33
181 GI/2021 (1) रजजरी सं. डी.एल.- 33004/99 REGD. No. D. L.-33004/99 xxxGIDHxxx xxxGIDExxx ऄसाधारण EXTRAORDINARY भाग IIखड 3ईप-खड (ii) PART II—Section 3—Sub-section (ii) ाजधकार से काजित PUBLISHED BY AUTHORITY पयाावरण, वन और जलवायु पᳯरवतान मंालय ऄजधसूचना नइ ᳰदली, 12 जनवरी, 2021 का.अ. 123().—मंालय ाऱप ऄजधसूचना का.अ. 609(ऄ.), ᳰदनांक 24 , 2016, के ऄजधमण म, ऄजधसूचना का जनजलजखत ाऱप, जसे के रीय सरकार, पयाावरण (संरण) ऄजधजनयम, 1986 (1986 का 29) कᳱ धारा 3 कᳱ ईपधारा (2) के खंड (v) और खंड (xiv) तथा ईपधारा (3) के साथ पᳯित ईपधारा (1) ारा िजिय का योग करते , जारी करने का ताव करती है को पयाावरण (संरण) जनयमावली, 1986 के जनयम 5 के ईपजनयम (3) कᳱ ऄपेानुसार, जनसाधारण कᳱ जानकारी के जलए काजित ᳰकया जाता है जनके ईससे भाजवत होने कᳱ संभावना है, और यह सूजचत ᳰकया जाता है ᳰक ईि ाऱप ऄजधसूचना पर, ईस तारीख से , जसको आस ऄजधसूचना को ऄंतᳶवट करने वाले भारत के राजप कᳱ जतयां जनसाधारण को ईपलध करा दी जाती , साि ᳰदन कᳱ ऄवजध कᳱ समाजि पर या ईसके पचात् जवचार ᳰकया जाएगा; ऐसा कोइ जि, जो ाऱप ऄजधसूचना ऄंतᳶव ताव के संबंध कोइ अपज या सुझाव देने का आछुक है , वह जवजनद ऄवजध के भीतर, के रीय सरकार ारा जवचार ᳰकए जाने के जलए ऄपनी अपज या सुझाव सजचव, पयाावरण, वन और जलवायु पᳯरवतान मंालय, आंᳰदरा पयाावरण भवन, जोर बाग रोड, ऄलीगंज, नइ ᳰदली-110003 को जलजखत ऱप या -मेल [email protected] पर भेज सकता है। ाऱप ऄजधसूचना क 29.94 ग क क औ कग क कग ग प 103 क औ ग 15 क क ; सं . 103] नइ ᳰदली, बुधवार, जनवरी 13, 2021/ पौष 23, 1942 No. 103] NEW DELHI, WEDNESDAY, JANUARY 13, 2021/PAUSHA 23, 1942 सी.जी.-डी.एल.-अ.-14012021-224378 CG-DL-E-14012021-224378

IImoef.gov.in/wp-content/uploads/2021/01/shikari-devi.pdf · 2021. 1. 18. · 2 the gazette of india : extraordinary [part ii—sec. 3(ii)] औ , क क .ए ए ई- -ए (6)-11/2005-ii

  • Upload
    others

  • View
    0

  • Download
    0

Embed Size (px)

Citation preview

  • 181 GI/2021 (1)

    रजजस्ट्री स.ं डी.एल.- 33004/99 REGD. No. D. L.-33004/99

    xxxGIDHxxx xxxGIDExxx

    ऄसाधारण

    EXTRAORDINARY

    भाग II—खण् ड 3—ईप-खण् ड (ii)

    PART II—Section 3—Sub-section (ii)

    प्राजधकार स ेप्रकाजित

    PUBLISHED BY AUTHORITY

    पयाावरण, वन और जलवाय ुपररवतान मतं्रालय

    ऄजधसचूना

    नइ ददल्ली, 12 जनवरी, 2021

    का.अ. 123(ऄ).—मंत्रालय क प्रारूप ऄजधसूचना का.अ. 609(ऄ.), ददनांक 24 , 2016, के ऄजधक्रमण

    में, ऄजधसूचना का जनम्नजलजखत प्रारूप, जजसे केन्द्रीय सरकार, पयाावरण (संरक्षण) ऄजधजनयम, 1986 (1986 का 29) की

    धारा 3 की ईपधारा (2) के खंड (v) और खंड (xiv) तथा ईपधारा (3) के साथ परित ईपधारा (1) द्वारा प्रदत्त िजियों का

    प्रयोग करते हुए, जारी करन ेका प्रस्ट्ताव करती ह ैको पयाावरण (संरक्षण) जनयमावली, 1986 के जनयम 5 के ईपजनयम (3)

    की ऄपेक्षानुसार, जनसाधारण की जानकारी के जलए प्रकाजित दकया जाता ह ैजजनके ईससे प्रभाजवत होने की संभावना ह,ै

    और यह सूजचत दकया जाता ह ैदक ईि प्रारूप ऄजधसूचना पर, ईस तारीख से, जजसको आस ऄजधसूचना को ऄंतर्ववष् ट करन े

    वाले भारत के राजपत्र की प्रजतयां जनसाधारण को ईपलब्ध करा दी जाती हैं, साि ददन की ऄवजध की समाजि पर या ईसके

    पश् चात ्जवचार दकया जाएगा;

    ऐसा कोइ व्यजि, जो प्रारूप ऄजधसूचना में ऄंतर्ववष्ट प्रस्ट्तावों के संबंध में कोइ अपजत्त या सुझाव देन ेका आच्छुक ह,ै

    वह जवजनर्ददष्ट ऄवजध के भीतर, केन्द्रीय सरकार द्वारा जवचार दकए जाने के जलए ऄपनी अपजत्त या सुझाव सजचव, पयाावरण,

    वन और जलवायु पररवतान मंत्रालय, आंददरा पयाावरण भवन, जोर बाग रोड, ऄलीगंज, नइ ददल्ली-110003 को जलजखत

    रूप में या इ-मेल [email protected] पर भेज सकता ह।ै

    प्रारूप ऄजधसचूना

    क 29.94 ग क क औ

    क ग क क ग ग प 103 क औ ग 15 क

    क ;

    स.ं 103] नइ ददल्ली, बुधवार, जनवरी 13, 2021/ पौष 23, 1942

    No. 103] NEW DELHI, WEDNESDAY, JANUARY 13, 2021/PAUSHA 23, 1942

    सी.जी.-डी.एल.-अ.-14012021-224378CG-DL-E-14012021-224378

  • 2 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    औ , क क .ए ए ई- -ए (6)-11/2005-II/ क क 7

    , 2013 क ग इ क प औ क क

    औ प क , , प , - क औ क औ /

    क प ;

    औ , क ऊप प इ , , प क , ख

    ओक , ओक क औ प मुख्य वनस्ट्पजत में (क

    ), ( इ प ), स्ट्प्रूस ( पक ), क ( प ), ( क लुकोररचोफोरा),

    ख ( क क प ), प्रूनस (प्रूनस प ), क ( क पक ), जुगलांस (जुगलांस ग ), (

    ), ( ), क (क ऑस्ट्रजलस), ( उ ),

    ( ), एस्ट्कुलूस (एस्ट्कुलूस इ क ) प ए ;

    औ , तेंदअु (पेन्द्थरेा प्रड्यूस), मुंजक (मुजन्द्टएक्स मुन्द्तजक), काला भाल ू

    (सेलेनारक्टस जथबेटेनस), ग (नेमोराएडस गोरल), ( इ प ), , ,

    , जहमालयन येलो थ्रोटेड माटेन (माटेस फ्लाजवगुला), जहमालयन प (पगोमा लारवाटा), फ्लाआंग ग

    (पेटोररस्ट्टा पेटोररस्ट्टा), (पररवेलुरुस बैंगालेंजसस), ( उ ), ( क क ),

    ग (प्रेजस्ट्बरटस एंटेलस), मॉजनटर जछपकली ( प ), प ई ;

    औ , क औ ( क

    इ प क) क उप जत क क प प क प प प प

    चकोर ( क क ), क क (प क क ), क ( उक ),

    (प प ), क , , किफोड़वा ह;ै

    औ , क औ इ क प क औ प क क

    क प ( क प .), ग ग ( ओ क ई ), ग ( इ क ),

    क ( ओ प ), -प (ओ ) ;

    औ , क औ इ क प क कई औ क ए

    क क क औ क ऊप क क क औ ख क

    क क ख ;

    और, क के चारों ओर के के्षत्र को, जजसका जवस्ट्तार और सीमाएं आस ऄजधसूचना के

    पैराग्राफ 1 में जवजनर्ददष्ट हैं, पाररजस्ट्थजतकी, पयाावरणीय और जैव-जवजवधता की दजृष्ट से पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन के रूप में

    सुरजक्षत और संरजक्षत करना तथा ईि पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में ईद्योगों या ईद्योगों की श्रेजणयों के प्रचालन तथा

    प्रसंस्ट्करण को प्रजतजषद्ध करना अवश्यक ह;ै

    ऄतः, ऄब, केन्द्रीय सरकार, पयाावरण (संरक्षण) जनयमावली, 1986 के जनयम 5 के ईपजनयम (3) के साथ परित

    पयाावरण (संरक्षण) ऄजधजनयम, 1986 (1986 का 29) (जजसे इ आसके पश्चात् पयाावरण ऄजधजनयम कहा

    गया ह)ै की ईपधारा (1)तथा धारा 3 की ईपधारा (2) क खंड (v) और खंड (xiv) एवं ईपधारा (3) के द्वारा प्रदत्त िजियों

    का प्रयोग करते हुए, राज्य क क की सीमा के चारों ओर 50

    2 क तक जवस्ट्ताररत के्षत्र को पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन (जजसे आसमें आसके पश् चात् पाररजस्ट्थजतकी संवेदी

    जोन कहा गया ह)ै के रूप में ऄजधसूजचत करती ह,ै जजसका जववरण जनम्नानुसार ह,ै ऄथाात ्:-

    1. पाररजस्ट्थजतकी संवदेी जोन का जवस्ट्तार और सीमा.- (1) पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन का जवस्ट्तार क

    क क ओ 50 2 क क 19.2045 ग क क

    क्षेत्रफल ग

    (2) क और इ क पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन की सीमा का क-I के रूप में

    ह।ै

    (3) सीमा जववरण और ऄक्षां और देिांत के साथ पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन क सीमां क करत ेहुए क

    क मानजचत्र क –IIक, क -IIख औ क -IIग के रूप में ग न ह।ै

  • [भाग II—खण् ड 3(ii)] भारत का राजपत्र : ऄसाधारण 3

    (4) क औ पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन क क - क क क -III क

    क औ ख में दी गइ ह ै

    (5) प - क क प क क ग क क -IV के

    रूप में ह।ै

    (6) प क क ए क क-V के रूप में ह।ै

    2. पाररजस्ट्थजतकी संवदेी जोन के जलए अचंजलक महायोजना.–(1) राज्य सरकार, द्वारा पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन के

    प्रयोजन के जलए, राजपत्र में ऄंजतम ऄजधसूचना के प्रकािन की तारीख से दो वषा की ऄवजध के भीतर, स्ट्थानीय व्यजियों के

    परामिा से और आस ऄजधसूचना में ददए गए ऄनुबंधों का पालन करते हुए, राज्य सरकार के सक्षम प्राजधकारी के

    ऄनुमोदनाथा एक अंचजलक महायोजना बनाइ जायेगी।

    (2) राज् य सरकार द्वारा पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन के जलए अचंजलक महायोजना आस ऄजधसूचना में जवजनर्ददष् ट रीजत से

    तथा प्रासंजगक कें रीय और राज् य जवजधयों के ऄनुरूप तथा कें रीय सरकार द्वारा जारी ददिा जनदिेों, यदद कोइ हों, के ऄनुसार

    बनायी जाएगी।

    (3) अंचजलक महायोजना में पाररजस्ट्थजतकी और पयाावरण संबंधी सरोकारों को िाजमल करने के जलए आसे राज् य सरकार के

    जनम्नजलजखत जवभागों के परामिा से बनाया जाएगा, ऄथाात:्-

    (i) पयाावरण;

    (ii) वन और वन्द्यजीव;

    (iii) कृजष;

    (iv) ;

    (v) िहरी जवकास;

    (vi) पयाटन;

    (vii) ग्रामीण जवकास;

    (viii) ससचाइ और बाढ़ जनयंत्रण;

    (ix) ग प क ;

    (x) पंचायती राज;

    (xi) राज्य प्रदषूण जनयंत्रण बोडा; औ

    (xii) लोक जन मााण जव भाग।

    (4) जब तक आस ऄजधसूचना में जवजनर्ददष्ट न हो, अंचजलक महायोजना में वतामान में ऄनमुोददत भू-ईपयोग, ऄवसंरचना

    और दक्रयाकलापों पर कोइ प्रजतबंध नहीं लगाया जाएगा तथा अचंजलक महायोजना में सभी ऄवसंरचनाओं और

    दक्रयाकलापों में सुधार करके ईन्द्ह ेऄजधक दक्ष और पाररजस्ट्थजतकी-ऄनुकूल बनान ेकी व्यवस्ट्था की जाएगी।

    (5) अंचजलक महायोजना में वनरजहत और ऄवक्रजमत क्षेत्रों के सुधार, जवद्यमान जल जनकायों के संरक्षण, जलग्रहण क्षेत्रों के

    प्रबंधन, जल-संभरों के प्रबंधन, भू-जल के प्रबंधन, मृदा और नमी के संरक्षण, स्ट्थानीय जनता की अवश्यकताओं तथा

    पाररजस्ट्थजतकी एवं पयाावरण के ऐसे ऄन्द्य पहलओुं की व्यवस्ट्था की जाएगी जजन पर ध्यान ददया जाना अवश्यक ह।ै

    (6) अंचजलक महायोजना में सभी जवद्यमान पूजा स्ट् थलों, ग्रामों एवं िहरी बजस्ट्तयों, वनों की श्रेजणयों एवं दकस् मों, कृजष

    क्षेत्रों, उपजाउ भूजम, ईद्यानों एवं ईद्यानों की तरह के हररत क्षेत्रों, बागवानी क्षेत्रों, बगीचों, झीलों और ऄन्द्य जल जनकायों

    की सीमा का सहायक मानजचत्र के साथ जनधाारण दकया जाएगा और औ प्रस्ट्ताजवत भू-ईपयोग की जविेषताओं का

    ब्यौरा भी ददया जाएंगा।

  • 4 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    (7) अंचजलक महायोजना में पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में होने वाले जवकास का जवजनयमन दकया जाएगा और सारणी में

    यथासूचीबद्ध पैराग्राफ 4 में प्रजतजषद्ध एवं जवजनयजमत दक्रयाकलापों का पालन दकया जाएगा। आसमें स्ट् थानीय जनता की

    अजीजवका की सुरक्षा के जलए पाररजस्ट्थजतकी-ऄनुकूल जवकास का भी सुजनश्चय एवं संवधान दकया जाएगा।

    (8) अंचजलक महायोजना, क्षेत्रीय जवकास योजना की सह-काजलक होगी ।

    (9) ऄनुमोददत अंचजलक महायोजना, जनगरानी सजमजत के जलए एक संदभा दस्ट्तावेज होगी तादक वह आस ऄजधसूचना के

    ईपबंधों के ऄनुसार जनगरानी के ऄपने कताव्यों का जनवाहन कर सके ।

    3. राज्य सरकार द्वारा दकए जान े वाल े ईपाय.- राज्य सरकार आस ऄजधसूचना के ईपबंधों को प्रभावी बनाने के जलए

    जनम्नजलजखत ईपाय करेगी, ऄथाात्:-

    (1) भ-ूईपयोग.– (क) पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में वनों, बागवानी क्षेत्रों, कृजष क्षेत्रों, मनोरंजन के जलए जचजन्द्हत

    ईद्यानों और खुले स्ट्थानों का वृहद वाजणजज्यक या अवासीय पररसरों या औद्योजगक दक्रयाकलापों के जलए प्रयोग या

    संपररवतान ऄनुमत नहीं दकया जाएगा:

    परंत ुपाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन के भीतर ऊप भाग (क), में जवजनर्ददष्ट प्रयोजन से जभन्न प्रयोजन के जलए कृजष और ऄन्द्य

    भूजम का संपररवतान, मानीटरी सजमजत की जसफाररि पर और क्षेत्रीय नगर योजना ऄजधजनयम तथा यथा लागू केन्द्रीय

    सरकार एवं राज्य सरकार के ऄन्द्य जनयमों एवं जवजनयमों के ऄधीन सक्षम प्राजधकारी के पूवा ऄनुमोदन से तथा आस

    ऄजधसूचना के ईपबंधों के ऄनसुार स्ट्थानीय जनवाजसयों की जनम्नजलजखत अवासीय जरूरतों को पूरा करने

    क क प के जलए ऄनुमत दकया जाएगा जैसे:-

    (i) जवद्यमान सड़कों को चौड़ा करना, ईन्द्हें सुद ृ करना और नइ सड़कों का जनमााण करना;

    (ii) बुजनयादी ढांचों और नागररक सुजवधाओं का संजनमााण और नवीकरण;

    (iii) प्रदषूण ईत्पन्न न करन ेवाले लघु ईद्योग;

    (iv) कुटीर ईद्योग एवं ग्राम ईद्योग; पाररजस्ट्थजतकी पयाटन में सहायक सुजवधा भण्डार औ स्ट्थानीय सुजवधाएं तथा ग ह

    वास; और

    (v) पैरा -4 में ईजल्लजखत बढ़ावा ददए गए दक्रयाकलापः

    परंत ुयह भी दक क्षेत्रीय िहरी जनयोजन ऄजधजनयम तथा राज्य सरकार के ऄन्द्य जनयमों एवं जवजनयमों के ऄधीन

    सक्षम प्राजधकारी के पूवा ऄनुमोदन के जबना एवं संजवधान के ऄनुच्छेद 244 के ईपबंधों तथा तत्समय प्रवृत्त जवजध, जजसके

    ऄंतगात ऄनुसूजचत जनजाजत और ऄन्द्य परंपरागत वन जनवासी (वन ऄजधकारों की मान्द्यता) ऄजधजनयम, 2006

    (2007 का 2) भी अता ह,ै का ऄनपुालन दकए जबना वाजणजज्यक या औद्योजगक जवकास दक्रयाकलापों के जलए जनजातीय

    भूजम का प्रयोग ऄनुमत नहीं होगा:

    परंत ु यह भी दक पाररजस्ट् थजतकी संवेदी जोन के ऄतंगात अने वाली भूजम के ऄजभलेखों में हुइ दकसी तु्ररट को,

    मानीटरी सजमजत के जवचार प्राि करन ेके पश्चात्, राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक मामल ेमें एक बार सुधारा जाएगा और ईि

    तु्ररट को सुधारन ेकी सूचना कें रीय सरकार के पयाावरण, वन और जलवायु पररवतान मंत्रालय को दी जाएगी:

    परंत ुयह भी दक ईपयुाि तु्ररट को सुधारन ेमें, आस ईप-पैरा में यथा ईपबंजधत के जसवाय, दकसी भी दिा में भू-

    ईपयोग का पररवतान िाजमल नहीं होगा

    (ख) ऄनुप्रय ु या ऄनुत् पादक कृजष क्षेत्रों में वनीकरण तथा पयाावासों की बहाली के क क प प : क क प्रयास

    दकए जाएंगे।

    (2) प्राकृजतक जल स्रोत.- सभी प्राकृजतक जलमागों के जलग्रहण क्षेत्रों की पहचान की जाएगी और अंचजलक महायोजना में

    ईनके संरक्षण और बहाली की योजना सज मजलत की जाएगी और राज् य सरकार द्वारा - इ कए

    ए ग दक ईसमें क्षेत्रों में उ क प जवकास दक्रयाकलापों को प्रजतजषद्ध और जनबंजधत दकया गया हो ।

    (3) पयाटन एव ंपाररजस्ट्थजतकी पयाटन.– (क) पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में सभी नए पाररजस्ट्थजतकी पयाटन दक्रयाकलाप या

    जवद्यमान पयाटन दक्रयाकलापों का जवस्ट्तार पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन पयाटन महायोजना के ऄनुसार ऄनुमत होगा।

  • [भाग II—खण् ड 3(ii)] भारत का राजपत्र : ऄसाधारण 5

    (ख) पाररजस्ट्थजतकी पयाटन महायोजना राज्य सरकार के पयाावरण और वन जवभाग के परामिा से पयाटन जवभाग द्वारा

    बनायी जाएगी।

    (ग) पयाटन महायोजना अंचजलक महायोजना का घटक होगी।

    (घ) पयाटन महायोजना पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन की वहन क्षमता के अधार पर तैयार की जायेगी

    (ङ) पाररजस्ट्थजतकी पयाटन संबंधी दक्रयाकलाप जन नानुसार जवजनयजमत दकए जाएंग,े ऄथाात:्-

    (i) की सीमा से एक दकलोमीटर के भीतर या पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन की सीमा तक, आनमें जो भी

    ऄजधक जनकट हो, दकसी होटल या ररजॉटा का नया सजन्नमााण ऄनुमत नहीं दकया जाएगाः

    परंत ुयह, पाररजस्ट्थजतकी पयाटन सुजवधाओं के जलए की सीमा से एक दकलोमीटर की दरूी से

    परे पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन की सीमा तक पूवा पररभाजषत और ऄभीजहत क्षेत्रों में पयाटन महायोजना के

    ऄनुसार, नए होटलों और ररजॉटा की स्ट्थापना ऄनुमत होगी;

    (ii) पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन के ऄन्द्दर सभी नए पयाटन दक्रयाकलापों या जवद्यमान पयाटन दक्रयाकलापों का

    जवस्ट्तार, केन्द्रीय सरकार के पयाावरण, वन और जलवायु पररवतान मंत्रालय द्वारा जारी ददिाजनदेिों तथा

    पाररजस्ट्थजतकी पयाटन, पाररजस्ट्थजतकी-जिक्षा और पाररजस्ट्थजतकी-जवकास पर बल देने वाल ेराष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण

    प्राजधकरण द्वारा जारी पाररजस्ट्थजतकी पयाटन संबंधी ददिाजनदेिों (समय-समय पर यथा संिोजधत) के ऄनुसार

    होगा;

    (iii) अंचजलक महायोजना का ऄनुमोदन होने तक, पयाटन के जवकास और जवद्यमान पयाटन दक्रयाकलापों के

    जवस्ट्तार को वास्ट्तजवक स्ट्थल-जवजिष्ट संवीक्षा तथा मानीटरी सजमजत की जसफाररि के अधार पर संबंजधत

    जवजनयामक प्राजधकरणों द्वारा ऄनुमत दकया जाएगा और पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में दकसी नए होटल/ ररजॉटा

    या वाजणजज्यक प्रजतष्ठान का संजन्नमााण ऄनुमत नहीं होगा ।

    (4) प्राकृजतक जवरासत.– पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन के ऄंतगात अने वाल ेबहुमूल्य प्राकृजतक जवरासत के सभी स्ट्थलों जैसे

    दक जीन पूल ररजवा के्षत्र, िैल संरचना, जल प्रपात, झरन,े दरे, ईपवन, गुफाए,ं स्ट्थल, वनपथ, रोहण मागा, ईत्प्रपात अदद

    की पहचान की जाएगी और ईनकी सुरक्षा एवं संरक्षण के जलए अंचजलक महायोजना के भाग के रूप में एक जवरासत

    संरक्षण योजना बनायी जाएगी।

    (5) मानव जनर्वमत जवरासत स्ट् थल.- पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में भवनों, संरचनाओं, कलाकृजत-क्षेत्रों तथा ऐजतहाजसक,

    स्ट्थापत्य संबधी, सौंदयाात्मक और सांस्ट्कृजतक महत्व के क्षेत्रों की पहचान की जाएगी और ईनके संरक्षण के जलए अंचजलक

    महायोजना के भाग के रूप में एक जवरासत संरक्षण योजना बनायी जाएगी।

    (6) ध् वजन प्रदषूण.- पयाावरण ऄजधजनयम के ऄधीन ध्वजन प्रदषूण (जवजनयमन और जनयतं्रण) जनयम, 2000 में जनयत

    ईपबंधों के ऄनुसार पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में ध्वजन प्रदषूण क क औ जनयंत्रण क एग ।

    (7) वाय ु प्रदषूण.- पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में, वाय ु प्रदषूण क जनवारण और जनयंत्रण, वाय ु (प्रदषूण जनवारण और

    जनयंत्रण) ऄजधजनयम, 1981 (1981 का 14) और ईसके ऄधीन बनाए गए जनयमों के ईपबंधों के ऄनुसार दकया जाएगा ।

    (8) बजहस्राव का .- पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में ईपचाररत बजहस्राव का जनस्ट्सरण, पयाावरण ऄजधजनयम और

    ईसके ऄधीन बनाए गए जनयमों के ऄधीन अने वाले पयाावरणीय प्रदषूण के जनस्ट्सरण के जलए साधारण मानकों या राज्य

    सरकार द्वारा जनयत मानकों, जो भी ऄजधक किोर हो, के ईपबंधों के ऄनुसार होगा।

    (9) िोस ऄपजिष्ट.- िोस ऄपजिष्ट का जनपटान एवं प्रबन्द्धन जनम्नानुसार दकया जाएगा:-

    (क) पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में िोस ऄपजिष्ट का जनपटान और प्रबंधन भारत सरकार के पयाावरण, वन और जलवाय ु

    पररवतान मंत्रालय की समय-समय पर यथा संिोजधत ऄजधसूचना सं. का.अ. 1357(ऄ), ददनांक 8 ऄप्रैल, 2016 के तहत

    प्रकाजित िोस ऄपजिष्ट प्रबंधन जनयम, 2016 के ईपबंधों के ऄनुसार दकया जाएगा। ऄकाबाजनक पदाथो का जनपटान

    पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन से बाहर जचजन्द्हत दकए गए स्ट्थानों पर पयाावरण-ऄनुकूल रीजत से दकया जाएगा;

    (ख) पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में मान्द्य प्रौद्योजगदकयों का प्रयोग करते हुए जवद्यमान जनयमों और जवजनयमों के ऄनुरूप

    ऄपजिष्ट का सुरजक्षत और पयाावरण ऄनुकूल प्रबंधन (इएसएम) ऄनुमत दकया जायेगा।

  • 6 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    (10) जैव जचदकत्सा प .- जैव जचदकत्सा ऄपजिष् ट का प्रबंधन जनम्नानुसार दकया जाएगा:-

    (क) पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में जैव जचदकत्सा ऄपजिष्ट का जनपटान भारत सरकार के पयाावरण, वन और जलवाय ु

    पररवतान मंत्रालय की समय–समय पर यथा संिोजधत ऄजधसूचना सं.सा.का.जन 343 (ऄ), तारीख 28 माचा, 2016 के तहत

    प्रकाजित जैव जचदकत्सा ऄपजिष्ट प्रबंधन जनयम, 2016 के ईपबंधों के ऄनुसार दकया जाएगा।

    (ख) पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में मान्द्य प्रौद्योजगदकयों का प्रयोग करते हुए जवद्यमान जनयमों और जवजनयमों के ऄनरुूप

    क ऄपजिष्ट का सुरजक्षत और पयाावरण ऄनुकूल प्रबंधन ऄनुमत दकया जायेगा।

    (11) प्लाजस्ट्टक ऄपजिष्ट का प्रबधंन.- पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में प्लाजस्ट्टक ऄपजिष्ट का प्रबंधन, भारत सरकार के

    पयाावरण, वन और जलवाय ु पररवतान मंत्रालय की समय-समय पर यथा संिोजधत ऄजधसूचना सं.सा.का.जन 340(ऄ),

    तारीख 18 माचा, 2016 के तहत प्रकाजित प्लाजस्ट्टक ऄपजिष्ट प्रबंधन जनयम, 2016 के ईपबंधों के ऄनुसार दकया जाएगा।

    (12) जनमााण और जवध्वसं ऄपजिष्ट का प्रबधंन.- पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में जनमााण और जवध्वंस ऄपजिष्ट का प्रबंधन,

    भारत सरकार के पयाावरण, वन और जलवाय ु पररवतान मंत्रालय की समय-समय पर यथा संिोजधत ऄजधसूचना

    सं.सा.का.जन 317(ऄ), तारीख 29 माचा, 2016 के तहत प्रकाजित संजनमााण और जवध्वंस ऄपजिष्ट प्रबंधन जनयम, 2016 के

    ईपबंधों के ऄनुसार दकया जाएगा।

    (13) इ–ऄपजिष्ट.- पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में इ–ऄपजिष्ट का प्रबंधन, भारत सरकार के पयाावरण, वन और जलवाय ु

    पररवतान मंत्रालय द्वारा प्रकाजित तथा समय-समय पर यथा संिोजधत इ–ऄपजिष्ट प्रबंधन जनयम, 2016 के ईपबंधों के

    ऄनुसार दकया जाएगा।

    (14) सड़क-यातायात.- सड़क-यातायात को पयाावास-ऄनुकूल तरीके से जवजनयजमत दकया जाएगा और आस संबंध में

    अंचजलक महायोजना में जविषे ईपबंध िाजमल दकए जाएंग।े अंचजलक महायोजना के तैयार होने और राज्य सरकार के

    सक्षम प्राजधकारी से ऄनुमोददत होने तक, मानीटरी सजमजत प्रासंजगक ऄजधजनयमों और ईनके तहत बनाए गए जनयमों एवं

    जवजनयमों के ऄनुसार सड़क-यातायात के ऄनुपालन की मानीटरी करेगी।

    (15) वाहन जजनत प्रदषूण.- वाहन जजनत प्रदषूण की रोकथाम और जनयंत्रण लागू जवजधयों के ऄनुसार दकया जाएगा।

    स्ट्वच्छतर ईंधन के ईपयोग के जलए प्रयास दकए जाएंगे ।

    (16) औद्योजगक इकाआया.ं- (क) सरकारी राजपत्र में आस ऄजधसूचना के प्रकािन की तारीख को या ईसके बाद

    पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में दकसी नए प्रदषूणकारी ईद्योग की स्ट्थापना क ऄनुमजत नहीं होगी।

    (ख) क , 2016 ग क उ ग क ग क क ,

    क क इ क , समय-समय पर संिोजधत दकया जाएगा; प क

    क क ग - क उ ग क क एग औ इ क , ग क उ ग क

    एग

    (17) पहाड़ी ढलानों का सरंक्षण.- पहाड़ी ढलानों का संरक्षण जनम्नानुसार दकया जाएगा:-

    (क) अंचजलक महायोजना में पहाड़ी ढलानों के ईन क्षेत्रों को दिााया जाएगा जजनमें दकसी भी संजनमााण की ऄनजु्ञा

    नहीं होगी;

    (ख) जजन ढलानों या जवद्यमान खड़ी पहाड़ी ढलानों में ऄत्यजधक भू-क्षरण होता ह ै ईनमें दकसी भी संजनमााण की

    ऄनुज्ञा नहीं होगी ।

    4. पाररजस्ट्थजतकी सवंदेी जोन में प्रजतजषद्ध या जवजनयजमत दकए जान ेवाल े दक्रयाकलापों की सचूी- पाररजस्ट्थजतकी संवेदी

    जोन में सभी दक्रयाकलाप, पयाावरण ऄजधजनयम औ ईसके ऄधीन बने जनयमों के ईपबंधों जजसमें तटीय जवजनयमन

    जोन, 2011 एवं पयाावरणीय प्रभाव अकलन ऄजधसूचना, 2006 िाजमल ह ैसजहत वन (संरक्षण) ऄजधजनयम, 1980

    (1980 का 69), भारतीय वन ऄजधजनयम, 1927 (1927 का 16), वन्द्यजीव (संरक्षण) ऄजधजनयम, 1972 (1972 का

    53), ऄन्द्य लाग ूजनयमों तथा ईनमें दकए गए संिोधनों के ऄनसुार िाजसत होंगे और नीचे दी गइ सारणी में जवजनर्ददष्ट

    रीजत से जवजनयजमत होंगे, ऄथाात्:-

  • [भाग II—खण् ड 3(ii)] भारत का राजपत्र : ऄसाधारण 7

    सारणी

    क्र. स.ं दक्रयाकलाप रटप्पणी

    क. प्रजतजषद्ध दक्रयाकलाप

    1. वाजणजज्यक खनन, पत्थर ईत्खनन

    और ऄपघषाण आकाआयां ।

    (क) पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन के ऄंतगात वास्ट्तजवक स्ट्थानीय

    जनवाजसयों की घरेलू अवश्यकताओं जजसमें मकानों के संजनमााण या

    मरमत के जलए धरती को खोदना सजमजलत ह,ै के जसवाय सभी प्रकार

    के नए और जवद्यमान खनन (लघु और वृहत खजनज), पत्थर ईत्खनन

    और ऄपघषाण आकाआयां तत्काल प्रभाव से प्रजतजषद्ध होंगी;

    (ख) खनन प्रचालन, 1995 क ररट याजचका (जसजवल) सं. 202

    टी.एन. गौडाबमान जथरुमूलपाद बनाम भारत संघ के मामल ेमें माननीय

    ईच्चतम न्द्यायालय क 4 ऄगस्ट्त, 2006 और 2012 क ररट

    याजचका (जसजवल) . 435 गोवा फाईंडेिन बनाम भारत संघ के

    मामले में तारीख 21 ऄप्रलै, 2014 के अदेि के ऄनुसरण में होगा ।

    2. प्रदषूण (जल, वाय,ु मृदा, ध्वजन,

    अदद) ईत्पन्न करन ेवाल ेईद्योगों की

    स्ट्थापना ।

    पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में कोइ नया ईद्योग लगाने और वतामान

    प्रदषूणकारी ईद्योगों का जवस्ट्तार करने की ऄन ुजत नहीं होगीः

    प क क ,

    2016 ग क उ ग क ग क क

    क क , समय-समय पर

    संिोजधत दकया जाएगा; प क क ग -

    क उ ग क क एग औ इ क

    ग - क क उ ग क एग

    3. जल जवदु्यत पररयोजनाओं की

    स्ट्थापना ।

    प्रजतजषद्ध।

    4. दकसी पररसंकटमय पदाथा का प्रयोग

    या ईत्पादन या प्रस्ट्संकरण ।

    प्रजतजषद्ध।

    5. प्राकृजतक जल जनकायों या भूजम के्षत्र

    में ऄनुपचाररत बजहस्रावों का

    जनस्ट्सरण ।

    प्रजतजषद्ध।

    6. नइ अरा जमलों की स्ट्थापना। पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन के भीतर नइ और जवद्यमान अरा जमलों का

    जवस्ट्तार ऄनुमत नहीं होगा ।

    7. ईंट भट्टों की स्ट्थापना करना। प्रजतजषद्ध।

    8. पोजलथीन बैगों का प्रयोग । प्रजतजषद्ध।

    9. जलावन लकड़ी का वाजणजज्यक

    ईपयोग ।

    प्रजतजषद्ध।

    ख. जवजनयजमत दक्रयाकलाप

    10. होटलों और ररसोटों की वाजणजज्यक

    स्ट्थापना ।

    पाररजस्ट्थजतकी पयाटन दक्रयाकलापों हतेु लघु ऄस्ट्थायी संरचनाओं के

    जनमााण के जसवाय, संरजक्षत क्षते्र की सीमा से एक दकलोमीटर के भीतर

    या पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन की सीमा तक, आनमें जो भी ऄजधक

    जनकट हो, नए वाजणजज्यक होटलों और की स्ट्थापना क ऄनुमजत

    नहीं होगी:

  • 8 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    परंतु, संरजक्षत के्षत्र की सीमा से एक दकलोमीटर बाहर या

    पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन की सीमा तक, आनमें जो भी ऄजधक जनकट

    हो, पयाटन महायोजना और लागू ददिाजनदेिों के ऄनुसार सभी नए

    पयाटन दक्रयाकलाप करने या जवद्यमान दक्रयाकलापों का जवस्ट्तार करन े

    की ऄनुज्ञा होगी ।

    11. संजनमााण दक्रयाकलाप । (क) संरजक्षत के्षत्र की सीमा से एक दकलोमीटर के भीतर या

    पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन के जवस्ट्तार तक जो भी जनकट हो, दकसी भी

    प्रकार का वाजणजज्यक संजनमााण ऄनुमत नहीं दकया जाएगा:

    परंतु स्ट् थानीय लोगों को पैरा 3 के ईप परैा (1) में सूचीबद्ध

    दक्रयाकलापों सजहत ईनके ईपयोग के जलए ईनकी भूजम में स्ट्थानीय

    की अवासीय अवश्यकताओं को पूरा करने जलए संजनमााण

    करने की भवन ईपजवजधयों के ऄनुसार दी जाएगी

    परन्द्त ु ऐसे लघ ु ईद्योगों जो प्रदषूण ईत् पन्द् न नहीं करते हैं, से संबंजधत

    संजनमााण दक्रयाकलाप जवजनयजमत दकए जाएंगे और लागू जनयमों और

    जवजनयमों, यदद कोइ हों, के ऄनुसार सक्षम प्राजधकारी की पूवा

    से ही न्द् यनूतम पर रखे जाएंग े।

    (ख) एक दकलोमीटर से अगे अंचजलक महायोजना की ऄनुसार

    जवजनयजमत होंगे ।

    12. गैर प्रदषूणकारी लघ ुईद्योग। फरवरी, 2016 में केन्द्रीय प्रदषूण जनयंत्रण बोडा द्वारा जारी ईद्योगों में

    वगीकरण के ऄनुसार समय-समय पर संिोजधत दकया जाएगा दक गैर-

    प्रदषूणकारी ईद्योग और ऄपररसंकट में, लघु और सेवा ईद्योग, कृजष,

    पुष्प कृजष, ईद्यान कृजष या पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन से देिी सामग्री से

    ईत्पादों को ईत्पन्न करन ेवाले कृजष अधाररत ईद्योग सक्षम प्राजधकारी

    द्वारा ऄनुमत होंगे।

    13. वृक्षों की कटाइ । (क) राज्य सरकार के सक्षम प्राजधकारी की पूवा के जबना वन

    भूजम या सरकारी या राजस्ट्व या जनजी भूजम पर वृक्षों की कटाइ नहीं

    होगी ।

    (ख) वृक्षों की कटाइ कें रीय या संबंजधत राज्य के ऄजधजनयम या ईसके

    ऄधीन बनाए गए जनयमों के ईपबंधों के ऄनुसार जवजनयजमत होगी ।

    14. वन ईत्पादों और गैर काष्ठ वन

    ईत्पादों का संग्रहण ।

    लाग ूजवजधयों के ऄधीन जवजनयजमत होगा ।

    15. जवदु्यत और संचार टॉवर लगान,े

    तार-जबछाने तथा ऄन्द्य बुजनयादी

    ढांचे की व्यवस्ट्था ।

    लागू जवजधयों के ऄधीन जवजनयजमत होगा (भूजमगत केबल जबछाने को

    बढ़ावा ददया जाएगा)।

    16. नागररक सुजवधाओं सजहत बुजनयादी

    ढांचा।

    लागू जवजधयों, जनय और जवजनयम और ईपलब्ध ददिाजनदेिों के

    ऄनुसार न्द्यूनीकरण ईपाय दकए जाएंगे।

    17. जवद्यमान सड़कों को चौड़ा करना,

    ईन्द्हें सुदढृ बनाना और नइ सड़कों

    का जनमााण।

    लागू जवजधयों, जनय और जवजनयम और ईपलब्ध ददिाजनदेिों के

    ऄनुसार न्द्यूनीकरण ईपाय दकए जाएंगे।

    18. पयाटन से संबंजधत ऄन्द्य दक्रयाकलाप

    जैसे दक पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन

    के्षत्र के उपर से गमा वायु के गुब्बारे,

    लाग ूजवजधयों के ऄधीन जवजनयजमत होगा ।

  • [भाग II—खण् ड 3(ii)] भारत का राजपत्र : ऄसाधारण 9

    हलेीकाप्टर, ड्रोन, माआक्रोलाआट्स

    ईड़ाना अदद।

    19. पहाड़ी ढ और नदी तटों का

    संरक्षण ।

    लाग ूजवजधयों के ऄधीन जवजनयजमत होगा ।

    20. राजत्र में वाहन यातायात का

    संचलन ।

    लाग ूजवजधयों के ऄधीन वाजणजज्यक प्रयोजन के जलए जवजनयजमत होगा ।

    21. स्ट्थानीय जनता द्वारा ऄपनायी जा

    रही वतामान कृजष और बागवानी

    पद्धजतयों के साथ डेयररयां, दगुध

    ईत्पादन, जल कृजष और मत्स्ट्य

    पालन।

    स्ट्थानीय जनता के प्रयोग के जलए लागू जवजधयों के ऄधीन ऄनमुत होंगे।

    22. प्राकृजतक जल जनकायों या भू के्षत्र में

    ईपचाररत ऄपजिष्ट जल/बजहस्रााव

    का जनस्ट्सरण ।

    जल जनकायों में ईपचाररत ऄपजिष्ट जल/बजहस्रााव के जनस्ट्सरण से बचा

    जाएगा औ ईपचाररत ऄपजिष्ट जल के पुनचाक्रण और पनु:ईपयोग के

    प्रयास दकए जाएंग े ऄन्द्यथा ईपचाररत ऄपजिष्ट जल/बजहस्रााव का

    जनस्ट्सरण लागू जवजधयों के ऄनसुार जवजनयजमत दकया जाएगा।

    23. सतही और भूजल का वाजणजज्यक

    जनष्कषाण ।

    लाग ूजवजधयों के ऄधीन जवजनयजमत होगा ।

    24. फमों, कारपोरेट औ कंपजनयों द्वारा

    बडे़ पैमान े पर वाजणजज्यक पिुधन

    संपदा और कुक्कुट फामों की

    स्ट्थापना ।

    स्ट्थानीय अवश्यकताओं को परूा करने के लागू जवजधयों के

    ऄधीन जवजनयजमत होंगे

    25. कृजष और ऄन्द्य ईपयोग के जलए खुल े

    कंुअ, बोर कंुअ, अदद ।

    औ सबद्ध प्राजधकारी द्वारा दक्रयाकलापों की सख्ती से

    ग क एग

    26. िोस ऄपजिष् ट का प्रबंधन। लाग ूजवजधयों के ऄधीन जवजनयजमत होगा ।

    27. जवदेिी प्रजाजतयों को लाना । लाग ूजवजधयों के ऄधीन जवजनयजमत होगा ।

    28. पाररजस्ट्थजतकी पयाटन। लाग ूजवजधयों के ऄधीन जवजनयजमत होगा ।

    29. वाजणजज्यक संकेत बोडा और होर्डडग

    का प्रयोग ।

    लाग ूजवजधयों के ऄधीन जवजनयजमत होगा ।

    ग. संवर्वधत दक्रयाकलाप

    30. वषाा जल संचय । सदक्रय रूप से बढ़ावा ददया जाएगा ।

    31. जैजवक खेती। सदक्रय रूप से बढ़ावा ददया जाएगा ।

    32. सभी गजतजवजधयों के जलए हररत

    प्रौद्योजगकी का ऄंगीकरण ।

    सदक्रय रूप से बढ़ावा ददया जाएगा ।

    33. ग्रामीण कारीगरी सजहत कुटीर

    ईद्योग।

    सदक्रय रूप से बढ़ावा ददया जाएगा ।

    34. नवीकरणीय उजाा और ईंधन का

    प्रयोग ।

    बायोगैस, सौर प्रकाि आत्यादद को सदक्रय बढ़ावा ददया जाएगा।

    35. कृजष वाजनकी । सदक्र य रूप से बढ़ावा ददया जाएगा ।

    36. बागान लगाना और जड़ी बूरटयों का

    रोपण ।

    सदक्रय रूप से बढ़ावा ददया जाएगा ।

  • 10 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    37. पाररजस्ट्थजतकी ऄनुकूल यातायात

    का प्रयोग ।

    सदक्रय रूप से बढ़ावा ददया जाएगा ।

    38. कौिल जवकास । सदक्रय रूप से बढ़ावा ददया जाएगा ।

    39. ऄवक्रजमत भूजम/वनों/पयाावासों की

    बहाली ।

    सदक्रय रूप से बढ़ावा ददया जाएगा ।

    40. पयाावरण के प्रजत जागरुकता। सदक्रय रूप से बढ़ावा ददया जाएगा ।

    5. पाररजस्ट्थजतकी-संवदेी जोन ऄजधसचूना की जनगरानी के जलए जनगरानी सजमजत.- पयाावरण (संरक्षण) ऄजधजनयम, 1986

    की धारा 3 की ईपधारा (3) क इ क उप क ग क ए क क ए एक

    ग सजमजत का गिन करेगी जो जनम्नजलजखत से जमलकर बनेगी, ऄथाात:्

    क्र.स.ं ग सजमजत का गिन पद

    (i) वन संरक्षक, मंडी ऄध् यक्ष;

    (ii) राज्य सरकार द्वारा नाजमत दकए जान ेवाल ेपयाावरण के के्षत्र में काम करने वाल े

    गैर-सरकारी संगिन का एक प्रजतजनजध

    सदस्ट्य;

    (iii) राज्य प्रदषूण जनयंत्रण बोडा के क्षेत्रीय कायाकारी ऄजभयंता सदस्ट्य;

    (iv) के्षत्र के वररष्ठ नगर जनयोजक सदस्ट्य;

    (v) पाररजस्ट्थजतकी और पयाावरण में एक जविेषज्ञ राज्य क द्वारा नाजमत दकया

    जाएगा

    सदस्ट्य;

    (vi) राज्य जैव जवजवधता बोडा के एक प्रजतजनजध को राज्य सरकार द्वारा नाजमत दकया

    एग

    सदस्ट्य;

    (vii) प्रभागीय वनाजधकारी (वन्द्यजीव), कुल्ल ू सदस्ट्य;

    (viii) प्रभागीय वनाजधकारी, क ग सदस्ट्य;

    (ix) प्रभागीय वनाजधकारी, सदस्ट्य- सजचव

    6.जनदेि जनबधंन:- (1) जनगरानी सजमजत आस ऄजधसूचना के ईपबंधों के ऄनुपालन की जनगरानी करेगी।

    (2) जनगरानी सजमजत का कायाकाल ग क क एग , प क क ग - क क

    - प क क एग

    (3) पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में भारत सरकार के तत् कालीन पयाावरण और वन मंत्रालय की ऄजधसूचना सं. का.अ.

    1533(ऄ), तारीख 14 जसतंबर, 2006 की ऄनुसूची में सजमजलत औ प क

    दक्रयाकलापों और आस ऄजधसूचना के परैा 4 के ऄधीन सारणी में यथा जवजनर्ददष्ट प्रजतजषद्ध गजतजवजधयों के जसवाय अन े

    वाले ऐसे दक्रयाकलापों की वास्ट्तजवक जवजनर्ददष्ट स्ट्थलीय दिाओं क प जनगरानी सजमजत द्वारा संवीक्षा की जाएगी

    और ईि ऄजधसूचना के ईपबंधों के ऄधीन पूवा पयाावरण ऄनापजत्त के जलए केन्द्रीय सरकार के पयाावरण, वन और

    जलवायु पररवतान मंत्रालय को जनर्ददष्ट की जाएगी।

    (4) आस ऄजधसूचना के पैरा 4 के ऄधीन सारणी में यथा जवजनर्ददष्ट प्रजतजषद्ध दक्रयाकलापों के जसवाय, भारत सरकार के

    तत् कालीन पयाावरण और वन मंत्रालय की ऄजधसूचना संख्या का.अ. 1533(ऄ), तारीख 14 जसतंबर, 2006 की ऄजधसूचना

    के ऄनुसूची के ऄधीन ऐसे दक्रयाकलापों, जजन्द्हें सजमजलत नहीं दकया गया ह,ै परंत ु पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में अत ेहैं,

    ऐसे दक्रयाकलापों की वास्ट्तजवक जवजनर्ददष्ट स्ट्थलीय दिाओं क प जनगरानी सजमजत द्वारा संवीक्षा की जाएगी और

    ईसे संबद्ध जवजनयामक प्राजधकरणों को जनर्ददष्ट दकया जाएगा ।

    (5) जनगरानी सजमजत का सदस्ट्य-सजचव या संबंजधत ईपायुि ऐसे व्यजि के जवरूद्ध, जो आस ऄजधसूचना के दकसी ईपबंध का

    ईल्लघंन करता ह,ै पयाावरण ऄजधजनयम की धारा 19 के ऄधीन पररवाद दायर करन ेके जलए सक्षम होगा।

  • [भाग II—खण् ड 3(ii)] भारत का राजपत्र : ऄसाधारण 11

    (6) जनगरानी सजमजत संबंजधत जवभागों के प्रजतजनजधयों या जविेषज्ञों, औद्योजगक संघों के प्रजतजनजधयों या संबंजधत पक्षों को,

    प्रत्येक मामले मे अवश्यकता के ऄनुसार, ऄपन ेजवचार-जवमिा में सहायता के जलए अमंजत्रत कर सकेगी ।

    (7) जनगरानी सजमजत प्रत्येक वषा 31 माचा की जस्ट्थजत के ऄनसुार ऄपनी वार्वषक कारावाइ ररपोटा राज्य के मखु्य वन्द्यजीव

    वाडान को, ऄनलुग्नक-VI में ददए गए प्रपत्र के ऄनुसार, ईस वषा की 30 जून तक प्रस्ट्तुत करेगी ।

    (8) केन्द्रीय सरकार का पयाावरण, वन और जलवाय ु पररवतान मंत्रालय जनगरानी सजमजत को ईसके कृत्यों के प्रभावी

    जनवाहन के जलए ऐसे जनदेि दे सकेगा जो वह ईजचत समझे ।

    7. ऄजतररक् त ईपाय.- आस ऄजधसूचना के ईपबंधों को प्रभावी बनाने के जलए कें रीय सरकार और राज् य सरकार, ऄजतररक् त

    ईपाय, यदद कोइ हों, जवजनर्ददष् ट कर सकेंगी ।

    8. ईच्चतम न्द्यायालय, अदेि अदद.- आस ऄजधसूचना के ईपबंध भारत के माननीय ईच्चतम न्द्यायालय या ईच्च न्द्यायालय या

    राष् रीय हररत ऄजधकरण द्वारा पाररत दकए गए या पाररत दकए जाने वाल ेअदेि, यदद कोइ हो, के ऄध्यधीन होंगे ।

    [फा. सं. 25/179/2015-इएसजेड- ई]

    डॉ. सतीि चन्द्र गढ़कोटी, वैज्ञाजनक ‘जी’

    क- I

    क क प क क क

    उ : - क क ग प ए क 450 क औ प क

    औ प ए क क क उ क ओ क औ इ क , ख , ,

    औ ख क क प क क प ख क प क ओ इ क प

    ए क उ क ओ औ प ए क क क प क ओ , इ क

    प क क क क ओ औ इ क क क क

    क उ क ओ , , क उ क ओ , इ क ए ओ ई 2441

    क क , क क क ओ औ इ क ए ओ ई 2968 क प

    क 2800 ख क प क ओ प क क उ ग प ए

    , , , , क क , क ग

    - क: 310 32’ 1.425” 770 9’ 20.421”

    प : - प ए ओ ई 2968 क 600 क औ प क औ

    इ क क क ए ओ ई 2228 क ए क क , क

    क क इ क प ए प क , , ,

    ग , ग क क ख क क ग ग क

    प क क प ग प ए क , , ग औ औ

    - क: 310 29’ 7.447” 770 12’ 29.653”

    : - क ग ग क 950 क औ प क औ ए

    ओ ई 3124 क क ओ क , ख प ए क प क ओ प क

  • 12 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    क ग ए , प ए , क प ए , प ए , , क ,

    क , प , , , औ ख

    - क: 310 26’ 40.802” 770 11’ 6.755”

    प : - ख प ए 900 क औ प क औ ए ओ ई 2938

    क ग ग क क औ उ ग

    प क क इ प ग उ क प ए , ए ,

    प ए ख ग , ग

    - क: 310 29’ 51.666” 770 06’ 44.176”

    क- IIक

    क औ क क क प क क

  • [भाग II—खण् ड 3(ii)] भारत का राजपत्र : ऄसाधारण 13

    क- IIख

    क औ क क क प क क

  • 14 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    क- IIग

    क क प क

    क-III

    क: क क क - क

    . .

    1. 770 5’ 37.189” प ू 310 30’ 34.728” ई

    2. 770 9’ 54.931” प ू 310 28’ 42.916” ई

    3. 770 10’ 24.412” पू 310 26’ 55.633” ई

    4. 770 11’ 56.09” प ू 310 27’52.001” ई

    5. 770 12’ 55.718” पू 310 28’ 33.236” ई

    6. 770 12’ 14.464” पू 310 30’ 2.11” ई

    7. 770 10’ 18.634” पू 310 30’ 4.231” ई

    8. 770 9’ 22.642” प ू 310 31’ 45.734” ई

  • [भाग II—खण् ड 3(ii)] भारत का राजपत्र : ऄसाधारण 15

    ख: प क क क - क

    ( - )

    उ 77007’24.624”

    77009’20.421”

    77011’31.071”

    31030’40.547”

    31032’01.425”

    31030’44.223”

    प ए , , , , क क , क ,

    77013’51.877”

    77012’06.124”

    77011’06.755”

    31027’10.206”

    31027’40.978”

    31026’40.802”

    ए , प ए , क प ए प

    ए , , क , क , प ,

    , , औ ख

    प 77012’37.898”

    77012’29.653”

    31029’49.664”

    31029’07.447”

    प ए क , , ग औ

    औ ए

    प 77008’38.397”

    77006’44.176”

    77005’10.55”

    31029’06.193”

    31029’51.666”

    31030’29.043”

    उ प ए , ए ,

    प ए ख , ग , ग

    क –IV

    - क क क क प क क ग क

    ग .

    क ग 1 310 27’ 35.1”ई 770 11’37.9”पू

    2 31°27'07.5"ई 77°11'08.5"प ू

    3 31°27'35"ई 77°11'37.9"पू

    4 310 27’ 52.7”ई 770 11’ 42.4”प ू

    1 ख उ 31029.925’ई 077007.368’प ू

    2 31030.253’ई 077006.583’प ू

    3 ग 31030.342’ई 07706.259’प ू

    4 क 31030.374’ई 077006.148’प ू

    5 उ प 31030.275’ई 077005.958’प ू

    6 31030.272’ई 077005.887’प ू

    7 उ प 31030.046’ई 077005.387’प ू

    8 31030.070’ई 077005.329’प ू

    9 31030.66.4’ई 077007.93.8’प ू

    10 31030.70.4’ई 077008.28’पू

    11 ग 31031.0.86’ई 077008.94.0’प ू

    12 31031.0.92’ई 077008.94.0’प ू

    13 31031.10.5’ई 077009.11.4’प ू

    14 ग 31031.11.4’ई 077009.0.13’प ू

    15 31031.27.5’ई 077008.9.19’प ू

    16 31031.41.4’ई 077009.11.5’प ू

  • 16 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    17 31031.29.1’ई 077009.28.7’प ू

    18 31031.16.9’ई 077009.35.2’प ू

    19 31031.76.2’ई 077009.18.5’प ू

    20 31031.55.2’ई 077009.3.01’प ू

    21 उ प प 31031.56.8’ई 077009.3.01’प ू

    22 प 31031.62.0’ई 077009.8.45’प ू

    23 31031.76.6’ई 077009.11.5’प ू

    24 31031.35.1’ई 077010.11.7’प ू

    25 उ प 31030.99.1’ई 077010.4.14’प ू

    26 31030.98.5’ई 077010.52.4’प ू

    27 उ प उ 31031.26.9’ई 077009.53.3’प ू

    28 उ 31031.15.7’ई 077009.66.5’प ू

    29 उ प ग 31030.68.1’ई 077009.86.4’प ू

    30 ग 31030.72.5’ई 077009.80.4’प ू

    31 ग 31030.20.4’ई 077011.14.9’प ू

    32 31030.35.8’ई 077011.16.6’प ू

    33 क 31029.38.3’ई 077012.56.6’प ू

    34 31029.41.2’ई 077012.42.7’प ू

    35 इ 31028.35.1’ई 077011.57.0’प ू

    36 31028.43.5’ई 077011.57.0’प ू

    37 31028.58.9’ई 077012.03.4’प ू

    38 घ 31028.17.4’ई 077013.58.3’प ू

    39 घ 31030.33.0’ई 077013.33.1’प ू

    क –V

    क क ओ प क क प क

    ग . . क क क प

    ( ग क )

    क ग 1 प ए डी-261 ग 0.135

    2 डी-206 ग 0.350

    3 डी-205 ओ क ग 0.195

    4 डी-204 क ग 0.565

    5 डी-203 प ग 0.0475

    6 डी- 198 ग 0.485

    7 डी-199 ग 0.0875

    8 डी-196 ग 1.762

  • [भाग II—खण् ड 3(ii)] भारत का राजपत्र : ऄसाधारण 17

    9 डी-112 ख ग 0.650

    10 डी-111 ग 2.926

    11 ए यू एफ-72 प 0.786

    12 यू एफ-134 ग 0.235

    क ग 8.2245

    1 प ए डी-315 ख सी1,2ए,2बी,सी3( ग) 0.25

    2 डी-311 ग सी1ए-

    1सी,सी2ए,2बी( ग) 0.9625

    3 डी-310 ग सी5(1,2,8ए8बी) ग 1.45

    4 डी-406 सी1ए,1बी,सी2ए,2बी

    ( ग) 0.095

    5 डी-309 सी3,सी4,सी5ए,5बी

    ( ग) 1.2675

    6 डी-127 सी2-सी8 ( ग) 1.5825

    7 डी-181 ग 0.225

    8 डी-255 क क सी5,सी6 ( ग) 1.30

    9 डी-240 क सी1 ( ग) 0.3550

    10 डी-167 ग उ ग 0.8325

    11 डी-165 क ओ ग 0.6175

    12 डी-163 ग 0.9375

    13 डी-161 ग ग 0.4825

    14 डी-160 ग 0.6225

    उप- ग 10.98

    क ग 19.2045

    क-VI

    की गइ कारावाइ सबन्द्धी ररपोटा का प्रपत्रः

    1. बैिकों की संख् या और तारीख ।

    2. बैिकों का कायावृत : (कृपया मुख् य ईल् लेखनीय सबदओुं का वणान करें । बैिक के कायावृत को एक पृथक

    क में प्रस्ट्तुत करें) ।

    3. पयाटन महायोजना सजहत अंचजलक महायोजना की तैयारी की जस्ट् थजत ।

    4. भू-ऄजभलेखों की स्ट्पष्ट तु्ररटयों के सुधार के जलए जनबटाए गए मामलों का सार(पाररजस्ट्थजतकी-संवेदी जोन

    वार) । जववरण क के रुप में संलग्न करें।

    5. पयाावरण प्रभाव क ऄजधसूचना, 2006 के ऄधीन अन ेवाली गजतजवजधयों से संबंजधत संवीक्षा दकए

    गए मामलों का सार।(जववरण एक पृथक क के रूप में संलग्न करें)।

    6. पयाावरण प्रभाव क ऄजधसूचना, 2006 के ऄधीन न अने वाली गजतजवजधयों से संबंजधत संवीक्षा दकए

    गए मामलों का सार । (जववरण एक पथृक क के रूप में संलग्न करें)।

    7. पयाावरण (संरक्षण) ऄजधजनयम, 1986 की धारा 19 के ऄधीन दजा की गइ जिकायतों का सार ।

    8. कोइ ऄन्द् य महत् वपूणा मामला ।

  • 18 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    MINISTRY OF ENVIRONMENT, FOREST AND CLIMATE CHANGE

    NOTIFICATION

    New Delhi, the 12th January, 2021

    S.O. 123(E).— In supersession of Ministry’s draft notification S.O.609(E), dated 24th February,

    2016, the following draft of the notification, which the Central Government proposes to issue in exercise of

    the powers conferred by sub-section (1), read with clause (v) and clause (xiv) of sub-section (2) and sub-

    section (3) of section 3 of the Environment (Protection) Act, 1986 (29 of 1986) is hereby published, as

    required under sub-rule (3) of rule 5 of the Environment (Protection) Rules, 1986, for the information of the

    public likely to be affected thereby; and notice is hereby given that the said draft notification shall be taken

    into consideration on or after the expiry of a period of sixty days from the date on which copies of the

    Gazette containing this notification are made available to the public;

    Any person interested in making any objections or suggestions on the proposals contained in the

    draft notification may forward the same in writing, for consideration of the Central Government within the

    period so specified to the Secretary, Ministry of Environment, Forest and Climate Change, Indira

    Paryavaran Bhawan, Jorbagh Road, Aliganj, New Delhi-110003, or send it to the e-mail address of the Ministry at [email protected]

    Draft Notification

    WHEREAS, the Shikari Devi Wildlife Sanctuary is spread over an area of 29.94 square kilometres

    and is situated at 103 kilometres from Shimla on Karsog side and 15 kilometers from Janjehli side with

    headquarter at Karsog in District Mandi in the State of Himachal Pradesh.

    AND WHEREAS, the Shikari Devi Wildlife Sanctuary was given the status of Wildlife Sanctuary

    with effect from the 7th June, 2013 vide notification No. FFE- B-F(6)-11/2005-II/ Shikari. The Wildlife

    Sanctuary provides home to a variety of endemic flora and fauna and also has several important values

    from ecological, faunal, floral, geomorphologic and recreational and research/educational perspective;

    AND WHEREAS, the Shikari Devi Wildlife Sanctuary consists of upper chir pine forest, moist

    deodar forest, western mixed coniferous forests, khrashu oak forest, ban oak forest. The major vegetation

    found in and around Shikari Devi Wildlife Sanctuary are deodar (Cedrus deodara), fir (Abies pindrow),

    spruce (Picea smithiana), kail (Pinus wallichiana), ban (Quercus leucotrichophora), Kharsu (Quercus

    semecarpifolia), prunus (Prunus spp), acer (Acer pictum), juglans (Juglans regia), buxus (Buxus

    wallichiana), rhododendron (Rhododendron arboretum), celtis (Celtis australis), betula (Betula utilis), alnus (Alnus nitida), aesculus (Aesculus indica);

    AND WHEREAS, the major faunal species found in the sanctuary are common leopard (Panthera

    pardus), barking deer (Muntiacus muntjak), black bear (Selenarctos thibetanus), goral (Naemorhedus

    goral), Himalayan monal (Lophophorus impejanus), jackal, fox, mongoose, Himalayan yellow throated

    marten (Martes flavigula), Himalayan palm civet (Pagoma larvata), flying squirrel (Petaurista petaurista),

    leopard cat (Prionailurus bengalensis), jungle cat (Felis chaus), monkey (Macaca mulatta), langoor (Presbytis entellus), monitor lizard (Varanus spp.) etc;

    AND WHEREAS, the area is recognised as an important bird area for presence of an endemic and

    vulnerable, Himalayan pheasant (Lophophorus impejanus), restricted to Himalayan region. Other

    significant avifaunal species includes chukor (Alectoris chukar), Koklash pheasant (Pucrasia macrolopha),

    Kalij pheasant (Lophura leucomelanos), grey partridge (Perdix perdix), black patridge, Himalayan griffon,

    Himalayan woodpecker etc.

    AND WHEREAS, the Shikari Devi Wildlife Sanctuary and its Eco-Sensitive Zone supports a

    number of medicinal plants including patish (Acontinum spp.), shingli mingli (Dioscorea deltoidea), Guchhi (Morchella esculanta), Banaksha (Viola spp), Salam-Panja (Orchis latifolia).

    AND WHEREAS, the Shikari Devi Wildlife Sanctuary and its Eco-Sensitive Zone act as a buffer

    zone for many rare and endangered species. The area acts as an upper catchment to Satluj and Beas River and the steep slopes are prone to soil erosion;

    AND WHEREAS, it is necessary to conserve and protect the area, the extent and boundaries of

    Shikari Devi Wildlife Sanctuary which are specified in paragraph 1 as Eco-Sensitive Zone from ecological,

    environmental and biodiversity point of view and to prohibit industries or class of industries and their operations and processes in the said Eco-Sensitive Zone;

  • [भाग II—खण् ड 3(ii)] भारत का राजपत्र : ऄसाधारण 19

    NOW, THEREFORE, in exercise of the powers conferred by sub-section (1) and clauses (v)

    and (xiv) of sub-section (2) and sub-section (3) of section 3 of the Environment (Protection) Act, 1986 (29

    of 1986) (hereafter in this notification referred to as the Environment Act), read with sub-rule (3) of rule 5

    of the Environment (Protection) Rules, 1986, the Central Government hereby notifies an area to an extent

    varying from 50 meters to 2 kilometres around the boundary of Shikari Devi Wildlife Sanctuary, in Mandi

    District in the State of Himachal Pradesh as the Shikari Devi Wildlife Sanctuary Eco-sensitive Zone

    (hereafter in this notification referred to as the Eco-sensitive Zone) details of which are as under, namely:

    1. Extent and boundaries of Eco-sensitive Zone. – (1) The Eco-sensitive Zone shall be of 19.2045 square

    kilometres area with an extent of 50 meters to 2 kilometres around the boundary of Shikari Devi Wildlife

    Sanctuary.

    (2) The boundary description of Shikari Devi Wildlife Sanctuary and its Eco-sensitive Zone is appended in Annexure-I.

    (3) The maps of the Shikari Devi Wildlife Sanctuary demarcating Eco-sensitive Zone along with boundary details and latitudes and longitudes are appended as Annexure-IIA, Annexure-IIB and

    Annexure-IIC.

    (4) Lists of geo co-ordinates of the boundary of Shikari Devi Wildlife Sanctuary and Eco-sensitive Zone are given in Table A and Table B of Annexure-III.

    (5) The list of villages falling in the Eco-sensitive Zone along with their geo co-ordinates at prominent points is appended as Annexure-IV.

    (6) The description of area proposed for Eco-Sensitive Zone is appended as Annexure-V.

    2. Zonal Master Plan for Eco-sensitive Zone.- (1) The State Government shall, for the purposes of the Eco-sensitive Zone prepare a Zonal Master Plan within a period of two years from the date of

    publication of this notification in the Official Gazette, in consultation with local people and adhering to

    the stipulations given in this notification for approval