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बायत का प्रागैततहासिक कार

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बायत का प्रागैततहासिक कार अध्ममन िाभग्री

बायतीम प्रागगततहाि

प्रायॊभबक भानव के जीवाश्भ बायत भें नह ॊ ऩाए गए हैं। बायत भें जल्द से जल्द भानव उऩस्थथतत का एक सॊकेत जभायाभिमों से प्राप्त रगबग 250,000 ईसा ऩूवव के ऩत्थय के औजायों से सॊकेत भभरता है।

हाराॊकक, भहायाष्ट्र के फोय से हार ह भें फताई गई कराकृततमाॊ बायत भें 1.4 भभभरमन सार ऩहरे के भानवों की उऩस्थथतत का सुझाव देती हैं।

अऩनी ऩहर उऩस्थथतत से रगबग 3000 ईसा ऩूवव भें भनुष्ट्मों ने ववभबन्न उदे्दश्मों के भरए केवर ऩत्थय के औजायों का उऩमोग ककमा था।

इस अवधध को, ऩाषाण मुग के रूऩ भें जाना जाता है, स्जस ेववबास्जत ककमा गमा है

1. ऩुयाऩाषाण कार (Paleolithic Era)

2. भध्मऩाषाण कार (Mesolithic Era)

3. नवऩाषाण कार (Neolithic Era)

4. ताम्र ऩाषाण मुग (Chalcolithic Era)

बायत भें ऩुयाऩाषाण मुग (500,000 ईिा ऩूवव - 8000 ईिा ऩूवव):

बायत भें मह स्प्रथटोसीन कार मा हहभमुग भें ववकभसत हुआ। बायत भें भानव अस्थतत्व के िुरुआती तनिान 500,000 ईिा ऩूवव थे। याऩाषाण थथर भसॊध ुऔय गॊगा के जरोढ़ भैदानों को छोड़कय व्मावहारयक रूऩ से बायत के सबी हहथसों भें पैरे

हुए हैं इस मुग के रोग बोजन इकट्ठा कयने वारे रोग थे जो भिकाय ऩय यहत ेथे औय जॊगर परों औय सस्जजमों को

इकट्ठा कयत ेथे। इस अवधध के दौयान भनुष्ट्म ने बफना खयुदये ऩत्थयों के उऩकयणों का इथतभेार ककमा औय गुपा औय यॉक िले्टयों

भें यहा। उन्हें ककसी बी साभग्री के कृवष , आग मा भभट्टी के फतवनों का ऻान नह ॊ था। वे भुख्म रूऩ से हाथ की कुल्हाड़िमों, क्रीविव, चॉऩिव, ब्रेड, स्क्रेऩिव औय फरयन का इथतभेार कयत ेथे। उनके उऩकयण हाडव यॉक से फने थे स्जन्हें 'क्वाटवजाइट' कहा जाता था। इिसरए ऩैसरमोसरगथक ऩुरुषों को 'क्वार्वजाइर् भेन' बी कहा जाता है।

होभो िेपऩमन्ि ऩहरी फाय इि चयण के अतंतभ भें ददखाई ददए। मह फतामा गमा है कक ऩैभरमोभरधथक ऩुरुष नेधग्रटो जातत के थे।

बायत भें ऩुयाऩाषाण मुग को रोगों द्वाया उऩमोग ककए जाने वारे ऩत्थय के औजायों की प्रकृतत के अनुसाय औय जरवामु भें ऩरयवतवन की प्रकृतत के अनुसाय तीन चयणों भें ववबास्जत ककमा गमा है - प्रायंसबक मा तनम्न ऩुयाऩाषाण, भध्म ऩुयाऩाषाण कार औय ऊऩयी ऩैसरमोसरगथक।

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प्रायंसबक ऩुयाऩाषाण चयण भें हहभ मुग का फड़ा हहथसा िाभभर है। इसके ववभिष्ट्ट उऩकयण हाथ की कुल्हाडड़मों , क्र वसव औय चॉऩसव हैं। ऐसे उऩकयण सोहन औय सोहन नद घाट (अफ ऩाककथतान भें ) औय मूऩी के भभजावऩुय स्जरे भें फेरन घाट भें ऩाए गए हैं। इस अवधध भें जरवामु कभ आर्द्व हो गई।

भध्म ऩैसरमोसरगथक चयण भें गुच्छे से फने ऩत्थय के औजायों के उऩमोग की वविषेता है जो भुख्म रूऩ से थरैऩसव, फोयसव औय जरेड जैसे उऩकयण हैं। मह थथर सोहन, नभवदा औय तुॊगबर्द्ा नहदमों की घाहटमों भें ऩाए जात ेहैं।

ऊऩयी ऩैसरमोसरगथक चयण भें, जरवामु गभव औय कभ आर्द्व हो गई। इस चयण को फरयन द्वाया धचस्ननत ककमा गमा है औय थरेऩसव। इस तयह के उऩकयण आॊध्र प्रदेि, कनावटक, भहायाष्ट्र, बोऩार औय छोटा नागऩुय ऩठाय भें ऩाए गए हैं।

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भध्मऩाषाण कार (Mesolithic Era) का इततहाि (8000 ईिा ऩूवव - 6000 ईिा ऩूवव):

इस मुग भें, जरवाम ुगभव औय िुष्ट्क हो गई। जरवाम ुऩरयवतवन न ेजीव-जॊतओुॊ औय वनथऩततमों भें फदराव राए औय इॊसानों के भरए नए ऺेत्रों भें जाना सॊबव फनामा। तफ स,े जरवाम ुभें फड़ ेफदराव नह ॊ हुए हैं।

भेसोभरधथक मुग के चारयबत्रक औजायों को सभरोसरथ्ि-ऩॉइंर्, रेस्क्कॉतनक ब्रेड, स्क्रेऩिव, इत्माहद के रूऩ भें जाना जाता है, जो सबी ऩत्थय से फन ेहैं।

रोग सिकाय, भछरी ऩक़िन ेऔय बोजन जुर्ान ेऩय यहत ेथे; फाद के चयण भें उन्होंन ेजानवयों को ऩारतू फनामा। इि मुग के अतंतभ चयण भें ऩौधों की खेती की िुरुआत देखी गई। ववभबन्न भेसोभरधथक थथर छोर्ानागऩुय क्षेत्र, भध्म बायत औय कृष्णा नदी के दक्षक्षण भें ऩाए जात ेहैं। वव ॊध्म की फेरन घाट भें, भेसोभरधथक औय उसके फाद तनमोभरधथक द्वाया ऩारेओभरधथक के सबी तीन चयणों को

रभ से ऩामा गमा है। नभवदा घाट के भध्म बाग के साथ बी ऐसा ह है।

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नवऩाषाण कार का इततहाि (6000 ईिा ऩूवव - 1000 ईिा ऩूवव):

बायत भें नवऩाषाण मुग 6000 ईसा ऩूवव से ऩहरे नह ॊ है औय दक्षऺण औय ऩूवी बायत भें कुछ थथानों ऩय मह 1000 ईसा ऩूवव के रूऩ भें देय स ेहोता है।

इस चयण के दौयान रोग कपय से ऩत्थय के औजाय ऩय तनबवय थे। रेककन अफ उन्होंने उऩकयण फनान ेके भरए क्वार्वजाइर् के अरावा अन्म ऩत्थयों का उऩमोग ककमा जो अगधक घातक थे, अगधक िभाप्त औय अगधक ऩॉसरि ककए गए थे।

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नवऩाषाण कार के रोगों न ेबूसभ ऩय खेती की औय पर औय भक्का उगामे जैि ेयागी औय घो़ि ेचने। उन्होंन ेगाम, बे़ि औय फकयी को ऩारतू फनामा।

व ेआग फनान ेऔय भभट्टी के फतवन फनान ेके फाये भें जानते थे, ऩहरे हाथ ि ेऔय कपय कुम्हाय के चाक िे। उन्होंन ेअऩने सभट्टी के फतवनों को गचत्रत्रत औय िजामा बी था।

व ेगुपाओ ंभें यहत ेथे औय सिकाय औय नतृ्म दृश्मों के िाथ अऩनी दीवायों को िजात ेथे। व ेनाव फनान ेकी करा

बी जानते थे। व ेकऩ़िा फनान ेके सरए कऩाि औय ऊन बी फुन िकत ेथे। नवऩाषाण कार के फाद के चयण भें रोगों न ेअधधक व्मवस्थथत जीवन व्मतीत ककमा औय भभट्टी औय ईख से फने

गोराकाय औय आमताकाय घयों भें यहन ेरगे।

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इस मुग की भहत्वऩूणव साइटें जम्भू-कश्भीय भें फुजवहोभ औय गुपरार हैं (गड्ढे भें यहन ेके सरए प्रसिद्ध, ऩत्थय के औजाय औय कत्रिस्क्तान घय), कनावर्क भें भास्क्की, िह्भगगरय, रे्ककरकोर्ा, तसभरनाडु भें ऩय्मभऩट्टी, आंध्र प्रदेि भें पऩकसरहर औय हारुय, भेघारम भें गायो दहल्ि, त्रफहाय भें गचयांद औय िेनुवाय (उल्रेखनीम अस्स्क्थ उऩकयण के सरए जाना जाता है), अभयी, कोर्दीजी, आहद। मूऩी के कोस्ल्डहवा भें तीन गुना साॊथकृततक अनुरभ नवऩाषाण, चारकोभरधथक औय रौह मुग का ऩता चरा।

चारकोसरगथक कार

नवऩाषाण कार के अतं भें धातओु ंका उऩमोग देखा गमा था स्जिभें तांफा िफि ेऩहरे इस्क्तभेार ककमा गमा था। ऩत्थय औय ताॊफे के उऩमोग के आधाय ऩय धगद्ध उस अवधध के दौयान ऩहुॊच।े ऐसी सॊथकृतत को चारकोभरधथक कहा जाता है स्जसका अथव है ऩत्थय-ताॊफा चयण।

ऩत्थय के औजायों के अरावा, हाथ की कुल्हाड़िमों औय तांफे ि ेफने अन्म वस्क्तओुं का बी उऩमोग ककमा जाता है।

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चारकोभरधथक रोगों न ेववभबन्न प्रकाय के भभट्टी के फतवनों का उऩमोग ककमा स्जनभें स ेकारे औय रार भभट्टी के फतवन सफस ेरोकवप्रम थे। मह ऩदहमा फनामा गमा था औय िपेद राइन डडजाइन के िाथ गचत्रत्रत ककमा गमा था।

मे रोग जर हुई ईंटों स ेऩरयधचत नह ॊ थे। व ेआभ तौय ऩय पूस के घयों भें यहत ेथे। मह एक गाॉव की अथवव्मवथथा थी। उन्होंन ेदेवी भाॉ की ऩूजा की औय फैर की ऩूजा की।

इि चयण के भहत्वऩूणव स्क्थर याजस्क्थान, भहायाष्र, ऩस्श्चभ फंगार, त्रफहाय, भप्र आदद भें पैरे हुए हैं।

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