C.B.S.E Board का : 10 हदी B समय : 3 घटे प ू ाक : 80 निदेश : 1. इस ि-प के चार खड - क, ख, ग, और घ। 2. चार खड के ि के उतर देिा अनिवायय ै। 3. यथासभव येक खड के उतर मश: दीजिए। खड क .1. नििलिखित गदयिश को यिप ू वक पढ़कर प ू छे गए ि के उतर लिखिए : (2×4)(1×1)= 9 एक चोर ककसी मिदिर कय घिटय च ु रयकर िे गय थय। ि म जयते ह ु ए उसकय सयमिय बयघ से हो गय और चोर बयघ के दयरय मयरय गय। उसी ि म ह घिटय बिर के हयथ म पड़ गय। ि बह ु त घिय थय। बिर झयड़ड़ के अिर रहते थे। जब उिकी मौज होती, े घिटय बजयते। घिटे की आयज स ु िकर समीप के िगर म ह अफयह फै ि गी के जिगि म भ ू त रहतय है और उसकय ियम घिटयकरण है। उसके कयि घिटे के समयि ह , जब ह दहितय है , तो कयि से घिटे की आयज आती है। इस अफयह से िोग ऐसे भभीत ह ु ए कक जिगि की ओर भ ू िकर भी कोई ि जयतय थय। सब जिगि से ि ू र-ि ू र ही रहते थे। जिगि से िकड़हयरे िकड़िया ि ियते थे , चरयहे जिगि म पश ु ओि को चरयिे ि िे जयते थे। ककसी म इतिय हौसिय ि थय कक जिगि म जयिे कय ि कर पयतय। इस कयर सयरे कय सयरय जिगि ककसी भी कयम म ि आकर कपपत घिटयकरण भ ू त की रयजधयिी बि गय। अब तो रयजय को भी बड़ी चचितय ह ु ई। उसिे सयि और जयि ू गर को इकठय ककय और कहय कक भयई इस भ ू त को जिगि से निकयिो, रिय सयरय जिगि और हजयर रपे की सयियिय आमििी बेकयर हयथ से जय रही है।