषानथमियचो की सीखि की परनकरयषा सहज-सरल बिषाि क नलए इस बषात कषा धयषाि रखषा गयषा ह नक यह पसतक नितषाकषमिक नितमय कनतपरधषाि और बषालसिही हो परषाथनमक नशकषा क नवनभनन िरणचो म नवद यषाथथी नितित रप स नकि कमतषाओ को परषापत कर यह अधययि-अधयषापि करत समय सपष हषािषा िषानहए इसक नलए परसतत पषाठ यपसतक क परषारभ म नहदी भषाषषा नवषय की अपनकत कमतषाओ कषा पषठ नदयषा गयषा ह इि कमतषाओ कषा अिसरण करत हए पषाठ यपसतक म समषानवष पषाठ यषाशचो की िषानवनयपणमि परसतनत की गई ह

नवद यषानथमियचो की अनभरनि को धयषाि म रखकर नहदी भषाषषा नशकषा मिोरजक एव आिददषायी बिषाि क नलए योगय बषालगीत कनवतषा नितकथषा और रगीि नितचो कषा समषावश नकयषा गयषा ह भषाषषाई दतष स पषाठ यपसतक और अनय नवषयचो क बीि सहसबध सथषानपत करि कषा परयि नकयषा गयषा ह इि घटकचो क अधयषापि क समय नवद यषानथमियचो क नलए अधययि-अिभव क नियोजि म शषालषाबषाह य जगत एव दनिक वयवहषार स जड़ी बषातचो को जोड़ि कषा परयषास नकयषा गयषा ह वयषाकरण को भषाषषा अधययि क रप म नदयषा गयषा ह

पषाठ यपसतक को सहजतषा स कनठि की ओर तथषा जषात स अजषात की ओर अयत सरलतषा पवमिक ल जषाि कषा पणमि परयषास नकयषा गयषा ह नशकक एव अनभभषावकचो क मषागमिदशमिि क नलए सििषाए lsquoदो शबदrsquo तथषा परयक पषठ पर lsquoअधयषापि सकतrsquo क अतगमित दी गई ह यह अपकषा की गई ह नक नशकक तथषा अनभभषावक इि सििषाओ क अिरप नवद यषानथमियचो स कनतयॉ करवषाकर उनह योगय शली म अगरसर होि तथषा नशकषा गरहण करि म सहषायक नसद ध हचोग lsquoदो शबदrsquo तथषा lsquoअधयषापि सकतrsquo की य सििषाऍ अधययि-अधयषापि की परनकयषा म नितित उपयोगी हचोगी

नहदी भषाषषा सनमनत भषाषषा अभयषासगट और नितकषारचो क निषठषापणमि पररशम स यह पसतक तयषार की गई ह पसतक को दोषरनहत एव सतरीय बिषाि क नलए रषाजय क नवनवध भषागचो स आमनतत नशककचो नवशषजचो दषारषा पसतक कषा समीकण करषायषा गयषा ह समीककचो की सििषा और अनभपरषायचो को दतष म रखकर नहदी भषाषषा सनमनत ि पसतक को अनतम रप नदयषा ह lsquoमडळrsquo नहदी भषाषषा सनमनत अभयषासगट समीककचो नितकषारचो क परनत हदय स आभषारी ह आशषा ह नक नवद यषाथथी नशकक अनभभषावक सभी इस पसतक कषा सवषागत करग

अनकरमणिका

कर पाठ का नाम पषठ कर कर पाठ का नाम पषठ कर

मला १

१ सर २३

२ बाली यह धान की 4-६

३ अपनी परकणि ७-९

4 (अ) आओ आय बिाना सीखो १०

(ब) महाराषटर की बटी

5 एक चपािी ११

६ सीख १२-१4

७ मनी रानी १5-१७

सवय अधययन -१ १8

पनरावितन -१ १९

पहली इकाई दसरी इकाई

१ उपयोग हमार २०२१

२ एक णकरन २२-२4

३ सवितरिा २5-२७

4 (अ) कया िम जानि हो २8

(ब) पहणलयॉ

5 जोकर २९-३०

६ उतिम णिका ३१-३३

७ करना ह णनमाति ३4-३६

सवय अधययन -२ ३७

पनरावितन - २ ३8

1

q अधयापन सकत ः विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर परशि पछ उिस मल का पिाथििभि कहलिाए ता वदए गए िाकय का समझाए पररवित फरीिाला सबीिाली आवद वयिसावययो क सख-दख को समझकर उिस बातिीत करि क वलए परररत कर

पहचयानो और बतयाओ ः मलया

सहयातया ककष

दमकल

सरकषया - चौकी

बद-बद पयानी

बचयाओ

कड़या दयान

2

दखो समझो और बतयाओ ः

q वितो म कया-कया वदखाई द रहा ह उिपर ििाथि कर विद यावथियो स अपिी याता का कोई परसग सिाि क वलए कह उिस आिागमि क साधिो का ल ल िाय मागथि क अिसार िगगीकरण कराकर वितो सवहत विसततत ािकारी का सगरह कराऍ

१ सर

बदरगयाह

पयानी म कचरया न डयाल

सिचछ भारत

सिस भारत

अयापकी यातया सखद हो बस सयानक

रयाषटी सपतत हमयारी सपतत

फलयाट कर १ फलयाट कर २ फलयाट कर ३ सवचछतयागह

पीन कया पयानी

3

q विद यावथियो स अािागमि क साधिो का महति कहलिाऍ वदए गए िाकयो को समझाकर उिस इसी परकार क अनय िाकयो कासगरह कराऍ सािथिविक सलो की सिचछता पर उिस ििाथि कर याता म मवहलाओ एि ितद धो की सहायता क वलए परररत कर

अपन सयामयान कया धयान रख

टटकट घर अयारकषण

धमरपयान मनया ह

लयावयाररस वसतओ को हया न लगयाऍ

रल सयानक

पहली इकयाई

अतररयाषटी हवयाई अड डया

हवयाई अड डया

4

सनो और गाओ ः

सवय अधययन

q उचित हाव-भाव लय-ताल क साथ कचवता पाठ कर चवद याचथथियो स वयकतिगत तथा गट म ससवर पाठ कराऍ कचवता म धान की बालीका चकसान की बटी क रप म परतीकातमक वरथिन चकया गया ह खती की आवशयकता बतात हए चकसान क कायथि पर ििाथि कर

4

जनम ७ अपरल १९३३ मतय २६ फरवरी १९९8 रचनाऍ जलता हआ सफर मरी गजल मशाल नीला अबर साथी मरा आचद पररचय आप गजलकार क रप म परचसद ध ह

परसतत कचवता म खती का महतव और चकसान क शरम को अनमोल बताया गया ह

(१) नीच दिए गए दचतरो की सहायता स पाकदतक सिरता िराशान वाला एक दचत बनाकर उसम रग भरो (२) अपन दचत क बार म बोलो

खतो म झम रही बाली यह धान की झमक-झमक िलतीजयो बटी चकसान की

२ बाली यह धान की- डॉहनमत नायड

बदो न पयार चदयाबरखा न पाला ह िदा न रप चदया सरज रखवाला ह छाया ह मडप-सी

नील चवतान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

5

जरा सोचो बताओ

यचद परकचत म सदर - सदर रग नही होत तो

q कदतपशन हत अधयापन सकत - परतयक कचतपरशन को शीरथिक क साथ चदया गया ह चदए गए परतयक कचतपरशन क चलएआवशयक सामगी उपलबध कर कषमताओ और कौशलो क आधार पर इनह चवद याचथथियो स हल करवाऍ आवशयकतानसारचवद याचथथियो का मागथिदशथिन करत हए अनय चशकषको की भी सहायता परापत कर lsquoदो शबदrsquo म दी गई सिनाओ का पालन कर

q पराकचतक आपदाओ (भकप बाढ़ अकाल आचद) स बिाव क उपाय बताऍ और चवद याचथथियो स कहलवाऍ अनय कचवता सनाऍदोहरवाऍ इसम सभी को सहभागी कर परकचत क सतलन एव सवधथिन सबधी जानकारी द परतयक क अपन सहयोग पर ििाथि कर

5

मन समझा

रबि वादिका

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

धान

बाली

बरखा

जीतगीत

जग

भाषा की ओर

चदए गए शबदो क लययति शबद चलखो

पड़ो पर पछी हमड़ो पर शोर ह वशी की तान चलएआती हर भोर ह

सकखयो-सी गाती हचकरर चवहान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

शरम का यह मोती हमहनत की जीत ह फसलो क आिल सझरता यह गीत ह

महनत ही पजी हजग म इनसान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

नए रबिचवतान = चवसतार आकाशमड़ = खत क िारो ओर चमट टी का बनाया हआ घरा वशी = बॉसरीतान = सरभोर = परातकाल आिल = साड़ी का पल

6

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

सदव धयान म रखो

टवचयार मन

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

तयोहार सबधी कोई एक गीत सिो और दोहराओ

कवििर सवमतािदि पत की कविता का मखर िािि करो

पाकसटक माथिकोल आवद परदरण बढ़ाि िाल घटको का उपयोग हाविकारक ह

lsquoशालय सिचछता अवभयािrsquo म तमहारा सहयोग बताओ

सपताह म एक वदि वकसी कविता का सलखि करो

अधन कौरल

ररकत सयानरो की पटतशा करो

खोजबीन

अ आ इ ई उ ऊ ॠ ए ऐ ओ औ अ अ अ ऑ

क ख ग घ ङ ि छ झ ञ ट ठ ड ढ ण ड़ ढ़ त द ध ि प फ ब भ म य र ल ि श र स ह ळ कष त जञ शर

दपशाण म दखकर पढ़ो पहचयानो हम

य िाि य वकसाि य विजञाि

१ बदो ि वदया २ पड़ो पर ह ३ िील की 4 झरता यह ह

बोआई स मडी तक की परवरियाओ क बार म बताओ

कवर क आधविक उपकरणो की ािकारी परापत करा और वलखो

7

नाम हमार दचत पहचानकर उनक नाम दलखो

q कहानी म आए सजा शबदो (पवथित सोनपरी सभी खशी पानी) को शयामपट ट पर चलख सजा क भदो को सरल परयोगो द वारासमझाए उपरोति कचत करवान क पशिात चवद याचथथियो स इस परकार क अनय शबद कहलवाऍ उनस दढ़ीकरर भी कराऍ चवद याचथथिया को परी जसी कालपचनक सकलपना स यथाथथि की ओर ल जाना ह उनह परशनोततर क माधयम स कहानी सनाऍ

सनो और िोहराओ ३ अपनी पकदत

इस कहानी म बचो न अपनी चपरय वसतऍ परकचत को दकर उसक परचत कतजता का भाव परकट चकया ह

एक चदन फड ररक चहतदर मखतार पराजतिा चसद चध शचमथिषा कषरा चबट ट तकपत चिनमय सोनपरी क साथ बगीि म खल रह थ कावया पड़ क नीि बठी इन सबका खल दख रही थी चक अिानक एक पतता ऊपर स आ चगरा कावया न ऊपर दखा हरा-भरा पड़ और उसकी घनी छाया फली थी वह सोिन लगी lsquoपरकचत चकतना कछ दती ह हम भी उस कछ दना िाचहए rsquo

उसन सभी को बलाया और अपन चविार बताए सभी सािन लग-lsquoअर हॉ हम भी कछ दना िाचहए rsquo चिनमय बाला lsquolsquoकयो न बाल चदवस पर हम परकचत को कछ दrsquorsquo सभी न सोनपरी का अपना चविार बताया

सोनपरी को बहत हरथि हआ वह सबको अपन साथ लकर आकाश म उड़ िली उसन कहा lsquolsquoनकी और पछ-पछ lsquoदोसतो तम जो कछ परकचत को दना िाहत हो उसकी कलपना करो म तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo फड ररक और चसद चध न अपन कखलौन आकाश को दन का मन बनाए सोित ही कखलौनो न बादलो का रप चलया और पानी बरसन लगा

कावया और चहतदर न पवथित को चमठाई दन की इचछा वयति की यह इचछा शानदार वकषो म बदल गई शचमथिषा एव कषरा पथवी को अपनी गचड़या दना िाहती थी दखत-दखत उनकी िाह नचदयॉ बनकर पथवी पर बहन लगी

8

भाषा की ओरशबद वाटिका

खोजबीन

नए शबदहरष = आनदकषण = पलअद भत = अनोखामहावरनकी और पछ-पछ = अचछ काम क ललए पछन की अावशयकता नहीभावलवभोर होना = आनलदत होना

लनमनललखखत शबदो क समानारथी शबद कहानी स ढढकर बताओ

8

आकाश लमतर

धरा लिरर

सिध

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

तखति और पाजका न अपनी-अपनी चलियॉ दन का मन बनाया कछ ही कषणो म सारी धरती हरी-भरी हो िई मानो धरती न धानी चनर ओढी हो मखतार और लबट ट न अपनी रि पटी दनी चाही और कछ ही कषणो म सारा आसमान लटमलटमात तारो स भर िया सारी पकलत दलहन की तरह सज िई री लजस-लजस न जो चाहा सोनपरी न वह सब लकया

अब पकलत म पछी मधर सवर म िान लि कलकल झरनो न वातावरण म सिीत भर लदया मद

रपयो (नोट) पर ललखी कीमत लकतनी और लकन भाराओ म अलकत ह बताओ

पवन बहन लिा फलो न हवा म मीठी खशब भर दी बच खशी स नाचन लि और परी को धनयवाद दन लि लक परी न सचमच पकलत को अद भत बना लदया तभी पाजका क लसर पर एक पका आम आ टपका

एकाएक पाजका की नीद खल िई उसन खखिकी स बाहर झॉका तो पाया लक पकलत ठीक वसी ही लदख रही ह जसी उसन अभी-अभी सपन म दखी री वह भावलवभोर हो िई

9

साइचकल िलाओ पयाथिवरर बिाओ

दवचार मथन

१ lsquolsquoपरकचत चकतना कछ दती ह rsquorsquo २ lsquolsquoम तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo३ lsquolsquoबाल चदवस पर हम परकचत को कछ द rsquorsquo 4 lsquolsquoनकी और पछ-पछ rsquorsquo

दकसन दकसस कहा ह बताओ

सवय अधययनचदए गए चितो क आधार पर उचित और आकरथिक चवजापन तयार करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

काटथिन कथा सनकर उस हाव-भाव सचहत सनाओ

महादवी वमाथि क रखाचित पढ़कर उसक पातो क नाम चलखो

बड़ होकर कया बनना िाहत हो

इस कहानी क चकसी एक अनचछद का अनलखन करो

सिव धयान म रखोपरकचत स हम दन की सीख चमलती ह

चकसी पररचित अनय कहानी लखन क चलए मद द तयार करो

अधययन कौरल

जरा सोचो बताओयचद तमह परी चमल जाए तो

10

q विदzwnjयावथियोzwnjकीzwnjजोवियॉzwnjबनाकरzwnjआयzwnjबतानzwnjकाzwnjखलzwnjखलिाऍzwnjऔरzwnjउनहzwnjमजदारzwnjपहवलयॉzwnjबझनzwnjकzwnjवलएzwnjदzwnjzwnjउनहzwnjइसीzwnjपरकारzwnjकzwnjअनयzwnjविषयोzwnjकzwnjभीzwnjखलzwnjखलनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjउनसzwnjपहवलयोzwnjऔरzwnjखलोzwnjकाzwnjवितोzwnjसवहतzwnjवलखखतzwnjसगरहzwnjकरिाऍzwnjअौरzwnjखलिाऍzwnj

4(अ) आओ आय बताना सीखो

(१)zwnjअपनzwnjवमतzwnjकोzwnjउसकीzwnjितथिमानzwnjआयzwnjमzwnjअगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआयzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(२)zwnjzwnjउसzwnjइसzwnjयोगफलzwnjकोzwnj5zwnjसzwnjगणाzwnjकरनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(३)zwnjपरापतzwnjगणनफलzwnjमzwnjउसzwnjअपनzwnjजनमिषथिzwnjकाzwnjइकाईzwnjअकzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjकहzwnjzwnj(4)zwnjपरापतzwnjयोगफलzwnjमzwnjसzwnj5zwnjघटाzwnjदzwnjzwnj(5)zwnjघटानzwnjकzwnjबादzwnjजोzwnjसखयाzwnjपरापतzwnjहोगीzwnjउसकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसzwnjसतzwnjकोzwnjउदाहरणzwnjसzwnjसमझतzwnjहzwnj

zwnj मानzwnjलोzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnj१०zwnjिषथिzwnjऔरzwnjजनमzwnjिषथिzwnj२००4zwnjहzwnjतो-(१)zwnj१०zwnj(ितथिमानzwnjआय)zwnj+zwnj११zwnj(अगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआय)zwnj=zwnj२१zwnj (२)zwnj२१Icirczwnj5zwnj=zwnj१०5(३)zwnj१०5zwnj+zwnj4zwnj=zwnj१०९zwnj zwnj zwnj zwnj zwnj (4)zwnj१०९zwnj-zwnj5zwnj=zwnj१०4

१०4zwnjकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjअाथितzwnj१०zwnjिषथिzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसीzwnjआधारzwnjपरzwnjअपनzwnjपररजनोzwnjपररवितोzwnjअनयzwnjवमतोzwnjकोzwnjउनकीzwnjआयzwnjबताकरzwnjआशियथिzwnjिवकतzwnjकरzwnjसकतzwnjहोzwnjzwnjपरतयकषzwnjकरकzwnjदखोzwnj

qविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjदोनोzwnjवितोzwnjकाzwnjदखकरzwnjउनमzwnjअतरzwnjढढ़करzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjभारतzwnjकzwnjविवभननzwnjराजयोzwnjकzwnjखानपानzwnjपहनािाzwnjआभषणzwnjजसzwnjअनयzwnjविषयोzwnjपरzwnjििाथिzwnjकराऍzwnjzwnjउनमzwnjसमानताzwnjऔरzwnjविविधताzwnjबतातzwnjहएzwnjलागोzwnjकzwnjआपसीzwnjसबधोzwnjकोzwnjसपषटzwnjकरzwnj

(ब) महाराषटर की बटी

आकलन

अतर बताओ

11

q चवद याचथथियो स एकल एव सामचहक कचवता पाठ कराऍ परशनोततर क माधयम स चबली और िपाती क बीि हए सवादो को सपषटकर उनह बाल-जगत स सबचधत अनय चकसी कलपना क परचत बाल मनोभाव वयति करक परसतत करन क चलए परोतसाचहत कर

गाओ आर समझो ः

जनम २ जन १९4६ टीकमगढ़(मधयपरदश) रचनाऍ चहदी क नए बालगीत उड़न खटोल एक िपाती और अनय बालकचवताऍ आचद पररचय आप १९६5 स परमख राषटटीय दचनको म लखन कर रह ह

इस कचवता म िपाती और चबली क बीि घटी मजदार घटना को हासय रप म वयति चकया ह

5 एक चपाती

ताती-ताती एक िपातीचदखी तव पर पट फलातीचबली मौसी बोली-lsquolsquoमयॉऊ भख लगी म तझको खाऊ rsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-lsquolsquoमौसी पहल मकखन ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoदख िपाती की ठनगन चबली ल आई मकखन गराथिकर चफर बोली-lsquolsquoमयाऊ अब तो म तझको खा जाऊrsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-

lsquolsquoहॉ हॉ पहल गड़ तो ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoचबली िल दी गड़ लान लगी लौटकर झझलान lsquolsquoमयाऊ मयाऊ मयाऊ अब म खाऊ अब म खाऊrsquorsquoमन ही मन म गढ़ी िपाती सोिा-lsquoअब तो मरी िपाती rsquoचिढ़कर बोली-lsquoखा नकटी rsquoचबली गसस म झपटी कमर म आत ही मॉ क चबली भागी दम दबा क आख खोल िपाती मसकाई मॉ न उसकी जान बिाई

-रमश तलग

12

सनो और समझो ः

नाम तमार

q सवाद म आए सववनाम शबदो (म वह कछ जसा-वसा अपन-अाप) को शामपट ट पर लिख इनक भदो को पराग द वारासमझाऍ और अन शबद कहिाऍ लवद ालवो स कलि करवान क पशाि उनका वाको म परोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ लवद ाल व ो स सवाद पढ़वाऍ और परशन बनाकर एक-दसर स पछन क लिए कह उनस अधलवशवास पर ाव कराऍ

६ सीखइस सवाद म बिाा गा ह लक अधलवशवास स दर रहना ालहए

[मोहन बीमारी क कारण रो रहा ह मॉ उस समझा रही ह ]मॉ रोओ मि बट ठीक हो जाओग िो मतरवािा पानी बाबा जी न लदा ह मोन इसस का होगा मॉ मॉ इसस िमहारी बीमारी छमिर हो जाएगी म वसा ही कर रही ह जसा कहा गा ह

[मोहन क लमतर एव सहलिो का आगमन]सोम मोहन अब कसी ह िबीि मोन अर का बिाऊ िकिीफ िो बढ़ ही रही ह शिला असपिाि नही गए दवाई िो िनी ी मॉ नही उसकी जररि भी नही इस लकसी की नजर िग गई ह बाबा जी न मतरवािा

पानी लदा ह वह दो-एक लदन म अपन-आप ठीक हो जाएगा

----------

-----

-----

--------

-----

--------

शितर दखकर उशित सरवनाम म शिखो (त म र य कया जसा-रसा अन-आ)

13

रबि वादिका

जरा सोचो बताओ

नए रबितकलीफ = ददथि पीड़ािौकना = अाशियथििचकत होना उफनना = उबलनामहावरतरस आना = दया आनाआख खलना = सही बात समझ म आना दध का दध और पानी का पानी करना = नयाय करना

यचद रात और चदन न होत तो

सतीदलग पललगएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- चबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- नाग----- मनाऍ ----- -----

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो क चलग और विन बदलकर चलखो

सभी दमत मोहन तबीयत की तरफ धयान दो हम चनकलत ह (बच जस ही बाहर चनकल उसी समय एक चबली न उनका रासता काटा )

सषमा लो अब तो हम लोगो का काम नही होगा महर मझ भी ऐसा ही लगता ह चबली न रासता काटा ह सोहन अर दखो तो सामन स गर जी आ रह ह गर जी भी मोहन क घर जा रह होग सषमा गर जी अभी हम सब आपक घर ही आन वाल थ पर चबली न रासता काट चदया दरलपा गर जी दध का दध और पानी का पानी करग महर हमन दखा मोहन की मॉ बीमार मोहन को कोई मत फका हआ पानी चपला रही थी गर जी कयो भला तम सब दखत रह सोहम हम सब कया करत उनका आदर जो करना था गर जी दखो चबली का रासता काटना दहली पर छीकना आचद सब अधचवशवास ह सषमा पर सभी लाग तो मानत ह गर जी बीमारी होन क अनक कारर होत ह दवा ही उसका एकमात उपाय ह िलो हम चमलकर

मोहन की मॉ को समझात ह चजसस उनकी आख खल जाएगी सभी चमलकर एक साथ बोलत ह lsquolsquoअधचवशवास स दर रहो सतय की पहिान करो rsquorsquo

14

टवचार मथन

सदव धयान म रखोसवय अधययनमहानzwnjविभवतयोzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjवकसीzwnjएकzwnjकzwnjकायथिzwnjपरzwnjपािzwnjिाकयzwnjवलखोzwnjzwnj

१zwnjबाबाzwnjजीzwnjनzwnjमॉzwnjकोzwnjकयाzwnjवदयाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj२zwnjमोहनzwnjकोzwnjदखनzwnjकौन-कौनzwnjआएzwnj३zwnjबचोzwnjकाzwnjरासताzwnjवकसनzwnjकाटाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj4zwnjगरzwnjजीzwnjनzwnjबचोzwnjकोzwnjकयाzwnjसमझायाzwnj

एक वाकय म उततर टलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

िटकलzwnjपहवलयॉzwnjसनोzwnjऔरzwnjवकसीzwnjकायथिकरमzwnjमzwnjzwnjसनाओzwnj

वहतोपदशzwnjकीzwnjकोईzwnjएकzwnjकहानीzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjउससzwnjसबवधतवितzwnjबनाओzwnj

अपनzwnjदzwnjिाराzwnjवकएzwnjगएzwnjवकसीzwnjअचछzwnjकायथिzwnjकाzwnjअनभिzwnjबताओzwnj

वहिकीzwnjआनzwnjजसीzwnjवकरयाओzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjउनकzwnjकारणzwnjवलखोzwnjzwnjzwnj

वबनाzwnjसोिzwnjसमझzwnjवकसीzwnjबातzwnjपरzwnjविशिासzwnjनाzwnjकरzwnj

नएzwnjशबदोzwnjकोzwnjशबदकोशzwnjमzwnjसzwnjढढ़करzwnjिणथिकरमानसारzwnjवलखाzwnjzwnj

अधययन कौशल zwnjविजानzwnjकाzwnjफलाओगzwnjपरकाशzwnjतोzwnjहोगाzwnjअधविशिासzwnjकाzwnjनाशzwnj

अधविशिासzwnjकzwnjकारणzwnjऔरzwnjउसzwnjदरzwnjकरनzwnjकzwnjउपायzwnjढढ़ोzwnjताzwnjवकसीzwnjएकzwnjपरसगzwnjकोzwnjपरसततzwnjकरोzwnjzwnj

खोजबीन

समझो हम

अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद

१ ल कलम ७ -

२ - 8 क

३ सा ९ ला

4 म १० य

5 टी ११ वश

६ क १२ ग

टचत की सहायता स बारहखडी क शबद बनाकर टलखो

१4

15१5

q चवद याचथथियो स लोरी गवाऍ और उसका अथथि तथा सदभथि समझाऍ उसपर ििाथि कर माता-चपता जी का महतव पछ उनह अपनदादी जी नानी जी क गरो को उजागर करन वाली कोई घटना बतान क चलए कह अनय लोरी सनाए और गवाऍ

जनम १७ जन १९६२ रचनाऍ लचतका गजार सवर-वयजन शबदो क पास आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म लोरी क माधयम स मॉ का बच क परचत वातसलय भाव परकट चकया गया ह

सनो पढ़ो और गाओ ः

यदि सच म हमार मामा का घर चॉि पर होता तोजरा सोचो बताओ

7 मनी रानी-अशोक चसह सोलकी

सा जा सो जा मनी रानी बात मान ल मरी दध-मलाई तम को दगीमधर सनाऊगी लोरी

रात सहानी आएगी जबिदा आ मसकाएगा शीतल िमकीली चकररो सतब वह तमह ररझाएगा

16

सव अधनरबद वयाटटकयानए रबदशीतल = ठडा ररझािा = मि मोहिावि = सिय

अपि पररिार क वपरय वयकति क वलए िार कावय पकतिया वलखो

मरयाठी अशा समोचयाररत रबद टहदी अशा

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीनविवभनन कषतो की अवधक-स-अवधक दस lsquoपरम भारतीय मवहलाओrsquo की सवित ािकारी कापी म विपकाओ

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भयाषया की ओरवहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अथि वभननता बताओ और वलखो

ब त मॉगगी उसको हील म उस वदखाऊगी िदा मामा आए मननीकह तमको बहलाऊगी

िदा मामा आकर तमको दग अपिा सारा पयार औ म भी वि परम हदय का दगी विशिय तम पर िार पलक बद कर सो ा लदीपयारी मननी रािी

17

जोडो हम पड क पततो पर टदए गए वरणो स सयकाकषरयक शबद बनाओ (आध हाकर पाई हटाकर हल लगाकर lsquoरrsquo क परकार )(कzwnjफzwnjगzwnjतzwnjzwnjघzwnjषzwnjिzwnjदzwnjमzwnjहzwnjठzwnjडzwnjटzwnjप)

जानवरो की डॉकटर

टगद ध

मगाण

डटरम

लकडबगाटट ट

इदरधनष

कतता

गzwnjत

िद ट

ह ठ

डट

मप

फटमगो

कटवता की पलकयॉ परी करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

नीवतपरकzwnjदोहzwnjसनोzwnjऔरzwnjआनदपिथिकzwnjसनाओzwnjzwnjzwnj

सभदाकमारीzwnjिौहानzwnjकीzwnjकविताzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjसमहzwnjमzwnjगाओzwnj

zwnjzwnjमॉzwnjकोzwnjएकzwnjवदनzwnjकीzwnjछटzwnjटीzwnjदीzwnjजाएzwnjतोzwnjकयाzwnjहोगाzwnj

वनधाथिररतzwnjविषयzwnjपरzwnjभाषणzwnjतयारzwnjकरोzwnjzwnj

सदव धयान म रखोजीिनzwnjमzwnjमाता-वपताzwnjकाzwnjसानzwnjअनमोलzwnjहzwnjzwnj

अपनzwnjपररिारzwnjकाzwnjिशzwnjिकषzwnjतयारzwnjकरोzwnjऔरzwnjररशत-नातोzwnjकzwnjनामzwnjवलखोzwnj

अधययन कौशल

zwnjजननी-जनमभवमशिzwnjसिगाथिदवपzwnjगरीयसीzwnj

टवचार मथन

१zwnjरातzwnjसहानीzwnjzwnjzwnjररझाएगाzwnj

२zwnjिदाzwnjमामाzwnjzwnjzwnjमननीzwnjरानीzwnj

18

सव अधन-१

एक स सौ तक की उलटी वगिती सिो पढ़ो और कापी म वलखो

बीसउनीसअठयारहसतहसोलहपदरहचौदहतरहबयारहगयारह

दसनौआठसयातछहपयाचचयारतीनदोएक

चयालीस

उनतयालीस

अड़तीस

सतीस

छतीस

पतीस

चौतीस

ततीस

बतीस

इकतीस

पचयास

उनचयास

अड़तयालीस

सतयालीस

टछयालीस

पतयालीस

चवयालीस

ततयालीस

बयालीस

इकतयालीस

सयाठउनसठअट ठयावनसतयावनछपपनपचपनचौवनटतरपनबयावनइकयावन

सतरउनहतरअड़सठसड़सठटछयासठपसठचौसठटतरसठबयासठइकसठ

अससीउनयासीअठहतरसतहतरटछहतरपचहतरचौहतरटतहतरबहतरइकहतर

नबबनवयासीअठयासीसतयासीटछयासीपचयासीचौरयासीटतरयासीबयासीइकयासी

सौ

टननयानव

अठयानव

सतयानव

टछयानव

पचयानव

चौरयानव

टतरयानव

बयानव

इकयानव

तीस

उनतीस

अट ठयाईस

सतयाईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

तईसबयाईस

इकीस

१8

19

माता-टपता सअपन बार म

सनो

टपछल वषण टकए अपन टवशष कायण

बताओ

बाल सभा म परटतटदन बोध कथा का वाचन करो

वषण भर क खल- समाचारो का सटचत सकलन परसतत करो

कटतउपकरम

न र स ल ड त विक

१ वरणमाला सनाअो और टवशष वरणो क उचारर पर धयान दो

२ टवद यालय क सनह सममलन का वरणन करो

३ पसदीदा टवषय पर टवजापन बनाकर उसको पढ़ो

4 फल-फलो क दस-दस नाम टलखो

5 अकषर समह म स लखलाटडयो क नाम बताओ और टलखो

धया

ि

री

शा

लखा

ि

का

ना

वस

सा

जा

वम

बा खा

ल िा न

वन वम सा जाथि या

पनरावतणन - १ फलो क नाम फलो क नाम

zwnj१ zwnj१zwnj२ zwnj२zwnj३ zwnj३zwnj4 4zwnj5 5zwnj६ zwnj६zwnj७ zwnj७zwnj8 8zwnj९ zwnj९१० १०

20

दखो समझो आर चचयाशा करो ः

q विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर उिको परशि पछि क वलए कह बड़ो की सहायता स उनह डाकघर म ाकर वटकट खरीदिता बक म बाल-बित खाता खलिाि और पररवित डावकए बक कमथििारी िसथि हिलदार स बातिीत करि की सििा द

१ उपोग हमयार

मनीआडशार

बचत खयातया

रटजसटटीटटकट

हम आपकी आवशकतया समझत ह

डयाकघर

कड़या दयान

बचत आपकी

पगटत दर की

सचनया

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

Xyumlgar BH$mBcopy

22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

nwZamdVcopyZ - 2

१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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Page 5: विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

अनकरमणिका

कर पाठ का नाम पषठ कर कर पाठ का नाम पषठ कर

मला १

१ सर २३

२ बाली यह धान की 4-६

३ अपनी परकणि ७-९

4 (अ) आओ आय बिाना सीखो १०

(ब) महाराषटर की बटी

5 एक चपािी ११

६ सीख १२-१4

७ मनी रानी १5-१७

सवय अधययन -१ १8

पनरावितन -१ १९

पहली इकाई दसरी इकाई

१ उपयोग हमार २०२१

२ एक णकरन २२-२4

३ सवितरिा २5-२७

4 (अ) कया िम जानि हो २8

(ब) पहणलयॉ

5 जोकर २९-३०

६ उतिम णिका ३१-३३

७ करना ह णनमाति ३4-३६

सवय अधययन -२ ३७

पनरावितन - २ ३8

1

q अधयापन सकत ः विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर परशि पछ उिस मल का पिाथििभि कहलिाए ता वदए गए िाकय का समझाए पररवित फरीिाला सबीिाली आवद वयिसावययो क सख-दख को समझकर उिस बातिीत करि क वलए परररत कर

पहचयानो और बतयाओ ः मलया

सहयातया ककष

दमकल

सरकषया - चौकी

बद-बद पयानी

बचयाओ

कड़या दयान

2

दखो समझो और बतयाओ ः

q वितो म कया-कया वदखाई द रहा ह उिपर ििाथि कर विद यावथियो स अपिी याता का कोई परसग सिाि क वलए कह उिस आिागमि क साधिो का ल ल िाय मागथि क अिसार िगगीकरण कराकर वितो सवहत विसततत ािकारी का सगरह कराऍ

१ सर

बदरगयाह

पयानी म कचरया न डयाल

सिचछ भारत

सिस भारत

अयापकी यातया सखद हो बस सयानक

रयाषटी सपतत हमयारी सपतत

फलयाट कर १ फलयाट कर २ फलयाट कर ३ सवचछतयागह

पीन कया पयानी

3

q विद यावथियो स अािागमि क साधिो का महति कहलिाऍ वदए गए िाकयो को समझाकर उिस इसी परकार क अनय िाकयो कासगरह कराऍ सािथिविक सलो की सिचछता पर उिस ििाथि कर याता म मवहलाओ एि ितद धो की सहायता क वलए परररत कर

अपन सयामयान कया धयान रख

टटकट घर अयारकषण

धमरपयान मनया ह

लयावयाररस वसतओ को हया न लगयाऍ

रल सयानक

पहली इकयाई

अतररयाषटी हवयाई अड डया

हवयाई अड डया

4

सनो और गाओ ः

सवय अधययन

q उचित हाव-भाव लय-ताल क साथ कचवता पाठ कर चवद याचथथियो स वयकतिगत तथा गट म ससवर पाठ कराऍ कचवता म धान की बालीका चकसान की बटी क रप म परतीकातमक वरथिन चकया गया ह खती की आवशयकता बतात हए चकसान क कायथि पर ििाथि कर

4

जनम ७ अपरल १९३३ मतय २६ फरवरी १९९8 रचनाऍ जलता हआ सफर मरी गजल मशाल नीला अबर साथी मरा आचद पररचय आप गजलकार क रप म परचसद ध ह

परसतत कचवता म खती का महतव और चकसान क शरम को अनमोल बताया गया ह

(१) नीच दिए गए दचतरो की सहायता स पाकदतक सिरता िराशान वाला एक दचत बनाकर उसम रग भरो (२) अपन दचत क बार म बोलो

खतो म झम रही बाली यह धान की झमक-झमक िलतीजयो बटी चकसान की

२ बाली यह धान की- डॉहनमत नायड

बदो न पयार चदयाबरखा न पाला ह िदा न रप चदया सरज रखवाला ह छाया ह मडप-सी

नील चवतान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

5

जरा सोचो बताओ

यचद परकचत म सदर - सदर रग नही होत तो

q कदतपशन हत अधयापन सकत - परतयक कचतपरशन को शीरथिक क साथ चदया गया ह चदए गए परतयक कचतपरशन क चलएआवशयक सामगी उपलबध कर कषमताओ और कौशलो क आधार पर इनह चवद याचथथियो स हल करवाऍ आवशयकतानसारचवद याचथथियो का मागथिदशथिन करत हए अनय चशकषको की भी सहायता परापत कर lsquoदो शबदrsquo म दी गई सिनाओ का पालन कर

q पराकचतक आपदाओ (भकप बाढ़ अकाल आचद) स बिाव क उपाय बताऍ और चवद याचथथियो स कहलवाऍ अनय कचवता सनाऍदोहरवाऍ इसम सभी को सहभागी कर परकचत क सतलन एव सवधथिन सबधी जानकारी द परतयक क अपन सहयोग पर ििाथि कर

5

मन समझा

रबि वादिका

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

धान

बाली

बरखा

जीतगीत

जग

भाषा की ओर

चदए गए शबदो क लययति शबद चलखो

पड़ो पर पछी हमड़ो पर शोर ह वशी की तान चलएआती हर भोर ह

सकखयो-सी गाती हचकरर चवहान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

शरम का यह मोती हमहनत की जीत ह फसलो क आिल सझरता यह गीत ह

महनत ही पजी हजग म इनसान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

नए रबिचवतान = चवसतार आकाशमड़ = खत क िारो ओर चमट टी का बनाया हआ घरा वशी = बॉसरीतान = सरभोर = परातकाल आिल = साड़ी का पल

6

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

सदव धयान म रखो

टवचयार मन

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

तयोहार सबधी कोई एक गीत सिो और दोहराओ

कवििर सवमतािदि पत की कविता का मखर िािि करो

पाकसटक माथिकोल आवद परदरण बढ़ाि िाल घटको का उपयोग हाविकारक ह

lsquoशालय सिचछता अवभयािrsquo म तमहारा सहयोग बताओ

सपताह म एक वदि वकसी कविता का सलखि करो

अधन कौरल

ररकत सयानरो की पटतशा करो

खोजबीन

अ आ इ ई उ ऊ ॠ ए ऐ ओ औ अ अ अ ऑ

क ख ग घ ङ ि छ झ ञ ट ठ ड ढ ण ड़ ढ़ त द ध ि प फ ब भ म य र ल ि श र स ह ळ कष त जञ शर

दपशाण म दखकर पढ़ो पहचयानो हम

य िाि य वकसाि य विजञाि

१ बदो ि वदया २ पड़ो पर ह ३ िील की 4 झरता यह ह

बोआई स मडी तक की परवरियाओ क बार म बताओ

कवर क आधविक उपकरणो की ािकारी परापत करा और वलखो

7

नाम हमार दचत पहचानकर उनक नाम दलखो

q कहानी म आए सजा शबदो (पवथित सोनपरी सभी खशी पानी) को शयामपट ट पर चलख सजा क भदो को सरल परयोगो द वारासमझाए उपरोति कचत करवान क पशिात चवद याचथथियो स इस परकार क अनय शबद कहलवाऍ उनस दढ़ीकरर भी कराऍ चवद याचथथिया को परी जसी कालपचनक सकलपना स यथाथथि की ओर ल जाना ह उनह परशनोततर क माधयम स कहानी सनाऍ

सनो और िोहराओ ३ अपनी पकदत

इस कहानी म बचो न अपनी चपरय वसतऍ परकचत को दकर उसक परचत कतजता का भाव परकट चकया ह

एक चदन फड ररक चहतदर मखतार पराजतिा चसद चध शचमथिषा कषरा चबट ट तकपत चिनमय सोनपरी क साथ बगीि म खल रह थ कावया पड़ क नीि बठी इन सबका खल दख रही थी चक अिानक एक पतता ऊपर स आ चगरा कावया न ऊपर दखा हरा-भरा पड़ और उसकी घनी छाया फली थी वह सोिन लगी lsquoपरकचत चकतना कछ दती ह हम भी उस कछ दना िाचहए rsquo

उसन सभी को बलाया और अपन चविार बताए सभी सािन लग-lsquoअर हॉ हम भी कछ दना िाचहए rsquo चिनमय बाला lsquolsquoकयो न बाल चदवस पर हम परकचत को कछ दrsquorsquo सभी न सोनपरी का अपना चविार बताया

सोनपरी को बहत हरथि हआ वह सबको अपन साथ लकर आकाश म उड़ िली उसन कहा lsquolsquoनकी और पछ-पछ lsquoदोसतो तम जो कछ परकचत को दना िाहत हो उसकी कलपना करो म तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo फड ररक और चसद चध न अपन कखलौन आकाश को दन का मन बनाए सोित ही कखलौनो न बादलो का रप चलया और पानी बरसन लगा

कावया और चहतदर न पवथित को चमठाई दन की इचछा वयति की यह इचछा शानदार वकषो म बदल गई शचमथिषा एव कषरा पथवी को अपनी गचड़या दना िाहती थी दखत-दखत उनकी िाह नचदयॉ बनकर पथवी पर बहन लगी

8

भाषा की ओरशबद वाटिका

खोजबीन

नए शबदहरष = आनदकषण = पलअद भत = अनोखामहावरनकी और पछ-पछ = अचछ काम क ललए पछन की अावशयकता नहीभावलवभोर होना = आनलदत होना

लनमनललखखत शबदो क समानारथी शबद कहानी स ढढकर बताओ

8

आकाश लमतर

धरा लिरर

सिध

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

तखति और पाजका न अपनी-अपनी चलियॉ दन का मन बनाया कछ ही कषणो म सारी धरती हरी-भरी हो िई मानो धरती न धानी चनर ओढी हो मखतार और लबट ट न अपनी रि पटी दनी चाही और कछ ही कषणो म सारा आसमान लटमलटमात तारो स भर िया सारी पकलत दलहन की तरह सज िई री लजस-लजस न जो चाहा सोनपरी न वह सब लकया

अब पकलत म पछी मधर सवर म िान लि कलकल झरनो न वातावरण म सिीत भर लदया मद

रपयो (नोट) पर ललखी कीमत लकतनी और लकन भाराओ म अलकत ह बताओ

पवन बहन लिा फलो न हवा म मीठी खशब भर दी बच खशी स नाचन लि और परी को धनयवाद दन लि लक परी न सचमच पकलत को अद भत बना लदया तभी पाजका क लसर पर एक पका आम आ टपका

एकाएक पाजका की नीद खल िई उसन खखिकी स बाहर झॉका तो पाया लक पकलत ठीक वसी ही लदख रही ह जसी उसन अभी-अभी सपन म दखी री वह भावलवभोर हो िई

9

साइचकल िलाओ पयाथिवरर बिाओ

दवचार मथन

१ lsquolsquoपरकचत चकतना कछ दती ह rsquorsquo २ lsquolsquoम तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo३ lsquolsquoबाल चदवस पर हम परकचत को कछ द rsquorsquo 4 lsquolsquoनकी और पछ-पछ rsquorsquo

दकसन दकसस कहा ह बताओ

सवय अधययनचदए गए चितो क आधार पर उचित और आकरथिक चवजापन तयार करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

काटथिन कथा सनकर उस हाव-भाव सचहत सनाओ

महादवी वमाथि क रखाचित पढ़कर उसक पातो क नाम चलखो

बड़ होकर कया बनना िाहत हो

इस कहानी क चकसी एक अनचछद का अनलखन करो

सिव धयान म रखोपरकचत स हम दन की सीख चमलती ह

चकसी पररचित अनय कहानी लखन क चलए मद द तयार करो

अधययन कौरल

जरा सोचो बताओयचद तमह परी चमल जाए तो

10

q विदzwnjयावथियोzwnjकीzwnjजोवियॉzwnjबनाकरzwnjआयzwnjबतानzwnjकाzwnjखलzwnjखलिाऍzwnjऔरzwnjउनहzwnjमजदारzwnjपहवलयॉzwnjबझनzwnjकzwnjवलएzwnjदzwnjzwnjउनहzwnjइसीzwnjपरकारzwnjकzwnjअनयzwnjविषयोzwnjकzwnjभीzwnjखलzwnjखलनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjउनसzwnjपहवलयोzwnjऔरzwnjखलोzwnjकाzwnjवितोzwnjसवहतzwnjवलखखतzwnjसगरहzwnjकरिाऍzwnjअौरzwnjखलिाऍzwnj

4(अ) आओ आय बताना सीखो

(१)zwnjअपनzwnjवमतzwnjकोzwnjउसकीzwnjितथिमानzwnjआयzwnjमzwnjअगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआयzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(२)zwnjzwnjउसzwnjइसzwnjयोगफलzwnjकोzwnj5zwnjसzwnjगणाzwnjकरनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(३)zwnjपरापतzwnjगणनफलzwnjमzwnjउसzwnjअपनzwnjजनमिषथिzwnjकाzwnjइकाईzwnjअकzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjकहzwnjzwnj(4)zwnjपरापतzwnjयोगफलzwnjमzwnjसzwnj5zwnjघटाzwnjदzwnjzwnj(5)zwnjघटानzwnjकzwnjबादzwnjजोzwnjसखयाzwnjपरापतzwnjहोगीzwnjउसकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसzwnjसतzwnjकोzwnjउदाहरणzwnjसzwnjसमझतzwnjहzwnj

zwnj मानzwnjलोzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnj१०zwnjिषथिzwnjऔरzwnjजनमzwnjिषथिzwnj२००4zwnjहzwnjतो-(१)zwnj१०zwnj(ितथिमानzwnjआय)zwnj+zwnj११zwnj(अगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआय)zwnj=zwnj२१zwnj (२)zwnj२१Icirczwnj5zwnj=zwnj१०5(३)zwnj१०5zwnj+zwnj4zwnj=zwnj१०९zwnj zwnj zwnj zwnj zwnj (4)zwnj१०९zwnj-zwnj5zwnj=zwnj१०4

१०4zwnjकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjअाथितzwnj१०zwnjिषथिzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसीzwnjआधारzwnjपरzwnjअपनzwnjपररजनोzwnjपररवितोzwnjअनयzwnjवमतोzwnjकोzwnjउनकीzwnjआयzwnjबताकरzwnjआशियथिzwnjिवकतzwnjकरzwnjसकतzwnjहोzwnjzwnjपरतयकषzwnjकरकzwnjदखोzwnj

qविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjदोनोzwnjवितोzwnjकाzwnjदखकरzwnjउनमzwnjअतरzwnjढढ़करzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjभारतzwnjकzwnjविवभननzwnjराजयोzwnjकzwnjखानपानzwnjपहनािाzwnjआभषणzwnjजसzwnjअनयzwnjविषयोzwnjपरzwnjििाथिzwnjकराऍzwnjzwnjउनमzwnjसमानताzwnjऔरzwnjविविधताzwnjबतातzwnjहएzwnjलागोzwnjकzwnjआपसीzwnjसबधोzwnjकोzwnjसपषटzwnjकरzwnj

(ब) महाराषटर की बटी

आकलन

अतर बताओ

11

q चवद याचथथियो स एकल एव सामचहक कचवता पाठ कराऍ परशनोततर क माधयम स चबली और िपाती क बीि हए सवादो को सपषटकर उनह बाल-जगत स सबचधत अनय चकसी कलपना क परचत बाल मनोभाव वयति करक परसतत करन क चलए परोतसाचहत कर

गाओ आर समझो ः

जनम २ जन १९4६ टीकमगढ़(मधयपरदश) रचनाऍ चहदी क नए बालगीत उड़न खटोल एक िपाती और अनय बालकचवताऍ आचद पररचय आप १९६5 स परमख राषटटीय दचनको म लखन कर रह ह

इस कचवता म िपाती और चबली क बीि घटी मजदार घटना को हासय रप म वयति चकया ह

5 एक चपाती

ताती-ताती एक िपातीचदखी तव पर पट फलातीचबली मौसी बोली-lsquolsquoमयॉऊ भख लगी म तझको खाऊ rsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-lsquolsquoमौसी पहल मकखन ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoदख िपाती की ठनगन चबली ल आई मकखन गराथिकर चफर बोली-lsquolsquoमयाऊ अब तो म तझको खा जाऊrsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-

lsquolsquoहॉ हॉ पहल गड़ तो ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoचबली िल दी गड़ लान लगी लौटकर झझलान lsquolsquoमयाऊ मयाऊ मयाऊ अब म खाऊ अब म खाऊrsquorsquoमन ही मन म गढ़ी िपाती सोिा-lsquoअब तो मरी िपाती rsquoचिढ़कर बोली-lsquoखा नकटी rsquoचबली गसस म झपटी कमर म आत ही मॉ क चबली भागी दम दबा क आख खोल िपाती मसकाई मॉ न उसकी जान बिाई

-रमश तलग

12

सनो और समझो ः

नाम तमार

q सवाद म आए सववनाम शबदो (म वह कछ जसा-वसा अपन-अाप) को शामपट ट पर लिख इनक भदो को पराग द वारासमझाऍ और अन शबद कहिाऍ लवद ालवो स कलि करवान क पशाि उनका वाको म परोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ लवद ाल व ो स सवाद पढ़वाऍ और परशन बनाकर एक-दसर स पछन क लिए कह उनस अधलवशवास पर ाव कराऍ

६ सीखइस सवाद म बिाा गा ह लक अधलवशवास स दर रहना ालहए

[मोहन बीमारी क कारण रो रहा ह मॉ उस समझा रही ह ]मॉ रोओ मि बट ठीक हो जाओग िो मतरवािा पानी बाबा जी न लदा ह मोन इसस का होगा मॉ मॉ इसस िमहारी बीमारी छमिर हो जाएगी म वसा ही कर रही ह जसा कहा गा ह

[मोहन क लमतर एव सहलिो का आगमन]सोम मोहन अब कसी ह िबीि मोन अर का बिाऊ िकिीफ िो बढ़ ही रही ह शिला असपिाि नही गए दवाई िो िनी ी मॉ नही उसकी जररि भी नही इस लकसी की नजर िग गई ह बाबा जी न मतरवािा

पानी लदा ह वह दो-एक लदन म अपन-आप ठीक हो जाएगा

----------

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शितर दखकर उशित सरवनाम म शिखो (त म र य कया जसा-रसा अन-आ)

13

रबि वादिका

जरा सोचो बताओ

नए रबितकलीफ = ददथि पीड़ािौकना = अाशियथििचकत होना उफनना = उबलनामहावरतरस आना = दया आनाआख खलना = सही बात समझ म आना दध का दध और पानी का पानी करना = नयाय करना

यचद रात और चदन न होत तो

सतीदलग पललगएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- चबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- नाग----- मनाऍ ----- -----

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो क चलग और विन बदलकर चलखो

सभी दमत मोहन तबीयत की तरफ धयान दो हम चनकलत ह (बच जस ही बाहर चनकल उसी समय एक चबली न उनका रासता काटा )

सषमा लो अब तो हम लोगो का काम नही होगा महर मझ भी ऐसा ही लगता ह चबली न रासता काटा ह सोहन अर दखो तो सामन स गर जी आ रह ह गर जी भी मोहन क घर जा रह होग सषमा गर जी अभी हम सब आपक घर ही आन वाल थ पर चबली न रासता काट चदया दरलपा गर जी दध का दध और पानी का पानी करग महर हमन दखा मोहन की मॉ बीमार मोहन को कोई मत फका हआ पानी चपला रही थी गर जी कयो भला तम सब दखत रह सोहम हम सब कया करत उनका आदर जो करना था गर जी दखो चबली का रासता काटना दहली पर छीकना आचद सब अधचवशवास ह सषमा पर सभी लाग तो मानत ह गर जी बीमारी होन क अनक कारर होत ह दवा ही उसका एकमात उपाय ह िलो हम चमलकर

मोहन की मॉ को समझात ह चजसस उनकी आख खल जाएगी सभी चमलकर एक साथ बोलत ह lsquolsquoअधचवशवास स दर रहो सतय की पहिान करो rsquorsquo

14

टवचार मथन

सदव धयान म रखोसवय अधययनमहानzwnjविभवतयोzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjवकसीzwnjएकzwnjकzwnjकायथिzwnjपरzwnjपािzwnjिाकयzwnjवलखोzwnjzwnj

१zwnjबाबाzwnjजीzwnjनzwnjमॉzwnjकोzwnjकयाzwnjवदयाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj२zwnjमोहनzwnjकोzwnjदखनzwnjकौन-कौनzwnjआएzwnj३zwnjबचोzwnjकाzwnjरासताzwnjवकसनzwnjकाटाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj4zwnjगरzwnjजीzwnjनzwnjबचोzwnjकोzwnjकयाzwnjसमझायाzwnj

एक वाकय म उततर टलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

िटकलzwnjपहवलयॉzwnjसनोzwnjऔरzwnjवकसीzwnjकायथिकरमzwnjमzwnjzwnjसनाओzwnj

वहतोपदशzwnjकीzwnjकोईzwnjएकzwnjकहानीzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjउससzwnjसबवधतवितzwnjबनाओzwnj

अपनzwnjदzwnjिाराzwnjवकएzwnjगएzwnjवकसीzwnjअचछzwnjकायथिzwnjकाzwnjअनभिzwnjबताओzwnj

वहिकीzwnjआनzwnjजसीzwnjवकरयाओzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjउनकzwnjकारणzwnjवलखोzwnjzwnjzwnj

वबनाzwnjसोिzwnjसमझzwnjवकसीzwnjबातzwnjपरzwnjविशिासzwnjनाzwnjकरzwnj

नएzwnjशबदोzwnjकोzwnjशबदकोशzwnjमzwnjसzwnjढढ़करzwnjिणथिकरमानसारzwnjवलखाzwnjzwnj

अधययन कौशल zwnjविजानzwnjकाzwnjफलाओगzwnjपरकाशzwnjतोzwnjहोगाzwnjअधविशिासzwnjकाzwnjनाशzwnj

अधविशिासzwnjकzwnjकारणzwnjऔरzwnjउसzwnjदरzwnjकरनzwnjकzwnjउपायzwnjढढ़ोzwnjताzwnjवकसीzwnjएकzwnjपरसगzwnjकोzwnjपरसततzwnjकरोzwnjzwnj

खोजबीन

समझो हम

अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद

१ ल कलम ७ -

२ - 8 क

३ सा ९ ला

4 म १० य

5 टी ११ वश

६ क १२ ग

टचत की सहायता स बारहखडी क शबद बनाकर टलखो

१4

15१5

q चवद याचथथियो स लोरी गवाऍ और उसका अथथि तथा सदभथि समझाऍ उसपर ििाथि कर माता-चपता जी का महतव पछ उनह अपनदादी जी नानी जी क गरो को उजागर करन वाली कोई घटना बतान क चलए कह अनय लोरी सनाए और गवाऍ

जनम १७ जन १९६२ रचनाऍ लचतका गजार सवर-वयजन शबदो क पास आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म लोरी क माधयम स मॉ का बच क परचत वातसलय भाव परकट चकया गया ह

सनो पढ़ो और गाओ ः

यदि सच म हमार मामा का घर चॉि पर होता तोजरा सोचो बताओ

7 मनी रानी-अशोक चसह सोलकी

सा जा सो जा मनी रानी बात मान ल मरी दध-मलाई तम को दगीमधर सनाऊगी लोरी

रात सहानी आएगी जबिदा आ मसकाएगा शीतल िमकीली चकररो सतब वह तमह ररझाएगा

16

सव अधनरबद वयाटटकयानए रबदशीतल = ठडा ररझािा = मि मोहिावि = सिय

अपि पररिार क वपरय वयकति क वलए िार कावय पकतिया वलखो

मरयाठी अशा समोचयाररत रबद टहदी अशा

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीनविवभनन कषतो की अवधक-स-अवधक दस lsquoपरम भारतीय मवहलाओrsquo की सवित ािकारी कापी म विपकाओ

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भयाषया की ओरवहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अथि वभननता बताओ और वलखो

ब त मॉगगी उसको हील म उस वदखाऊगी िदा मामा आए मननीकह तमको बहलाऊगी

िदा मामा आकर तमको दग अपिा सारा पयार औ म भी वि परम हदय का दगी विशिय तम पर िार पलक बद कर सो ा लदीपयारी मननी रािी

17

जोडो हम पड क पततो पर टदए गए वरणो स सयकाकषरयक शबद बनाओ (आध हाकर पाई हटाकर हल लगाकर lsquoरrsquo क परकार )(कzwnjफzwnjगzwnjतzwnjzwnjघzwnjषzwnjिzwnjदzwnjमzwnjहzwnjठzwnjडzwnjटzwnjप)

जानवरो की डॉकटर

टगद ध

मगाण

डटरम

लकडबगाटट ट

इदरधनष

कतता

गzwnjत

िद ट

ह ठ

डट

मप

फटमगो

कटवता की पलकयॉ परी करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

नीवतपरकzwnjदोहzwnjसनोzwnjऔरzwnjआनदपिथिकzwnjसनाओzwnjzwnjzwnj

सभदाकमारीzwnjिौहानzwnjकीzwnjकविताzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjसमहzwnjमzwnjगाओzwnj

zwnjzwnjमॉzwnjकोzwnjएकzwnjवदनzwnjकीzwnjछटzwnjटीzwnjदीzwnjजाएzwnjतोzwnjकयाzwnjहोगाzwnj

वनधाथिररतzwnjविषयzwnjपरzwnjभाषणzwnjतयारzwnjकरोzwnjzwnj

सदव धयान म रखोजीिनzwnjमzwnjमाता-वपताzwnjकाzwnjसानzwnjअनमोलzwnjहzwnjzwnj

अपनzwnjपररिारzwnjकाzwnjिशzwnjिकषzwnjतयारzwnjकरोzwnjऔरzwnjररशत-नातोzwnjकzwnjनामzwnjवलखोzwnj

अधययन कौशल

zwnjजननी-जनमभवमशिzwnjसिगाथिदवपzwnjगरीयसीzwnj

टवचार मथन

१zwnjरातzwnjसहानीzwnjzwnjzwnjररझाएगाzwnj

२zwnjिदाzwnjमामाzwnjzwnjzwnjमननीzwnjरानीzwnj

18

सव अधन-१

एक स सौ तक की उलटी वगिती सिो पढ़ो और कापी म वलखो

बीसउनीसअठयारहसतहसोलहपदरहचौदहतरहबयारहगयारह

दसनौआठसयातछहपयाचचयारतीनदोएक

चयालीस

उनतयालीस

अड़तीस

सतीस

छतीस

पतीस

चौतीस

ततीस

बतीस

इकतीस

पचयास

उनचयास

अड़तयालीस

सतयालीस

टछयालीस

पतयालीस

चवयालीस

ततयालीस

बयालीस

इकतयालीस

सयाठउनसठअट ठयावनसतयावनछपपनपचपनचौवनटतरपनबयावनइकयावन

सतरउनहतरअड़सठसड़सठटछयासठपसठचौसठटतरसठबयासठइकसठ

अससीउनयासीअठहतरसतहतरटछहतरपचहतरचौहतरटतहतरबहतरइकहतर

नबबनवयासीअठयासीसतयासीटछयासीपचयासीचौरयासीटतरयासीबयासीइकयासी

सौ

टननयानव

अठयानव

सतयानव

टछयानव

पचयानव

चौरयानव

टतरयानव

बयानव

इकयानव

तीस

उनतीस

अट ठयाईस

सतयाईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

तईसबयाईस

इकीस

१8

19

माता-टपता सअपन बार म

सनो

टपछल वषण टकए अपन टवशष कायण

बताओ

बाल सभा म परटतटदन बोध कथा का वाचन करो

वषण भर क खल- समाचारो का सटचत सकलन परसतत करो

कटतउपकरम

न र स ल ड त विक

१ वरणमाला सनाअो और टवशष वरणो क उचारर पर धयान दो

२ टवद यालय क सनह सममलन का वरणन करो

३ पसदीदा टवषय पर टवजापन बनाकर उसको पढ़ो

4 फल-फलो क दस-दस नाम टलखो

5 अकषर समह म स लखलाटडयो क नाम बताओ और टलखो

धया

ि

री

शा

लखा

ि

का

ना

वस

सा

जा

वम

बा खा

ल िा न

वन वम सा जाथि या

पनरावतणन - १ फलो क नाम फलो क नाम

zwnj१ zwnj१zwnj२ zwnj२zwnj३ zwnj३zwnj4 4zwnj5 5zwnj६ zwnj६zwnj७ zwnj७zwnj8 8zwnj९ zwnj९१० १०

20

दखो समझो आर चचयाशा करो ः

q विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर उिको परशि पछि क वलए कह बड़ो की सहायता स उनह डाकघर म ाकर वटकट खरीदिता बक म बाल-बित खाता खलिाि और पररवित डावकए बक कमथििारी िसथि हिलदार स बातिीत करि की सििा द

१ उपोग हमयार

मनीआडशार

बचत खयातया

रटजसटटीटटकट

हम आपकी आवशकतया समझत ह

डयाकघर

कड़या दयान

बचत आपकी

पगटत दर की

सचनया

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

Xyumlgar BH$mBcopy

22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

nwZamdVcopyZ - 2

१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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Page 6: विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

1

q अधयापन सकत ः विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर परशि पछ उिस मल का पिाथििभि कहलिाए ता वदए गए िाकय का समझाए पररवित फरीिाला सबीिाली आवद वयिसावययो क सख-दख को समझकर उिस बातिीत करि क वलए परररत कर

पहचयानो और बतयाओ ः मलया

सहयातया ककष

दमकल

सरकषया - चौकी

बद-बद पयानी

बचयाओ

कड़या दयान

2

दखो समझो और बतयाओ ः

q वितो म कया-कया वदखाई द रहा ह उिपर ििाथि कर विद यावथियो स अपिी याता का कोई परसग सिाि क वलए कह उिस आिागमि क साधिो का ल ल िाय मागथि क अिसार िगगीकरण कराकर वितो सवहत विसततत ािकारी का सगरह कराऍ

१ सर

बदरगयाह

पयानी म कचरया न डयाल

सिचछ भारत

सिस भारत

अयापकी यातया सखद हो बस सयानक

रयाषटी सपतत हमयारी सपतत

फलयाट कर १ फलयाट कर २ फलयाट कर ३ सवचछतयागह

पीन कया पयानी

3

q विद यावथियो स अािागमि क साधिो का महति कहलिाऍ वदए गए िाकयो को समझाकर उिस इसी परकार क अनय िाकयो कासगरह कराऍ सािथिविक सलो की सिचछता पर उिस ििाथि कर याता म मवहलाओ एि ितद धो की सहायता क वलए परररत कर

अपन सयामयान कया धयान रख

टटकट घर अयारकषण

धमरपयान मनया ह

लयावयाररस वसतओ को हया न लगयाऍ

रल सयानक

पहली इकयाई

अतररयाषटी हवयाई अड डया

हवयाई अड डया

4

सनो और गाओ ः

सवय अधययन

q उचित हाव-भाव लय-ताल क साथ कचवता पाठ कर चवद याचथथियो स वयकतिगत तथा गट म ससवर पाठ कराऍ कचवता म धान की बालीका चकसान की बटी क रप म परतीकातमक वरथिन चकया गया ह खती की आवशयकता बतात हए चकसान क कायथि पर ििाथि कर

4

जनम ७ अपरल १९३३ मतय २६ फरवरी १९९8 रचनाऍ जलता हआ सफर मरी गजल मशाल नीला अबर साथी मरा आचद पररचय आप गजलकार क रप म परचसद ध ह

परसतत कचवता म खती का महतव और चकसान क शरम को अनमोल बताया गया ह

(१) नीच दिए गए दचतरो की सहायता स पाकदतक सिरता िराशान वाला एक दचत बनाकर उसम रग भरो (२) अपन दचत क बार म बोलो

खतो म झम रही बाली यह धान की झमक-झमक िलतीजयो बटी चकसान की

२ बाली यह धान की- डॉहनमत नायड

बदो न पयार चदयाबरखा न पाला ह िदा न रप चदया सरज रखवाला ह छाया ह मडप-सी

नील चवतान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

5

जरा सोचो बताओ

यचद परकचत म सदर - सदर रग नही होत तो

q कदतपशन हत अधयापन सकत - परतयक कचतपरशन को शीरथिक क साथ चदया गया ह चदए गए परतयक कचतपरशन क चलएआवशयक सामगी उपलबध कर कषमताओ और कौशलो क आधार पर इनह चवद याचथथियो स हल करवाऍ आवशयकतानसारचवद याचथथियो का मागथिदशथिन करत हए अनय चशकषको की भी सहायता परापत कर lsquoदो शबदrsquo म दी गई सिनाओ का पालन कर

q पराकचतक आपदाओ (भकप बाढ़ अकाल आचद) स बिाव क उपाय बताऍ और चवद याचथथियो स कहलवाऍ अनय कचवता सनाऍदोहरवाऍ इसम सभी को सहभागी कर परकचत क सतलन एव सवधथिन सबधी जानकारी द परतयक क अपन सहयोग पर ििाथि कर

5

मन समझा

रबि वादिका

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

धान

बाली

बरखा

जीतगीत

जग

भाषा की ओर

चदए गए शबदो क लययति शबद चलखो

पड़ो पर पछी हमड़ो पर शोर ह वशी की तान चलएआती हर भोर ह

सकखयो-सी गाती हचकरर चवहान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

शरम का यह मोती हमहनत की जीत ह फसलो क आिल सझरता यह गीत ह

महनत ही पजी हजग म इनसान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

नए रबिचवतान = चवसतार आकाशमड़ = खत क िारो ओर चमट टी का बनाया हआ घरा वशी = बॉसरीतान = सरभोर = परातकाल आिल = साड़ी का पल

6

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

सदव धयान म रखो

टवचयार मन

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

तयोहार सबधी कोई एक गीत सिो और दोहराओ

कवििर सवमतािदि पत की कविता का मखर िािि करो

पाकसटक माथिकोल आवद परदरण बढ़ाि िाल घटको का उपयोग हाविकारक ह

lsquoशालय सिचछता अवभयािrsquo म तमहारा सहयोग बताओ

सपताह म एक वदि वकसी कविता का सलखि करो

अधन कौरल

ररकत सयानरो की पटतशा करो

खोजबीन

अ आ इ ई उ ऊ ॠ ए ऐ ओ औ अ अ अ ऑ

क ख ग घ ङ ि छ झ ञ ट ठ ड ढ ण ड़ ढ़ त द ध ि प फ ब भ म य र ल ि श र स ह ळ कष त जञ शर

दपशाण म दखकर पढ़ो पहचयानो हम

य िाि य वकसाि य विजञाि

१ बदो ि वदया २ पड़ो पर ह ३ िील की 4 झरता यह ह

बोआई स मडी तक की परवरियाओ क बार म बताओ

कवर क आधविक उपकरणो की ािकारी परापत करा और वलखो

7

नाम हमार दचत पहचानकर उनक नाम दलखो

q कहानी म आए सजा शबदो (पवथित सोनपरी सभी खशी पानी) को शयामपट ट पर चलख सजा क भदो को सरल परयोगो द वारासमझाए उपरोति कचत करवान क पशिात चवद याचथथियो स इस परकार क अनय शबद कहलवाऍ उनस दढ़ीकरर भी कराऍ चवद याचथथिया को परी जसी कालपचनक सकलपना स यथाथथि की ओर ल जाना ह उनह परशनोततर क माधयम स कहानी सनाऍ

सनो और िोहराओ ३ अपनी पकदत

इस कहानी म बचो न अपनी चपरय वसतऍ परकचत को दकर उसक परचत कतजता का भाव परकट चकया ह

एक चदन फड ररक चहतदर मखतार पराजतिा चसद चध शचमथिषा कषरा चबट ट तकपत चिनमय सोनपरी क साथ बगीि म खल रह थ कावया पड़ क नीि बठी इन सबका खल दख रही थी चक अिानक एक पतता ऊपर स आ चगरा कावया न ऊपर दखा हरा-भरा पड़ और उसकी घनी छाया फली थी वह सोिन लगी lsquoपरकचत चकतना कछ दती ह हम भी उस कछ दना िाचहए rsquo

उसन सभी को बलाया और अपन चविार बताए सभी सािन लग-lsquoअर हॉ हम भी कछ दना िाचहए rsquo चिनमय बाला lsquolsquoकयो न बाल चदवस पर हम परकचत को कछ दrsquorsquo सभी न सोनपरी का अपना चविार बताया

सोनपरी को बहत हरथि हआ वह सबको अपन साथ लकर आकाश म उड़ िली उसन कहा lsquolsquoनकी और पछ-पछ lsquoदोसतो तम जो कछ परकचत को दना िाहत हो उसकी कलपना करो म तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo फड ररक और चसद चध न अपन कखलौन आकाश को दन का मन बनाए सोित ही कखलौनो न बादलो का रप चलया और पानी बरसन लगा

कावया और चहतदर न पवथित को चमठाई दन की इचछा वयति की यह इचछा शानदार वकषो म बदल गई शचमथिषा एव कषरा पथवी को अपनी गचड़या दना िाहती थी दखत-दखत उनकी िाह नचदयॉ बनकर पथवी पर बहन लगी

8

भाषा की ओरशबद वाटिका

खोजबीन

नए शबदहरष = आनदकषण = पलअद भत = अनोखामहावरनकी और पछ-पछ = अचछ काम क ललए पछन की अावशयकता नहीभावलवभोर होना = आनलदत होना

लनमनललखखत शबदो क समानारथी शबद कहानी स ढढकर बताओ

8

आकाश लमतर

धरा लिरर

सिध

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

तखति और पाजका न अपनी-अपनी चलियॉ दन का मन बनाया कछ ही कषणो म सारी धरती हरी-भरी हो िई मानो धरती न धानी चनर ओढी हो मखतार और लबट ट न अपनी रि पटी दनी चाही और कछ ही कषणो म सारा आसमान लटमलटमात तारो स भर िया सारी पकलत दलहन की तरह सज िई री लजस-लजस न जो चाहा सोनपरी न वह सब लकया

अब पकलत म पछी मधर सवर म िान लि कलकल झरनो न वातावरण म सिीत भर लदया मद

रपयो (नोट) पर ललखी कीमत लकतनी और लकन भाराओ म अलकत ह बताओ

पवन बहन लिा फलो न हवा म मीठी खशब भर दी बच खशी स नाचन लि और परी को धनयवाद दन लि लक परी न सचमच पकलत को अद भत बना लदया तभी पाजका क लसर पर एक पका आम आ टपका

एकाएक पाजका की नीद खल िई उसन खखिकी स बाहर झॉका तो पाया लक पकलत ठीक वसी ही लदख रही ह जसी उसन अभी-अभी सपन म दखी री वह भावलवभोर हो िई

9

साइचकल िलाओ पयाथिवरर बिाओ

दवचार मथन

१ lsquolsquoपरकचत चकतना कछ दती ह rsquorsquo २ lsquolsquoम तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo३ lsquolsquoबाल चदवस पर हम परकचत को कछ द rsquorsquo 4 lsquolsquoनकी और पछ-पछ rsquorsquo

दकसन दकसस कहा ह बताओ

सवय अधययनचदए गए चितो क आधार पर उचित और आकरथिक चवजापन तयार करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

काटथिन कथा सनकर उस हाव-भाव सचहत सनाओ

महादवी वमाथि क रखाचित पढ़कर उसक पातो क नाम चलखो

बड़ होकर कया बनना िाहत हो

इस कहानी क चकसी एक अनचछद का अनलखन करो

सिव धयान म रखोपरकचत स हम दन की सीख चमलती ह

चकसी पररचित अनय कहानी लखन क चलए मद द तयार करो

अधययन कौरल

जरा सोचो बताओयचद तमह परी चमल जाए तो

10

q विदzwnjयावथियोzwnjकीzwnjजोवियॉzwnjबनाकरzwnjआयzwnjबतानzwnjकाzwnjखलzwnjखलिाऍzwnjऔरzwnjउनहzwnjमजदारzwnjपहवलयॉzwnjबझनzwnjकzwnjवलएzwnjदzwnjzwnjउनहzwnjइसीzwnjपरकारzwnjकzwnjअनयzwnjविषयोzwnjकzwnjभीzwnjखलzwnjखलनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjउनसzwnjपहवलयोzwnjऔरzwnjखलोzwnjकाzwnjवितोzwnjसवहतzwnjवलखखतzwnjसगरहzwnjकरिाऍzwnjअौरzwnjखलिाऍzwnj

4(अ) आओ आय बताना सीखो

(१)zwnjअपनzwnjवमतzwnjकोzwnjउसकीzwnjितथिमानzwnjआयzwnjमzwnjअगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआयzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(२)zwnjzwnjउसzwnjइसzwnjयोगफलzwnjकोzwnj5zwnjसzwnjगणाzwnjकरनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(३)zwnjपरापतzwnjगणनफलzwnjमzwnjउसzwnjअपनzwnjजनमिषथिzwnjकाzwnjइकाईzwnjअकzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjकहzwnjzwnj(4)zwnjपरापतzwnjयोगफलzwnjमzwnjसzwnj5zwnjघटाzwnjदzwnjzwnj(5)zwnjघटानzwnjकzwnjबादzwnjजोzwnjसखयाzwnjपरापतzwnjहोगीzwnjउसकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसzwnjसतzwnjकोzwnjउदाहरणzwnjसzwnjसमझतzwnjहzwnj

zwnj मानzwnjलोzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnj१०zwnjिषथिzwnjऔरzwnjजनमzwnjिषथिzwnj२००4zwnjहzwnjतो-(१)zwnj१०zwnj(ितथिमानzwnjआय)zwnj+zwnj११zwnj(अगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआय)zwnj=zwnj२१zwnj (२)zwnj२१Icirczwnj5zwnj=zwnj१०5(३)zwnj१०5zwnj+zwnj4zwnj=zwnj१०९zwnj zwnj zwnj zwnj zwnj (4)zwnj१०९zwnj-zwnj5zwnj=zwnj१०4

१०4zwnjकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjअाथितzwnj१०zwnjिषथिzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसीzwnjआधारzwnjपरzwnjअपनzwnjपररजनोzwnjपररवितोzwnjअनयzwnjवमतोzwnjकोzwnjउनकीzwnjआयzwnjबताकरzwnjआशियथिzwnjिवकतzwnjकरzwnjसकतzwnjहोzwnjzwnjपरतयकषzwnjकरकzwnjदखोzwnj

qविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjदोनोzwnjवितोzwnjकाzwnjदखकरzwnjउनमzwnjअतरzwnjढढ़करzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjभारतzwnjकzwnjविवभननzwnjराजयोzwnjकzwnjखानपानzwnjपहनािाzwnjआभषणzwnjजसzwnjअनयzwnjविषयोzwnjपरzwnjििाथिzwnjकराऍzwnjzwnjउनमzwnjसमानताzwnjऔरzwnjविविधताzwnjबतातzwnjहएzwnjलागोzwnjकzwnjआपसीzwnjसबधोzwnjकोzwnjसपषटzwnjकरzwnj

(ब) महाराषटर की बटी

आकलन

अतर बताओ

11

q चवद याचथथियो स एकल एव सामचहक कचवता पाठ कराऍ परशनोततर क माधयम स चबली और िपाती क बीि हए सवादो को सपषटकर उनह बाल-जगत स सबचधत अनय चकसी कलपना क परचत बाल मनोभाव वयति करक परसतत करन क चलए परोतसाचहत कर

गाओ आर समझो ः

जनम २ जन १९4६ टीकमगढ़(मधयपरदश) रचनाऍ चहदी क नए बालगीत उड़न खटोल एक िपाती और अनय बालकचवताऍ आचद पररचय आप १९६5 स परमख राषटटीय दचनको म लखन कर रह ह

इस कचवता म िपाती और चबली क बीि घटी मजदार घटना को हासय रप म वयति चकया ह

5 एक चपाती

ताती-ताती एक िपातीचदखी तव पर पट फलातीचबली मौसी बोली-lsquolsquoमयॉऊ भख लगी म तझको खाऊ rsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-lsquolsquoमौसी पहल मकखन ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoदख िपाती की ठनगन चबली ल आई मकखन गराथिकर चफर बोली-lsquolsquoमयाऊ अब तो म तझको खा जाऊrsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-

lsquolsquoहॉ हॉ पहल गड़ तो ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoचबली िल दी गड़ लान लगी लौटकर झझलान lsquolsquoमयाऊ मयाऊ मयाऊ अब म खाऊ अब म खाऊrsquorsquoमन ही मन म गढ़ी िपाती सोिा-lsquoअब तो मरी िपाती rsquoचिढ़कर बोली-lsquoखा नकटी rsquoचबली गसस म झपटी कमर म आत ही मॉ क चबली भागी दम दबा क आख खोल िपाती मसकाई मॉ न उसकी जान बिाई

-रमश तलग

12

सनो और समझो ः

नाम तमार

q सवाद म आए सववनाम शबदो (म वह कछ जसा-वसा अपन-अाप) को शामपट ट पर लिख इनक भदो को पराग द वारासमझाऍ और अन शबद कहिाऍ लवद ालवो स कलि करवान क पशाि उनका वाको म परोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ लवद ाल व ो स सवाद पढ़वाऍ और परशन बनाकर एक-दसर स पछन क लिए कह उनस अधलवशवास पर ाव कराऍ

६ सीखइस सवाद म बिाा गा ह लक अधलवशवास स दर रहना ालहए

[मोहन बीमारी क कारण रो रहा ह मॉ उस समझा रही ह ]मॉ रोओ मि बट ठीक हो जाओग िो मतरवािा पानी बाबा जी न लदा ह मोन इसस का होगा मॉ मॉ इसस िमहारी बीमारी छमिर हो जाएगी म वसा ही कर रही ह जसा कहा गा ह

[मोहन क लमतर एव सहलिो का आगमन]सोम मोहन अब कसी ह िबीि मोन अर का बिाऊ िकिीफ िो बढ़ ही रही ह शिला असपिाि नही गए दवाई िो िनी ी मॉ नही उसकी जररि भी नही इस लकसी की नजर िग गई ह बाबा जी न मतरवािा

पानी लदा ह वह दो-एक लदन म अपन-आप ठीक हो जाएगा

----------

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-----

--------

-----

--------

शितर दखकर उशित सरवनाम म शिखो (त म र य कया जसा-रसा अन-आ)

13

रबि वादिका

जरा सोचो बताओ

नए रबितकलीफ = ददथि पीड़ािौकना = अाशियथििचकत होना उफनना = उबलनामहावरतरस आना = दया आनाआख खलना = सही बात समझ म आना दध का दध और पानी का पानी करना = नयाय करना

यचद रात और चदन न होत तो

सतीदलग पललगएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- चबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- नाग----- मनाऍ ----- -----

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो क चलग और विन बदलकर चलखो

सभी दमत मोहन तबीयत की तरफ धयान दो हम चनकलत ह (बच जस ही बाहर चनकल उसी समय एक चबली न उनका रासता काटा )

सषमा लो अब तो हम लोगो का काम नही होगा महर मझ भी ऐसा ही लगता ह चबली न रासता काटा ह सोहन अर दखो तो सामन स गर जी आ रह ह गर जी भी मोहन क घर जा रह होग सषमा गर जी अभी हम सब आपक घर ही आन वाल थ पर चबली न रासता काट चदया दरलपा गर जी दध का दध और पानी का पानी करग महर हमन दखा मोहन की मॉ बीमार मोहन को कोई मत फका हआ पानी चपला रही थी गर जी कयो भला तम सब दखत रह सोहम हम सब कया करत उनका आदर जो करना था गर जी दखो चबली का रासता काटना दहली पर छीकना आचद सब अधचवशवास ह सषमा पर सभी लाग तो मानत ह गर जी बीमारी होन क अनक कारर होत ह दवा ही उसका एकमात उपाय ह िलो हम चमलकर

मोहन की मॉ को समझात ह चजसस उनकी आख खल जाएगी सभी चमलकर एक साथ बोलत ह lsquolsquoअधचवशवास स दर रहो सतय की पहिान करो rsquorsquo

14

टवचार मथन

सदव धयान म रखोसवय अधययनमहानzwnjविभवतयोzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjवकसीzwnjएकzwnjकzwnjकायथिzwnjपरzwnjपािzwnjिाकयzwnjवलखोzwnjzwnj

१zwnjबाबाzwnjजीzwnjनzwnjमॉzwnjकोzwnjकयाzwnjवदयाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj२zwnjमोहनzwnjकोzwnjदखनzwnjकौन-कौनzwnjआएzwnj३zwnjबचोzwnjकाzwnjरासताzwnjवकसनzwnjकाटाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj4zwnjगरzwnjजीzwnjनzwnjबचोzwnjकोzwnjकयाzwnjसमझायाzwnj

एक वाकय म उततर टलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

िटकलzwnjपहवलयॉzwnjसनोzwnjऔरzwnjवकसीzwnjकायथिकरमzwnjमzwnjzwnjसनाओzwnj

वहतोपदशzwnjकीzwnjकोईzwnjएकzwnjकहानीzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjउससzwnjसबवधतवितzwnjबनाओzwnj

अपनzwnjदzwnjिाराzwnjवकएzwnjगएzwnjवकसीzwnjअचछzwnjकायथिzwnjकाzwnjअनभिzwnjबताओzwnj

वहिकीzwnjआनzwnjजसीzwnjवकरयाओzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjउनकzwnjकारणzwnjवलखोzwnjzwnjzwnj

वबनाzwnjसोिzwnjसमझzwnjवकसीzwnjबातzwnjपरzwnjविशिासzwnjनाzwnjकरzwnj

नएzwnjशबदोzwnjकोzwnjशबदकोशzwnjमzwnjसzwnjढढ़करzwnjिणथिकरमानसारzwnjवलखाzwnjzwnj

अधययन कौशल zwnjविजानzwnjकाzwnjफलाओगzwnjपरकाशzwnjतोzwnjहोगाzwnjअधविशिासzwnjकाzwnjनाशzwnj

अधविशिासzwnjकzwnjकारणzwnjऔरzwnjउसzwnjदरzwnjकरनzwnjकzwnjउपायzwnjढढ़ोzwnjताzwnjवकसीzwnjएकzwnjपरसगzwnjकोzwnjपरसततzwnjकरोzwnjzwnj

खोजबीन

समझो हम

अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद

१ ल कलम ७ -

२ - 8 क

३ सा ९ ला

4 म १० य

5 टी ११ वश

६ क १२ ग

टचत की सहायता स बारहखडी क शबद बनाकर टलखो

१4

15१5

q चवद याचथथियो स लोरी गवाऍ और उसका अथथि तथा सदभथि समझाऍ उसपर ििाथि कर माता-चपता जी का महतव पछ उनह अपनदादी जी नानी जी क गरो को उजागर करन वाली कोई घटना बतान क चलए कह अनय लोरी सनाए और गवाऍ

जनम १७ जन १९६२ रचनाऍ लचतका गजार सवर-वयजन शबदो क पास आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म लोरी क माधयम स मॉ का बच क परचत वातसलय भाव परकट चकया गया ह

सनो पढ़ो और गाओ ः

यदि सच म हमार मामा का घर चॉि पर होता तोजरा सोचो बताओ

7 मनी रानी-अशोक चसह सोलकी

सा जा सो जा मनी रानी बात मान ल मरी दध-मलाई तम को दगीमधर सनाऊगी लोरी

रात सहानी आएगी जबिदा आ मसकाएगा शीतल िमकीली चकररो सतब वह तमह ररझाएगा

16

सव अधनरबद वयाटटकयानए रबदशीतल = ठडा ररझािा = मि मोहिावि = सिय

अपि पररिार क वपरय वयकति क वलए िार कावय पकतिया वलखो

मरयाठी अशा समोचयाररत रबद टहदी अशा

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीनविवभनन कषतो की अवधक-स-अवधक दस lsquoपरम भारतीय मवहलाओrsquo की सवित ािकारी कापी म विपकाओ

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भयाषया की ओरवहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अथि वभननता बताओ और वलखो

ब त मॉगगी उसको हील म उस वदखाऊगी िदा मामा आए मननीकह तमको बहलाऊगी

िदा मामा आकर तमको दग अपिा सारा पयार औ म भी वि परम हदय का दगी विशिय तम पर िार पलक बद कर सो ा लदीपयारी मननी रािी

17

जोडो हम पड क पततो पर टदए गए वरणो स सयकाकषरयक शबद बनाओ (आध हाकर पाई हटाकर हल लगाकर lsquoरrsquo क परकार )(कzwnjफzwnjगzwnjतzwnjzwnjघzwnjषzwnjिzwnjदzwnjमzwnjहzwnjठzwnjडzwnjटzwnjप)

जानवरो की डॉकटर

टगद ध

मगाण

डटरम

लकडबगाटट ट

इदरधनष

कतता

गzwnjत

िद ट

ह ठ

डट

मप

फटमगो

कटवता की पलकयॉ परी करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

नीवतपरकzwnjदोहzwnjसनोzwnjऔरzwnjआनदपिथिकzwnjसनाओzwnjzwnjzwnj

सभदाकमारीzwnjिौहानzwnjकीzwnjकविताzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjसमहzwnjमzwnjगाओzwnj

zwnjzwnjमॉzwnjकोzwnjएकzwnjवदनzwnjकीzwnjछटzwnjटीzwnjदीzwnjजाएzwnjतोzwnjकयाzwnjहोगाzwnj

वनधाथिररतzwnjविषयzwnjपरzwnjभाषणzwnjतयारzwnjकरोzwnjzwnj

सदव धयान म रखोजीिनzwnjमzwnjमाता-वपताzwnjकाzwnjसानzwnjअनमोलzwnjहzwnjzwnj

अपनzwnjपररिारzwnjकाzwnjिशzwnjिकषzwnjतयारzwnjकरोzwnjऔरzwnjररशत-नातोzwnjकzwnjनामzwnjवलखोzwnj

अधययन कौशल

zwnjजननी-जनमभवमशिzwnjसिगाथिदवपzwnjगरीयसीzwnj

टवचार मथन

१zwnjरातzwnjसहानीzwnjzwnjzwnjररझाएगाzwnj

२zwnjिदाzwnjमामाzwnjzwnjzwnjमननीzwnjरानीzwnj

18

सव अधन-१

एक स सौ तक की उलटी वगिती सिो पढ़ो और कापी म वलखो

बीसउनीसअठयारहसतहसोलहपदरहचौदहतरहबयारहगयारह

दसनौआठसयातछहपयाचचयारतीनदोएक

चयालीस

उनतयालीस

अड़तीस

सतीस

छतीस

पतीस

चौतीस

ततीस

बतीस

इकतीस

पचयास

उनचयास

अड़तयालीस

सतयालीस

टछयालीस

पतयालीस

चवयालीस

ततयालीस

बयालीस

इकतयालीस

सयाठउनसठअट ठयावनसतयावनछपपनपचपनचौवनटतरपनबयावनइकयावन

सतरउनहतरअड़सठसड़सठटछयासठपसठचौसठटतरसठबयासठइकसठ

अससीउनयासीअठहतरसतहतरटछहतरपचहतरचौहतरटतहतरबहतरइकहतर

नबबनवयासीअठयासीसतयासीटछयासीपचयासीचौरयासीटतरयासीबयासीइकयासी

सौ

टननयानव

अठयानव

सतयानव

टछयानव

पचयानव

चौरयानव

टतरयानव

बयानव

इकयानव

तीस

उनतीस

अट ठयाईस

सतयाईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

तईसबयाईस

इकीस

१8

19

माता-टपता सअपन बार म

सनो

टपछल वषण टकए अपन टवशष कायण

बताओ

बाल सभा म परटतटदन बोध कथा का वाचन करो

वषण भर क खल- समाचारो का सटचत सकलन परसतत करो

कटतउपकरम

न र स ल ड त विक

१ वरणमाला सनाअो और टवशष वरणो क उचारर पर धयान दो

२ टवद यालय क सनह सममलन का वरणन करो

३ पसदीदा टवषय पर टवजापन बनाकर उसको पढ़ो

4 फल-फलो क दस-दस नाम टलखो

5 अकषर समह म स लखलाटडयो क नाम बताओ और टलखो

धया

ि

री

शा

लखा

ि

का

ना

वस

सा

जा

वम

बा खा

ल िा न

वन वम सा जाथि या

पनरावतणन - १ फलो क नाम फलो क नाम

zwnj१ zwnj१zwnj२ zwnj२zwnj३ zwnj३zwnj4 4zwnj5 5zwnj६ zwnj६zwnj७ zwnj७zwnj8 8zwnj९ zwnj९१० १०

20

दखो समझो आर चचयाशा करो ः

q विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर उिको परशि पछि क वलए कह बड़ो की सहायता स उनह डाकघर म ाकर वटकट खरीदिता बक म बाल-बित खाता खलिाि और पररवित डावकए बक कमथििारी िसथि हिलदार स बातिीत करि की सििा द

१ उपोग हमयार

मनीआडशार

बचत खयातया

रटजसटटीटटकट

हम आपकी आवशकतया समझत ह

डयाकघर

कड़या दयान

बचत आपकी

पगटत दर की

सचनया

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

Xyumlgar BH$mBcopy

22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

nwZamdVcopyZ - 2

१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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2

दखो समझो और बतयाओ ः

q वितो म कया-कया वदखाई द रहा ह उिपर ििाथि कर विद यावथियो स अपिी याता का कोई परसग सिाि क वलए कह उिस आिागमि क साधिो का ल ल िाय मागथि क अिसार िगगीकरण कराकर वितो सवहत विसततत ािकारी का सगरह कराऍ

१ सर

बदरगयाह

पयानी म कचरया न डयाल

सिचछ भारत

सिस भारत

अयापकी यातया सखद हो बस सयानक

रयाषटी सपतत हमयारी सपतत

फलयाट कर १ फलयाट कर २ फलयाट कर ३ सवचछतयागह

पीन कया पयानी

3

q विद यावथियो स अािागमि क साधिो का महति कहलिाऍ वदए गए िाकयो को समझाकर उिस इसी परकार क अनय िाकयो कासगरह कराऍ सािथिविक सलो की सिचछता पर उिस ििाथि कर याता म मवहलाओ एि ितद धो की सहायता क वलए परररत कर

अपन सयामयान कया धयान रख

टटकट घर अयारकषण

धमरपयान मनया ह

लयावयाररस वसतओ को हया न लगयाऍ

रल सयानक

पहली इकयाई

अतररयाषटी हवयाई अड डया

हवयाई अड डया

4

सनो और गाओ ः

सवय अधययन

q उचित हाव-भाव लय-ताल क साथ कचवता पाठ कर चवद याचथथियो स वयकतिगत तथा गट म ससवर पाठ कराऍ कचवता म धान की बालीका चकसान की बटी क रप म परतीकातमक वरथिन चकया गया ह खती की आवशयकता बतात हए चकसान क कायथि पर ििाथि कर

4

जनम ७ अपरल १९३३ मतय २६ फरवरी १९९8 रचनाऍ जलता हआ सफर मरी गजल मशाल नीला अबर साथी मरा आचद पररचय आप गजलकार क रप म परचसद ध ह

परसतत कचवता म खती का महतव और चकसान क शरम को अनमोल बताया गया ह

(१) नीच दिए गए दचतरो की सहायता स पाकदतक सिरता िराशान वाला एक दचत बनाकर उसम रग भरो (२) अपन दचत क बार म बोलो

खतो म झम रही बाली यह धान की झमक-झमक िलतीजयो बटी चकसान की

२ बाली यह धान की- डॉहनमत नायड

बदो न पयार चदयाबरखा न पाला ह िदा न रप चदया सरज रखवाला ह छाया ह मडप-सी

नील चवतान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

5

जरा सोचो बताओ

यचद परकचत म सदर - सदर रग नही होत तो

q कदतपशन हत अधयापन सकत - परतयक कचतपरशन को शीरथिक क साथ चदया गया ह चदए गए परतयक कचतपरशन क चलएआवशयक सामगी उपलबध कर कषमताओ और कौशलो क आधार पर इनह चवद याचथथियो स हल करवाऍ आवशयकतानसारचवद याचथथियो का मागथिदशथिन करत हए अनय चशकषको की भी सहायता परापत कर lsquoदो शबदrsquo म दी गई सिनाओ का पालन कर

q पराकचतक आपदाओ (भकप बाढ़ अकाल आचद) स बिाव क उपाय बताऍ और चवद याचथथियो स कहलवाऍ अनय कचवता सनाऍदोहरवाऍ इसम सभी को सहभागी कर परकचत क सतलन एव सवधथिन सबधी जानकारी द परतयक क अपन सहयोग पर ििाथि कर

5

मन समझा

रबि वादिका

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

धान

बाली

बरखा

जीतगीत

जग

भाषा की ओर

चदए गए शबदो क लययति शबद चलखो

पड़ो पर पछी हमड़ो पर शोर ह वशी की तान चलएआती हर भोर ह

सकखयो-सी गाती हचकरर चवहान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

शरम का यह मोती हमहनत की जीत ह फसलो क आिल सझरता यह गीत ह

महनत ही पजी हजग म इनसान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

नए रबिचवतान = चवसतार आकाशमड़ = खत क िारो ओर चमट टी का बनाया हआ घरा वशी = बॉसरीतान = सरभोर = परातकाल आिल = साड़ी का पल

6

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

सदव धयान म रखो

टवचयार मन

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

तयोहार सबधी कोई एक गीत सिो और दोहराओ

कवििर सवमतािदि पत की कविता का मखर िािि करो

पाकसटक माथिकोल आवद परदरण बढ़ाि िाल घटको का उपयोग हाविकारक ह

lsquoशालय सिचछता अवभयािrsquo म तमहारा सहयोग बताओ

सपताह म एक वदि वकसी कविता का सलखि करो

अधन कौरल

ररकत सयानरो की पटतशा करो

खोजबीन

अ आ इ ई उ ऊ ॠ ए ऐ ओ औ अ अ अ ऑ

क ख ग घ ङ ि छ झ ञ ट ठ ड ढ ण ड़ ढ़ त द ध ि प फ ब भ म य र ल ि श र स ह ळ कष त जञ शर

दपशाण म दखकर पढ़ो पहचयानो हम

य िाि य वकसाि य विजञाि

१ बदो ि वदया २ पड़ो पर ह ३ िील की 4 झरता यह ह

बोआई स मडी तक की परवरियाओ क बार म बताओ

कवर क आधविक उपकरणो की ािकारी परापत करा और वलखो

7

नाम हमार दचत पहचानकर उनक नाम दलखो

q कहानी म आए सजा शबदो (पवथित सोनपरी सभी खशी पानी) को शयामपट ट पर चलख सजा क भदो को सरल परयोगो द वारासमझाए उपरोति कचत करवान क पशिात चवद याचथथियो स इस परकार क अनय शबद कहलवाऍ उनस दढ़ीकरर भी कराऍ चवद याचथथिया को परी जसी कालपचनक सकलपना स यथाथथि की ओर ल जाना ह उनह परशनोततर क माधयम स कहानी सनाऍ

सनो और िोहराओ ३ अपनी पकदत

इस कहानी म बचो न अपनी चपरय वसतऍ परकचत को दकर उसक परचत कतजता का भाव परकट चकया ह

एक चदन फड ररक चहतदर मखतार पराजतिा चसद चध शचमथिषा कषरा चबट ट तकपत चिनमय सोनपरी क साथ बगीि म खल रह थ कावया पड़ क नीि बठी इन सबका खल दख रही थी चक अिानक एक पतता ऊपर स आ चगरा कावया न ऊपर दखा हरा-भरा पड़ और उसकी घनी छाया फली थी वह सोिन लगी lsquoपरकचत चकतना कछ दती ह हम भी उस कछ दना िाचहए rsquo

उसन सभी को बलाया और अपन चविार बताए सभी सािन लग-lsquoअर हॉ हम भी कछ दना िाचहए rsquo चिनमय बाला lsquolsquoकयो न बाल चदवस पर हम परकचत को कछ दrsquorsquo सभी न सोनपरी का अपना चविार बताया

सोनपरी को बहत हरथि हआ वह सबको अपन साथ लकर आकाश म उड़ िली उसन कहा lsquolsquoनकी और पछ-पछ lsquoदोसतो तम जो कछ परकचत को दना िाहत हो उसकी कलपना करो म तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo फड ररक और चसद चध न अपन कखलौन आकाश को दन का मन बनाए सोित ही कखलौनो न बादलो का रप चलया और पानी बरसन लगा

कावया और चहतदर न पवथित को चमठाई दन की इचछा वयति की यह इचछा शानदार वकषो म बदल गई शचमथिषा एव कषरा पथवी को अपनी गचड़या दना िाहती थी दखत-दखत उनकी िाह नचदयॉ बनकर पथवी पर बहन लगी

8

भाषा की ओरशबद वाटिका

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नए शबदहरष = आनदकषण = पलअद भत = अनोखामहावरनकी और पछ-पछ = अचछ काम क ललए पछन की अावशयकता नहीभावलवभोर होना = आनलदत होना

लनमनललखखत शबदो क समानारथी शबद कहानी स ढढकर बताओ

8

आकाश लमतर

धरा लिरर

सिध

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

तखति और पाजका न अपनी-अपनी चलियॉ दन का मन बनाया कछ ही कषणो म सारी धरती हरी-भरी हो िई मानो धरती न धानी चनर ओढी हो मखतार और लबट ट न अपनी रि पटी दनी चाही और कछ ही कषणो म सारा आसमान लटमलटमात तारो स भर िया सारी पकलत दलहन की तरह सज िई री लजस-लजस न जो चाहा सोनपरी न वह सब लकया

अब पकलत म पछी मधर सवर म िान लि कलकल झरनो न वातावरण म सिीत भर लदया मद

रपयो (नोट) पर ललखी कीमत लकतनी और लकन भाराओ म अलकत ह बताओ

पवन बहन लिा फलो न हवा म मीठी खशब भर दी बच खशी स नाचन लि और परी को धनयवाद दन लि लक परी न सचमच पकलत को अद भत बना लदया तभी पाजका क लसर पर एक पका आम आ टपका

एकाएक पाजका की नीद खल िई उसन खखिकी स बाहर झॉका तो पाया लक पकलत ठीक वसी ही लदख रही ह जसी उसन अभी-अभी सपन म दखी री वह भावलवभोर हो िई

9

साइचकल िलाओ पयाथिवरर बिाओ

दवचार मथन

१ lsquolsquoपरकचत चकतना कछ दती ह rsquorsquo २ lsquolsquoम तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo३ lsquolsquoबाल चदवस पर हम परकचत को कछ द rsquorsquo 4 lsquolsquoनकी और पछ-पछ rsquorsquo

दकसन दकसस कहा ह बताओ

सवय अधययनचदए गए चितो क आधार पर उचित और आकरथिक चवजापन तयार करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

काटथिन कथा सनकर उस हाव-भाव सचहत सनाओ

महादवी वमाथि क रखाचित पढ़कर उसक पातो क नाम चलखो

बड़ होकर कया बनना िाहत हो

इस कहानी क चकसी एक अनचछद का अनलखन करो

सिव धयान म रखोपरकचत स हम दन की सीख चमलती ह

चकसी पररचित अनय कहानी लखन क चलए मद द तयार करो

अधययन कौरल

जरा सोचो बताओयचद तमह परी चमल जाए तो

10

q विदzwnjयावथियोzwnjकीzwnjजोवियॉzwnjबनाकरzwnjआयzwnjबतानzwnjकाzwnjखलzwnjखलिाऍzwnjऔरzwnjउनहzwnjमजदारzwnjपहवलयॉzwnjबझनzwnjकzwnjवलएzwnjदzwnjzwnjउनहzwnjइसीzwnjपरकारzwnjकzwnjअनयzwnjविषयोzwnjकzwnjभीzwnjखलzwnjखलनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjउनसzwnjपहवलयोzwnjऔरzwnjखलोzwnjकाzwnjवितोzwnjसवहतzwnjवलखखतzwnjसगरहzwnjकरिाऍzwnjअौरzwnjखलिाऍzwnj

4(अ) आओ आय बताना सीखो

(१)zwnjअपनzwnjवमतzwnjकोzwnjउसकीzwnjितथिमानzwnjआयzwnjमzwnjअगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआयzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(२)zwnjzwnjउसzwnjइसzwnjयोगफलzwnjकोzwnj5zwnjसzwnjगणाzwnjकरनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(३)zwnjपरापतzwnjगणनफलzwnjमzwnjउसzwnjअपनzwnjजनमिषथिzwnjकाzwnjइकाईzwnjअकzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjकहzwnjzwnj(4)zwnjपरापतzwnjयोगफलzwnjमzwnjसzwnj5zwnjघटाzwnjदzwnjzwnj(5)zwnjघटानzwnjकzwnjबादzwnjजोzwnjसखयाzwnjपरापतzwnjहोगीzwnjउसकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसzwnjसतzwnjकोzwnjउदाहरणzwnjसzwnjसमझतzwnjहzwnj

zwnj मानzwnjलोzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnj१०zwnjिषथिzwnjऔरzwnjजनमzwnjिषथिzwnj२००4zwnjहzwnjतो-(१)zwnj१०zwnj(ितथिमानzwnjआय)zwnj+zwnj११zwnj(अगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआय)zwnj=zwnj२१zwnj (२)zwnj२१Icirczwnj5zwnj=zwnj१०5(३)zwnj१०5zwnj+zwnj4zwnj=zwnj१०९zwnj zwnj zwnj zwnj zwnj (4)zwnj१०९zwnj-zwnj5zwnj=zwnj१०4

१०4zwnjकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjअाथितzwnj१०zwnjिषथिzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसीzwnjआधारzwnjपरzwnjअपनzwnjपररजनोzwnjपररवितोzwnjअनयzwnjवमतोzwnjकोzwnjउनकीzwnjआयzwnjबताकरzwnjआशियथिzwnjिवकतzwnjकरzwnjसकतzwnjहोzwnjzwnjपरतयकषzwnjकरकzwnjदखोzwnj

qविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjदोनोzwnjवितोzwnjकाzwnjदखकरzwnjउनमzwnjअतरzwnjढढ़करzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjभारतzwnjकzwnjविवभननzwnjराजयोzwnjकzwnjखानपानzwnjपहनािाzwnjआभषणzwnjजसzwnjअनयzwnjविषयोzwnjपरzwnjििाथिzwnjकराऍzwnjzwnjउनमzwnjसमानताzwnjऔरzwnjविविधताzwnjबतातzwnjहएzwnjलागोzwnjकzwnjआपसीzwnjसबधोzwnjकोzwnjसपषटzwnjकरzwnj

(ब) महाराषटर की बटी

आकलन

अतर बताओ

11

q चवद याचथथियो स एकल एव सामचहक कचवता पाठ कराऍ परशनोततर क माधयम स चबली और िपाती क बीि हए सवादो को सपषटकर उनह बाल-जगत स सबचधत अनय चकसी कलपना क परचत बाल मनोभाव वयति करक परसतत करन क चलए परोतसाचहत कर

गाओ आर समझो ः

जनम २ जन १९4६ टीकमगढ़(मधयपरदश) रचनाऍ चहदी क नए बालगीत उड़न खटोल एक िपाती और अनय बालकचवताऍ आचद पररचय आप १९६5 स परमख राषटटीय दचनको म लखन कर रह ह

इस कचवता म िपाती और चबली क बीि घटी मजदार घटना को हासय रप म वयति चकया ह

5 एक चपाती

ताती-ताती एक िपातीचदखी तव पर पट फलातीचबली मौसी बोली-lsquolsquoमयॉऊ भख लगी म तझको खाऊ rsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-lsquolsquoमौसी पहल मकखन ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoदख िपाती की ठनगन चबली ल आई मकखन गराथिकर चफर बोली-lsquolsquoमयाऊ अब तो म तझको खा जाऊrsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-

lsquolsquoहॉ हॉ पहल गड़ तो ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoचबली िल दी गड़ लान लगी लौटकर झझलान lsquolsquoमयाऊ मयाऊ मयाऊ अब म खाऊ अब म खाऊrsquorsquoमन ही मन म गढ़ी िपाती सोिा-lsquoअब तो मरी िपाती rsquoचिढ़कर बोली-lsquoखा नकटी rsquoचबली गसस म झपटी कमर म आत ही मॉ क चबली भागी दम दबा क आख खोल िपाती मसकाई मॉ न उसकी जान बिाई

-रमश तलग

12

सनो और समझो ः

नाम तमार

q सवाद म आए सववनाम शबदो (म वह कछ जसा-वसा अपन-अाप) को शामपट ट पर लिख इनक भदो को पराग द वारासमझाऍ और अन शबद कहिाऍ लवद ालवो स कलि करवान क पशाि उनका वाको म परोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ लवद ाल व ो स सवाद पढ़वाऍ और परशन बनाकर एक-दसर स पछन क लिए कह उनस अधलवशवास पर ाव कराऍ

६ सीखइस सवाद म बिाा गा ह लक अधलवशवास स दर रहना ालहए

[मोहन बीमारी क कारण रो रहा ह मॉ उस समझा रही ह ]मॉ रोओ मि बट ठीक हो जाओग िो मतरवािा पानी बाबा जी न लदा ह मोन इसस का होगा मॉ मॉ इसस िमहारी बीमारी छमिर हो जाएगी म वसा ही कर रही ह जसा कहा गा ह

[मोहन क लमतर एव सहलिो का आगमन]सोम मोहन अब कसी ह िबीि मोन अर का बिाऊ िकिीफ िो बढ़ ही रही ह शिला असपिाि नही गए दवाई िो िनी ी मॉ नही उसकी जररि भी नही इस लकसी की नजर िग गई ह बाबा जी न मतरवािा

पानी लदा ह वह दो-एक लदन म अपन-आप ठीक हो जाएगा

----------

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-----

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-----

--------

शितर दखकर उशित सरवनाम म शिखो (त म र य कया जसा-रसा अन-आ)

13

रबि वादिका

जरा सोचो बताओ

नए रबितकलीफ = ददथि पीड़ािौकना = अाशियथििचकत होना उफनना = उबलनामहावरतरस आना = दया आनाआख खलना = सही बात समझ म आना दध का दध और पानी का पानी करना = नयाय करना

यचद रात और चदन न होत तो

सतीदलग पललगएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- चबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- नाग----- मनाऍ ----- -----

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो क चलग और विन बदलकर चलखो

सभी दमत मोहन तबीयत की तरफ धयान दो हम चनकलत ह (बच जस ही बाहर चनकल उसी समय एक चबली न उनका रासता काटा )

सषमा लो अब तो हम लोगो का काम नही होगा महर मझ भी ऐसा ही लगता ह चबली न रासता काटा ह सोहन अर दखो तो सामन स गर जी आ रह ह गर जी भी मोहन क घर जा रह होग सषमा गर जी अभी हम सब आपक घर ही आन वाल थ पर चबली न रासता काट चदया दरलपा गर जी दध का दध और पानी का पानी करग महर हमन दखा मोहन की मॉ बीमार मोहन को कोई मत फका हआ पानी चपला रही थी गर जी कयो भला तम सब दखत रह सोहम हम सब कया करत उनका आदर जो करना था गर जी दखो चबली का रासता काटना दहली पर छीकना आचद सब अधचवशवास ह सषमा पर सभी लाग तो मानत ह गर जी बीमारी होन क अनक कारर होत ह दवा ही उसका एकमात उपाय ह िलो हम चमलकर

मोहन की मॉ को समझात ह चजसस उनकी आख खल जाएगी सभी चमलकर एक साथ बोलत ह lsquolsquoअधचवशवास स दर रहो सतय की पहिान करो rsquorsquo

14

टवचार मथन

सदव धयान म रखोसवय अधययनमहानzwnjविभवतयोzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjवकसीzwnjएकzwnjकzwnjकायथिzwnjपरzwnjपािzwnjिाकयzwnjवलखोzwnjzwnj

१zwnjबाबाzwnjजीzwnjनzwnjमॉzwnjकोzwnjकयाzwnjवदयाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj२zwnjमोहनzwnjकोzwnjदखनzwnjकौन-कौनzwnjआएzwnj३zwnjबचोzwnjकाzwnjरासताzwnjवकसनzwnjकाटाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj4zwnjगरzwnjजीzwnjनzwnjबचोzwnjकोzwnjकयाzwnjसमझायाzwnj

एक वाकय म उततर टलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

िटकलzwnjपहवलयॉzwnjसनोzwnjऔरzwnjवकसीzwnjकायथिकरमzwnjमzwnjzwnjसनाओzwnj

वहतोपदशzwnjकीzwnjकोईzwnjएकzwnjकहानीzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjउससzwnjसबवधतवितzwnjबनाओzwnj

अपनzwnjदzwnjिाराzwnjवकएzwnjगएzwnjवकसीzwnjअचछzwnjकायथिzwnjकाzwnjअनभिzwnjबताओzwnj

वहिकीzwnjआनzwnjजसीzwnjवकरयाओzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjउनकzwnjकारणzwnjवलखोzwnjzwnjzwnj

वबनाzwnjसोिzwnjसमझzwnjवकसीzwnjबातzwnjपरzwnjविशिासzwnjनाzwnjकरzwnj

नएzwnjशबदोzwnjकोzwnjशबदकोशzwnjमzwnjसzwnjढढ़करzwnjिणथिकरमानसारzwnjवलखाzwnjzwnj

अधययन कौशल zwnjविजानzwnjकाzwnjफलाओगzwnjपरकाशzwnjतोzwnjहोगाzwnjअधविशिासzwnjकाzwnjनाशzwnj

अधविशिासzwnjकzwnjकारणzwnjऔरzwnjउसzwnjदरzwnjकरनzwnjकzwnjउपायzwnjढढ़ोzwnjताzwnjवकसीzwnjएकzwnjपरसगzwnjकोzwnjपरसततzwnjकरोzwnjzwnj

खोजबीन

समझो हम

अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद

१ ल कलम ७ -

२ - 8 क

३ सा ९ ला

4 म १० य

5 टी ११ वश

६ क १२ ग

टचत की सहायता स बारहखडी क शबद बनाकर टलखो

१4

15१5

q चवद याचथथियो स लोरी गवाऍ और उसका अथथि तथा सदभथि समझाऍ उसपर ििाथि कर माता-चपता जी का महतव पछ उनह अपनदादी जी नानी जी क गरो को उजागर करन वाली कोई घटना बतान क चलए कह अनय लोरी सनाए और गवाऍ

जनम १७ जन १९६२ रचनाऍ लचतका गजार सवर-वयजन शबदो क पास आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म लोरी क माधयम स मॉ का बच क परचत वातसलय भाव परकट चकया गया ह

सनो पढ़ो और गाओ ः

यदि सच म हमार मामा का घर चॉि पर होता तोजरा सोचो बताओ

7 मनी रानी-अशोक चसह सोलकी

सा जा सो जा मनी रानी बात मान ल मरी दध-मलाई तम को दगीमधर सनाऊगी लोरी

रात सहानी आएगी जबिदा आ मसकाएगा शीतल िमकीली चकररो सतब वह तमह ररझाएगा

16

सव अधनरबद वयाटटकयानए रबदशीतल = ठडा ररझािा = मि मोहिावि = सिय

अपि पररिार क वपरय वयकति क वलए िार कावय पकतिया वलखो

मरयाठी अशा समोचयाररत रबद टहदी अशा

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीनविवभनन कषतो की अवधक-स-अवधक दस lsquoपरम भारतीय मवहलाओrsquo की सवित ािकारी कापी म विपकाओ

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भयाषया की ओरवहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अथि वभननता बताओ और वलखो

ब त मॉगगी उसको हील म उस वदखाऊगी िदा मामा आए मननीकह तमको बहलाऊगी

िदा मामा आकर तमको दग अपिा सारा पयार औ म भी वि परम हदय का दगी विशिय तम पर िार पलक बद कर सो ा लदीपयारी मननी रािी

17

जोडो हम पड क पततो पर टदए गए वरणो स सयकाकषरयक शबद बनाओ (आध हाकर पाई हटाकर हल लगाकर lsquoरrsquo क परकार )(कzwnjफzwnjगzwnjतzwnjzwnjघzwnjषzwnjिzwnjदzwnjमzwnjहzwnjठzwnjडzwnjटzwnjप)

जानवरो की डॉकटर

टगद ध

मगाण

डटरम

लकडबगाटट ट

इदरधनष

कतता

गzwnjत

िद ट

ह ठ

डट

मप

फटमगो

कटवता की पलकयॉ परी करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

नीवतपरकzwnjदोहzwnjसनोzwnjऔरzwnjआनदपिथिकzwnjसनाओzwnjzwnjzwnj

सभदाकमारीzwnjिौहानzwnjकीzwnjकविताzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjसमहzwnjमzwnjगाओzwnj

zwnjzwnjमॉzwnjकोzwnjएकzwnjवदनzwnjकीzwnjछटzwnjटीzwnjदीzwnjजाएzwnjतोzwnjकयाzwnjहोगाzwnj

वनधाथिररतzwnjविषयzwnjपरzwnjभाषणzwnjतयारzwnjकरोzwnjzwnj

सदव धयान म रखोजीिनzwnjमzwnjमाता-वपताzwnjकाzwnjसानzwnjअनमोलzwnjहzwnjzwnj

अपनzwnjपररिारzwnjकाzwnjिशzwnjिकषzwnjतयारzwnjकरोzwnjऔरzwnjररशत-नातोzwnjकzwnjनामzwnjवलखोzwnj

अधययन कौशल

zwnjजननी-जनमभवमशिzwnjसिगाथिदवपzwnjगरीयसीzwnj

टवचार मथन

१zwnjरातzwnjसहानीzwnjzwnjzwnjररझाएगाzwnj

२zwnjिदाzwnjमामाzwnjzwnjzwnjमननीzwnjरानीzwnj

18

सव अधन-१

एक स सौ तक की उलटी वगिती सिो पढ़ो और कापी म वलखो

बीसउनीसअठयारहसतहसोलहपदरहचौदहतरहबयारहगयारह

दसनौआठसयातछहपयाचचयारतीनदोएक

चयालीस

उनतयालीस

अड़तीस

सतीस

छतीस

पतीस

चौतीस

ततीस

बतीस

इकतीस

पचयास

उनचयास

अड़तयालीस

सतयालीस

टछयालीस

पतयालीस

चवयालीस

ततयालीस

बयालीस

इकतयालीस

सयाठउनसठअट ठयावनसतयावनछपपनपचपनचौवनटतरपनबयावनइकयावन

सतरउनहतरअड़सठसड़सठटछयासठपसठचौसठटतरसठबयासठइकसठ

अससीउनयासीअठहतरसतहतरटछहतरपचहतरचौहतरटतहतरबहतरइकहतर

नबबनवयासीअठयासीसतयासीटछयासीपचयासीचौरयासीटतरयासीबयासीइकयासी

सौ

टननयानव

अठयानव

सतयानव

टछयानव

पचयानव

चौरयानव

टतरयानव

बयानव

इकयानव

तीस

उनतीस

अट ठयाईस

सतयाईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

तईसबयाईस

इकीस

१8

19

माता-टपता सअपन बार म

सनो

टपछल वषण टकए अपन टवशष कायण

बताओ

बाल सभा म परटतटदन बोध कथा का वाचन करो

वषण भर क खल- समाचारो का सटचत सकलन परसतत करो

कटतउपकरम

न र स ल ड त विक

१ वरणमाला सनाअो और टवशष वरणो क उचारर पर धयान दो

२ टवद यालय क सनह सममलन का वरणन करो

३ पसदीदा टवषय पर टवजापन बनाकर उसको पढ़ो

4 फल-फलो क दस-दस नाम टलखो

5 अकषर समह म स लखलाटडयो क नाम बताओ और टलखो

धया

ि

री

शा

लखा

ि

का

ना

वस

सा

जा

वम

बा खा

ल िा न

वन वम सा जाथि या

पनरावतणन - १ फलो क नाम फलो क नाम

zwnj१ zwnj१zwnj२ zwnj२zwnj३ zwnj३zwnj4 4zwnj5 5zwnj६ zwnj६zwnj७ zwnj७zwnj8 8zwnj९ zwnj९१० १०

20

दखो समझो आर चचयाशा करो ः

q विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर उिको परशि पछि क वलए कह बड़ो की सहायता स उनह डाकघर म ाकर वटकट खरीदिता बक म बाल-बित खाता खलिाि और पररवित डावकए बक कमथििारी िसथि हिलदार स बातिीत करि की सििा द

१ उपोग हमयार

मनीआडशार

बचत खयातया

रटजसटटीटटकट

हम आपकी आवशकतया समझत ह

डयाकघर

कड़या दयान

बचत आपकी

पगटत दर की

सचनया

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

Xyumlgar BH$mBcopy

22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

nwZamdVcopyZ - 2

१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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Page 8: विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

3

q विद यावथियो स अािागमि क साधिो का महति कहलिाऍ वदए गए िाकयो को समझाकर उिस इसी परकार क अनय िाकयो कासगरह कराऍ सािथिविक सलो की सिचछता पर उिस ििाथि कर याता म मवहलाओ एि ितद धो की सहायता क वलए परररत कर

अपन सयामयान कया धयान रख

टटकट घर अयारकषण

धमरपयान मनया ह

लयावयाररस वसतओ को हया न लगयाऍ

रल सयानक

पहली इकयाई

अतररयाषटी हवयाई अड डया

हवयाई अड डया

4

सनो और गाओ ः

सवय अधययन

q उचित हाव-भाव लय-ताल क साथ कचवता पाठ कर चवद याचथथियो स वयकतिगत तथा गट म ससवर पाठ कराऍ कचवता म धान की बालीका चकसान की बटी क रप म परतीकातमक वरथिन चकया गया ह खती की आवशयकता बतात हए चकसान क कायथि पर ििाथि कर

4

जनम ७ अपरल १९३३ मतय २६ फरवरी १९९8 रचनाऍ जलता हआ सफर मरी गजल मशाल नीला अबर साथी मरा आचद पररचय आप गजलकार क रप म परचसद ध ह

परसतत कचवता म खती का महतव और चकसान क शरम को अनमोल बताया गया ह

(१) नीच दिए गए दचतरो की सहायता स पाकदतक सिरता िराशान वाला एक दचत बनाकर उसम रग भरो (२) अपन दचत क बार म बोलो

खतो म झम रही बाली यह धान की झमक-झमक िलतीजयो बटी चकसान की

२ बाली यह धान की- डॉहनमत नायड

बदो न पयार चदयाबरखा न पाला ह िदा न रप चदया सरज रखवाला ह छाया ह मडप-सी

नील चवतान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

5

जरा सोचो बताओ

यचद परकचत म सदर - सदर रग नही होत तो

q कदतपशन हत अधयापन सकत - परतयक कचतपरशन को शीरथिक क साथ चदया गया ह चदए गए परतयक कचतपरशन क चलएआवशयक सामगी उपलबध कर कषमताओ और कौशलो क आधार पर इनह चवद याचथथियो स हल करवाऍ आवशयकतानसारचवद याचथथियो का मागथिदशथिन करत हए अनय चशकषको की भी सहायता परापत कर lsquoदो शबदrsquo म दी गई सिनाओ का पालन कर

q पराकचतक आपदाओ (भकप बाढ़ अकाल आचद) स बिाव क उपाय बताऍ और चवद याचथथियो स कहलवाऍ अनय कचवता सनाऍदोहरवाऍ इसम सभी को सहभागी कर परकचत क सतलन एव सवधथिन सबधी जानकारी द परतयक क अपन सहयोग पर ििाथि कर

5

मन समझा

रबि वादिका

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

धान

बाली

बरखा

जीतगीत

जग

भाषा की ओर

चदए गए शबदो क लययति शबद चलखो

पड़ो पर पछी हमड़ो पर शोर ह वशी की तान चलएआती हर भोर ह

सकखयो-सी गाती हचकरर चवहान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

शरम का यह मोती हमहनत की जीत ह फसलो क आिल सझरता यह गीत ह

महनत ही पजी हजग म इनसान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

नए रबिचवतान = चवसतार आकाशमड़ = खत क िारो ओर चमट टी का बनाया हआ घरा वशी = बॉसरीतान = सरभोर = परातकाल आिल = साड़ी का पल

6

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

सदव धयान म रखो

टवचयार मन

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

तयोहार सबधी कोई एक गीत सिो और दोहराओ

कवििर सवमतािदि पत की कविता का मखर िािि करो

पाकसटक माथिकोल आवद परदरण बढ़ाि िाल घटको का उपयोग हाविकारक ह

lsquoशालय सिचछता अवभयािrsquo म तमहारा सहयोग बताओ

सपताह म एक वदि वकसी कविता का सलखि करो

अधन कौरल

ररकत सयानरो की पटतशा करो

खोजबीन

अ आ इ ई उ ऊ ॠ ए ऐ ओ औ अ अ अ ऑ

क ख ग घ ङ ि छ झ ञ ट ठ ड ढ ण ड़ ढ़ त द ध ि प फ ब भ म य र ल ि श र स ह ळ कष त जञ शर

दपशाण म दखकर पढ़ो पहचयानो हम

य िाि य वकसाि य विजञाि

१ बदो ि वदया २ पड़ो पर ह ३ िील की 4 झरता यह ह

बोआई स मडी तक की परवरियाओ क बार म बताओ

कवर क आधविक उपकरणो की ािकारी परापत करा और वलखो

7

नाम हमार दचत पहचानकर उनक नाम दलखो

q कहानी म आए सजा शबदो (पवथित सोनपरी सभी खशी पानी) को शयामपट ट पर चलख सजा क भदो को सरल परयोगो द वारासमझाए उपरोति कचत करवान क पशिात चवद याचथथियो स इस परकार क अनय शबद कहलवाऍ उनस दढ़ीकरर भी कराऍ चवद याचथथिया को परी जसी कालपचनक सकलपना स यथाथथि की ओर ल जाना ह उनह परशनोततर क माधयम स कहानी सनाऍ

सनो और िोहराओ ३ अपनी पकदत

इस कहानी म बचो न अपनी चपरय वसतऍ परकचत को दकर उसक परचत कतजता का भाव परकट चकया ह

एक चदन फड ररक चहतदर मखतार पराजतिा चसद चध शचमथिषा कषरा चबट ट तकपत चिनमय सोनपरी क साथ बगीि म खल रह थ कावया पड़ क नीि बठी इन सबका खल दख रही थी चक अिानक एक पतता ऊपर स आ चगरा कावया न ऊपर दखा हरा-भरा पड़ और उसकी घनी छाया फली थी वह सोिन लगी lsquoपरकचत चकतना कछ दती ह हम भी उस कछ दना िाचहए rsquo

उसन सभी को बलाया और अपन चविार बताए सभी सािन लग-lsquoअर हॉ हम भी कछ दना िाचहए rsquo चिनमय बाला lsquolsquoकयो न बाल चदवस पर हम परकचत को कछ दrsquorsquo सभी न सोनपरी का अपना चविार बताया

सोनपरी को बहत हरथि हआ वह सबको अपन साथ लकर आकाश म उड़ िली उसन कहा lsquolsquoनकी और पछ-पछ lsquoदोसतो तम जो कछ परकचत को दना िाहत हो उसकी कलपना करो म तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo फड ररक और चसद चध न अपन कखलौन आकाश को दन का मन बनाए सोित ही कखलौनो न बादलो का रप चलया और पानी बरसन लगा

कावया और चहतदर न पवथित को चमठाई दन की इचछा वयति की यह इचछा शानदार वकषो म बदल गई शचमथिषा एव कषरा पथवी को अपनी गचड़या दना िाहती थी दखत-दखत उनकी िाह नचदयॉ बनकर पथवी पर बहन लगी

8

भाषा की ओरशबद वाटिका

खोजबीन

नए शबदहरष = आनदकषण = पलअद भत = अनोखामहावरनकी और पछ-पछ = अचछ काम क ललए पछन की अावशयकता नहीभावलवभोर होना = आनलदत होना

लनमनललखखत शबदो क समानारथी शबद कहानी स ढढकर बताओ

8

आकाश लमतर

धरा लिरर

सिध

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

तखति और पाजका न अपनी-अपनी चलियॉ दन का मन बनाया कछ ही कषणो म सारी धरती हरी-भरी हो िई मानो धरती न धानी चनर ओढी हो मखतार और लबट ट न अपनी रि पटी दनी चाही और कछ ही कषणो म सारा आसमान लटमलटमात तारो स भर िया सारी पकलत दलहन की तरह सज िई री लजस-लजस न जो चाहा सोनपरी न वह सब लकया

अब पकलत म पछी मधर सवर म िान लि कलकल झरनो न वातावरण म सिीत भर लदया मद

रपयो (नोट) पर ललखी कीमत लकतनी और लकन भाराओ म अलकत ह बताओ

पवन बहन लिा फलो न हवा म मीठी खशब भर दी बच खशी स नाचन लि और परी को धनयवाद दन लि लक परी न सचमच पकलत को अद भत बना लदया तभी पाजका क लसर पर एक पका आम आ टपका

एकाएक पाजका की नीद खल िई उसन खखिकी स बाहर झॉका तो पाया लक पकलत ठीक वसी ही लदख रही ह जसी उसन अभी-अभी सपन म दखी री वह भावलवभोर हो िई

9

साइचकल िलाओ पयाथिवरर बिाओ

दवचार मथन

१ lsquolsquoपरकचत चकतना कछ दती ह rsquorsquo २ lsquolsquoम तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo३ lsquolsquoबाल चदवस पर हम परकचत को कछ द rsquorsquo 4 lsquolsquoनकी और पछ-पछ rsquorsquo

दकसन दकसस कहा ह बताओ

सवय अधययनचदए गए चितो क आधार पर उचित और आकरथिक चवजापन तयार करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

काटथिन कथा सनकर उस हाव-भाव सचहत सनाओ

महादवी वमाथि क रखाचित पढ़कर उसक पातो क नाम चलखो

बड़ होकर कया बनना िाहत हो

इस कहानी क चकसी एक अनचछद का अनलखन करो

सिव धयान म रखोपरकचत स हम दन की सीख चमलती ह

चकसी पररचित अनय कहानी लखन क चलए मद द तयार करो

अधययन कौरल

जरा सोचो बताओयचद तमह परी चमल जाए तो

10

q विदzwnjयावथियोzwnjकीzwnjजोवियॉzwnjबनाकरzwnjआयzwnjबतानzwnjकाzwnjखलzwnjखलिाऍzwnjऔरzwnjउनहzwnjमजदारzwnjपहवलयॉzwnjबझनzwnjकzwnjवलएzwnjदzwnjzwnjउनहzwnjइसीzwnjपरकारzwnjकzwnjअनयzwnjविषयोzwnjकzwnjभीzwnjखलzwnjखलनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjउनसzwnjपहवलयोzwnjऔरzwnjखलोzwnjकाzwnjवितोzwnjसवहतzwnjवलखखतzwnjसगरहzwnjकरिाऍzwnjअौरzwnjखलिाऍzwnj

4(अ) आओ आय बताना सीखो

(१)zwnjअपनzwnjवमतzwnjकोzwnjउसकीzwnjितथिमानzwnjआयzwnjमzwnjअगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआयzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(२)zwnjzwnjउसzwnjइसzwnjयोगफलzwnjकोzwnj5zwnjसzwnjगणाzwnjकरनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(३)zwnjपरापतzwnjगणनफलzwnjमzwnjउसzwnjअपनzwnjजनमिषथिzwnjकाzwnjइकाईzwnjअकzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjकहzwnjzwnj(4)zwnjपरापतzwnjयोगफलzwnjमzwnjसzwnj5zwnjघटाzwnjदzwnjzwnj(5)zwnjघटानzwnjकzwnjबादzwnjजोzwnjसखयाzwnjपरापतzwnjहोगीzwnjउसकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसzwnjसतzwnjकोzwnjउदाहरणzwnjसzwnjसमझतzwnjहzwnj

zwnj मानzwnjलोzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnj१०zwnjिषथिzwnjऔरzwnjजनमzwnjिषथिzwnj२००4zwnjहzwnjतो-(१)zwnj१०zwnj(ितथिमानzwnjआय)zwnj+zwnj११zwnj(अगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआय)zwnj=zwnj२१zwnj (२)zwnj२१Icirczwnj5zwnj=zwnj१०5(३)zwnj१०5zwnj+zwnj4zwnj=zwnj१०९zwnj zwnj zwnj zwnj zwnj (4)zwnj१०९zwnj-zwnj5zwnj=zwnj१०4

१०4zwnjकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjअाथितzwnj१०zwnjिषथिzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसीzwnjआधारzwnjपरzwnjअपनzwnjपररजनोzwnjपररवितोzwnjअनयzwnjवमतोzwnjकोzwnjउनकीzwnjआयzwnjबताकरzwnjआशियथिzwnjिवकतzwnjकरzwnjसकतzwnjहोzwnjzwnjपरतयकषzwnjकरकzwnjदखोzwnj

qविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjदोनोzwnjवितोzwnjकाzwnjदखकरzwnjउनमzwnjअतरzwnjढढ़करzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjभारतzwnjकzwnjविवभननzwnjराजयोzwnjकzwnjखानपानzwnjपहनािाzwnjआभषणzwnjजसzwnjअनयzwnjविषयोzwnjपरzwnjििाथिzwnjकराऍzwnjzwnjउनमzwnjसमानताzwnjऔरzwnjविविधताzwnjबतातzwnjहएzwnjलागोzwnjकzwnjआपसीzwnjसबधोzwnjकोzwnjसपषटzwnjकरzwnj

(ब) महाराषटर की बटी

आकलन

अतर बताओ

11

q चवद याचथथियो स एकल एव सामचहक कचवता पाठ कराऍ परशनोततर क माधयम स चबली और िपाती क बीि हए सवादो को सपषटकर उनह बाल-जगत स सबचधत अनय चकसी कलपना क परचत बाल मनोभाव वयति करक परसतत करन क चलए परोतसाचहत कर

गाओ आर समझो ः

जनम २ जन १९4६ टीकमगढ़(मधयपरदश) रचनाऍ चहदी क नए बालगीत उड़न खटोल एक िपाती और अनय बालकचवताऍ आचद पररचय आप १९६5 स परमख राषटटीय दचनको म लखन कर रह ह

इस कचवता म िपाती और चबली क बीि घटी मजदार घटना को हासय रप म वयति चकया ह

5 एक चपाती

ताती-ताती एक िपातीचदखी तव पर पट फलातीचबली मौसी बोली-lsquolsquoमयॉऊ भख लगी म तझको खाऊ rsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-lsquolsquoमौसी पहल मकखन ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoदख िपाती की ठनगन चबली ल आई मकखन गराथिकर चफर बोली-lsquolsquoमयाऊ अब तो म तझको खा जाऊrsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-

lsquolsquoहॉ हॉ पहल गड़ तो ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoचबली िल दी गड़ लान लगी लौटकर झझलान lsquolsquoमयाऊ मयाऊ मयाऊ अब म खाऊ अब म खाऊrsquorsquoमन ही मन म गढ़ी िपाती सोिा-lsquoअब तो मरी िपाती rsquoचिढ़कर बोली-lsquoखा नकटी rsquoचबली गसस म झपटी कमर म आत ही मॉ क चबली भागी दम दबा क आख खोल िपाती मसकाई मॉ न उसकी जान बिाई

-रमश तलग

12

सनो और समझो ः

नाम तमार

q सवाद म आए सववनाम शबदो (म वह कछ जसा-वसा अपन-अाप) को शामपट ट पर लिख इनक भदो को पराग द वारासमझाऍ और अन शबद कहिाऍ लवद ालवो स कलि करवान क पशाि उनका वाको म परोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ लवद ाल व ो स सवाद पढ़वाऍ और परशन बनाकर एक-दसर स पछन क लिए कह उनस अधलवशवास पर ाव कराऍ

६ सीखइस सवाद म बिाा गा ह लक अधलवशवास स दर रहना ालहए

[मोहन बीमारी क कारण रो रहा ह मॉ उस समझा रही ह ]मॉ रोओ मि बट ठीक हो जाओग िो मतरवािा पानी बाबा जी न लदा ह मोन इसस का होगा मॉ मॉ इसस िमहारी बीमारी छमिर हो जाएगी म वसा ही कर रही ह जसा कहा गा ह

[मोहन क लमतर एव सहलिो का आगमन]सोम मोहन अब कसी ह िबीि मोन अर का बिाऊ िकिीफ िो बढ़ ही रही ह शिला असपिाि नही गए दवाई िो िनी ी मॉ नही उसकी जररि भी नही इस लकसी की नजर िग गई ह बाबा जी न मतरवािा

पानी लदा ह वह दो-एक लदन म अपन-आप ठीक हो जाएगा

----------

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--------

शितर दखकर उशित सरवनाम म शिखो (त म र य कया जसा-रसा अन-आ)

13

रबि वादिका

जरा सोचो बताओ

नए रबितकलीफ = ददथि पीड़ािौकना = अाशियथििचकत होना उफनना = उबलनामहावरतरस आना = दया आनाआख खलना = सही बात समझ म आना दध का दध और पानी का पानी करना = नयाय करना

यचद रात और चदन न होत तो

सतीदलग पललगएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- चबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- नाग----- मनाऍ ----- -----

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो क चलग और विन बदलकर चलखो

सभी दमत मोहन तबीयत की तरफ धयान दो हम चनकलत ह (बच जस ही बाहर चनकल उसी समय एक चबली न उनका रासता काटा )

सषमा लो अब तो हम लोगो का काम नही होगा महर मझ भी ऐसा ही लगता ह चबली न रासता काटा ह सोहन अर दखो तो सामन स गर जी आ रह ह गर जी भी मोहन क घर जा रह होग सषमा गर जी अभी हम सब आपक घर ही आन वाल थ पर चबली न रासता काट चदया दरलपा गर जी दध का दध और पानी का पानी करग महर हमन दखा मोहन की मॉ बीमार मोहन को कोई मत फका हआ पानी चपला रही थी गर जी कयो भला तम सब दखत रह सोहम हम सब कया करत उनका आदर जो करना था गर जी दखो चबली का रासता काटना दहली पर छीकना आचद सब अधचवशवास ह सषमा पर सभी लाग तो मानत ह गर जी बीमारी होन क अनक कारर होत ह दवा ही उसका एकमात उपाय ह िलो हम चमलकर

मोहन की मॉ को समझात ह चजसस उनकी आख खल जाएगी सभी चमलकर एक साथ बोलत ह lsquolsquoअधचवशवास स दर रहो सतय की पहिान करो rsquorsquo

14

टवचार मथन

सदव धयान म रखोसवय अधययनमहानzwnjविभवतयोzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjवकसीzwnjएकzwnjकzwnjकायथिzwnjपरzwnjपािzwnjिाकयzwnjवलखोzwnjzwnj

१zwnjबाबाzwnjजीzwnjनzwnjमॉzwnjकोzwnjकयाzwnjवदयाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj२zwnjमोहनzwnjकोzwnjदखनzwnjकौन-कौनzwnjआएzwnj३zwnjबचोzwnjकाzwnjरासताzwnjवकसनzwnjकाटाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj4zwnjगरzwnjजीzwnjनzwnjबचोzwnjकोzwnjकयाzwnjसमझायाzwnj

एक वाकय म उततर टलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

िटकलzwnjपहवलयॉzwnjसनोzwnjऔरzwnjवकसीzwnjकायथिकरमzwnjमzwnjzwnjसनाओzwnj

वहतोपदशzwnjकीzwnjकोईzwnjएकzwnjकहानीzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjउससzwnjसबवधतवितzwnjबनाओzwnj

अपनzwnjदzwnjिाराzwnjवकएzwnjगएzwnjवकसीzwnjअचछzwnjकायथिzwnjकाzwnjअनभिzwnjबताओzwnj

वहिकीzwnjआनzwnjजसीzwnjवकरयाओzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjउनकzwnjकारणzwnjवलखोzwnjzwnjzwnj

वबनाzwnjसोिzwnjसमझzwnjवकसीzwnjबातzwnjपरzwnjविशिासzwnjनाzwnjकरzwnj

नएzwnjशबदोzwnjकोzwnjशबदकोशzwnjमzwnjसzwnjढढ़करzwnjिणथिकरमानसारzwnjवलखाzwnjzwnj

अधययन कौशल zwnjविजानzwnjकाzwnjफलाओगzwnjपरकाशzwnjतोzwnjहोगाzwnjअधविशिासzwnjकाzwnjनाशzwnj

अधविशिासzwnjकzwnjकारणzwnjऔरzwnjउसzwnjदरzwnjकरनzwnjकzwnjउपायzwnjढढ़ोzwnjताzwnjवकसीzwnjएकzwnjपरसगzwnjकोzwnjपरसततzwnjकरोzwnjzwnj

खोजबीन

समझो हम

अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद

१ ल कलम ७ -

२ - 8 क

३ सा ९ ला

4 म १० य

5 टी ११ वश

६ क १२ ग

टचत की सहायता स बारहखडी क शबद बनाकर टलखो

१4

15१5

q चवद याचथथियो स लोरी गवाऍ और उसका अथथि तथा सदभथि समझाऍ उसपर ििाथि कर माता-चपता जी का महतव पछ उनह अपनदादी जी नानी जी क गरो को उजागर करन वाली कोई घटना बतान क चलए कह अनय लोरी सनाए और गवाऍ

जनम १७ जन १९६२ रचनाऍ लचतका गजार सवर-वयजन शबदो क पास आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म लोरी क माधयम स मॉ का बच क परचत वातसलय भाव परकट चकया गया ह

सनो पढ़ो और गाओ ः

यदि सच म हमार मामा का घर चॉि पर होता तोजरा सोचो बताओ

7 मनी रानी-अशोक चसह सोलकी

सा जा सो जा मनी रानी बात मान ल मरी दध-मलाई तम को दगीमधर सनाऊगी लोरी

रात सहानी आएगी जबिदा आ मसकाएगा शीतल िमकीली चकररो सतब वह तमह ररझाएगा

16

सव अधनरबद वयाटटकयानए रबदशीतल = ठडा ररझािा = मि मोहिावि = सिय

अपि पररिार क वपरय वयकति क वलए िार कावय पकतिया वलखो

मरयाठी अशा समोचयाररत रबद टहदी अशा

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीनविवभनन कषतो की अवधक-स-अवधक दस lsquoपरम भारतीय मवहलाओrsquo की सवित ािकारी कापी म विपकाओ

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भयाषया की ओरवहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अथि वभननता बताओ और वलखो

ब त मॉगगी उसको हील म उस वदखाऊगी िदा मामा आए मननीकह तमको बहलाऊगी

िदा मामा आकर तमको दग अपिा सारा पयार औ म भी वि परम हदय का दगी विशिय तम पर िार पलक बद कर सो ा लदीपयारी मननी रािी

17

जोडो हम पड क पततो पर टदए गए वरणो स सयकाकषरयक शबद बनाओ (आध हाकर पाई हटाकर हल लगाकर lsquoरrsquo क परकार )(कzwnjफzwnjगzwnjतzwnjzwnjघzwnjषzwnjिzwnjदzwnjमzwnjहzwnjठzwnjडzwnjटzwnjप)

जानवरो की डॉकटर

टगद ध

मगाण

डटरम

लकडबगाटट ट

इदरधनष

कतता

गzwnjत

िद ट

ह ठ

डट

मप

फटमगो

कटवता की पलकयॉ परी करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

नीवतपरकzwnjदोहzwnjसनोzwnjऔरzwnjआनदपिथिकzwnjसनाओzwnjzwnjzwnj

सभदाकमारीzwnjिौहानzwnjकीzwnjकविताzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjसमहzwnjमzwnjगाओzwnj

zwnjzwnjमॉzwnjकोzwnjएकzwnjवदनzwnjकीzwnjछटzwnjटीzwnjदीzwnjजाएzwnjतोzwnjकयाzwnjहोगाzwnj

वनधाथिररतzwnjविषयzwnjपरzwnjभाषणzwnjतयारzwnjकरोzwnjzwnj

सदव धयान म रखोजीिनzwnjमzwnjमाता-वपताzwnjकाzwnjसानzwnjअनमोलzwnjहzwnjzwnj

अपनzwnjपररिारzwnjकाzwnjिशzwnjिकषzwnjतयारzwnjकरोzwnjऔरzwnjररशत-नातोzwnjकzwnjनामzwnjवलखोzwnj

अधययन कौशल

zwnjजननी-जनमभवमशिzwnjसिगाथिदवपzwnjगरीयसीzwnj

टवचार मथन

१zwnjरातzwnjसहानीzwnjzwnjzwnjररझाएगाzwnj

२zwnjिदाzwnjमामाzwnjzwnjzwnjमननीzwnjरानीzwnj

18

सव अधन-१

एक स सौ तक की उलटी वगिती सिो पढ़ो और कापी म वलखो

बीसउनीसअठयारहसतहसोलहपदरहचौदहतरहबयारहगयारह

दसनौआठसयातछहपयाचचयारतीनदोएक

चयालीस

उनतयालीस

अड़तीस

सतीस

छतीस

पतीस

चौतीस

ततीस

बतीस

इकतीस

पचयास

उनचयास

अड़तयालीस

सतयालीस

टछयालीस

पतयालीस

चवयालीस

ततयालीस

बयालीस

इकतयालीस

सयाठउनसठअट ठयावनसतयावनछपपनपचपनचौवनटतरपनबयावनइकयावन

सतरउनहतरअड़सठसड़सठटछयासठपसठचौसठटतरसठबयासठइकसठ

अससीउनयासीअठहतरसतहतरटछहतरपचहतरचौहतरटतहतरबहतरइकहतर

नबबनवयासीअठयासीसतयासीटछयासीपचयासीचौरयासीटतरयासीबयासीइकयासी

सौ

टननयानव

अठयानव

सतयानव

टछयानव

पचयानव

चौरयानव

टतरयानव

बयानव

इकयानव

तीस

उनतीस

अट ठयाईस

सतयाईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

तईसबयाईस

इकीस

१8

19

माता-टपता सअपन बार म

सनो

टपछल वषण टकए अपन टवशष कायण

बताओ

बाल सभा म परटतटदन बोध कथा का वाचन करो

वषण भर क खल- समाचारो का सटचत सकलन परसतत करो

कटतउपकरम

न र स ल ड त विक

१ वरणमाला सनाअो और टवशष वरणो क उचारर पर धयान दो

२ टवद यालय क सनह सममलन का वरणन करो

३ पसदीदा टवषय पर टवजापन बनाकर उसको पढ़ो

4 फल-फलो क दस-दस नाम टलखो

5 अकषर समह म स लखलाटडयो क नाम बताओ और टलखो

धया

ि

री

शा

लखा

ि

का

ना

वस

सा

जा

वम

बा खा

ल िा न

वन वम सा जाथि या

पनरावतणन - १ फलो क नाम फलो क नाम

zwnj१ zwnj१zwnj२ zwnj२zwnj३ zwnj३zwnj4 4zwnj5 5zwnj६ zwnj६zwnj७ zwnj७zwnj8 8zwnj९ zwnj९१० १०

20

दखो समझो आर चचयाशा करो ः

q विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर उिको परशि पछि क वलए कह बड़ो की सहायता स उनह डाकघर म ाकर वटकट खरीदिता बक म बाल-बित खाता खलिाि और पररवित डावकए बक कमथििारी िसथि हिलदार स बातिीत करि की सििा द

१ उपोग हमयार

मनीआडशार

बचत खयातया

रटजसटटीटटकट

हम आपकी आवशकतया समझत ह

डयाकघर

कड़या दयान

बचत आपकी

पगटत दर की

सचनया

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

Xyumlgar BH$mBcopy

22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

nwZamdVcopyZ - 2

१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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Page 9: विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

4

सनो और गाओ ः

सवय अधययन

q उचित हाव-भाव लय-ताल क साथ कचवता पाठ कर चवद याचथथियो स वयकतिगत तथा गट म ससवर पाठ कराऍ कचवता म धान की बालीका चकसान की बटी क रप म परतीकातमक वरथिन चकया गया ह खती की आवशयकता बतात हए चकसान क कायथि पर ििाथि कर

4

जनम ७ अपरल १९३३ मतय २६ फरवरी १९९8 रचनाऍ जलता हआ सफर मरी गजल मशाल नीला अबर साथी मरा आचद पररचय आप गजलकार क रप म परचसद ध ह

परसतत कचवता म खती का महतव और चकसान क शरम को अनमोल बताया गया ह

(१) नीच दिए गए दचतरो की सहायता स पाकदतक सिरता िराशान वाला एक दचत बनाकर उसम रग भरो (२) अपन दचत क बार म बोलो

खतो म झम रही बाली यह धान की झमक-झमक िलतीजयो बटी चकसान की

२ बाली यह धान की- डॉहनमत नायड

बदो न पयार चदयाबरखा न पाला ह िदा न रप चदया सरज रखवाला ह छाया ह मडप-सी

नील चवतान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

5

जरा सोचो बताओ

यचद परकचत म सदर - सदर रग नही होत तो

q कदतपशन हत अधयापन सकत - परतयक कचतपरशन को शीरथिक क साथ चदया गया ह चदए गए परतयक कचतपरशन क चलएआवशयक सामगी उपलबध कर कषमताओ और कौशलो क आधार पर इनह चवद याचथथियो स हल करवाऍ आवशयकतानसारचवद याचथथियो का मागथिदशथिन करत हए अनय चशकषको की भी सहायता परापत कर lsquoदो शबदrsquo म दी गई सिनाओ का पालन कर

q पराकचतक आपदाओ (भकप बाढ़ अकाल आचद) स बिाव क उपाय बताऍ और चवद याचथथियो स कहलवाऍ अनय कचवता सनाऍदोहरवाऍ इसम सभी को सहभागी कर परकचत क सतलन एव सवधथिन सबधी जानकारी द परतयक क अपन सहयोग पर ििाथि कर

5

मन समझा

रबि वादिका

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

धान

बाली

बरखा

जीतगीत

जग

भाषा की ओर

चदए गए शबदो क लययति शबद चलखो

पड़ो पर पछी हमड़ो पर शोर ह वशी की तान चलएआती हर भोर ह

सकखयो-सी गाती हचकरर चवहान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

शरम का यह मोती हमहनत की जीत ह फसलो क आिल सझरता यह गीत ह

महनत ही पजी हजग म इनसान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

नए रबिचवतान = चवसतार आकाशमड़ = खत क िारो ओर चमट टी का बनाया हआ घरा वशी = बॉसरीतान = सरभोर = परातकाल आिल = साड़ी का पल

6

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

सदव धयान म रखो

टवचयार मन

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

तयोहार सबधी कोई एक गीत सिो और दोहराओ

कवििर सवमतािदि पत की कविता का मखर िािि करो

पाकसटक माथिकोल आवद परदरण बढ़ाि िाल घटको का उपयोग हाविकारक ह

lsquoशालय सिचछता अवभयािrsquo म तमहारा सहयोग बताओ

सपताह म एक वदि वकसी कविता का सलखि करो

अधन कौरल

ररकत सयानरो की पटतशा करो

खोजबीन

अ आ इ ई उ ऊ ॠ ए ऐ ओ औ अ अ अ ऑ

क ख ग घ ङ ि छ झ ञ ट ठ ड ढ ण ड़ ढ़ त द ध ि प फ ब भ म य र ल ि श र स ह ळ कष त जञ शर

दपशाण म दखकर पढ़ो पहचयानो हम

य िाि य वकसाि य विजञाि

१ बदो ि वदया २ पड़ो पर ह ३ िील की 4 झरता यह ह

बोआई स मडी तक की परवरियाओ क बार म बताओ

कवर क आधविक उपकरणो की ािकारी परापत करा और वलखो

7

नाम हमार दचत पहचानकर उनक नाम दलखो

q कहानी म आए सजा शबदो (पवथित सोनपरी सभी खशी पानी) को शयामपट ट पर चलख सजा क भदो को सरल परयोगो द वारासमझाए उपरोति कचत करवान क पशिात चवद याचथथियो स इस परकार क अनय शबद कहलवाऍ उनस दढ़ीकरर भी कराऍ चवद याचथथिया को परी जसी कालपचनक सकलपना स यथाथथि की ओर ल जाना ह उनह परशनोततर क माधयम स कहानी सनाऍ

सनो और िोहराओ ३ अपनी पकदत

इस कहानी म बचो न अपनी चपरय वसतऍ परकचत को दकर उसक परचत कतजता का भाव परकट चकया ह

एक चदन फड ररक चहतदर मखतार पराजतिा चसद चध शचमथिषा कषरा चबट ट तकपत चिनमय सोनपरी क साथ बगीि म खल रह थ कावया पड़ क नीि बठी इन सबका खल दख रही थी चक अिानक एक पतता ऊपर स आ चगरा कावया न ऊपर दखा हरा-भरा पड़ और उसकी घनी छाया फली थी वह सोिन लगी lsquoपरकचत चकतना कछ दती ह हम भी उस कछ दना िाचहए rsquo

उसन सभी को बलाया और अपन चविार बताए सभी सािन लग-lsquoअर हॉ हम भी कछ दना िाचहए rsquo चिनमय बाला lsquolsquoकयो न बाल चदवस पर हम परकचत को कछ दrsquorsquo सभी न सोनपरी का अपना चविार बताया

सोनपरी को बहत हरथि हआ वह सबको अपन साथ लकर आकाश म उड़ िली उसन कहा lsquolsquoनकी और पछ-पछ lsquoदोसतो तम जो कछ परकचत को दना िाहत हो उसकी कलपना करो म तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo फड ररक और चसद चध न अपन कखलौन आकाश को दन का मन बनाए सोित ही कखलौनो न बादलो का रप चलया और पानी बरसन लगा

कावया और चहतदर न पवथित को चमठाई दन की इचछा वयति की यह इचछा शानदार वकषो म बदल गई शचमथिषा एव कषरा पथवी को अपनी गचड़या दना िाहती थी दखत-दखत उनकी िाह नचदयॉ बनकर पथवी पर बहन लगी

8

भाषा की ओरशबद वाटिका

खोजबीन

नए शबदहरष = आनदकषण = पलअद भत = अनोखामहावरनकी और पछ-पछ = अचछ काम क ललए पछन की अावशयकता नहीभावलवभोर होना = आनलदत होना

लनमनललखखत शबदो क समानारथी शबद कहानी स ढढकर बताओ

8

आकाश लमतर

धरा लिरर

सिध

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

तखति और पाजका न अपनी-अपनी चलियॉ दन का मन बनाया कछ ही कषणो म सारी धरती हरी-भरी हो िई मानो धरती न धानी चनर ओढी हो मखतार और लबट ट न अपनी रि पटी दनी चाही और कछ ही कषणो म सारा आसमान लटमलटमात तारो स भर िया सारी पकलत दलहन की तरह सज िई री लजस-लजस न जो चाहा सोनपरी न वह सब लकया

अब पकलत म पछी मधर सवर म िान लि कलकल झरनो न वातावरण म सिीत भर लदया मद

रपयो (नोट) पर ललखी कीमत लकतनी और लकन भाराओ म अलकत ह बताओ

पवन बहन लिा फलो न हवा म मीठी खशब भर दी बच खशी स नाचन लि और परी को धनयवाद दन लि लक परी न सचमच पकलत को अद भत बना लदया तभी पाजका क लसर पर एक पका आम आ टपका

एकाएक पाजका की नीद खल िई उसन खखिकी स बाहर झॉका तो पाया लक पकलत ठीक वसी ही लदख रही ह जसी उसन अभी-अभी सपन म दखी री वह भावलवभोर हो िई

9

साइचकल िलाओ पयाथिवरर बिाओ

दवचार मथन

१ lsquolsquoपरकचत चकतना कछ दती ह rsquorsquo २ lsquolsquoम तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo३ lsquolsquoबाल चदवस पर हम परकचत को कछ द rsquorsquo 4 lsquolsquoनकी और पछ-पछ rsquorsquo

दकसन दकसस कहा ह बताओ

सवय अधययनचदए गए चितो क आधार पर उचित और आकरथिक चवजापन तयार करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

काटथिन कथा सनकर उस हाव-भाव सचहत सनाओ

महादवी वमाथि क रखाचित पढ़कर उसक पातो क नाम चलखो

बड़ होकर कया बनना िाहत हो

इस कहानी क चकसी एक अनचछद का अनलखन करो

सिव धयान म रखोपरकचत स हम दन की सीख चमलती ह

चकसी पररचित अनय कहानी लखन क चलए मद द तयार करो

अधययन कौरल

जरा सोचो बताओयचद तमह परी चमल जाए तो

10

q विदzwnjयावथियोzwnjकीzwnjजोवियॉzwnjबनाकरzwnjआयzwnjबतानzwnjकाzwnjखलzwnjखलिाऍzwnjऔरzwnjउनहzwnjमजदारzwnjपहवलयॉzwnjबझनzwnjकzwnjवलएzwnjदzwnjzwnjउनहzwnjइसीzwnjपरकारzwnjकzwnjअनयzwnjविषयोzwnjकzwnjभीzwnjखलzwnjखलनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjउनसzwnjपहवलयोzwnjऔरzwnjखलोzwnjकाzwnjवितोzwnjसवहतzwnjवलखखतzwnjसगरहzwnjकरिाऍzwnjअौरzwnjखलिाऍzwnj

4(अ) आओ आय बताना सीखो

(१)zwnjअपनzwnjवमतzwnjकोzwnjउसकीzwnjितथिमानzwnjआयzwnjमzwnjअगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआयzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(२)zwnjzwnjउसzwnjइसzwnjयोगफलzwnjकोzwnj5zwnjसzwnjगणाzwnjकरनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(३)zwnjपरापतzwnjगणनफलzwnjमzwnjउसzwnjअपनzwnjजनमिषथिzwnjकाzwnjइकाईzwnjअकzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjकहzwnjzwnj(4)zwnjपरापतzwnjयोगफलzwnjमzwnjसzwnj5zwnjघटाzwnjदzwnjzwnj(5)zwnjघटानzwnjकzwnjबादzwnjजोzwnjसखयाzwnjपरापतzwnjहोगीzwnjउसकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसzwnjसतzwnjकोzwnjउदाहरणzwnjसzwnjसमझतzwnjहzwnj

zwnj मानzwnjलोzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnj१०zwnjिषथिzwnjऔरzwnjजनमzwnjिषथिzwnj२००4zwnjहzwnjतो-(१)zwnj१०zwnj(ितथिमानzwnjआय)zwnj+zwnj११zwnj(अगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआय)zwnj=zwnj२१zwnj (२)zwnj२१Icirczwnj5zwnj=zwnj१०5(३)zwnj१०5zwnj+zwnj4zwnj=zwnj१०९zwnj zwnj zwnj zwnj zwnj (4)zwnj१०९zwnj-zwnj5zwnj=zwnj१०4

१०4zwnjकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjअाथितzwnj१०zwnjिषथिzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसीzwnjआधारzwnjपरzwnjअपनzwnjपररजनोzwnjपररवितोzwnjअनयzwnjवमतोzwnjकोzwnjउनकीzwnjआयzwnjबताकरzwnjआशियथिzwnjिवकतzwnjकरzwnjसकतzwnjहोzwnjzwnjपरतयकषzwnjकरकzwnjदखोzwnj

qविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjदोनोzwnjवितोzwnjकाzwnjदखकरzwnjउनमzwnjअतरzwnjढढ़करzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjभारतzwnjकzwnjविवभननzwnjराजयोzwnjकzwnjखानपानzwnjपहनािाzwnjआभषणzwnjजसzwnjअनयzwnjविषयोzwnjपरzwnjििाथिzwnjकराऍzwnjzwnjउनमzwnjसमानताzwnjऔरzwnjविविधताzwnjबतातzwnjहएzwnjलागोzwnjकzwnjआपसीzwnjसबधोzwnjकोzwnjसपषटzwnjकरzwnj

(ब) महाराषटर की बटी

आकलन

अतर बताओ

11

q चवद याचथथियो स एकल एव सामचहक कचवता पाठ कराऍ परशनोततर क माधयम स चबली और िपाती क बीि हए सवादो को सपषटकर उनह बाल-जगत स सबचधत अनय चकसी कलपना क परचत बाल मनोभाव वयति करक परसतत करन क चलए परोतसाचहत कर

गाओ आर समझो ः

जनम २ जन १९4६ टीकमगढ़(मधयपरदश) रचनाऍ चहदी क नए बालगीत उड़न खटोल एक िपाती और अनय बालकचवताऍ आचद पररचय आप १९६5 स परमख राषटटीय दचनको म लखन कर रह ह

इस कचवता म िपाती और चबली क बीि घटी मजदार घटना को हासय रप म वयति चकया ह

5 एक चपाती

ताती-ताती एक िपातीचदखी तव पर पट फलातीचबली मौसी बोली-lsquolsquoमयॉऊ भख लगी म तझको खाऊ rsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-lsquolsquoमौसी पहल मकखन ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoदख िपाती की ठनगन चबली ल आई मकखन गराथिकर चफर बोली-lsquolsquoमयाऊ अब तो म तझको खा जाऊrsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-

lsquolsquoहॉ हॉ पहल गड़ तो ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoचबली िल दी गड़ लान लगी लौटकर झझलान lsquolsquoमयाऊ मयाऊ मयाऊ अब म खाऊ अब म खाऊrsquorsquoमन ही मन म गढ़ी िपाती सोिा-lsquoअब तो मरी िपाती rsquoचिढ़कर बोली-lsquoखा नकटी rsquoचबली गसस म झपटी कमर म आत ही मॉ क चबली भागी दम दबा क आख खोल िपाती मसकाई मॉ न उसकी जान बिाई

-रमश तलग

12

सनो और समझो ः

नाम तमार

q सवाद म आए सववनाम शबदो (म वह कछ जसा-वसा अपन-अाप) को शामपट ट पर लिख इनक भदो को पराग द वारासमझाऍ और अन शबद कहिाऍ लवद ालवो स कलि करवान क पशाि उनका वाको म परोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ लवद ाल व ो स सवाद पढ़वाऍ और परशन बनाकर एक-दसर स पछन क लिए कह उनस अधलवशवास पर ाव कराऍ

६ सीखइस सवाद म बिाा गा ह लक अधलवशवास स दर रहना ालहए

[मोहन बीमारी क कारण रो रहा ह मॉ उस समझा रही ह ]मॉ रोओ मि बट ठीक हो जाओग िो मतरवािा पानी बाबा जी न लदा ह मोन इसस का होगा मॉ मॉ इसस िमहारी बीमारी छमिर हो जाएगी म वसा ही कर रही ह जसा कहा गा ह

[मोहन क लमतर एव सहलिो का आगमन]सोम मोहन अब कसी ह िबीि मोन अर का बिाऊ िकिीफ िो बढ़ ही रही ह शिला असपिाि नही गए दवाई िो िनी ी मॉ नही उसकी जररि भी नही इस लकसी की नजर िग गई ह बाबा जी न मतरवािा

पानी लदा ह वह दो-एक लदन म अपन-आप ठीक हो जाएगा

----------

-----

-----

--------

-----

--------

शितर दखकर उशित सरवनाम म शिखो (त म र य कया जसा-रसा अन-आ)

13

रबि वादिका

जरा सोचो बताओ

नए रबितकलीफ = ददथि पीड़ािौकना = अाशियथििचकत होना उफनना = उबलनामहावरतरस आना = दया आनाआख खलना = सही बात समझ म आना दध का दध और पानी का पानी करना = नयाय करना

यचद रात और चदन न होत तो

सतीदलग पललगएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- चबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- नाग----- मनाऍ ----- -----

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो क चलग और विन बदलकर चलखो

सभी दमत मोहन तबीयत की तरफ धयान दो हम चनकलत ह (बच जस ही बाहर चनकल उसी समय एक चबली न उनका रासता काटा )

सषमा लो अब तो हम लोगो का काम नही होगा महर मझ भी ऐसा ही लगता ह चबली न रासता काटा ह सोहन अर दखो तो सामन स गर जी आ रह ह गर जी भी मोहन क घर जा रह होग सषमा गर जी अभी हम सब आपक घर ही आन वाल थ पर चबली न रासता काट चदया दरलपा गर जी दध का दध और पानी का पानी करग महर हमन दखा मोहन की मॉ बीमार मोहन को कोई मत फका हआ पानी चपला रही थी गर जी कयो भला तम सब दखत रह सोहम हम सब कया करत उनका आदर जो करना था गर जी दखो चबली का रासता काटना दहली पर छीकना आचद सब अधचवशवास ह सषमा पर सभी लाग तो मानत ह गर जी बीमारी होन क अनक कारर होत ह दवा ही उसका एकमात उपाय ह िलो हम चमलकर

मोहन की मॉ को समझात ह चजसस उनकी आख खल जाएगी सभी चमलकर एक साथ बोलत ह lsquolsquoअधचवशवास स दर रहो सतय की पहिान करो rsquorsquo

14

टवचार मथन

सदव धयान म रखोसवय अधययनमहानzwnjविभवतयोzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjवकसीzwnjएकzwnjकzwnjकायथिzwnjपरzwnjपािzwnjिाकयzwnjवलखोzwnjzwnj

१zwnjबाबाzwnjजीzwnjनzwnjमॉzwnjकोzwnjकयाzwnjवदयाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj२zwnjमोहनzwnjकोzwnjदखनzwnjकौन-कौनzwnjआएzwnj३zwnjबचोzwnjकाzwnjरासताzwnjवकसनzwnjकाटाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj4zwnjगरzwnjजीzwnjनzwnjबचोzwnjकोzwnjकयाzwnjसमझायाzwnj

एक वाकय म उततर टलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

िटकलzwnjपहवलयॉzwnjसनोzwnjऔरzwnjवकसीzwnjकायथिकरमzwnjमzwnjzwnjसनाओzwnj

वहतोपदशzwnjकीzwnjकोईzwnjएकzwnjकहानीzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjउससzwnjसबवधतवितzwnjबनाओzwnj

अपनzwnjदzwnjिाराzwnjवकएzwnjगएzwnjवकसीzwnjअचछzwnjकायथिzwnjकाzwnjअनभिzwnjबताओzwnj

वहिकीzwnjआनzwnjजसीzwnjवकरयाओzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjउनकzwnjकारणzwnjवलखोzwnjzwnjzwnj

वबनाzwnjसोिzwnjसमझzwnjवकसीzwnjबातzwnjपरzwnjविशिासzwnjनाzwnjकरzwnj

नएzwnjशबदोzwnjकोzwnjशबदकोशzwnjमzwnjसzwnjढढ़करzwnjिणथिकरमानसारzwnjवलखाzwnjzwnj

अधययन कौशल zwnjविजानzwnjकाzwnjफलाओगzwnjपरकाशzwnjतोzwnjहोगाzwnjअधविशिासzwnjकाzwnjनाशzwnj

अधविशिासzwnjकzwnjकारणzwnjऔरzwnjउसzwnjदरzwnjकरनzwnjकzwnjउपायzwnjढढ़ोzwnjताzwnjवकसीzwnjएकzwnjपरसगzwnjकोzwnjपरसततzwnjकरोzwnjzwnj

खोजबीन

समझो हम

अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद

१ ल कलम ७ -

२ - 8 क

३ सा ९ ला

4 म १० य

5 टी ११ वश

६ क १२ ग

टचत की सहायता स बारहखडी क शबद बनाकर टलखो

१4

15१5

q चवद याचथथियो स लोरी गवाऍ और उसका अथथि तथा सदभथि समझाऍ उसपर ििाथि कर माता-चपता जी का महतव पछ उनह अपनदादी जी नानी जी क गरो को उजागर करन वाली कोई घटना बतान क चलए कह अनय लोरी सनाए और गवाऍ

जनम १७ जन १९६२ रचनाऍ लचतका गजार सवर-वयजन शबदो क पास आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म लोरी क माधयम स मॉ का बच क परचत वातसलय भाव परकट चकया गया ह

सनो पढ़ो और गाओ ः

यदि सच म हमार मामा का घर चॉि पर होता तोजरा सोचो बताओ

7 मनी रानी-अशोक चसह सोलकी

सा जा सो जा मनी रानी बात मान ल मरी दध-मलाई तम को दगीमधर सनाऊगी लोरी

रात सहानी आएगी जबिदा आ मसकाएगा शीतल िमकीली चकररो सतब वह तमह ररझाएगा

16

सव अधनरबद वयाटटकयानए रबदशीतल = ठडा ररझािा = मि मोहिावि = सिय

अपि पररिार क वपरय वयकति क वलए िार कावय पकतिया वलखो

मरयाठी अशा समोचयाररत रबद टहदी अशा

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीनविवभनन कषतो की अवधक-स-अवधक दस lsquoपरम भारतीय मवहलाओrsquo की सवित ािकारी कापी म विपकाओ

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भयाषया की ओरवहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अथि वभननता बताओ और वलखो

ब त मॉगगी उसको हील म उस वदखाऊगी िदा मामा आए मननीकह तमको बहलाऊगी

िदा मामा आकर तमको दग अपिा सारा पयार औ म भी वि परम हदय का दगी विशिय तम पर िार पलक बद कर सो ा लदीपयारी मननी रािी

17

जोडो हम पड क पततो पर टदए गए वरणो स सयकाकषरयक शबद बनाओ (आध हाकर पाई हटाकर हल लगाकर lsquoरrsquo क परकार )(कzwnjफzwnjगzwnjतzwnjzwnjघzwnjषzwnjिzwnjदzwnjमzwnjहzwnjठzwnjडzwnjटzwnjप)

जानवरो की डॉकटर

टगद ध

मगाण

डटरम

लकडबगाटट ट

इदरधनष

कतता

गzwnjत

िद ट

ह ठ

डट

मप

फटमगो

कटवता की पलकयॉ परी करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

नीवतपरकzwnjदोहzwnjसनोzwnjऔरzwnjआनदपिथिकzwnjसनाओzwnjzwnjzwnj

सभदाकमारीzwnjिौहानzwnjकीzwnjकविताzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjसमहzwnjमzwnjगाओzwnj

zwnjzwnjमॉzwnjकोzwnjएकzwnjवदनzwnjकीzwnjछटzwnjटीzwnjदीzwnjजाएzwnjतोzwnjकयाzwnjहोगाzwnj

वनधाथिररतzwnjविषयzwnjपरzwnjभाषणzwnjतयारzwnjकरोzwnjzwnj

सदव धयान म रखोजीिनzwnjमzwnjमाता-वपताzwnjकाzwnjसानzwnjअनमोलzwnjहzwnjzwnj

अपनzwnjपररिारzwnjकाzwnjिशzwnjिकषzwnjतयारzwnjकरोzwnjऔरzwnjररशत-नातोzwnjकzwnjनामzwnjवलखोzwnj

अधययन कौशल

zwnjजननी-जनमभवमशिzwnjसिगाथिदवपzwnjगरीयसीzwnj

टवचार मथन

१zwnjरातzwnjसहानीzwnjzwnjzwnjररझाएगाzwnj

२zwnjिदाzwnjमामाzwnjzwnjzwnjमननीzwnjरानीzwnj

18

सव अधन-१

एक स सौ तक की उलटी वगिती सिो पढ़ो और कापी म वलखो

बीसउनीसअठयारहसतहसोलहपदरहचौदहतरहबयारहगयारह

दसनौआठसयातछहपयाचचयारतीनदोएक

चयालीस

उनतयालीस

अड़तीस

सतीस

छतीस

पतीस

चौतीस

ततीस

बतीस

इकतीस

पचयास

उनचयास

अड़तयालीस

सतयालीस

टछयालीस

पतयालीस

चवयालीस

ततयालीस

बयालीस

इकतयालीस

सयाठउनसठअट ठयावनसतयावनछपपनपचपनचौवनटतरपनबयावनइकयावन

सतरउनहतरअड़सठसड़सठटछयासठपसठचौसठटतरसठबयासठइकसठ

अससीउनयासीअठहतरसतहतरटछहतरपचहतरचौहतरटतहतरबहतरइकहतर

नबबनवयासीअठयासीसतयासीटछयासीपचयासीचौरयासीटतरयासीबयासीइकयासी

सौ

टननयानव

अठयानव

सतयानव

टछयानव

पचयानव

चौरयानव

टतरयानव

बयानव

इकयानव

तीस

उनतीस

अट ठयाईस

सतयाईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

तईसबयाईस

इकीस

१8

19

माता-टपता सअपन बार म

सनो

टपछल वषण टकए अपन टवशष कायण

बताओ

बाल सभा म परटतटदन बोध कथा का वाचन करो

वषण भर क खल- समाचारो का सटचत सकलन परसतत करो

कटतउपकरम

न र स ल ड त विक

१ वरणमाला सनाअो और टवशष वरणो क उचारर पर धयान दो

२ टवद यालय क सनह सममलन का वरणन करो

३ पसदीदा टवषय पर टवजापन बनाकर उसको पढ़ो

4 फल-फलो क दस-दस नाम टलखो

5 अकषर समह म स लखलाटडयो क नाम बताओ और टलखो

धया

ि

री

शा

लखा

ि

का

ना

वस

सा

जा

वम

बा खा

ल िा न

वन वम सा जाथि या

पनरावतणन - १ फलो क नाम फलो क नाम

zwnj१ zwnj१zwnj२ zwnj२zwnj३ zwnj३zwnj4 4zwnj5 5zwnj६ zwnj६zwnj७ zwnj७zwnj8 8zwnj९ zwnj९१० १०

20

दखो समझो आर चचयाशा करो ः

q विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर उिको परशि पछि क वलए कह बड़ो की सहायता स उनह डाकघर म ाकर वटकट खरीदिता बक म बाल-बित खाता खलिाि और पररवित डावकए बक कमथििारी िसथि हिलदार स बातिीत करि की सििा द

१ उपोग हमयार

मनीआडशार

बचत खयातया

रटजसटटीटटकट

हम आपकी आवशकतया समझत ह

डयाकघर

कड़या दयान

बचत आपकी

पगटत दर की

सचनया

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

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22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

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१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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Page 10: विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

5

जरा सोचो बताओ

यचद परकचत म सदर - सदर रग नही होत तो

q कदतपशन हत अधयापन सकत - परतयक कचतपरशन को शीरथिक क साथ चदया गया ह चदए गए परतयक कचतपरशन क चलएआवशयक सामगी उपलबध कर कषमताओ और कौशलो क आधार पर इनह चवद याचथथियो स हल करवाऍ आवशयकतानसारचवद याचथथियो का मागथिदशथिन करत हए अनय चशकषको की भी सहायता परापत कर lsquoदो शबदrsquo म दी गई सिनाओ का पालन कर

q पराकचतक आपदाओ (भकप बाढ़ अकाल आचद) स बिाव क उपाय बताऍ और चवद याचथथियो स कहलवाऍ अनय कचवता सनाऍदोहरवाऍ इसम सभी को सहभागी कर परकचत क सतलन एव सवधथिन सबधी जानकारी द परतयक क अपन सहयोग पर ििाथि कर

5

मन समझा

रबि वादिका

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

धान

बाली

बरखा

जीतगीत

जग

भाषा की ओर

चदए गए शबदो क लययति शबद चलखो

पड़ो पर पछी हमड़ो पर शोर ह वशी की तान चलएआती हर भोर ह

सकखयो-सी गाती हचकरर चवहान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

शरम का यह मोती हमहनत की जीत ह फसलो क आिल सझरता यह गीत ह

महनत ही पजी हजग म इनसान की खतो म झम रहीबाली यह धान की

नए रबिचवतान = चवसतार आकाशमड़ = खत क िारो ओर चमट टी का बनाया हआ घरा वशी = बॉसरीतान = सरभोर = परातकाल आिल = साड़ी का पल

6

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

सदव धयान म रखो

टवचयार मन

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

तयोहार सबधी कोई एक गीत सिो और दोहराओ

कवििर सवमतािदि पत की कविता का मखर िािि करो

पाकसटक माथिकोल आवद परदरण बढ़ाि िाल घटको का उपयोग हाविकारक ह

lsquoशालय सिचछता अवभयािrsquo म तमहारा सहयोग बताओ

सपताह म एक वदि वकसी कविता का सलखि करो

अधन कौरल

ररकत सयानरो की पटतशा करो

खोजबीन

अ आ इ ई उ ऊ ॠ ए ऐ ओ औ अ अ अ ऑ

क ख ग घ ङ ि छ झ ञ ट ठ ड ढ ण ड़ ढ़ त द ध ि प फ ब भ म य र ल ि श र स ह ळ कष त जञ शर

दपशाण म दखकर पढ़ो पहचयानो हम

य िाि य वकसाि य विजञाि

१ बदो ि वदया २ पड़ो पर ह ३ िील की 4 झरता यह ह

बोआई स मडी तक की परवरियाओ क बार म बताओ

कवर क आधविक उपकरणो की ािकारी परापत करा और वलखो

7

नाम हमार दचत पहचानकर उनक नाम दलखो

q कहानी म आए सजा शबदो (पवथित सोनपरी सभी खशी पानी) को शयामपट ट पर चलख सजा क भदो को सरल परयोगो द वारासमझाए उपरोति कचत करवान क पशिात चवद याचथथियो स इस परकार क अनय शबद कहलवाऍ उनस दढ़ीकरर भी कराऍ चवद याचथथिया को परी जसी कालपचनक सकलपना स यथाथथि की ओर ल जाना ह उनह परशनोततर क माधयम स कहानी सनाऍ

सनो और िोहराओ ३ अपनी पकदत

इस कहानी म बचो न अपनी चपरय वसतऍ परकचत को दकर उसक परचत कतजता का भाव परकट चकया ह

एक चदन फड ररक चहतदर मखतार पराजतिा चसद चध शचमथिषा कषरा चबट ट तकपत चिनमय सोनपरी क साथ बगीि म खल रह थ कावया पड़ क नीि बठी इन सबका खल दख रही थी चक अिानक एक पतता ऊपर स आ चगरा कावया न ऊपर दखा हरा-भरा पड़ और उसकी घनी छाया फली थी वह सोिन लगी lsquoपरकचत चकतना कछ दती ह हम भी उस कछ दना िाचहए rsquo

उसन सभी को बलाया और अपन चविार बताए सभी सािन लग-lsquoअर हॉ हम भी कछ दना िाचहए rsquo चिनमय बाला lsquolsquoकयो न बाल चदवस पर हम परकचत को कछ दrsquorsquo सभी न सोनपरी का अपना चविार बताया

सोनपरी को बहत हरथि हआ वह सबको अपन साथ लकर आकाश म उड़ िली उसन कहा lsquolsquoनकी और पछ-पछ lsquoदोसतो तम जो कछ परकचत को दना िाहत हो उसकी कलपना करो म तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo फड ररक और चसद चध न अपन कखलौन आकाश को दन का मन बनाए सोित ही कखलौनो न बादलो का रप चलया और पानी बरसन लगा

कावया और चहतदर न पवथित को चमठाई दन की इचछा वयति की यह इचछा शानदार वकषो म बदल गई शचमथिषा एव कषरा पथवी को अपनी गचड़या दना िाहती थी दखत-दखत उनकी िाह नचदयॉ बनकर पथवी पर बहन लगी

8

भाषा की ओरशबद वाटिका

खोजबीन

नए शबदहरष = आनदकषण = पलअद भत = अनोखामहावरनकी और पछ-पछ = अचछ काम क ललए पछन की अावशयकता नहीभावलवभोर होना = आनलदत होना

लनमनललखखत शबदो क समानारथी शबद कहानी स ढढकर बताओ

8

आकाश लमतर

धरा लिरर

सिध

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

तखति और पाजका न अपनी-अपनी चलियॉ दन का मन बनाया कछ ही कषणो म सारी धरती हरी-भरी हो िई मानो धरती न धानी चनर ओढी हो मखतार और लबट ट न अपनी रि पटी दनी चाही और कछ ही कषणो म सारा आसमान लटमलटमात तारो स भर िया सारी पकलत दलहन की तरह सज िई री लजस-लजस न जो चाहा सोनपरी न वह सब लकया

अब पकलत म पछी मधर सवर म िान लि कलकल झरनो न वातावरण म सिीत भर लदया मद

रपयो (नोट) पर ललखी कीमत लकतनी और लकन भाराओ म अलकत ह बताओ

पवन बहन लिा फलो न हवा म मीठी खशब भर दी बच खशी स नाचन लि और परी को धनयवाद दन लि लक परी न सचमच पकलत को अद भत बना लदया तभी पाजका क लसर पर एक पका आम आ टपका

एकाएक पाजका की नीद खल िई उसन खखिकी स बाहर झॉका तो पाया लक पकलत ठीक वसी ही लदख रही ह जसी उसन अभी-अभी सपन म दखी री वह भावलवभोर हो िई

9

साइचकल िलाओ पयाथिवरर बिाओ

दवचार मथन

१ lsquolsquoपरकचत चकतना कछ दती ह rsquorsquo २ lsquolsquoम तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo३ lsquolsquoबाल चदवस पर हम परकचत को कछ द rsquorsquo 4 lsquolsquoनकी और पछ-पछ rsquorsquo

दकसन दकसस कहा ह बताओ

सवय अधययनचदए गए चितो क आधार पर उचित और आकरथिक चवजापन तयार करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

काटथिन कथा सनकर उस हाव-भाव सचहत सनाओ

महादवी वमाथि क रखाचित पढ़कर उसक पातो क नाम चलखो

बड़ होकर कया बनना िाहत हो

इस कहानी क चकसी एक अनचछद का अनलखन करो

सिव धयान म रखोपरकचत स हम दन की सीख चमलती ह

चकसी पररचित अनय कहानी लखन क चलए मद द तयार करो

अधययन कौरल

जरा सोचो बताओयचद तमह परी चमल जाए तो

10

q विदzwnjयावथियोzwnjकीzwnjजोवियॉzwnjबनाकरzwnjआयzwnjबतानzwnjकाzwnjखलzwnjखलिाऍzwnjऔरzwnjउनहzwnjमजदारzwnjपहवलयॉzwnjबझनzwnjकzwnjवलएzwnjदzwnjzwnjउनहzwnjइसीzwnjपरकारzwnjकzwnjअनयzwnjविषयोzwnjकzwnjभीzwnjखलzwnjखलनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjउनसzwnjपहवलयोzwnjऔरzwnjखलोzwnjकाzwnjवितोzwnjसवहतzwnjवलखखतzwnjसगरहzwnjकरिाऍzwnjअौरzwnjखलिाऍzwnj

4(अ) आओ आय बताना सीखो

(१)zwnjअपनzwnjवमतzwnjकोzwnjउसकीzwnjितथिमानzwnjआयzwnjमzwnjअगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआयzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(२)zwnjzwnjउसzwnjइसzwnjयोगफलzwnjकोzwnj5zwnjसzwnjगणाzwnjकरनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(३)zwnjपरापतzwnjगणनफलzwnjमzwnjउसzwnjअपनzwnjजनमिषथिzwnjकाzwnjइकाईzwnjअकzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjकहzwnjzwnj(4)zwnjपरापतzwnjयोगफलzwnjमzwnjसzwnj5zwnjघटाzwnjदzwnjzwnj(5)zwnjघटानzwnjकzwnjबादzwnjजोzwnjसखयाzwnjपरापतzwnjहोगीzwnjउसकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसzwnjसतzwnjकोzwnjउदाहरणzwnjसzwnjसमझतzwnjहzwnj

zwnj मानzwnjलोzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnj१०zwnjिषथिzwnjऔरzwnjजनमzwnjिषथिzwnj२००4zwnjहzwnjतो-(१)zwnj१०zwnj(ितथिमानzwnjआय)zwnj+zwnj११zwnj(अगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआय)zwnj=zwnj२१zwnj (२)zwnj२१Icirczwnj5zwnj=zwnj१०5(३)zwnj१०5zwnj+zwnj4zwnj=zwnj१०९zwnj zwnj zwnj zwnj zwnj (4)zwnj१०९zwnj-zwnj5zwnj=zwnj१०4

१०4zwnjकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjअाथितzwnj१०zwnjिषथिzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसीzwnjआधारzwnjपरzwnjअपनzwnjपररजनोzwnjपररवितोzwnjअनयzwnjवमतोzwnjकोzwnjउनकीzwnjआयzwnjबताकरzwnjआशियथिzwnjिवकतzwnjकरzwnjसकतzwnjहोzwnjzwnjपरतयकषzwnjकरकzwnjदखोzwnj

qविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjदोनोzwnjवितोzwnjकाzwnjदखकरzwnjउनमzwnjअतरzwnjढढ़करzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjभारतzwnjकzwnjविवभननzwnjराजयोzwnjकzwnjखानपानzwnjपहनािाzwnjआभषणzwnjजसzwnjअनयzwnjविषयोzwnjपरzwnjििाथिzwnjकराऍzwnjzwnjउनमzwnjसमानताzwnjऔरzwnjविविधताzwnjबतातzwnjहएzwnjलागोzwnjकzwnjआपसीzwnjसबधोzwnjकोzwnjसपषटzwnjकरzwnj

(ब) महाराषटर की बटी

आकलन

अतर बताओ

11

q चवद याचथथियो स एकल एव सामचहक कचवता पाठ कराऍ परशनोततर क माधयम स चबली और िपाती क बीि हए सवादो को सपषटकर उनह बाल-जगत स सबचधत अनय चकसी कलपना क परचत बाल मनोभाव वयति करक परसतत करन क चलए परोतसाचहत कर

गाओ आर समझो ः

जनम २ जन १९4६ टीकमगढ़(मधयपरदश) रचनाऍ चहदी क नए बालगीत उड़न खटोल एक िपाती और अनय बालकचवताऍ आचद पररचय आप १९६5 स परमख राषटटीय दचनको म लखन कर रह ह

इस कचवता म िपाती और चबली क बीि घटी मजदार घटना को हासय रप म वयति चकया ह

5 एक चपाती

ताती-ताती एक िपातीचदखी तव पर पट फलातीचबली मौसी बोली-lsquolsquoमयॉऊ भख लगी म तझको खाऊ rsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-lsquolsquoमौसी पहल मकखन ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoदख िपाती की ठनगन चबली ल आई मकखन गराथिकर चफर बोली-lsquolsquoमयाऊ अब तो म तझको खा जाऊrsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-

lsquolsquoहॉ हॉ पहल गड़ तो ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoचबली िल दी गड़ लान लगी लौटकर झझलान lsquolsquoमयाऊ मयाऊ मयाऊ अब म खाऊ अब म खाऊrsquorsquoमन ही मन म गढ़ी िपाती सोिा-lsquoअब तो मरी िपाती rsquoचिढ़कर बोली-lsquoखा नकटी rsquoचबली गसस म झपटी कमर म आत ही मॉ क चबली भागी दम दबा क आख खोल िपाती मसकाई मॉ न उसकी जान बिाई

-रमश तलग

12

सनो और समझो ः

नाम तमार

q सवाद म आए सववनाम शबदो (म वह कछ जसा-वसा अपन-अाप) को शामपट ट पर लिख इनक भदो को पराग द वारासमझाऍ और अन शबद कहिाऍ लवद ालवो स कलि करवान क पशाि उनका वाको म परोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ लवद ाल व ो स सवाद पढ़वाऍ और परशन बनाकर एक-दसर स पछन क लिए कह उनस अधलवशवास पर ाव कराऍ

६ सीखइस सवाद म बिाा गा ह लक अधलवशवास स दर रहना ालहए

[मोहन बीमारी क कारण रो रहा ह मॉ उस समझा रही ह ]मॉ रोओ मि बट ठीक हो जाओग िो मतरवािा पानी बाबा जी न लदा ह मोन इसस का होगा मॉ मॉ इसस िमहारी बीमारी छमिर हो जाएगी म वसा ही कर रही ह जसा कहा गा ह

[मोहन क लमतर एव सहलिो का आगमन]सोम मोहन अब कसी ह िबीि मोन अर का बिाऊ िकिीफ िो बढ़ ही रही ह शिला असपिाि नही गए दवाई िो िनी ी मॉ नही उसकी जररि भी नही इस लकसी की नजर िग गई ह बाबा जी न मतरवािा

पानी लदा ह वह दो-एक लदन म अपन-आप ठीक हो जाएगा

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--------

शितर दखकर उशित सरवनाम म शिखो (त म र य कया जसा-रसा अन-आ)

13

रबि वादिका

जरा सोचो बताओ

नए रबितकलीफ = ददथि पीड़ािौकना = अाशियथििचकत होना उफनना = उबलनामहावरतरस आना = दया आनाआख खलना = सही बात समझ म आना दध का दध और पानी का पानी करना = नयाय करना

यचद रात और चदन न होत तो

सतीदलग पललगएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- चबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- नाग----- मनाऍ ----- -----

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो क चलग और विन बदलकर चलखो

सभी दमत मोहन तबीयत की तरफ धयान दो हम चनकलत ह (बच जस ही बाहर चनकल उसी समय एक चबली न उनका रासता काटा )

सषमा लो अब तो हम लोगो का काम नही होगा महर मझ भी ऐसा ही लगता ह चबली न रासता काटा ह सोहन अर दखो तो सामन स गर जी आ रह ह गर जी भी मोहन क घर जा रह होग सषमा गर जी अभी हम सब आपक घर ही आन वाल थ पर चबली न रासता काट चदया दरलपा गर जी दध का दध और पानी का पानी करग महर हमन दखा मोहन की मॉ बीमार मोहन को कोई मत फका हआ पानी चपला रही थी गर जी कयो भला तम सब दखत रह सोहम हम सब कया करत उनका आदर जो करना था गर जी दखो चबली का रासता काटना दहली पर छीकना आचद सब अधचवशवास ह सषमा पर सभी लाग तो मानत ह गर जी बीमारी होन क अनक कारर होत ह दवा ही उसका एकमात उपाय ह िलो हम चमलकर

मोहन की मॉ को समझात ह चजसस उनकी आख खल जाएगी सभी चमलकर एक साथ बोलत ह lsquolsquoअधचवशवास स दर रहो सतय की पहिान करो rsquorsquo

14

टवचार मथन

सदव धयान म रखोसवय अधययनमहानzwnjविभवतयोzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjवकसीzwnjएकzwnjकzwnjकायथिzwnjपरzwnjपािzwnjिाकयzwnjवलखोzwnjzwnj

१zwnjबाबाzwnjजीzwnjनzwnjमॉzwnjकोzwnjकयाzwnjवदयाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj२zwnjमोहनzwnjकोzwnjदखनzwnjकौन-कौनzwnjआएzwnj३zwnjबचोzwnjकाzwnjरासताzwnjवकसनzwnjकाटाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj4zwnjगरzwnjजीzwnjनzwnjबचोzwnjकोzwnjकयाzwnjसमझायाzwnj

एक वाकय म उततर टलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

िटकलzwnjपहवलयॉzwnjसनोzwnjऔरzwnjवकसीzwnjकायथिकरमzwnjमzwnjzwnjसनाओzwnj

वहतोपदशzwnjकीzwnjकोईzwnjएकzwnjकहानीzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjउससzwnjसबवधतवितzwnjबनाओzwnj

अपनzwnjदzwnjिाराzwnjवकएzwnjगएzwnjवकसीzwnjअचछzwnjकायथिzwnjकाzwnjअनभिzwnjबताओzwnj

वहिकीzwnjआनzwnjजसीzwnjवकरयाओzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjउनकzwnjकारणzwnjवलखोzwnjzwnjzwnj

वबनाzwnjसोिzwnjसमझzwnjवकसीzwnjबातzwnjपरzwnjविशिासzwnjनाzwnjकरzwnj

नएzwnjशबदोzwnjकोzwnjशबदकोशzwnjमzwnjसzwnjढढ़करzwnjिणथिकरमानसारzwnjवलखाzwnjzwnj

अधययन कौशल zwnjविजानzwnjकाzwnjफलाओगzwnjपरकाशzwnjतोzwnjहोगाzwnjअधविशिासzwnjकाzwnjनाशzwnj

अधविशिासzwnjकzwnjकारणzwnjऔरzwnjउसzwnjदरzwnjकरनzwnjकzwnjउपायzwnjढढ़ोzwnjताzwnjवकसीzwnjएकzwnjपरसगzwnjकोzwnjपरसततzwnjकरोzwnjzwnj

खोजबीन

समझो हम

अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद

१ ल कलम ७ -

२ - 8 क

३ सा ९ ला

4 म १० य

5 टी ११ वश

६ क १२ ग

टचत की सहायता स बारहखडी क शबद बनाकर टलखो

१4

15१5

q चवद याचथथियो स लोरी गवाऍ और उसका अथथि तथा सदभथि समझाऍ उसपर ििाथि कर माता-चपता जी का महतव पछ उनह अपनदादी जी नानी जी क गरो को उजागर करन वाली कोई घटना बतान क चलए कह अनय लोरी सनाए और गवाऍ

जनम १७ जन १९६२ रचनाऍ लचतका गजार सवर-वयजन शबदो क पास आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म लोरी क माधयम स मॉ का बच क परचत वातसलय भाव परकट चकया गया ह

सनो पढ़ो और गाओ ः

यदि सच म हमार मामा का घर चॉि पर होता तोजरा सोचो बताओ

7 मनी रानी-अशोक चसह सोलकी

सा जा सो जा मनी रानी बात मान ल मरी दध-मलाई तम को दगीमधर सनाऊगी लोरी

रात सहानी आएगी जबिदा आ मसकाएगा शीतल िमकीली चकररो सतब वह तमह ररझाएगा

16

सव अधनरबद वयाटटकयानए रबदशीतल = ठडा ररझािा = मि मोहिावि = सिय

अपि पररिार क वपरय वयकति क वलए िार कावय पकतिया वलखो

मरयाठी अशा समोचयाररत रबद टहदी अशा

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीनविवभनन कषतो की अवधक-स-अवधक दस lsquoपरम भारतीय मवहलाओrsquo की सवित ािकारी कापी म विपकाओ

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भयाषया की ओरवहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अथि वभननता बताओ और वलखो

ब त मॉगगी उसको हील म उस वदखाऊगी िदा मामा आए मननीकह तमको बहलाऊगी

िदा मामा आकर तमको दग अपिा सारा पयार औ म भी वि परम हदय का दगी विशिय तम पर िार पलक बद कर सो ा लदीपयारी मननी रािी

17

जोडो हम पड क पततो पर टदए गए वरणो स सयकाकषरयक शबद बनाओ (आध हाकर पाई हटाकर हल लगाकर lsquoरrsquo क परकार )(कzwnjफzwnjगzwnjतzwnjzwnjघzwnjषzwnjिzwnjदzwnjमzwnjहzwnjठzwnjडzwnjटzwnjप)

जानवरो की डॉकटर

टगद ध

मगाण

डटरम

लकडबगाटट ट

इदरधनष

कतता

गzwnjत

िद ट

ह ठ

डट

मप

फटमगो

कटवता की पलकयॉ परी करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

नीवतपरकzwnjदोहzwnjसनोzwnjऔरzwnjआनदपिथिकzwnjसनाओzwnjzwnjzwnj

सभदाकमारीzwnjिौहानzwnjकीzwnjकविताzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjसमहzwnjमzwnjगाओzwnj

zwnjzwnjमॉzwnjकोzwnjएकzwnjवदनzwnjकीzwnjछटzwnjटीzwnjदीzwnjजाएzwnjतोzwnjकयाzwnjहोगाzwnj

वनधाथिररतzwnjविषयzwnjपरzwnjभाषणzwnjतयारzwnjकरोzwnjzwnj

सदव धयान म रखोजीिनzwnjमzwnjमाता-वपताzwnjकाzwnjसानzwnjअनमोलzwnjहzwnjzwnj

अपनzwnjपररिारzwnjकाzwnjिशzwnjिकषzwnjतयारzwnjकरोzwnjऔरzwnjररशत-नातोzwnjकzwnjनामzwnjवलखोzwnj

अधययन कौशल

zwnjजननी-जनमभवमशिzwnjसिगाथिदवपzwnjगरीयसीzwnj

टवचार मथन

१zwnjरातzwnjसहानीzwnjzwnjzwnjररझाएगाzwnj

२zwnjिदाzwnjमामाzwnjzwnjzwnjमननीzwnjरानीzwnj

18

सव अधन-१

एक स सौ तक की उलटी वगिती सिो पढ़ो और कापी म वलखो

बीसउनीसअठयारहसतहसोलहपदरहचौदहतरहबयारहगयारह

दसनौआठसयातछहपयाचचयारतीनदोएक

चयालीस

उनतयालीस

अड़तीस

सतीस

छतीस

पतीस

चौतीस

ततीस

बतीस

इकतीस

पचयास

उनचयास

अड़तयालीस

सतयालीस

टछयालीस

पतयालीस

चवयालीस

ततयालीस

बयालीस

इकतयालीस

सयाठउनसठअट ठयावनसतयावनछपपनपचपनचौवनटतरपनबयावनइकयावन

सतरउनहतरअड़सठसड़सठटछयासठपसठचौसठटतरसठबयासठइकसठ

अससीउनयासीअठहतरसतहतरटछहतरपचहतरचौहतरटतहतरबहतरइकहतर

नबबनवयासीअठयासीसतयासीटछयासीपचयासीचौरयासीटतरयासीबयासीइकयासी

सौ

टननयानव

अठयानव

सतयानव

टछयानव

पचयानव

चौरयानव

टतरयानव

बयानव

इकयानव

तीस

उनतीस

अट ठयाईस

सतयाईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

तईसबयाईस

इकीस

१8

19

माता-टपता सअपन बार म

सनो

टपछल वषण टकए अपन टवशष कायण

बताओ

बाल सभा म परटतटदन बोध कथा का वाचन करो

वषण भर क खल- समाचारो का सटचत सकलन परसतत करो

कटतउपकरम

न र स ल ड त विक

१ वरणमाला सनाअो और टवशष वरणो क उचारर पर धयान दो

२ टवद यालय क सनह सममलन का वरणन करो

३ पसदीदा टवषय पर टवजापन बनाकर उसको पढ़ो

4 फल-फलो क दस-दस नाम टलखो

5 अकषर समह म स लखलाटडयो क नाम बताओ और टलखो

धया

ि

री

शा

लखा

ि

का

ना

वस

सा

जा

वम

बा खा

ल िा न

वन वम सा जाथि या

पनरावतणन - १ फलो क नाम फलो क नाम

zwnj१ zwnj१zwnj२ zwnj२zwnj३ zwnj३zwnj4 4zwnj5 5zwnj६ zwnj६zwnj७ zwnj७zwnj8 8zwnj९ zwnj९१० १०

20

दखो समझो आर चचयाशा करो ः

q विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर उिको परशि पछि क वलए कह बड़ो की सहायता स उनह डाकघर म ाकर वटकट खरीदिता बक म बाल-बित खाता खलिाि और पररवित डावकए बक कमथििारी िसथि हिलदार स बातिीत करि की सििा द

१ उपोग हमयार

मनीआडशार

बचत खयातया

रटजसटटीटटकट

हम आपकी आवशकतया समझत ह

डयाकघर

कड़या दयान

बचत आपकी

पगटत दर की

सचनया

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

Xyumlgar BH$mBcopy

22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

nwZamdVcopyZ - 2

१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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Page 11: विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

6

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

सदव धयान म रखो

टवचयार मन

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

तयोहार सबधी कोई एक गीत सिो और दोहराओ

कवििर सवमतािदि पत की कविता का मखर िािि करो

पाकसटक माथिकोल आवद परदरण बढ़ाि िाल घटको का उपयोग हाविकारक ह

lsquoशालय सिचछता अवभयािrsquo म तमहारा सहयोग बताओ

सपताह म एक वदि वकसी कविता का सलखि करो

अधन कौरल

ररकत सयानरो की पटतशा करो

खोजबीन

अ आ इ ई उ ऊ ॠ ए ऐ ओ औ अ अ अ ऑ

क ख ग घ ङ ि छ झ ञ ट ठ ड ढ ण ड़ ढ़ त द ध ि प फ ब भ म य र ल ि श र स ह ळ कष त जञ शर

दपशाण म दखकर पढ़ो पहचयानो हम

य िाि य वकसाि य विजञाि

१ बदो ि वदया २ पड़ो पर ह ३ िील की 4 झरता यह ह

बोआई स मडी तक की परवरियाओ क बार म बताओ

कवर क आधविक उपकरणो की ािकारी परापत करा और वलखो

7

नाम हमार दचत पहचानकर उनक नाम दलखो

q कहानी म आए सजा शबदो (पवथित सोनपरी सभी खशी पानी) को शयामपट ट पर चलख सजा क भदो को सरल परयोगो द वारासमझाए उपरोति कचत करवान क पशिात चवद याचथथियो स इस परकार क अनय शबद कहलवाऍ उनस दढ़ीकरर भी कराऍ चवद याचथथिया को परी जसी कालपचनक सकलपना स यथाथथि की ओर ल जाना ह उनह परशनोततर क माधयम स कहानी सनाऍ

सनो और िोहराओ ३ अपनी पकदत

इस कहानी म बचो न अपनी चपरय वसतऍ परकचत को दकर उसक परचत कतजता का भाव परकट चकया ह

एक चदन फड ररक चहतदर मखतार पराजतिा चसद चध शचमथिषा कषरा चबट ट तकपत चिनमय सोनपरी क साथ बगीि म खल रह थ कावया पड़ क नीि बठी इन सबका खल दख रही थी चक अिानक एक पतता ऊपर स आ चगरा कावया न ऊपर दखा हरा-भरा पड़ और उसकी घनी छाया फली थी वह सोिन लगी lsquoपरकचत चकतना कछ दती ह हम भी उस कछ दना िाचहए rsquo

उसन सभी को बलाया और अपन चविार बताए सभी सािन लग-lsquoअर हॉ हम भी कछ दना िाचहए rsquo चिनमय बाला lsquolsquoकयो न बाल चदवस पर हम परकचत को कछ दrsquorsquo सभी न सोनपरी का अपना चविार बताया

सोनपरी को बहत हरथि हआ वह सबको अपन साथ लकर आकाश म उड़ िली उसन कहा lsquolsquoनकी और पछ-पछ lsquoदोसतो तम जो कछ परकचत को दना िाहत हो उसकी कलपना करो म तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo फड ररक और चसद चध न अपन कखलौन आकाश को दन का मन बनाए सोित ही कखलौनो न बादलो का रप चलया और पानी बरसन लगा

कावया और चहतदर न पवथित को चमठाई दन की इचछा वयति की यह इचछा शानदार वकषो म बदल गई शचमथिषा एव कषरा पथवी को अपनी गचड़या दना िाहती थी दखत-दखत उनकी िाह नचदयॉ बनकर पथवी पर बहन लगी

8

भाषा की ओरशबद वाटिका

खोजबीन

नए शबदहरष = आनदकषण = पलअद भत = अनोखामहावरनकी और पछ-पछ = अचछ काम क ललए पछन की अावशयकता नहीभावलवभोर होना = आनलदत होना

लनमनललखखत शबदो क समानारथी शबद कहानी स ढढकर बताओ

8

आकाश लमतर

धरा लिरर

सिध

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

तखति और पाजका न अपनी-अपनी चलियॉ दन का मन बनाया कछ ही कषणो म सारी धरती हरी-भरी हो िई मानो धरती न धानी चनर ओढी हो मखतार और लबट ट न अपनी रि पटी दनी चाही और कछ ही कषणो म सारा आसमान लटमलटमात तारो स भर िया सारी पकलत दलहन की तरह सज िई री लजस-लजस न जो चाहा सोनपरी न वह सब लकया

अब पकलत म पछी मधर सवर म िान लि कलकल झरनो न वातावरण म सिीत भर लदया मद

रपयो (नोट) पर ललखी कीमत लकतनी और लकन भाराओ म अलकत ह बताओ

पवन बहन लिा फलो न हवा म मीठी खशब भर दी बच खशी स नाचन लि और परी को धनयवाद दन लि लक परी न सचमच पकलत को अद भत बना लदया तभी पाजका क लसर पर एक पका आम आ टपका

एकाएक पाजका की नीद खल िई उसन खखिकी स बाहर झॉका तो पाया लक पकलत ठीक वसी ही लदख रही ह जसी उसन अभी-अभी सपन म दखी री वह भावलवभोर हो िई

9

साइचकल िलाओ पयाथिवरर बिाओ

दवचार मथन

१ lsquolsquoपरकचत चकतना कछ दती ह rsquorsquo २ lsquolsquoम तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo३ lsquolsquoबाल चदवस पर हम परकचत को कछ द rsquorsquo 4 lsquolsquoनकी और पछ-पछ rsquorsquo

दकसन दकसस कहा ह बताओ

सवय अधययनचदए गए चितो क आधार पर उचित और आकरथिक चवजापन तयार करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

काटथिन कथा सनकर उस हाव-भाव सचहत सनाओ

महादवी वमाथि क रखाचित पढ़कर उसक पातो क नाम चलखो

बड़ होकर कया बनना िाहत हो

इस कहानी क चकसी एक अनचछद का अनलखन करो

सिव धयान म रखोपरकचत स हम दन की सीख चमलती ह

चकसी पररचित अनय कहानी लखन क चलए मद द तयार करो

अधययन कौरल

जरा सोचो बताओयचद तमह परी चमल जाए तो

10

q विदzwnjयावथियोzwnjकीzwnjजोवियॉzwnjबनाकरzwnjआयzwnjबतानzwnjकाzwnjखलzwnjखलिाऍzwnjऔरzwnjउनहzwnjमजदारzwnjपहवलयॉzwnjबझनzwnjकzwnjवलएzwnjदzwnjzwnjउनहzwnjइसीzwnjपरकारzwnjकzwnjअनयzwnjविषयोzwnjकzwnjभीzwnjखलzwnjखलनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjउनसzwnjपहवलयोzwnjऔरzwnjखलोzwnjकाzwnjवितोzwnjसवहतzwnjवलखखतzwnjसगरहzwnjकरिाऍzwnjअौरzwnjखलिाऍzwnj

4(अ) आओ आय बताना सीखो

(१)zwnjअपनzwnjवमतzwnjकोzwnjउसकीzwnjितथिमानzwnjआयzwnjमzwnjअगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआयzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(२)zwnjzwnjउसzwnjइसzwnjयोगफलzwnjकोzwnj5zwnjसzwnjगणाzwnjकरनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(३)zwnjपरापतzwnjगणनफलzwnjमzwnjउसzwnjअपनzwnjजनमिषथिzwnjकाzwnjइकाईzwnjअकzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjकहzwnjzwnj(4)zwnjपरापतzwnjयोगफलzwnjमzwnjसzwnj5zwnjघटाzwnjदzwnjzwnj(5)zwnjघटानzwnjकzwnjबादzwnjजोzwnjसखयाzwnjपरापतzwnjहोगीzwnjउसकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसzwnjसतzwnjकोzwnjउदाहरणzwnjसzwnjसमझतzwnjहzwnj

zwnj मानzwnjलोzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnj१०zwnjिषथिzwnjऔरzwnjजनमzwnjिषथिzwnj२००4zwnjहzwnjतो-(१)zwnj१०zwnj(ितथिमानzwnjआय)zwnj+zwnj११zwnj(अगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआय)zwnj=zwnj२१zwnj (२)zwnj२१Icirczwnj5zwnj=zwnj१०5(३)zwnj१०5zwnj+zwnj4zwnj=zwnj१०९zwnj zwnj zwnj zwnj zwnj (4)zwnj१०९zwnj-zwnj5zwnj=zwnj१०4

१०4zwnjकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjअाथितzwnj१०zwnjिषथिzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसीzwnjआधारzwnjपरzwnjअपनzwnjपररजनोzwnjपररवितोzwnjअनयzwnjवमतोzwnjकोzwnjउनकीzwnjआयzwnjबताकरzwnjआशियथिzwnjिवकतzwnjकरzwnjसकतzwnjहोzwnjzwnjपरतयकषzwnjकरकzwnjदखोzwnj

qविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjदोनोzwnjवितोzwnjकाzwnjदखकरzwnjउनमzwnjअतरzwnjढढ़करzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjभारतzwnjकzwnjविवभननzwnjराजयोzwnjकzwnjखानपानzwnjपहनािाzwnjआभषणzwnjजसzwnjअनयzwnjविषयोzwnjपरzwnjििाथिzwnjकराऍzwnjzwnjउनमzwnjसमानताzwnjऔरzwnjविविधताzwnjबतातzwnjहएzwnjलागोzwnjकzwnjआपसीzwnjसबधोzwnjकोzwnjसपषटzwnjकरzwnj

(ब) महाराषटर की बटी

आकलन

अतर बताओ

11

q चवद याचथथियो स एकल एव सामचहक कचवता पाठ कराऍ परशनोततर क माधयम स चबली और िपाती क बीि हए सवादो को सपषटकर उनह बाल-जगत स सबचधत अनय चकसी कलपना क परचत बाल मनोभाव वयति करक परसतत करन क चलए परोतसाचहत कर

गाओ आर समझो ः

जनम २ जन १९4६ टीकमगढ़(मधयपरदश) रचनाऍ चहदी क नए बालगीत उड़न खटोल एक िपाती और अनय बालकचवताऍ आचद पररचय आप १९६5 स परमख राषटटीय दचनको म लखन कर रह ह

इस कचवता म िपाती और चबली क बीि घटी मजदार घटना को हासय रप म वयति चकया ह

5 एक चपाती

ताती-ताती एक िपातीचदखी तव पर पट फलातीचबली मौसी बोली-lsquolsquoमयॉऊ भख लगी म तझको खाऊ rsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-lsquolsquoमौसी पहल मकखन ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoदख िपाती की ठनगन चबली ल आई मकखन गराथिकर चफर बोली-lsquolsquoमयाऊ अब तो म तझको खा जाऊrsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-

lsquolsquoहॉ हॉ पहल गड़ तो ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoचबली िल दी गड़ लान लगी लौटकर झझलान lsquolsquoमयाऊ मयाऊ मयाऊ अब म खाऊ अब म खाऊrsquorsquoमन ही मन म गढ़ी िपाती सोिा-lsquoअब तो मरी िपाती rsquoचिढ़कर बोली-lsquoखा नकटी rsquoचबली गसस म झपटी कमर म आत ही मॉ क चबली भागी दम दबा क आख खोल िपाती मसकाई मॉ न उसकी जान बिाई

-रमश तलग

12

सनो और समझो ः

नाम तमार

q सवाद म आए सववनाम शबदो (म वह कछ जसा-वसा अपन-अाप) को शामपट ट पर लिख इनक भदो को पराग द वारासमझाऍ और अन शबद कहिाऍ लवद ालवो स कलि करवान क पशाि उनका वाको म परोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ लवद ाल व ो स सवाद पढ़वाऍ और परशन बनाकर एक-दसर स पछन क लिए कह उनस अधलवशवास पर ाव कराऍ

६ सीखइस सवाद म बिाा गा ह लक अधलवशवास स दर रहना ालहए

[मोहन बीमारी क कारण रो रहा ह मॉ उस समझा रही ह ]मॉ रोओ मि बट ठीक हो जाओग िो मतरवािा पानी बाबा जी न लदा ह मोन इसस का होगा मॉ मॉ इसस िमहारी बीमारी छमिर हो जाएगी म वसा ही कर रही ह जसा कहा गा ह

[मोहन क लमतर एव सहलिो का आगमन]सोम मोहन अब कसी ह िबीि मोन अर का बिाऊ िकिीफ िो बढ़ ही रही ह शिला असपिाि नही गए दवाई िो िनी ी मॉ नही उसकी जररि भी नही इस लकसी की नजर िग गई ह बाबा जी न मतरवािा

पानी लदा ह वह दो-एक लदन म अपन-आप ठीक हो जाएगा

----------

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-----

--------

शितर दखकर उशित सरवनाम म शिखो (त म र य कया जसा-रसा अन-आ)

13

रबि वादिका

जरा सोचो बताओ

नए रबितकलीफ = ददथि पीड़ािौकना = अाशियथििचकत होना उफनना = उबलनामहावरतरस आना = दया आनाआख खलना = सही बात समझ म आना दध का दध और पानी का पानी करना = नयाय करना

यचद रात और चदन न होत तो

सतीदलग पललगएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- चबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- नाग----- मनाऍ ----- -----

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो क चलग और विन बदलकर चलखो

सभी दमत मोहन तबीयत की तरफ धयान दो हम चनकलत ह (बच जस ही बाहर चनकल उसी समय एक चबली न उनका रासता काटा )

सषमा लो अब तो हम लोगो का काम नही होगा महर मझ भी ऐसा ही लगता ह चबली न रासता काटा ह सोहन अर दखो तो सामन स गर जी आ रह ह गर जी भी मोहन क घर जा रह होग सषमा गर जी अभी हम सब आपक घर ही आन वाल थ पर चबली न रासता काट चदया दरलपा गर जी दध का दध और पानी का पानी करग महर हमन दखा मोहन की मॉ बीमार मोहन को कोई मत फका हआ पानी चपला रही थी गर जी कयो भला तम सब दखत रह सोहम हम सब कया करत उनका आदर जो करना था गर जी दखो चबली का रासता काटना दहली पर छीकना आचद सब अधचवशवास ह सषमा पर सभी लाग तो मानत ह गर जी बीमारी होन क अनक कारर होत ह दवा ही उसका एकमात उपाय ह िलो हम चमलकर

मोहन की मॉ को समझात ह चजसस उनकी आख खल जाएगी सभी चमलकर एक साथ बोलत ह lsquolsquoअधचवशवास स दर रहो सतय की पहिान करो rsquorsquo

14

टवचार मथन

सदव धयान म रखोसवय अधययनमहानzwnjविभवतयोzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjवकसीzwnjएकzwnjकzwnjकायथिzwnjपरzwnjपािzwnjिाकयzwnjवलखोzwnjzwnj

१zwnjबाबाzwnjजीzwnjनzwnjमॉzwnjकोzwnjकयाzwnjवदयाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj२zwnjमोहनzwnjकोzwnjदखनzwnjकौन-कौनzwnjआएzwnj३zwnjबचोzwnjकाzwnjरासताzwnjवकसनzwnjकाटाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj4zwnjगरzwnjजीzwnjनzwnjबचोzwnjकोzwnjकयाzwnjसमझायाzwnj

एक वाकय म उततर टलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

िटकलzwnjपहवलयॉzwnjसनोzwnjऔरzwnjवकसीzwnjकायथिकरमzwnjमzwnjzwnjसनाओzwnj

वहतोपदशzwnjकीzwnjकोईzwnjएकzwnjकहानीzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjउससzwnjसबवधतवितzwnjबनाओzwnj

अपनzwnjदzwnjिाराzwnjवकएzwnjगएzwnjवकसीzwnjअचछzwnjकायथिzwnjकाzwnjअनभिzwnjबताओzwnj

वहिकीzwnjआनzwnjजसीzwnjवकरयाओzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjउनकzwnjकारणzwnjवलखोzwnjzwnjzwnj

वबनाzwnjसोिzwnjसमझzwnjवकसीzwnjबातzwnjपरzwnjविशिासzwnjनाzwnjकरzwnj

नएzwnjशबदोzwnjकोzwnjशबदकोशzwnjमzwnjसzwnjढढ़करzwnjिणथिकरमानसारzwnjवलखाzwnjzwnj

अधययन कौशल zwnjविजानzwnjकाzwnjफलाओगzwnjपरकाशzwnjतोzwnjहोगाzwnjअधविशिासzwnjकाzwnjनाशzwnj

अधविशिासzwnjकzwnjकारणzwnjऔरzwnjउसzwnjदरzwnjकरनzwnjकzwnjउपायzwnjढढ़ोzwnjताzwnjवकसीzwnjएकzwnjपरसगzwnjकोzwnjपरसततzwnjकरोzwnjzwnj

खोजबीन

समझो हम

अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद

१ ल कलम ७ -

२ - 8 क

३ सा ९ ला

4 म १० य

5 टी ११ वश

६ क १२ ग

टचत की सहायता स बारहखडी क शबद बनाकर टलखो

१4

15१5

q चवद याचथथियो स लोरी गवाऍ और उसका अथथि तथा सदभथि समझाऍ उसपर ििाथि कर माता-चपता जी का महतव पछ उनह अपनदादी जी नानी जी क गरो को उजागर करन वाली कोई घटना बतान क चलए कह अनय लोरी सनाए और गवाऍ

जनम १७ जन १९६२ रचनाऍ लचतका गजार सवर-वयजन शबदो क पास आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म लोरी क माधयम स मॉ का बच क परचत वातसलय भाव परकट चकया गया ह

सनो पढ़ो और गाओ ः

यदि सच म हमार मामा का घर चॉि पर होता तोजरा सोचो बताओ

7 मनी रानी-अशोक चसह सोलकी

सा जा सो जा मनी रानी बात मान ल मरी दध-मलाई तम को दगीमधर सनाऊगी लोरी

रात सहानी आएगी जबिदा आ मसकाएगा शीतल िमकीली चकररो सतब वह तमह ररझाएगा

16

सव अधनरबद वयाटटकयानए रबदशीतल = ठडा ररझािा = मि मोहिावि = सिय

अपि पररिार क वपरय वयकति क वलए िार कावय पकतिया वलखो

मरयाठी अशा समोचयाररत रबद टहदी अशा

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीनविवभनन कषतो की अवधक-स-अवधक दस lsquoपरम भारतीय मवहलाओrsquo की सवित ािकारी कापी म विपकाओ

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भयाषया की ओरवहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अथि वभननता बताओ और वलखो

ब त मॉगगी उसको हील म उस वदखाऊगी िदा मामा आए मननीकह तमको बहलाऊगी

िदा मामा आकर तमको दग अपिा सारा पयार औ म भी वि परम हदय का दगी विशिय तम पर िार पलक बद कर सो ा लदीपयारी मननी रािी

17

जोडो हम पड क पततो पर टदए गए वरणो स सयकाकषरयक शबद बनाओ (आध हाकर पाई हटाकर हल लगाकर lsquoरrsquo क परकार )(कzwnjफzwnjगzwnjतzwnjzwnjघzwnjषzwnjिzwnjदzwnjमzwnjहzwnjठzwnjडzwnjटzwnjप)

जानवरो की डॉकटर

टगद ध

मगाण

डटरम

लकडबगाटट ट

इदरधनष

कतता

गzwnjत

िद ट

ह ठ

डट

मप

फटमगो

कटवता की पलकयॉ परी करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

नीवतपरकzwnjदोहzwnjसनोzwnjऔरzwnjआनदपिथिकzwnjसनाओzwnjzwnjzwnj

सभदाकमारीzwnjिौहानzwnjकीzwnjकविताzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjसमहzwnjमzwnjगाओzwnj

zwnjzwnjमॉzwnjकोzwnjएकzwnjवदनzwnjकीzwnjछटzwnjटीzwnjदीzwnjजाएzwnjतोzwnjकयाzwnjहोगाzwnj

वनधाथिररतzwnjविषयzwnjपरzwnjभाषणzwnjतयारzwnjकरोzwnjzwnj

सदव धयान म रखोजीिनzwnjमzwnjमाता-वपताzwnjकाzwnjसानzwnjअनमोलzwnjहzwnjzwnj

अपनzwnjपररिारzwnjकाzwnjिशzwnjिकषzwnjतयारzwnjकरोzwnjऔरzwnjररशत-नातोzwnjकzwnjनामzwnjवलखोzwnj

अधययन कौशल

zwnjजननी-जनमभवमशिzwnjसिगाथिदवपzwnjगरीयसीzwnj

टवचार मथन

१zwnjरातzwnjसहानीzwnjzwnjzwnjररझाएगाzwnj

२zwnjिदाzwnjमामाzwnjzwnjzwnjमननीzwnjरानीzwnj

18

सव अधन-१

एक स सौ तक की उलटी वगिती सिो पढ़ो और कापी म वलखो

बीसउनीसअठयारहसतहसोलहपदरहचौदहतरहबयारहगयारह

दसनौआठसयातछहपयाचचयारतीनदोएक

चयालीस

उनतयालीस

अड़तीस

सतीस

छतीस

पतीस

चौतीस

ततीस

बतीस

इकतीस

पचयास

उनचयास

अड़तयालीस

सतयालीस

टछयालीस

पतयालीस

चवयालीस

ततयालीस

बयालीस

इकतयालीस

सयाठउनसठअट ठयावनसतयावनछपपनपचपनचौवनटतरपनबयावनइकयावन

सतरउनहतरअड़सठसड़सठटछयासठपसठचौसठटतरसठबयासठइकसठ

अससीउनयासीअठहतरसतहतरटछहतरपचहतरचौहतरटतहतरबहतरइकहतर

नबबनवयासीअठयासीसतयासीटछयासीपचयासीचौरयासीटतरयासीबयासीइकयासी

सौ

टननयानव

अठयानव

सतयानव

टछयानव

पचयानव

चौरयानव

टतरयानव

बयानव

इकयानव

तीस

उनतीस

अट ठयाईस

सतयाईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

तईसबयाईस

इकीस

१8

19

माता-टपता सअपन बार म

सनो

टपछल वषण टकए अपन टवशष कायण

बताओ

बाल सभा म परटतटदन बोध कथा का वाचन करो

वषण भर क खल- समाचारो का सटचत सकलन परसतत करो

कटतउपकरम

न र स ल ड त विक

१ वरणमाला सनाअो और टवशष वरणो क उचारर पर धयान दो

२ टवद यालय क सनह सममलन का वरणन करो

३ पसदीदा टवषय पर टवजापन बनाकर उसको पढ़ो

4 फल-फलो क दस-दस नाम टलखो

5 अकषर समह म स लखलाटडयो क नाम बताओ और टलखो

धया

ि

री

शा

लखा

ि

का

ना

वस

सा

जा

वम

बा खा

ल िा न

वन वम सा जाथि या

पनरावतणन - १ फलो क नाम फलो क नाम

zwnj१ zwnj१zwnj२ zwnj२zwnj३ zwnj३zwnj4 4zwnj5 5zwnj६ zwnj६zwnj७ zwnj७zwnj8 8zwnj९ zwnj९१० १०

20

दखो समझो आर चचयाशा करो ः

q विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर उिको परशि पछि क वलए कह बड़ो की सहायता स उनह डाकघर म ाकर वटकट खरीदिता बक म बाल-बित खाता खलिाि और पररवित डावकए बक कमथििारी िसथि हिलदार स बातिीत करि की सििा द

१ उपोग हमयार

मनीआडशार

बचत खयातया

रटजसटटीटटकट

हम आपकी आवशकतया समझत ह

डयाकघर

कड़या दयान

बचत आपकी

पगटत दर की

सचनया

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

Xyumlgar BH$mBcopy

22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

nwZamdVcopyZ - 2

१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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7

नाम हमार दचत पहचानकर उनक नाम दलखो

q कहानी म आए सजा शबदो (पवथित सोनपरी सभी खशी पानी) को शयामपट ट पर चलख सजा क भदो को सरल परयोगो द वारासमझाए उपरोति कचत करवान क पशिात चवद याचथथियो स इस परकार क अनय शबद कहलवाऍ उनस दढ़ीकरर भी कराऍ चवद याचथथिया को परी जसी कालपचनक सकलपना स यथाथथि की ओर ल जाना ह उनह परशनोततर क माधयम स कहानी सनाऍ

सनो और िोहराओ ३ अपनी पकदत

इस कहानी म बचो न अपनी चपरय वसतऍ परकचत को दकर उसक परचत कतजता का भाव परकट चकया ह

एक चदन फड ररक चहतदर मखतार पराजतिा चसद चध शचमथिषा कषरा चबट ट तकपत चिनमय सोनपरी क साथ बगीि म खल रह थ कावया पड़ क नीि बठी इन सबका खल दख रही थी चक अिानक एक पतता ऊपर स आ चगरा कावया न ऊपर दखा हरा-भरा पड़ और उसकी घनी छाया फली थी वह सोिन लगी lsquoपरकचत चकतना कछ दती ह हम भी उस कछ दना िाचहए rsquo

उसन सभी को बलाया और अपन चविार बताए सभी सािन लग-lsquoअर हॉ हम भी कछ दना िाचहए rsquo चिनमय बाला lsquolsquoकयो न बाल चदवस पर हम परकचत को कछ दrsquorsquo सभी न सोनपरी का अपना चविार बताया

सोनपरी को बहत हरथि हआ वह सबको अपन साथ लकर आकाश म उड़ िली उसन कहा lsquolsquoनकी और पछ-पछ lsquoदोसतो तम जो कछ परकचत को दना िाहत हो उसकी कलपना करो म तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo फड ररक और चसद चध न अपन कखलौन आकाश को दन का मन बनाए सोित ही कखलौनो न बादलो का रप चलया और पानी बरसन लगा

कावया और चहतदर न पवथित को चमठाई दन की इचछा वयति की यह इचछा शानदार वकषो म बदल गई शचमथिषा एव कषरा पथवी को अपनी गचड़या दना िाहती थी दखत-दखत उनकी िाह नचदयॉ बनकर पथवी पर बहन लगी

8

भाषा की ओरशबद वाटिका

खोजबीन

नए शबदहरष = आनदकषण = पलअद भत = अनोखामहावरनकी और पछ-पछ = अचछ काम क ललए पछन की अावशयकता नहीभावलवभोर होना = आनलदत होना

लनमनललखखत शबदो क समानारथी शबद कहानी स ढढकर बताओ

8

आकाश लमतर

धरा लिरर

सिध

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

तखति और पाजका न अपनी-अपनी चलियॉ दन का मन बनाया कछ ही कषणो म सारी धरती हरी-भरी हो िई मानो धरती न धानी चनर ओढी हो मखतार और लबट ट न अपनी रि पटी दनी चाही और कछ ही कषणो म सारा आसमान लटमलटमात तारो स भर िया सारी पकलत दलहन की तरह सज िई री लजस-लजस न जो चाहा सोनपरी न वह सब लकया

अब पकलत म पछी मधर सवर म िान लि कलकल झरनो न वातावरण म सिीत भर लदया मद

रपयो (नोट) पर ललखी कीमत लकतनी और लकन भाराओ म अलकत ह बताओ

पवन बहन लिा फलो न हवा म मीठी खशब भर दी बच खशी स नाचन लि और परी को धनयवाद दन लि लक परी न सचमच पकलत को अद भत बना लदया तभी पाजका क लसर पर एक पका आम आ टपका

एकाएक पाजका की नीद खल िई उसन खखिकी स बाहर झॉका तो पाया लक पकलत ठीक वसी ही लदख रही ह जसी उसन अभी-अभी सपन म दखी री वह भावलवभोर हो िई

9

साइचकल िलाओ पयाथिवरर बिाओ

दवचार मथन

१ lsquolsquoपरकचत चकतना कछ दती ह rsquorsquo २ lsquolsquoम तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo३ lsquolsquoबाल चदवस पर हम परकचत को कछ द rsquorsquo 4 lsquolsquoनकी और पछ-पछ rsquorsquo

दकसन दकसस कहा ह बताओ

सवय अधययनचदए गए चितो क आधार पर उचित और आकरथिक चवजापन तयार करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

काटथिन कथा सनकर उस हाव-भाव सचहत सनाओ

महादवी वमाथि क रखाचित पढ़कर उसक पातो क नाम चलखो

बड़ होकर कया बनना िाहत हो

इस कहानी क चकसी एक अनचछद का अनलखन करो

सिव धयान म रखोपरकचत स हम दन की सीख चमलती ह

चकसी पररचित अनय कहानी लखन क चलए मद द तयार करो

अधययन कौरल

जरा सोचो बताओयचद तमह परी चमल जाए तो

10

q विदzwnjयावथियोzwnjकीzwnjजोवियॉzwnjबनाकरzwnjआयzwnjबतानzwnjकाzwnjखलzwnjखलिाऍzwnjऔरzwnjउनहzwnjमजदारzwnjपहवलयॉzwnjबझनzwnjकzwnjवलएzwnjदzwnjzwnjउनहzwnjइसीzwnjपरकारzwnjकzwnjअनयzwnjविषयोzwnjकzwnjभीzwnjखलzwnjखलनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjउनसzwnjपहवलयोzwnjऔरzwnjखलोzwnjकाzwnjवितोzwnjसवहतzwnjवलखखतzwnjसगरहzwnjकरिाऍzwnjअौरzwnjखलिाऍzwnj

4(अ) आओ आय बताना सीखो

(१)zwnjअपनzwnjवमतzwnjकोzwnjउसकीzwnjितथिमानzwnjआयzwnjमzwnjअगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआयzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(२)zwnjzwnjउसzwnjइसzwnjयोगफलzwnjकोzwnj5zwnjसzwnjगणाzwnjकरनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(३)zwnjपरापतzwnjगणनफलzwnjमzwnjउसzwnjअपनzwnjजनमिषथिzwnjकाzwnjइकाईzwnjअकzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjकहzwnjzwnj(4)zwnjपरापतzwnjयोगफलzwnjमzwnjसzwnj5zwnjघटाzwnjदzwnjzwnj(5)zwnjघटानzwnjकzwnjबादzwnjजोzwnjसखयाzwnjपरापतzwnjहोगीzwnjउसकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसzwnjसतzwnjकोzwnjउदाहरणzwnjसzwnjसमझतzwnjहzwnj

zwnj मानzwnjलोzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnj१०zwnjिषथिzwnjऔरzwnjजनमzwnjिषथिzwnj२००4zwnjहzwnjतो-(१)zwnj१०zwnj(ितथिमानzwnjआय)zwnj+zwnj११zwnj(अगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआय)zwnj=zwnj२१zwnj (२)zwnj२१Icirczwnj5zwnj=zwnj१०5(३)zwnj१०5zwnj+zwnj4zwnj=zwnj१०९zwnj zwnj zwnj zwnj zwnj (4)zwnj१०९zwnj-zwnj5zwnj=zwnj१०4

१०4zwnjकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjअाथितzwnj१०zwnjिषथिzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसीzwnjआधारzwnjपरzwnjअपनzwnjपररजनोzwnjपररवितोzwnjअनयzwnjवमतोzwnjकोzwnjउनकीzwnjआयzwnjबताकरzwnjआशियथिzwnjिवकतzwnjकरzwnjसकतzwnjहोzwnjzwnjपरतयकषzwnjकरकzwnjदखोzwnj

qविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjदोनोzwnjवितोzwnjकाzwnjदखकरzwnjउनमzwnjअतरzwnjढढ़करzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjभारतzwnjकzwnjविवभननzwnjराजयोzwnjकzwnjखानपानzwnjपहनािाzwnjआभषणzwnjजसzwnjअनयzwnjविषयोzwnjपरzwnjििाथिzwnjकराऍzwnjzwnjउनमzwnjसमानताzwnjऔरzwnjविविधताzwnjबतातzwnjहएzwnjलागोzwnjकzwnjआपसीzwnjसबधोzwnjकोzwnjसपषटzwnjकरzwnj

(ब) महाराषटर की बटी

आकलन

अतर बताओ

11

q चवद याचथथियो स एकल एव सामचहक कचवता पाठ कराऍ परशनोततर क माधयम स चबली और िपाती क बीि हए सवादो को सपषटकर उनह बाल-जगत स सबचधत अनय चकसी कलपना क परचत बाल मनोभाव वयति करक परसतत करन क चलए परोतसाचहत कर

गाओ आर समझो ः

जनम २ जन १९4६ टीकमगढ़(मधयपरदश) रचनाऍ चहदी क नए बालगीत उड़न खटोल एक िपाती और अनय बालकचवताऍ आचद पररचय आप १९६5 स परमख राषटटीय दचनको म लखन कर रह ह

इस कचवता म िपाती और चबली क बीि घटी मजदार घटना को हासय रप म वयति चकया ह

5 एक चपाती

ताती-ताती एक िपातीचदखी तव पर पट फलातीचबली मौसी बोली-lsquolsquoमयॉऊ भख लगी म तझको खाऊ rsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-lsquolsquoमौसी पहल मकखन ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoदख िपाती की ठनगन चबली ल आई मकखन गराथिकर चफर बोली-lsquolsquoमयाऊ अब तो म तझको खा जाऊrsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-

lsquolsquoहॉ हॉ पहल गड़ तो ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoचबली िल दी गड़ लान लगी लौटकर झझलान lsquolsquoमयाऊ मयाऊ मयाऊ अब म खाऊ अब म खाऊrsquorsquoमन ही मन म गढ़ी िपाती सोिा-lsquoअब तो मरी िपाती rsquoचिढ़कर बोली-lsquoखा नकटी rsquoचबली गसस म झपटी कमर म आत ही मॉ क चबली भागी दम दबा क आख खोल िपाती मसकाई मॉ न उसकी जान बिाई

-रमश तलग

12

सनो और समझो ः

नाम तमार

q सवाद म आए सववनाम शबदो (म वह कछ जसा-वसा अपन-अाप) को शामपट ट पर लिख इनक भदो को पराग द वारासमझाऍ और अन शबद कहिाऍ लवद ालवो स कलि करवान क पशाि उनका वाको म परोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ लवद ाल व ो स सवाद पढ़वाऍ और परशन बनाकर एक-दसर स पछन क लिए कह उनस अधलवशवास पर ाव कराऍ

६ सीखइस सवाद म बिाा गा ह लक अधलवशवास स दर रहना ालहए

[मोहन बीमारी क कारण रो रहा ह मॉ उस समझा रही ह ]मॉ रोओ मि बट ठीक हो जाओग िो मतरवािा पानी बाबा जी न लदा ह मोन इसस का होगा मॉ मॉ इसस िमहारी बीमारी छमिर हो जाएगी म वसा ही कर रही ह जसा कहा गा ह

[मोहन क लमतर एव सहलिो का आगमन]सोम मोहन अब कसी ह िबीि मोन अर का बिाऊ िकिीफ िो बढ़ ही रही ह शिला असपिाि नही गए दवाई िो िनी ी मॉ नही उसकी जररि भी नही इस लकसी की नजर िग गई ह बाबा जी न मतरवािा

पानी लदा ह वह दो-एक लदन म अपन-आप ठीक हो जाएगा

----------

-----

-----

--------

-----

--------

शितर दखकर उशित सरवनाम म शिखो (त म र य कया जसा-रसा अन-आ)

13

रबि वादिका

जरा सोचो बताओ

नए रबितकलीफ = ददथि पीड़ािौकना = अाशियथििचकत होना उफनना = उबलनामहावरतरस आना = दया आनाआख खलना = सही बात समझ म आना दध का दध और पानी का पानी करना = नयाय करना

यचद रात और चदन न होत तो

सतीदलग पललगएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- चबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- नाग----- मनाऍ ----- -----

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो क चलग और विन बदलकर चलखो

सभी दमत मोहन तबीयत की तरफ धयान दो हम चनकलत ह (बच जस ही बाहर चनकल उसी समय एक चबली न उनका रासता काटा )

सषमा लो अब तो हम लोगो का काम नही होगा महर मझ भी ऐसा ही लगता ह चबली न रासता काटा ह सोहन अर दखो तो सामन स गर जी आ रह ह गर जी भी मोहन क घर जा रह होग सषमा गर जी अभी हम सब आपक घर ही आन वाल थ पर चबली न रासता काट चदया दरलपा गर जी दध का दध और पानी का पानी करग महर हमन दखा मोहन की मॉ बीमार मोहन को कोई मत फका हआ पानी चपला रही थी गर जी कयो भला तम सब दखत रह सोहम हम सब कया करत उनका आदर जो करना था गर जी दखो चबली का रासता काटना दहली पर छीकना आचद सब अधचवशवास ह सषमा पर सभी लाग तो मानत ह गर जी बीमारी होन क अनक कारर होत ह दवा ही उसका एकमात उपाय ह िलो हम चमलकर

मोहन की मॉ को समझात ह चजसस उनकी आख खल जाएगी सभी चमलकर एक साथ बोलत ह lsquolsquoअधचवशवास स दर रहो सतय की पहिान करो rsquorsquo

14

टवचार मथन

सदव धयान म रखोसवय अधययनमहानzwnjविभवतयोzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjवकसीzwnjएकzwnjकzwnjकायथिzwnjपरzwnjपािzwnjिाकयzwnjवलखोzwnjzwnj

१zwnjबाबाzwnjजीzwnjनzwnjमॉzwnjकोzwnjकयाzwnjवदयाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj२zwnjमोहनzwnjकोzwnjदखनzwnjकौन-कौनzwnjआएzwnj३zwnjबचोzwnjकाzwnjरासताzwnjवकसनzwnjकाटाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj4zwnjगरzwnjजीzwnjनzwnjबचोzwnjकोzwnjकयाzwnjसमझायाzwnj

एक वाकय म उततर टलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

िटकलzwnjपहवलयॉzwnjसनोzwnjऔरzwnjवकसीzwnjकायथिकरमzwnjमzwnjzwnjसनाओzwnj

वहतोपदशzwnjकीzwnjकोईzwnjएकzwnjकहानीzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjउससzwnjसबवधतवितzwnjबनाओzwnj

अपनzwnjदzwnjिाराzwnjवकएzwnjगएzwnjवकसीzwnjअचछzwnjकायथिzwnjकाzwnjअनभिzwnjबताओzwnj

वहिकीzwnjआनzwnjजसीzwnjवकरयाओzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjउनकzwnjकारणzwnjवलखोzwnjzwnjzwnj

वबनाzwnjसोिzwnjसमझzwnjवकसीzwnjबातzwnjपरzwnjविशिासzwnjनाzwnjकरzwnj

नएzwnjशबदोzwnjकोzwnjशबदकोशzwnjमzwnjसzwnjढढ़करzwnjिणथिकरमानसारzwnjवलखाzwnjzwnj

अधययन कौशल zwnjविजानzwnjकाzwnjफलाओगzwnjपरकाशzwnjतोzwnjहोगाzwnjअधविशिासzwnjकाzwnjनाशzwnj

अधविशिासzwnjकzwnjकारणzwnjऔरzwnjउसzwnjदरzwnjकरनzwnjकzwnjउपायzwnjढढ़ोzwnjताzwnjवकसीzwnjएकzwnjपरसगzwnjकोzwnjपरसततzwnjकरोzwnjzwnj

खोजबीन

समझो हम

अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद

१ ल कलम ७ -

२ - 8 क

३ सा ९ ला

4 म १० य

5 टी ११ वश

६ क १२ ग

टचत की सहायता स बारहखडी क शबद बनाकर टलखो

१4

15१5

q चवद याचथथियो स लोरी गवाऍ और उसका अथथि तथा सदभथि समझाऍ उसपर ििाथि कर माता-चपता जी का महतव पछ उनह अपनदादी जी नानी जी क गरो को उजागर करन वाली कोई घटना बतान क चलए कह अनय लोरी सनाए और गवाऍ

जनम १७ जन १९६२ रचनाऍ लचतका गजार सवर-वयजन शबदो क पास आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म लोरी क माधयम स मॉ का बच क परचत वातसलय भाव परकट चकया गया ह

सनो पढ़ो और गाओ ः

यदि सच म हमार मामा का घर चॉि पर होता तोजरा सोचो बताओ

7 मनी रानी-अशोक चसह सोलकी

सा जा सो जा मनी रानी बात मान ल मरी दध-मलाई तम को दगीमधर सनाऊगी लोरी

रात सहानी आएगी जबिदा आ मसकाएगा शीतल िमकीली चकररो सतब वह तमह ररझाएगा

16

सव अधनरबद वयाटटकयानए रबदशीतल = ठडा ररझािा = मि मोहिावि = सिय

अपि पररिार क वपरय वयकति क वलए िार कावय पकतिया वलखो

मरयाठी अशा समोचयाररत रबद टहदी अशा

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीनविवभनन कषतो की अवधक-स-अवधक दस lsquoपरम भारतीय मवहलाओrsquo की सवित ािकारी कापी म विपकाओ

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भयाषया की ओरवहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अथि वभननता बताओ और वलखो

ब त मॉगगी उसको हील म उस वदखाऊगी िदा मामा आए मननीकह तमको बहलाऊगी

िदा मामा आकर तमको दग अपिा सारा पयार औ म भी वि परम हदय का दगी विशिय तम पर िार पलक बद कर सो ा लदीपयारी मननी रािी

17

जोडो हम पड क पततो पर टदए गए वरणो स सयकाकषरयक शबद बनाओ (आध हाकर पाई हटाकर हल लगाकर lsquoरrsquo क परकार )(कzwnjफzwnjगzwnjतzwnjzwnjघzwnjषzwnjिzwnjदzwnjमzwnjहzwnjठzwnjडzwnjटzwnjप)

जानवरो की डॉकटर

टगद ध

मगाण

डटरम

लकडबगाटट ट

इदरधनष

कतता

गzwnjत

िद ट

ह ठ

डट

मप

फटमगो

कटवता की पलकयॉ परी करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

नीवतपरकzwnjदोहzwnjसनोzwnjऔरzwnjआनदपिथिकzwnjसनाओzwnjzwnjzwnj

सभदाकमारीzwnjिौहानzwnjकीzwnjकविताzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjसमहzwnjमzwnjगाओzwnj

zwnjzwnjमॉzwnjकोzwnjएकzwnjवदनzwnjकीzwnjछटzwnjटीzwnjदीzwnjजाएzwnjतोzwnjकयाzwnjहोगाzwnj

वनधाथिररतzwnjविषयzwnjपरzwnjभाषणzwnjतयारzwnjकरोzwnjzwnj

सदव धयान म रखोजीिनzwnjमzwnjमाता-वपताzwnjकाzwnjसानzwnjअनमोलzwnjहzwnjzwnj

अपनzwnjपररिारzwnjकाzwnjिशzwnjिकषzwnjतयारzwnjकरोzwnjऔरzwnjररशत-नातोzwnjकzwnjनामzwnjवलखोzwnj

अधययन कौशल

zwnjजननी-जनमभवमशिzwnjसिगाथिदवपzwnjगरीयसीzwnj

टवचार मथन

१zwnjरातzwnjसहानीzwnjzwnjzwnjररझाएगाzwnj

२zwnjिदाzwnjमामाzwnjzwnjzwnjमननीzwnjरानीzwnj

18

सव अधन-१

एक स सौ तक की उलटी वगिती सिो पढ़ो और कापी म वलखो

बीसउनीसअठयारहसतहसोलहपदरहचौदहतरहबयारहगयारह

दसनौआठसयातछहपयाचचयारतीनदोएक

चयालीस

उनतयालीस

अड़तीस

सतीस

छतीस

पतीस

चौतीस

ततीस

बतीस

इकतीस

पचयास

उनचयास

अड़तयालीस

सतयालीस

टछयालीस

पतयालीस

चवयालीस

ततयालीस

बयालीस

इकतयालीस

सयाठउनसठअट ठयावनसतयावनछपपनपचपनचौवनटतरपनबयावनइकयावन

सतरउनहतरअड़सठसड़सठटछयासठपसठचौसठटतरसठबयासठइकसठ

अससीउनयासीअठहतरसतहतरटछहतरपचहतरचौहतरटतहतरबहतरइकहतर

नबबनवयासीअठयासीसतयासीटछयासीपचयासीचौरयासीटतरयासीबयासीइकयासी

सौ

टननयानव

अठयानव

सतयानव

टछयानव

पचयानव

चौरयानव

टतरयानव

बयानव

इकयानव

तीस

उनतीस

अट ठयाईस

सतयाईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

तईसबयाईस

इकीस

१8

19

माता-टपता सअपन बार म

सनो

टपछल वषण टकए अपन टवशष कायण

बताओ

बाल सभा म परटतटदन बोध कथा का वाचन करो

वषण भर क खल- समाचारो का सटचत सकलन परसतत करो

कटतउपकरम

न र स ल ड त विक

१ वरणमाला सनाअो और टवशष वरणो क उचारर पर धयान दो

२ टवद यालय क सनह सममलन का वरणन करो

३ पसदीदा टवषय पर टवजापन बनाकर उसको पढ़ो

4 फल-फलो क दस-दस नाम टलखो

5 अकषर समह म स लखलाटडयो क नाम बताओ और टलखो

धया

ि

री

शा

लखा

ि

का

ना

वस

सा

जा

वम

बा खा

ल िा न

वन वम सा जाथि या

पनरावतणन - १ फलो क नाम फलो क नाम

zwnj१ zwnj१zwnj२ zwnj२zwnj३ zwnj३zwnj4 4zwnj5 5zwnj६ zwnj६zwnj७ zwnj७zwnj8 8zwnj९ zwnj९१० १०

20

दखो समझो आर चचयाशा करो ः

q विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर उिको परशि पछि क वलए कह बड़ो की सहायता स उनह डाकघर म ाकर वटकट खरीदिता बक म बाल-बित खाता खलिाि और पररवित डावकए बक कमथििारी िसथि हिलदार स बातिीत करि की सििा द

१ उपोग हमयार

मनीआडशार

बचत खयातया

रटजसटटीटटकट

हम आपकी आवशकतया समझत ह

डयाकघर

कड़या दयान

बचत आपकी

पगटत दर की

सचनया

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

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22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

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१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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Page 13: विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

8

भाषा की ओरशबद वाटिका

खोजबीन

नए शबदहरष = आनदकषण = पलअद भत = अनोखामहावरनकी और पछ-पछ = अचछ काम क ललए पछन की अावशयकता नहीभावलवभोर होना = आनलदत होना

लनमनललखखत शबदो क समानारथी शबद कहानी स ढढकर बताओ

8

आकाश लमतर

धरा लिरर

सिध

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

तखति और पाजका न अपनी-अपनी चलियॉ दन का मन बनाया कछ ही कषणो म सारी धरती हरी-भरी हो िई मानो धरती न धानी चनर ओढी हो मखतार और लबट ट न अपनी रि पटी दनी चाही और कछ ही कषणो म सारा आसमान लटमलटमात तारो स भर िया सारी पकलत दलहन की तरह सज िई री लजस-लजस न जो चाहा सोनपरी न वह सब लकया

अब पकलत म पछी मधर सवर म िान लि कलकल झरनो न वातावरण म सिीत भर लदया मद

रपयो (नोट) पर ललखी कीमत लकतनी और लकन भाराओ म अलकत ह बताओ

पवन बहन लिा फलो न हवा म मीठी खशब भर दी बच खशी स नाचन लि और परी को धनयवाद दन लि लक परी न सचमच पकलत को अद भत बना लदया तभी पाजका क लसर पर एक पका आम आ टपका

एकाएक पाजका की नीद खल िई उसन खखिकी स बाहर झॉका तो पाया लक पकलत ठीक वसी ही लदख रही ह जसी उसन अभी-अभी सपन म दखी री वह भावलवभोर हो िई

9

साइचकल िलाओ पयाथिवरर बिाओ

दवचार मथन

१ lsquolsquoपरकचत चकतना कछ दती ह rsquorsquo २ lsquolsquoम तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo३ lsquolsquoबाल चदवस पर हम परकचत को कछ द rsquorsquo 4 lsquolsquoनकी और पछ-पछ rsquorsquo

दकसन दकसस कहा ह बताओ

सवय अधययनचदए गए चितो क आधार पर उचित और आकरथिक चवजापन तयार करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

काटथिन कथा सनकर उस हाव-भाव सचहत सनाओ

महादवी वमाथि क रखाचित पढ़कर उसक पातो क नाम चलखो

बड़ होकर कया बनना िाहत हो

इस कहानी क चकसी एक अनचछद का अनलखन करो

सिव धयान म रखोपरकचत स हम दन की सीख चमलती ह

चकसी पररचित अनय कहानी लखन क चलए मद द तयार करो

अधययन कौरल

जरा सोचो बताओयचद तमह परी चमल जाए तो

10

q विदzwnjयावथियोzwnjकीzwnjजोवियॉzwnjबनाकरzwnjआयzwnjबतानzwnjकाzwnjखलzwnjखलिाऍzwnjऔरzwnjउनहzwnjमजदारzwnjपहवलयॉzwnjबझनzwnjकzwnjवलएzwnjदzwnjzwnjउनहzwnjइसीzwnjपरकारzwnjकzwnjअनयzwnjविषयोzwnjकzwnjभीzwnjखलzwnjखलनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjउनसzwnjपहवलयोzwnjऔरzwnjखलोzwnjकाzwnjवितोzwnjसवहतzwnjवलखखतzwnjसगरहzwnjकरिाऍzwnjअौरzwnjखलिाऍzwnj

4(अ) आओ आय बताना सीखो

(१)zwnjअपनzwnjवमतzwnjकोzwnjउसकीzwnjितथिमानzwnjआयzwnjमzwnjअगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआयzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(२)zwnjzwnjउसzwnjइसzwnjयोगफलzwnjकोzwnj5zwnjसzwnjगणाzwnjकरनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(३)zwnjपरापतzwnjगणनफलzwnjमzwnjउसzwnjअपनzwnjजनमिषथिzwnjकाzwnjइकाईzwnjअकzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjकहzwnjzwnj(4)zwnjपरापतzwnjयोगफलzwnjमzwnjसzwnj5zwnjघटाzwnjदzwnjzwnj(5)zwnjघटानzwnjकzwnjबादzwnjजोzwnjसखयाzwnjपरापतzwnjहोगीzwnjउसकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसzwnjसतzwnjकोzwnjउदाहरणzwnjसzwnjसमझतzwnjहzwnj

zwnj मानzwnjलोzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnj१०zwnjिषथिzwnjऔरzwnjजनमzwnjिषथिzwnj२००4zwnjहzwnjतो-(१)zwnj१०zwnj(ितथिमानzwnjआय)zwnj+zwnj११zwnj(अगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआय)zwnj=zwnj२१zwnj (२)zwnj२१Icirczwnj5zwnj=zwnj१०5(३)zwnj१०5zwnj+zwnj4zwnj=zwnj१०९zwnj zwnj zwnj zwnj zwnj (4)zwnj१०९zwnj-zwnj5zwnj=zwnj१०4

१०4zwnjकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjअाथितzwnj१०zwnjिषथिzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसीzwnjआधारzwnjपरzwnjअपनzwnjपररजनोzwnjपररवितोzwnjअनयzwnjवमतोzwnjकोzwnjउनकीzwnjआयzwnjबताकरzwnjआशियथिzwnjिवकतzwnjकरzwnjसकतzwnjहोzwnjzwnjपरतयकषzwnjकरकzwnjदखोzwnj

qविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjदोनोzwnjवितोzwnjकाzwnjदखकरzwnjउनमzwnjअतरzwnjढढ़करzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjभारतzwnjकzwnjविवभननzwnjराजयोzwnjकzwnjखानपानzwnjपहनािाzwnjआभषणzwnjजसzwnjअनयzwnjविषयोzwnjपरzwnjििाथिzwnjकराऍzwnjzwnjउनमzwnjसमानताzwnjऔरzwnjविविधताzwnjबतातzwnjहएzwnjलागोzwnjकzwnjआपसीzwnjसबधोzwnjकोzwnjसपषटzwnjकरzwnj

(ब) महाराषटर की बटी

आकलन

अतर बताओ

11

q चवद याचथथियो स एकल एव सामचहक कचवता पाठ कराऍ परशनोततर क माधयम स चबली और िपाती क बीि हए सवादो को सपषटकर उनह बाल-जगत स सबचधत अनय चकसी कलपना क परचत बाल मनोभाव वयति करक परसतत करन क चलए परोतसाचहत कर

गाओ आर समझो ः

जनम २ जन १९4६ टीकमगढ़(मधयपरदश) रचनाऍ चहदी क नए बालगीत उड़न खटोल एक िपाती और अनय बालकचवताऍ आचद पररचय आप १९६5 स परमख राषटटीय दचनको म लखन कर रह ह

इस कचवता म िपाती और चबली क बीि घटी मजदार घटना को हासय रप म वयति चकया ह

5 एक चपाती

ताती-ताती एक िपातीचदखी तव पर पट फलातीचबली मौसी बोली-lsquolsquoमयॉऊ भख लगी म तझको खाऊ rsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-lsquolsquoमौसी पहल मकखन ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoदख िपाती की ठनगन चबली ल आई मकखन गराथिकर चफर बोली-lsquolsquoमयाऊ अब तो म तझको खा जाऊrsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-

lsquolsquoहॉ हॉ पहल गड़ तो ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoचबली िल दी गड़ लान लगी लौटकर झझलान lsquolsquoमयाऊ मयाऊ मयाऊ अब म खाऊ अब म खाऊrsquorsquoमन ही मन म गढ़ी िपाती सोिा-lsquoअब तो मरी िपाती rsquoचिढ़कर बोली-lsquoखा नकटी rsquoचबली गसस म झपटी कमर म आत ही मॉ क चबली भागी दम दबा क आख खोल िपाती मसकाई मॉ न उसकी जान बिाई

-रमश तलग

12

सनो और समझो ः

नाम तमार

q सवाद म आए सववनाम शबदो (म वह कछ जसा-वसा अपन-अाप) को शामपट ट पर लिख इनक भदो को पराग द वारासमझाऍ और अन शबद कहिाऍ लवद ालवो स कलि करवान क पशाि उनका वाको म परोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ लवद ाल व ो स सवाद पढ़वाऍ और परशन बनाकर एक-दसर स पछन क लिए कह उनस अधलवशवास पर ाव कराऍ

६ सीखइस सवाद म बिाा गा ह लक अधलवशवास स दर रहना ालहए

[मोहन बीमारी क कारण रो रहा ह मॉ उस समझा रही ह ]मॉ रोओ मि बट ठीक हो जाओग िो मतरवािा पानी बाबा जी न लदा ह मोन इसस का होगा मॉ मॉ इसस िमहारी बीमारी छमिर हो जाएगी म वसा ही कर रही ह जसा कहा गा ह

[मोहन क लमतर एव सहलिो का आगमन]सोम मोहन अब कसी ह िबीि मोन अर का बिाऊ िकिीफ िो बढ़ ही रही ह शिला असपिाि नही गए दवाई िो िनी ी मॉ नही उसकी जररि भी नही इस लकसी की नजर िग गई ह बाबा जी न मतरवािा

पानी लदा ह वह दो-एक लदन म अपन-आप ठीक हो जाएगा

----------

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-----

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--------

शितर दखकर उशित सरवनाम म शिखो (त म र य कया जसा-रसा अन-आ)

13

रबि वादिका

जरा सोचो बताओ

नए रबितकलीफ = ददथि पीड़ािौकना = अाशियथििचकत होना उफनना = उबलनामहावरतरस आना = दया आनाआख खलना = सही बात समझ म आना दध का दध और पानी का पानी करना = नयाय करना

यचद रात और चदन न होत तो

सतीदलग पललगएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- चबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- नाग----- मनाऍ ----- -----

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो क चलग और विन बदलकर चलखो

सभी दमत मोहन तबीयत की तरफ धयान दो हम चनकलत ह (बच जस ही बाहर चनकल उसी समय एक चबली न उनका रासता काटा )

सषमा लो अब तो हम लोगो का काम नही होगा महर मझ भी ऐसा ही लगता ह चबली न रासता काटा ह सोहन अर दखो तो सामन स गर जी आ रह ह गर जी भी मोहन क घर जा रह होग सषमा गर जी अभी हम सब आपक घर ही आन वाल थ पर चबली न रासता काट चदया दरलपा गर जी दध का दध और पानी का पानी करग महर हमन दखा मोहन की मॉ बीमार मोहन को कोई मत फका हआ पानी चपला रही थी गर जी कयो भला तम सब दखत रह सोहम हम सब कया करत उनका आदर जो करना था गर जी दखो चबली का रासता काटना दहली पर छीकना आचद सब अधचवशवास ह सषमा पर सभी लाग तो मानत ह गर जी बीमारी होन क अनक कारर होत ह दवा ही उसका एकमात उपाय ह िलो हम चमलकर

मोहन की मॉ को समझात ह चजसस उनकी आख खल जाएगी सभी चमलकर एक साथ बोलत ह lsquolsquoअधचवशवास स दर रहो सतय की पहिान करो rsquorsquo

14

टवचार मथन

सदव धयान म रखोसवय अधययनमहानzwnjविभवतयोzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjवकसीzwnjएकzwnjकzwnjकायथिzwnjपरzwnjपािzwnjिाकयzwnjवलखोzwnjzwnj

१zwnjबाबाzwnjजीzwnjनzwnjमॉzwnjकोzwnjकयाzwnjवदयाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj२zwnjमोहनzwnjकोzwnjदखनzwnjकौन-कौनzwnjआएzwnj३zwnjबचोzwnjकाzwnjरासताzwnjवकसनzwnjकाटाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj4zwnjगरzwnjजीzwnjनzwnjबचोzwnjकोzwnjकयाzwnjसमझायाzwnj

एक वाकय म उततर टलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

िटकलzwnjपहवलयॉzwnjसनोzwnjऔरzwnjवकसीzwnjकायथिकरमzwnjमzwnjzwnjसनाओzwnj

वहतोपदशzwnjकीzwnjकोईzwnjएकzwnjकहानीzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjउससzwnjसबवधतवितzwnjबनाओzwnj

अपनzwnjदzwnjिाराzwnjवकएzwnjगएzwnjवकसीzwnjअचछzwnjकायथिzwnjकाzwnjअनभिzwnjबताओzwnj

वहिकीzwnjआनzwnjजसीzwnjवकरयाओzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjउनकzwnjकारणzwnjवलखोzwnjzwnjzwnj

वबनाzwnjसोिzwnjसमझzwnjवकसीzwnjबातzwnjपरzwnjविशिासzwnjनाzwnjकरzwnj

नएzwnjशबदोzwnjकोzwnjशबदकोशzwnjमzwnjसzwnjढढ़करzwnjिणथिकरमानसारzwnjवलखाzwnjzwnj

अधययन कौशल zwnjविजानzwnjकाzwnjफलाओगzwnjपरकाशzwnjतोzwnjहोगाzwnjअधविशिासzwnjकाzwnjनाशzwnj

अधविशिासzwnjकzwnjकारणzwnjऔरzwnjउसzwnjदरzwnjकरनzwnjकzwnjउपायzwnjढढ़ोzwnjताzwnjवकसीzwnjएकzwnjपरसगzwnjकोzwnjपरसततzwnjकरोzwnjzwnj

खोजबीन

समझो हम

अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद

१ ल कलम ७ -

२ - 8 क

३ सा ९ ला

4 म १० य

5 टी ११ वश

६ क १२ ग

टचत की सहायता स बारहखडी क शबद बनाकर टलखो

१4

15१5

q चवद याचथथियो स लोरी गवाऍ और उसका अथथि तथा सदभथि समझाऍ उसपर ििाथि कर माता-चपता जी का महतव पछ उनह अपनदादी जी नानी जी क गरो को उजागर करन वाली कोई घटना बतान क चलए कह अनय लोरी सनाए और गवाऍ

जनम १७ जन १९६२ रचनाऍ लचतका गजार सवर-वयजन शबदो क पास आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म लोरी क माधयम स मॉ का बच क परचत वातसलय भाव परकट चकया गया ह

सनो पढ़ो और गाओ ः

यदि सच म हमार मामा का घर चॉि पर होता तोजरा सोचो बताओ

7 मनी रानी-अशोक चसह सोलकी

सा जा सो जा मनी रानी बात मान ल मरी दध-मलाई तम को दगीमधर सनाऊगी लोरी

रात सहानी आएगी जबिदा आ मसकाएगा शीतल िमकीली चकररो सतब वह तमह ररझाएगा

16

सव अधनरबद वयाटटकयानए रबदशीतल = ठडा ररझािा = मि मोहिावि = सिय

अपि पररिार क वपरय वयकति क वलए िार कावय पकतिया वलखो

मरयाठी अशा समोचयाररत रबद टहदी अशा

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीनविवभनन कषतो की अवधक-स-अवधक दस lsquoपरम भारतीय मवहलाओrsquo की सवित ािकारी कापी म विपकाओ

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भयाषया की ओरवहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अथि वभननता बताओ और वलखो

ब त मॉगगी उसको हील म उस वदखाऊगी िदा मामा आए मननीकह तमको बहलाऊगी

िदा मामा आकर तमको दग अपिा सारा पयार औ म भी वि परम हदय का दगी विशिय तम पर िार पलक बद कर सो ा लदीपयारी मननी रािी

17

जोडो हम पड क पततो पर टदए गए वरणो स सयकाकषरयक शबद बनाओ (आध हाकर पाई हटाकर हल लगाकर lsquoरrsquo क परकार )(कzwnjफzwnjगzwnjतzwnjzwnjघzwnjषzwnjिzwnjदzwnjमzwnjहzwnjठzwnjडzwnjटzwnjप)

जानवरो की डॉकटर

टगद ध

मगाण

डटरम

लकडबगाटट ट

इदरधनष

कतता

गzwnjत

िद ट

ह ठ

डट

मप

फटमगो

कटवता की पलकयॉ परी करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

नीवतपरकzwnjदोहzwnjसनोzwnjऔरzwnjआनदपिथिकzwnjसनाओzwnjzwnjzwnj

सभदाकमारीzwnjिौहानzwnjकीzwnjकविताzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjसमहzwnjमzwnjगाओzwnj

zwnjzwnjमॉzwnjकोzwnjएकzwnjवदनzwnjकीzwnjछटzwnjटीzwnjदीzwnjजाएzwnjतोzwnjकयाzwnjहोगाzwnj

वनधाथिररतzwnjविषयzwnjपरzwnjभाषणzwnjतयारzwnjकरोzwnjzwnj

सदव धयान म रखोजीिनzwnjमzwnjमाता-वपताzwnjकाzwnjसानzwnjअनमोलzwnjहzwnjzwnj

अपनzwnjपररिारzwnjकाzwnjिशzwnjिकषzwnjतयारzwnjकरोzwnjऔरzwnjररशत-नातोzwnjकzwnjनामzwnjवलखोzwnj

अधययन कौशल

zwnjजननी-जनमभवमशिzwnjसिगाथिदवपzwnjगरीयसीzwnj

टवचार मथन

१zwnjरातzwnjसहानीzwnjzwnjzwnjररझाएगाzwnj

२zwnjिदाzwnjमामाzwnjzwnjzwnjमननीzwnjरानीzwnj

18

सव अधन-१

एक स सौ तक की उलटी वगिती सिो पढ़ो और कापी म वलखो

बीसउनीसअठयारहसतहसोलहपदरहचौदहतरहबयारहगयारह

दसनौआठसयातछहपयाचचयारतीनदोएक

चयालीस

उनतयालीस

अड़तीस

सतीस

छतीस

पतीस

चौतीस

ततीस

बतीस

इकतीस

पचयास

उनचयास

अड़तयालीस

सतयालीस

टछयालीस

पतयालीस

चवयालीस

ततयालीस

बयालीस

इकतयालीस

सयाठउनसठअट ठयावनसतयावनछपपनपचपनचौवनटतरपनबयावनइकयावन

सतरउनहतरअड़सठसड़सठटछयासठपसठचौसठटतरसठबयासठइकसठ

अससीउनयासीअठहतरसतहतरटछहतरपचहतरचौहतरटतहतरबहतरइकहतर

नबबनवयासीअठयासीसतयासीटछयासीपचयासीचौरयासीटतरयासीबयासीइकयासी

सौ

टननयानव

अठयानव

सतयानव

टछयानव

पचयानव

चौरयानव

टतरयानव

बयानव

इकयानव

तीस

उनतीस

अट ठयाईस

सतयाईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

तईसबयाईस

इकीस

१8

19

माता-टपता सअपन बार म

सनो

टपछल वषण टकए अपन टवशष कायण

बताओ

बाल सभा म परटतटदन बोध कथा का वाचन करो

वषण भर क खल- समाचारो का सटचत सकलन परसतत करो

कटतउपकरम

न र स ल ड त विक

१ वरणमाला सनाअो और टवशष वरणो क उचारर पर धयान दो

२ टवद यालय क सनह सममलन का वरणन करो

३ पसदीदा टवषय पर टवजापन बनाकर उसको पढ़ो

4 फल-फलो क दस-दस नाम टलखो

5 अकषर समह म स लखलाटडयो क नाम बताओ और टलखो

धया

ि

री

शा

लखा

ि

का

ना

वस

सा

जा

वम

बा खा

ल िा न

वन वम सा जाथि या

पनरावतणन - १ फलो क नाम फलो क नाम

zwnj१ zwnj१zwnj२ zwnj२zwnj३ zwnj३zwnj4 4zwnj5 5zwnj६ zwnj६zwnj७ zwnj७zwnj8 8zwnj९ zwnj९१० १०

20

दखो समझो आर चचयाशा करो ः

q विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर उिको परशि पछि क वलए कह बड़ो की सहायता स उनह डाकघर म ाकर वटकट खरीदिता बक म बाल-बित खाता खलिाि और पररवित डावकए बक कमथििारी िसथि हिलदार स बातिीत करि की सििा द

१ उपोग हमयार

मनीआडशार

बचत खयातया

रटजसटटीटटकट

हम आपकी आवशकतया समझत ह

डयाकघर

कड़या दयान

बचत आपकी

पगटत दर की

सचनया

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

Xyumlgar BH$mBcopy

22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

nwZamdVcopyZ - 2

१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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9

साइचकल िलाओ पयाथिवरर बिाओ

दवचार मथन

१ lsquolsquoपरकचत चकतना कछ दती ह rsquorsquo २ lsquolsquoम तमहारी हर कलपना को सदर उपहार म बदल दगी rsquorsquo३ lsquolsquoबाल चदवस पर हम परकचत को कछ द rsquorsquo 4 lsquolsquoनकी और पछ-पछ rsquorsquo

दकसन दकसस कहा ह बताओ

सवय अधययनचदए गए चितो क आधार पर उचित और आकरथिक चवजापन तयार करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

काटथिन कथा सनकर उस हाव-भाव सचहत सनाओ

महादवी वमाथि क रखाचित पढ़कर उसक पातो क नाम चलखो

बड़ होकर कया बनना िाहत हो

इस कहानी क चकसी एक अनचछद का अनलखन करो

सिव धयान म रखोपरकचत स हम दन की सीख चमलती ह

चकसी पररचित अनय कहानी लखन क चलए मद द तयार करो

अधययन कौरल

जरा सोचो बताओयचद तमह परी चमल जाए तो

10

q विदzwnjयावथियोzwnjकीzwnjजोवियॉzwnjबनाकरzwnjआयzwnjबतानzwnjकाzwnjखलzwnjखलिाऍzwnjऔरzwnjउनहzwnjमजदारzwnjपहवलयॉzwnjबझनzwnjकzwnjवलएzwnjदzwnjzwnjउनहzwnjइसीzwnjपरकारzwnjकzwnjअनयzwnjविषयोzwnjकzwnjभीzwnjखलzwnjखलनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjउनसzwnjपहवलयोzwnjऔरzwnjखलोzwnjकाzwnjवितोzwnjसवहतzwnjवलखखतzwnjसगरहzwnjकरिाऍzwnjअौरzwnjखलिाऍzwnj

4(अ) आओ आय बताना सीखो

(१)zwnjअपनzwnjवमतzwnjकोzwnjउसकीzwnjितथिमानzwnjआयzwnjमzwnjअगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआयzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(२)zwnjzwnjउसzwnjइसzwnjयोगफलzwnjकोzwnj5zwnjसzwnjगणाzwnjकरनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(३)zwnjपरापतzwnjगणनफलzwnjमzwnjउसzwnjअपनzwnjजनमिषथिzwnjकाzwnjइकाईzwnjअकzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjकहzwnjzwnj(4)zwnjपरापतzwnjयोगफलzwnjमzwnjसzwnj5zwnjघटाzwnjदzwnjzwnj(5)zwnjघटानzwnjकzwnjबादzwnjजोzwnjसखयाzwnjपरापतzwnjहोगीzwnjउसकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसzwnjसतzwnjकोzwnjउदाहरणzwnjसzwnjसमझतzwnjहzwnj

zwnj मानzwnjलोzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnj१०zwnjिषथिzwnjऔरzwnjजनमzwnjिषथिzwnj२००4zwnjहzwnjतो-(१)zwnj१०zwnj(ितथिमानzwnjआय)zwnj+zwnj११zwnj(अगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआय)zwnj=zwnj२१zwnj (२)zwnj२१Icirczwnj5zwnj=zwnj१०5(३)zwnj१०5zwnj+zwnj4zwnj=zwnj१०९zwnj zwnj zwnj zwnj zwnj (4)zwnj१०९zwnj-zwnj5zwnj=zwnj१०4

१०4zwnjकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjअाथितzwnj१०zwnjिषथिzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसीzwnjआधारzwnjपरzwnjअपनzwnjपररजनोzwnjपररवितोzwnjअनयzwnjवमतोzwnjकोzwnjउनकीzwnjआयzwnjबताकरzwnjआशियथिzwnjिवकतzwnjकरzwnjसकतzwnjहोzwnjzwnjपरतयकषzwnjकरकzwnjदखोzwnj

qविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjदोनोzwnjवितोzwnjकाzwnjदखकरzwnjउनमzwnjअतरzwnjढढ़करzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjभारतzwnjकzwnjविवभननzwnjराजयोzwnjकzwnjखानपानzwnjपहनािाzwnjआभषणzwnjजसzwnjअनयzwnjविषयोzwnjपरzwnjििाथिzwnjकराऍzwnjzwnjउनमzwnjसमानताzwnjऔरzwnjविविधताzwnjबतातzwnjहएzwnjलागोzwnjकzwnjआपसीzwnjसबधोzwnjकोzwnjसपषटzwnjकरzwnj

(ब) महाराषटर की बटी

आकलन

अतर बताओ

11

q चवद याचथथियो स एकल एव सामचहक कचवता पाठ कराऍ परशनोततर क माधयम स चबली और िपाती क बीि हए सवादो को सपषटकर उनह बाल-जगत स सबचधत अनय चकसी कलपना क परचत बाल मनोभाव वयति करक परसतत करन क चलए परोतसाचहत कर

गाओ आर समझो ः

जनम २ जन १९4६ टीकमगढ़(मधयपरदश) रचनाऍ चहदी क नए बालगीत उड़न खटोल एक िपाती और अनय बालकचवताऍ आचद पररचय आप १९६5 स परमख राषटटीय दचनको म लखन कर रह ह

इस कचवता म िपाती और चबली क बीि घटी मजदार घटना को हासय रप म वयति चकया ह

5 एक चपाती

ताती-ताती एक िपातीचदखी तव पर पट फलातीचबली मौसी बोली-lsquolsquoमयॉऊ भख लगी म तझको खाऊ rsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-lsquolsquoमौसी पहल मकखन ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoदख िपाती की ठनगन चबली ल आई मकखन गराथिकर चफर बोली-lsquolsquoमयाऊ अब तो म तझको खा जाऊrsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-

lsquolsquoहॉ हॉ पहल गड़ तो ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoचबली िल दी गड़ लान लगी लौटकर झझलान lsquolsquoमयाऊ मयाऊ मयाऊ अब म खाऊ अब म खाऊrsquorsquoमन ही मन म गढ़ी िपाती सोिा-lsquoअब तो मरी िपाती rsquoचिढ़कर बोली-lsquoखा नकटी rsquoचबली गसस म झपटी कमर म आत ही मॉ क चबली भागी दम दबा क आख खोल िपाती मसकाई मॉ न उसकी जान बिाई

-रमश तलग

12

सनो और समझो ः

नाम तमार

q सवाद म आए सववनाम शबदो (म वह कछ जसा-वसा अपन-अाप) को शामपट ट पर लिख इनक भदो को पराग द वारासमझाऍ और अन शबद कहिाऍ लवद ालवो स कलि करवान क पशाि उनका वाको म परोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ लवद ाल व ो स सवाद पढ़वाऍ और परशन बनाकर एक-दसर स पछन क लिए कह उनस अधलवशवास पर ाव कराऍ

६ सीखइस सवाद म बिाा गा ह लक अधलवशवास स दर रहना ालहए

[मोहन बीमारी क कारण रो रहा ह मॉ उस समझा रही ह ]मॉ रोओ मि बट ठीक हो जाओग िो मतरवािा पानी बाबा जी न लदा ह मोन इसस का होगा मॉ मॉ इसस िमहारी बीमारी छमिर हो जाएगी म वसा ही कर रही ह जसा कहा गा ह

[मोहन क लमतर एव सहलिो का आगमन]सोम मोहन अब कसी ह िबीि मोन अर का बिाऊ िकिीफ िो बढ़ ही रही ह शिला असपिाि नही गए दवाई िो िनी ी मॉ नही उसकी जररि भी नही इस लकसी की नजर िग गई ह बाबा जी न मतरवािा

पानी लदा ह वह दो-एक लदन म अपन-आप ठीक हो जाएगा

----------

-----

-----

--------

-----

--------

शितर दखकर उशित सरवनाम म शिखो (त म र य कया जसा-रसा अन-आ)

13

रबि वादिका

जरा सोचो बताओ

नए रबितकलीफ = ददथि पीड़ािौकना = अाशियथििचकत होना उफनना = उबलनामहावरतरस आना = दया आनाआख खलना = सही बात समझ म आना दध का दध और पानी का पानी करना = नयाय करना

यचद रात और चदन न होत तो

सतीदलग पललगएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- चबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- नाग----- मनाऍ ----- -----

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो क चलग और विन बदलकर चलखो

सभी दमत मोहन तबीयत की तरफ धयान दो हम चनकलत ह (बच जस ही बाहर चनकल उसी समय एक चबली न उनका रासता काटा )

सषमा लो अब तो हम लोगो का काम नही होगा महर मझ भी ऐसा ही लगता ह चबली न रासता काटा ह सोहन अर दखो तो सामन स गर जी आ रह ह गर जी भी मोहन क घर जा रह होग सषमा गर जी अभी हम सब आपक घर ही आन वाल थ पर चबली न रासता काट चदया दरलपा गर जी दध का दध और पानी का पानी करग महर हमन दखा मोहन की मॉ बीमार मोहन को कोई मत फका हआ पानी चपला रही थी गर जी कयो भला तम सब दखत रह सोहम हम सब कया करत उनका आदर जो करना था गर जी दखो चबली का रासता काटना दहली पर छीकना आचद सब अधचवशवास ह सषमा पर सभी लाग तो मानत ह गर जी बीमारी होन क अनक कारर होत ह दवा ही उसका एकमात उपाय ह िलो हम चमलकर

मोहन की मॉ को समझात ह चजसस उनकी आख खल जाएगी सभी चमलकर एक साथ बोलत ह lsquolsquoअधचवशवास स दर रहो सतय की पहिान करो rsquorsquo

14

टवचार मथन

सदव धयान म रखोसवय अधययनमहानzwnjविभवतयोzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjवकसीzwnjएकzwnjकzwnjकायथिzwnjपरzwnjपािzwnjिाकयzwnjवलखोzwnjzwnj

१zwnjबाबाzwnjजीzwnjनzwnjमॉzwnjकोzwnjकयाzwnjवदयाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj२zwnjमोहनzwnjकोzwnjदखनzwnjकौन-कौनzwnjआएzwnj३zwnjबचोzwnjकाzwnjरासताzwnjवकसनzwnjकाटाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj4zwnjगरzwnjजीzwnjनzwnjबचोzwnjकोzwnjकयाzwnjसमझायाzwnj

एक वाकय म उततर टलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

िटकलzwnjपहवलयॉzwnjसनोzwnjऔरzwnjवकसीzwnjकायथिकरमzwnjमzwnjzwnjसनाओzwnj

वहतोपदशzwnjकीzwnjकोईzwnjएकzwnjकहानीzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjउससzwnjसबवधतवितzwnjबनाओzwnj

अपनzwnjदzwnjिाराzwnjवकएzwnjगएzwnjवकसीzwnjअचछzwnjकायथिzwnjकाzwnjअनभिzwnjबताओzwnj

वहिकीzwnjआनzwnjजसीzwnjवकरयाओzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjउनकzwnjकारणzwnjवलखोzwnjzwnjzwnj

वबनाzwnjसोिzwnjसमझzwnjवकसीzwnjबातzwnjपरzwnjविशिासzwnjनाzwnjकरzwnj

नएzwnjशबदोzwnjकोzwnjशबदकोशzwnjमzwnjसzwnjढढ़करzwnjिणथिकरमानसारzwnjवलखाzwnjzwnj

अधययन कौशल zwnjविजानzwnjकाzwnjफलाओगzwnjपरकाशzwnjतोzwnjहोगाzwnjअधविशिासzwnjकाzwnjनाशzwnj

अधविशिासzwnjकzwnjकारणzwnjऔरzwnjउसzwnjदरzwnjकरनzwnjकzwnjउपायzwnjढढ़ोzwnjताzwnjवकसीzwnjएकzwnjपरसगzwnjकोzwnjपरसततzwnjकरोzwnjzwnj

खोजबीन

समझो हम

अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद

१ ल कलम ७ -

२ - 8 क

३ सा ९ ला

4 म १० य

5 टी ११ वश

६ क १२ ग

टचत की सहायता स बारहखडी क शबद बनाकर टलखो

१4

15१5

q चवद याचथथियो स लोरी गवाऍ और उसका अथथि तथा सदभथि समझाऍ उसपर ििाथि कर माता-चपता जी का महतव पछ उनह अपनदादी जी नानी जी क गरो को उजागर करन वाली कोई घटना बतान क चलए कह अनय लोरी सनाए और गवाऍ

जनम १७ जन १९६२ रचनाऍ लचतका गजार सवर-वयजन शबदो क पास आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म लोरी क माधयम स मॉ का बच क परचत वातसलय भाव परकट चकया गया ह

सनो पढ़ो और गाओ ः

यदि सच म हमार मामा का घर चॉि पर होता तोजरा सोचो बताओ

7 मनी रानी-अशोक चसह सोलकी

सा जा सो जा मनी रानी बात मान ल मरी दध-मलाई तम को दगीमधर सनाऊगी लोरी

रात सहानी आएगी जबिदा आ मसकाएगा शीतल िमकीली चकररो सतब वह तमह ररझाएगा

16

सव अधनरबद वयाटटकयानए रबदशीतल = ठडा ररझािा = मि मोहिावि = सिय

अपि पररिार क वपरय वयकति क वलए िार कावय पकतिया वलखो

मरयाठी अशा समोचयाररत रबद टहदी अशा

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीनविवभनन कषतो की अवधक-स-अवधक दस lsquoपरम भारतीय मवहलाओrsquo की सवित ािकारी कापी म विपकाओ

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भयाषया की ओरवहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अथि वभननता बताओ और वलखो

ब त मॉगगी उसको हील म उस वदखाऊगी िदा मामा आए मननीकह तमको बहलाऊगी

िदा मामा आकर तमको दग अपिा सारा पयार औ म भी वि परम हदय का दगी विशिय तम पर िार पलक बद कर सो ा लदीपयारी मननी रािी

17

जोडो हम पड क पततो पर टदए गए वरणो स सयकाकषरयक शबद बनाओ (आध हाकर पाई हटाकर हल लगाकर lsquoरrsquo क परकार )(कzwnjफzwnjगzwnjतzwnjzwnjघzwnjषzwnjिzwnjदzwnjमzwnjहzwnjठzwnjडzwnjटzwnjप)

जानवरो की डॉकटर

टगद ध

मगाण

डटरम

लकडबगाटट ट

इदरधनष

कतता

गzwnjत

िद ट

ह ठ

डट

मप

फटमगो

कटवता की पलकयॉ परी करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

नीवतपरकzwnjदोहzwnjसनोzwnjऔरzwnjआनदपिथिकzwnjसनाओzwnjzwnjzwnj

सभदाकमारीzwnjिौहानzwnjकीzwnjकविताzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjसमहzwnjमzwnjगाओzwnj

zwnjzwnjमॉzwnjकोzwnjएकzwnjवदनzwnjकीzwnjछटzwnjटीzwnjदीzwnjजाएzwnjतोzwnjकयाzwnjहोगाzwnj

वनधाथिररतzwnjविषयzwnjपरzwnjभाषणzwnjतयारzwnjकरोzwnjzwnj

सदव धयान म रखोजीिनzwnjमzwnjमाता-वपताzwnjकाzwnjसानzwnjअनमोलzwnjहzwnjzwnj

अपनzwnjपररिारzwnjकाzwnjिशzwnjिकषzwnjतयारzwnjकरोzwnjऔरzwnjररशत-नातोzwnjकzwnjनामzwnjवलखोzwnj

अधययन कौशल

zwnjजननी-जनमभवमशिzwnjसिगाथिदवपzwnjगरीयसीzwnj

टवचार मथन

१zwnjरातzwnjसहानीzwnjzwnjzwnjररझाएगाzwnj

२zwnjिदाzwnjमामाzwnjzwnjzwnjमननीzwnjरानीzwnj

18

सव अधन-१

एक स सौ तक की उलटी वगिती सिो पढ़ो और कापी म वलखो

बीसउनीसअठयारहसतहसोलहपदरहचौदहतरहबयारहगयारह

दसनौआठसयातछहपयाचचयारतीनदोएक

चयालीस

उनतयालीस

अड़तीस

सतीस

छतीस

पतीस

चौतीस

ततीस

बतीस

इकतीस

पचयास

उनचयास

अड़तयालीस

सतयालीस

टछयालीस

पतयालीस

चवयालीस

ततयालीस

बयालीस

इकतयालीस

सयाठउनसठअट ठयावनसतयावनछपपनपचपनचौवनटतरपनबयावनइकयावन

सतरउनहतरअड़सठसड़सठटछयासठपसठचौसठटतरसठबयासठइकसठ

अससीउनयासीअठहतरसतहतरटछहतरपचहतरचौहतरटतहतरबहतरइकहतर

नबबनवयासीअठयासीसतयासीटछयासीपचयासीचौरयासीटतरयासीबयासीइकयासी

सौ

टननयानव

अठयानव

सतयानव

टछयानव

पचयानव

चौरयानव

टतरयानव

बयानव

इकयानव

तीस

उनतीस

अट ठयाईस

सतयाईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

तईसबयाईस

इकीस

१8

19

माता-टपता सअपन बार म

सनो

टपछल वषण टकए अपन टवशष कायण

बताओ

बाल सभा म परटतटदन बोध कथा का वाचन करो

वषण भर क खल- समाचारो का सटचत सकलन परसतत करो

कटतउपकरम

न र स ल ड त विक

१ वरणमाला सनाअो और टवशष वरणो क उचारर पर धयान दो

२ टवद यालय क सनह सममलन का वरणन करो

३ पसदीदा टवषय पर टवजापन बनाकर उसको पढ़ो

4 फल-फलो क दस-दस नाम टलखो

5 अकषर समह म स लखलाटडयो क नाम बताओ और टलखो

धया

ि

री

शा

लखा

ि

का

ना

वस

सा

जा

वम

बा खा

ल िा न

वन वम सा जाथि या

पनरावतणन - १ फलो क नाम फलो क नाम

zwnj१ zwnj१zwnj२ zwnj२zwnj३ zwnj३zwnj4 4zwnj5 5zwnj६ zwnj६zwnj७ zwnj७zwnj8 8zwnj९ zwnj९१० १०

20

दखो समझो आर चचयाशा करो ः

q विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर उिको परशि पछि क वलए कह बड़ो की सहायता स उनह डाकघर म ाकर वटकट खरीदिता बक म बाल-बित खाता खलिाि और पररवित डावकए बक कमथििारी िसथि हिलदार स बातिीत करि की सििा द

१ उपोग हमयार

मनीआडशार

बचत खयातया

रटजसटटीटटकट

हम आपकी आवशकतया समझत ह

डयाकघर

कड़या दयान

बचत आपकी

पगटत दर की

सचनया

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

Xyumlgar BH$mBcopy

22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

nwZamdVcopyZ - 2

१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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10

q विदzwnjयावथियोzwnjकीzwnjजोवियॉzwnjबनाकरzwnjआयzwnjबतानzwnjकाzwnjखलzwnjखलिाऍzwnjऔरzwnjउनहzwnjमजदारzwnjपहवलयॉzwnjबझनzwnjकzwnjवलएzwnjदzwnjzwnjउनहzwnjइसीzwnjपरकारzwnjकzwnjअनयzwnjविषयोzwnjकzwnjभीzwnjखलzwnjखलनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjउनसzwnjपहवलयोzwnjऔरzwnjखलोzwnjकाzwnjवितोzwnjसवहतzwnjवलखखतzwnjसगरहzwnjकरिाऍzwnjअौरzwnjखलिाऍzwnj

4(अ) आओ आय बताना सीखो

(१)zwnjअपनzwnjवमतzwnjकोzwnjउसकीzwnjितथिमानzwnjआयzwnjमzwnjअगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआयzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(२)zwnjzwnjउसzwnjइसzwnjयोगफलzwnjकोzwnj5zwnjसzwnjगणाzwnjकरनzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj(३)zwnjपरापतzwnjगणनफलzwnjमzwnjउसzwnjअपनzwnjजनमिषथिzwnjकाzwnjइकाईzwnjअकzwnjजोिनzwnjकzwnjवलएzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjकहzwnjzwnj(4)zwnjपरापतzwnjयोगफलzwnjमzwnjसzwnj5zwnjघटाzwnjदzwnjzwnj(5)zwnjघटानzwnjकzwnjबादzwnjजोzwnjसखयाzwnjपरापतzwnjहोगीzwnjउसकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसzwnjसतzwnjकोzwnjउदाहरणzwnjसzwnjसमझतzwnjहzwnj

zwnj मानzwnjलोzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnj१०zwnjिषथिzwnjऔरzwnjजनमzwnjिषथिzwnj२००4zwnjहzwnjतो-(१)zwnj१०zwnj(ितथिमानzwnjआय)zwnj+zwnj११zwnj(अगलzwnjिषथिzwnjकीzwnjआय)zwnj=zwnj२१zwnj (२)zwnj२१Icirczwnj5zwnj=zwnj१०5(३)zwnj१०5zwnj+zwnj4zwnj=zwnj१०९zwnj zwnj zwnj zwnj zwnj (4)zwnj१०९zwnj-zwnj5zwnj=zwnj१०4

१०4zwnjकीzwnjबाईzwnjओरzwnjकzwnjदोzwnjअकzwnjअाथितzwnj१०zwnjिषथिzwnjतमहारzwnjवमतzwnjकीzwnjआयzwnjहzwnjzwnjइसीzwnjआधारzwnjपरzwnjअपनzwnjपररजनोzwnjपररवितोzwnjअनयzwnjवमतोzwnjकोzwnjउनकीzwnjआयzwnjबताकरzwnjआशियथिzwnjिवकतzwnjकरzwnjसकतzwnjहोzwnjzwnjपरतयकषzwnjकरकzwnjदखोzwnj

qविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjदोनोzwnjवितोzwnjकाzwnjदखकरzwnjउनमzwnjअतरzwnjढढ़करzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnjभारतzwnjकzwnjविवभननzwnjराजयोzwnjकzwnjखानपानzwnjपहनािाzwnjआभषणzwnjजसzwnjअनयzwnjविषयोzwnjपरzwnjििाथिzwnjकराऍzwnjzwnjउनमzwnjसमानताzwnjऔरzwnjविविधताzwnjबतातzwnjहएzwnjलागोzwnjकzwnjआपसीzwnjसबधोzwnjकोzwnjसपषटzwnjकरzwnj

(ब) महाराषटर की बटी

आकलन

अतर बताओ

11

q चवद याचथथियो स एकल एव सामचहक कचवता पाठ कराऍ परशनोततर क माधयम स चबली और िपाती क बीि हए सवादो को सपषटकर उनह बाल-जगत स सबचधत अनय चकसी कलपना क परचत बाल मनोभाव वयति करक परसतत करन क चलए परोतसाचहत कर

गाओ आर समझो ः

जनम २ जन १९4६ टीकमगढ़(मधयपरदश) रचनाऍ चहदी क नए बालगीत उड़न खटोल एक िपाती और अनय बालकचवताऍ आचद पररचय आप १९६5 स परमख राषटटीय दचनको म लखन कर रह ह

इस कचवता म िपाती और चबली क बीि घटी मजदार घटना को हासय रप म वयति चकया ह

5 एक चपाती

ताती-ताती एक िपातीचदखी तव पर पट फलातीचबली मौसी बोली-lsquolsquoमयॉऊ भख लगी म तझको खाऊ rsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-lsquolsquoमौसी पहल मकखन ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoदख िपाती की ठनगन चबली ल आई मकखन गराथिकर चफर बोली-lsquolsquoमयाऊ अब तो म तझको खा जाऊrsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-

lsquolsquoहॉ हॉ पहल गड़ तो ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoचबली िल दी गड़ लान लगी लौटकर झझलान lsquolsquoमयाऊ मयाऊ मयाऊ अब म खाऊ अब म खाऊrsquorsquoमन ही मन म गढ़ी िपाती सोिा-lsquoअब तो मरी िपाती rsquoचिढ़कर बोली-lsquoखा नकटी rsquoचबली गसस म झपटी कमर म आत ही मॉ क चबली भागी दम दबा क आख खोल िपाती मसकाई मॉ न उसकी जान बिाई

-रमश तलग

12

सनो और समझो ः

नाम तमार

q सवाद म आए सववनाम शबदो (म वह कछ जसा-वसा अपन-अाप) को शामपट ट पर लिख इनक भदो को पराग द वारासमझाऍ और अन शबद कहिाऍ लवद ालवो स कलि करवान क पशाि उनका वाको म परोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ लवद ाल व ो स सवाद पढ़वाऍ और परशन बनाकर एक-दसर स पछन क लिए कह उनस अधलवशवास पर ाव कराऍ

६ सीखइस सवाद म बिाा गा ह लक अधलवशवास स दर रहना ालहए

[मोहन बीमारी क कारण रो रहा ह मॉ उस समझा रही ह ]मॉ रोओ मि बट ठीक हो जाओग िो मतरवािा पानी बाबा जी न लदा ह मोन इसस का होगा मॉ मॉ इसस िमहारी बीमारी छमिर हो जाएगी म वसा ही कर रही ह जसा कहा गा ह

[मोहन क लमतर एव सहलिो का आगमन]सोम मोहन अब कसी ह िबीि मोन अर का बिाऊ िकिीफ िो बढ़ ही रही ह शिला असपिाि नही गए दवाई िो िनी ी मॉ नही उसकी जररि भी नही इस लकसी की नजर िग गई ह बाबा जी न मतरवािा

पानी लदा ह वह दो-एक लदन म अपन-आप ठीक हो जाएगा

----------

-----

-----

--------

-----

--------

शितर दखकर उशित सरवनाम म शिखो (त म र य कया जसा-रसा अन-आ)

13

रबि वादिका

जरा सोचो बताओ

नए रबितकलीफ = ददथि पीड़ािौकना = अाशियथििचकत होना उफनना = उबलनामहावरतरस आना = दया आनाआख खलना = सही बात समझ म आना दध का दध और पानी का पानी करना = नयाय करना

यचद रात और चदन न होत तो

सतीदलग पललगएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- चबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- नाग----- मनाऍ ----- -----

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो क चलग और विन बदलकर चलखो

सभी दमत मोहन तबीयत की तरफ धयान दो हम चनकलत ह (बच जस ही बाहर चनकल उसी समय एक चबली न उनका रासता काटा )

सषमा लो अब तो हम लोगो का काम नही होगा महर मझ भी ऐसा ही लगता ह चबली न रासता काटा ह सोहन अर दखो तो सामन स गर जी आ रह ह गर जी भी मोहन क घर जा रह होग सषमा गर जी अभी हम सब आपक घर ही आन वाल थ पर चबली न रासता काट चदया दरलपा गर जी दध का दध और पानी का पानी करग महर हमन दखा मोहन की मॉ बीमार मोहन को कोई मत फका हआ पानी चपला रही थी गर जी कयो भला तम सब दखत रह सोहम हम सब कया करत उनका आदर जो करना था गर जी दखो चबली का रासता काटना दहली पर छीकना आचद सब अधचवशवास ह सषमा पर सभी लाग तो मानत ह गर जी बीमारी होन क अनक कारर होत ह दवा ही उसका एकमात उपाय ह िलो हम चमलकर

मोहन की मॉ को समझात ह चजसस उनकी आख खल जाएगी सभी चमलकर एक साथ बोलत ह lsquolsquoअधचवशवास स दर रहो सतय की पहिान करो rsquorsquo

14

टवचार मथन

सदव धयान म रखोसवय अधययनमहानzwnjविभवतयोzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjवकसीzwnjएकzwnjकzwnjकायथिzwnjपरzwnjपािzwnjिाकयzwnjवलखोzwnjzwnj

१zwnjबाबाzwnjजीzwnjनzwnjमॉzwnjकोzwnjकयाzwnjवदयाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj२zwnjमोहनzwnjकोzwnjदखनzwnjकौन-कौनzwnjआएzwnj३zwnjबचोzwnjकाzwnjरासताzwnjवकसनzwnjकाटाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj4zwnjगरzwnjजीzwnjनzwnjबचोzwnjकोzwnjकयाzwnjसमझायाzwnj

एक वाकय म उततर टलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

िटकलzwnjपहवलयॉzwnjसनोzwnjऔरzwnjवकसीzwnjकायथिकरमzwnjमzwnjzwnjसनाओzwnj

वहतोपदशzwnjकीzwnjकोईzwnjएकzwnjकहानीzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjउससzwnjसबवधतवितzwnjबनाओzwnj

अपनzwnjदzwnjिाराzwnjवकएzwnjगएzwnjवकसीzwnjअचछzwnjकायथिzwnjकाzwnjअनभिzwnjबताओzwnj

वहिकीzwnjआनzwnjजसीzwnjवकरयाओzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjउनकzwnjकारणzwnjवलखोzwnjzwnjzwnj

वबनाzwnjसोिzwnjसमझzwnjवकसीzwnjबातzwnjपरzwnjविशिासzwnjनाzwnjकरzwnj

नएzwnjशबदोzwnjकोzwnjशबदकोशzwnjमzwnjसzwnjढढ़करzwnjिणथिकरमानसारzwnjवलखाzwnjzwnj

अधययन कौशल zwnjविजानzwnjकाzwnjफलाओगzwnjपरकाशzwnjतोzwnjहोगाzwnjअधविशिासzwnjकाzwnjनाशzwnj

अधविशिासzwnjकzwnjकारणzwnjऔरzwnjउसzwnjदरzwnjकरनzwnjकzwnjउपायzwnjढढ़ोzwnjताzwnjवकसीzwnjएकzwnjपरसगzwnjकोzwnjपरसततzwnjकरोzwnjzwnj

खोजबीन

समझो हम

अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद

१ ल कलम ७ -

२ - 8 क

३ सा ९ ला

4 म १० य

5 टी ११ वश

६ क १२ ग

टचत की सहायता स बारहखडी क शबद बनाकर टलखो

१4

15१5

q चवद याचथथियो स लोरी गवाऍ और उसका अथथि तथा सदभथि समझाऍ उसपर ििाथि कर माता-चपता जी का महतव पछ उनह अपनदादी जी नानी जी क गरो को उजागर करन वाली कोई घटना बतान क चलए कह अनय लोरी सनाए और गवाऍ

जनम १७ जन १९६२ रचनाऍ लचतका गजार सवर-वयजन शबदो क पास आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म लोरी क माधयम स मॉ का बच क परचत वातसलय भाव परकट चकया गया ह

सनो पढ़ो और गाओ ः

यदि सच म हमार मामा का घर चॉि पर होता तोजरा सोचो बताओ

7 मनी रानी-अशोक चसह सोलकी

सा जा सो जा मनी रानी बात मान ल मरी दध-मलाई तम को दगीमधर सनाऊगी लोरी

रात सहानी आएगी जबिदा आ मसकाएगा शीतल िमकीली चकररो सतब वह तमह ररझाएगा

16

सव अधनरबद वयाटटकयानए रबदशीतल = ठडा ररझािा = मि मोहिावि = सिय

अपि पररिार क वपरय वयकति क वलए िार कावय पकतिया वलखो

मरयाठी अशा समोचयाररत रबद टहदी अशा

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीनविवभनन कषतो की अवधक-स-अवधक दस lsquoपरम भारतीय मवहलाओrsquo की सवित ािकारी कापी म विपकाओ

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भयाषया की ओरवहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अथि वभननता बताओ और वलखो

ब त मॉगगी उसको हील म उस वदखाऊगी िदा मामा आए मननीकह तमको बहलाऊगी

िदा मामा आकर तमको दग अपिा सारा पयार औ म भी वि परम हदय का दगी विशिय तम पर िार पलक बद कर सो ा लदीपयारी मननी रािी

17

जोडो हम पड क पततो पर टदए गए वरणो स सयकाकषरयक शबद बनाओ (आध हाकर पाई हटाकर हल लगाकर lsquoरrsquo क परकार )(कzwnjफzwnjगzwnjतzwnjzwnjघzwnjषzwnjिzwnjदzwnjमzwnjहzwnjठzwnjडzwnjटzwnjप)

जानवरो की डॉकटर

टगद ध

मगाण

डटरम

लकडबगाटट ट

इदरधनष

कतता

गzwnjत

िद ट

ह ठ

डट

मप

फटमगो

कटवता की पलकयॉ परी करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

नीवतपरकzwnjदोहzwnjसनोzwnjऔरzwnjआनदपिथिकzwnjसनाओzwnjzwnjzwnj

सभदाकमारीzwnjिौहानzwnjकीzwnjकविताzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjसमहzwnjमzwnjगाओzwnj

zwnjzwnjमॉzwnjकोzwnjएकzwnjवदनzwnjकीzwnjछटzwnjटीzwnjदीzwnjजाएzwnjतोzwnjकयाzwnjहोगाzwnj

वनधाथिररतzwnjविषयzwnjपरzwnjभाषणzwnjतयारzwnjकरोzwnjzwnj

सदव धयान म रखोजीिनzwnjमzwnjमाता-वपताzwnjकाzwnjसानzwnjअनमोलzwnjहzwnjzwnj

अपनzwnjपररिारzwnjकाzwnjिशzwnjिकषzwnjतयारzwnjकरोzwnjऔरzwnjररशत-नातोzwnjकzwnjनामzwnjवलखोzwnj

अधययन कौशल

zwnjजननी-जनमभवमशिzwnjसिगाथिदवपzwnjगरीयसीzwnj

टवचार मथन

१zwnjरातzwnjसहानीzwnjzwnjzwnjररझाएगाzwnj

२zwnjिदाzwnjमामाzwnjzwnjzwnjमननीzwnjरानीzwnj

18

सव अधन-१

एक स सौ तक की उलटी वगिती सिो पढ़ो और कापी म वलखो

बीसउनीसअठयारहसतहसोलहपदरहचौदहतरहबयारहगयारह

दसनौआठसयातछहपयाचचयारतीनदोएक

चयालीस

उनतयालीस

अड़तीस

सतीस

छतीस

पतीस

चौतीस

ततीस

बतीस

इकतीस

पचयास

उनचयास

अड़तयालीस

सतयालीस

टछयालीस

पतयालीस

चवयालीस

ततयालीस

बयालीस

इकतयालीस

सयाठउनसठअट ठयावनसतयावनछपपनपचपनचौवनटतरपनबयावनइकयावन

सतरउनहतरअड़सठसड़सठटछयासठपसठचौसठटतरसठबयासठइकसठ

अससीउनयासीअठहतरसतहतरटछहतरपचहतरचौहतरटतहतरबहतरइकहतर

नबबनवयासीअठयासीसतयासीटछयासीपचयासीचौरयासीटतरयासीबयासीइकयासी

सौ

टननयानव

अठयानव

सतयानव

टछयानव

पचयानव

चौरयानव

टतरयानव

बयानव

इकयानव

तीस

उनतीस

अट ठयाईस

सतयाईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

तईसबयाईस

इकीस

१8

19

माता-टपता सअपन बार म

सनो

टपछल वषण टकए अपन टवशष कायण

बताओ

बाल सभा म परटतटदन बोध कथा का वाचन करो

वषण भर क खल- समाचारो का सटचत सकलन परसतत करो

कटतउपकरम

न र स ल ड त विक

१ वरणमाला सनाअो और टवशष वरणो क उचारर पर धयान दो

२ टवद यालय क सनह सममलन का वरणन करो

३ पसदीदा टवषय पर टवजापन बनाकर उसको पढ़ो

4 फल-फलो क दस-दस नाम टलखो

5 अकषर समह म स लखलाटडयो क नाम बताओ और टलखो

धया

ि

री

शा

लखा

ि

का

ना

वस

सा

जा

वम

बा खा

ल िा न

वन वम सा जाथि या

पनरावतणन - १ फलो क नाम फलो क नाम

zwnj१ zwnj१zwnj२ zwnj२zwnj३ zwnj३zwnj4 4zwnj5 5zwnj६ zwnj६zwnj७ zwnj७zwnj8 8zwnj९ zwnj९१० १०

20

दखो समझो आर चचयाशा करो ः

q विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर उिको परशि पछि क वलए कह बड़ो की सहायता स उनह डाकघर म ाकर वटकट खरीदिता बक म बाल-बित खाता खलिाि और पररवित डावकए बक कमथििारी िसथि हिलदार स बातिीत करि की सििा द

१ उपोग हमयार

मनीआडशार

बचत खयातया

रटजसटटीटटकट

हम आपकी आवशकतया समझत ह

डयाकघर

कड़या दयान

बचत आपकी

पगटत दर की

सचनया

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

Xyumlgar BH$mBcopy

22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

nwZamdVcopyZ - 2

१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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11

q चवद याचथथियो स एकल एव सामचहक कचवता पाठ कराऍ परशनोततर क माधयम स चबली और िपाती क बीि हए सवादो को सपषटकर उनह बाल-जगत स सबचधत अनय चकसी कलपना क परचत बाल मनोभाव वयति करक परसतत करन क चलए परोतसाचहत कर

गाओ आर समझो ः

जनम २ जन १९4६ टीकमगढ़(मधयपरदश) रचनाऍ चहदी क नए बालगीत उड़न खटोल एक िपाती और अनय बालकचवताऍ आचद पररचय आप १९६5 स परमख राषटटीय दचनको म लखन कर रह ह

इस कचवता म िपाती और चबली क बीि घटी मजदार घटना को हासय रप म वयति चकया ह

5 एक चपाती

ताती-ताती एक िपातीचदखी तव पर पट फलातीचबली मौसी बोली-lsquolsquoमयॉऊ भख लगी म तझको खाऊ rsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-lsquolsquoमौसी पहल मकखन ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoदख िपाती की ठनगन चबली ल आई मकखन गराथिकर चफर बोली-lsquolsquoमयाऊ अब तो म तझको खा जाऊrsquorsquoसनकर उछली दर िपातीबोली चफर आख मटकाती-

lsquolsquoहॉ हॉ पहल गड़ तो ला चफर िाह मझको खा जा rsquorsquoचबली िल दी गड़ लान लगी लौटकर झझलान lsquolsquoमयाऊ मयाऊ मयाऊ अब म खाऊ अब म खाऊrsquorsquoमन ही मन म गढ़ी िपाती सोिा-lsquoअब तो मरी िपाती rsquoचिढ़कर बोली-lsquoखा नकटी rsquoचबली गसस म झपटी कमर म आत ही मॉ क चबली भागी दम दबा क आख खोल िपाती मसकाई मॉ न उसकी जान बिाई

-रमश तलग

12

सनो और समझो ः

नाम तमार

q सवाद म आए सववनाम शबदो (म वह कछ जसा-वसा अपन-अाप) को शामपट ट पर लिख इनक भदो को पराग द वारासमझाऍ और अन शबद कहिाऍ लवद ालवो स कलि करवान क पशाि उनका वाको म परोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ लवद ाल व ो स सवाद पढ़वाऍ और परशन बनाकर एक-दसर स पछन क लिए कह उनस अधलवशवास पर ाव कराऍ

६ सीखइस सवाद म बिाा गा ह लक अधलवशवास स दर रहना ालहए

[मोहन बीमारी क कारण रो रहा ह मॉ उस समझा रही ह ]मॉ रोओ मि बट ठीक हो जाओग िो मतरवािा पानी बाबा जी न लदा ह मोन इसस का होगा मॉ मॉ इसस िमहारी बीमारी छमिर हो जाएगी म वसा ही कर रही ह जसा कहा गा ह

[मोहन क लमतर एव सहलिो का आगमन]सोम मोहन अब कसी ह िबीि मोन अर का बिाऊ िकिीफ िो बढ़ ही रही ह शिला असपिाि नही गए दवाई िो िनी ी मॉ नही उसकी जररि भी नही इस लकसी की नजर िग गई ह बाबा जी न मतरवािा

पानी लदा ह वह दो-एक लदन म अपन-आप ठीक हो जाएगा

----------

-----

-----

--------

-----

--------

शितर दखकर उशित सरवनाम म शिखो (त म र य कया जसा-रसा अन-आ)

13

रबि वादिका

जरा सोचो बताओ

नए रबितकलीफ = ददथि पीड़ािौकना = अाशियथििचकत होना उफनना = उबलनामहावरतरस आना = दया आनाआख खलना = सही बात समझ म आना दध का दध और पानी का पानी करना = नयाय करना

यचद रात और चदन न होत तो

सतीदलग पललगएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- चबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- नाग----- मनाऍ ----- -----

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो क चलग और विन बदलकर चलखो

सभी दमत मोहन तबीयत की तरफ धयान दो हम चनकलत ह (बच जस ही बाहर चनकल उसी समय एक चबली न उनका रासता काटा )

सषमा लो अब तो हम लोगो का काम नही होगा महर मझ भी ऐसा ही लगता ह चबली न रासता काटा ह सोहन अर दखो तो सामन स गर जी आ रह ह गर जी भी मोहन क घर जा रह होग सषमा गर जी अभी हम सब आपक घर ही आन वाल थ पर चबली न रासता काट चदया दरलपा गर जी दध का दध और पानी का पानी करग महर हमन दखा मोहन की मॉ बीमार मोहन को कोई मत फका हआ पानी चपला रही थी गर जी कयो भला तम सब दखत रह सोहम हम सब कया करत उनका आदर जो करना था गर जी दखो चबली का रासता काटना दहली पर छीकना आचद सब अधचवशवास ह सषमा पर सभी लाग तो मानत ह गर जी बीमारी होन क अनक कारर होत ह दवा ही उसका एकमात उपाय ह िलो हम चमलकर

मोहन की मॉ को समझात ह चजसस उनकी आख खल जाएगी सभी चमलकर एक साथ बोलत ह lsquolsquoअधचवशवास स दर रहो सतय की पहिान करो rsquorsquo

14

टवचार मथन

सदव धयान म रखोसवय अधययनमहानzwnjविभवतयोzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjवकसीzwnjएकzwnjकzwnjकायथिzwnjपरzwnjपािzwnjिाकयzwnjवलखोzwnjzwnj

१zwnjबाबाzwnjजीzwnjनzwnjमॉzwnjकोzwnjकयाzwnjवदयाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj२zwnjमोहनzwnjकोzwnjदखनzwnjकौन-कौनzwnjआएzwnj३zwnjबचोzwnjकाzwnjरासताzwnjवकसनzwnjकाटाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj4zwnjगरzwnjजीzwnjनzwnjबचोzwnjकोzwnjकयाzwnjसमझायाzwnj

एक वाकय म उततर टलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

िटकलzwnjपहवलयॉzwnjसनोzwnjऔरzwnjवकसीzwnjकायथिकरमzwnjमzwnjzwnjसनाओzwnj

वहतोपदशzwnjकीzwnjकोईzwnjएकzwnjकहानीzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjउससzwnjसबवधतवितzwnjबनाओzwnj

अपनzwnjदzwnjिाराzwnjवकएzwnjगएzwnjवकसीzwnjअचछzwnjकायथिzwnjकाzwnjअनभिzwnjबताओzwnj

वहिकीzwnjआनzwnjजसीzwnjवकरयाओzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjउनकzwnjकारणzwnjवलखोzwnjzwnjzwnj

वबनाzwnjसोिzwnjसमझzwnjवकसीzwnjबातzwnjपरzwnjविशिासzwnjनाzwnjकरzwnj

नएzwnjशबदोzwnjकोzwnjशबदकोशzwnjमzwnjसzwnjढढ़करzwnjिणथिकरमानसारzwnjवलखाzwnjzwnj

अधययन कौशल zwnjविजानzwnjकाzwnjफलाओगzwnjपरकाशzwnjतोzwnjहोगाzwnjअधविशिासzwnjकाzwnjनाशzwnj

अधविशिासzwnjकzwnjकारणzwnjऔरzwnjउसzwnjदरzwnjकरनzwnjकzwnjउपायzwnjढढ़ोzwnjताzwnjवकसीzwnjएकzwnjपरसगzwnjकोzwnjपरसततzwnjकरोzwnjzwnj

खोजबीन

समझो हम

अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद

१ ल कलम ७ -

२ - 8 क

३ सा ९ ला

4 म १० य

5 टी ११ वश

६ क १२ ग

टचत की सहायता स बारहखडी क शबद बनाकर टलखो

१4

15१5

q चवद याचथथियो स लोरी गवाऍ और उसका अथथि तथा सदभथि समझाऍ उसपर ििाथि कर माता-चपता जी का महतव पछ उनह अपनदादी जी नानी जी क गरो को उजागर करन वाली कोई घटना बतान क चलए कह अनय लोरी सनाए और गवाऍ

जनम १७ जन १९६२ रचनाऍ लचतका गजार सवर-वयजन शबदो क पास आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म लोरी क माधयम स मॉ का बच क परचत वातसलय भाव परकट चकया गया ह

सनो पढ़ो और गाओ ः

यदि सच म हमार मामा का घर चॉि पर होता तोजरा सोचो बताओ

7 मनी रानी-अशोक चसह सोलकी

सा जा सो जा मनी रानी बात मान ल मरी दध-मलाई तम को दगीमधर सनाऊगी लोरी

रात सहानी आएगी जबिदा आ मसकाएगा शीतल िमकीली चकररो सतब वह तमह ररझाएगा

16

सव अधनरबद वयाटटकयानए रबदशीतल = ठडा ररझािा = मि मोहिावि = सिय

अपि पररिार क वपरय वयकति क वलए िार कावय पकतिया वलखो

मरयाठी अशा समोचयाररत रबद टहदी अशा

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीनविवभनन कषतो की अवधक-स-अवधक दस lsquoपरम भारतीय मवहलाओrsquo की सवित ािकारी कापी म विपकाओ

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भयाषया की ओरवहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अथि वभननता बताओ और वलखो

ब त मॉगगी उसको हील म उस वदखाऊगी िदा मामा आए मननीकह तमको बहलाऊगी

िदा मामा आकर तमको दग अपिा सारा पयार औ म भी वि परम हदय का दगी विशिय तम पर िार पलक बद कर सो ा लदीपयारी मननी रािी

17

जोडो हम पड क पततो पर टदए गए वरणो स सयकाकषरयक शबद बनाओ (आध हाकर पाई हटाकर हल लगाकर lsquoरrsquo क परकार )(कzwnjफzwnjगzwnjतzwnjzwnjघzwnjषzwnjिzwnjदzwnjमzwnjहzwnjठzwnjडzwnjटzwnjप)

जानवरो की डॉकटर

टगद ध

मगाण

डटरम

लकडबगाटट ट

इदरधनष

कतता

गzwnjत

िद ट

ह ठ

डट

मप

फटमगो

कटवता की पलकयॉ परी करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

नीवतपरकzwnjदोहzwnjसनोzwnjऔरzwnjआनदपिथिकzwnjसनाओzwnjzwnjzwnj

सभदाकमारीzwnjिौहानzwnjकीzwnjकविताzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjसमहzwnjमzwnjगाओzwnj

zwnjzwnjमॉzwnjकोzwnjएकzwnjवदनzwnjकीzwnjछटzwnjटीzwnjदीzwnjजाएzwnjतोzwnjकयाzwnjहोगाzwnj

वनधाथिररतzwnjविषयzwnjपरzwnjभाषणzwnjतयारzwnjकरोzwnjzwnj

सदव धयान म रखोजीिनzwnjमzwnjमाता-वपताzwnjकाzwnjसानzwnjअनमोलzwnjहzwnjzwnj

अपनzwnjपररिारzwnjकाzwnjिशzwnjिकषzwnjतयारzwnjकरोzwnjऔरzwnjररशत-नातोzwnjकzwnjनामzwnjवलखोzwnj

अधययन कौशल

zwnjजननी-जनमभवमशिzwnjसिगाथिदवपzwnjगरीयसीzwnj

टवचार मथन

१zwnjरातzwnjसहानीzwnjzwnjzwnjररझाएगाzwnj

२zwnjिदाzwnjमामाzwnjzwnjzwnjमननीzwnjरानीzwnj

18

सव अधन-१

एक स सौ तक की उलटी वगिती सिो पढ़ो और कापी म वलखो

बीसउनीसअठयारहसतहसोलहपदरहचौदहतरहबयारहगयारह

दसनौआठसयातछहपयाचचयारतीनदोएक

चयालीस

उनतयालीस

अड़तीस

सतीस

छतीस

पतीस

चौतीस

ततीस

बतीस

इकतीस

पचयास

उनचयास

अड़तयालीस

सतयालीस

टछयालीस

पतयालीस

चवयालीस

ततयालीस

बयालीस

इकतयालीस

सयाठउनसठअट ठयावनसतयावनछपपनपचपनचौवनटतरपनबयावनइकयावन

सतरउनहतरअड़सठसड़सठटछयासठपसठचौसठटतरसठबयासठइकसठ

अससीउनयासीअठहतरसतहतरटछहतरपचहतरचौहतरटतहतरबहतरइकहतर

नबबनवयासीअठयासीसतयासीटछयासीपचयासीचौरयासीटतरयासीबयासीइकयासी

सौ

टननयानव

अठयानव

सतयानव

टछयानव

पचयानव

चौरयानव

टतरयानव

बयानव

इकयानव

तीस

उनतीस

अट ठयाईस

सतयाईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

तईसबयाईस

इकीस

१8

19

माता-टपता सअपन बार म

सनो

टपछल वषण टकए अपन टवशष कायण

बताओ

बाल सभा म परटतटदन बोध कथा का वाचन करो

वषण भर क खल- समाचारो का सटचत सकलन परसतत करो

कटतउपकरम

न र स ल ड त विक

१ वरणमाला सनाअो और टवशष वरणो क उचारर पर धयान दो

२ टवद यालय क सनह सममलन का वरणन करो

३ पसदीदा टवषय पर टवजापन बनाकर उसको पढ़ो

4 फल-फलो क दस-दस नाम टलखो

5 अकषर समह म स लखलाटडयो क नाम बताओ और टलखो

धया

ि

री

शा

लखा

ि

का

ना

वस

सा

जा

वम

बा खा

ल िा न

वन वम सा जाथि या

पनरावतणन - १ फलो क नाम फलो क नाम

zwnj१ zwnj१zwnj२ zwnj२zwnj३ zwnj३zwnj4 4zwnj5 5zwnj६ zwnj६zwnj७ zwnj७zwnj8 8zwnj९ zwnj९१० १०

20

दखो समझो आर चचयाशा करो ः

q विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर उिको परशि पछि क वलए कह बड़ो की सहायता स उनह डाकघर म ाकर वटकट खरीदिता बक म बाल-बित खाता खलिाि और पररवित डावकए बक कमथििारी िसथि हिलदार स बातिीत करि की सििा द

१ उपोग हमयार

मनीआडशार

बचत खयातया

रटजसटटीटटकट

हम आपकी आवशकतया समझत ह

डयाकघर

कड़या दयान

बचत आपकी

पगटत दर की

सचनया

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

Xyumlgar BH$mBcopy

22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

nwZamdVcopyZ - 2

१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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Page 17: विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

12

सनो और समझो ः

नाम तमार

q सवाद म आए सववनाम शबदो (म वह कछ जसा-वसा अपन-अाप) को शामपट ट पर लिख इनक भदो को पराग द वारासमझाऍ और अन शबद कहिाऍ लवद ालवो स कलि करवान क पशाि उनका वाको म परोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ लवद ाल व ो स सवाद पढ़वाऍ और परशन बनाकर एक-दसर स पछन क लिए कह उनस अधलवशवास पर ाव कराऍ

६ सीखइस सवाद म बिाा गा ह लक अधलवशवास स दर रहना ालहए

[मोहन बीमारी क कारण रो रहा ह मॉ उस समझा रही ह ]मॉ रोओ मि बट ठीक हो जाओग िो मतरवािा पानी बाबा जी न लदा ह मोन इसस का होगा मॉ मॉ इसस िमहारी बीमारी छमिर हो जाएगी म वसा ही कर रही ह जसा कहा गा ह

[मोहन क लमतर एव सहलिो का आगमन]सोम मोहन अब कसी ह िबीि मोन अर का बिाऊ िकिीफ िो बढ़ ही रही ह शिला असपिाि नही गए दवाई िो िनी ी मॉ नही उसकी जररि भी नही इस लकसी की नजर िग गई ह बाबा जी न मतरवािा

पानी लदा ह वह दो-एक लदन म अपन-आप ठीक हो जाएगा

----------

-----

-----

--------

-----

--------

शितर दखकर उशित सरवनाम म शिखो (त म र य कया जसा-रसा अन-आ)

13

रबि वादिका

जरा सोचो बताओ

नए रबितकलीफ = ददथि पीड़ािौकना = अाशियथििचकत होना उफनना = उबलनामहावरतरस आना = दया आनाआख खलना = सही बात समझ म आना दध का दध और पानी का पानी करना = नयाय करना

यचद रात और चदन न होत तो

सतीदलग पललगएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- चबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- नाग----- मनाऍ ----- -----

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो क चलग और विन बदलकर चलखो

सभी दमत मोहन तबीयत की तरफ धयान दो हम चनकलत ह (बच जस ही बाहर चनकल उसी समय एक चबली न उनका रासता काटा )

सषमा लो अब तो हम लोगो का काम नही होगा महर मझ भी ऐसा ही लगता ह चबली न रासता काटा ह सोहन अर दखो तो सामन स गर जी आ रह ह गर जी भी मोहन क घर जा रह होग सषमा गर जी अभी हम सब आपक घर ही आन वाल थ पर चबली न रासता काट चदया दरलपा गर जी दध का दध और पानी का पानी करग महर हमन दखा मोहन की मॉ बीमार मोहन को कोई मत फका हआ पानी चपला रही थी गर जी कयो भला तम सब दखत रह सोहम हम सब कया करत उनका आदर जो करना था गर जी दखो चबली का रासता काटना दहली पर छीकना आचद सब अधचवशवास ह सषमा पर सभी लाग तो मानत ह गर जी बीमारी होन क अनक कारर होत ह दवा ही उसका एकमात उपाय ह िलो हम चमलकर

मोहन की मॉ को समझात ह चजसस उनकी आख खल जाएगी सभी चमलकर एक साथ बोलत ह lsquolsquoअधचवशवास स दर रहो सतय की पहिान करो rsquorsquo

14

टवचार मथन

सदव धयान म रखोसवय अधययनमहानzwnjविभवतयोzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjवकसीzwnjएकzwnjकzwnjकायथिzwnjपरzwnjपािzwnjिाकयzwnjवलखोzwnjzwnj

१zwnjबाबाzwnjजीzwnjनzwnjमॉzwnjकोzwnjकयाzwnjवदयाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj२zwnjमोहनzwnjकोzwnjदखनzwnjकौन-कौनzwnjआएzwnj३zwnjबचोzwnjकाzwnjरासताzwnjवकसनzwnjकाटाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj4zwnjगरzwnjजीzwnjनzwnjबचोzwnjकोzwnjकयाzwnjसमझायाzwnj

एक वाकय म उततर टलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

िटकलzwnjपहवलयॉzwnjसनोzwnjऔरzwnjवकसीzwnjकायथिकरमzwnjमzwnjzwnjसनाओzwnj

वहतोपदशzwnjकीzwnjकोईzwnjएकzwnjकहानीzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjउससzwnjसबवधतवितzwnjबनाओzwnj

अपनzwnjदzwnjिाराzwnjवकएzwnjगएzwnjवकसीzwnjअचछzwnjकायथिzwnjकाzwnjअनभिzwnjबताओzwnj

वहिकीzwnjआनzwnjजसीzwnjवकरयाओzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjउनकzwnjकारणzwnjवलखोzwnjzwnjzwnj

वबनाzwnjसोिzwnjसमझzwnjवकसीzwnjबातzwnjपरzwnjविशिासzwnjनाzwnjकरzwnj

नएzwnjशबदोzwnjकोzwnjशबदकोशzwnjमzwnjसzwnjढढ़करzwnjिणथिकरमानसारzwnjवलखाzwnjzwnj

अधययन कौशल zwnjविजानzwnjकाzwnjफलाओगzwnjपरकाशzwnjतोzwnjहोगाzwnjअधविशिासzwnjकाzwnjनाशzwnj

अधविशिासzwnjकzwnjकारणzwnjऔरzwnjउसzwnjदरzwnjकरनzwnjकzwnjउपायzwnjढढ़ोzwnjताzwnjवकसीzwnjएकzwnjपरसगzwnjकोzwnjपरसततzwnjकरोzwnjzwnj

खोजबीन

समझो हम

अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद

१ ल कलम ७ -

२ - 8 क

३ सा ९ ला

4 म १० य

5 टी ११ वश

६ क १२ ग

टचत की सहायता स बारहखडी क शबद बनाकर टलखो

१4

15१5

q चवद याचथथियो स लोरी गवाऍ और उसका अथथि तथा सदभथि समझाऍ उसपर ििाथि कर माता-चपता जी का महतव पछ उनह अपनदादी जी नानी जी क गरो को उजागर करन वाली कोई घटना बतान क चलए कह अनय लोरी सनाए और गवाऍ

जनम १७ जन १९६२ रचनाऍ लचतका गजार सवर-वयजन शबदो क पास आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म लोरी क माधयम स मॉ का बच क परचत वातसलय भाव परकट चकया गया ह

सनो पढ़ो और गाओ ः

यदि सच म हमार मामा का घर चॉि पर होता तोजरा सोचो बताओ

7 मनी रानी-अशोक चसह सोलकी

सा जा सो जा मनी रानी बात मान ल मरी दध-मलाई तम को दगीमधर सनाऊगी लोरी

रात सहानी आएगी जबिदा आ मसकाएगा शीतल िमकीली चकररो सतब वह तमह ररझाएगा

16

सव अधनरबद वयाटटकयानए रबदशीतल = ठडा ररझािा = मि मोहिावि = सिय

अपि पररिार क वपरय वयकति क वलए िार कावय पकतिया वलखो

मरयाठी अशा समोचयाररत रबद टहदी अशा

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीनविवभनन कषतो की अवधक-स-अवधक दस lsquoपरम भारतीय मवहलाओrsquo की सवित ािकारी कापी म विपकाओ

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भयाषया की ओरवहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अथि वभननता बताओ और वलखो

ब त मॉगगी उसको हील म उस वदखाऊगी िदा मामा आए मननीकह तमको बहलाऊगी

िदा मामा आकर तमको दग अपिा सारा पयार औ म भी वि परम हदय का दगी विशिय तम पर िार पलक बद कर सो ा लदीपयारी मननी रािी

17

जोडो हम पड क पततो पर टदए गए वरणो स सयकाकषरयक शबद बनाओ (आध हाकर पाई हटाकर हल लगाकर lsquoरrsquo क परकार )(कzwnjफzwnjगzwnjतzwnjzwnjघzwnjषzwnjिzwnjदzwnjमzwnjहzwnjठzwnjडzwnjटzwnjप)

जानवरो की डॉकटर

टगद ध

मगाण

डटरम

लकडबगाटट ट

इदरधनष

कतता

गzwnjत

िद ट

ह ठ

डट

मप

फटमगो

कटवता की पलकयॉ परी करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

नीवतपरकzwnjदोहzwnjसनोzwnjऔरzwnjआनदपिथिकzwnjसनाओzwnjzwnjzwnj

सभदाकमारीzwnjिौहानzwnjकीzwnjकविताzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjसमहzwnjमzwnjगाओzwnj

zwnjzwnjमॉzwnjकोzwnjएकzwnjवदनzwnjकीzwnjछटzwnjटीzwnjदीzwnjजाएzwnjतोzwnjकयाzwnjहोगाzwnj

वनधाथिररतzwnjविषयzwnjपरzwnjभाषणzwnjतयारzwnjकरोzwnjzwnj

सदव धयान म रखोजीिनzwnjमzwnjमाता-वपताzwnjकाzwnjसानzwnjअनमोलzwnjहzwnjzwnj

अपनzwnjपररिारzwnjकाzwnjिशzwnjिकषzwnjतयारzwnjकरोzwnjऔरzwnjररशत-नातोzwnjकzwnjनामzwnjवलखोzwnj

अधययन कौशल

zwnjजननी-जनमभवमशिzwnjसिगाथिदवपzwnjगरीयसीzwnj

टवचार मथन

१zwnjरातzwnjसहानीzwnjzwnjzwnjररझाएगाzwnj

२zwnjिदाzwnjमामाzwnjzwnjzwnjमननीzwnjरानीzwnj

18

सव अधन-१

एक स सौ तक की उलटी वगिती सिो पढ़ो और कापी म वलखो

बीसउनीसअठयारहसतहसोलहपदरहचौदहतरहबयारहगयारह

दसनौआठसयातछहपयाचचयारतीनदोएक

चयालीस

उनतयालीस

अड़तीस

सतीस

छतीस

पतीस

चौतीस

ततीस

बतीस

इकतीस

पचयास

उनचयास

अड़तयालीस

सतयालीस

टछयालीस

पतयालीस

चवयालीस

ततयालीस

बयालीस

इकतयालीस

सयाठउनसठअट ठयावनसतयावनछपपनपचपनचौवनटतरपनबयावनइकयावन

सतरउनहतरअड़सठसड़सठटछयासठपसठचौसठटतरसठबयासठइकसठ

अससीउनयासीअठहतरसतहतरटछहतरपचहतरचौहतरटतहतरबहतरइकहतर

नबबनवयासीअठयासीसतयासीटछयासीपचयासीचौरयासीटतरयासीबयासीइकयासी

सौ

टननयानव

अठयानव

सतयानव

टछयानव

पचयानव

चौरयानव

टतरयानव

बयानव

इकयानव

तीस

उनतीस

अट ठयाईस

सतयाईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

तईसबयाईस

इकीस

१8

19

माता-टपता सअपन बार म

सनो

टपछल वषण टकए अपन टवशष कायण

बताओ

बाल सभा म परटतटदन बोध कथा का वाचन करो

वषण भर क खल- समाचारो का सटचत सकलन परसतत करो

कटतउपकरम

न र स ल ड त विक

१ वरणमाला सनाअो और टवशष वरणो क उचारर पर धयान दो

२ टवद यालय क सनह सममलन का वरणन करो

३ पसदीदा टवषय पर टवजापन बनाकर उसको पढ़ो

4 फल-फलो क दस-दस नाम टलखो

5 अकषर समह म स लखलाटडयो क नाम बताओ और टलखो

धया

ि

री

शा

लखा

ि

का

ना

वस

सा

जा

वम

बा खा

ल िा न

वन वम सा जाथि या

पनरावतणन - १ फलो क नाम फलो क नाम

zwnj१ zwnj१zwnj२ zwnj२zwnj३ zwnj३zwnj4 4zwnj5 5zwnj६ zwnj६zwnj७ zwnj७zwnj8 8zwnj९ zwnj९१० १०

20

दखो समझो आर चचयाशा करो ः

q विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर उिको परशि पछि क वलए कह बड़ो की सहायता स उनह डाकघर म ाकर वटकट खरीदिता बक म बाल-बित खाता खलिाि और पररवित डावकए बक कमथििारी िसथि हिलदार स बातिीत करि की सििा द

१ उपोग हमयार

मनीआडशार

बचत खयातया

रटजसटटीटटकट

हम आपकी आवशकतया समझत ह

डयाकघर

कड़या दयान

बचत आपकी

पगटत दर की

सचनया

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

Xyumlgar BH$mBcopy

22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

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पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

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सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

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१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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Page 18: विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

13

रबि वादिका

जरा सोचो बताओ

नए रबितकलीफ = ददथि पीड़ािौकना = अाशियथििचकत होना उफनना = उबलनामहावरतरस आना = दया आनाआख खलना = सही बात समझ म आना दध का दध और पानी का पानी करना = नयाय करना

यचद रात और चदन न होत तो

सतीदलग पललगएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- चबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- नाग----- मनाऍ ----- -----

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो क चलग और विन बदलकर चलखो

सभी दमत मोहन तबीयत की तरफ धयान दो हम चनकलत ह (बच जस ही बाहर चनकल उसी समय एक चबली न उनका रासता काटा )

सषमा लो अब तो हम लोगो का काम नही होगा महर मझ भी ऐसा ही लगता ह चबली न रासता काटा ह सोहन अर दखो तो सामन स गर जी आ रह ह गर जी भी मोहन क घर जा रह होग सषमा गर जी अभी हम सब आपक घर ही आन वाल थ पर चबली न रासता काट चदया दरलपा गर जी दध का दध और पानी का पानी करग महर हमन दखा मोहन की मॉ बीमार मोहन को कोई मत फका हआ पानी चपला रही थी गर जी कयो भला तम सब दखत रह सोहम हम सब कया करत उनका आदर जो करना था गर जी दखो चबली का रासता काटना दहली पर छीकना आचद सब अधचवशवास ह सषमा पर सभी लाग तो मानत ह गर जी बीमारी होन क अनक कारर होत ह दवा ही उसका एकमात उपाय ह िलो हम चमलकर

मोहन की मॉ को समझात ह चजसस उनकी आख खल जाएगी सभी चमलकर एक साथ बोलत ह lsquolsquoअधचवशवास स दर रहो सतय की पहिान करो rsquorsquo

14

टवचार मथन

सदव धयान म रखोसवय अधययनमहानzwnjविभवतयोzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjवकसीzwnjएकzwnjकzwnjकायथिzwnjपरzwnjपािzwnjिाकयzwnjवलखोzwnjzwnj

१zwnjबाबाzwnjजीzwnjनzwnjमॉzwnjकोzwnjकयाzwnjवदयाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj२zwnjमोहनzwnjकोzwnjदखनzwnjकौन-कौनzwnjआएzwnj३zwnjबचोzwnjकाzwnjरासताzwnjवकसनzwnjकाटाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj4zwnjगरzwnjजीzwnjनzwnjबचोzwnjकोzwnjकयाzwnjसमझायाzwnj

एक वाकय म उततर टलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

िटकलzwnjपहवलयॉzwnjसनोzwnjऔरzwnjवकसीzwnjकायथिकरमzwnjमzwnjzwnjसनाओzwnj

वहतोपदशzwnjकीzwnjकोईzwnjएकzwnjकहानीzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjउससzwnjसबवधतवितzwnjबनाओzwnj

अपनzwnjदzwnjिाराzwnjवकएzwnjगएzwnjवकसीzwnjअचछzwnjकायथिzwnjकाzwnjअनभिzwnjबताओzwnj

वहिकीzwnjआनzwnjजसीzwnjवकरयाओzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjउनकzwnjकारणzwnjवलखोzwnjzwnjzwnj

वबनाzwnjसोिzwnjसमझzwnjवकसीzwnjबातzwnjपरzwnjविशिासzwnjनाzwnjकरzwnj

नएzwnjशबदोzwnjकोzwnjशबदकोशzwnjमzwnjसzwnjढढ़करzwnjिणथिकरमानसारzwnjवलखाzwnjzwnj

अधययन कौशल zwnjविजानzwnjकाzwnjफलाओगzwnjपरकाशzwnjतोzwnjहोगाzwnjअधविशिासzwnjकाzwnjनाशzwnj

अधविशिासzwnjकzwnjकारणzwnjऔरzwnjउसzwnjदरzwnjकरनzwnjकzwnjउपायzwnjढढ़ोzwnjताzwnjवकसीzwnjएकzwnjपरसगzwnjकोzwnjपरसततzwnjकरोzwnjzwnj

खोजबीन

समझो हम

अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद

१ ल कलम ७ -

२ - 8 क

३ सा ९ ला

4 म १० य

5 टी ११ वश

६ क १२ ग

टचत की सहायता स बारहखडी क शबद बनाकर टलखो

१4

15१5

q चवद याचथथियो स लोरी गवाऍ और उसका अथथि तथा सदभथि समझाऍ उसपर ििाथि कर माता-चपता जी का महतव पछ उनह अपनदादी जी नानी जी क गरो को उजागर करन वाली कोई घटना बतान क चलए कह अनय लोरी सनाए और गवाऍ

जनम १७ जन १९६२ रचनाऍ लचतका गजार सवर-वयजन शबदो क पास आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म लोरी क माधयम स मॉ का बच क परचत वातसलय भाव परकट चकया गया ह

सनो पढ़ो और गाओ ः

यदि सच म हमार मामा का घर चॉि पर होता तोजरा सोचो बताओ

7 मनी रानी-अशोक चसह सोलकी

सा जा सो जा मनी रानी बात मान ल मरी दध-मलाई तम को दगीमधर सनाऊगी लोरी

रात सहानी आएगी जबिदा आ मसकाएगा शीतल िमकीली चकररो सतब वह तमह ररझाएगा

16

सव अधनरबद वयाटटकयानए रबदशीतल = ठडा ररझािा = मि मोहिावि = सिय

अपि पररिार क वपरय वयकति क वलए िार कावय पकतिया वलखो

मरयाठी अशा समोचयाररत रबद टहदी अशा

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीनविवभनन कषतो की अवधक-स-अवधक दस lsquoपरम भारतीय मवहलाओrsquo की सवित ािकारी कापी म विपकाओ

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भयाषया की ओरवहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अथि वभननता बताओ और वलखो

ब त मॉगगी उसको हील म उस वदखाऊगी िदा मामा आए मननीकह तमको बहलाऊगी

िदा मामा आकर तमको दग अपिा सारा पयार औ म भी वि परम हदय का दगी विशिय तम पर िार पलक बद कर सो ा लदीपयारी मननी रािी

17

जोडो हम पड क पततो पर टदए गए वरणो स सयकाकषरयक शबद बनाओ (आध हाकर पाई हटाकर हल लगाकर lsquoरrsquo क परकार )(कzwnjफzwnjगzwnjतzwnjzwnjघzwnjषzwnjिzwnjदzwnjमzwnjहzwnjठzwnjडzwnjटzwnjप)

जानवरो की डॉकटर

टगद ध

मगाण

डटरम

लकडबगाटट ट

इदरधनष

कतता

गzwnjत

िद ट

ह ठ

डट

मप

फटमगो

कटवता की पलकयॉ परी करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

नीवतपरकzwnjदोहzwnjसनोzwnjऔरzwnjआनदपिथिकzwnjसनाओzwnjzwnjzwnj

सभदाकमारीzwnjिौहानzwnjकीzwnjकविताzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjसमहzwnjमzwnjगाओzwnj

zwnjzwnjमॉzwnjकोzwnjएकzwnjवदनzwnjकीzwnjछटzwnjटीzwnjदीzwnjजाएzwnjतोzwnjकयाzwnjहोगाzwnj

वनधाथिररतzwnjविषयzwnjपरzwnjभाषणzwnjतयारzwnjकरोzwnjzwnj

सदव धयान म रखोजीिनzwnjमzwnjमाता-वपताzwnjकाzwnjसानzwnjअनमोलzwnjहzwnjzwnj

अपनzwnjपररिारzwnjकाzwnjिशzwnjिकषzwnjतयारzwnjकरोzwnjऔरzwnjररशत-नातोzwnjकzwnjनामzwnjवलखोzwnj

अधययन कौशल

zwnjजननी-जनमभवमशिzwnjसिगाथिदवपzwnjगरीयसीzwnj

टवचार मथन

१zwnjरातzwnjसहानीzwnjzwnjzwnjररझाएगाzwnj

२zwnjिदाzwnjमामाzwnjzwnjzwnjमननीzwnjरानीzwnj

18

सव अधन-१

एक स सौ तक की उलटी वगिती सिो पढ़ो और कापी म वलखो

बीसउनीसअठयारहसतहसोलहपदरहचौदहतरहबयारहगयारह

दसनौआठसयातछहपयाचचयारतीनदोएक

चयालीस

उनतयालीस

अड़तीस

सतीस

छतीस

पतीस

चौतीस

ततीस

बतीस

इकतीस

पचयास

उनचयास

अड़तयालीस

सतयालीस

टछयालीस

पतयालीस

चवयालीस

ततयालीस

बयालीस

इकतयालीस

सयाठउनसठअट ठयावनसतयावनछपपनपचपनचौवनटतरपनबयावनइकयावन

सतरउनहतरअड़सठसड़सठटछयासठपसठचौसठटतरसठबयासठइकसठ

अससीउनयासीअठहतरसतहतरटछहतरपचहतरचौहतरटतहतरबहतरइकहतर

नबबनवयासीअठयासीसतयासीटछयासीपचयासीचौरयासीटतरयासीबयासीइकयासी

सौ

टननयानव

अठयानव

सतयानव

टछयानव

पचयानव

चौरयानव

टतरयानव

बयानव

इकयानव

तीस

उनतीस

अट ठयाईस

सतयाईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

तईसबयाईस

इकीस

१8

19

माता-टपता सअपन बार म

सनो

टपछल वषण टकए अपन टवशष कायण

बताओ

बाल सभा म परटतटदन बोध कथा का वाचन करो

वषण भर क खल- समाचारो का सटचत सकलन परसतत करो

कटतउपकरम

न र स ल ड त विक

१ वरणमाला सनाअो और टवशष वरणो क उचारर पर धयान दो

२ टवद यालय क सनह सममलन का वरणन करो

३ पसदीदा टवषय पर टवजापन बनाकर उसको पढ़ो

4 फल-फलो क दस-दस नाम टलखो

5 अकषर समह म स लखलाटडयो क नाम बताओ और टलखो

धया

ि

री

शा

लखा

ि

का

ना

वस

सा

जा

वम

बा खा

ल िा न

वन वम सा जाथि या

पनरावतणन - १ फलो क नाम फलो क नाम

zwnj१ zwnj१zwnj२ zwnj२zwnj३ zwnj३zwnj4 4zwnj5 5zwnj६ zwnj६zwnj७ zwnj७zwnj8 8zwnj९ zwnj९१० १०

20

दखो समझो आर चचयाशा करो ः

q विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर उिको परशि पछि क वलए कह बड़ो की सहायता स उनह डाकघर म ाकर वटकट खरीदिता बक म बाल-बित खाता खलिाि और पररवित डावकए बक कमथििारी िसथि हिलदार स बातिीत करि की सििा द

१ उपोग हमयार

मनीआडशार

बचत खयातया

रटजसटटीटटकट

हम आपकी आवशकतया समझत ह

डयाकघर

कड़या दयान

बचत आपकी

पगटत दर की

सचनया

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

Xyumlgar BH$mBcopy

22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

nwZamdVcopyZ - 2

१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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14

टवचार मथन

सदव धयान म रखोसवय अधययनमहानzwnjविभवतयोzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjवकसीzwnjएकzwnjकzwnjकायथिzwnjपरzwnjपािzwnjिाकयzwnjवलखोzwnjzwnj

१zwnjबाबाzwnjजीzwnjनzwnjमॉzwnjकोzwnjकयाzwnjवदयाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj२zwnjमोहनzwnjकोzwnjदखनzwnjकौन-कौनzwnjआएzwnj३zwnjबचोzwnjकाzwnjरासताzwnjवकसनzwnjकाटाzwnjzwnj zwnj zwnj zwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnjzwnj4zwnjगरzwnjजीzwnjनzwnjबचोzwnjकोzwnjकयाzwnjसमझायाzwnj

एक वाकय म उततर टलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

िटकलzwnjपहवलयॉzwnjसनोzwnjऔरzwnjवकसीzwnjकायथिकरमzwnjमzwnjzwnjसनाओzwnj

वहतोपदशzwnjकीzwnjकोईzwnjएकzwnjकहानीzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjउससzwnjसबवधतवितzwnjबनाओzwnj

अपनzwnjदzwnjिाराzwnjवकएzwnjगएzwnjवकसीzwnjअचछzwnjकायथिzwnjकाzwnjअनभिzwnjबताओzwnj

वहिकीzwnjआनzwnjजसीzwnjवकरयाओzwnjकीzwnjसिीzwnjबनाकरzwnjउनकzwnjकारणzwnjवलखोzwnjzwnjzwnj

वबनाzwnjसोिzwnjसमझzwnjवकसीzwnjबातzwnjपरzwnjविशिासzwnjनाzwnjकरzwnj

नएzwnjशबदोzwnjकोzwnjशबदकोशzwnjमzwnjसzwnjढढ़करzwnjिणथिकरमानसारzwnjवलखाzwnjzwnj

अधययन कौशल zwnjविजानzwnjकाzwnjफलाओगzwnjपरकाशzwnjतोzwnjहोगाzwnjअधविशिासzwnjकाzwnjनाशzwnj

अधविशिासzwnjकzwnjकारणzwnjऔरzwnjउसzwnjदरzwnjकरनzwnjकzwnjउपायzwnjढढ़ोzwnjताzwnjवकसीzwnjएकzwnjपरसगzwnjकोzwnjपरसततzwnjकरोzwnjzwnj

खोजबीन

समझो हम

अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद अन टचत का पहला अकषर

वरण टचत का अटतम अकषर

शबद

१ ल कलम ७ -

२ - 8 क

३ सा ९ ला

4 म १० य

5 टी ११ वश

६ क १२ ग

टचत की सहायता स बारहखडी क शबद बनाकर टलखो

१4

15१5

q चवद याचथथियो स लोरी गवाऍ और उसका अथथि तथा सदभथि समझाऍ उसपर ििाथि कर माता-चपता जी का महतव पछ उनह अपनदादी जी नानी जी क गरो को उजागर करन वाली कोई घटना बतान क चलए कह अनय लोरी सनाए और गवाऍ

जनम १७ जन १९६२ रचनाऍ लचतका गजार सवर-वयजन शबदो क पास आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म लोरी क माधयम स मॉ का बच क परचत वातसलय भाव परकट चकया गया ह

सनो पढ़ो और गाओ ः

यदि सच म हमार मामा का घर चॉि पर होता तोजरा सोचो बताओ

7 मनी रानी-अशोक चसह सोलकी

सा जा सो जा मनी रानी बात मान ल मरी दध-मलाई तम को दगीमधर सनाऊगी लोरी

रात सहानी आएगी जबिदा आ मसकाएगा शीतल िमकीली चकररो सतब वह तमह ररझाएगा

16

सव अधनरबद वयाटटकयानए रबदशीतल = ठडा ररझािा = मि मोहिावि = सिय

अपि पररिार क वपरय वयकति क वलए िार कावय पकतिया वलखो

मरयाठी अशा समोचयाररत रबद टहदी अशा

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीनविवभनन कषतो की अवधक-स-अवधक दस lsquoपरम भारतीय मवहलाओrsquo की सवित ािकारी कापी म विपकाओ

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भयाषया की ओरवहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अथि वभननता बताओ और वलखो

ब त मॉगगी उसको हील म उस वदखाऊगी िदा मामा आए मननीकह तमको बहलाऊगी

िदा मामा आकर तमको दग अपिा सारा पयार औ म भी वि परम हदय का दगी विशिय तम पर िार पलक बद कर सो ा लदीपयारी मननी रािी

17

जोडो हम पड क पततो पर टदए गए वरणो स सयकाकषरयक शबद बनाओ (आध हाकर पाई हटाकर हल लगाकर lsquoरrsquo क परकार )(कzwnjफzwnjगzwnjतzwnjzwnjघzwnjषzwnjिzwnjदzwnjमzwnjहzwnjठzwnjडzwnjटzwnjप)

जानवरो की डॉकटर

टगद ध

मगाण

डटरम

लकडबगाटट ट

इदरधनष

कतता

गzwnjत

िद ट

ह ठ

डट

मप

फटमगो

कटवता की पलकयॉ परी करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

नीवतपरकzwnjदोहzwnjसनोzwnjऔरzwnjआनदपिथिकzwnjसनाओzwnjzwnjzwnj

सभदाकमारीzwnjिौहानzwnjकीzwnjकविताzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjसमहzwnjमzwnjगाओzwnj

zwnjzwnjमॉzwnjकोzwnjएकzwnjवदनzwnjकीzwnjछटzwnjटीzwnjदीzwnjजाएzwnjतोzwnjकयाzwnjहोगाzwnj

वनधाथिररतzwnjविषयzwnjपरzwnjभाषणzwnjतयारzwnjकरोzwnjzwnj

सदव धयान म रखोजीिनzwnjमzwnjमाता-वपताzwnjकाzwnjसानzwnjअनमोलzwnjहzwnjzwnj

अपनzwnjपररिारzwnjकाzwnjिशzwnjिकषzwnjतयारzwnjकरोzwnjऔरzwnjररशत-नातोzwnjकzwnjनामzwnjवलखोzwnj

अधययन कौशल

zwnjजननी-जनमभवमशिzwnjसिगाथिदवपzwnjगरीयसीzwnj

टवचार मथन

१zwnjरातzwnjसहानीzwnjzwnjzwnjररझाएगाzwnj

२zwnjिदाzwnjमामाzwnjzwnjzwnjमननीzwnjरानीzwnj

18

सव अधन-१

एक स सौ तक की उलटी वगिती सिो पढ़ो और कापी म वलखो

बीसउनीसअठयारहसतहसोलहपदरहचौदहतरहबयारहगयारह

दसनौआठसयातछहपयाचचयारतीनदोएक

चयालीस

उनतयालीस

अड़तीस

सतीस

छतीस

पतीस

चौतीस

ततीस

बतीस

इकतीस

पचयास

उनचयास

अड़तयालीस

सतयालीस

टछयालीस

पतयालीस

चवयालीस

ततयालीस

बयालीस

इकतयालीस

सयाठउनसठअट ठयावनसतयावनछपपनपचपनचौवनटतरपनबयावनइकयावन

सतरउनहतरअड़सठसड़सठटछयासठपसठचौसठटतरसठबयासठइकसठ

अससीउनयासीअठहतरसतहतरटछहतरपचहतरचौहतरटतहतरबहतरइकहतर

नबबनवयासीअठयासीसतयासीटछयासीपचयासीचौरयासीटतरयासीबयासीइकयासी

सौ

टननयानव

अठयानव

सतयानव

टछयानव

पचयानव

चौरयानव

टतरयानव

बयानव

इकयानव

तीस

उनतीस

अट ठयाईस

सतयाईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

तईसबयाईस

इकीस

१8

19

माता-टपता सअपन बार म

सनो

टपछल वषण टकए अपन टवशष कायण

बताओ

बाल सभा म परटतटदन बोध कथा का वाचन करो

वषण भर क खल- समाचारो का सटचत सकलन परसतत करो

कटतउपकरम

न र स ल ड त विक

१ वरणमाला सनाअो और टवशष वरणो क उचारर पर धयान दो

२ टवद यालय क सनह सममलन का वरणन करो

३ पसदीदा टवषय पर टवजापन बनाकर उसको पढ़ो

4 फल-फलो क दस-दस नाम टलखो

5 अकषर समह म स लखलाटडयो क नाम बताओ और टलखो

धया

ि

री

शा

लखा

ि

का

ना

वस

सा

जा

वम

बा खा

ल िा न

वन वम सा जाथि या

पनरावतणन - १ फलो क नाम फलो क नाम

zwnj१ zwnj१zwnj२ zwnj२zwnj३ zwnj३zwnj4 4zwnj5 5zwnj६ zwnj६zwnj७ zwnj७zwnj8 8zwnj९ zwnj९१० १०

20

दखो समझो आर चचयाशा करो ः

q विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर उिको परशि पछि क वलए कह बड़ो की सहायता स उनह डाकघर म ाकर वटकट खरीदिता बक म बाल-बित खाता खलिाि और पररवित डावकए बक कमथििारी िसथि हिलदार स बातिीत करि की सििा द

१ उपोग हमयार

मनीआडशार

बचत खयातया

रटजसटटीटटकट

हम आपकी आवशकतया समझत ह

डयाकघर

कड़या दयान

बचत आपकी

पगटत दर की

सचनया

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

Xyumlgar BH$mBcopy

22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

nwZamdVcopyZ - 2

१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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Page 20: विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

15१5

q चवद याचथथियो स लोरी गवाऍ और उसका अथथि तथा सदभथि समझाऍ उसपर ििाथि कर माता-चपता जी का महतव पछ उनह अपनदादी जी नानी जी क गरो को उजागर करन वाली कोई घटना बतान क चलए कह अनय लोरी सनाए और गवाऍ

जनम १७ जन १९६२ रचनाऍ लचतका गजार सवर-वयजन शबदो क पास आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म लोरी क माधयम स मॉ का बच क परचत वातसलय भाव परकट चकया गया ह

सनो पढ़ो और गाओ ः

यदि सच म हमार मामा का घर चॉि पर होता तोजरा सोचो बताओ

7 मनी रानी-अशोक चसह सोलकी

सा जा सो जा मनी रानी बात मान ल मरी दध-मलाई तम को दगीमधर सनाऊगी लोरी

रात सहानी आएगी जबिदा आ मसकाएगा शीतल िमकीली चकररो सतब वह तमह ररझाएगा

16

सव अधनरबद वयाटटकयानए रबदशीतल = ठडा ररझािा = मि मोहिावि = सिय

अपि पररिार क वपरय वयकति क वलए िार कावय पकतिया वलखो

मरयाठी अशा समोचयाररत रबद टहदी अशा

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीनविवभनन कषतो की अवधक-स-अवधक दस lsquoपरम भारतीय मवहलाओrsquo की सवित ािकारी कापी म विपकाओ

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भयाषया की ओरवहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अथि वभननता बताओ और वलखो

ब त मॉगगी उसको हील म उस वदखाऊगी िदा मामा आए मननीकह तमको बहलाऊगी

िदा मामा आकर तमको दग अपिा सारा पयार औ म भी वि परम हदय का दगी विशिय तम पर िार पलक बद कर सो ा लदीपयारी मननी रािी

17

जोडो हम पड क पततो पर टदए गए वरणो स सयकाकषरयक शबद बनाओ (आध हाकर पाई हटाकर हल लगाकर lsquoरrsquo क परकार )(कzwnjफzwnjगzwnjतzwnjzwnjघzwnjषzwnjिzwnjदzwnjमzwnjहzwnjठzwnjडzwnjटzwnjप)

जानवरो की डॉकटर

टगद ध

मगाण

डटरम

लकडबगाटट ट

इदरधनष

कतता

गzwnjत

िद ट

ह ठ

डट

मप

फटमगो

कटवता की पलकयॉ परी करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

नीवतपरकzwnjदोहzwnjसनोzwnjऔरzwnjआनदपिथिकzwnjसनाओzwnjzwnjzwnj

सभदाकमारीzwnjिौहानzwnjकीzwnjकविताzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjसमहzwnjमzwnjगाओzwnj

zwnjzwnjमॉzwnjकोzwnjएकzwnjवदनzwnjकीzwnjछटzwnjटीzwnjदीzwnjजाएzwnjतोzwnjकयाzwnjहोगाzwnj

वनधाथिररतzwnjविषयzwnjपरzwnjभाषणzwnjतयारzwnjकरोzwnjzwnj

सदव धयान म रखोजीिनzwnjमzwnjमाता-वपताzwnjकाzwnjसानzwnjअनमोलzwnjहzwnjzwnj

अपनzwnjपररिारzwnjकाzwnjिशzwnjिकषzwnjतयारzwnjकरोzwnjऔरzwnjररशत-नातोzwnjकzwnjनामzwnjवलखोzwnj

अधययन कौशल

zwnjजननी-जनमभवमशिzwnjसिगाथिदवपzwnjगरीयसीzwnj

टवचार मथन

१zwnjरातzwnjसहानीzwnjzwnjzwnjररझाएगाzwnj

२zwnjिदाzwnjमामाzwnjzwnjzwnjमननीzwnjरानीzwnj

18

सव अधन-१

एक स सौ तक की उलटी वगिती सिो पढ़ो और कापी म वलखो

बीसउनीसअठयारहसतहसोलहपदरहचौदहतरहबयारहगयारह

दसनौआठसयातछहपयाचचयारतीनदोएक

चयालीस

उनतयालीस

अड़तीस

सतीस

छतीस

पतीस

चौतीस

ततीस

बतीस

इकतीस

पचयास

उनचयास

अड़तयालीस

सतयालीस

टछयालीस

पतयालीस

चवयालीस

ततयालीस

बयालीस

इकतयालीस

सयाठउनसठअट ठयावनसतयावनछपपनपचपनचौवनटतरपनबयावनइकयावन

सतरउनहतरअड़सठसड़सठटछयासठपसठचौसठटतरसठबयासठइकसठ

अससीउनयासीअठहतरसतहतरटछहतरपचहतरचौहतरटतहतरबहतरइकहतर

नबबनवयासीअठयासीसतयासीटछयासीपचयासीचौरयासीटतरयासीबयासीइकयासी

सौ

टननयानव

अठयानव

सतयानव

टछयानव

पचयानव

चौरयानव

टतरयानव

बयानव

इकयानव

तीस

उनतीस

अट ठयाईस

सतयाईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

तईसबयाईस

इकीस

१8

19

माता-टपता सअपन बार म

सनो

टपछल वषण टकए अपन टवशष कायण

बताओ

बाल सभा म परटतटदन बोध कथा का वाचन करो

वषण भर क खल- समाचारो का सटचत सकलन परसतत करो

कटतउपकरम

न र स ल ड त विक

१ वरणमाला सनाअो और टवशष वरणो क उचारर पर धयान दो

२ टवद यालय क सनह सममलन का वरणन करो

३ पसदीदा टवषय पर टवजापन बनाकर उसको पढ़ो

4 फल-फलो क दस-दस नाम टलखो

5 अकषर समह म स लखलाटडयो क नाम बताओ और टलखो

धया

ि

री

शा

लखा

ि

का

ना

वस

सा

जा

वम

बा खा

ल िा न

वन वम सा जाथि या

पनरावतणन - १ फलो क नाम फलो क नाम

zwnj१ zwnj१zwnj२ zwnj२zwnj३ zwnj३zwnj4 4zwnj5 5zwnj६ zwnj६zwnj७ zwnj७zwnj8 8zwnj९ zwnj९१० १०

20

दखो समझो आर चचयाशा करो ः

q विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर उिको परशि पछि क वलए कह बड़ो की सहायता स उनह डाकघर म ाकर वटकट खरीदिता बक म बाल-बित खाता खलिाि और पररवित डावकए बक कमथििारी िसथि हिलदार स बातिीत करि की सििा द

१ उपोग हमयार

मनीआडशार

बचत खयातया

रटजसटटीटटकट

हम आपकी आवशकतया समझत ह

डयाकघर

कड़या दयान

बचत आपकी

पगटत दर की

सचनया

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

Xyumlgar BH$mBcopy

22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

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१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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Page 21: विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

16

सव अधनरबद वयाटटकयानए रबदशीतल = ठडा ररझािा = मि मोहिावि = सिय

अपि पररिार क वपरय वयकति क वलए िार कावय पकतिया वलखो

मरयाठी अशा समोचयाररत रबद टहदी अशा

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीनविवभनन कषतो की अवधक-स-अवधक दस lsquoपरम भारतीय मवहलाओrsquo की सवित ािकारी कापी म विपकाओ

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भयाषया की ओरवहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अथि वभननता बताओ और वलखो

ब त मॉगगी उसको हील म उस वदखाऊगी िदा मामा आए मननीकह तमको बहलाऊगी

िदा मामा आकर तमको दग अपिा सारा पयार औ म भी वि परम हदय का दगी विशिय तम पर िार पलक बद कर सो ा लदीपयारी मननी रािी

17

जोडो हम पड क पततो पर टदए गए वरणो स सयकाकषरयक शबद बनाओ (आध हाकर पाई हटाकर हल लगाकर lsquoरrsquo क परकार )(कzwnjफzwnjगzwnjतzwnjzwnjघzwnjषzwnjिzwnjदzwnjमzwnjहzwnjठzwnjडzwnjटzwnjप)

जानवरो की डॉकटर

टगद ध

मगाण

डटरम

लकडबगाटट ट

इदरधनष

कतता

गzwnjत

िद ट

ह ठ

डट

मप

फटमगो

कटवता की पलकयॉ परी करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

नीवतपरकzwnjदोहzwnjसनोzwnjऔरzwnjआनदपिथिकzwnjसनाओzwnjzwnjzwnj

सभदाकमारीzwnjिौहानzwnjकीzwnjकविताzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjसमहzwnjमzwnjगाओzwnj

zwnjzwnjमॉzwnjकोzwnjएकzwnjवदनzwnjकीzwnjछटzwnjटीzwnjदीzwnjजाएzwnjतोzwnjकयाzwnjहोगाzwnj

वनधाथिररतzwnjविषयzwnjपरzwnjभाषणzwnjतयारzwnjकरोzwnjzwnj

सदव धयान म रखोजीिनzwnjमzwnjमाता-वपताzwnjकाzwnjसानzwnjअनमोलzwnjहzwnjzwnj

अपनzwnjपररिारzwnjकाzwnjिशzwnjिकषzwnjतयारzwnjकरोzwnjऔरzwnjररशत-नातोzwnjकzwnjनामzwnjवलखोzwnj

अधययन कौशल

zwnjजननी-जनमभवमशिzwnjसिगाथिदवपzwnjगरीयसीzwnj

टवचार मथन

१zwnjरातzwnjसहानीzwnjzwnjzwnjररझाएगाzwnj

२zwnjिदाzwnjमामाzwnjzwnjzwnjमननीzwnjरानीzwnj

18

सव अधन-१

एक स सौ तक की उलटी वगिती सिो पढ़ो और कापी म वलखो

बीसउनीसअठयारहसतहसोलहपदरहचौदहतरहबयारहगयारह

दसनौआठसयातछहपयाचचयारतीनदोएक

चयालीस

उनतयालीस

अड़तीस

सतीस

छतीस

पतीस

चौतीस

ततीस

बतीस

इकतीस

पचयास

उनचयास

अड़तयालीस

सतयालीस

टछयालीस

पतयालीस

चवयालीस

ततयालीस

बयालीस

इकतयालीस

सयाठउनसठअट ठयावनसतयावनछपपनपचपनचौवनटतरपनबयावनइकयावन

सतरउनहतरअड़सठसड़सठटछयासठपसठचौसठटतरसठबयासठइकसठ

अससीउनयासीअठहतरसतहतरटछहतरपचहतरचौहतरटतहतरबहतरइकहतर

नबबनवयासीअठयासीसतयासीटछयासीपचयासीचौरयासीटतरयासीबयासीइकयासी

सौ

टननयानव

अठयानव

सतयानव

टछयानव

पचयानव

चौरयानव

टतरयानव

बयानव

इकयानव

तीस

उनतीस

अट ठयाईस

सतयाईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

तईसबयाईस

इकीस

१8

19

माता-टपता सअपन बार म

सनो

टपछल वषण टकए अपन टवशष कायण

बताओ

बाल सभा म परटतटदन बोध कथा का वाचन करो

वषण भर क खल- समाचारो का सटचत सकलन परसतत करो

कटतउपकरम

न र स ल ड त विक

१ वरणमाला सनाअो और टवशष वरणो क उचारर पर धयान दो

२ टवद यालय क सनह सममलन का वरणन करो

३ पसदीदा टवषय पर टवजापन बनाकर उसको पढ़ो

4 फल-फलो क दस-दस नाम टलखो

5 अकषर समह म स लखलाटडयो क नाम बताओ और टलखो

धया

ि

री

शा

लखा

ि

का

ना

वस

सा

जा

वम

बा खा

ल िा न

वन वम सा जाथि या

पनरावतणन - १ फलो क नाम फलो क नाम

zwnj१ zwnj१zwnj२ zwnj२zwnj३ zwnj३zwnj4 4zwnj5 5zwnj६ zwnj६zwnj७ zwnj७zwnj8 8zwnj९ zwnj९१० १०

20

दखो समझो आर चचयाशा करो ः

q विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर उिको परशि पछि क वलए कह बड़ो की सहायता स उनह डाकघर म ाकर वटकट खरीदिता बक म बाल-बित खाता खलिाि और पररवित डावकए बक कमथििारी िसथि हिलदार स बातिीत करि की सििा द

१ उपोग हमयार

मनीआडशार

बचत खयातया

रटजसटटीटटकट

हम आपकी आवशकतया समझत ह

डयाकघर

कड़या दयान

बचत आपकी

पगटत दर की

सचनया

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

Xyumlgar BH$mBcopy

22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

nwZamdVcopyZ - 2

१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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Page 22: विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

17

जोडो हम पड क पततो पर टदए गए वरणो स सयकाकषरयक शबद बनाओ (आध हाकर पाई हटाकर हल लगाकर lsquoरrsquo क परकार )(कzwnjफzwnjगzwnjतzwnjzwnjघzwnjषzwnjिzwnjदzwnjमzwnjहzwnjठzwnjडzwnjटzwnjप)

जानवरो की डॉकटर

टगद ध

मगाण

डटरम

लकडबगाटट ट

इदरधनष

कतता

गzwnjत

िद ट

ह ठ

डट

मप

फटमगो

कटवता की पलकयॉ परी करो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

नीवतपरकzwnjदोहzwnjसनोzwnjऔरzwnjआनदपिथिकzwnjसनाओzwnjzwnjzwnj

सभदाकमारीzwnjिौहानzwnjकीzwnjकविताzwnjपढ़ोzwnjऔरzwnjसमहzwnjमzwnjगाओzwnj

zwnjzwnjमॉzwnjकोzwnjएकzwnjवदनzwnjकीzwnjछटzwnjटीzwnjदीzwnjजाएzwnjतोzwnjकयाzwnjहोगाzwnj

वनधाथिररतzwnjविषयzwnjपरzwnjभाषणzwnjतयारzwnjकरोzwnjzwnj

सदव धयान म रखोजीिनzwnjमzwnjमाता-वपताzwnjकाzwnjसानzwnjअनमोलzwnjहzwnjzwnj

अपनzwnjपररिारzwnjकाzwnjिशzwnjिकषzwnjतयारzwnjकरोzwnjऔरzwnjररशत-नातोzwnjकzwnjनामzwnjवलखोzwnj

अधययन कौशल

zwnjजननी-जनमभवमशिzwnjसिगाथिदवपzwnjगरीयसीzwnj

टवचार मथन

१zwnjरातzwnjसहानीzwnjzwnjzwnjररझाएगाzwnj

२zwnjिदाzwnjमामाzwnjzwnjzwnjमननीzwnjरानीzwnj

18

सव अधन-१

एक स सौ तक की उलटी वगिती सिो पढ़ो और कापी म वलखो

बीसउनीसअठयारहसतहसोलहपदरहचौदहतरहबयारहगयारह

दसनौआठसयातछहपयाचचयारतीनदोएक

चयालीस

उनतयालीस

अड़तीस

सतीस

छतीस

पतीस

चौतीस

ततीस

बतीस

इकतीस

पचयास

उनचयास

अड़तयालीस

सतयालीस

टछयालीस

पतयालीस

चवयालीस

ततयालीस

बयालीस

इकतयालीस

सयाठउनसठअट ठयावनसतयावनछपपनपचपनचौवनटतरपनबयावनइकयावन

सतरउनहतरअड़सठसड़सठटछयासठपसठचौसठटतरसठबयासठइकसठ

अससीउनयासीअठहतरसतहतरटछहतरपचहतरचौहतरटतहतरबहतरइकहतर

नबबनवयासीअठयासीसतयासीटछयासीपचयासीचौरयासीटतरयासीबयासीइकयासी

सौ

टननयानव

अठयानव

सतयानव

टछयानव

पचयानव

चौरयानव

टतरयानव

बयानव

इकयानव

तीस

उनतीस

अट ठयाईस

सतयाईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

तईसबयाईस

इकीस

१8

19

माता-टपता सअपन बार म

सनो

टपछल वषण टकए अपन टवशष कायण

बताओ

बाल सभा म परटतटदन बोध कथा का वाचन करो

वषण भर क खल- समाचारो का सटचत सकलन परसतत करो

कटतउपकरम

न र स ल ड त विक

१ वरणमाला सनाअो और टवशष वरणो क उचारर पर धयान दो

२ टवद यालय क सनह सममलन का वरणन करो

३ पसदीदा टवषय पर टवजापन बनाकर उसको पढ़ो

4 फल-फलो क दस-दस नाम टलखो

5 अकषर समह म स लखलाटडयो क नाम बताओ और टलखो

धया

ि

री

शा

लखा

ि

का

ना

वस

सा

जा

वम

बा खा

ल िा न

वन वम सा जाथि या

पनरावतणन - १ फलो क नाम फलो क नाम

zwnj१ zwnj१zwnj२ zwnj२zwnj३ zwnj३zwnj4 4zwnj5 5zwnj६ zwnj६zwnj७ zwnj७zwnj8 8zwnj९ zwnj९१० १०

20

दखो समझो आर चचयाशा करो ः

q विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर उिको परशि पछि क वलए कह बड़ो की सहायता स उनह डाकघर म ाकर वटकट खरीदिता बक म बाल-बित खाता खलिाि और पररवित डावकए बक कमथििारी िसथि हिलदार स बातिीत करि की सििा द

१ उपोग हमयार

मनीआडशार

बचत खयातया

रटजसटटीटटकट

हम आपकी आवशकतया समझत ह

डयाकघर

कड़या दयान

बचत आपकी

पगटत दर की

सचनया

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

Xyumlgar BH$mBcopy

22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

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१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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Page 23: विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

18

सव अधन-१

एक स सौ तक की उलटी वगिती सिो पढ़ो और कापी म वलखो

बीसउनीसअठयारहसतहसोलहपदरहचौदहतरहबयारहगयारह

दसनौआठसयातछहपयाचचयारतीनदोएक

चयालीस

उनतयालीस

अड़तीस

सतीस

छतीस

पतीस

चौतीस

ततीस

बतीस

इकतीस

पचयास

उनचयास

अड़तयालीस

सतयालीस

टछयालीस

पतयालीस

चवयालीस

ततयालीस

बयालीस

इकतयालीस

सयाठउनसठअट ठयावनसतयावनछपपनपचपनचौवनटतरपनबयावनइकयावन

सतरउनहतरअड़सठसड़सठटछयासठपसठचौसठटतरसठबयासठइकसठ

अससीउनयासीअठहतरसतहतरटछहतरपचहतरचौहतरटतहतरबहतरइकहतर

नबबनवयासीअठयासीसतयासीटछयासीपचयासीचौरयासीटतरयासीबयासीइकयासी

सौ

टननयानव

अठयानव

सतयानव

टछयानव

पचयानव

चौरयानव

टतरयानव

बयानव

इकयानव

तीस

उनतीस

अट ठयाईस

सतयाईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

तईसबयाईस

इकीस

१8

19

माता-टपता सअपन बार म

सनो

टपछल वषण टकए अपन टवशष कायण

बताओ

बाल सभा म परटतटदन बोध कथा का वाचन करो

वषण भर क खल- समाचारो का सटचत सकलन परसतत करो

कटतउपकरम

न र स ल ड त विक

१ वरणमाला सनाअो और टवशष वरणो क उचारर पर धयान दो

२ टवद यालय क सनह सममलन का वरणन करो

३ पसदीदा टवषय पर टवजापन बनाकर उसको पढ़ो

4 फल-फलो क दस-दस नाम टलखो

5 अकषर समह म स लखलाटडयो क नाम बताओ और टलखो

धया

ि

री

शा

लखा

ि

का

ना

वस

सा

जा

वम

बा खा

ल िा न

वन वम सा जाथि या

पनरावतणन - १ फलो क नाम फलो क नाम

zwnj१ zwnj१zwnj२ zwnj२zwnj३ zwnj३zwnj4 4zwnj5 5zwnj६ zwnj६zwnj७ zwnj७zwnj8 8zwnj९ zwnj९१० १०

20

दखो समझो आर चचयाशा करो ः

q विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर उिको परशि पछि क वलए कह बड़ो की सहायता स उनह डाकघर म ाकर वटकट खरीदिता बक म बाल-बित खाता खलिाि और पररवित डावकए बक कमथििारी िसथि हिलदार स बातिीत करि की सििा द

१ उपोग हमयार

मनीआडशार

बचत खयातया

रटजसटटीटटकट

हम आपकी आवशकतया समझत ह

डयाकघर

कड़या दयान

बचत आपकी

पगटत दर की

सचनया

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

Xyumlgar BH$mBcopy

22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

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35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

nwZamdVcopyZ - 2

१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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Page 24: विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

19

माता-टपता सअपन बार म

सनो

टपछल वषण टकए अपन टवशष कायण

बताओ

बाल सभा म परटतटदन बोध कथा का वाचन करो

वषण भर क खल- समाचारो का सटचत सकलन परसतत करो

कटतउपकरम

न र स ल ड त विक

१ वरणमाला सनाअो और टवशष वरणो क उचारर पर धयान दो

२ टवद यालय क सनह सममलन का वरणन करो

३ पसदीदा टवषय पर टवजापन बनाकर उसको पढ़ो

4 फल-फलो क दस-दस नाम टलखो

5 अकषर समह म स लखलाटडयो क नाम बताओ और टलखो

धया

ि

री

शा

लखा

ि

का

ना

वस

सा

जा

वम

बा खा

ल िा न

वन वम सा जाथि या

पनरावतणन - १ फलो क नाम फलो क नाम

zwnj१ zwnj१zwnj२ zwnj२zwnj३ zwnj३zwnj4 4zwnj5 5zwnj६ zwnj६zwnj७ zwnj७zwnj8 8zwnj९ zwnj९१० १०

20

दखो समझो आर चचयाशा करो ः

q विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर उिको परशि पछि क वलए कह बड़ो की सहायता स उनह डाकघर म ाकर वटकट खरीदिता बक म बाल-बित खाता खलिाि और पररवित डावकए बक कमथििारी िसथि हिलदार स बातिीत करि की सििा द

१ उपोग हमयार

मनीआडशार

बचत खयातया

रटजसटटीटटकट

हम आपकी आवशकतया समझत ह

डयाकघर

कड़या दयान

बचत आपकी

पगटत दर की

सचनया

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

Xyumlgar BH$mBcopy

22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

nwZamdVcopyZ - 2

१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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20

दखो समझो आर चचयाशा करो ः

q विद यावथियो स वितो का विरीकषण कराकर उिको परशि पछि क वलए कह बड़ो की सहायता स उनह डाकघर म ाकर वटकट खरीदिता बक म बाल-बित खाता खलिाि और पररवित डावकए बक कमथििारी िसथि हिलदार स बातिीत करि की सििा द

१ उपोग हमयार

मनीआडशार

बचत खयातया

रटजसटटीटटकट

हम आपकी आवशकतया समझत ह

डयाकघर

कड़या दयान

बचत आपकी

पगटत दर की

सचनया

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

Xyumlgar BH$mBcopy

22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

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१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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Page 26: विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

21

q उपरोति सथानो की कायथि परचरिया सबधी जानकारी दकर ििाथि कर परतयकष जाकर चवद याचथथियो को वहॉ की सिना पढ़न क चलएकह उनस अपन गॉवशहर क महततवपरथि सथानो क दरधवचन रिमाको की सिी बनवाऍ आर सहायता लन की सिना द

बक

ATM

बचत खाता

कदरअर

पछताछ

मनजर

सचना

Xyumlgar BH$mBcopy

22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

nwZamdVcopyZ - 2

१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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Page 27: विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

22

सनो समझो और गाओ ः

q चवद याचथथियो का धयान लयातमकता की ओर आकचरथित करत हए कचवता ससवर कहलवाऍ उनस मखर वािन मौन वािनकरन क चलए कह चफर नए शबदो क अथथि पछ कचवता म आए जीवन मलयो पर गहन चवशलररातमक ििाथि कराऍ

दचत िखकर हाव-भाव की नकल करो

सवय अधययन

- शरीपरसाद२ एक दकरन

रशम जसी हसती-कखलतीनभ स आई एक चकरन आिल भरकर मीठी-मीठीखचशयॉ लाई एक चकरन

जनम 5 जनवरी १९३२ पारना अागरा (उपर) रचनाऍ कखड़की स सरज आ री कोयल गचड़या की शादी आचद पररचय आपन चवपल माता म बाल साचहतय का लखन चकया ह

परसतत कचवता म सरज उगन क बाद परकचत म आन वाल पररवतथिन का वरथिन चकया ह

पड़ी ओस की थी कछ बदचझलचमल-चझलचमल पततो पर उनम जाकर दीया जलाकरजयो मसकाई एक चकरन

लाल-लाल थाली-सा सरजउठकर आया परब म चफर सोन क तारो जसीनभ म छाई एक चकरन

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

nwZamdVcopyZ - 2

१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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Page 28: विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

23

भाषा की ओरशबद वाचिका

भारतीयzwnjसानीयzwnjसमयzwnjकzwnjअनसारzwnjदश-विदशzwnjकzwnjसमयzwnjकीzwnjतावलकाzwnjबनाओzwnj

नए शबदजगzwnj=zwnjससारzwnjविशिभाईzwnj=zwnjपसदzwnjआई

Iuml

Iuml Iuml

Iuml Iuml

कविताzwnjमzwnjअाएzwnjवकनहीzwnjपॉचzwnjशबदोzwnjकzwnjविरदzwnjधाथीzwnjशबदzwnjवलखोzwnj

खोजबीन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एकzwnjवकरनzwnjसzwnjबदलzwnjगयाzwnjजगवचवड़यॉzwnjगातीzwnjगीतzwnjचलीzwnjzwnjहिाzwnjचलीzwnjवहलzwnjउठzwnjपड़zwnjसबसबकोzwnjभाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

सरजzwnjअायाzwnjवदनzwnjमसकायाजागीzwnjदवनयाzwnjसबहzwnjहईzwnjzwnjनया-नयाzwnjमनzwnjताजाzwnjजीिनसबzwnjकछzwnjलाईzwnjएकzwnjवकरनzwnjzwnj

जरा सोिो ििाचा करो यवदzwnjसमयzwnjकाzwnjचकरzwnjरकzwnjजाएzwnjतोzwnj

24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

nwZamdVcopyZ - 2

१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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24

पचमयाकषर (ङ ञणनम) क अनसयार पतगरो म उटचत रबदरो की जोटड़ॉ टमलयाओ समझो हम

िबल इफाल अिभा िपारि

सकषप म उतर टलखो

घग

ट ठ

ड ढ

द ध

ि

कगिा सघवमता पख ककाल

ििल ाल पछी झझोड़िा

कठ डडा पढरी घटा

गधिथि अदर अवतम मि

स-कगिा

प फ

ब भ

ि छ

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

रवडयो पर एकागरता स भि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और गाओ

lsquoसाकषर भारत कायथिरिमrsquo क बार म ािकारी बताओ

महीि म एक बार कविता का शरतलखि करो

सदव धयान म रखोअपि पररिार म सदि सिह बिाए रख

समा सिी मवहला की ीििी पढ़कर पररणादायी अश ििा और बताओ

अधन कौरल

करत-करत अभयास क ड़मवत होत स ाि

टवचयार म न

१ वकरि कौि-सी खवशयॉ लकर आई २ वकरि कब मसकाई३ िभ म वकरि कसी छाई 4 सर क आि पर कया-कया होता ह

२4

25

पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

nwZamdVcopyZ - 2

१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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Page 30: विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

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पढ़ो समझो और टलखो ः

३सवततता

qशयामपटzwnjटzwnjपरzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjविशषणोzwnj(लालzwnjकमzwnjएकzwnjयzwnj)zwnjकीzwnjसिीzwnjबनाएzwnjऔरzwnjउनहzwnjभदोzwnjसवहतzwnjसमझाऍzwnjzwnjइनzwnjशबदोzwnjकाzwnjिाकयzwnjमzwnjपरयोगzwnjकराऍzwnjzwnjzwnjकहानीzwnjमzwnjआएzwnjनएzwnjशबदोzwnjकzwnjअथिzwnjबताकरzwnjउनसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjवलखिाऍzwnjzwnjzwnjविदzwnjयावथियोzwnjसzwnjअपनzwnjशबदोzwnjमzwnjकहानीzwnjकहलिाऍzwnjzwnjताzwnjकहानीzwnjसzwnjपरापतzwnjहोनzwnjिालीzwnjसीखzwnjबतानzwnjकzwnjवलएzwnjकहzwnjzwnj

इसzwnjकहानीzwnjमzwnjयहzwnjबतायाzwnjगयाzwnjहzwnjवकzwnjसिततताzwnjअनमोलzwnjहोतीzwnjहzwnjzwnj

जनिरीzwnjमाहzwnjकीzwnjठडzwnjभरीzwnjएकzwnjसबहzwnjzwnjघनzwnjजगलzwnjकzwnjबीिzwnjखिzwnjबढ़zwnjबरगदzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjएकzwnjबढ़ाzwnjतोताzwnjगनगनातीzwnjधपzwnjसकzwnjरहाzwnjाzwnjzwnjसारzwnjछोटzwnjबचzwnjआस-पासzwnjहीzwnjखलzwnjरहzwnj zwnj zwnjआसमानzwnjमzwnjउितzwnjहएzwnjगसzwnjकzwnjलालzwnjपीलzwnjगबबारोzwnjकोzwnjदखzwnjएकzwnjहलकीzwnjमसकानzwnjउसकzwnjिहरzwnjपरzwnjआzwnjगईzwnjzwnjपासzwnjमzwnjखलzwnjरहzwnjतोतzwnjकzwnjबचzwnjनzwnjइसकाzwnjकारणzwnjजाननाzwnjिाहाzwnjzwnj

बढ़ाzwnjतोताzwnjकहनzwnjलगाzwnjlsquolsquoबटzwnjबहतzwnjसालzwnjपहलzwnjकीzwnjबातzwnjहzwnjzwnjशामzwnjहोनzwnjकोzwnjीzwnjहमzwnjसभीzwnjसगी-साीzwnjअपनzwnjघरोzwnjकीzwnjओरzwnjलौटzwnjरहzwnjzwnjzwnjगसzwnjभरzwnjगबबारोzwnjकाzwnjगचछाzwnjहमारzwnjकरीबzwnjसzwnjगजरzwnjरहाzwnjाzwnjवकzwnjअिानकzwnjमरzwnjएकzwnjदोसतzwnjनzwnjशरारतzwnjकरतzwnjहएzwnjमझzwnjधकाzwnjवदयाzwnjऔरzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjसzwnjगबबारोzwnjकीzwnjडोररयोzwnjमzwnjउलझzwnjगयाzwnjzwnj

लाखzwnjकोवशशzwnjकरनzwnjकzwnjबादzwnjभीzwnjमzwnjअपन-आपzwnjकोzwnjछिाzwnjनzwnjपायाzwnjzwnjमzwnjहिाzwnjकzwnjझोकोzwnjकzwnjसाzwnjगबबारोzwnjसवहतzwnjदसरीzwnjवदशाzwnjमzwnjबहनzwnjलगाzwnjzwnjमरीzwnjिोिzwnjपरzwnjऔरzwnjपखzwnjअपन-अापकोzwnjछिानzwnjकीzwnjकोवशशzwnjमzwnjबरीzwnjतरहzwnjzwnjलहलहानzwnjहोzwnjगएzwnj zwnj zwnjधीर-धीरzwnjशामzwnjगहरानzwnjलगीzwnj

गबबारोzwnjकीzwnjहिाzwnjभीzwnjकमzwnjहोनzwnjलगीzwnjऔरzwnjअतzwnjमzwnjगबबारोzwnjकzwnjसाzwnjमzwnjशहरzwnjकीzwnjघनीzwnjबसतीzwnjकzwnjपीपलzwnjिकषzwnjकीzwnjफनगीzwnjपरzwnjजाzwnjवटकाzwnjzwnjमzwnjडोररयोzwnjमzwnjफसाzwnjअसहायzwnjहोzwnjिकाzwnj ाzwnjzwnjमरzwnjदोसतोzwnjनzwnjमराzwnjसाzwnjछोिzwnjवदयाzwnj

मोटzwnjनामकzwnjएकzwnjलिकाzwnjतीसरीzwnjमवजलzwnjपरzwnjरहताzwnjाzwnj zwnjजहॉzwnj सzwnj पीपलzwnjकzwnj पिzwnjऔरzwnjउसपरzwnjफसzwnj मझपरzwnj

२5

टवशषता हमारी टचत दखकर टवशषरयक शबद बताओ और उनका वाकयो म परयोग करो

दध१ली

१२३

उसकीzwnjनजरzwnjगईzwnjzwnjउसनzwnjघरzwnjमzwnjवपताzwnjसzwnjमझzwnjछिानzwnjकोzwnj

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

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पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

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सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

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१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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Page 31: विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

26

चवरामचिह न रचहत अनचछद म चवरामचिह न लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए रबिफनगी = डाल का चसरा घना = गहराकोचशश = परयतन महावरालहलहान होना = बरी तरह स जखमी होना

काबलीवाल न पछा चबचटया अब कौन-सी िचड़यॉ िाचहए मन अपनी गचड़या चदखाकर कहा मरी गचड़या क चलए अचछी सी िचड़यॉ द दो जस लाल नीली पीली

(यह अनचछद काबलीवाला कहानी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचार मथन

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका भाषा की ओर

कहा चपता न दखा बिाना आसान काम नही ह कयोचक वकष की फनगी पर आसानी स पहिा नही जा सकता था बहत सोि-चविार क बाद उनह एक उपाय सझा वह पड़ जहॉ खड़ा था उसक नीि िारदीवारी थी चजस पर कॉि लग थ एक ओर गद पानी का नाला बह रहा था ता दसरी ओर किर का बड़ा सा कड़ा-दान था मोट क पापा न लबी-सी रससी उस डाल पर फकी और नीि की ओर खीित हए कहा चक अब हम तमको बिा ही लग म टटी हई डाल क साथ कड़दान म आ चगरा मरी जान बि गई मोट क चपता जखमी हालत म मझ घर ल अाए मरहमपट टी की और चपजड़ म रख चदया

मझ बड़ा दख हअा मन न पानी पीया और न ही िोि म दाना चलया मोट न रात म चपता जी स १5 अगसत का महतव पछा चपता जी न कहा चक सवततता याचन आजादी अथाथित अपनी इचछानसार हर कायथि करन की सचवधा मोट न सवाल चकया चक कया यह आजादी सभी क चलए होती ह चपता न बताया चक यह हम

सबका अचधकार ह दसर चदन सबह मोट मर चपजड़ क पास आया और उसन कहा चक दखो चमत तम जलदी स ठीक हो जाओ तो म तमह शीघर ही आजाद कर दगा मझ मोट की बात समझ म आ गई थी कछ चदनो बाद पदरह अगसत की सबह मोट नए जत पहन हाथ म चतरगा लकर पाठशाला िला गया जात समय मोट न अपना वादा परा चकया rsquorsquo

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

nwZamdVcopyZ - 2

१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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Page 32: विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

27

खोजबीनविलपत होत हए परावणयो ता पवकषयो की ािकारी परापत करक सिी बिाओ

कहयानी कया सयारयार अपन रबदरो म टलखया

सव अधनदरदशथिि पर वदखाए ाि िाल वकसी अिोख ीि की ािकारी परापत करो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

विवभनन पश-पवकषयो की बोवलयो की िकल सिाओ

परमिद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका विरय बताओ

अपि सा घवटत कोई मदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बिाओ पररयोिाrsquo क बार म ािकारी परापत कर वलखो

सदव धयान म रखोपरावणयो का सरकषण करिा हमारा कतथिवय ह

जरया सोचो चचयाशा करो यवद पराणी िही होत तो

अधन कौरलविमिवलकखत शबदो का रोमि वलवप म वलपयतरण करो

धिर

हाी

कखड़की

ििला

कटहल

महल

स Mahal

बाररश

कसगीवलपयतरण

28

१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

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१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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१ विशिकापरथमविशिविदयालयकौन-साह२ अतरराषटरीय मवहला वदिस कब मनाया

जाताह३ विशिकासबसबड़ाजरीिकौन-साह4 वकसगरहकोlsquolsquoभोरकाताराrsquorsquoकहतह

4(अ) कया तम जयानत हो

(ब) पहलिॉ

5 भारत का राषटरीय मानक समय वकस शहर ममानाजाताह

६ भभागकी दषषस भारतका सबस बड़ाऔरसबसछोटाराजयकौन-साह

७ विशिमसबसऊचाईपरकौन-सरीसड़कह

q विदयावथथियोसउपरोकतजानकाररीपरचचाथिकरउनसऐसरीअनयजानकाररयोकासगरहकराऍआिशयकतानसारअनयविषयवशकषकोकीसहायतालउनहपरशनमचकाआयोजनकरनकवलएकह

q विदयावथथियोसपहवलयोकामखरऔरमौनिाचनकरिाऍउपरोकतपहवलयॉबझनएिउनकहलचौखटमवलखनकवलएकहककषामअनयपहवलयॉसनाऍऔरबझिाऍउनहअनयपहवलयाढढ़नकवलएपरररतकरतथाउनकासगरहकरिाऍ

जलमथलमरहता िषाथिॠतकागायककहोकौनटरथि-टरथिकरताइधर-उधरफदक-फदक

वमटटरीधपहिासभोजनिहपरवतवदनहरीलताहकहोकौनजोपराणिायसगछायाभरीहमकोदताह

अधथिचकरऔरसतरगरीनभमबादलकासगरीकहोकौनजोशातमनोहररगएकहवजसमनारगरी

समझो और बतयाओ ः

२8

29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

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१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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29

5 जोकर

दकनही पॉच महावररो कहावतरो क साकदतक दचत बनाओ जस-

3 उचित परचतसाद न चमलन पर जोकर मन मसोसकर रह गया

२ जोकर झठ-मठ का ठहाका लगाकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपनी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करन क चलए परररत चकया गया ह

5 एक बच को अपनी नकल करत दखकर जोकर िग रह गया

पढ़ो समझो आर दलखो

६ जोकर शोर मिान वाल बचो को आख दिखा रहा था

७ मौका चमलन पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अथाथित गगा गए गगािास जमना गए जमनािास

8 गाना तो आता नही और जाकर कहता ह गला खराब ह यह तो ऐसा ही हआ नाच न जान आगन िढ़ा

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर चवद याचथथियो स ििाथि कर इनक अथथि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उनस जोकर की वशभरा म अचभनय कराऍ जीवन म सवासथय की दकषट स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परसन रहन क चलए कह

१ जाकर अपनी जान पर खलकर कलाबाचजयॉ चदखाता ह

4 खल समापत होन पर कछ बचो द वारा जोकर को धनयवाद कहन पर वह फला नही समाया

घर की मगगी दाल बराबर नौ दो गयारह होना

अाऽऽऽऽ

अधययन कौरल

30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

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सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

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nwZamdVcopyZ - 2

१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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30

रबद वयाटटकया महयावराि पर खलिा = पराणो की परिाह ि करिाठहाका लगािा = ोर स हसिामि मसोसकर रह ािा = कछ ि कर पािाफला ि समािा = अतयवधक खश होिा दग रहिा = आशियथि िवकत होिाआख वदखािा= गससा होिा कहयावत गगा गए गगादास मिा गए मिादास = अिसरिादी िाि ि ाि आगि टढ़ा = अपिा दोर वछपाि क वलए औरो म कमी बतािा

हा१

4

मन समझया----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा टवचयार मन सदव धयान म रखो

हम सदि परसनन रहिा िावहए

जरया सोचो बतयाओयवद साइवकल तमस बोलि लगी तो

सव अधनlsquoअब पछताए होत कया ब विवड़या िग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीनविमिवलकखत शबद को लकर िार महािर वलखो

हम समझो मयागशा पर चलत हए तमन कछ यातयायात सकत दख हरोग इन सयाकटतक टचह नरो क कया अशा ह टलखो

31

पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

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qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

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१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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पढ़ो और समझो ः६ उततम दरका

- महातमा गाधरी

यरवडा मचदर 8-११-३२

कायशा हमारा दचत िखकर दरियायकत रबिरो स वाकय बनाओ

जनम २ अतिबर १8६९ पोरबदर गजरात मतय ३० जनवरी १९48 पररचय आप lsquoराषटटचपताrsquo की उपाचध स जान जात ह परसतत पत म यह बताया गया ह चक चशकषा का अथथि मात अकषर जान नही ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन भी ह

q पत म आए हए चरिया शबदो (चलखो चदया ह पाल सकोग था खाया कखलाया कखलवाया) को शयामपट ट पर चलखकर चवद याचथथियो स इसीपरकार क अनय शबद कहलवाऍ उनह चरिया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरर होन तक अभयास करवाऍ इस अनौपिाररक पत क चकसीएक पररचछद का उचित उचारर क साथ आदशथि वािन करक मखर वािन कराऍ नए शबदो का शरतलखन करवाए उनह पत लखन चवचधकी जानकारी द और उसक परकारो को समझाऍ उनह अनय अनौपिाररक पत पढ़न क चलए द और पत चलखन क चलए परररत कर

पयार मचरलालशभाशीर

मन जो पररवाररक बोझ तमहार चसर पर चदया ह उसका चनवथिहन करन म तम समथथि हो मझ ऐसा लगता ह चक तम पर आनद क साथ इस उठा रह हो मन कारागह म बहत कछ पढ़ा ह मरा ऐसा मानना ह चक चशकषा का अथथि मात अकषरजान नही ह चशकषा का अथथि ह िररत सवधथिन एव कतथिवय पालन तमह आजकल उततम चशकषा परापत हो रही ह मॉ की सवा हो या भाभी जी की अथवा रामदास एव दवदास का अचभभावक बनना इसस अचधक अचछी चशकषा कौन-सी हो सकती ह य कायथि तम अचछी तरह स करो तो आधी स भी अचधक चशकषा परी करन जसा ही ह

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पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

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सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

nwZamdVcopyZ - 2

१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

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हो

ि

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वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

  • Hindi Sugam Bharati std 6th OPEN SALE COVER
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Page 37: विंदी सुगमभारती अधययन वनषपततत ः छठी कक्षाcart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020021.pdf · श्ी प्रकाश

32

पढ़ाई का चनयोजन करत हए अपनी चदनियाथि चलखो अधययन कौरल

सिव धयान म रखोनवयवको की शकति दशचहत म लगनी िाचहए

रबि वादिकानए रबिचनवथिहन = चनवाथिह अचभभावक = पालक लापरवाही = असावधानी बलबत = सामथयथिमहावरापट पालना = भरर-पोरर करना

जरा सोचो दलखोयचद भोजन स नमक गायब हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बट को अपनी चजममदारी का एहसास होना िाचहए परतयक बच को सतय अचहसा तथा सयम इन गरो को अपन आिरर म लाना िाचहए एसा करत समय उस आनद की अनभचत होनी िाचहए जब म तमस भी उमर म छोटा था तब मझ अपन चपता जी की सवा-शशररा करत समय बहत आनद आता था भौचतक सख-सचवधाओ की अपकषा तम अगर इन तीन गरा को अपन आिरर म लाओग तो मरी दकषट स तमहारी चशकषा परी हई ह इन चतगरो क बलबत तम दचनया म कही भी अपना पट पाल सकोग

जो चशकषा परापत करनी ह वह दसरो क काम आए अपनी चशकषा म गचरत और ससकत की ओर अचधक धयान दो तमह ससकत की बहत आवशयकता ह आग िलकर इन दो चवरयो की पढ़ाई करना कचठन हो जाता ह सगीत क परचत लापरवाही मत बरतो चहदी भारा क गीतो को एक कापी म सदर-सडौल अकषरो म चलखो यह सगह वरथि क अत म बहत लाभदायी मलयवान होगा

बाप क आशीवाथिद

33

सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

खोजबीनखादी का कपड़ा कस बिाया ाता ह इसकी ािकारी परापत करक वलखो

१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

नीच टदए गए नोबल परसकयार पयापत टवभटतरो क टचत टचपकयाओ उनह ह परसकयार टकसटलए पयापत हआ ह बतयाओ

१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

5 सबरह मणम चदररखर ६ अमशाकमयार सन ७ वकटरमन रयामकषणन 8 कलयास सयाथी

34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

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नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

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36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

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गरडर

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घबराना

ई आहट इक

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उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

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१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

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अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

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दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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सव अधनडाक वटकटो का सकलि करक परदशथििी का आयोि करो

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१ मवणलाल क वसर पर कौि-सा बोझ ा ३ परतयक बच को वकि-वकि गणो को आिरण म लािा िावहए २ बाप कारागतह म कया पढ़ रह 4 मवणलाल को वकस विरय क गीतो को कॉपी म वलखि क वलए कहा गया ह

एक वयाक म उतर टलखो

सनो तो जरया

वयाचन जगत स

बतयाओ तो सही

मरी कलम स

दरदशथिि और रवडयो क कायथिरिम सिो और सिाओ

साि गरी द िारा वलखा कोई एक पत पढ़ो और ििाथि करो

सतवलत आहार पर पॉि िाकय बोलो

अपि वमत को शभकामिाबधाई पत वलखो

सिस शरीर सिस मि यागासि ह उततम साधि

टवचयार म न

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१ गरदव रवीदरनया टगोर २ सर चदररखर वकटरमन ३ डॉ हरगोटबद खरयानया 4 मदर टरसया

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34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

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नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

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36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

nwZamdVcopyZ - 2

१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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34

q कचवता म आए काल (करना ह बढ़ानी होगी) समझाऍ काल क भदो सचहत अनय वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरर करवाऍ चवद याचथथियो स कचवता को हाव-भाव क साथ सामचहक गवाऍ भावाथथि समझाकर अथथि पछ उनम दशपरम की भावना जगाऍ

पढ़ो समझो आर गाओ ः

- गौकरन वमामा ७ करना ह दनमाशाण

रचनाऍ उठो साचथयो कदम चमलाकर करन दर अधरा पररचय एक सफल रिाती गीत क चनमाथिता क रप म परचसद ध परसतत कचवता म भारत की मचहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

दचत क अाधार पर काल सबधी वाकय बनाओ और समझो

कल आज कल

करना ह चनमाथिर हम नव भारत का चनमाथिरहम हमार दश की जग म बढ़ानी होगी शान

करना ह चनमाथिर

यही हमारी सब धरती हो खतो म हररयालीफल-फलो स झम रही हो बन-बन डाली-डालीनदी-नहर-सरवर-बरखा क जल स बरस धान

करना ह चनमाथिर

३4

35

नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

ता वान आवना

गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

38

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१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

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पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

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सक

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यथि

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वभ र

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मम

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ए पी

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लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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नए रबिनव = नयासरवर = तालाबचहमचगरर = चहमालयरतनाकर = समदरअतल = अथाह बहत गहरानीर = पानीमनहर = मनोहर

जरा सोचो बताओयचद चहमालय की बफफ चपघलनी बद हो जाए तो

मन समझा----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रबि वादिका

चहमचगरर क ऊि चशखरो प फल िढ़ान जाऍरतनाकर क अतल नीयत चनत खोज क रतनो पाऍ गाऍ बन कजो की मनहर सदरता क गान

करना ह चनमाथिर

कोई न भद रह आपस म हम सब भाई-भाई भारत की सब सतानो म सची परम भलाईसतय-अचहसा क परर स पतथर म परकट परार

करना ह चनमाथिर

३5

िख (wwwparamvirchakracom)

खोजबीनlsquoपरमवीर िरिrsquo परसकार परापत सचनको की सिी बनाओ

36

इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

परथा

अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

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गरडर

चदन

घबराना

ई आहट इक

सदर

उपयोग

37

qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

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१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

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पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

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यथि

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ला

मम

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ए पी

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िा

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दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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इस कदवता क आधार पर भारत की दवदवधता एव दवरषताऍ सात-आठ वाकयरो म दलखो

नीच दिए गए राषटीय पतीकरो क दचत िखो और उनक नाम दलखो

सनो तो जरा

वाचन जगत स

बताओ तो सही

मरी कलम स

दशभकति पर आधाररत कचवता सनो और सनाओ

वजाचनक की जीवनी पढ़ो और उसक आचवषकार चलखो

अपन पररवश म शाचत चकस परकार सथाचपत की जा सकती ह

रिमानसार भारत क राषटटपचत परधानमती क नाम चलखो

सिव धयान म रखोऐचतहाचसक इमारतो का सरकषर करना हमारा कतथिवय ह सवततता मरा जनम चसद ध अचधकार ह

दवचार मथन

सवय अधययन

भाषा की ओरचनमनचलकखत शबदो म उपसगथि और परतयय लगाकर चलखो

डर

सवागत

पर

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अप चन स

शकन

वयावहाररक

अ क भर

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सदर

उपयोग

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qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

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१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

करोग बतयाओ

सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

पढ़ो

पढ़ी हई सयामगी की टवशलषणयामक पसतटत करो

कटतउपकरम

मी

िी

िा

सक

भा

ि

रा

हो

ि

यथि

भा

वभ र

ला

मम

ला

स ल

भा िा

ए पी

की

िा

लप

३8

दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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qविद यावथियो स ऊपर वदए गए वितो का रिमािसार विरीकषण कराऍ वित म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उनह सोिि क वलए कह उनह अनय वितो एि घटिाओ क आधार पर कहािी वलखि क वलए परररत कर और उवित शीरथिक दि क वलए कह

सव अधन-२ टचतवयाचन करक अपन रबदरो म कहयानी टलखो और उटचत रीषशाक बतयाओ

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१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

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कटतउपकरम

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दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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१ रयाक (पतरोवयाली) और सतबजरो क पयाच-पयाच नयाम सनो और सनयाओ २ एक महीन की टदनदटरशाकया बनयाओ और टवरष टदन बतयाओ

३ १ स १०० तक की सखयाओ कया मखर वयाचन करो

4 अपनया पररच दत हए पररवयार क बयार म दस वयाक टलखो

5 अकषर समह म स वजयाटनकरो क उटचत नयाम बतयाओ और टलखया

अपन बयार म भयाईबहनस सनो

इस वषशा तम कौन-सया टवरष कयाशा

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सपतयाह म एक टदन कहयाटनॉ

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कटतउपकरम

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दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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दो शबद

यि पाठ यपसिक हद याहथवायो क पवा जान को दखष म रिि हए भाषा क नीन ए वयािाररक परयोगो िथा हहि मनोरजक हषयो क साथ आपक सममि परसिि ि पाठ यपसिक को सिरीय (गरडड) िनान िि दो भागो म हभाहजि करि हए उसका lsquoसरल स कहठन की ओरrsquo करम रिा गया ि यिा हद याहथवायो क प वा अनभ घर-पररार पररसर को आिार िनाकर शर भाषर-सभाषर ाचन लिन क भाषाई मल कौशलो क साथ भाषा अधययन और अधययन कौशल पर हशष िल हदया गया ि इसम सय अधययन ए चचावा को परररि करन ाली रजक आकषवाक सिज और सरल भाषा का परयोग हकया गया ि

पाठ यपसिक म आए शबदो और ाकयो की रचना हिदी की वयािाररकिा को धयान म रिकर की गई ि इसम करहमक ए शरीिदध कौशलाहिखठिि अधययन सामगरी अधयापन सकि अभयास और उपकरम भी हदए गए ि हद याहथवायो क हलए लयातमक कहिा िालगीि किानी स ाद पत आहद हषयो का समाश ि सय की अहभवयखति कलपनाशीलिा क साथ-साथ हधयपरवा साधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoिोजिीनrsquo lsquoमन समझाrsquo lsquoअधययन कौशलrsquo आहद कायावातमक कहियॉ भी दी गई ि सजनशील गहिहहियो को िढ़ाा दन ाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoाचन जगि सrsquo lsquoििाओ िो सिीrsquo lsquoसनो िो जराrsquo lsquoसय अधययनrsquo िथा lsquoहचार मथनrsquo आहद का समाश हकया गया ि इन कहियो म एक दखषकोर रिन का परयास हकया ि हजस समझकर हद याहथवायो िक पिचाना और उनस कराना ि

नशककचो एव अनभभषावकचो स यह अपकषा ह नक अधययि-अिभव दि स पहल पषाठ यपसतक म नदए गए अधयषापि सकत एव नदशषा निददशचो को अचछी तरह समझ ल सभी कहियो का हद याहथवायो स अभयास कराऍ साधयाय म हदए गए हनददशो क अनसार पाठ यसामगरी उपलबि कराि हए उहचि मागवादशवान कर िथा आशयक गहिहहिया सय कराऍ वयाकरर (भाषा अधययन) को समझन िि lsquoभाषा की ओरrsquoक अिगवाि हचतो िथा भाषाई िलो को हदया गया ि िाहक पनरािवान और नए वयाकरर का जान िो पारपररक पद िहि स वयाकरर पढ़ाना अपहषिि निी ि

आशयकिानसार पाठ यिर कहियो िलो सदभभो परसगो का समाश कर हशषिक ए अहभभाक पाठ यपसिक क माधयम स जीन मलयो जीन कौशलो मलभि ितो क हकास का असर हद याहथवायो को परदान कर पाठ यसामगरी का मलयाकन हनरिर िोन ाली परहकरया ि इसस हद याथणी परीषिा क िना स मति रिग पाठ यपसिक म अिहनवाहिि सभी षिमिाओ-शर भाषर-सभाषर ाचन लिन भाषा अधययन (वयाकरर) और अधययन कौशल का सिि मलयाकन अपहषिि ि

हशास ि हक आप सि अधययन-अधयापन म पाठ यपसिक का उपयोग कशलिापवाक करग और हिदी हषय क परहि हद याहथवायो म अहभरहच और आतमीयिा की भाना जागि करि हए उनक साागीर हकास म सियोग दग

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