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काले धन की समा से नपटने के नलए सरकार ारा नकए गए यास 1. काले धन से नपटने के नलए सरकार ारा नकए गए यास: दे श के अधिकार के बाहर भारतीय के पैसे के बारे कई धिसनीय जानकारी नही है। इसके बारे धिधभ अनुमान तथा िरणाए जधक सही नही सकती है। इसके अधतर,इन अनुमान की राधश के बारे महपूणअतर है। 2012 के बजट भाषण के दौरान, धि मी ने घषणा की धक िससद के ितणमान ,सदन के पटल पर,काले िपर एक ेत ुत करने का ाि करते ह। सरकार ने एक अयन की भी शुऱआत की है धजसम अऩ बात के साथ-साथ दे श के बाहर अघधषत आय तथा सपध का अनुमान भी सिधलत है। यह अयन तीन अलग-अलग सथाओ के ारा धकया जा रहा है नामतः ) रा सावजननक और नीनि संथान (एनआईपीएफपी); ) रा नीय बंधन संथान (एनआईएफएम); िथा ) नेशनल ौनगक आनथवक अनुसंधान पररषद (एनसीएईआर)दे श दे श के बाहर, दन ही थान पर, बेधहसाब आय तथा सपध अतधनणधहत जधटलताओ दे खते , अधतम ऱप धदए जाने अधिक समय लगने की सभािना है। सीबीडीटी तथा इन तीन सथान तथा ेक के साथ धदनाक 21.03.2011 समझौता ापन की तारीख से 18 महीने के भीतर अयन पूरा जाएगा। काले िके खतरे से धनपटने के धलए, सरकार ने एक एक पाचआयामी रणनीधत तैयार की है इस कार हैः (i) काले धन के खलाफ ैनिक मुनिम शानमल िना, (ii) एक उनिि नधायी ढांिा बनाना, (iii) अैध नधयों से नपटने के नलए संथानों की थापना, (iv) कायावयन के नलए था का नकास करना (नई जनशखि नीनि); िथा (v) भाी कायवािी के नलए जनशखि को कौशल दान करना (कौशल के नलए नरंिर नशण) उपर रणनीधत के अनुसार, सरकार ने धपछले धिीय िकई कदम उठाए , धजनके धििरण पर धनधलखत पैरााफ चचाण की गई है 1. काले धन के खलाफ ैनिक मुनिम शानमल िना: 1.1 काला िभू -राजनीधतक सीमाओ से सीधमत नही हता है। यह सीमाओ पार करता है तथा यह एक िधक समा बन चुका है। दुधनया भर के देश ने , काले िके खलाफ िधक यास के ऱप तथा ठस िधक यास ार भ कर धदए , भारत िधक मच के साथी समीा समूह के ारा धिधभ देश के मूाकन इसकी कधमय उजागर करने सधिय भूधमका अदा कर रहा है। सरकार, यह सुधनधित करने धक यह दे श अधिक पारदधशणता लाने के धलए कधमय दू र कर , भी एक सधिया भूधमका का धनिाणह कर रहा है। 1.2 भारत ने , धिीय िथा अधिक पारदधशणता तथा उरदाधय के धनिाणह के धलए धिीय अखडता तथा आधथणक धिकास पर एक कायण दल भी शाधमल गया है।

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काले धन की समस्या से ननपटने के नलए सरकार द्वारा नकए गए प्रयास

1. काले धन से ननपटने के नलए सरकार द्वारा नकए गए प्रयास: देश के अधिकार के्षत्र के बाहर

भारतीय ों के पैसे के बारे में क ई धिश्वसनीय जानकारी नही ों है। इसके बारे में धिधभन्न अनुमान तथा िारणाएों हैं

ज धक सही नही ों ह सकती है। इसके अधतररक्त,इन अनुमान ों की राधश के बारे में महत्वपूणण अोंतर है। 2012

के बजट भाषण के दौरान, धित्त मोंत्री ने घ षणा की धक िह सोंसद के ितणमान सत्र में,सदन के पटल पर,काले

िन पर एक शे्वत पत्र क प्रसु्तत करने का प्रस्ताि करते हैं। सरकार ने एक अध्ययन की भी शुरूआत की है

धजसमें अन्य बात ों के साथ-साथ देश के बाहर अघ धषत आय तथा सोंपधत्त का अनुमान भी सम्मिधलत है। यह

अध्ययन तीन अलग-अलग सोंस्थाओों के द्वारा धकया जा रहा है नामतः

क) राष्ट्र ीय सार्वजननक नर्त्त और नीनि संस्थान (एनआईपीएफपी);

ख) राष्ट्र ीय नर्त्तीय प्रबंधन संस्थान (एनआईएफएम); िथा

ग) नेशनल प्रद्यौनगक आनथवक अनुसंधान पररषद (एनसीएईआर)।

देश में देश के बाहर, द न ों ही स्थान ों पर, बेधहसाब आय तथा सोंपधत्त क अोंतधनणधहत जधटलताओों क

देखते हुए, इन्हें अोंधतम रूप धदए जाने में अधिक समय लगने की सोंभािना है। सीबीडीटी तथा इन तीन ों

सोंस्थान ों तथा प्रते्यक के साथ धदनाोंक 21.03.2011 क समझौता ज्ञापन की तारीख से 18 महीने के भीतर

अध्ययन पूरा ह जाएगा। काले िन के खतरे से धनपटने के धलए, सरकार ने एक एक पाोंचआयामी रणनीधत

तैयार की है ज इस प्रकार हैः

(i) काले धन के खखलाफ रै्निक मुनिम में शानमल िोना,

(ii) एक उनिि नर्धायी ढांिा बनाना,

(iii) अरै्ध नननधयो ंसे ननपटने के नलए संस्थानो ंकी स्थापना,

(iv) कायावन्वयन के नलए व्यर्स्था का नर्कास करना (नई जनशखि नीनि); िथा

(v) प्रभार्ी कायवर्ािी के नलए जनशखि को कौशल प्रदान करना (कौशल के नलए ननरंिर प्रनशक्षण)

उपर क्त रणनीधत के अनुसार, सरकार ने धपछले द धित्तीय िषों में कई कदम उठाए हैं, धजनके धििरण ों पर

धनम्नधलम्मखत पैराग्राफ में चचाण की गई है

1. काले धन के खखलाफ रै्निक मुनिम में शानमल िोना:

1.1 काला िन भू-राजनीधतक सीमाओों से सीधमत नही ों ह ता है। यह सीमाओों क पार करता है तथा यह एक

िैधश्वक समस्या बन चुका है। दुधनया भर के देश ों ने, काले िन के म्मखलाफ िैधश्वक प्रयास ों के रूप में तथा ठ स

िैधश्वक प्रयास प्रारोंभ कर धदए हैं, भारत िैधश्वक मोंच के साथी समीक्षा समूह ों के द्वारा धिधभन्न देश ों के मूल्ाोंकन

में इसकी कधमय ों क उजागर करने में सधिय भूधमका अदा कर रहा है। सरकार, यह सुधनधित करने में धक

यह देश अधिक पारदधशणता लाने के धलए कधमय ों क दूर करें , में भी एक सधिया भूधमका का धनिाणह कर रहा

है।

1.2 भारत ने, धित्तीय व्यिस्था में अधिक पारदधशणता तथा उत्तरदाधयत्व के धनिाणह के धलए धित्तीय अखोंडता

तथा आधथणक धिकास पर एक कायण दल में भी शाधमल ह गया है।

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1.3 भारत ने 25 जून, 2010 क धित्तीय कायण दल (एफएटीएफ) के 34 िें सदस्य के रूप में, इसमें शाधमल ह

गया।भारत के धलए एफएटीएफ की सदस्यता अहम है क् ोंधक यह भारत क आतोंकिाद के म्मखलाफ लड़ने

तथा आतोंकिादी धनधिय ों का पता लगाने आतोंकिादी धित्तीयन अपराि ों तथा िन श िन के मुकदम ों तथा जाोंच

पड़ताल क सफलतापूिणक करने में सहायक धसद्ध ह गा।

1.4 भारत ने काले िन के म्मखलाफ एधशया पैधसध़िक समूह (एपीजी) में शाधमल ह गया है। एधशया प्रशाोंत

गु्रप (एपीजी) का, 14 िाों िाधषणक सािारण सिेलन 18-22 जुलाई, 2011 क क म्मि में हुआ था। 41 न्यायालय ों

के 320 से अधिक प्रधतधनधि, पयणिेक्षक ों और धिधभन्न सोंगठन ों ने इस सािारण सभा में भाग धलया धजसका

उद्घाटन कें द्रीय धित्त मोंत्री ने धकया। भारत, एपीजी टाइप ल जी िधकिं ग गु्रप का सह-अध्यक्ष रहा है। तथा

एपीजी टाइप ल जी पररय जना में सधिया रूप से य गदान दे रहा है। भारत, ितणमान में, स्वणण और िन श िन

तथा इसके उत्पादन पररष्करण, धिपणन तथा गधतधिधिय ों से सोंबोंधित सोंयुक्त एफएटीएफ / एपीजी

टाइप लॉजी पररय जनाओों का सह अग्रणी सदस्य है। भारत ने, 2 धदसम्बर, 4 धदसम्बर, 2013 में द हा में सोंयुक्त

एफएटीएफ / एमएएनएएफएटीएफ धिशेषज्ञ सिेलन में 3 प्रसु्ततीकरण प्रसु्तत धकए थे। पररय जना के बे्रक-

आउट सत्र की अध्यक्षता भारत और ऑस्ट्र ेधलया ने की थी। धदनाोंक 19.04.2014 क अिर सधचि (राजस्व) की

अध्यक्षता में सभा में प्रितणन धनदेशालय द्वारा प्रधतधनधित्व धकया गया था जहाों धनदेशालय ने एपीजी से सोंबोंधित

मुद् ों पर, कुछ धबन्दुओों का सुझाि धदया गया था। इसके अधतररक्त, देश के धहत ों क अधिक प्रभािी तरीके से

सुरधक्षत रखने के धलए, एपीजी में भारत का प्रधतधनधित्व करने के धलए प्रयास धकए जा रहे हैं।

1.5 धदसोंबर, 2010 में भारत ने यूरेधशयन समूह (ईएजी) की सदस्यता प्राप्त कर ली। 17 िी ों ईएजी की पूणण

बैठक नई धदल्ली (भारत) में 6-9 निोंबर, 2012 क हुई थी धजसमें नौ ईएजी सदस्य देश ों के प्रमुख ों, एफएटीएफ

के प्रधतधनधिय ों, धिश्व बैंक इत्याधद ने भाग धलया था। इस कायणिम का प्रमुख्य उदे्श्य, सोंश धित एफएटीएफ

मानक ों के कायाणन्वयन तथा परस्पर मूल्ाोंकन ररप टण की समीक्षा पर चचाण करना था।

1.6 एफआईयूओ के बीच सहय ग क बढािा देने के धलए एग् ोंट समूह, के एक अोंतराणष्ट्र ीय सोंगठन के रूप

में स्वीकार करके, धित्तीय आसूचना ईकाई- भारत (एफआईयू-भारत) के साथ, भारत ने 20 मई, 2007 में

एग् ोंट समूह में सम्मिधलत ह गया। एग ोंट समूह एक अोंतरराष्ट्र ीय नेटिकण के रूप में, एफआईयू के बीच सोंचार

और सोंपकण बेहतर बनाने का कायण करता है। एग् ोंट समूह का उदे्श्य पूरे धिश्व में िन श िन, आतोंकिादी

धित्तीयन तथा अन्य धित्तीय अपराि ों के धिरूद्ध लड़ने के धलए अपनी सोंबोंधित सरकार ों के धलए समथणन जुटाने

के धलए एक मोंच प्रदान करना है। धित्तीय कायण दल (एफएटीएफ) के सिेलन की महत्वपूणण आिश्यकता के

अधतररक्त, एग् ोंट समूह की सदस्यता, एफआईयू भारत तथा इसके प्रधतरूपी एफआईयू द्वारा सूचना के

धिधनमय क सरल बनाएगी तथा बढािा देगी।

1.7 भारत जी 20 का एक सधिय सदस्य है तथा इसने मुद् ों की पहचान करने तथा शासकीय सूचनाओों का

मसौदा बनाने, द न ों ही कायों में एक महत्तिपूणण भूधमका अदा की है। जी-20 के धसओल धशखर सिेलन,

निम्बर 11-12, 2010, में “देश आगे कर सूचना धिधनमय समझौते में सम्मिधलत ह ोंगे, जहाों कही ों साथी देश ों

द्वारा इसकी आिश्यक ह गी” का िाक्ाोंश भारत के उदाहरण पर।

2. उपयुि नर्धायी ढांिे का ननमावण:

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उपयुणक्त रूपरेखा का धनमाणण शासकीय सूचना में सम्मिधलत धकया गया था। सरकार देश में काले िन की

उत्पधत्त क धनयोंधत्रत करने के साथ-साथ धिदेशी तट ों पर इस प्रकार के काले िन के पलायन क धनयोंधत्रत करने

के धनरोंतर प्रयास कर रही है।

2.1 2009 से, सरकार ने कर की सूचना के धिधनमय समझौत ों के धलए 46 िरीयता िाले देश ों के साथ सम्पकण

स्थाधपत धकया है। ितणमान में 9 सीमाओों, बाहमास, बरमूडा, धब्रधटश उत्पधत्त के द्वीप समूह, केमैन द्वीप समूह,

आइल ऑफ मैन, जसी, गे्वनणसे, लाइबीररया और मकाऊ के साथ यह प्रभािी ह गए हैं। इसके अधतररक्त, चार

देश ों, नामतः अजेंटीना, बहरीन, धजब्राल्टर और मकाऊ के साथ टीआईईएस पर हस्ताक्षर हुए हैं ज इन देश ों

के आोंतररक प्रधिया के पूरा ह ने के बाद प्रभािी ह । अनुलग्नक-I में आगे के नर्र्रण प्रसु्ति नकया गया िै।

2.2 भारत ने, 2009 तक, 78 देश ों के साथ द हरे करािान पररहार समझौते (डीटीएए) ने शाधमल ह गया है।

इसके पिात, 10 अन्य देश ों नामतः भूटान, क लोंधबया, एस्ट् धनया, यूथ धपया, जॉधजणया, मेम्मिक , म जाम्मम्बक,

धलथुआधनया, ताइिान तथा उरुगे्व के साथ नए डीटीएए पर हस्ताक्षर हुए हैं। धजनमें से 3 देश ों नामतः क लोंधबया,

इधथय धपया तथा उरुगे्व के साथ डीटीएए इन देश ों के आोंतररक प्रधियाओों के पूरा ह ने के पिात प्रभािी ह

जाएों गे। अनुलग्नक-II में आगे का नर्र्रण प्रसु्ति नकया गया िै।

2.3 भारत के बाहर कुछ देश या प्रदेश हैं ज धक भारत के साथ गैर-पररहायण सुिार ों के रूप में सूचना का

प्रभािी धिधनमय नही ों करते हैं। सरकार ने, इन असहय गी के्षत्र ों के धिरुद्ध उपाय ों के धलए एक योंग पेटी धनिाणररत

करने के धलए धििान का धनमाणण धकया इस उदे्श्य से, धित्त अधिधनयम, 2011 के माध्यम से, खोंड 94क

अतिेधशत धकया गया है। यह खण्ड, कें द्र सरकार कक देश के बाहर के बाहर के देश या के्षत्र क अधिसूधचत

करने, इसके भारत के साथ, सूचना के प्रभािी धिधनमय में क देखते हुए, एक अधिसूधचत करने की शम्मक्त

प्रदान करता है। धकसी देश या के्षत्र के एक गैर-सहय गी देश के रूप में अधिसूधचत ह जाने के पिात, इस

देश / के्षत्र के धनिाधसय ों के साथ सोंव्यिहार में उि सीमा तक र क, कुछ प्रधतबोंि ों का धिषय बन जाते हैं तथा

मूल् धनिाणरण धनयम ों के हस्ताोंतरण के अिीन ह ता है। साइप्रस इसी प्रकार कादेश है धजसे धदनाोंक 1 निम्बर,

2013 क अधिसूचना सों 86/2013 के द्वारा आयकर अधिधनयम की िारा 94क के तहत "अधिसूधचत

अधिकारके्षत्र" के रूप में अधिसूधचत कर धदया गया है।

2.4 सरकार ने काले िन का पता लगाने के धलए प्रत्यक्ष कर धििेयक सोंधहता में कुछ धिशेष उपाय ों क

प्रस्ताधित धकया है।

2.4.1 सोंपदा कर की उगाही के उदे्श्य से, कर य ग्य सोंपधत्त क धिदेशी कों पनी में रखे गए िरीय शेयर या

धकसी इम्मिटी तथा धिदेशी टर स्ट् या धकसी अन्य सोंस्था (धिदेशी कों पनी के अलािा) या धिदेशी टर स्ट् के धहत ों में,

अन्य ों के मामले में भारत के बाहर म्मस्थत बैंक ों में जमाओों क सम्मिधलत करने के धलए पररभाधषत धकया गया

है।

2.4.2 सामान्य गैर पररहार धनयमािली (जीएएआर) क इसधलए तैयार धकया गया है धक कर सोंबोंिी कानून ों से

बचने के धलए ज तरीके तैयार की जाती है। उनका सामना धकया जा सके।

2.4.3 धिधशष्ट् धनयोंधत्रत धिदेशी कों पनी (सीएफसी) धनयमािली क भी इसधलए तैयार धकया गया है धक कर

अधिकाररता िाले भू-के्षत्र ों में म्मस्थत कों पधनय ों में अधिक सोंख्या में शेयर ह म्मडोंग करके धनिाधसय ों द्वारा ज आय

अधजणत की जाती है और उप पर कर से बच जाते हैं, उस म्मस्थधत क धनयोंधत्रत धकया जा सके।

2.4.4 ररप धटिंग आिश्यकताओों क इसधलए प्रारोंभ धकया गया है ताधक धनिासी धनिाणररती की ओर से भारत के

बाहर धकसी भी सोंस्था के धलए उस रूप या तरीके से जैसा भी धनिाणररत धकया जाए, अपने धनिेश तथा धहत ों के

प्रसु्तत करना बाध्यकारी बनाया जा सके।

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2.5 िैधश्वक धित्तीय अखोंडता ररप टण के अनुसार, गलत मूल् ों के माध्यम से, ज धक कुल अिैि के 77.6% है,

धनधिय ों के हस्ताोंतरण का प्रमुख चैनल है। सरकार के मौजूदा हस्ताोंतरण मूल् प्राििान, धजन्हें िषण 2001 में

प्रारोंभ धकया गया है यह धिकधसत देश ों के हस्ताोंतरण मूल् प्राििान ों की तुलना में इतने धिसृ्तत प्राििान धिसृ्तत

प्राििान नही ों हैं। धिधभन्न जधटल साझा मूल् व्यिस्थाओों तथा अस्पष्ट् अथणव्यिस्थाओों की बढती चुनौधतय ों का

सामना करने के धलए, इन हस्ताोंतरण साझा मूल् व्यिस्थाओों क उन्नत करने की आिश्यकता महसूस की जा

रही है। धित्त मोंत्री के धदशा धनदेश ों के अनुसार, डीजीआईटी (अोंतराणष्ट्र ीय करािान) ने, हस्ताोंतरण मूल्

प्राििान ों के सोंश िन के मुदे् पर धिचार करने के धलए, एक सधमधत की स्थापना की है। सधमधत अपनी अोंतररम

ररप टण प्रसु्तत कर चुकी है ज धक धिचारािीन है।

2.6 िन श िन (सोंश िन) धनिारक अधिधनयम, 2012 (2013 की सोंख्या 2) क भारत के राष्ट्र पधत की सहमधत

3 जनिरी, 2013 क प्राप्त ह चुकी है। 15 फरिरी, 2013 से का.आ.343(अ) के माध्यम से, इस अधिधनयम

के प्राििान प्रभािी ह गए हैं। जहाों पर पररधशष्ट् में धनधदणष्ट् अपराि ों की सोंख्या में िृम्मद्ध हुई थी।

3. अरै्ध नननधयो ंके समाधान के नलए संस्थानो ंकी स्थापना:

3.1 सरकार ने कर अपिोंचन के उनू्मलन के धलए प्रभािी सूचना धिधनमय के धलए, सूचना धिधनमय धनकाय

(ईओआई) की स्थापना करने का धनणणय धलया सीबीडीटी के धिदेशी कर प्रभाग के तहत इस धनकाय क रखने

के प्रयास धकए जा रहे हैं।

3.2 सरकार ने, केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर ब डण में, आयकर धनदेशालय (अपराधिक जाोंच) के धनमाणण का अनुम दन

कर धदया है। धकसी भी प्रत्यक्ष कर कानून के तहत एक अपराि के रूप में, डीसीआई कायण करेगी।

3.3 सरकार ने धिदेश में द भारतीय आयकर समुद्रपारीय इकाईय ों की स्थापना की है। सूचना धिधनमय तोंत्र

क और अधिक मजबूत करने के धलए, मौजूदा धित्त िषण में, और आठ इकाईय ों की स्थापना की जा रही है।

धिदेश में भारत के नि धनधमणत आयकर समुद्रपारीय इकाइय ों में प्रथम सधचि आईएआरएस (आईटी) से

सोंबोंधित, सात अधिकाररय ों की धनयुम्मक्त के धलए, सोंसदीय सधमधत की धनयुम्मक्त का अनुमधत प्राप्त ह गई है।

धिदेश मोंत्रालय के साथ, इन अधिकाररय ों की स्थापना के धलए, धिदेश मोंत्रालय के साथ समाय जन धकया जा

रहा है।

3.4 प्रितणन धनदेशालय की पहुोंच क और बढाने के धलए, सरकार ने पाोंच मौजूदा ज नल प्राधिकाररय ों करके

के्षत्रीय अधिकारी तथा पाोंच मौजूदा उप-के्षत्रीय अधिकाररय ों क के्षत्रीय अधिकाररय ों के रूप में प्र न्नधत क

अनुमधत प्रदान कर दी है। सरकार ने पूरे देश में, प्रितणन धनदेशालय के 16 नए उप-के्षत्रीय कायाणलय तथा एक

नए ज नल अधिकारी के धनमाणण क भी मोंजूरी दे दी है।।

3.4.1 प्रितणन धनदेशालय में मौजूदा अधिकाररय ों का सुिार तथा इसके अधतररक्त, नये अधिकाररय ों की स्थापना

भी, अपर अऩुम धदत पद ों का भरे जाने की प्रधिया चल रही है। नए उप-के्षत्रीय कायाणलय देहरादून, रायपुर

तथा राोंची में अम्मस्तत्व में आए हैं।

3.4.2 प्रितणन धनदेशालय के सोंिगण शम्मक्त क बल प्रदान करने के उदे्श्य सरकार लगातार भती कर रही है।

धनदेशालय की कायणकारी शम्मक्त धदनाोंक 01.07.2011 क 574 थी तथा 28.03.2014 तक (पररधशष्ट्-

111 में धििरण) यह बढकर 694 ह गई है। इस प्रकार धनदेशालय में 120 अधिकाररय ों / स्ट्ाफ की कुल िृम्मद्ध

हुई है।

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3.4.3 धदनाोंक 27.0 9.2011 और 14.12.2012 क धिधभन्न के्षत्रीय / आोंचधलक / उप-के्षत्रीय अधिकाररय ों के

के्षत्रीय अधिकाररता के सोंबोंि में पररपत्र आदेश जारी धकए गए हैं।

4. कायावन्वयन के नलए व्यर्स्था का नर्कास:

4.1 सरकार ने धिदेशी कर धिभाग की सोंरक्षा द गुनी कर दी है और यह सूचना के धिधनमय के के्षत्र में कायण

करते हैं।

4.2 आयकर धिभाग में अोंतराणष्ट्र ीय करािान और हस्ताोंतरण मूल् धनदेशालय, देश के बाहर अोंतराणष्ट्र ीय

सोंव्यिहार ों में गलत मूल् के माध्यम से ह ने िाले काले िन के प्रिाह के रूप में, भी मजबूत हुआ है।

5. प्रभार्ी कारवर्ाई के नलए जनशखि के नलए कौशल प्रदान करना:

5.1 क्षमता धनमाणण और कौशल धिकास के भाग के रूप में, धित्त िषण 2010-11 में, अोंतरराष्ट्र ीय करािान तथा

हस्ताोंतरण मूल् के के्षत्र में धिशेष प्रधशक्षण के धलए, 51 िररष्ठ अधिकाररय ों क धिदेश भेजा गया था।

5.2 क् ोंधक अोंतराणष्ट्र ीय करािान तथा हस्ताोंतरण मूल् में कौशल में िृम्मद्ध के धलए अधिक समय तथा सोंसािन ों

की आिश्यकता ह ती है इसधलए एक प म्मस्ट्ोंग नीधत क मोंजूरी दी गई है धजसके अनुसार, अधिकाररय ों क

कम से कम पाोंच िषण के धलए धनदेशालय में धनयुक्त धकया जा सकता है।

5.3 सदस्य (जाोंच), सीबीडीटी की अध्यक्षता में, भारतीय राजस्व सेिा के 8 अधिकाररय ों का एक प्रधतधनधिमोंडल

सोंयुक्त राज्य अमेररका आईआरएस-सीआई तथा अन्य प्रितणन एजेंधसय ों के साथ चचाण करने के धलए सोंयुक्त

राज्य अमेररका की यात्रा की धजसका उदे्श्य धियात्मक िरातल तथा सोंरचनात्मक स्तर पर, आपराधिक जाोंच

पररपे्रक्ष्य से कानून प्रितणन की कई बारीधकय ों से जाोंचकताणओों क अिगत कराना था। इस चचाण से आयकर

धिभाग, प्रत्यक्ष कर कानून के के्षत्र में महत्वपूणण मुद् ों पर व्यापक प्रदशणन प्राप्त करने में सक्षम ह गा धजससे

अन्य बात ों क समािेधशत करते हुए धनम्नधलम्मखत बाते ह ोंगी:

(i) कानूनी रूपरेखा धजसके तहत आईआरएस-आईसी कायण करते हैं आधथणक अपराि ों में धनधहत अपराधिय ों

के अधभय जन के सोंबोंि में ज राष्ट्र ीय सुरक्षा के म्मखलाफ या धिििोंसक है, में कानून ों की प्रभाि त्पादकता;

(ii) आईआरएस-आईसी के साथ एफबीआई, राजक ष धिभाग तथा अन्य प्रासोंधगक सोंगठन ों /धिभाग ों के

परस्पर सम्पकण ; तथा

(iii) आईआरएस-आईसी के साथ कानून प्रितणन अधभकरण ों (एलए) के साथ सोंबोंि।

6. धनिाणररती “का पता नही ों लगाया जा सकता” तथा "क ई पररसोंपधत्त नही ों / िसूली के धलए अपयाणप्त सोंपधत्त"

िगों के तहत िगीकृत आयकर माोंग पर जाोंच के धलए धिशेष परामशों के धलए, कें द्रीय प्रत्यक्ष कर ब डण

(सीबीडीटी) ने एक सधमधत का गठन धकया है।

सधमधत के धनयम और शतें इस प्रकार हैं: -

(i) एफआईयू-भारत तथा आयकर धनदेशालय (पद्धधत) के साथ उपलब्ध सूचना के प्रय ग के धलए इन

तौर-तरीक के बारे में परामशण देना

(ii) बाहरी एजेंधसय ों क उनक पररसोंपधत्तय ों के धठकान ों का पता न लगाए गए स्थान ों की सोंभाव्यताओों

तथा बकाया माोंग ों बनाम अपयाणप्त सोंपधत्त के साथ मूल्ाोंकन द्वारा 6 अज्ञात / अघ धषत पररसोंपधत्तय ों

की जाोंच करना

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(iii) इन कर चूककताणओों के बारे में सूचना देने िाले गुप्तचर ों के धलए एक इनाम प्रधिया की शुरूआत

करना

(iv) के्षत्रीय सोंगठन ों द्वारा बाहरी एजेंधसय ों के धलए इस प्रकार की आउटस धसिंग के धलए, इनके प्रशासन

के धनिाणरण के धलए धनयामक य जनाओों के प्रस्ताधित करना।

(v) पुराने कर चूककताणओों के नाम ों क सािणजधनक ड मेन में रखने की व्यिहायणता ि कायणप्रणाली की

जाोंच करना।

सधमधत अपने सोंधििान के द महीने के भीतर अपनी ररप टण प्रसु्तत करेगी।

7. शीषण न्यायालय के धदशा-धनदेश ों के अनुसार, धिधभन्न प्रितणन एजेंधसय ों के द्वारा, हसन अली

जैसे महत्वपूणण मामल ों में, अोंतधिणभागीय जाोंच में समन्वय के धलए राजस्व सधचि की अध्यक्षता का गठन धकया

गया है। अभी तक, हसन अली और एलजीटी बैंक खात ों िाले व्यम्मक्तय ों के मामल ों पर कानून प्रितणन एजेंधसय ों

द्वारा जाोंच / अधभय जन के समन्वय के धलए सधमधत के द्वारा चचाण कर ली गई है। उि स्तरीय सधमधत के

सिेलन के दौरान हसन अली तथा एलजीटी बैंक के म्मखलाफ मामल ों के सोंबोंि में जानकारी और एलजीटी

बैंक में खाते िाले व्यम्मक्तय ों के मामल ों की सूचना अन्य कानून प्रितणन एजेंधसय ों के साथ, चचाण की जा रही है।

7.1 माननीय "भारतीय सिोि न्यायालय ने, राम जेठमलानी तथा अन्य बनाम भारत सरकार [ररट

याधचका (धसधिल) सोंख्या 2009 का 176) में धदनाोंक 04.07.2011 क एक आदेश पाररत धकया है। इस

तत्कालीन मामले में, माननीय "उितम न्यायालय ने, हसन अली समूह से सोंबोंधित मामले के साथ-साथ भारत

में सोंचाधलत ह ने िाली अन्य सोंस्थाओों या भारतीय ों द्वारा धिदेशी बैंक ों में बेधहसाब िन से सोंबोंधित मामल ों, चाहे

इनमें उपयुणक्त अपराधित या धसधिल कारणिाई का प्रश्न धनधहत ह , के धलए जाोंच के कतणव्य ों तथा उत्तरदाधयत्व ों,

अधभय जन तथा कायों के प्रारोंभ करने की शम्मक्त प्रदान करते हुए एक धिशेष जाोंच दल (एसआईटी) के गठन

का आदेश धदया। माननीय उितम न्यायालय ने आदेश के पैराग्राफ सों. 49, धदनाोंक 4 जुलाई, 2011 ररट

याधचका (सी) सों. 2009 का 176 के तहत धनदेश धदया धक भारत सरकार द्वारा तत्काल प्रभाि से धिशेष जाोंच

दल के रूप में एक उत्त स्तरीय सधमधत का गठन धकया जाएगा तथा इस प्रकार गधठत जाोंच दल में धनदेशक,

अनुसोंिान तथा धिशे्लषण धिोंग शाधमल ह ोंगें। माननीय सिोि न्यायालय द्वारा यह भी धनदेश धदया गया है धक

इनके द्वारा इस सधमधत की अध्यक्षता की जाएगी तथा इसमें सिोि न्यायालय के धनम्नधलम्मखत प्रमुख न्यायािीश

सम्मिधलत ह ोंगे:

(i) अध्यक्ष के रूप में माननीय न्यायमूधतण बी.पी. जीिन रेड्डी; तथा

(ii) उपाध्यक्ष के रूप में माननीय न्यायमूधतण एम.बी. शाह

सरकार ने माननीय सिोि न्यायालय में धदनाोंक 04.07.2011 के आदेश में सोंश िन के धलए,

तथा एसआईटी के गठन तथा तदनुसार इसके सोंबोंि में आदेश एिों एसआईटी के गठन से सोंबोंधित पैराग्राफ

49 और 50 में धदए गए धदशा धनदेश ों क अलग रखने के धलए आिेदन धकया है। माननीय सिोि न्यायालय

के समक्ष, भारत सरकार द्वारा धदए गए आिेदन क बनाए रखने के धलए तकण प्रसु्तत धकए गए थे। ररट याधचका

सोंख्या डबु्ल्य पी (सी) 176/2009 (राम जेठमलानी तथा अन्य बनाम भारत सरकार तथा अन्य) के मुख्य आदेश

में, धदनाोंक 23.09.2011 क , भारत सरकार के ररकाल आिेदन के रखरखाि के आदेश क स्पष्ट् कर धदया

गया है। माननीय न्यायिीश एस. एस. धनज्जर की खडपीठ ने सात अलग धनणणय ों की उद्घ षणा की तथा इस

प्रकार मामले क भारत के माननीय मुख्य न्यायािीश क मामले की सुनिाई के धलए, एक बृहत्तर पीठ के

धनमाणण के धलए, सौोंप धदया।

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8. भारतीय नागररक ों के धिदेश ों में रखे गए अिैि िन के बारे में जानकारी प्राप्त करने के प्रयास

धकए गए हैं। सरकार इस सोंबोंि में सभी प्रासोंधगक सुझाि ों का अनुसरण कर रही है। जमणनी से, एलजीटी बैंक ों

में भारतीय बैंक खाते के बारे में सूचना पहले की एकधत्रत की जा चुकी है। अन्य देश ों के साथ इसी तरह के

मुद् ों का भी अनुसरण धकया जा रहा है। इसके अधतररक्त, प्रमुख मामल ों में जहाों सूचना की आिश्यकता है,

धिधभन्न देश ों के साथ सूचना प्राप्त करने के धलए धनिेदन धकया जा रहा है। आयकर अधिधनयम, 1961 में धिधभन्न

सोंश िन ों के माध्यम से उपाय ों का एक िम क पीढी और बेधहसाब िन का उपय ग करने के धलए भी प्रस्ताधित

धकया गया था, धजसमें,

(i) धिदेश में रखी पररसोंपधत्त के मामल ों में अधनिायण ररप धटिंग आिश्यकता क प्रारोंभ करना।

(ii) धिदेश ों में रखी पररसोंपधत्तय ों के सोंबोंि में 16 िषों तक मूल्ाोंकन क पुनः प्रारोंभ करना।

(iii) 2 लाख रु. से अधिक आभूषण या बुधलयन की नकदी में खरीद पर स्र त पर कर सोंग्रह।

(iv) एक धनधदणष्ट् सीमा से अधिक (कृधष भूधम के अलािा) के हस्ताोंतरण पर स्र त पर कर कटौती।

(v) क यला, धलग्नाइट और लौह अयस्क में व्यापार पर स्र त पर कर सोंग्रहण।

(vi) उधचत बाजार मूल् की पहुोंच में कर साझा प्रीधमयम के साथ- साथ शेयरह डर ों से प्राप्त धनधिय ों

के धलए ध्यानपूिणक रखी गई कों पधनय ों पर प्रमाण के दाधयत्व क बढाना।

(vii) आय के सै्लब के 30 प्रधतशत के उि स्तर पर अस्पष्ट् िन, िेधडट्स, धनिेश, व्यय आधद का

करािान।

9. धपछले द धित्तीय िषों में सरकार द्वारा धकए गए अन्य प्रयास ों तथा पाोंच आयामी रणनीधतय ों

के कारण, हमने देश से बाहर रखे गए अिैि िन तथा देश के बाहर अिैि िन के हस्ताोंतरण पर र क, द न ों

ही के्षत्र ों में पयाणप्त सफलता हाधसल की है, ज इस प्रकार है: -

9.1 धपछले 24 महीन ों में आयकर धिभाग ने, एलजीटी बैंक खात ों के अधतररक्त, भारतीय नागररक ों

द्वारा धिधभन्न देश ों में प्राप्त भुगतान ों के धििरण िाले सोंधि िाले देश ों से सूचना के 7704 धभन्न-धभन्न धिषय प्राप्त

धकए हैं। यह सूचना धिधभन्न चरण ों में पररष्करण एिों जाोंच के चरण में है।

9.2 एलजीटी बैंक में खाते रखने के मामले में, सीबीडीटी द्वारा दायर की गई अधभय जन

धशकायत ों के फलस्वरूप, प्रितणन धनदेशालय ने भी आिश्यक कदम उठाए हैं। इन मामल ों में जाोंच धदल्ली,

क लकाता, मुोंबई और चेन्नई में की जा रही है।

9.2.1 सीबीडीटी द्वारा, धनदेशालय क भेजे गए 17 मामल ों में से, अधिकतर मामल ों में

सोंबोंधित व्यम्मक्तय ों के बयान ों क दजण धकया गया है। इन सभी ने उक्त खात ों के बारे में स्वयों से सोंबोंि से इोंकार

धकया है। इसके पिात धनदेशालय ने आयकर धिभाग से सूचना / प्रपत्र मोंगाए हैं इन्हें प्रसु्तत करने में आयकर

धिभाग ने यह कहकर असमथणता जताई है धक प्रत्यक्ष करािान पद्धधत के अधतररक्त अन्य धकसी उदे्श्य के

धलए सीबीडीटी द्वारा सूचनाओों क साझा करने की अनुमधत इन देश ों के साथ सोंधिय ों में कुछ धिशेष खोंड ों क

ध्यान में रखकर नही ों दी जा सकती है। प्रितणन धनदेशालय द्वारा सोंबोंधित न्यायालय ों से सूचना जहाों आयकर

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धिभाग द्वारा अधभय जन धशकायत ों क दजण कराया गया है सूचना / प्रपत्र प्राप्त करने के धलए प्रयास धकए जा

हैं परों तु न्यायालय में उपलब्ध केिल सीधमत प्रपत्र ही अभी तक प्राप्त धकए जा सके हैं।

9.2.2 उपर क्त 17 एलजीटी बैंक खात ों में से, फेमा, 1 999 के तहत एक कारण बताओ

न धटस जारी धकया गया है धजसमें 2.26 कर ड़ रु. तक के उल्लोंघन के मामले आते हैं। 02 मामल ों में, सोंबोंधित

व्यम्मक्तय ों ने दािा धकया है धक िह धपछले कुछ साल ों से एनआरआई / धिदेशी नागररक रहे हैं। इन मामल ों में

जाोंच अभी भी जारी है।

9.3 सरकार ने, धपछले धित्तीय िषण में, धिशेष करदाताओों के मामले में, अपने सोंधि साझेदार ों से 175 से

अधिक अनुर ि धकए हैं।

9.4 सरकार का मुख्य ध्यान गैर-मूल् धनिाणरण पर है ज धक देश के बाहर अिैि िन के हस्ताोंतरण का

मुख्य और नया तरीका है। धपछले पाोंच िषों में 14,655 कर ड़ रुपये के गलत मूल् धनिाणरण के व्यापार की

जाोंच की तुलना में, धपछले 2 धित्तीय िषों में 33,784 कर ड़ रुपए के गलत मूल् धनिाणरण का पता लगाया गया

है।

9.5 सीमा पार सोंव्यिहार तथा व्यापार सौद ों पर धिशेष ध्यान के पररणामस्वरूप, धपछले धित्तीय िषण में

22,697 कर ड़ रुपये के कर सोंग्रहण हुआ है। टैि हैिन देश के साथ सीमा पार समझौते िाले ि डाफ न से

मामले में सीबीडीटी ने 11,218 कर ड़ रुपये की माोंग प्रसु्तत की है धजसमें से 2500 कर ड़ रुपये की िसूली

ह गई है।

9.6 सरकार ने, बेधहसाब आय का पता लगाने के धलए, कें धद्रत ख ज ों का भी आय जन धकया है (अनुलग्नक

-4 में नर्र्रण)

9.6.1 आयकर धिभाग ने, इसकी सोंपधत्तय ों के आिार पर, सोंभाधित आयकर िाले उन व्यम्मक्तय ों की

पहचान कर ली है धजन्ह ोंने पैन ह ने के बािजूद भी आयकर धििरणी नही ों भरी है। उन 1,05,000 व्यम्मक्तय ों

क पत्र भेजे जा चुके हैं धजन्ह ोंने उि मान के धित्तीय सोंव्यिहार धकए हैं लेधकन धनिाणरण िषण 2010-11 तथा

2011-12 की अपनी आयकर धििरणी दाम्मखल नही ों की है।

9.6.2 महाराष्ट्र के िैट / धििय कर धिभाग से सोंग्रधहत सूचना के आिार पर, आयकर धिभाग ने

ध्यान धदया धक व्यापक पैमाने पर करदाताओों ने खरीद/ खचों के धलए कुछ हिाला धििेताओों से फजी / गैर-

िास्तधिक धबल प्राप्त धकए हैं और इनका प्रय ग अपनी कर य ग्य आय क धछपाने के धलए धकया है। मुोंबई में

लगभग 150 तता पूणे में 39 मामल ों में, हाल ही के महीन ों में आयकर धिभाग द्वारा कराई गई जाोंच तथा आगे

इस प्रकार के िमशः लगभग 6,500 कर ड़ तथा 722 कर ड़ के जाली धबल ों का और पता चला है। इसके

अधतररक्त, कानून के अनुसार, इन मामल ों में आिश्यक कारणिाई की जा रही है।

9.7 जमणन कर कायाणलय से प्राप्त सूचना के आिार पर, 18 व्यम्मक्तय ों के मामले में कर धनिाणरण पूरा धकया

गया है। 17 मामल ों में है (1 व्यम्मक्त मृतक है) कर अपिोंचन के धलए अधभय जन शुरू धकया गया है। सीबीआई

तथा प्रितणन धनदेशालय क आगे की जाोंच के धलए सूचना प्रदान की गई है।

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9.8 हसन अली खान के मामले में, आयकर धिभाग से जानकारी धमलने पर फेमा / पीएमएलए के तहत

जाोंच शुरू ह गई है। धिधभन्न धिदेशी अधिकाररता िाले देश ों धजनमें म्मस्वटजरलैंड, धसोंगापुर, सोंयुक्त अरब

अमीरात, धब्रटेन, अमेररका, हाोंगकाोंग और लिमबगण शाधमल हैं, क एलआरएस तथा पूरक एलआरएस भेज

धदए गए हैं। इन में से कुछ देश ों से आोंधशक उत्तर प्राप्त हुए हैं। अभी तक की गई जाोंच के आिार पर, हसन

अली खान तथा अन्य क फेमा, 1999 के कई प्राििान ों के उल्लोंघन के धलए कारण बताओ न धटस जारी कर

धदए गए हैं।

तथाधपत न्यायधनणणयन प्रधिया के कारण बताओ न धटस के सोंबोंि में, माननीय सिोि न्यायालय की ररट

याधचका (ग) सों.2009 का 176 के दौरान, धदए गए आश्वासन के दृधष्ट्क ण से स्थधगत रखा गया है।

9.9 धनदेशालय ने धदनाोंक 07.03.2011 क श्री हसन अली खान, काशीनाथ तधपररया, धफली आनोंदराज

के धिधभन्न पररसर में तलाशी भी करिाई है। श्री हसन अली खान, काशीनाथ तधपररया क धदनाोंक 07.03.2011

क पीएमएलए के तहत धगरफ्तार धकया गया था तथा माननीय सिोि न्यायायल के हस्तके्षप से उनक प्रारोंब

में प्रितणन धनदेशालय की धहरासत में हिालात भेज धदया गया। बाद में उन्हें न्याधयक धहरासत में भेज धदया

गया।

9.10 धदनाोंक 16.08.2011 क , उितम न्यायालय ने उि न्यायालय के श्री हसन अली खान क जमानत

प्रदान करने िाले आदेश क जारी रखा तथा बाद में धदनाोंक 30.09.2011 क आदेश के तहत जमानत क

रद् कर धदया गया। बाद की सारी जमानत याधचकाओों क भी रद् कर धदया गया है। इस मामले की एक

जमानत याधचका माननीय मुोंबई उि न्यायलय में धिचारािीन है। इसके अधतररक्त भारत सरकार के

महान्यायिादी के स्थान पर भधिष्य की सुनिाई के धलए अधतररक्त सॉधलधसटर जनरल उपम्मस्थत रहेंगे। श्री

काशीनाथ तापुररया ने माननीय उि न्यायालय में धचधकत्सा आिार पर एक आिेदन धकया था धजसे माननीय

उि न्यायालय ने, द न ों पक्ष ों की सुनिाई के पिात धदनाोंक 25.10.2013 क धदए आदेश के तहत मुक्तः

अपनी बीमारी के आिार पर, श्री काशीनाथ तम्मिररया क सौोंप धदया था। प्रितणन धनदेशालय ने श्रीमती रीमा

हसन अली खान पत्नी श्री हसन अली खान के म्मखलाफ धदनाोंक 09 जून, 2011 क , धिशेष जज (पीएमएलए),

मुोंबई के समक्ष, आईपीसी, 1860 की िारा 174 के साथ पधठत, पीएमएलए, 2002 की िारा के तहत,

अनुपम्मस्थधत के धलए, ईसीआईआर / 02 / एमजेओ / 2007 में, मामला सों. 2 में, पीएमएलए दाम्मखल की थी।

धदनाोंक 25.10.2013 क उि न्यायालय ने अपराधिक डबु्ल्यपी सों. 23/2012 के तहत आदेश धदया था धक

उक्त धशकायतकताण क प्रितणन धनदेशालय क , उपयुणक्त न्यायालय के समक्ष प्रसु्तत ह ने के धलए, िाधपस भेज

धदया जाए। तदनुसार, माननीय धिशेष न्यायािीश (पीएमएलए), मुोंबई धदनाोंक 16.08.2012 के पीएमएलए

धिशेष मामला सों. 2/2011 क प्रितणन धनदेशालय क िापस भेजने के धलए खुश थे। उि न्यायालय के आदेश

के अनुपालन में, उक्त धशकायत, मुख्य महानगर मधजस्ट्र ेट, एसप्लानेड, मुम्बई के समक्ष धदनाोंक 27.06.2013

के समक्ष प्रसु्तत की गई थी। ररट याधचका में, आईए सों.8 (नागररक) सों. 2009 के 176 के काले िन के सोंबोंि

में माननीय सिोि न्यायालय ने धदनाोंक 26.03.2014 क इसे खाररज कर धदया गाय। आईए सों. 9 में उक्त

ररट याधचका धदनाोंक22.04.2014 क सुनिाई के धलए प्रसु्तत ह गी।

9.11 इस मामले में द अनोंधतम अनुलग्नक आदेश (पीएओ) 30.06.2011 पीएमएलए के तहत जारी धकए

गए हैं:

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(i) श्री हसन अली खान तथा श्रीमती रीमा अली खान की चल और अचल सोंपधत्त, धजसकी कीमत

16.30 कर ड़ है, के बारे में;

(ii) श्री काशीनाथ तापुररया, श्री धिजय कुमार मुोंद्रा और मैससण आर.एम. इने्वस्ट्मेंट तथा टर ेधडोंग कों

प्राइिेट धल. क अचल सोंपधत्त धजसकी कीमत 27 कर ड़ रु. है, के बारे में;

(iii) उपर क्त द न ों उम्मल्लम्मखत अनोंधतम अनुलग्नक आदेश ों की पुधष्ट् न्याय धनणणयन प्राधिकरण ने

कर दी थी। श्री हसन अली खान / श्रीमती रीना अली खान की सम्पधत्त क , पीएमएलए के

तहत उि न्यायालय में चुनौती दी गई थी। उि न्यायालय ने सोंपधत्त से उनके धनष्कासन के

म्मखलाफ धदनाोंक 09.02.2012 क एक आदेश पाररत धकया। उनकी सोंपधत्त पर धदनाोंक

14.02.2012 क कानूनी कब्जा कर धलया गया। इस मामले में उनकी अपील क मुोंबई उि

न्यायालय ने प्राधिकरण से सोंपकण स्थाधपत करने का आदेश देते हुए खाररज कर धदया। तब

से आदेख के म्मखलाफ, अोंतररम आदेश अभी भी जारी है।

(iv) पीएमएलए, 2002 के तहत िन श िन के अपराि के धलए अधभय जन धशकायत धदनाोंक

06.05.2011 क मुोंबई में प्राधिकृत न्यायालय में श्री हसन अली खान और काशीनाथ तपुररया

के म्मखलाफ दायर की गई थी।

हालाोंधक माननीय न्यायालय ने सोंज्ञान धलया है परों तु सुनिाई शुरू ह नी अभी बाधक है।मुोंबई,

हैदराबाद, पुणे और पटना में, श्री हसन अली खान के म्मखलाफ ि खेबाजी से पासप टण प्राप्त करने के धलए,

एफआईआर दजण की गई है। यद्यधप, मुोंबई पुधलस पहले ही धदनाोंक 18.01.2012 क इसे मामले में चाजण शीट

दाम्मखल कर चुकी है लेधकन अन्य स्थान ों पर फौजदारी जाोंच अभी भी चल रही है। इसके अधतररक्त हैदराबाद

के धनजाम/ सलारजोंग मु्यधजयम से सोंबोंधित कीमती िसु्तएों / आभूषण/ प्राचीन सामान की च री के धलए धदनाोंक

01.05.2011 की एफआईआर, आोंध्र प्रदेश पुधलस द्वारा दजण की गई है।

10. माननीय धित्त मोंत्री द्वारा, 2012 की बजट भाषण की घ षणा में धपछले िषों के दौरान काले

िन के प्रसार तथा पीढी की रूग्णता से धनपटने के धलए तथा देश के बाहर इसके हस्ताोंतरण के बारे में रेखाोंधकत

पाोंच आयामी रणनीधत क लागू करने के धलए उठाए गए सधिय कदम ों के पररणाम, सोंधि िाले देश ों की साथ

कर सूचना के धनष्ठापूिणक धिधनमय की कायणधिधि सम्मिधलत थी। भारत कर मामल ों में पारस्पररक प्रशासधनक

सहायता पर बहुपाधक्षक कन्वेंशन तथा सीबीडीटी में आपराधिक जाोंच धनदेशालय की स्थापना का 33िाों सदस्य

बन गया है।

10.1 धित्त मोंत्री ने, काले िन पर सदन के सभा पटल पर एक शे्वत पत्र प्रसु्तत धकया है।

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संलग्नक-I

कम कर अधिकाररता धबना कर के, कर सूचना धिधनमय समझौता (टीआईईए) के

हस्ताक्षर तथा िाताण हमने 2009 के दौरान 22 प्राथधमकता िाले देश ों तथा 25 नए देश ों/

अधिकाररता/ 2012 के दौरान टीआईईए में प्रिेश धकया धजनका धििरण इस प्रकार है:

2009 के दौरान देश के साथ संपकव नकया गया (22 नंबर): अजेंटीना, बहरीन,

बरमूडा, बहामास, धब्रधटश िधजणन आइलैंड्स, केमन द्वीप, काोंग , क स्ट्ा ररका, धजब्राल्टर,

गनणसी, आइल ऑफ मैन, जसी, लाइबेररया, धलकटेंस्ट्ीन, मकाऊ, मालदीि, माशणल द्वीप,

म नाक , नीदरलैंड एों धटल्स, पनामा, सेंट धकट्स एों ड नेधिस, सेशेल्स।

2012 के दौरान नजन देशो ंके साथ र्ािाव की (25 नंबर): एों ड रा, एों गुइला, एों टीगुआ

और बारबुडा, अरूबा, बारबाड स, बेलीज, बु्रनेई दारुस्सलाम, कुक आइलैंड्स, कुराकाओ,

ड धमधनका, ड धमधनकन गणतोंत्र, ़ैिर आइलैंड्स, ग्रीनलैंड, गे्रनेडा, ह ोंडुरास, जमैका,

म ोंटेसेराट, पेरू, सेंट लूधसया, सेंट धिोंसेंट और द गे्रनाडाइन्स, साम आ, सैन मैररन , धसोंट माटेन,

तुकण एों ड कैक स और िानुअतु।

इन देश ों के साथ िाताण की ितणमान म्मस्थधत इस प्रकार है:

बाििीि पूणव (20 नंबर): अजेंटीना, बहामास, बहरीन, बेलीज, बरमूडा, धब्रधटश िधजणन

द्वीप समूह, केमैन द्वीप, काोंग , क स्ट्ा ररका, धजब्राल्टर, गे्वनणसे, आइल ऑफ मैन, जसी,

लाइबेररया, मकाऊ, माशणल द्वीप, म नाक , सैंट धकट्स एों ड नेधिस, सैन मैररन और धसोंट

माधटणन। टीआईईए हस्ताक्षर (14 नोंबर): अजेंटीना, बहामास, बहरीन, बरमूडा, धब्रधटश िधजणन

आइलैंड्स, केमैन द्वीप, धजब्राल्टर, गे्वनणसे, आइल ऑफ मैन, जसी, लाइबेररया, मकाऊ,

म नाक और धलकटेंस्ट्ीन।

बल में प्ररे्श (14 नंबर): अजेंटीना, बहामास, बहरीन, बरमूडा, धब्रधटश िधजणन द्वीप

समूह, केमैन आइलैंड्स, धजब्राल्टर, गे्वनणसे, आइल ऑफ मैन, जसी, लेचस्ट्ीन, लाइबेररया,

मकाऊ, और म नाक ।

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अनुबंध- II

डीटीएए देशो ंके साथ सूिना के नर्ननमय से संबंनधि धाराओ ंके के्षत्र को व्यापक करना:

सोंलग्नक-II 2009 से कुल 78 डीटीएए प्रभािी थे। धजन 78 देश ों में से 3 देश ों नामतः आइसलैंड, म्याोंमार

और ताधजधकस्तान पहले ही बैंधकों ग सूचना के आदान प्रदान के धलए प्राििान कर रहे थे। तथाधप, धिषय क

मुद् ों क 75 देश ों ने स्वीकार कर धलया था इन 75 के अधतररक्त, 20 देश ों के साथ, नए डीटीएए की िाताण 2009

में पूरी ह चुकी है। इन देश ों की सूची धनम्नानुसार है:

नजन देशो ंके साथ डीटीएए 2009 में लागू हुए थे (75 नंबर): अमेधनया, ऑस्ट्र ेधलया, आम्मस्ट्र या, बाोंग्लादेश,

बेलारूस, बेम्मियम, ब त्सिाना, ब्राजील, बुल्गाररया, कनाडा, चीन, साइप्रस, चेक गणतोंत्र, डेनमाकण , धमस्र,

धफनलैंड, फ्ाोंस, जमणनी, ग्रीस, होंगरी, इोंड नेधशया, आयरलैंड, इजराइल, इटली, जापान, जॉडणन, कजकस्तान,

केन्या, क ररया, कुिैत, धकधगणज गणराज्य, लीधबया, लिमबगण, मलेधशया, माल्टा, मॉरीशस, मोंग धलया,

म ोंटेनेग्र , म रक्क , नामीधबया, नेपाल, नीदरलैंड, नू्यजीलैंड, नॉिे, ओमान, धफलीपी ोंस, प लैंड, पुतणगाली

गणराज्य, कतर, र माधनया, रूस, सऊदी अरब, सधबणया, धसोंगापुर, स्ल िेधनया, दधक्षण अफ्ीका, से्पन, श्रीलोंका,

सूडान, स्वीडन, म्मस्वस पररसोंघ, सीररया, तोंजाधनया, थाईलैंड, धत्रधनडाड और ट बैग , तुकी, तुकण मेधनस्तान,

सोंयुक्त अरब अमीरात, युगाोंडा, धब्रटेन, यूिेन, अमेररका, उजबेधकस्तान, धियतनाम और जाम्मम्बया। धजन देश ों

के साथ नए डीटीएए के धलए बातचीत पूरी ह चुकी है (20 सोंख्या): अल्बाधनया, भूटान, धचली, ि एधशया,

क लोंधबया, एस्ट् धनया, इधथय धपया, धफजी, जॉधजणया, हाोंगकाोंग, ईरान, लाटधिया, धलथुआधनया, मैसेड धनया,

मेम्मिक , म जाम्मम्बक, सेनेगल, ताइिान, उरुगे्व और िेनेजुएला। इन देश ों के साथ िाताण की ितणमान म्मस्थधत

धनम्नानुसार है:

पुराने डीटीएए के संशोधन:

र्ािाव पूणव (31 नंबर): अमेधनया, ऑस्ट्र ेधलया, बाोंग्लादेश, बेलारूस, ब्राजील, डेनमाकण , धफनलैंड, फ्ाोंस,

इोंड नेधशया, केन्या, लिमबगण, मलेधशया, माल्टा, म रक्क , नेपाल, नीदरलैंड, नॉिे, प लैंड, र माधनया,

धसोंगापुर, दधक्षण अफ्ीका, से्पन, श्रीलोंका, स्वीडन, म्मस्वटजरलैंड, तोंजाधनया, थाईलैंड, सोंयुक्त अरब अमीरात,

धब्रटेन, उजबेधकस्तान और जाम्मम्बया।

कैनबनेट की स्वीकृनि प्राप्त (28 नंबर): अमेधनया, ऑस्ट्र ेधलया, बाोंग्लादेश, बेलारूस, डेनमाकण , धफनलैंड,

फ्ाोंस, इोंड नेधशया, लिमबगण, मैसेड धनया, मलेधशया, माल्टा, म रक्क , नेपाल, नीदरलैंड, नॉिे, प लैंड,

र माधनया, धसोंगापुर, से्पन, श्रीलोंका, स्वीडन, म्मस्वटजरलैंड, तोंजाधनया, थाईलैंड, सोंयुक्त अरब अमीरात, यू.के.

और उजे्बधकस्तान।

डीटीएए िस्ताक्षर (25 नंबर): ऑस्ट्र ेधलया, बाोंग्लादेश, ब्राजील, डेनमाकण , धफनलैंड, इोंड नेधशया, लक्जजमबगण,

मलेधशया, माल्टा, म रक्क , नेपाल, नीदरलैंड, नॉिे, प लैंड, र माधनया, धसोंगापुर, दधक्षण अफ्ीका, से्पन,

श्रीलोंका, स्वीडन, म्मस्वट्जरलैंड, तोंजाधनया, सोंयुक्त अरब अमीरात, यू.के., उज़्बेधकस्तान।

डीटीएएएस बल में प्ररे्श (11 नंबर): बाोंग्लादेश, धफनलैंड, लिमबगण, मलेधशया, नेपाल, नीदरलैंड, नॉिे,

धसोंगापुर, म्मस्वट्जरलैंड, तोंजाधनया और यूएए।

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नया डीटीएए:

डीटीएए िस्ताक्षररि (14 नंबर): अल्बाधनया, भूटान, क लम्मम्बया, ि एधशया, एस्ट् धनया, इधथय धपया,

जॉधजणया, लाटधिया, मैसेड धनया, मेम्मिक , म जाम्मम्बक, धलथुआधनया, ताइिान और उरुगे्व। डीटीएए बल (10

सोंख्या) में प्रिेश धकया: अल्बाधनया, एस्ट् धनया, इधथय धपया, जॉधजणया, लाटधिया, धलथुआधनया, मेम्मिक ,

म जाम्मम्बक, ताइिान और उरुगे्व।

िल रिे र्ािाव (18 नंबर): ऑम्मस्ट्र या, कू्बा, साइप्रस, चेक गणराज्य, धमस्र, जमणनी, क ररया, कुिैत, मॉरीशस,

नू्यजीलैंड, ओमान, पुतणगाल, कतर, सऊदी अरब, सधबणया, स्ल िाक, गणतोंत्र, स्ल िेधनया और तुकी।

धिचारािीन िाताण (8 नोंबर): बेम्मियम, चीन, आयरलैंड, इटली, जॉडणन, कजाखस्तान, सीररया और

तुकण मेधनस्तान। धजन देश ों ने अन्य लेख ों या पूणण डीटीएए (6 नोंबर) की सोंश िन की माोंग की है: बुल्गाररया,

कनाडा, जापान, मोंग धलया, रूस और यूएसए।

प्रनिनिया की प्रिीक्षा की गई (12 नंबर): ब त्सिाना, ग्रीस, होंगरी, धकधगणज गणराज्य, लीधबया, म ोंटेनेग्र ,

धफलीपी ोंस, सूडान, धत्रधनदाद और ट बैग , युगाोंडा, यूिेन और धियतनाम।

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अनुबंध – III

सोंगठन की पद सोंख्या में बढ त्तरी (पदिार जुलाई, 2011 से) धनम्नानुसार है:-

पद का नाम िैनाि कमाविाररयो ंकी

संख्या 01.07.2011 के

अनुसार

िैनाि कमविाररयो ंकी

संख्या 28.03.2014 के

अनुसार

धिशेष प्रितणन धनदेशक 03 05

अधतररक्त प्रितणन धनदेशक 01 02

अधतररक्त धनदेशक

(अधभय जन) 00 01

उप कानूनी सलाहकार 01 01

सहायक कानूनी सलाहकार 07 08

सोंयुक्त धनदेशक 12 14

उप धनदेशक 17 17

सहायक धनदेशक 27 78

सहायक धनदेशक

(राजभाषा) 01 01

प्रितणन अधिकारी 92 116

सहायक प्रितणन अधिकारी 75 149

मोंत्रालयी 163 158

िररष्ठ धहोंदी टर ाोंसलेटर 05 05

समूह-ग (अन्य) 158 129

धसस्ट्म धिशे्लषक /

िैज्ञाधनक तकनीक

सहायक।

12 10

कुल 574 694

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अनुलग्नक-IV

सरे् के आंकडें

नर्त्तीय र्षव संिानलि सर्ें की संख्या पिा लगाई गई अघोनषि आय

(करोड रू. में) 2009-10 4680 4857.1

2010-11 3911 5894.44

2011-12 3706 6572.75

2012-13 [ धदसम्बर तक

2012]

2603 8254.41

* अनंनिम आंकडें

िलाशी और जब्ती आंकडें

नर्त्तीय र्षव अनधकारो ं

की संख्या

जब्त संपनत्त की कीमि ( करोड रू. में) स्वीकार की

गई

अघोनषि

आय

नकद आभूषण अन्य संपनत्त कुल

2009-10 3454 300.97 132.2 530.33 963.5 8101.35

2010-11 4852 440.28 184.15 150.55 774.98 10,649.16

2011-12 5260 499.9 271.39 134.3 905.6 14017

2012-13

[ धदसोंबर,

2012 तक]

2814 276.23 134.34 42.96 453.53 6798.93

* अनंनिम आंकडें

अनभयोजन आंकडें

र्षव दायर

नशकायिें

नननणवि

मामले

कंपाउंनडड

मामले

दोष नसखि

मामले

सफल

मामले

ननपटान दर

2009-10 312 599 291 32 323 53.9

2010-11 244 356 83 51 134 37.6

2011-12 197 593 397 14 411 69.3

कुल 753 1548 771 97 868 56.1